Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:46 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मुझे अच्छी तरह से पता था कि एक बार अगर लंड को गान्ड से हटा लिया तो फिर ये गान्ड कभी नही मिलेगी तो बिना उसकी परवाह किए पूरे लंड को अंदर कर के ही दम लिया मेरे अंडकोष उसके चुतडो से टकरा गये थे सोनू दर्द से रोते हुए बोली बड़ी जलन हो रही है अभिईीईईईईईईईईईईईई अभिईीईईई बाहर करो मैं बोला बस भाभी बस दो मिनट की ही बात है सब ठीक हो जाएगा


और उसके गालो को चूमने लगा पर उसको बड़ी तकलीफ़ हो रही थी पर ये बस थोड़ी देर की ही तो बात थी मैं शांति से उसके उपर पड़ा रहा काफ़ी देर वो सूबकिया ले ले कर रोती रही फिर जब लगा कि कुछ शांत हुई है तो मैने लंड को बाहर की ओर खीचा तो फिर से वो दर्द मे भर गयी मैने कहा भाभी जब इतना दर्द सहा है तो बस थोड़ा सह लो और



और फिर से लंड को गान्ड मे धकेल दिया सोनू दर्द से रोती हुई बोली आज आज मारले आज के बाद मेरी गान्ड को तो तू भूल ही जाना मैने कहा भाभी अगली बार तुम खुद आओगी अपनी गान्ड को मरवाने और फिर मैने दो तीन तेज धक्के मारे तो सोनू बोली आज तो जान ही निकालेगा क्या मेरी देख नही रहा कितनी तकलीफ़ मे हूँ मैं और तू रुक नही सकता क्या



मैने कहा मैं तो रुक जाउ पर ये लंड कम्बख़्त सोता ही नही है ये तो अपनी मर्ज़ी करता है इसे तो बस छेद चाहिए घुसने को और जब छेद आप जैसी गरम औरत का हो तो फिर कहने ही क्या बताओ कैसे कंट्रोल हो मैं सोनू को बातों मे लगाते हुए उसकी गान्ड मे लंड को अंदर बाहर करने लगा था सोनू की गान्ड वास्तव मे बहुत ही शानदार थी




अब उस गान्ड की तारीफ मे मे क्या लिखू जिसमे पहली बार बस मेरा ही लंड गया हो उसकी गान्ड की सील तोड़कर मुझे एक अन्द्रुनि खुशी हो रही थी मैं अब हौले हौले अपने लंड को घर्षण करने लगा था जब लंड को बाहर करता तो गान्ड का छल्ला भी खिच जाता उसकी गान्ड को लंड को बुरी तरह से कसा हुआ था लंड का दम घुट रहा था पर वो भी पक्का शूर वीर था



अब मैं तो बुरी तरह से गरम था तो मैं बस लग गया पूरी ताक़त सी उसकी गान्ड चोदने को सोनू दर्द सी आह आह कर रही थी पर अब मैं उसकी नही सुन ने वाला था तो मैं बस धक्के पर धक्के लगाने लगा और धड़ धड़ करते हुए लंड उसकी गान्ड को चिरने लगा सोनू तो बस मेरे झड़ने का ही इंतज़ार कर रही थी और उसकी गान्ड ने इतना दबाव डाल रखा था लंड पर कि बस मेरा पानी अब निकला अब निकला



सोनू बोली कितनी देर लगाओगे मैं मरी जा रही हू जल्दी से मेरा पीछा छोड़ो ना मैं तेज तेज धक्के लगाते हुए बोला भाभी बस होने ही वाला है तुम बस 5 मिनट रूको मे बस झड ही रहा हूँ और फिर मैने अपने लंड को बाहर की ओर खीचा और भाभी की गोरे गोरी चुतडो को अपने वीर्य से नहला दिया और फिर तक कर साइड मे गिर गया

सुबा फिर चाइ नाश्ता कर के ही उसके घर से आया मैं, अपने घर आया तो किसी ने ना पूछा कि रात कहा था ना मैने कुछ ज़रूरत महसूस कि किसी से बात करने को सीधा अपने कमरे मे गया और सो गया दोपहर बाद मिता के फोन की रिंग से नींद टूटी तो आँख मल्ता हुआ मैं उठा और उबासी लेते हुए बात करने लगा तो पता चला कि उसने उसकी मम्मी से बात की थी



और उसकी माँ मुझसे मिलना चाहती है तो बताओ कब मैने कहा कल मैं मामा के घर जा रहा हूँ दो चार दिन के लिए आने के बाद मिलते है तो वो बोली अब तुम बहाने बना रहे हो पता है कितनी मुश्किल हुई मुझे मम्मी को ये सब बताने मे पर आख़िर मैने बोल ही दिया और अब तुम मामा के यहाँ तो बाद मे भी जा सकते हो मैने कहा यार मेरा घर वालो से झगड़ा हो गया है



तो अभी मेरा दिल भी नही कर रहा इधर रहने को तू रहने दे तेरे घर पे बोल अभी आ जाता हूँ बॅग उठा कर तो वो बोली ठीक है पर मामा के यहाँ से जल्दी ही आ जाना क्योंकि फिर मुझे भी जाना है अजमेर वापिस मैने कहा हाँ ठीक है वैसे भी अब मेरी छुट्टियाँ अजमेर ही कटेंगी तो वो बोली मैं नही रहने दूँगी तुम्हे अपने साथ और हँसने लगी फिर दो चार बातों के बाद मैने फोन रख दिया और बाहर आया



भूख लग आई थी तो खाना प्लेट मे डाला ही था कि तभी मम्मी भी बाहर से आ गयी और फिर से वो ही सब बाते शुरू हो गयी तो फिर हलक से नीवाला नीचे ना उतरा मैने प्लेट टेबल पर रख दी और बोला मम्मी आप टुकड़ो मे ना सूनाओ एक बार ही निकाल लो ना पूरी भडास तो वो बोली बस मैं एक बात ही चाहती हू कि अगर कोई मेरी बहू बने तो सिर्फ़ उर्वशी ही बने
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10-07-2019, 12:46 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा आप ज़रा भी समझने की कोशिश नही कर रहे हो अभी तो मुझे मिथ्लेश के घरवालो से भी बात करनी है उनको भी मना ना है जब मेरी खुद की माँ ही नही मान रही है तो फिर उन लोगो की क्या उम्मीद लगाऊ मैं आप तो कम से कम मेरा साथ दो और वैसे भी मैं आपको बता चुका हू कि उर्वशी के साथ मैं नही रह पाउन्गा सुख से क्योंकि मोहब्बत तो बस मैं मिथ्लेश से ही करता हू



मम्मी बोली , हाई देखो कितना निर्लज़्ज़ हो गया है माँ के आगे ही कैसे बेशार्मो की तरह जवाब दे रहा है, पता नही क्या जादू कर दिया है उस लड़की ने तुझ पर मैने चाची से कहा क़ि आप ही कुछ समझाओ मम्मी को तो वो बोली मैं कुछ नही बोल सकती बेटे तुम्हारी मम्मी का स्वाभाव तो जानते ही हो और फिर अगर मैं कुछ बोलूँगी तो दो बाते मुझे भी सुना देंगी




हम ठहरे फोजी आदमी फोज मे थे तो अफ़सरो की गालियाँ खाओ , दो घड़ी घर आए तो घरवालो के अलग नखरे बस हम तो पैसा कमाने वाली मशीन बनकर ही रह गये साला सीने मे धड़कते मासूम दिल की धड़कन किसी को भी ना सुनाई दे जाउ तो कहाँ जाउ मैने कहा मम्मी आप से हाथ जोड़कर मैं अपनी खुशी माँगता हू और फिर घर के सभी लोग खुश है मिता से तो आप भी बेटे के सर पर हाथ रख दो



तो वो बोली यही बात बेटे पर भी लागू होती है मैने कहा माँ तू मेरी जान माँग ले फिर बात ही ख़तम हो जाएगी जानती है उधर ड्यूटी पर 24 घंटे जान हथेली पर होती है ना जाने कॉन सी गोली मोत से मुलाकात का संदेशा ले आए और जब घर आओ तो इधर आप लोग ऐसा बर्ताव कर ते है मम्मी बोली मुझे तेरी कोई सफाई ना सुन नी मैने कहा तो ठीक है मैं जा रहा हू वापिस



मुझे भी उस मनहूस दिन कुछ ज़्यादा ही गुस्सा चढ़ गया था मैने अपना बॅग पॅक किया और नीचे आ गया मैने कहा मम्मी मैं जा रहा हू तो वो बोली जा कही भी जा जब तू मेरी मानता ही नही है तो फिर मैं क्यो रोकू , मैने बाइक स्टार्ट की तो उन्होने कहा मोटरसाइकल इधर ही छोड़ कर जा ये मेरे पति के पैसो की है खरीद लेना अपनी नयी अपनी कमाई से



