Free Sex Kahani काला इश्क़!
11-04-2019, 01:26 PM,
#61
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
(10-31-2019, 10:53 PM)Game888 Wrote: Waiting for next

(11-01-2019, 11:40 PM)Game888 Wrote: Kya hua Bhai Exclamation

(11-03-2019, 10:16 AM)Game888 Wrote: Waiting.........
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I was depressed a bit with some problem! Now I'm back and the next update is coming in a while.
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11-04-2019, 01:29 PM,
#62
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
update 27 

इसी तरह ऋतू और मेरे प्यार भरे दिन बीतने लगे, सोमवार से शुक्रवार उससे शाम को मिलना और फिर शनिवार और इतवार साथ-साथ ऑफिस में पूरा दिन गुजारना| घर से फ़ोन आता तो मैं कह देता की मैं नहीं आ पाउँगा क्योंकि बॉस छुट्टी नहीं दे रहा है| ऋतू के आने के बाद ऑफिस में एक ग्रुप बन आगया था| मैं, अनु मैडम, राखी और ऋतू का एक ग्रुप और बाकी लोगों का एक ग्रुप! मैडम भी ऋतू के काम से बहुत खुश थीं और प्रोजेक्ट भी आधा खत्म भी हो गया था| मैडम तो इतनी खुश थीं की उन्होंने कहा की ऋतू की ग्रेजुएशन के बाद वो हमारा ऑफिस ही ज्वाइन कर ले| पर ये तो मेरा मन जानता था की ऋतू की ग्रेजुएशन के बाद तो हम दोनों ही यहाँ नहीं होंगे!


 आज का दिन बहुत अलग था, चूँकि आज शनिवार था तो आज ऋतू भी ऑफिस आई हुई थी| 11 बजे राख ऑफिस में आई और उसके हाथ में मिठाई का डिब्बा था| सबसे पहले बॉस को और फिर मैडम को उसने खुशखबरी दी की उसकी शादी तय हो गई है| ऑफिस में सब का उसने मुंह मीठा कराया और मेरा नंबर आखरी था| ऋतू से प्यार होने से पहले मैं राखी को बहुत पसंद करता था, पर कभी उससे काम के इलावा कोई बात नहीं की| हम दोनों ने जो भी थोड़ा बहुत खुल के बातें की वो सब राख के मुंबई मिलने के बाद था| शायद इसीलिए उसकी शादी की बात सुन कर थोड़ा दुःख हुआ! पर अगले ही पल मुझे ऋतू का हँसता हुआ चेहर दिखा और मुझे होश आया की मेरे पास तो ऋतू का प्यार है! मन में ख़ुशी थी इस बात की, की राखी की शादी हो रही है पर दुःख शायद इस बात का था की पिछले कीच दिनों में हम जो थोड़ा बहुत खुल कर बातें करने लगे थे वो अब कभी नहीं हो पायेगी! मैं अपना ये गम छुपाये हुए था पर शायद ऋतू समझ चुकी थी| लंच में हम दोनों नीचे चाय पीने गए थे की तभी ऋतू ने मुझे एक तरफ अकेले में आने को कहा|

ऋतू: राखी वही लड़की है न जिसे आप बहुत प्यार करते थे?

मैं: पसंद करता था!

ऋतू: समझ सकती हूँ की आपको कैसा लगा होगा आज!

मैं: I’m happy for her!

ऋतू: Tha I know, but what about your inner wound! It must be hurting you from inside?!

मैं: It did hurt, but then I saw your beautiful smiling face and realized I’ve the most loving person with me.

ये सुन कर ऋतू के गाल शर्म से लाल हो गए| आगे हम कुछ बातें करते उससे पहले ही राखी आ गई और उसकी और ऋतू की बातें शुरू हो गई| दोनों कपड़ों को ले कर कुछ बातें कर रही थीं, मैंने आखरी घूँट चाय का पिया और फिर वहाँ से निकल आया| वो पूरा दिन ऋतू मेरे आस-पास मंडराती रही, किसी न किसी बहाने से मुझसे कुछ भी पूछने आती और मुझे हँसाती बुलाती रहती| उस दिन ऋतू को नजाने क्या सूझी की उसने मैडम से जल्दी जाने की बात बोली, अब मैडम तो उसे घर छोड़ने के लिए निकलना चाहती थीं क्योंकि उनको बॉस के सामने काम करना बिलकुल पसंद नहीं था| बॉस हमेशा उनपर धौंस जमाते और काम करवाते रहते थे| इसलिए मैडम इसी फिराक में रहती की कहीं न कहीं किसी न किसी बहाने से ऑफिस से निकल जाएँ| पर ऋतू ने बड़ी शातिर चाल चली; "mam वो मुझे अमीनाबाद मार्किट जाना है! वहाँ आपकी कार कैसे जाएगी? वहाँ तो पार्किंग भी नहीं मिलती? आप अगर सर (मेरी तरफ इशारे करते हुए) से कह दें तो वो मुझे वहाँ छोड़ देंगे?!" ऋतू ने जब मेरी तरफ इशारा किया तब मैं उसी तरफ देख रहा था पर जैसे मैडम ने मेरी तरफ देखा मैंने तुरंत नजरें फेर लीं| मेरी खुशकिस्मती की मैडम समझ नहीं पाईं और उन्होंने मुझे आवाज लगा कर बुलाया; "मानु जी! जरा हमारी रितिका की मदद कर दो| उसे अमीनाबाद मार्किट जाना है, आप उसे वहाँ छोड़ दो|" ये सुन कर बिलकुल हैरान था; "पर mam वहाँ तो इस वक़्त बहुत भीड़ होती है?"

"हाँ जी तभी तो आपको कह रही हूँ, आप रितिका को वहाँ छोड़ कर घर निकल जाना|" मैडम ने कहा|

"पर mam ...वो सर???" माने थोड़ी चिंता जताई|   

"कौन सा आप पहली बार जल्दी निकल रहे हो, मैं कह दूँगी की आज आपकी टूशन क्लास थोड़ा जल्दी थी|" मैडम की बात सुन कर रितिका का मन प्रसन्न हो गया और उसकी ख़ुशी उसके चेहरे से झलकने लगी| मैंने अपना बैग उठाया और हम दोनों नीचे आने को उतरने लगे| पर मैं जानबूझ कर चुप रहा ताकि मैडम को ये ना लगे की ये हमारी मिली-भगत है| नीचे आ कर मैंने ऋतू से कहा; "बहुत दिमाग चलने लगा है आज कल तेरा?" ऋतू बस हँसने लगी और आ कर मेरी बाइक पर पीछे बैठ गई| "अच्छा जान कहाँ है?" मैंने पूछा| "बाज़ार जायेंगे और कहाँ?" ऋतू ने थोड़ा इठलाते हुए जवाब दिया| मैंने बाइक उसी तरफ भगाई, वहाँ पहुँच कर ऋतू ने मुझे एक दूकान के सामने रुकने को कहा| मेरा हाथ पकड़ के मुझे वो अंदर ले गई और मेरे लिए शर्ट पसंद करने लगी| पर बेचारी जल्दी ही मायूस हो गई; "क्या हुआ जान!" मैंने उससे प्यार से पूछा तो उसने बताया की जो स्टिपेन्ड मिला था उससे वो मेरे लिए एक शर्ट लेना चाहती थी पर शर्ट की कीमत 1200/- से शुरू थी| "अरे पगली! ये तो स्टिपेन्ड है सैलरी थोड़े ही?! जब सैलरी मिलेगी तब ले लेना शर्ट, अभी हम तेरे लिए कुछ बालियाँ खरीदते हैं| पर ऋतू का मन नहीं था इसलिए मैंने उसे बहुत मस्का लगाया और उसके लिए मैंने बहुत सुंदर इमीटेशन वाली जेवेलरी खरीदवाई| पैसे ऋतू ने ही दिए और अब वो बहुत खुश थी; "पहली सैलरी जब मिलेगी ना तो आपके लिए मैं बिज़नेस सूट खरीदूँगी!" उसने मुझे चेताया और अमीने भी उसकी बात में हाँ मिला दी| उस दिन उसे मैंने ठीक 6 बजे उसके हॉस्टल छोड़ दिया और घर वापस आ गया| मन अब हल्का था और इसका सारा श्रेय ऋतू का जाता है| अगर वो मेरी जिंदगी में ना होती तो मैं अभी कहीं बैठ कर दारु पी रहा होता| कुछ और दिन बीते और आखिर मेरा जन्मदिन आ गया पर वो आया संडे के दिन! शुक्रवार को ही ऋतू ने मुझे कह दिया था की मैं संडे की छुट्टी ले लूँ पर जब मैंने अनु मैडम से छुट्टी मांगी तो उन्होंने कहा; "मानु जी! संडे को तो वीडियो कॉन्फ्रेंस है और हम सबको वहीँ बैठना है और आप ही तो उन्हें ग्राफ्स और PPTs समझाओगे! ये (बॉस) तो उस दिन यहाँ होंगे नहीं!" अब मैं आगे क्या कहता इसलिए मैंने उनकी बात मान लीं और ऋतू को लंच में फ़ोन कर के बता दिया| ऋतू का तो मुँह बन गया और वो मुझसे 'थोड़ा' नाराज हो गई| अगले दिन जब वो आई तब भी मुझसे कुछ नहीं बोली और मुझे गुस्सा दिखाते हुए मुँह इधर-उधर झटकती रही! उस दिन बॉस ने सारा काम मेरे मत्थे थोप दिया था और खुद शुक्ल जी और बाकियों को ले कर इलाहबाद निकल गए| मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर एहि सोच कर संतोष कर लिया की कम से कम ऋतू तो मेरे सामने है ना| अब उसे मनाने के लिए मैं ही उसकी डेस्क के आस-पास मंडराता रहा|

             "जान! मेरा प्यार बच्चा! मुझसे नाराज है?" मैंने सबसे नजर बचाते हुए ऋतू से तुतलाती हुई जुबान में कहा| ये सुन कर ऋतू के चेहरे पर हँसी छा गई| "जानू! प्लीज कल छुट्टी ले लो, आपका बर्थडे अच्छे से सेलिब्रेट करना है!" ऋतू ने बहुत सारा जोर दे कर कहा| "बाबू! मैडम ने कहा है की कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है और हम तीनों आना है| इसलिए मुझे तो क्या आपको भी छुट्टी नहीं मिलेगी| ऐसा करते हैं की ऑफिस के बाद कहीं बाहर चलते हैं!" मैंने ऋतू को समझाते हुए कहा| "पर हॉस्टल में क्या कहूँगी?" ऋतू ने पूछा| अब इसका तो कोई इलाज नहीं था मेरे पास! "एक आईडिया है! आज जा के आंटी से कह देना की कल तुम्हें गाँव जाना है, मैं तुम्हें ठीक 7 बजे लेने आऊँगा और फिर तुम अपना छोटा सा बैग मेरे घर पर रख देना| उसके बाद ऑफिस और फिर बाद में पार्टी!" ये सुन कर ऋतू इतनी खुश हुई की उसने मुझे गले लगाने को अपने हाथ खोल दिया पर जब उसे एहसास हुआ की वो ऑफिस में है तो उसने ऐसे जताया जैसे वो अंगड़ाई ले रही हो| अगले दिन सारा काम प्लान के हिसाब से हुआ, मैं ऋतू को लेने अपनी बाइक पर हॉस्टल पहुँचा और वो मोहिनी को बाय बोल कर मेरे साथ निकल पड़ी| हमने घर पर ऋतू का बैग (जिसमें ऋतू जब गाँव जाती थी तो कुछ किताबें ले जाय करती थी|) रखा और फिर मैंने कपडे बदले और दोनों ऑफिस आ गए| आज मैंने ऋतू के सामने पहली बार शर्ट और टाई बंधी थी, शर्ट अंदर टक (tuck) थी और टाई लटक रही थी| ऋतू का मन बईमान हो रहा था और वो बार-बार सब की नजरें बचा कर मुझे कभी kiss करने का इशारा (Pout), तो कभी आँख मार देती| जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू हुई तो मैडम ने सबसे पहले अपना ओपनिंग स्टेटमेंट दिया और उसके बाद ऋतू और राखी ने अपने एनालिसिस के बारे में बताया और मैं उन्हीं के साथ खड़ा हो कर ग्राफ्स दिखा रहा था| इसी एनालिसिस और ग्राफ्स के साथ मैंने अनु मैडम के क्लोजिंग स्टेटमेंट की PPT चला दी|   

                   प्रेजेंटेशन के बाद मैडम बहुत खुश थीं और वो राख और ऋतू के गले लग कर अपनी ख़ुशी प्रकट कर रही थीं| पर मुझसे वो गले नहीं मिलीं बल्कि हैंडशेक किया और बधाई दी!  “Guys I’d like to celebrate this day, not only we nailed the presentation but its our beloved Manu’s birthday!”  मैडम की बातें सुन कर मैं हैरान हो गया और अचरज भरी आँखों से उन्हें देखने लगा| “You thought you can escape without giving us treat?? Hunh??” मैं अब भी हैरान था और इधर राखी आ कर मेरे गले लग गई और 'Happy Birthday Dear' बोली| मैं अब भी हैरान था की मैडम को कैसे पता? "Mam, but how did you …..” मेरी बात मैडम ने पूरी होने ही नहीं दी और बोल पड़ीं; "I’m really sorry! एक ही जगह काम करते हुए हमें 3 साल होगये पर आज तक मैंने कभी आपको बर्थडे विश (wish) नहीं किया, न कभी मैंने आपसे पूछा न कभी इस बारे में सोचा पर उस दिन अचानक से मेरी नजर आपकी फाइल पर पड़ी और आपका resume पढ़ा तब पता चला| सच में हम लोग अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त हैं की अपने करीबी लोगों के, अपने colleagues के बर्थडे तक याद नहीं रखते| खेर अब ऐसा नहीं होगा और आज की पार्टी मेरी तरफ से!"  मेरा ध्यान अब भी मैडम की बातों पर था और ऋतू मेरी तरफ देख कर हैरान थी| मैडम मेरे पास आईं और मुझे 'Happy Birthday मानु जी!' बोला और गले लग गईं, मैं अब भी कोई react नहीं कर पा रहा था| मेरे मुँह से बीएस 'Thank You Mam' निकला|

अनु मैडम को मेरे गले लगा देख ऋतू को जलन होने लगी और वो मेरे पास आई 'Happy Birthday Sir!!!' बोल कर मेरे गले लग गई| मैंने भी बहुत गर्म जोशी से उसे कस के गले लगा लिया और 'Thank You' बोला| “Let’s go to a pub!” मैडम ने बड़ी गर्म जोशी में कहा और राखी तुरंत तैयार हो गई पर मैं और ऋतू अब भी खामोश खड़े थे| "रितिका आप ड्रिंक करते हो?" मैडम ने ऋतू से पूछा| "किया तो नहीं मैडम पर आज जर्रूर करुँगी|" ऋतू ने भी बड़ी गर्म जोशी से जवाब दिया| "और आप मानु जी, आज तो आपको भी पीनी होगी!" मैडम ने मुझे हुक्म देते हुए कहा| मैंने नजर बचाते हुए ऋतू की तरफ देखा तो वो पहले से ही मेरी तरफ देख रही थी और जैसे ही हमारी नजर मिली तो उसने सर हिला कर हाँ कहा| मैंने भी मैडम को जवाब सर हिला कर हाँ कहा| मैडम ने और मैंने अपनी-अपनी गाड़ियाँ ऑफिस के पार्किंग लोट में ही छोड़ दी और मैंने कैब बुलवाई, मैं ड्राइवर के साथ और बाकी तीनों पीछे बैठ गए| पब का चुनाव मैंने ही किया, ये एक brewery थी और यहाँ की बियर बहुत ही मशहूर थी| हम चारों ने दो काउच वाला टेबल पकड़ा, अब मैडम एक काउच पर बैठ गईं और राखी दूसरे काउच पर| बचे मैं और ऋतू, तो ऋतू तो मैडम के बगल में बैठने से रही| आखिर वो राखी की बगल में बैठ गई और मैं मैडम के बगल में, ड्रिंक्स मेनू मैडम और मैंने उठाया; "भई मैं तो 30ml chivas लूँगी आप लोग देख लो क्या लेना है|" इतना कह कर मैडम ने मेनू रख दिया|

"Mam पहले एक-एक Lager Beer लेते हैं, It’s their sepeciality and I promise You’re gonna love it!” मैडम ने झट से मेरी बात मान ली और मैंने 4 Lager Beer आर्डर की| "क्या बात है मानु जी? बड़ी नॉलेज है आपको बीयर्स की?" राखी ने मुझे छेड़ते हुए पूछा| "कॉलेज के दिनों में कभी-कभी दोस्तों के साथ आता था|" मैंने कहा| जब बियर आई, सबने cheers किया और एक-एक सिप लिया तो मैडम की आँखें हैरानी से फटी रह गई| "मानु जी! You’re a geniuos! मानना पड़ेगा की आपकी ड्रिंक्स के मामले में चॉइस बहुत बढ़िया है!"

राखी की तारीफ करने से नहीं चुकी; "सीरियसली मानु जी! ना तो ये कड़वी है ना ही इसकी महक इतनी स्ट्रांग है! मैंने आजतक जितनी भी बियर पि ये वाली उनमें बेस्ट है|"

"अरे रितिका तुम्हें अच्छी नहीं लगी?" मैडम ने रितिका से पूछा| "Mam पहलीबार के लिए ये एक्सपीरियंस बहुत बढ़िया है| मैं सोच रही थी की ये बदबू मारेगी और मुझे कहीं वोमिट ना होजाये पर ये तो बहुत स्मूथ है|" ऋतू ने मेरी तरफ देखते हुए कहा| अब खाने की बारी आई तो ऋतू को छोड़ कर हम तीनों नॉन-वेज निकले| हम सब के लिए तो मैंने चिकन विंग्स मंगाए और ऋतू के लिए हनी चिल्ली पोटैटो, आज पहली बार उसने ये डिश खाई और उसे पसंद भी बहुत आई| बियर का मग खत्म करते ही, सब पर बियर सुरूर चढ़ने लगा| लाउड म्यूजिक का असर राखी और ऋतू पर छाने लगा, अगला राउंड फिर से रिपीट हुआ| इस बार तो बियर खत्म होते ही राखी उठ खड़ी हुई और डी.जे. के सामने खड़ी होकर झूमने लगी और गाने पर थिरकने लगी| दो मिनट बाद

 वो ऋतू को भी खींच कर ले गई और बियर का नशा ऋतू पर थोड़ा ज्यादा ही दिखने लगा और दोनों ने झूमना शुरू कर दिया| गाने अभी अंग्रेजी बज रहे थे, मैं और मैडम अकेले बैठे बस गाने को एन्जॉय कर रहे थे|
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11-04-2019, 02:28 PM,
#63
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
(11-04-2019, 01:26 PM)kw8890 Wrote:
(10-31-2019, 10:53 PM)Game888 Wrote: Waiting for next

(11-01-2019, 11:40 PM)Game888 Wrote: Kya hua Bhai Exclamation

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I was depressed a bit with some problem! Now I'm back and the next update is coming in a while.

well i hope that problem is not that big
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11-04-2019, 07:56 PM,
#64
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
(11-04-2019, 02:28 PM)sexstories Wrote:
(11-04-2019, 01:26 PM)kw8890 Wrote:
(10-31-2019, 10:53 PM)Game888 Wrote: Waiting for next

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well i hope that problem is not that big

it was... somehow managed it... atleast for now!
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11-04-2019, 11:06 PM,
#65
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
(11-04-2019, 07:56 PM)kw8890 Wrote:
(11-04-2019, 02:28 PM)sexstories Wrote:
(11-04-2019, 01:26 PM)kw8890 Wrote:
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(11-03-2019, 10:16 AM)Game888 Wrote: Waiting.........
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I was depressed a bit with some problem! Now I'm back and the next update is coming in a while.

well i hope that problem is not that big

it was... somehow managed it... atleast for now!

glad to hear that  Angel
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11-05-2019, 02:12 PM,
#66
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
update 28

कुछ देर बाद मैडम ने पूछा की क्या मैं हार्ड ड्रिंक लूँगा तो मैंने हाँ कह दिया| मैडम ने दो Chivas 30ml मंगाई! हमने चियर्स किया और पहला सिप लिया| मैंने आज पहलीबार इतनी महंगी दारु पि थी और उसका स्वाद वाक़ई में बहुत अच्छा था| बिलकुल स्मूथ और गले से उतरते हुए बिलकुल नहीं जल रही थी| टेस्ट भी बिलकुल स्मूथ... मैं तो उसके सुरूर में खोने लगा था| इतने दिनों बाद दारु मेरे सिस्टम में गई थी और पूरा सिस्टम ख़ुशी में नाच रहा था! मैडम को अब अच्छा नशा हो गया था और वो उठ कर खड़ी हुईं और वेटर को बुला कर उसके कान में कुछ कहा और फिर मेरा हाथ पकड़ के मुझे खड़ा किया| मैडम मुझे जबरदस्ती डांस फ्लोर पर ले गईं और उन्होंने थिरकना शुरू कर दिया| डी.जे. ने आखिर मैडम का गण बजा दिया; "आजा माहि... आजा माहि...आ सोनिये वे आके ..." ये सुनते ही मैडम ने जो डांस किया की मैं बस देखता ही रह गया, ऋतू और राखी भी मैडम के साथ डांस करने लगे|  मैडम मेरी तरफ देखते हुए डांस कर रही थी और  लिप सिंक कर के गा रही थीं; "आजा माही... आजा माही... आ सोनेया वे आके अज मेरा गल लग जा तू!" ये सुन कर मुझे बड़ी शर्म लग रही थी, पर ऋतू का ध्यान इस बार नहीं था|

              मैंने भी थोड़ा डांस करना शुरू कर दिया था और तीनों के साथ डांस कर रहा था| अगला गाना बजा; "Angel eyes" और फिर तो मैडम और मैंने मिलके साथ डांस किया| मैडम ने आकर मुझे गले लगा लिया और मेरा हाथ उठा कर अपनी कमर पर रख लिया और अपनी बाहें मेरे गले में डाल दि और हम दोनों थिरकने लगे| ऋतू ने जब ये देखा तो उसने कुछ रियेक्ट नहीं किया बस मुझे आँख मार दी और अपना डांस चालु रखा| "my baby’s got ooooooooooooooo” मैं और मैडम एक साथ लिप सिंक कर के गा रहे थे| फिर गाने की लाइन आई; "तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया, बैठे ही बैठे मैंने दिल खो दिया!" तो मैडम ने मेरी आँखों में आँखें डालते हुए गाने लगी| मैंने मैडम की इस बात का कोई जवाब नहीं दिया, देता भी क्या? मुझे लग रहा की मैडम तो बस गाना गा रही हैं, सच में मुझसे प्यार का इजहार थोड़े ही कर रहीं हैं! वैसे ये सुनने में रोमांटिक तो लग रहा था पर हम तो पहले ही ऋतू के हो चुके थे!