ये सुनकर मेरी आँखो से आँसू छलक आए मैने रोते हुए कहा क्या क्या वापिस माँगो गी मम्मी ये सब कुछ तुम्हारी ही तो देन है , मेरा जीवन मेरी हर एक सांस मैने बाइक बंद की और चाबी को टेबल पर रख दिया और आँसू पोंछते हुए बोला ठीक है माँ अब इस घर से दाना पानी उठ गया मेरा और फिर बॅग लेकर मैं बाहर की ओर चल पड़ा तो पीछे से मम्मी ताना मारते हुवे बोली जा रहा है ना तो सुन फिर मूड के मेरे घर ना आइयो



बस फिर ऐसा निकला उस घर से , साथ थे तो बस आँखो से निकलते कुछ आँसू गली मे मूड ही रहा था कि अनिता भाभी की आवाज़ से कदम ठिठक गये भाभी मेरे पास आई और बोली पागल क्यो हो रहे हो चलो वापिस चलो तो मेरी रुलाई फुट पड़ी मैं उनके गले लग कर फुट फुट कर रोने लगा फिर मैं अलग हुआ और अपने हाथ जोड़कर भाभी से बोला , भाभी को भूल चूक हुवी हो तो माफ़ करना



अब मैं तो परदेसी हो चला घर बेगाना हो गया मेरे लिए भाभी रोते हुवे मुझे रोकती रही पर अब कहाँ रुकना था दिल तो कर रहा था कि काश कोई मेरे पैरो मे बेड़िया बाँध दे पर जो तकदीर खेल खिलाए वो ही खेलना पड़ता है हम कठ पुतलियो को तो बस फिर मैने एक पल को भी मूड के ना देखा बस स्टॅंड आया और सीधा देल्ही की बस पकड़ ली



सारा सफ़र बस आँखो आँखो मे ही कट गया लगा की जैसे किसी ने शरीर से प्राण ही खीच लिए हो पर फोज मे बस यही सीखा था कि एमोशन्स को काबू मे रखो रोना नही चाहे हालत कुछ भी हो तो अगले दिन मैं पहुच गया र&ऑ मे बॉस को रिपोर्ट किया तो वो बोले इतनी जल्दी क्यो आ गये अभी तो कई दिन बाकी थे हॉलिडेज़ के मैने कहा सर बस उधर दिल ही नही लगा तो आ गया



वो बोले ठीक है वैसे मुझे भी तुमसे कुछ डिसकस करना है मैने कहा जी सर वो बोले कि देखो तुम्हे तो पता ही है कि हम लोग किस तरह से वर्क करते है और तुम तो अंबुस के स्पेशलिस्ट हो तो एक मिशन है जिसमे तुम्हारे जैसे जाँबाज़ ऑफीसर की सख़्त ज़रूरत है अगर तुम हम कहो तो फाइल तुम्हारा इंतज़ार कर रही है मैने कहा जैसा आप ठीक समझे सर ………

तो वो बोले कि ठीक है तुम एक दो दिन आराम करो फिर तुम्हे बता ता हू मैने कहा ठीक है सर और वापिस अपनी डेस्क पर आकर काम करने लगा कुछ ही देर मे मुझे मिशन से संबंधित रिपोर्ट मिल गयी तो मैं उसे ही रीड करने लगा तो ये था एक एजेंट के रूप मे मेरा पहला मिशन मुझे प्रयाग जाना था हमारा एक एजेंट वहाँ पर लापता था कुछ टाइम से काफ़ी तलाश किया गया था पर उसका कोई सुराग नही था और मैं नया रेक्रूट था तो खोज बीन के लिए एक दम उपयुक्त था
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10-07-2019, 12:46 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मुझे कुछ और डेटा चाहिए था तो मैं साइबर सेल चला गया तो वहाँ मैं हमारे आनलिस्ट से जानकारी लेने लगा तो उसने कहा सर डेटा बेस हॅक होने मे थोड़ा टाइम लग रहा है मैने कहा कोई बात नही मैं वेट करता हू तो फिर उसने मुझे जानकारी दे ही दी मैं अपनी डेस्क पर कॉफी की चुस्किया लेते हुवे पूरे डेटा को अच्छे से रीड कर रहा था



तभी मेरे दिमाग़ की घंटी बजी मैं वापिस भागा साइबर सेल की ओर और जाकर उसी आनलिस्ट जिसका नाम समीर था , पकड़ा मैने कहा समीर तू किसी भी डेटा बेस को हॅक कर सकता है ना तो वो बोला जी सर तो मैने कहा यार मेरा एक पर्सनल काम है कर देगा वो बोला अरे सर आप तो बस हुकुम करिए आप का काम यू हो जाएगा मैने कहा यार एसबीआइ बॅंक के एंप्लायीस का सर्विस डेटा बेस हॅक कर देना



मुझे किसी की आइडेंटी सर्च करनी है तो वो बोला सर आप बैठो अभी कर देता हू तो मैने उसे निशा का नाम बताया अब बस नाम ही था मेरे पास तो खैर, उसने बताया कि सर एसबीआइ मे टोटल 9874 निशा नाम से वर्कर्स है बताओ आप वाली कॉन सी है मैने कहा तू एक काम कर सबका प्रिंट निकाल मैं अपने वाली को पहचान लूँगा तो वो बोला सर प्रिंटिंग मे थोड़ा सा टाइम लगेगा आप जाइए मैं आपकी डेस्क पर डेटा भिजवा दूँगा प्रिंट होते ही



मैने कहा यार थोड़ा सा जल्दी करना और फिर मैं आ गया पर आते ही बॉस ने बुलवा लिया और बोला कि परसो की फ्लाइट है तुम्हारी टिकेट कल सुबह तुम्हारी डेस्क पर होगी और एक नया पासपोर्ट भी जिस पर तुम्हे ट्रॅवेलिंग करनी है बाकी जो भी इन्फर्मेशन वहाँ से रिलेटेड है वो इस एन्वेलप मे है ध्यान से संभाल लेना तुम्हे वहाँ भी अपने लोग है तो चिंता ना करना किसी भी तरह की हर टाइम बॅक अप रहेगा तुम्हारे साथ




बॉस के साथ काफ़ी लंबी मीटिंग चली थी ख़तम होते होते रात के 8 बज गये थे मैं कॅबिन से बाहर आया तो पेट मे भी गुड गु होने लगी थी तो फिर मैं पार्लियामेंट की कॅंटीन चला गया डिन्नर करने के लिए तो लगभग साढ़े 9 बजे मैं वापिस डेस्क पर आया तो एस बीआइ वालो का डेटा मेरा इंतज़ार कर रहा था तो फिर एक कॉफी का ऑर्डर और दिया



और लग गया अपनी दोस्त को तलाशने मे इसी कोशिश मे रात का 1 से कुछ उपर हो गया पर काम नही बन रहा था आँखे भी नींद से बोझिल होने लगी थी पर तभी एक जाना पहचाना चेहरा मेरी नज़रो के सामने आ गया तो आँखे एक झटके मे ही खुलती चली गयी ये थी हमारी प्यारी निशा रानी मैने वो पेज अपने हाथो मे लिया और उसकी तस्वीर को चूम ही लिया



फिर गोर से उसकी सर्विस इन्फर्मेशन को रीड करने लगा तो पता चला कि मेडम साहिबा आजकल लोन मॅनेजर हो गयी है और पूना मे सर्विस कर रही है पर जहाँ पर उसका कॉंटॅक्ट नंबर था वहाँ पर शायद प्रिंटिंग मशीन से डबल प्रिंट हो गया था तो वो दिख नही हो रहा था पर मैं खुश था कि चलो कम से कम पता तो चला कि मेडम है कहाँ पर उसी टाइम मैं एजेन्सी से बाहर निकला और सीढ़ियो पर ही खुशी से नाचने लगा



समीर ने बड़ा ही अहसान किया था मुझ पर जो मैं कभी भी चुका नही सकता था जेब से फोन निकाल कर ऑन किया तो पता चला कि घर से ढेर सारे मिस कॉल थे पर मैने सोच लिया था कि वापिस कॉल करना ही नही है और नही उनका फोन उठाना है पर दिल मे एक तरफ निशा के मिलने की खुशी भी थी तो दिल साला पता नही कैसे बिहेव कर रहा था मैं तो पगला ही गया था



पर फिर वो खुशी थोड़े ही पलो मे दूर हो गयी क्योंकि अब मुझे प्राग जाना था तो बस फिर दिल को ऐसे ही समझा लिया कि जितनी जल्दी हो सके मिशन ख़तम करके फिर सीधा पूना पहुचना है तो दो दिन बाद मैं चल पड़ा अपनी ज़िंदगी के पहले हवाई सफ़र पर विदेश जाने का पहला मोका था तो दिल वैसे भी कुछ ज़्यादा ही उछाल रहा था तो पहुच ही गये वहाँ पर




एरपोर्ट पर ही मुझे हमारा दूसरा एजेंट मिल गया था तो उसके साथ फिर मैं ठिकाने पर चला गया सफ़र की थकान थी तो बस कुछ देर के लिए सो गया और फिर तरो ताज़ा होकर वहाँ की लोकल डीटेल्स ली और अपने मिशन को आक्टीवेट कर दिया मुझे बड़े ही ख़ुफ़िया तरीके से काम करना था क्योंकि हो सकता था कि एजेंट को किसी दूसरी ऑर्गनाइगेशन ने पकड़ लिया हो या फिर वो ही हमे डबल क्रॉस कर गया हो