                                    अगला गाना चेंज हुआ तो मैडम शर्मा गईं और अपना पेग पीने चली गईं और इधर ऋतू मेरे पास आ कर नाचने लगी| अगला गाना ये प्ले हुआ; "गज़ब का है दिन सोचो ज़रा ये दीवानापन देखो ज़रा तुम हो अकेले हम भी अकेले मज़ा आ रहा है कसम से.. कसम से.." बस फिर क्या था मैंने और ऋतू ने किसी की भी परवाह किये बगैर एक दूसरे को कस कर बाहों में भरा और गाने पर थिरकने लगे|

अब मैडम भी अपना पेग खत्म कर के वापस आ चुकी थीं,  मैंने भी धीरे-धीरे ऋतू से दूरी बना ली और मैडम को शक नहीं होने दिया| अगला गाना बजा; "थोया-थोया" और अब तक राखी जो लड़कियों वाले ग्रुप में नाच रही थी वो मेरे पास आ गई;

"तूने क्या किया मेरी जान-ए-जा

एक नज़र में ही दिल चुरा लिया

मुझको क्या हुआ कोई जाने न

तुझको देखा तोह होश खो दिया" राखी ने ये लाइन मेरी तरफ ऊँगली करते हुए गाई| अब जब मेरी बारी आई तो मैंने भी गाने की आगे की लाइन गाई;

"तेरी हर नज़र तेरी हर अदा

क्या कहु तुमपे दिल है यह फ़िदा

तुझसे है ज़मीन तुझसे आसमान

तुझसे बढ़कर नहीं कोई नशा" और हम सारे नाचने लगे| अब बारी थी मेरी की मैं भी अपना पेग खत्म कर दूँ तो मैं तीनों को नाचता हुआ छोड़ के अपना पेग पीने लगा| तभी वहां नेक्स्ट गाना लगा; “Shape of you” मैं जल्दी से वपस डांस फ्लोर पर आ गया और चारों जोश से भर के नाचने लगे, "I'm in love with your body…

Oh—I—oh—I—oh—I—oh—I" ये लाइन चारों एक साथ चीखते हुए गा रहे थे| इस गाने के खत्म होने के बाद चारों चूँकि तक चुके थे इसलिए सारे वापस आ कर काउच पर 'फ़ैल' गए! जब सबकी सांसें दुरुस्त हुईं तो राखी ने कहा की उसे एक और बियर चाहिए और ऋतू ने कहाँ मुझे कोई हार्ड ड्रिंक try  करना है| मैं हैरानी से ऋतू की तरफ देखने लगा, मैंने सोचा की मुझे उसे समझाना चाहिए तो मैंने बात बदलते हुए कहा; "आप में से किसी को brewery tank देखना है?" ऋतू ने जल्दी से अपना हाथ उठाया पर उसके अलावा किसी ने कोई जोश नहीं दिखाया| मैडम ने भी कहा की बाद में देखेंगे अभी मैं ड्रिंक्स का आर्डर दे दूँ| "रितिका जी, आप आज LIIT try कर के देखो|" मैंने कोशिश की कि ऋतू हार्ड ड्रिंक ना ले वर्ण वो आज क्या रायता फैलाती ये मैं जानता था| "ये हार्ड ड्रिंक है?" ऋतू ने फटक से पूछा| "नहीं... its Long Island Ice Tea"

"पर बियर के बाद चाय कौन पीटा है!" ऋतू ने बड़े भोलेपन से पूछा|

  ऋतू की बात सुन कर मैं बहुत जोर से हँसा, राखी और यहाँ तक कि मैडम को भी नहीं पता था कि LIIT क्या होती है! "ये कोई चाय नहीं है बल्कि दो-तीन तरह कि हार्ड ड्रिंक्स को मिला कर बनाया जाता है| टेस्ट में ये मीठी होती है पर नशा बियर के मुकाबले थोड़ा ज्यादा होता है|"  ये सुन कर तीनों ने try करने की हामी भरी और मैंने तीनों के लिए ये मंगाई और अपने लिए 'ale beer' मंगाई| जब आर्डर सर्व हुआ तो तीनों मेरी तरफ देखने लगे और पूछने लगे की मैंने क्या मंगाया है? "ये 'ale beer' है| ये थोड़ी स्ट्रांग है, टेस्ट में हलकी सी कॉफ़ी की महक आती है|" ये सुनना था की सबसे पहले मैडम ने एक सिप लिया और दूसरा सिप ऋतू ने लिया और लास्ट सिप राखी ने लिया|

"ये तो थोड़ी कड़वी है!" ऋतू ने मुँह बनाते हुए कहा| उसके इस बचकानेपन पर मुझे हँसी आ गई| आधी बियर खत्म कर मैं वाशरूम के लिए उठा और ऋतू भी उठ खड़ी हुई और फिर हम दोनों वाशरूम आ गए| अंदर घुसने से पहले ही मैंने ऋतू का हाथ पकड़ लिया और उसके कान में बोला; "हार्ड ड्रिंक मत लेना!" उसने सवालियां नजरों से पूछा की आखिर क्यों नहीं लेना तो मैंने उसे समझाया; "नशे में अगर तुमने कुछ बक दिया तो काण्ड हो जायेगा!" पर उसने मेरी बात को दरगुजर किया और वाशरूम में घुस गई| मैं भी वाशरूम में घुस गया पर मन ही मन तैयारी कर चूका था की बीटा आज तो काण्ड होना तय है! खेर वापस आया तो मैडम ने कहा की सब brewery tank देखना चाहते हैं| मैं उन्हें काउंटर के पीछे ले गया और उन्हें स्टेनलेस स्टील से बने टैंक दिखाए| तीनों वो देख कर खुश हो गए, दरअसल ये तो दारु थी जिसका थोड़ा-थोड़ा नशा सब पर छाने लगा था| हम वापस आ कर बैठे ही थे की डी.जे.  ने गाना लगाया 'साइको सैयां'| अब ये सुन के तो तीनों पागल हो गए और मुझे खींच कर डांस फ्लोर पर ले आये और तीनों मेरे से चिपक कर नाचने लगे| मैं भी शराब के सुरूर में तीनों के साथ कदम से कदम मिला कर डांस करना शुरू कर दिया| उसके बाद तो डी.जे ने एक के बाद ऐसे गाने बजाये की हम चारों ने बिना रुके आधा घंटा डांस किया| आखिर कर तक कर हम चारों काउच पर बैठे और मैडम ने लास्ट राउंड खुद आर्डर किया| Chivas के 2 30ml पेग और मेरे और अपने लिए मैडम ने 60ml large पेग मंगाया| मेरा कोटा सबके मुकाबले काफी बड़ा था इसलिए मैं अब भी होश में था| जबकि ऋतू और राखी तो ढेर हो चुके थे, दोनों को बहुत तगड़ा नशा हो चूका था| मैंने मैडम से चलने को कहा तो उन्होंने bill मंगवाया और बिल आया 8,000/- का आया| अब मैं और मैडम बिल भरने  के लिए जिद्द करने लगे पर मैडम ने बात नहीं मानी और खुद ही बिल भरा| जब मैडम उठ कर खड़ी हुईं तो नशा उन पर जोर दिखाने लगा और वो लडख़ड़ाईं, मैंने उन्हें संभालना चाहा तो मेरा हाथ सीधा उनकी कमर पर जा पहुंचा| फिर मैडम ने जैसे-तैसे खुद को सम्प्भाला, पर ऋतू और राखी तो काउच पर ऐसे फैले हुए थे जैसे की कोई लाश! मैंने दोनों को उठाया और चलने को कहा तो दोनों से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था| मैडम ये देख कर हँसने लगी, अब मैंने दोनों को जैसे-तैसे सहारा देकर उठाया और दोनों ने अपनी एक-एक बाँह मेरे गले में डाल दी| मैं दोनों के बीच में था और मैंने दोनों को उनकी कमर से संभाल रखा हुआ था| ऋतू और राखी का सर मेरे सीने पर था और मैडम ने इस मौके का फायदा उठा कर अपना फ़ोन निकला और मेरी इस हालत में फोटो खींची और फिर हम चारों की सेल्फी भी ली| जैसे-तैसे मैं दोनों को बहार ले कर आया और मैडम भी लड़खड़ाते हुए बहार आ कर खड़ी हो गई|

"मानु जी ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई !!! कैब बुला..... लो ..... नाआ...." मैडम ने शब्दों को खींच-खींच कर बोलना शुरू कर दिया| पर मैं कैब बुलाऊँ कैसे? ऋतू और राखी दोनों मेरे सीने से चिपकी हुई थी| मैंने दोनों को हिला- डुला कर होश में लाना चाहा, जैसे ही दोनों को थोड़ा होश आया की दोनों ने उलटी करनी शुरू कर दी| दोनों ही मुझसे अलग हो कर अलग-अलग दिशा में जा कर उलटी करने लगी, अब मैंने फटाफट फ़ोन निकाला और कैब बुक कर दी| मैंने पानी की बोतल ला कर ऋतू और राखी को दी और तभी कैब आ गई| अब तो मुझ पर भी दारु का असर चढ़ना शुरू हो गया था पर उतना नहीं था जितना मैडम और ऋतू पर था| मैं आगे बैठा और बाकी तीनों बड़ी मुश्किल से पीछे बैठे| किसी का हाथ किसी पर था तो किसी का मुँह किसी की गोद में! ड्राइवर भी हँस रहा था और कह रहा था साहब कैसे छोड़ोगे सब को? मैंने उसे पहले मैडम को घर छोड़ने के लिए कहा और गाडी उस तरफ चल पड़ी| मैडम का घर आया तो मैंने मैडम को जगाया, उनकी तो आँख भी नहीं खुल रही थी| कुनमुनाते हुए वो उठीं और शायद उनको थोड़ा होश था तो वो बोलीं की आज रात सब उन्हें के घर सो जाते हैं| मैंने मना किया तो मैडम ने कहा की ऋतू को हॉस्टल इस हालत में कैसे छोड़ोगे? और राखी को उसके घर कैसे छोड़ोगे? उसके घर वाले बवाल करेंगे| आखिर मैडम ने राखी के घर फ़ोन कर के बोल दिया की राखी उन्हीं के घर रुकेगी रात और कल सुबह आ जायेगी घर|

                                           मैं और मैडम पहले गाडी से उतरे पर बाकी दोनों देवियाँ बेसुध पड़ी थीं| मैंने ऋतू को खींच कर बाहर निकला और मैडम ने राखी को, ऋतू को मैंने गोद में उठा लिया और जैसे ही उसे मेरे जिस्म का एहसास हुआ उसने अपने दोनों हाथों को मेरे गले में डाल दिया| मैडम ने मुझे जब इस तरह से ऋतू को उठाये हुए देखा तो वो आँखें चढ़ा कर मुझे छेड़ते हुए बोली; "क्या बात है मानु जीईईईईईईईईई !!!" मैंने बस मुस्कुरा दिया और आगे कहता भी क्या| मैडम ने राखो को अपने शरीर का सहारा दे रखा था और उसका दाएं हाथ मैडम के गले में था| मैडम आगे और मैं पीछे था, दरवाजा खोल कर मैडम अंदर आईं और मुझे एक कमरे की तरफ इशारा किया, मैं वहीँ पर ऋतू को ले कर घुस गया| मैडम भी मेरे पीछे पीछे राखी को ले कर आईं और राखी तो बेड पर औंधी पड़ गई (कुछ इस तरह)| 


[Image: g2577kuizg3b.jpg]

पर ऋतू ने अपनी बाहों को मेरे गले में कस रखा था| जब मैं उसे लिटाने लगा तो वो मुझे kiss करने के लिए pout करने लगी| ये मैडम ने देखा तो वो दरवाजे का सहारा ले कर खड़ी हो गईं और देखने लगीं की क्या मैं उसे Kiss करूँगा या नहीं?!  चाहता तो मैं भी ऋतू को चूमना था पर मैडम के होते हुए ये नहीं हो सकता था| मैंने मैडम की तरफ मुँह घुमा लिया ताकि ऋतू मुझे Kiss न कर सके| मैडम ये देख कर हँस पड़ी और मैं भी हँस दिया| जैसे-तैसे मैंने ऋतू के हाथों को अपनी गर्दन से छुड़ाया और मुड़ के जाने लगा तो वो बुदबुदाते हुए बोली; "जानू!...उम्म्म... ममम.... प्लीज...!!!" अब मैं क्या कहूं क्या करूँ कुछ समझ नहीं आया पर शुक्र है की मैडम ने इसका कोई गलत मतलब नहीं निकाला और बोली; "आज कुछ ज्यादा ही नशा हो गया रितिका को, ये भी होश नहीं है की वो कहाँ है और किसके साथ है|" मैंने बस जवाब में 'जी' कहा और हम बाहर हॉल में आ गए, अब बात ये थी की मैं सोऊँगा?  पर मैडम तो आज कुछ ज्यादा ही मूड में थी, उन्होंने 1000 Pipers की बोतल निकाली और दो पेग बना कर ले आईं|                        

                             मैं तो आज जैसे सातों जन्म की दारु की प्यास बुझा लेना चाहता था क्योंकि जानता था की कल से ऋतू मुझे पीने नहीं देगी| इसलिए मैंने पेग लिया और खड़ा-खड़ा ही पीने लगा और मैडम के घर को देखने लगा| उनसे नजरें मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए मैं बस नजरें चुरा रहा था| "मानु जीईईईईईई!!! आप मेरे रूम में सो  जाइये मैं यहाँ हॉल में काउच पर सो जाउँगी|" अब भला मैं ये कैसे मान सकता था; "नहीं Mam आप अंदर सो जाइये मैं यहाँ सो जाऊँगा|"

"आज तो आप बर्थडे बॉय हैं, आज तो आपका ज्यादा ख्याल रखना चाहिए|" मैडम ने सिप लेते हुए कहा|

"Mam अब तो 12:30 बज गए, मेरा दिन ख़तम! अब तो मैं वापस से पहले वाला मानु ही हूँ|" मैंने अपने पेग का आखरी घूँट पीते हुए कहा|

"चलिए ना आपकी न मेरी, हम दोनों ही सो जाते हैं!" मैडम ने थोड़ा दबाव बनाते हुए कहा और मेरा हाथ पकड़ के मुझे कमरे की तरफ ले जाने लगी| पर मैं वहीँ रूक गया और बोला; "Mam अच्छा नहीं लगता! ऋतू...मेरा मतलब रितिका और राखी भी हैं घर पर| वो कल सुबह उठेंगी तो कुछ गलत न सोचें| इसलिए प्लीज Mam आप अंदर सो जाइये मैं बहार सो जाता हूँ|" मैंने मैडम से विनती की तो मैडम मेरी आँखों में देखने लगी; "सच्ची मानु जी! आप ..... कुछ ज्यादा ही .... खय... (ख़याल)… सोचते हो|" मैडम ने किसी तरह से बात को संभालते हुए कहा| वो जानती थी की मेरे मन में उनके लिए प्रेमियों वाल प्यार नहीं बल्कि एक अच्छे दोस्त जैसे मान सम्मान है| इसलिए वो मुस्कुरा दीं और मुझे अंदर से तकिया ला कर दिया और फिर सोने चली गईं| मैं भी काउच पर जूते-मोजे उतार के लेट गया और फ़टक से सो गया| शराब का नशा अब दिमाग पर बहुत चढ़ रहा था, रात के करीब 2 बजे होंगे की मुझे किसी के हाथ का स्पर्श अपने होठों पर हुआ|
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11-06-2019, 02:30 PM,
#67
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
update 29

                                                 ये कोई और नहीं बल्कि ऋतू थी जो अभी भी नशे में थी और अपने बिस्तर से उठ कर मेरे सिरहाने खड़ी थी| पर मुझ पर तो दारु का नशा सवार था इसलिए मैं बस उस हसीं पल का लुत्फ़ उठा रहा था, जिसमें ऋतू मेरे होठों को बारी-बारी चूस रही थी| उसके हाथों ने मेरी कमीज के बटन खोलने शुरू कर दिए थे और मैं अब भी होश में नहीं आया था| सारे बटन खोल कर ऋतू मेरी टांगों की तरफ आई और झुक कर मेरी पैंट की ज़िप खोली, फिर बेल्ट खोलने की कोशिश में उसने मुझे थोड़ा हिला दिया जिसके कारन मेरी नींद टूटी और मैं कुनमुनाया; "उम्म्म...ममम" पर ऋतू को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा और वो फिर से मेरी बेल्ट खोलने लगी| पर चूँकि बेल्ट बहुत टाइट थी तो उसे खोलने में ऋतू को कठनाई हो रही थी| उसने हार मानते हुए मुझे ही हिलाना शुरू कर दिया, 3-4 बार हिलाते ही मेरी आँख खुल गई| पर हॉल में कम रौशनी थी जिससे मैं ये नहीं देख पाया की कौन है और खुसफुसाते हुए पूछ बैठा; "कौन है?" जवाब में ऋतू ने मेरे होठों को फिर से अपने मुँह में भर लिया और मेरे ऊपर के होंठ को चूसने लगी| अब मुझे समझते देर न लगी की ये ऋतू है, पर दिमाग नशे से इतना सुन्न था की मैं जल्दी रियेक्ट नहीं कर पाया| पर फिर भी इतनी सुद्ध तो थी की मैं अपने घर नहीं बल्कि मैडम के घर पर हूँ और वहाँ मेरे और ऋतू के अलावा दो लोग और हैं| मैंने बड़ी मुश्किल से ऋतू के होठों से अपने होठों को छुड़वाया और खुसफुसाते हुए बोला; "जान! क्या कर रहे हो? हम mam के घर पर हैं! कोई आ जायेगा...." पर मेरी बात पूरी होने से पहले ही ऋतू मेरे ऊपर लेट गई और फिर से अपने होठों से मेरे होठों को कैद कर लिया| अब तो मुझे भी जोश आ ने लगा था पर खुद को काबू करने लगा| दो मिनट मेरे होंठ चूसने के बाद ऋतू ने खुद ही उन्हें छोड़ दिया और मेरी छाती पर सर रख कर बोली; "जानू! आज बहुत मन कर रहा है! बड़े दिन हुए आपने मुझे प्यार नहीं किया?!"

"जान! हम mam के घर पर हैं, कोई आगया तो?" मैंने ऋतू को समझाते हुए कहा|

"कोई नहीं आएगा जानू! Mam और राखी दोनों गहरी नींद में हैं और मैंने Mam के कमरे का दरवाजा बंद कर दिया है| प्लीज मान जाओ ना!" अब मेरा प्यार मुझसे इतने प्यार से मिन्नत कर रहा है तो मैं भला उसका दिल कैसे तोड़ सकता था| "तो आप नहीं मानने वाले ना?!" मैंने ऋतू के बालों में हाथ फेरा और उसे उठ कर खड़ा होने को कहा| मैंने एक बार खुद इत्मीनान किया की मैडम और राखी सो रहे हैं ना?! फिर दोनों कमरों के दरवाजे को मैंने धीरे से बंद कर दिया, वापस आया तो ऋतू काउच पर लेटी थी और उसने अपने डिवाइडर का नाडा खोल कर नीचे खिसका दिया था| उसकी पैंटी भी घुटनों तक उतरी हुई थी, अब मैंने भी जल्दी से अपनी पैंट खोल दी और कच्छा नीचे किया और लंड पर खूब सारा थूक चुपेड़ा| अपने घुटने मोड़ कर मैं ऋतू के ऊपर छा गया और हाथों से पकड़ के लंड उसकी बुर के द्वार से भीड़ा दिया| मैं जानता था की जैसे ही मैं लंड ऋतू की बुर में पेलुँगा वो दर्द से चिल्लायेगी इसलिए मैंने सबसे पहले उसके होठों को अपने मुँह से ढक दिया| मैंने अपनी जीभ उसके मन में डाल दी और ऋतू उसे चूसने लगी, इसका फायदा उठाते हुए मैंने नीचे से अपने लंड को उसकी बुर में उतार दिया| सिर्फ सुपाड़ा ही अंदर गया था की ऋतू ने मेरी जीभ को दर्द महसूस होने पर काट लिया| अब 'आह' कहने की बारी मेरी थी पर वो आवाज निकल नहीं पाई, जोश आया तो मैंने नीचे से एक और झटका मारा और आधा लंड बुर में पहुँच गया| ऋतू ने मेरी जीभ छोड़ दी और उसकी सीत्कारें मेरे मुँह में ही दफन हो कर रह गई| कुछ  "गुं..गुं..गुं..!!!" की आवाजें बाहर आ रहीं थी|


ऋतू का दर्द मुझसे कभी बर्दाश्त नहीं होता था, इसलिए मैं तुरंत रूक गया| मैंने उसके होठों के ऊपर से अपना मुँह हटा लिया, मेरे हटते ही कुछ पल में ऋतू की सांसें सामान्य हुई और वो बोली; “जानू! प्लीज ... रुको मत! पूरा अंदर कर दो!!!!" ऋतू की बात सुन उसका मेरे लिए प्यार मैं समझ गया और वापस उस पर झुक गया| धीरे-धीरे बिना रुके मैंने अपना पूरा लंड उसकी बुर में पहुँचा दिया| अब मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया, ऋतू से ये सुख बिना आवाज किये बयान करना मुश्किल था| उसने अपने दाहिने हाथ की कलाई अपने मुँह पर भर ली और उसे काटने लगी| उसकी सीत्कार उसके मुँह में ही कैद होने लगी और इधर मेरी रफ़्तार तेज होने लगी थी| 10 मिनट तक ही ऋतू टिक पाई और फिर वो झड़ने लगी, पर इससे पहले की मैं झड़ता राखी के कमरे का दरवाजा खुला और वो बाहर आई| उसपर नजर सबसे पहले ऋतू की पड़ी और उसने मुझे एक डीएम से अपने ऊपर से ढकेल दिया| जब मेरी नजर ऋतू की नजर के पीछे-पीछे गई तो राखी मुझे वाशरूम जाती हुई दिखी और मैं भी हड़बड़ा कर उठा और फटाफट अपनी पैंट पहनने लगा| ऋतू ने भी अपने कपडे ठीक किये और अंदर कमरे में भाग गई| ये तो शुक्र था की हॉल में रौशनी कम थी और काउच जिस पर हम दोनों थे वो दरवाजे के साथ वाली दिवार के साथ था| राखी ने हम दोनों को नहीं देखा और वो सीधा ही वाशरूम में घुस गई थी| जब वो बाहर आई तो मैं चुप-चाप ऐसे लेटा था जैसे सो रहा हूँ, उसने आ कर मेरी टाँग हिला कर मुझे उठाया; "रितिका कहाँ है?" ये सुन कर तो मैं अवाक रह गया, मुझे लगा की उसने मुझे और ऋतू को सेक्स करते हुए देख लिया! मैंने फिर भी अनजान बनते हुए, कुनमुनाते हुए कहा; "प....पता नहीं!"