एजेंट मे 90% का तो पता ही नही चलता की कॉन अपना है कॉन पराया जल्दी ही मैने वहाँ अपना नेटवर्क बना लिया और एक नये तरीके से अपनी रिपोर्ट बना ने लगा तो पता चला कि सेंसेस रोड पर एक पिज़्ज़ा शॉप है वो अक्सर क्या लगभग डेली ही उधर शाम को जाया करता था अब सरकारी पैसे का नेताओ के बाद कोई दुरुपयोग करता है तो बस वो ख़ुफ़िया एजेंट्स ही होते है



तो मैने भी सोचा कि थोड़ा टाइम इधर ही बिताना पड़ेगा ताकि कुछ इन्फर्मेशन निकाल सकूँ , तो हर शाम अपन भी उधर ही डेरा जमाने लगे साथी ने बताया था कि वहाँ पर एक वेटर काम करती है जेनी , उस से अपने बंदे का थोड़ा मेल मिलाप था ये सुनकर अपन और भी खुश हो गये क्या पता काम के बहाने चूत का भी जुगाड़ हो जाए तो कहने ही क्या पर मेन मुद्दा तो था अपने बंदे की तलाश करने का

मुझे मिलना था जेनी से पर पता चला कि पिछले कई दिनो से वो काम पर आ ही नही रही थी अड्रेस निकाला उसके फ्लॅट पर गया तो पता चला की वो भी कई दिनो से बंद ही है तो मैने एक रात को सोचा कि चुपके से उसके फ्लॅट की तलाशी ली जाए तो मैं अपनी योजना बना ने लगा एक अंधेरे मे तीर जलाने जैसा ही था पर अब काम तो होता है काम



तो एक रात आख़िर मैं मास्टर की से उसके फ्लॅट मे दाखिल हो ही गया और अपनी तहकीकात शुरू कर दी पूरा फ्लॅट छान मारा सब कुछ बड़े ही करीने से सजाया गया था पर मतलब का समान कुछ मिल नही रहा था तभी मेरी नज़र सेल्लिंग पर गयी बड़ी ही खूबसूरत डिज़ाइन बनी हुई थी तभी दिमाग़ मे आया कि सेलिंग की फिटिंग को भी देखा जाए वो भी एक अच्छी जगह थी कुछ छुपाने के लिए



मैने एक छड़ी की सहयता से जाँच करना शुरू किया और आख़िर मुझे एक जगह पर थोथा पन मिल ही गया तो मैने वहाँ से उसुको उखाड़ लिया और देखता क्या हूँ कि एक ब्लॅक कलर का बॅग था मैने बॅग को अपने क़ब्ज़े मे लिया और शांति से वहाँ से खिसक लिया और अपने अड्डे पर आ गया बॅग से 7-8 पासपोर्ट और करीब 1 लाख यूरो और कुछ ब्लू प्रिंट्स भी बरामद हुए शायद ये किसी तरह का प्लान था



मैने डॉक्युमेंट्स को अच्छे से रीड किया और फिर बॉस को फोन लगाया और बताया कि सर, मुझे पुर्तगाल जाना होगा और मुझे अब एक कंप्यूटर एक्सपर्ट भी चाहिए तो वो बोले की ठीक है मैं एक नंबर देता हू उसपे कॉल करो तुम्हारा जाने का इंतज़ाम हो जाएगा और पुर्तगाल मे पहुचते ही तुम्हे तुम्हारी टीम रेडी मिलेगी पर तुम्हे एक बार फिर से बताना चाहूँगा कि हमारा एजेंट हमें ज़िंदा चाहिए और हाँ वहाँ पर किसी को मार ना देना



क्योंकि पुर्तगाल के साथ हमारी टीटी नही है तो थोड़ा देख लेना मैने कहा आप चिंता ना करे मैं सब संभाल लूँगा तो फिर तैयारी हो गयी पुर्ताल जाने की , अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर मुझे कैसे पता चला कि जानी पुर्तगाल मे है दरअसल जब मैं उसके घर की तलाशी ले रहा था तो डस्टबिन मे मुझे कुछ रिसीट मिल गयी थी उसने किसी ट्रॅवेल एजेंट से वहाँ का टिकेट बुक कर वाया था



और देखा जाए तो वो बस एक ट्रॅप भी हो सकता था गुमराह करने के लिए पर मैने चान्स लेने का सोच लिया था तो बस पहुच गये वहाँ जाकर मैने होटेल मे अपने लिए रूम बुक किया और शवर लेने चला गया आकर कपड़े पहने ही थे कि गेट पर दस्तक हुई मैने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बेहद ही गोरी चिटी और मुझसे भी लंबी 39-40 साल की बड़ी ही खूबसूरत नीली आँखो वाली औरत खड़ी थी
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10-07-2019, 12:46 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
गेट खुलते ही वो झट से अंदर आई और बोली कि कोड बताओ मैने कहा कॉन सा कोड तो वो बोली जिस ऑर्गनाइज़ेशन के लिए तुम काम करते हो मैं भी उसी की एजेंट हूँ मैने झूठ बोलते हुए कहा कि मेडम आपको कोई ग़लत फ़हमी गयी है मैं तो एक टूरिस्ट हूँ जो घूमने आया है तो उसने कहा एजेंट शेरशाह, आप कोड बताओ ताकि हम फिर बात कर सके



शेरशाह , तो इसे मेरा कोड नेम पता था पर ये सब तो नॉर्मल था एजेंट्स वास्तव मे बहुत ही शातिर होते है मैने कहा सॉरी ट्रूली आप को ज़रूर कोई वहाँ हुआ है तो वो बोली नोसिखिए लोगो के साथ काम करने का यही प्राब्लम होती है काम आता नही और आ जाते है फील्ड मे तुम्हे पता है तुम्हारा मिशन इम्प्लान्ट हो चुका है हमारा एजेंट पता नही ज़िंदा है या नही और तुम अपनी आइडी के बारे मे सोच रहे हो रूको एक मिनट


उसने तुरंत ही देल्ही हेडक्वॉर्टर मे बॉस से कॉंटॅक्ट किया तब मुझे उस पे ट्रस्ट हुआ और बॉस से लताड़ भी पड़ी बॉस बोले पता नही क्या सोच कर मिनिस्ट्री तुम जैसे को उठा लाई बॉस ने डेड लाइन दी और दो चार और बाते सुना दी मैने उस लेडी को सॉरी कहा उसने कहा की आगे से ध्यान रखना और हा थोड़े से फ्लेक्सिबल हो जाओ ये फील्ड बहुत इम्तिहान लेने वाली है तुम्हारे



मैने उसका नाम पूछा तो उसने मुस्कुराते हुए कहा कि वॉट’स इन आ नेम डियर , बट यू कॅन कॉल मी सोफीया , तो मैने कहा बाकी टीम मेंबर कहाँ है वो बोली शाम तक हमें कंप्यूटर एक्सपर्ट मिल जाएगा वैसे तुम्हे 3-4 लोगो से ही काम चल जाएगा ना मैने कहा हम हो जाएगा दो दिनो मे ही हम ने काफ़ी इनोफ़ॉर्मेशन निकाल ली थी एरपोर्ट के एग्ज़िट के सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि उसने एक टॅक्सी हाइयर की थी



तो उठा लिया टॅक्सी वाले को और जानी की फोटो दिखा कर पूछताछ शुरू की उसने तुरंत ही बता दिया कि कहाँ पर ड्रॉप किया था उसे तो मैने कृष्णन को उस एरिया मे भेजा रेकी के लिए तो पता चला कि जानी जिस घर मे रह रही थी वो वहाँ के एक लोकल गुंडे का घर था जो ड्रग्स मे डील करता था लोकल गुंडे का प्राग की सिटिज़न जानी से कैसे कनेक्षन बात कुछ समझ नही आई



सोफ़िया ने कुछ और जानकारी जुटाई थी जो बड़ी ही इंपॉर्टेंट थी मैं चाहता तो 10 मिनट मे जानी को उठा सकता था पर बॉस का ऑर्डर था कि चुपचाप टास्क कंप्लीट करना तो थोड़ी मुस्किल हो रही थी , सोफीया ने जुगाड़ करके जानी वाले बंगले की सामने वाली बिल्डिंग मे एक फ्लॅट का इंतज़ाम कर दिया था ताकि हम अच्छे से ओब्ज़र्व कर सके बस किसी तरह से ये कोनफेरम हो जाए क़ि मेरा एजेंट उसी बंगले मे है तो मैं उसे झट से निकल लाउ



पिछले कई दिनो से हम लोग अपने प्लान को फिनिश करने के चक्कर मे थे और जैसे ही अंदर के फोन का कॉल रेकॉर्ड मेरे हाथ मे आया तो मेरी आँखे चमक उठी मैने सोफ़िया को कहा कि क्या तुम मेरे साथ आज डिन्नर करने चलोगि कुछ ही दिनो मे उस से थोड़ी दोस्ती सी भी हो गयी थी उसने एक भरपूर निगाह मेरे उपर डाली और बोली ओके चलते है आज शाम

तो मैं भी खुश हो गया सोचा कई दिनो से काम मे पड़े है तो थोड़ा सा रेफ्रेशमेंट भी हो जाएगा और सोफीया जिसका फिगर गीता जैसा था तो उसपे भी थोड़ी सी लाइन मार लूँगा हालत अपने कुछ ऐसे हो गये थे कि कुछ दिन चूत ना मिले तो भारी भारी सा लगता था तो फिर उस शाम मैं और सोफीया निकल पड़े बाहर के लिए



उसको उस सहर के बारे मे काफ़ी अच्छी जानकारी थी तो उसी ने एक रेस्टोरेंट रेकमेंड किया डिन्नर काफ़ी शानदार था उसके बाद हम बाहर रोड पर ही बूज़ करते हुए घूमने लगे फिर हम एक टेलिफोन बूथ के नीचे बैठ गये और बाते करने लगे वो बोली तुम अच्छे पर्सन हो विद प्यूर हार्ट तो मैने कहा तुम भी अच्छी हो इंडिया मे मेरी एक फ्रेंड है तुम्हारी ही एज की



तो मुझे उसकी याद आती है जब भी तुमको देखता हूँ वो बोली मेरी एज की फ्रेंड ?????????????????????????? मैने कहा डियर, एवेरिवन हॅविंग सम नॉटी सीक्रेट्स तो वो मेरी आँखो मे देखते हुए बोली लगते नही हो पर हो बड़े ही घुटे हुए जो मैने कहा सच कहूँ तो तुम भी बड़ी ही प्यारी हो वो बोली इम मेच्यूर लेडी नाउ नोट आ प्रेटी यू कॅन सी सम वृन्केल्स ऑन माइ फेस मैने कहा देन व्हाट दट थिंग्स आर नोट मॅटर



इफ़ यू आर ब्यूटिफुल , यू आर …………. ………………….. तो वो ब्लश करने लगी वो बोली फ्लर्ट कर रहे हो मेरे साथ मैने कहा यार ऑल लॅडीस की यही प्राब्लम होती है अगर कोई उनकी तारीफ करे तो उनको लगता है कि फ्लर्ट कर रहे है वो बोली स्मार्ट आन्सर मैने कहा सोफीया मिशन के बाद हम अलग हो जाएँगे क्या पता फिर कभी मिल पाए या ना मिल पाए



तो वो बोली डॉन’ट वरी वी विल बी इन टच थ्रू फ़ेसबुक आइ विल टेल यू माइ ईद देअर मैने कहा पर यार मेरा तो एकाउंट है ही नही तो वो बोली कि डॉन’ट वरी मैं बना दूँगी तुम्हारा एकाउंट फिर हम वोड्का के सीप लेने लगे ठंडी हवा उसके खुले बालो को और भी लहरा रहे थे तो मुझे वो बड़ी अच्छी लगने लगी मैने कहा डियर कुड आइ एबल टू किस यू



तो उसने मुझे चीक्स पर किस कर दिया मैने कहा आइ डिज़र्व आ स्मूच डियर, तो उसने अपनी आँखे ततेरते हुवे कहा आर यू क्रेज़ी मैने कहा यस आइ आम, और अगले ही पल मैने आगे बढ़ कर उसके लबों को अपने लबों से जोड़ दिया और उसको किस करने लगा पर जल्दी ही मुझसे दूर हो गयी और बोली वी कॅन’ट डू दिस यू आर लाइक माइ सन’स एज मैने कहा डियर दिस थिंग डज़न’ट मॅटर



मैने बूथ का दरवाजा खोला और उसको अपने समेत अंदर खीच लिया उस छोटी सी जगह मे हम दोनो एक दूसरे से सट कर खड़े थे मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और उसको अपने से चिपका लिया तो मेरा पॅंट मे उभरा हुवा लंड उसकी योनि वाले हिस्से पर दबाव डालने लगा मैने सोफीया की आँखो मे देखा और फिर से उसको किस करने लगा उसके क्रीमी होठ मेरे होंठों से जुड़ चुके थे मैने अपना हाथ उसकी स्कर्ट मे डाल दिया



और पेंटी क उपर से ही चूत को दबाने लगा वाइट पैंटी धीरे धीरे गेली होने लगी थी मैने फिर उसकी पैंटी को घुटनो तक सरका दिया और अपनी ज़िप खोलकर लंड को बाहर निकाल कर उसके हाथ मे दे दिया वो उसे सहलात हुए बोली यू गॉट सच आ हॉट रोड और उसे भीचने लगी जबकि मैं अब उसकी गर्दन को चूमने लगा था सोफीया का शरीर भी अब अच्छे से रेस्पॉंड करने लगा था
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10-07-2019, 12:46 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने उसकी ड्रेस को खोल दिया और उसकी ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा तो वो बोली डू इट फास्टर वी डॉन’ट हॅव मच टाइम डॉन’ट फर्गेट वी आर ऑन ड्यूटी उसने अपनी टाँगे थोड़ा सा फैला दी तो मैनी अपने लंड को वहाँ पर लगाया और अंदर डालने लगा सोफीया ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मैं धीरे धीरे करके लंड को अंदर करने लगा मेरे जीवन मे ये पहला चान्स था



किसी गोरी में को रगड़ने का तो मैं थोड़ा सा ज़्यादा ही उत्तेजित हो रहा था और उपर से कुछ शराब का नशा तो मैं उसके लबों को पीते हुवे बस चोदना शुरू किया ही था कि मेरे फोन की रिंग बज उठी मैने झट से फोन को पिक किया तो मेरी टीम मेंबर ने बताया कि सर इसी वक़्त आप यहाँ आ जाइए कुछ इंपॉर्टेंट इन्फर्मेशन हाथ लगी है अब उसे कॉन बताए कि सर भी तो इंपॉर्टेंट काम ही कर रहा था



मैने चूत से लंड को बाहर निकाला और पॅंट को पहन ने लगा तो सोफीया बोली व्हाट हॅपंड तो उसने मुझे देखते हुए स्माइल दी और बोली बेटर लक नेक्स्ट टाइम फिर हम ने पार्किंग लॉट से कार ली और अपने अड्डे पर पहुच गये अब साला काम भी ऐसा था कि इसमे तुरंत ही रेस्पॉंड ज़रूरी था वरना हम इंडियन्स तो हर काम को टालने मे बड़े ही माहिर है



मैने कहा हाँ भाई बता क्या बात है तो उसने कहा कि सर, दो दिन बाद जानी एक पार्टी ऑर्गनाइज़ कर रही है और बात चेट से पता लगा है कि कुछ माफिया डॉन्स और इंटरनॅशनल हेड्स भी आने वाले है मैने कहा जैसे कि तो वो बोला सर जैसे …….. तो वो बोला सर लिस्ट ये रही आप ही पढ़ लो जैसे जैसे मैं लिस्ट पढ़ता गया तो मेरी आँखे फैलती गयी



मैने कहा ज़रा अपने डेटा बेस से लिस्ट मॅच करो तो बोला सर वो मई पहले ही कर चुका हूँ पर ख़ास बात ये है कि कुछ नाम ऐसे है जिनके बारे मे अलग अलग लोकेशन्स पर हमारे एजेंट्स के मिशन आक्टीवेट है मैने कहा कनेक्ट टू दा बॉस इमीडीएटली तो लगा फिर से फोन बॉस को मैने कहा सर ये बात है ईमेल देखिए लिस्ट आपके पास आ चुकी है तो कुछ देर बाद वो बोले



देखो बात ऐसी है कि हम डाइरेक्ट रूप से मिशन आक्टीवेट नही कर सकते वहाँ पर इस से दुश्मनो को फिर से युनाइटेड नेशन्स मे हमारे खिलाफ केस करने का मोका मिल जाएगा हा पर अगर तुम कुछ ऐसा प्लान कर सको कि बस अपना काम भी निकल जाए और पता भी ना हो तो फिर कुछ हो सकता है बॉस की ये ही बात तो मुझे बड़ी बुरी लगती थी दोनो हाथो मे लड्डू रखना हमेशा



मैने कहा सर कुछ लोग मर वर जाएँ तो , वो बोले मुझे पता था कि तुम्हे खुजली हो गयी होगी जो करना है करो पर इतना ध्यान रखना कि कही से भी ये नही लगना चाहिए कि रॉ की इनवोलव्मेंट है मैने कहा सर यू डॉन’ट वरी अब मैं मिशन पूरा होने के बाद ही कॉल करूँगा मैने सीपी को कहा कि जल्दी से बंगले का इन्नर और आउटर नक्शे का एग्ज़ॅक्ट ब्लूप्रिंट दो तो वो अपने काम मे लग गया



शराब का नशा कब का उतर चुका था अब टाइम था अपने प्लान को एक्सेक्यूट करने का मैने कहा हम अलग अलग एंट्री करेंगे बंगल मे सोफीया तुम गेस्ट बनकर जाओगी, पंकज तुम केर्टेकर बनकर और मैं जाउन्गा वेटर बनकर मैने सीपी से कहा तुम इधर ही रहोगे और हमे मॉनिटेर करोगे और जो भी हो पल पल की रिपोर्ट हमे देते रहोगे और हाँ सबसे मेन बात देअर् इस नंबर प्लान बी अगर कोई भी गड़बड़ होती है तो सीधा अंबुस करेंगे जो होगा देखा जायगा