"अंदर तो नहीं है? आप लोग उसे वहीँ तो नहीं छोड़ आये ना?" ये सुन कर मुझे सुकून हुआ की उसने कुछ देखा नहीं! मैं तुरंत उठ के बैठ गया और ऐसे दिखाने लगा की मुझे सच में नहीं पता की वो कहाँ है| मैंने हॉल की लाइट जलाई; "आप ने वाशरूम देखा?" पर तेज लाइट से जैसे ही कमरे में रौशनी हुई  हम दोनों की आँखें चौंधिया गईं और राखी ने अपनी आँखों पर हाथ रखा और बोली; "मैं अभी वहीँ से तो आ रही हूँ|" मैं जान बुझ कर उसी कमरे में घुसा और देखा ऋतू वहीँ सो रही है; "अरे ये तो रही!" मैंने फिर से चौंकने का नाटक करते हुए कहा| राखी अंदर आई और एक दम से चौंक गई; "ये यहाँ कैसे आई? मैं जब उठी तब तो यहाँ कोई नहीं था?" उसने जा कर ऋतू को छू कर देखा और फिर उसे जगाने लगी तो ऋतू चौंक कर उठ गई और हैरानी से हम दोनों को देखने लगी| "तू यहाँ तो नहीं थी जब मैं उठी?" राखी ने ऋतू से पूछा|

"मैं किचन में थी पानी पीने, जब वापस आई तो आप यहाँ नहीं थे| क्या हुआ?" ऋतू की बात सुन कर राखी की हँसी छूट गई|

"यार तुमने सच में डरा दिया मुझे! मुझे लगा की कोई भूत-प्रेत है यहाँ!" अब ये सुन कर हम तीनों हँस पड़े|


खेर वो दोनों वापस लेट गए और मैं पहले बाथरूम में घुसा और जा कर लंड हिलाया और पानी निकाल कर सो गया| सुबह सात बजे मैडम ने मुझे उठाया और हमारी Good Morning हुई फिर उन्होंने कॉफ़ी का मग मुझे दिया| "नींद तो आई नहीं होगी आपको?" मैडम ने मुझसे पूछा|

"Mam नींद तो जबरदस्त आई पर राखी ने रात को भूत देख लिया!" मेरी बात सुन कर मैडम एक दम से हैरान हो गईं| फिर मैंने उन्हें सारी बात बताई तो मैडम हँस पड़ी| हमारी हँसी सुन कर ऋतू और राखी दोनों बाहर आ आगये| मैडम ने उन्हें भी कॉफ़ी दी और हमारी कल रात के बारे में बातें शुरू हुईं| जब मैडम ने ऋतू को बताया की वो नशे में मुझे मैडम के सामने Kiss करने वाली थी तो वो बुरी तरह झेंप गई! "आय-हाय! शर्मा गई लड़की! अब तो नाम बता दे की कौन है वो लड़का?" ऋतू की नजरें झुकी हुई थी और उसने बस इतना ही कहा; "है एक...." बस इसके आगे वो कुछ नहीं बोली और कॉफ़ी का कप रख कर वाशरूम चली गई|

राखी: वैसे मानु जी, आपके शराब के ज्ञान को सलाम! (राखी ने मुझे छेड़ते हुए कहा|)

अनु मैडम: सब तरह शराब चखी है आपने| (मैडम ने राखी की बात में अपनी बात जोड़ दी|)

मैं: Mam कॉलेज के दिनों में ...... ये सब try की थी| (मैंने थोड़ा झिझकते हुए जवाब दिया|)

राखी: पर पैसे कहाँ से लाते थे तब?

मैं: पार्ट टाइम में टूशन पढ़ाता था| उससे जो पैसे कमाता था उससे ये शौक़ पूरे होते थे|

अनु मैडम: अरे वाह! तभी से Independent हो आप!

राखी: और भी कोई शौक़ है इसके अलावा?

अब मैं सोच में पड़ गया की कुछ बोलूँ या नहीं पर तभी ऋतू आ गई और उसने जाने की इज्जाजत माँगी|

अनु मैडम: अरे पहले नाश्ता तो करो!

फिर मैडम, राखी और ऋतू सब एक साथ किचन में घुस गए और मैं भी फ्रेश हो कर मैडम की बालकनी में खड़ा हो गया और सुबह की धुप का मजा लेने लगा| नाश्ता कर के हम सब को निकलते-निकलते 9 बज गए| मैडम ने आज मुझे और राखी को छुट्टी दे दी और ये सुनते ही ऋतू की आँखें चमक उठी| मैंने कैब बुक की और सबसे पहले राखी का ड्राप पॉइंट डाला और फिर लास्ट में मेरा और ऋतू का| राखी जब उतरी तो वो मेरे पास आई और मुझे कान पकड़ के सॉरी बोला| मैं भी बड़ा हैरान था की ये मुझे क्यों सॉरी बोल रही है| "कल रात शायद नशे में मैंने आपसे कोई बदसलूकी की हो तो उसके लिए सॉरी|"

"पर आपने कुछ नहीं किया! रिलैक्स!" मैंने उसे आशवस्त किया की कुछ भी नहीं हुआ| फिर जब हम घर पहुँचे तो ऋतू फुल मूड में थी| दरवाजे बंद होते ही ऋतू ने मुझे जोर से खींचा और पलंग के सामने खड़ा कर दिया और फिर जोर से धक्का दे कर मुझे पलंग पर गिरा दिया| मैं अभी सम्भल भी नहीं पाया था की ऋतू मेरे ऊपर कूद पड़ी और मेरे पेट पर बैठ गई| फिर झुक कर उसने मेरे होठों को अपने होठों से मिला दिया फिर अपना मुँह खोला और अपनी जीभ से मेरे ऊपर वाले होंठ को सहलाया| उसे अपने मुँह में भर के चूसने लगी, मेरे हाथों ने उसकी पीठ को सहलाना शुरू कर दिया| अब बारी थी मेरी, मैंने भी थोड़ा जोश दिखाया और उस के Kiss का जवाब देने लगा| मैंने अपने हाथों से उसे कास के अपने से चिपका लिया और पलट कर अपने नीचे ले आया| नीचे आ कर मैंने उसके डिवाइडर को निकाल कर फेंक दिया और उसकी कच्छी उतार के पहले उसे सूँघा, फिर उसे भी फेंक दिया| ऋतू की नंगी बुर मेरे सामने थी और ऐसा नहीं था की मैं वो पहली बार देख रहा था, बल्कि जब भी देखता था तो सम्मोहित हो जाता था|


[Image: 273tf4gb5n7n.jpg]

मेरा मुँह अपने आप ही ऋतू की बुर पर झुकता चला गया और जोश आते ही मैंने अपने मुँह को जितना खोल सकता था उतना खोल कर ऋतू की बुर को अपने मुँह से ढक दिया| जीभ सरसराती हुई अंदर चली गई और ऋतू के बुर में लपलपाने लगी| इतने भर से ही ऋतू की बुर ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया और उसने मेरे कमीज के कॉलर को पकड़ के ऊपर खींच लिया| अब मैंने तो अभी भी पैंट पहनी थी पर ऋतू इतनी बेसब्री थी की उसने पैंट की ज़िप खोली और मेरे लंड को टटोलने लगी| लंड पकड़ में आते ही उसने उसे बहार निकाला और अपनी बुर के मुख से भिड़ा दिया| ऋतू के बुर का पानी पहके मेरे लंड के सुपाडे से टच हुआ था मेरे जिस्म में झुरझुरी छूट गई| मैंने पूरी ताक़त से एक झटका मारा और लंड फिसलता हुआ और चीरता हुआ ऋतू के बुर में पहुँच गया| "माँ...आ..आ..आ..आ ..आ..आ...आ..मम...आह....हह..हहा...आय....!!"  ऋतू के मुँह से जोरदार चीख निकली और उसने अपने दाँत मेरे कंधे पर गड़ा दिए! तब जा कर मुझे ऋतू के दर्द का एहसास हुआ| ऋतू के दाँत अब भी मेरे कंधे पर गड़े हुए थे और मैं बिना हिले-डुले ही उसपर पड़ा रहा| पॉंच मिनट तक हम दोनों इस तरह बिना हिले-डुले पड़े रहे, फिर धीरे-धीरे ऋतू ने अपने दाँत मेरे कंधे पर से हटाये और नीचे से उसने अपनी बुर को सिकोड़ा| ये मेरे लिए संकेत था, मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया और अगले दो मिनट में ही मेरी स्पीड बढ गई और ऋतू फिर से झड़ गई! उसके झंडने से मेरे लंड की स्पीड और भी ज्यादा बढ़ गई, पर ऋतू ने मुझे रोकना चाहा और मेरी छाती पर दबाव दे कर मुझे खुद से दूर करने लगी| पर मैं फिर भी लगा रहा, शायद ऋतू से ये बर्दाश्त नहीं हो रहा था और उसने मुझे बहुत जोर से झटका दे कर खुद से अलग कर दिया| मुझे उसके इस बर्ताव से बड़ी खीज हुई और मैं उसके ऊपर से हट गया और दूर जा कर खड़ा हो गया| मेरी सांसें तेज थी और गुस्से से चेहरा तमतमा रहा था, ऋतू की नजर मुझ पर पड़ी तो वो शं गई और दूसरी तरफ मुँह कर के लेटी रही|

                 दरअसल ऋतू के जल्दी छूट जाने से और मुझे बीच मजधार में छोड़ देने से मैं बहुत गुस्से में था|
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11-07-2019, 01:57 PM,
#68
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
update 30 (1) 

मेरा गुस्सा अब बेकाबू होने लगा था और मुझे कैसे भी शांत करना था| मैंने अपनी कमीज, पैंट सब उतार फेंकी, नंगा बाथरूम में घुस गया और शावर चला कर उसके नीचे खड़ा हो गया| पानी की ठंडी-ठंडी बूँदें सर पर पड़ीं तो गुस्सा थोड़ा कम हुआ और लंड 'बेचारा' सिकुड़ कर बैठ गया| दस मिनट तक मैं शावर के नीचे आँखें मूंदें खड़ा रहा, पर गुस्सा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ था| बदन का पानी पोंछ कर जब बहार निकला तो सामने ऋतू सर झुकाये खड़ी थी| मैं उसके बगल से निकल गया और अपने कपडे पहनने लगा| ऋतू पीछे से आई और मुझे अपनी बाहों में भर कर बोली; "सॉरी!" मैंने उसके हाथ अपने जिस्म से अलग किये और बोला; "क्यों मेरे जिस्म में आग लगा रही है, जब उसे बुझा नहीं सकती! मैंने तो नहीं कहा था न की आके मेरे से चिपक जा?" मैंने बड़े रूखे तरीके से उसे दुत्कारा| ऋतू ने सर झुकाये हुए ही अपने कान पकडे और फिर से सॉरी बोला| पर मेरा तो कल रात से दो बार KLPD हो चूका था तो उसका गुस्सा तो था| मैंने आगे कुछ नहीं बोला और ऋतू का बैग उठाया और उसे रेडी होने को कहा पर वो वहाँ से हिली ही नहीं| "सॉरी जानू! आज के बाद कभी ऐसा नहीं करुँगी!" ऋतू ने फिर से कान पकड़ते हुए कहा| अब तक जिस गुस्से को मैंने रोक रखा था वो आखिर फुट ही पड़ा;

"क्या दुबारा नहीं करुँगी? हाँ? बोल??? कल रात को मन किया था न मैंने? बोला था ना की हम mam के घर पर हैं, पर तुझे चैन नहीं था! आखिर मुझे क्या मिला? तू तो जा कर सो गई और मैं बाथरूम में जा कर masturbate कर के सो गया| अभी भी, मैंने तुझे छुआ तक नहीं और तू ही आ कर मुझसे चिपकी थी ना? तेरी तो जिस्म की आग बुझ गई, पर मेरा क्या? अगर मुझे masturbate ही करना था तो सेक्स क्यों? अगर तुझे कोई बिमारी होती तो मैं फिर भी समझता, ये तो तेरा उतावलापन है जिसके कारन प्यासा मैं रह जाता हूँ| उस दिन तो बड़े गर्व से कह रही थी की डॉक्टर ने ये सिखाया है, वो सिखाया है अब क्या हुआ उस सब का? सिर्फ यही नहीं you know shit about sex! Don’t even know how to give a proper blowjob! And if I’m licking you down there you never let me do it, always pull me up on you! कितने महीनों से कर रहे हैं हम ये? बोल??? 6 महीने से!!! और इन 6 महिनों में कितनी बार Porn देखा तूने मेरे फ़ोन में? उससे कुछ नहीं सीखा? और तेरी वो दोस्त काम्य जो तुझे अपने सेक्स के किस्से बड़ी डिटेल में बताया करती थी? उससे कभी कुछ नहीं सीखा तूने? You’ve never ever satisfied me once in these 6 months but still I’m with you, do you know why? Because I fucking love you dammit!!!” ऋतू सर झुकाये सब सुनती रही और फिर आकर मेरे सीने से लग गई| उसकी आँखें छलछला गईं और मेरे अंदर जो गुस्सा था वो अब शांत हो गया| मैंने उसे अब भी नहीं छुआ था और मैं उससे कुछ बोलता उससे पहले ही बॉस का फ़ोन आ गया| मैंने ऋतू को खुद से अलग किया और फ़ोन उठाया| 


ऋतू ने अपने कपडे बदले और मेरी फ़ोन पर बात खत्म होने तक वो फिर से सर झुकाये खड़ी हो गई| बात कर के मैंने ऋतू को उसके हॉस्टल छोड़ा और मैं वापस ऑफिस आगया| मुझे ऑफिस में देखते ही मैडम का पारा चढ़ गया और वो बॉस पर बरस पड़ी; "मैंने मानु जी को छुट्टी दी थी फिर क्यों बुलाया उन्हें?" ये सुन कर बॉस एक दम से उनका चेहरा देखने लगा| मैं उस समय बॉस के साइन कराने खड़ा था और मैं भी थोड़ा हैरान था| सर इससे पहले की मैडम पर बरसते मैंने उन्हें अपनी उपस्थिति से अवगत कराते हुए कहा; "Mam वो AMIS Traders की GST की लास्ट डेट थी!" सर चुप हो गए बस मैडम को घूर के देखने लगे| मैंने जल्दी से फ़ोन निकाला और मैडम को कॉल मिला कर फ़ोन वापस जेब में डाल लिया| मैडम का फ़ोन बजा और उन्होंने देख लिया की मेरा ही कॉल है इसलिए बिना कुछ बोले फ़ोन कान से लगा कर बाहर चली गई| कुछ देर बाद मैडम मेरे डेस्क पर आईं और सामने बैठ गईं और बोलीं; "मानु जी आप कहीं और जॉब ढूँढ लो! यहाँ रहोगे तो अपने बॉस की तरह हो जाओगे|" मैडम का मूड बहुत ख़राब था तो मैंने उन्हें हँसाने के लिए कहा; "Mam फिर तो आपका प्रोजेक्ट अधूरा रह जायेगा और फिर हमारी फ्रेंडशिप का क्या?"

"दूसरी जॉब से हमारी फ्रेंडशिप थोड़े ही खत्म होगी? और रही प्रोजेक्ट की तो जाए चूल्हे में!" मैडम ने मुस्कुराते हुए कहा|

"इतनी मेहनत की है आपने Mam की उसे waste करना ठीक नहीं| इस प्रोजेक्ट के बाद मैं कोई और ऑप्शन ढूँढता हूँ|" मैंने मैडम की बात का मान रखते हुए कहा|

"अच्छा एक बात बताओ, अगर मैंने अपनी अलग कंपनी शुरू की तो मुझे ज्वाइन करोगे?" मैडम ने उत्सुकता वश पूछा|

"बिलकुल Mam ये भी कोई कहने की बात है?! कम से कम आप सैलरी तो अच्छी दोगे!" मैंने हँसते हुए कहा और मैडम ये सुन कर हँस दी| शाम को मैं निकलने वाला था की ऋतू का फ़ोन आया; "जानू! अब भी नाराज हो?" ऋतू ने तुतलाते हुए पूछा| मुझे उसके इस बचपने पर हँसी आ गई| "नहीं" बस इतना बोला की मैडम मुझे आती हुई दिखाई दी| मैंने ऋतू को कहा की बाद में बात करता हूँ और फ़ोन काट दिया| "मानु जी! मुझे Market ड्राप कर दोगे?" मैं फिर से हैरान था और मेरी हैरानी भांपते हुए मैडम बोली; "आपके बॉस गाडी ले गए!" अब ये सुन कर मुझे थोड़ा इत्मीनान हुआ और मैडम मेरे पीछे एक तरफ दोनों पैर रख कर बैठ गईं|


अनु मैडम: वैसे मानु जी आप बुरा न मानो तो एक बात कहूँ?

मैं: जी Mam कहिये|

अनु मैडम: आप इतना डरते क्यों हो?

मैं: डरता हूँ? मैं कुछ समझा नहीं mam?

अनु मैडम: अभी मैंने आप से लिफ्ट मांगी तो आप हैरान थे? कल भी जब मैंने आपको बर्थडे विश किया तब भी, डांस करने के समय भी! आपके बॉस से भी जब मैंने कंप्लेंट की कि उन्होंने क्यों आपको आज बुलाया जब कि मैंने आपको छुट्टी दी है तब भी आप बहुत हैरान थे! दोस्ती में तो ये सब चलता है ना?

मैं: Mam आप विश्वास नहीं करेंगे पर पिछले कुछ महीनों से मेरे साथ जो कुछ हो रहा है वो मेरे साथ कभी नहीं हुआ| बचपन से मैं बहुत सीधा-साधा लड़का था....

अनु मैडम: (मेरी बात काटते हुए) वो तो अब भी हो|

मैं: शायद! Anyway मेरे दोस्त सब लड़के ही रहे हैं और लड़कियों से मेरी फ़ट.... I mean डर लगता था| फिर आप मेरे गाँव कि हिस्ट्री तो जानते ही हैं, अब ऐसे में मैंने कभी किसी लड़की से सिवाय किसी काम ...I mean work related बात ही की है| मुझे डर इसलिए लगता है की सर आपकी और मेरी दोस्ती को कभी नहीं समझ सकते| हम रहते ही ऐसे समाज में हैं जहाँ एक लड़का और एक लड़की दोस्त नहीं हो सकते| तो ऐसे में आपका मेरी साइड लेना किसी को सही नहीं लगेगा|

अनु मैडम: तो इसका मतलब हमें सिर्फ वही करना चाहिए जो सब को अच्छा लगे? अपनी ख़ुशी के लिए कुछ भी नहीं?

मैं: मैडम प्लीज मुझे गलत मत समझिये, But I fear for you! I don’t want to cause any troubles in your married life.

अनु मैडम: I understand! And that’s very sweet of you! But I assure you, you’re not the reason ….. anyway….. ummm…. Let’s have some पानी के बताशे!

मैंने बाइक एक चाट वाले के पास रोकी और मैडम और मैंने compete करते हुए पानी के बताशे खाये| विनर मैडम ही निकलीं और हारने की सजा मैडम ने ये रखी की इस संडे को मैं उन्हें 'टुंडे कबाबी' खिलाऊँ| इस तरह हँसते हुए मैं उन्हें बाजार छोड़ कर घर निकल गया| घर पहुँचते ही ऋतू का फ़ोन आया और उसने पूछा; "पानी के बताशे कैसे लगे?"
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11-08-2019, 08:16 PM,
#69
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
अब तक आपने पढ़ा: 

मैंने बाइक एक चाट वाले के पास रोकी और मैडम और मैंने compete करते हुए पानी के बताशे खाये| विनर मैडम ही निकलीं और हारने की सजा मैडम ने ये रखी की इस संडे को मैं उन्हें 'टुंडे कबाबी' खिलाऊँ| इस तरह हँसते हुए मैं उन्हें बाजार छोड़ कर घर निकल गया| घर पहुँचते ही ऋतू का फ़ोन आया और उसने पूछा; "पानी के बताशे कैसे लगे?"    

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         ये सुन कर मैं हैरान तू हुआ पर मैंने जवाब ऐसा दिया की ऋतू और चिढ जाए| "लाजवाब थे! इतना स्वाद तो मुझे आज तक कभी आया ही नहीं!" मेरी ये डबल मीनिंग वाली बात ऋतू समझ गई| "जानूउउ उउउउउउउउउउउउ!!! मैं आप पर शक़ नहीं कर रही! मैं आप पर खुद से ज्यादा भरोसा करती हूँ| दरअसल काम्य ने आपको मार्किट में बताशे खाते हुए देखा और मुझे फोन कर के चढाने लगी की तेरा 'बंदा' यहाँ किसी और लड़की के साथ बताशे खा रहा है!" ऋतू के मुँह से 'बंदा' शब्द सुन कर मुझे बहुत जोर से हँसी आ गई| "क्या हुआ? हँस क्यों रहे हो?" ऋतू ने थोड़ा हैरान हो कर पूछा| "मैं तुम्हारा 'बंदा' हूँ?" मैंने ऋतू को छेड़ते हुए पूछा| "वो कॉलेज में बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड को बंदा-बंदी कहते हैं|"

"जानता हूँ! मैं भी उसी कॉलेज में पढ़ा हूँ!" मैंने हँसते हुए कहा|

"हाँ...तो ... वो मुझे चढाने लगी की आप किसी और को घुमा रहे हो! तो ये सुन कर पहले तो मुझे बड़ी हँसी आई फिर मैंने उसे डाँट दिया ये कह कर की मैं अपने प्यार पर पूरा भरोसा करती हूँ| वो मुझे कभी धोका नहीं दे सकते! तू चुप-चाप अपना काम कर! इतना कह कर मैंने फ़ोन रख दिया|" 

"अच्छा जी? बहुत भरोसा करते हो मुझ पर?"