तो फिर आख़िर वो दिन आ ही गया जब हमें अपना टारगेट सेट करना था पर अभी तक ये कनफार्म नही हुआ था कि हमारा एजेंट उधर था या नही तो लास्ट मोमेंट मैने थोड़ा सा चेंज किया कि टीम जानी को उठाएगी और मैं अपने एजेंट को देखूँगा अंदर और क्या पता कुछ और इन्फर्मेशन निकल आए तो तय दिन हम सब अपने अपने तरीके से एंटर कर गये



मैं वेटर के भेस मे था तो आसानी से लगभग पूरे ही बंगल मे घूम फिर रहा था तो मैने ओब्ज़र्व कर ही लिया कि अपराध की दुनिया की कई बड़ी हस्तिया मोजूद थी पर अपने को क्या अपने को तो बस अपने काम से काम रखना था पर कही पर भी जानी नही दिख रही थी मैने सोफीया से कहा कि जानी दिखी तो उसने भी मना किया तो मैं सोच मे पड़ गया कि कही सालो का ट्रॅप तो नही है ये



पर जल्दी ही मेरी चिंता दूर हो गयी जानी अपने किसी दोस्त या बाय्फ्रेंड जो भी था उसके साथ ही आ गयी और फिर पार्टी शुरू हो गयी तो एक डेढ़ घंटे बस फालतू का नाच गाना ही होता रहा फिर हमारे सीपी ने इन्फर्मेशन दी कि सर उपर के एक कमरे मे एक मीटिंग शुरू हो गयी है और अपना बंदा भी उधर ही है वो ही कुछ ऑपरेट कर रहा था मतलब की साला डबल गेम खेल गया था एजेन्सी के साथ
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10-07-2019, 12:46 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा सोफीया दस मिनट बाद हम अपना प्लान एक्सेक्यूट कर देंगे तुम्हारा फोकस बस इस बात पे होना चाहिए कि जानी को सफाई से किडनॅप करना और फिर तुम बस निकल जाना मेरी या किसी भी टीम मेंबर की कोई फिकर करने की ज़रूरत नही है जल्दी ही हम सब नये अड्डे पर मिलेंगे ऑर्डर मैने दोबारा से दोहराया मैने फिर अपने साथी को कहा मैं उपर जा रहा हू ठीक दो मिनट बाद लाइट कट कर देना



जो भी करना है बस दो मिनट मे ही होगा , मैने फुर्ती से गन पर साइलेनसर लगाया और नाइट विजन पहन लिया लाइट कट होते ही मैने उस कमरे का लॉक खोला और एंटर कर गया हर कोई लाइट वालो को ही चिल्ला रहा था जबकि मैने चुपके से अपने एजेंट के पास जाकर उसकी बाँह को पकड़ लिया पर मुझसे एक बड़ी चूक हो गयी थी कि मैं भूल गया था की आजकल पवर बॅकप भी होता है



एक मिनट मे ही बल्ब फिर से रोशन हो गये और प्लान की ये खामी अब बड़ी मुसीबत खड़ी करने वाली थी , लाइट आते ही मेरी सिचुयेशन अकवर्ड हो गयी थी मैं अब टेबल के पास अपने एजेंट की बाँह पकड़े खड़ा था पालक झपकते ही कई गन्स मेरी तरफ तन गयी , मैने थोड़ी फुर्ती करते हुए मेज को अपनी ढाल बनाया और खिड़की को तोड़ते हुवे नीचे को कूद गया उसको लेकर



पीछे से धना धन गोलिया चलनी शुरू हो गयी नीचे गिरते ही थोड़ी चोट सी लग गयी सेफ लॅंडिंग हो नही पाई थी दूसरे बंदे की वजह से तो फिर मैने अपने को जैसे तैसे कवर किया था कि हमारी गाड़ी आ गयी मैने उसको धक्का देते हुए अंदर डाला और फिर खुद भी चढ़ गया ये सब बड़ी ही तेज़ी से हो गया था मैने कहा निकलो यहाँ से पर हमारे पीछे कुछ ही सेकेंड्स मे उनकी कार्स भी लग गयी थी



और सबसे बड़ी प्राब्लम ये थी कि बॅकप नही था और कंट्री भी दूसरी थी पर अब जो होना था वो तो होकर ही रहना था मैने उसको गन के बट से मारकर बेहोश किया और अपने साथी से बोला कि तू बस पूरा फोकस यहाँ से निकलने मे लगा बाकी मैं देखता हू उसने कहा सर सीट के नीचे फुल कोटा है अम्मू का मैने कहा वाह मेरे शेर अब देख तू आगे और पीछे मैं संभालता हू




पर तभी गोलियो की बोछार से हमारी कार का पिछला शीशा टूट गया तो मैने भी फाइरिंग शुरू कर दी तो दो चार बंदे उधर के भी गिर ही गये पर वो लोग उम्मीद से बहुत ही ज़्यादा थे मैने कहा यार देख सच्चाई तो ये है कि हम इनका सामना नही कर पाएँगे तू कोई शॉर्ट कट है तो बता वो बोला सर आगे एक इलाक़ा आएगा जहा पर कई सुनसान घर है उधर कुछ हो सकता है



मैने कहा उधर ही चल पर वो लोग भी लगातार पीछे बने हुए थे आख़िर मैने मक्ष 9 गन ली उसकी फाइरिंग रेंज कमाल की होती है कुछ कुछ एके 56 जैसी ही होती है मैने कहा कोशिश तो करता ही हूँ कुछ तो साले कम होंगे ही उपर से मुसीबत ये हुई की इतनी फाइरिंग की वजह से लोकल पोलीस भी ऐक्शन मे आ गयी थी तो सिचुयेशन बिल्कुल भी हमारे पक्ष मे नही थी



पर बस हम थे , तो मतलब हम ही थे, उस इलाक़े मे पहुचते ही हम तुरंत कार से उतरे और ऑपोसिट साइड के एक फ्लॅट मे घुस गये और फिर जल्दी ही वो इलाक़ा पोलीस और गंडो से भर गया मैने कहा आगे पीछे की लोकेशन बता जल्दी से तो पता चला कि हमारे से दो बिल्डिंग छोड़ कर एक लेक थी मैने कहा ठीक है हम लेक के रास्ते ही यहाँ से एस्केप करते है वो बोला पर सर पासिबल नही है



मैने कहा देख पोलीस और माफिया भिड़ रहे है तो हमे थोड़ा टाइम मिल रहा है और क्या तूने कभी रन्निंग नही की क्या तो वो बोला ठीक है सर जैसा आप कहे तो मैने उस बेहोश बोझ को अपने उपर लादा और बिल्डिंग के पार्किंग एरिया के पिछले एग्ज़िट से होते हुए लेक के रास्ते से निकल गये अगली सुबह हम अपने अड्डे पर थे वहाँ जाकर पता चला कि अफ़रा तफ़री के महॉल मे सोफीया ने जानी को उड़ा लिया था



सभी लोग बड़े ही थक गये थे , तो कुछ खाने पीने के बाद मैने कहा सोफीया जानी को इंटेरोगेट करो अच्छे से और हाँ कोई भी रहम नही करना तो वो हँसी और बोली देखते जाओ मैं क्या करती हू, दूसरी तरफ मैने हेडक्वॉर्टर मे बॉस को सारी रिपोर्ट दी और कहा की सर भाई साहब तो बड़े खिलाड़ी हो गये है बताओ क्या करू तो वो बोले उसको अभी कुछ नही करना है



मैं जल्दी ही टीम के वहाँ से निकालने का इंतज़ाम करता हूँ तुम इसे लेकर आओगे और सोफीया गायब हो जाएगी और जानी को दूसरे मेंबर्ज़ कवर करेंगे वो बोले कल रात तक तुम्हारा इंडिया लोटने का इंतज़ाम हो जाएगा पॅकिंग कर्लो मैं भी रिलॅक्स हुआ चलो मिशन कंप्लीट हुवा मैने फिर सोफीया को बुलाया और कहा जाने दो साली को और ज़रा मेरे साथ आओ
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10-07-2019, 12:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा आओ ज़रा थोड़ा सा घूम फिर कर आते है तो सोफीया बोली अभी मुझे थोड़ा सा काम है तो शाम को चलते है मैने कहा ठीक है , फिर मैं भी अपनी पॅकिंग करने लग गया उसके बाद मैने सोचा की थोड़ी सी पूछताछ कर लेता हूँ हालाँकि मुझे उस चीज़ का ऑर्डर नही था पर ऐसे ही मेरे मन मे आया तो मैं दूसरे रूम मे गया और कुर्सी पर बैठ गया



मैने कहा हाँ तो भाई , चल अब फटाफट से बता दे कि तूने डिपार्टमेंट से गद्दारी क्यो की और क्या क्या इन्फर्मेशन उन लोगो से शेअर की पर ये जो एजेंट्सद होते है ना ये बड़े ही ढीठ होते है अब जो आसानी से मूह खोल दे वो साला कलंक ही है एजेंट के नाम पर तो मैने कहा ठीक है भाई मत बता पर तुझे भी अब पता तो है ही कि जो तेरे साथ बीतेगी तो भी वो कुछ ना बोला



मेरे मन मे तो आया कि इसकी गान्ड तोड़ दूं पर फिर जाने दिया , तो लंच करके मैं सो गया तो शाम को सोफी ने ही उठाया और कहा कि कितना सोते हो तुम मैने कहा यार आजकल तो नींद ही पूरी नही होती है वो मुझे ड्रिंक देते हुए बोली ये लो और रेडी हो जाओ हम लोग बाहर रहे है तो मैने कहा पर यहाँ इन कमिनो की सेक़ुरिटी तो वो बोली डॉन’ट वरी आइ विल मॅनेज ऑल थिंग्स



तो करीब घंटे भर बाद हम लोग बीच के लिए निकल पड़े शाम हो रही थी बड़ी मस्तानी हवा चल रही थी वाइट टॉप और ब्लू जीन्स मे सोफी बड़ी ही कमाल लग रही थी उसकी मोटी टाँगे जीन्स मे क़ैद बड़ी ही कातिल लग रही थी मैने कहा आज तो बड़ी ही हॉट लग रही हो तो वो ब्लश करने लगी कार ड्राइव करते हुवे मैं उसकी थाइस को रब करने लगा तो वो बोली ड्राइविंग पर ध्यान दो ना



पर मैं पूरे मूड मे था उस से छेड़खानी करने के तो मैने अपनी पॅंट की ज़िप को खोला और अपने टूल को बाहर निकाल लिया और सोफी का हाथ उसपर रख दिया तो वो बोली कही भी शुरू हो जाते हो मैने कहा जब साथ मे इतना हॉट पीस हो तो कंट्रोल करना मुश्किल होता है वो मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबाने लगी उसके गरम हाथो के स्पर्श से लंड मे जान आने लगी तो वो जल्दी ही खड़ा हो गया



मैने कहा सोफी, डार्लिंग, प्लीज़, किस इट, तो वो झुकी और मेरे लंड पर किस करने लगी मज़ा ही आ गया थोड़ी देर तक पूरे लंड पर किस करने के बाद उसने अपना मूह खोला और धीरे धीरे से उसको अपने मूह मे लेने लगी उसकी गरम सांसो से एक अलग ही अनुभूति हो रही थी सोफी ने फिर लंड को अपने दाँतों तले दबा लिया तो मेरे होंठो से सिसकारी निकल गयी



मैं बोला काट कर खाने का इरादा है क्या तो वो बोली तुम बस ड्राइविंग पर ही ध्यान दो ये मेरा पहला केस था जहाँ मैं गाड़ी चलाते हुए किसी को लंड चुस्वा रहा था धीरे धीरे सोफी पूरी मस्ती मे आकर लंड को चूसने लगी थी पूरा लंड उसके थूक मे सन चुका था मेरी जाँघो के बीच झुकी हुवी उस मस्त लेडी के कहने ही क्या थे और कितनी शिद्दत के साथ वो लगी हुवी थी



लंड चूस्टे हुवे सोफी बोली युवर डिक ईज़ सो सो हॉट आंड माइ पुसी इस गोयिंग वेट नाउ उसके होतो की पकड़ इतनी टाइट थी लॅंड पर की मई मस्ती क सागर मे गोते खाने लगा था उसने लंड को जड़ तक अपने गले मे उतार लिया था बराबर उसका मूह उपर नीचे होते हुए मुझे जन्नत का द्वार दिख रहा था मैं तो बुरी तरह से ही पिघल ने लगा था



करीब 15-20 मिनट तक वो ऐसे ही मेरे लंड पर झुकी हुई अपना काम करती रही और फिर मुझे तो झड़ना था ही लंड से सफेद रस की पिचकारी निकली और उसके मूह मे जाने लगी सोफी गटगट मेरे सारे पानी को पी गयी मेरी तो हालत ही पस्त हो गयी फिर उसके कार के डेस्क से टिशू लिया और अपने चेहरे को सॉफ करते हुए बोली युवर क्रीम ईज़ सो टेस्टी बीच भी आने वाला था तो मैने अपने कपड़े ठीक कर लिए



गाड़ी को पार्किंग मे लगा कर हम दोनो टहलने लगे मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा हुए था बाते करते हुए मैने पूछा तुम इस प्रोफेशन मे कब से हो तो वो बोली हो गये 14-15 साल बस सोच रही हू कि थोड़े दिन मे रिटाइयर्मेंट ले लूँ और शांति से किसी लंड पर ज़िंदगी बिताऊ तो मैं मुस्कुरा दिया . पता नही क्यो आज बीच पर भीड़ कुछ कम लग रही थी



सोफी बोली आओ पानी मे चलते है उसने बॅग से अपने लिए बिकनी निकाली और उसको पहनते हुए बोली तुम भी शॉर्ट्स डाल लो तो मैं भी चेंज करने लगा बिकनी मे उसका भरा हुवा शरीर बड़ा ही हॉट लग रहा था पता ही नही चला की कब मेरा लंड फिर से तन गया मैने उसके होंठो पर एक किस किया और फिर चल पड़े हम समुंदर की लहरो मे कभी हम एक दूसरे के उपर पानी उडेलते तो कभी पानी मे डुबकी लगाते जब लहर तेज़ी से आती तो खरा पानी पल भर मे ही सारॉबार कर जाता
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10-07-2019, 12:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
करीब आधे घंटे तक हम लोग पानी मे एक दूसरे से मस्ती करते रहे फिर हम बाहर आ गये मैं दौड़ कर दो बॉटल बियर ले आया तो वही किनारे पर बैठ कर हम चुस्किया लेने लगे थोड़ा थोड़ा सा अंधेरा होने लगा था मैने कहा डियर, आओ ज़रा उधर पेड़ों की तरफ घूमने चलते है तो उसने मुझे एक स्माइल दी और फिर हम दोनो पेड़ो की तरफ आ गये उधर आते ही मैने उसको अपनी बहो मे भर लिया और किस करने लगा उसके होंठो पर कुछ बियर की बूंदे लगी हुई थी जिसे मैं चाट गया



सोफी बोली तुम हमेशा ही इतने उतावले रहते हो क्या मैने कहा पहले का तो पता नही पर जब से तुमको देखा है तो बस फिर कुछ याद नही वो बोली बाते अच्छी करते हो तुम , वो बिल्कुल मुझसे सटी हुई थी उसके रसीले होंठो को पीते पीते मैने उसकी पैंटी को नीचे सरका दिया और उसके कुल्हो को अपने हाथो मे थाम लिया सोफी ने भी अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और किस का जवाब देने लगी

अब मैने उसकी ब्रा को भी खोल कर हटा दिया और उसके मोटे मोटे चुचो को दबा ने लगा तो सोफी गरम होने लगी उसकी निप्पल्स 1 इंच के लगभग बाहर को तन गये थे तो मैं उसके बूब्स को लिक्क करने लगा उसकी स्किन बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट थी वो अपना हाथ नीचे की ओर ले गयी और मेरे लंड को हिलाने लगी दो गरम जिस्म उस वातावरण मे भड़क उठे थे



मैं एक हाथ से उसकी चूची को दबा रहा था तो दूसरी को अपने मूह मे भरे हुए था सोफी की धड़कन बहुत ज़्यादा बढ़ गयी थी करीब बीस पचीस मिनट तक हम लोग ऐसे ही एक दूसरे की अगन को भड़काते रहे फिर मैने सोफी को वही नीचे रेत पर पटक दिया और उसकी जाँघो को फैला दिया उसकी गोरी गोरी चूत के फड़कते होंठ मुझे आमंत्रण दे रहे थे



मैं उस पर झुका और उसकी प्यारी सी चूत को अपने मूह मे भर लिया सोफी उस गरम रेत पर तड़प उठी उसके तन बदन मे एक मस्तानी आग भड़क उठी थी उसकी चूत से बहता हुआ नमकीन पानी का स्वाद मेरी जीभ और होंठो पर लग रहा था मैं चटखारे लेते हुए सोफी की चूत को चाटने लगा तभी उसने पास रखी बियर की बॉटल उठाई और अपनी योनि पर बूंदे टपकाने लगी तो कसम से फिर मज़ा ही आगया



वो थोड़ी थोड़ी देर मे कुछ कुछ बूंदे चूत पर गिरते जाती जिन्हे मैं झट से पीए जा रहा था 5-7 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैं वहाँ से हट गया और सोफी को डॉगी स्टाइल मे होने को कहा तो वो झट से ही पोज़िशन मे आ गयी मैने उसके कुल्हो को सहलाया और फिर अपने लंड को उसकी गरम चूत से सटा दिया उस दिन तो काम अधूरा रह गया था पर आज ऐसी कोई बंदिश नही थी



लंड पर गीली चूत के पानी का अहसास होते ही वो फुफ्कार्ने लगा तो मैने भी अब देर ना करते हुए उसको चूत मे उतारने लगा तो सोफी आहे भरने लगी सोफी ने अपनी दोनो जाँघो को आपस मे चिपका लिया तो चूत थोड़ी सी टाइट सी हो गयी और उसकी पंखुड़िया लंड पर दबाव डालने लगी पर वो लंड ही क्या चूत को चीर ना सके तो जैसे ही मैने अगला धक्का लगाया लंड चूत को फैलाता हुआ अंदर प्रविष्ट हो गया