"हाँ जी! इतने दिन आपके साथ ऑफिस में काम कर के देख लिया की कैसे आप खुद को सँभालते हो| आजतक आपने कभी राखी या अनु मैडम से कोई गलत तरह की बात नहीं की| हमेशा उनसे अदब से बात करते हो, कल भी पार्टी में आप नशे में थे तब भी आप खुद को संभाले हुए थे| ये आपका मेरे लिए प्यार नहीं तो क्या है? आजतक कभी मुझे राखी ने नहीं कहा की आपने कभी उसे किसी गलत नजर से देखा हो या उस से कोई अभद्र बात कही हो| एक बार आप पर शक़ करने की गलती कर चुकी हूँ पर अब चाहे भगवान् भी आ कर मुझे कह दें की आपने किसी लड़की के साथ कुछ गलत किया है तो भी मैं नहीं मानूँगी|" ऋतू की बात सुन कर मैं समझ गया था की ऋतू राखी के जरिये मेरा बैकग्राउंड चेक करवा रही थी, ठीक है भाई कर लो जितनी चेकिंग करनी हो आपने!

                                           खेर इस तरह वो दिन सिर्फ बात करते हुए निकला| हम मिलते तो रोज थे पर सिर्फ बातें ही होती थीं ना तो ऋतू मुझे छूने की कोशिश लारती और न ही मैं उसे छूता था| मैंने ये सोच कर ही संतोष कर लिया की शादी के बाद ऋतू को सेक्स की अच्छी से 'कोचिंग' दूँगा, उसे सब सिखाऊँगा की कैसे अपने पार्टनर को खुश किया जाता है| दिन गुजरते गए और आखिर वो दिन आ गया जब राखी कि शादी थी| शाम को हम सब को जाने का न्योता था और मैंने ऋतू को लेने और छोड़ने की जिम्मेदारी ली| अब पहले तो उसे लेहंगा-चोली खरीदवाया और अपने लिए मैंने बस एक ब्लैज़र लिया| हॉस्टल वाली आंटी जी ने ऋतू को थोड़ी ज्यादा छूट दे रखी थी, उसका कारन ये था की ऋतू हॉस्टल में सिर्फ और सिर्फ अपने काम से काम रखती थी और पढ़ाई में मन लगाती थी| कुछ उन्हें मेरा भी ख़याल था इसलिए ऋतू ने जब कहा की वो लेट आएगी तो आंटी जी ने मना नहीं किया| उसके हॉस्टल की लड़की ऋतू से बहुत जलती थी की इतने कम समय में वो आंटी जी की चहेती बन गई| ऋतू को पिक करने के लिए मैं थोड़ा जल्दी निकला और उसे चौक पर बुला लिया| मैं पहले से ही वहाँ उसका इंतजार कर रहा था| जैसे ही मेरी नजर ऋतू पर पड़ी मैं उसे बस देखता ही रह गया! 



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वहाँ पर जो कोई भी खड़ा था वो बस ऋतू को ही ताड़े जा रहा था| "क्या देख रहे हो आप?" ऋतू ने शर्माते हुए पूछा| "हाय! आज तो क़हर ढा रही हो! दुल्हन से ज्यादा तो लोग तुम्हें ही देखेंगे!" मेरी बात सुन कर ऋतू के गाल शर्म से लाल हो गए और वो आ कर पीछे बैठ गई और बोली; "आप तैयार क्यों नहीं हुए? ऐसे ही जाने वाले हो क्या?" मैंने सोचा थोड़ा मजाक कर लेता हूँ तो मैंने कह दिया की; "हाँ मैं ऐसे ही जाऊँगा, सैलरी नहीं बची इसलिए अपने लिए कुछ नहीं खरीदा|"

"पर आपने तो कहा था की आपने ब्लैज़र लिया है?" ऋतू ने चौंकते हुए कहा|

"झूठ बोला था वरना तुम लेहंगा-चोली नहीं लेती|" अब ये सुन कर ऋतू को बहुत गुस्सा आया| "गाडी रोका! मुझे नहीं जाना कहीं! वापस छोड़ दो मुझे हॉस्टल!"    

"अरे बाबू शांत हो जाओ, मैं मज़ाक कर रहा था| हम अभी घर जा रहे हैं वहाँ मैं चेंज करूँगा तब निकलेंगे|" मैंने ऋतू को प्यार से समझाया| घर पहुँच कर ऋतू ने अपने लहंगे को थोड़ा नीचे बाँधा जिससे उसका नैवेल दिखने लगा| छरहरा बदन पर उसका अपना ये नैवेल दिखाना आज नजाने कितनो की जान लेने वाला था| अब मैं सबसे पहले नहाने गया, नहा के बहार सिर्फ कच्छे में आया और अलमारी से अपनी शर्ट निकाली| मुझे ऐसे देख कर ऋतू ने अपनी ऊँगली दाँतों तले दबा ली और सिसक कर रह गई| मैंने सोचा की अभी जाने में बहुत समय है तो अभी से क्या कपडे पहनने पर ऋतू जिद्द करने लगी की मुझे अभी पहन के दिखाओ| अब उसकी बात मानते हुए मैंने वाइट शर्ट, पैंट, ब्लैज़र और लोफ़र्स पहन के उसे दिखाया|


[Image: men-blazers-500x500.jpg]


 मुझे पूरा तैयार देख कर ऋतू की आँखें फ़ैल गईं; "जानू! मानना पड़ेगा की आप की पसंद कपड़ों के मामले में बहुत बढ़िया है| I’m so lucky to have you as my husband!”

"Really??? Well thank you mademoiselle!” मेरी बात सुन कर ऋतू शर्मा गई और आ कर मेरे सीने से लग गई| "एक बात कहूँ जानू?" ऋतू ने मेरे सीने से लगे हुए ही कहा, जवाब में मैंने बस; "हम्म" कहा|

"आज हम दोनों कहीं कैंडल लाइट डिनर करने चलें? उसके बाद शादी में चले जायेंगे|" ऋतू मेरे आँखों में देखते हुए कहा| अब भला मैं अपने प्यार को कैसे मना करता| मैंने फटाफट कैब बुक की और ऋतू को मैं 'Oudhyana- Vivanta By Taj' ले आया| ये लखनऊ का सब से बड़ा 5 स्टार रेस्टुरेंट है, वहाँ की चमक देख कर ऋतू की आँखें जगमगा उठीं| मेरे कॉलेज के दिनों में मैं यहाँ से कई बार गुजरा था और यही सोचता था की शादी होगी तब यहाँ जर्रूर आऊँगा| एक वेटर हमें हमारे टेबल तक ले जाने को आया| मैं और ऋतू किसी प्रेमी जोड़े की तरह बाँहों में बाहें डाले चल रहे थे| टेबल पर पहुँच कर मैंने ऋतू की कुर्सी खींची और फिर उसे बिठाया और फिर मैं उसके ठीक सामने बैठ गया| खुला गर्डन था और वहाँ बहुत सारे टेबल लगे हुए थे, हमारी तरह वहाँ कुछ प्रेमी जोड़े थे और बाकी सब foreigners और कुछ अमीर आदमी आये थे| ऋतू आज पहली बार इतनी महंगी जगह आई थी और उसकी आँखें वहाँ की चकाचौंध में खो गईं और वो सब कुछ देखने लगी| वेटर मेनू ले कर आया पर ऋतू की आँखें तो अब भी वहाँ के नज़ारे देखने में लगी थी| धीमी-धीमी आवाज में वहाँ म्यूजिक गूँज रहा था, मैंने ऋतू का हाथ पकड़ा तो उसकी आँखें भर आईं थी| मैं उठ कर खड़ा हुआ और उसे अपने सीने से लगा लिया| 

         
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11-09-2019, 07:21 PM,
#70
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
update 31 

"t ... thank you !!!!" ऋतू ने रोते-रोते कहा| "But baby why are you crying?” मैंने उससे पूछा तो ऋतू ने अपने आँसूँ पोछे और बोली; "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की मैं कभी ऐसी जगह आ पाऊँगी| ऐसी जगह जहाँ के Main Gate के अंदर घुसने की भी मेरी औकात नहीं है, वहाँ आप मुझे डिनर के लिए लेके आये हो! Thank You!"

"मेरी जानेमन इससे भी कई ज्यादा कीमती है!"




[Image: images.png]

अगले ही पल मैंने अपनी दायीं टाँग मोड़ी और घुटने को जमीन से टिकाया, बायीं बस मोड़ी और ऋतू का बयां हाथ अपने बाएं हाथ में लेते हुए उससे पूछा; " मैंने तुम पर बहुत बार चीखा हूँ, चिल्लाया हूँ यहाँ तक की तुम पर हाथ भी उठाया है पर ये सच है की मैं प्यार सिर्फ और सिर्फ तुम्हीं से करता हूँ| उस दिन जब मैंने तुम्हें पहलीबार दिल से गले लगाया था उसी दिन मैंने तुम्हें अपना दिल दे दिया था| मैं वादा करता हूँ की तुम्हें जिंदगी भर खुश रखूँगा, तुम्हें कभी कोई तकलीफ नहीं दूँगा, तुम्हें पलकों पर बिठा कर रखूँगा| (एक लम्बी साँस लेते हुए) Will you marry me???" ये सुन कर ऋतू की आँखें छलक आईं और उसने हाँ में गर्दन हिलाई और बैठे-बैठे ही मेरे गले लग गई| वहाँ मौजूद सभी लोगों ने तालियाँ बजाई और तब जा कर हम दोनों को होश आया की हम दोनों बाहर आये हैं| ऋतू ने शर्म के मारे अपना मुँह दोनों हाथों से छुपा लिया| तभी वहाँ एक अंकल आये और मुझसे बोले; "Come on man let’s put a ring on her!” 
“But I don’t have any ring with me! I didn’t plan this far!” मैंने उन्हें बताया तो उन्होंने फ़ौरन वेटर को बुलाया और उसके कान में कुछ खुसफुसाये| उसके बाद ऋतू से बोले; “May the love you share today grow stronger as you grow old together.” इतने में वही वेटर वापस आ गया और उसने उन्हें एक छोटी सी डिब्बी दी जिसमें एक वाइट सिल्वर की वेडिंग रिंग थी! उन्होंने मुझे वो डिब्बी दे दी और ऋतू को पहनाने को कहा| मैं और ऋतू हैरानी से उन्हें देखने लगे; "A gift for the beautiful couple.” उन्होंने कहा|
“Sorry sir, but I can’t take this!” मैंने उन्हें मना किया| “Oh comeon dear! Its just a small gift! Take it!” उन्होंने जबरदस्ती करते हुए वो डिब्बी मेरे हाथ में पकड़ा दी| “No..No..Sir… I’ll pay you for this!” वो मुस्कुराने लगे और अपनी जेब में से एक कार्ड निकाला और मुझे दे दिया; "ये लो...जब टाइम हो तब आ कर पैसे दे जाना पर अभी तो ये Moment ख़राब मत करो|" मैंने उनके हाथ से कार्ड ले कर रख लिया और वापस प्रोपोज़ करने का पोज़ बनाया और ऋतू से पूछा; "Will you marry me?” ऋतू ने शर्मा कर हाँ कहा और फिर मैंने उसे वो रिंग पहना दी और ऋतू कस कर मेरे सीने से लग गई| मैंने उसके सर को चूमा और पूरा गार्डन तालियों से गूँज उठा| ौंसले ने फिर से हमें आशीर्वाद दिया और वापस अपने टेबल पर अपने दोस्तों के साथ बैठ कर शराब एन्जॉय करने लगे| ऋतू बहुत खुश थी और उसकी ये ख़ुशी देख कर मैं भी बहुत खुश था| हमने खाना खाया और फिर मैं उन अंकल को दुबारा Thank You बोल कर निकल आया| अब बारी थी राखी की शादी अटेंड करने की, कैब बुक की और उसके आने तक ऋतू मुझसे चिपकी खड़ी रही| कैब में जब हम बैठे तो ऋतू मेरे बाएं कंधे पर सर रख कर बैठ गई और उसी रिंग को देखे जा रही थी| "अब इसे उतार दो, वरना सब पूछेंगे की किसने दी?" मेरी बात सुन कर ऋतू जैसे अपनी ख्यालों की दुनिया से बाहर आई| "ना! मैंने नहीं उतारने वाली!" उसने मुँह बनाते हुए कहा| "तो सब से क्या कहोगी?"  मैंने पूछा| "कह दूँगी मेरे लवर ने दी है|" ये कह कर वो मुस्कुराने लगी| "और जब उस लड़के का नाम पूछेंगे तब?"