मैने सोफी की कमर को पकड़ लिया और अब हमारी चुदाई स्टार्ट हो गयी सोफी की चूत इतनी गरम हो गयी थी कि मुझे लगा कि कही लंड की खाल आज जल ही ना जाए पर ये तो खाली मेरा वहम ही था काफ़ी देर तक मैं उसको डॉगी स्टाइल मे ही चोदता रहा फिर मैं उसके उपर आ गया और उसको किस करते हुवे रगड़ने लगा सोफी की जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी



और हम दोनो के रगड़ खाते हुए जिस्म एक अलग सा ही घर्षण कर रहे थे दोनो के बदन इस कदर एक दूजे मे समा गये थे कि बस कहना ही क्या आधा घंटा से भी ज़्यादा हम लोग एक दूसरे मे समाए रहे मैने कहा सोफी अंदर ही डिसचार्ज हो जाउ क्या तो वो बोली नो नो उधर नही तो मैने लंड को बाहर खिचा और फिर उसके पेट पर ही अपना पानी छोड़ दिया




मैं भी उसके बगल मे ही लेट गया और अपनी सांसो को संभालने लगा कुछ देर बाद मैने देखा की सोफी अभी भी आँख बंद किए लेटी है तो माब् उठा और अपना शॉर्ट्स पहन ने लगा कुछ देर बाद उसने भी बिकनी को पहन लिया फिर हम चेंजिंग रूम मे जाकर नहाए और तैयार हो कर बाहर आए उसके बाद मैं उसको लेकर वही पास की स्ट्रीट पर डिन्नर के लिए ले कर गया



डिन्नर के बाद हम दोनो बाते कर रहे थे मैने कहा सोफी तुम्हारी बड़ी याद आएगी तो वो बोली अरे हम लोग टच मे रहेंगे और फिर मैं तो 6-7 महीने मे इंडिया आती ही रहती हू तो फिर मिलना भी होता रहेगा और फिर मैने तुम्हारा फ़ेसबुक एकाउंट तो बना ही दिया है तो हम बात करते ही रहेंगे फिर उसने मेरा मूड चियर अप करने के लिए मुझे किस किया



मैने पूछा रिटाइर होने के बाद क्या करोगी तो वो बोली कुछ नही बस पीस से रहूंगी पैसो की तो कोई प्राब्लम है नही मेरे खुद के पास बहुत मनी है और फिर हज़्बेंड प्रोफेसर है तो उनकी भी अच्छी सॅलरी है बस बाकी की ज़िंदगी फॅमिली के साथ ही एंजाय करते हुवे बिताउन्गी इतना ही प्लान है तुम बताओ क्या सीन है मैने कहा कुछ नही बस वापिस जाते ही गर्लफ्रेंड की फॅमिली से बात करूँगा और फिर शादी करनी है



वो बोली गुड आइडिया, रात काफ़ी हो गयी थी और अगली सुबह मुझे निकलना भी था तो फिर हम लोग वापिस आ गये सुबह हुई तो सब लोग अपने अपने बॅग पॅकिंग मे लगे थे आज इस टीम को बिखर जाना था जब तक कि कोई दूसरा मिशन ना हो , तो फिर सब एक दूसरे को अलविदा कहकर अपने अपने रास्ते हो लिए, फ्लाइट का ज़्यादा तर सफ़र सोकर ही कटा और फिर एक थका देने वाले सफ़र के बाद आख़िर मैने मुंबई एरपोर्ट पर लॅंड कर ही लिया



एरपोर्ट से बाहर आया थोड़ा फ्रेश वग़ैरा हुआ फिर बॉस के लिए मेसेज छोड़ा और कहा कि दो चार दिन मुंबई मे ही बिताकर आउन्गा और रिपोर्ट ई-मैल कर दूँगा सुबह के 5 बज रहे थे एक कॉफी पी और फिर एक टॅक्सी हाइयर कर ली पुणे के लिए अब मेरे और निशा के बीच बस कुछ था तो ये थोड़ा सा सफ़र टॅक्सी वाले ने रेडियो पे कुछ रोमॅंटिक सॉंग्स प्ले कर रखे थे तो दिल एक बार फिर से कुमार शानू की आवाज़ मे डूबता चला गया

एक तो इंतज़ार और एक ड्राइवर भी मिला तो ऐसा कि पूछो ही मत जैसे तैसे करके आख़िर मैं पहुच ही गया मैने ड्राइवर से कहा कि किसी गिफ्ट शॉप पे रोकना थोड़ी देर कुछ गिफ्ट्स लेने है तो खरीदारी मे भी थोड़ा सा टाइम लग गया मुझे पल पल भारी हो रहा था दिल मे उमंग , आँखो मे सनम की सूरत लिए आख़िर मैं पहुक ही गया स्टेट बॅंक ऑफ इंडिया की उस आलीशान इमारत के सामने जहाँ पर मेरी सबसे प्यारी दोस्त काम करती थी



तेज तेज कदमो से चलता हुआ मैं अंदर गया ना जाने क्यो मेरी धड़कने कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी थी मैं रिसेप्षन पर गया और वहाँ बैठी लेडी से पूछा की मॅम, लोन ऑफीसर निशा का कॅबिन कॉन सा है तो उसने मेरी ओर देखा और कहा किस डिपार्टमेंट मे, मैने कहा जी लोन ऑफीसर है ना , तो वो बोली सर आइ मीन वो कॉन से डिपार्टमेंट मे है लाइक ऑटोमोबाइल लोन्स, होम लोन्स, एट्सेटरा, मैने कहा वो तो नही पता तो बोली प्लीज़ वेट कीजिए मैं चेक करके बताती हू



4-5 मिनट बाद उसने बताया कि सर इधर निशा मॅम है वो पर्सनल लोन डिपार्टमेंट मे है पर आप अभी उनसे नही मिल सकते शी’ज करंटी इन मीटिंग ना जाने क्यो मुझे कोफ़्त सी होने लगी थी मैने तेज आवाज़ मे कहा तू बस उसका कॅबिन बता कहाँ है मेरी आवाज़ सुनते ही दो सेक्यूरिटी गार्ड्स डोडकर आए और मुझे पकड़ लिया मेरा दिमाग़ खराब होने लगा मैने कहा हाथ छोड़ वरना अगले पल जॉब जाएगी तेरी

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10-07-2019, 12:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
गार्ड मुझसे उलझते हवुए बोला कॉन है तू डीसी, है एसपी है नेता है मैने कहा देख भाई एक तो मैं बड़ी दूर से आया हूँ तू दिमाग़ खराब ना कर वरना फिर बाद मे मुझे दोष ना दियो तो वो अकड़ने लगा रिसेप्षनिस्ट बोली इस बंदे को बिल्डिंग से आउट करो , तो मेरा दिमाग़ घूम गया मैने कहा साली तू आउट करेगी मुझे तेरा काम है लोगो की हेल्प करना जिसकी गवरमेंट सॅलरी देती है मैने जेब से अपना आइ कार्ड निकाला और उसके हाथ मे देते हुवे बोला



देख गोर से कि मैं कॉन हूँ , हालाँकि मैं ऐसा कोई सीन उधर क्रियेट नही करना चाहता था पर हो ही गया पल भर मे ही उस लड़की के चेहरे का रंग उड़ गया वो सर सर. करने लगी मैने फिर सेक्यूरिटी वालो को धमकाते हुए कहा सालो आम इंसान को तो कुछ नही समझते हो तो वो भी माफी माँगने लगे मैने कहा बता कहाँ है निशा का कॅबिन



तो उसने कहा सर थर्ड फ्लोर पे रूम 56 , लिफ्ट बाहर राइट साइड से है , मैने उसकी तरफ देखा घूरकर और फिर लिफ्ट की ओर चल पड़ा थर्ड फ्लोर पर पहुचते ही मुझे पीओन मिला शायद रिसेप्षन से उपर बताया गया था उसने मुझे निशा के कॅबिन मे बिठाया और बोला सर मेडम बस दस मिनट मे आती ही होंगी आप प्लीज़ वेट करे मैं आपके लिए कॉफी लेकर आता हूँ तो मैने कहा नही अभी उसकी ज़रूरत नही है तू बस पानी ही पिला दे



2-3 गिलास पानी पिया तो कुछ मूड ठीक हुआ गला जो सूख गया था वो भी तर हो गया कुछ देर बाद कॅबिन का गेट खुला और निशा ने आते ही बोली यस, कहिए क्या हेल्प कर सकती हूँ मैं आपकी , और क्या कारण था कि नीचे इतना हंगामा कर दिया आपने मैं पलटा तो देखा कि ये तो कोई और ही है मैने कहा जी आप कॉन मुझे तो निशा मेडम से मिलना है



तो वो बोली सर मैं उनकी असिस्टेंट हू , निशा. मॅम बहुत ही बिज़ी है आज तो आपका मिलना पासिबल नही हो पाएगा आपका लोन का जो भी काम है आप पेपर्स मुझे दे दीजिए मैं देख लूँगी और कल बॅंक होली डे है और फिर दो चार छुट्टिया भी है तो प्लीज़ आप थर्स्डे को ही क्न्सर्न कीजिएगा मैने कहा होल्ड,होल्ड कीजिए मॅम आप को शायद कुछ ग़लत फ़हमी हुई है



मैं यहा पर किसी लोन के सिलसिले मे नही आया हू मैं निशा का फ्रेंड हूँ बड़ी मुश्किल से ढूँढा है उसे आप प्लीज़ मेरी मुलाकात करवाईए , वो बोली सर आप को वेट करना होगा मीटिंग ख़तम होने तक का मैने कहा और ये कब ख़तम होगी तो नेहा जी ने बताया कि सर कोई एग्ज़ॅक्ट टाइम तो होता नही है अब डीस्कशन कितनी देर चलता है ये तो डिपेंड करता है ना



जबकि मैं तो व्याकुल हो रहा था निशा को देखने को और ये लोग अपने रूल्स अपनी मजबूरियो का रोना रो रहे थे मैने झुंझलाते हुए कहा आप एक काम कीजिए कि जाकर बस उसे इतना मेसेज दे दीजिए कि उसका वो दोस्त आया है उस से मिलने जिसे वो अरसे पहले भूल आई थी उस से जाकर बस इतना कह देना कि नीचे रिसेप्षन पर मनीष इंतज़ार कर रहा है उसका



और मैं फिर वहाँ से निकल कर नीचे आ गया और विज़िटर्स के सोफे पर बैठ गया कुछ ही मिनट बीते होंगे कि मैने देखा निशा , मेरी निशा लगभग दौड़ते हुवे विज़िटर्स हॉल की तरफ आ रही थी मैं सोफे से उठ खड़ा हुआ और उसकी तरफ चलने लगा वो मेरे से बस कुछ ही दूर थी हमारी आँखे आपस मे टकराई और निशा भाग कर मेरे गले लग गई



और मैने भी उसको अपनी बाहों मे समेट लिया कुछ देर तक वो मेरे सीने से लगी रही उसकी धड़कनो को सॉफ सॉफ सुन पा रहा था मैं फिर उसने इधर उधर देखा तो झट से मुझसे दूर हो गयी , वो बोली मनीष तुम , तुम अचानक यहाँ कैसे तो मैने एक तमाचा उसके गालो पर जड़ दिया और फुट फुट कर रोने लगा मैं रोते हुवे बोला कमिनि कहाँ चली गयी थी मुझे अकेला छोड़ कर



जानती है कितना तडपा हूँ मैं तेरे लिए हर पल तिल तिल करके जिया हूँ मैं तेरे लिए कहाँ कहाँ नही ढूँढा मैने तुझे , कोई मंदिर मस्जिद नही जहाँ तेरे मिलने की दुआ नही की हो मैने और तू यहाँ ऐश से रह रही है तेरे घर, मुंबई कहाँ कहाँ भटकता रहा मैं हर एक सांस मे बस तुझे ही याद किया और तुझे एक पल भी अपने दोस्त की ज़रा सी भी याद ना आई



निशा की आँखो से भी आँसू छल छला आए थे पर वो मेरे आँसू पोंछते हुए बोली बस मनीष बस तुम यूँ ना रोओ मुझे तकलीफ़ होती है , मैने कहा अगर इतनी ही तकलीफ़ होती है तो फिर मुझे छोड़कर गयी ही क्यो थी वो बोली मैं सब बता दूँगी तुम दो पल इधर ही बैठो मैं अभी छुट्टी लिख कर आती हू घर चलती हूँ निशा ने मेरे आँसू पोंछे और फिर बोली बस मैं दो मिनट मे आ रही हू
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10-07-2019, 12:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
निशा

बिल्कुल भी तो नही बदली थी वो जैसा पहले हुआ करती थी वैसे ही आज भी थी बिल्कुल सीधी-सादी सिंपल सी लड़की हाँ वजन कुछ बढ़ गया था पर बाकी पूरी तरह से सादगी से भरी हुई नेवी ब्लू कलर की साड़ी दोनो हाथो मे बस एक एक चूड़ी और होंठो पर हल्की सी लिपीसटिक बस यही था सजने के नाम पर उसके पास वो कहते है ना कि समय की आँधी मे भी कुछ लोग अपने आप को मजबूती से थामे रखते है कुछ ऐसी ही तो थी निशा,


आते ही उसने मेरा हाथ थामा और पार्किंग की तरफ चल पड़ी वहाँ उसने अपनी कार को स्टार्ट किया और फिर हम दोनो उसके घर की ओर चल पड़े मैने कहा अच्छी कार है तो उसने बता या कि कुछ दिन पहले ही ली है मेरी निगाह तो एक पल के लिए भी उस के चेहरे से हट ही नही रही थी आज बड़ी ही खुशी का दिन था मेरी जिंदगी मे , मुझे आख़िर मेरी दोस्त का दीदार हो ही गया था



वो बड़े प्यार से मुझे देखते हुए बोली , ऐसे क्या देख रहे हो मैने कहा बस तुम्हे ही देख रहा हूँ बिल्कुल भी नही बदली पहले जैसी ही छुई मुई सी हो वो बोली तुम भी कहाँ बदले हो एक नज़र मे ही पहचान गयी मैं तो मैने कहा तू बहुत ज़ालिम निकली ऐसा भी कोई किसी के साथ करता है क्या तो वो बोली अब माफ़ भी करदो ना तुम गुस्से मे बिल्कुल भी अच्छे नही लगते हो



तो मैं उसके सर पर चपत लगाते हुए बोला ये गुस्सा भी बस तुम्हारी वजह से ही है ना तुम ऐसे रूठ कर जाती ना मैं गुस्सा होता तो वो बोली मनीष अब तुमसे मेरी ज़िंदगी का कुछ भी तो छुपा नही है ये तो भगवान का शूकर है कि टाइम पर नोकरी मिल गयी तो बस गुज़ारा हो रहा है ज़िंदगी की उलझनों मे कुछ ऐसे उलझी की बस पता ही नही चला की वक़्त कैसे गुजर गया पर मैं वही खड़ी रह गयी



पर अभी इन सब बातों का टाइम नही है अभी तुम मेरे पास हो तो मैं अपने मूड को बिगाड़ना नही चाहती हूँ , वैसे भी मुझे पता है कि तुम्हे भूख लगी होगी तो चलो रेस्टोरेंट चलते है कुछ खा पी लेते है मैने कहा आज अपने हाथो का बना खाना नही खिलाओगी या अब हम इतने पराए हो गये है की बाहर से ही टरकाना चाहती हो तो निशा मेरे होंठो पर उंगली रखती हुवे बोली मनीष , खबरदार जो तुमने दुबारा ऐसा कहा तो



तुम मेरे लिए कभी भी पराए नही हो सकते हो , तुम भी ये अच्छी तरह से जानते हो ये बोलते बोलते निशा एमोशनल हो गयी तो मैने कहा निशा, अब फिर से रुलाओगी क्या तो फिर वो कार चलाने लगी और कुछ हल्की फुल्की बाते करते हुवे हम उसके फ्लॅट मे आ गये 12थ फ्लोर पर उसका दो बेडरूम का सेट था अंदर आते ही दिल को ऐसा सुकून सा मिला की जैसे मैं किसी मंदिर मे आ गया हू




उसने मेरा बॅग अंदर रखा और बोली मैं चेंज करके आती हूँ तब तक तुम भी फ्रेश हो जाओ काफ़ी थके थके से लग रहे हो मैने कहा हाँ बातरूम कॉन सी साइड है तो उसने मुझे बताया थकान तो हो रही थी पर निशा के साथ होने का अहसास भी तो था मैने अपने कपड़े उतारे और नहाने लगा मैने शवर चालू किया और खुद को भिगोने लगा ठंडा पानी जैसे बदन को चीरता ही चला गया पर अपने को क्या फरक पड़े



मैने लगाने के लिए साबुन उठाया तो मेरे होंठो पर एक मुस्कान आ गयी थी उफफफफफफफफ्फ़ ये लड़की भी ना आज भी ये मार्गो साबुन यूज़ करती है बस यही तो उसकी सादगी थी जो उसे औरो से जुदा करती थी ,25-30 मिनट तक अच्छे से रगड़ रगड़ कर नाहया तब जाके शरीर थोड़ा सा रिलॅक्स हुआ मेरा मैं बाहर आया तो देखा कि निशा ने भी ड्रेस चेंज कर ली थी और एक टीशर्ट और पयज़ामा डाल दिया था



उसने जूस का गिलास मुझे पकड़ाया और बोली तो बताओ आर्मी ऑफीसर क्या चल रहा है लाइफ मे और तुमने मुझे आख़िर ढूँढा कैसे , तो मैने कहा बात ये है कि आजकल मैं आर्मी मे नही हूँ तो शॉक्ड होते हुए बोली तुमने जॉब छोड़ दी मैने कहा अरे नही तुम पूरी बात तो सुनो , दरअसल आज कल मैं इंडियन इंटेलिजेन्स मे हूँ डेप्युटेशन पर तो बस उसी मे ही काम कर रहा हू तो वो मुस्कुराते हुवे बोली अच्छा जी तो आपने मेरी जासूसी कर ली
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