"वो सब मैं देख लूँगी! आप उसकी चिंता मत करो|" इतना कह कर ऋतू फिर से उसी रिंग को देखने लगी| मैंने भी सोचा की अपने आप संभालेगी, मैं तो कुछ कह भी नहीं सकता और रायता फैलना है तो फ़ैल ही जाए! जो होगा देख लूँगा! ये सोच कर मैं भी इत्मीनान से बैठ गया| बैंक्वेट हॉल आने लगा तो मैंने ऋतू से कहा की वो अपना मेक-अप ठीक कर ले, फिर हम दोनों जब कैब से उतरे तो ऋतू ने फिर से मेरी बाहों में बाहें डाल ली| हम दोनों कपल लग रहे थे और ये अभी के लिए थोड़ा ज्यादा था| मैंने ऋतू के कान में खुसफुसाते हुए कहा; "जान! यहाँ बॉस भी आएंगे तो थोड़ा सा डिस्टेंस मेन्टेन करो|" ये सुन कर ऋतू ने नकली गुस्सा दिखाया और मेरा हाथ छोड़ दिया| अभी अंदर घुसे भी नहीं थे की मुझे मेरे ऑफिस के colleagues मिल गए और बेशर्मों की तरह ऋतू को घूरे जा रहे थे| "बॉस और अनु mam आगये?"  मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया की वो अंदर हैं इसलिए मैंने ऋतू को अंदर जाने को कहा| पर उसका मन अंदर जाने को कतई नहीं था| मैंने उसे आँखों से इशारा कर के समझाया की ये लोग मुझे छोड़ने वाले नहीं हैं, तब जा कर ऋतू मानी| उसके जाते ही सब मेरे ऊपर टूट पड़े, "साले कैसे फँसा लिया तूने?" मैं उनकी सारी बातें बस टालता रहा ये कह की मैंने ऐसा कुछ नहीं किया बस कैब शेयर की थी हमने| पर कमीने तो कमीने ही होते हैं, मैं किसी तरह से उनसे बच के अंदर आ गया| अंदर आ कर देखा तो एक टेबल पर सर, अनु मैडम और ऋतू बैठे हुए बात कर रहे थे| मुझे देखते ही सर बोल उठे; "तुम दोनों साथ आये हो फिर आगे-पीछे क्यों एंटर हुए? हम क्या बेवक़ूफ़ बैठे हैं यहाँ?"

"सर वो बाहर शुक्ल जी मिल गए थे उन्होंने रोक लिया| वैसे साथ आने में कैसे शर्म?" इतना कह कर मैं वहीँ बैठ गया पर मन ही मन ऋतू को कोसने लगा की उसे कोई और जगह नहीं मिली बैठने को?! इधर सर उठ कर कुछ खाने के लिए गए और अनु मैडम को मेरी तारीफ करने का मौका मिल गया; "मानु जी! आज तो बहुत हैंडसम लग रहे हो!" 

"Thank you mam!" मैंने शर्माते हुए कहा| "आपको तो रोज ऐसे ही रेडी हो कर ऑफिस आना चाहिए|" ऋतू ने मज़ाक करते हुए कहा|

"हाय!! फिर हम दोनों (अनु मैडम और ऋतू) काम कैसे करेंगे?" अनु मैडम ने ठंडी आह भरते हुए कहा| ये सुन कर हम तीनों हँस पड़े, इतने में सर कुछ खाने को ले आये और सीधा ऋतू को ऑफर कर दिया| ये देख कर मैं थोड़ा हैरान हुआ पर फिर मैं समझ गया की आज ऋतू लग ही इतनी सुन्दर रही है की हर एक की नजर सिर्फ उसी पर है| मैं अपने लिए कुछ खाने के लिए लेने को उठा तो मेरे पीछे-पीछे अनु मैडम भी उठ गईं| जब मैंने मैडम को ढंग से सजा-सांवरा देखा तो मैंने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा; "वैसे mam you’re looking fabulous today! ये सुन कर मैडम भी शर्मा गईं और बोलीं; "उतनी सुंदर तो नहीं जितनी आज रितिका लग रही है| उसका लेहंगा तुम ने ही सेलेक्ट किया था ना?" मैंने बिलकुल अनजान बनते हुए कहा; "नहीं तो mam!" मैडम ने शायद मेरी बात मान ली या फिर उन्होंने जानबूझ कर उस बात को और ज्यादा नहीं कुरेदा|

खेर मैं और मैडम खाने-पीने की सभी चीजों का मुआइना कर रहे थे, की तभी उनकी नजर मसाला डोसे पर गई और वो मुझे खींच कर वहाँ ले गईं| मैं एक्स्ट्रा बटर डलवा कर उनके लिए डोसा बनवाया और अपने लिए मैं आलू-चीज पफ ले आया| जब मैंने उन्हें ऑफर किया तो उन्होंने एक पीस खाया और बोलीं; "मानु जी आपकी पसंद का जवाब नहीं! हर चीज में आपकी पसंद awesome है!" मैंने बस उन्हें Thank You कहा और फिर उनके डोसा खत्म होने के बाद वापस आ कर बैठ गए| चूँकि हमें आने में थोड़ा समय लगा था तो सर पूछने लगे; "कहाँ रूक गए थे तुम दोनों?" मेरे कुछ बोलने से पहले ही मैडम बोल पड़ीं; "डोसा खा रहे थे!" अब ये सुन कर सर चुप हो गए| खेर दूल्हे की बारात आई और तभी खाना खुल गया और सभी लोग लाइन में लग गए| सर सबसे पहले और उनके पीछे अनु मैडम, फिर मैं और मेरे पीछे ऋतू| आज पहली बार ऋतू इतनी बड़ी और महंगी शादी में आई थी और खाने के लिए जो चीजें रखी थीं वो उसके नई थी, उसने वो कभी चखी भी नहीं थी| ऋतू ने कहा की उसे दाल-चावल खाने हैं तो मैंने उसे हँसते हुए समझाया की वो सब यहाँ नहीं मिलता| मैंने उसे पहले दाल महारानी, पनीर लबाबदार और 2 रोटी दिलवाई और मैंने अपने लिए चिकन और नान लिया| हम वापस बैठ कर खा रहे थे, मैडम ने भी चिकन लिया था और सर ने वेज लिया था| "तुम सारे नॉन-वेज यहाँ बैठो मैं और रितिका कहीं और बैठेंगे|" अब ये सुन कर मुझे बुरा लगा क्योंकि मैं नहीं चाहता था की ऋतू कहीं और जाए| इसका जवाब खुद ऋतू ने ही दिया; "पर सर सारे टेबल फुल हैं! " ये सुन कर मैडम के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई पर उन्होंने जैसे-तैसे अपनी हँसी छुपाई| अब मैडम ने मुझे इशारा किया और मैं उनका सिहारा समझ गया| हम दोनों ने एक-एक लेग पीस उठाया और जंगलियों की तरह खाने लगे| हमें ऐसा करते हुए देख सर मुँह बिदकाने लगे और बोले; "ढंग से खाओ! ये क्या जंगलियों की तरह खा रहे हो?" इतना कह कर वो उठ के चले गए और इधर मैं, मैडम और ऋतू हँसने लगे| मैडम की नजर आखिर रिंग पर चली गई और उन्होंने ऋतू से पूछ लिया; "रितिका ये रिंग आपको किसने दी?" अब ये सुनते ही मैंने अपनी आँखें फेर ली और ऐसे दिखाया जैसे मैंने सुना ही ना हो| "वो mam ......" इसके आगे वो कुछ नहीं बोली और शर्माने लगी| "अच्छा जी! उसने तुम्हें प्रोपोज़ कर दिया? और तुमने हाँ भी कर दी?" मैडम ने थोड़ा जोर से बोला ताकि मैं भी उनकी बात सुन लूँ| "प्रोपोज़? किसने किसे किया?" मैंने जान बुझ कर ऐसे जताया जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं| "मानु जी! आपका पत्ता तो कट गया!" मैडम ने मेरे मज़े लेते हुए कहा| मैं जान बुझ कर जोर से हँसा ताकि उन्हें ये इत्मीनान हो जाए की मेरे और ऋतू के बीच में कुछ नहीं चल रहा|

                      

खाने के बाद आखिर दुल्हन का आगमन हुआ, दुल्हन के जोड़े में राखी बहुत ही प्यारी लग रही थी| फिर शुरू हुआ नाच गाने का मौका और डी.जे ने एक के बाद एक गाना बजा कर माहौल में जान डाल डी| मैडम ने सर से नाचने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया| मैं उठ के खड़ा हुआ और ऋतू और मैडम को अपन साथ जबरदस्ती डांस के लिए ले गया और हम तीनों ने बड़े जोर-शोरों से नाचा| सर से हमारी ये ख़ुशी देखि नहीं गई और उन्होंने हमें इशारे से  हमें वापस बुलाया और कहा की अब हमें चलना चाहिए| निकलने से पहले हमें शगुन तो देना था इसलिए हम सारे स्टेज के ऊपर चढ़ गए| दूल्हे से मैंने हाथ मिलाया और फिर राखी से मैंने हाथ जोड़ कर नमस्ते की पर वो हमेशा की तरह ही मुझसे गले लग गई| उसके पति को थोड़ा अटपटा सा लगा पर उसने कहा कुछ नहीं| इधर राखी ने खुद ही माहौल को हल्का करने के लिए कहा; "मानु जी इतने हैंडसम लग रहे हो की मैं तो सोच रही हूँ की दूल्हा चेंज कर लूँ|" ये सुन कर सारे हँस दिए और इधर राखी का दूल्हा भी राखी के मज़े लेने लगा और बोला; "सही है! तू अपने मानु जी से शादी कर ले और मैं उनकी गर्लफ्रेंड से!" ये सुन कर मैं और ऋतू दोनों एक दूसरे को देखने लगे और बाकी सब हँसने लगे| मैं और ऋतू ये सोच रहे थे की ये हरामखोर अपनी शादी छोड़ कर हमारे पीछे पड़े हैं!


खेर शगुन दे कर, और फोटो खिचवा के हम जाने लगे तो राखी ने सब को रोक दिया और सर से बोली; "सर अभी तो 12 ही बजे हैं! प्लीज थोड़ी देर और रुक जाइये!" उसका दूल्हा भी बोल पड़ा; "सर अभी तो ड्रिंक्स भी चालु नहीं हुई हैं!" अब फ्री की ड्रिंक्स और मेरे सर उसे छोड़ दें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता|   
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