Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
10-15-2019, 12:14 PM,
#11
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
दीदी-मुझे लगा तू सो गया होगा इसलिए मेने कपड़े भी चेंज कर लिए लेकिन तू तो जाग रहा है अभी सोना नही है क्या?

मे- नींद नही आ रही है आपको सोना है क्या?

दीदी-नींद तो मुझे भी नही आ रही.

मे-तो बैठो ना बातें करते हैं.

दीदी-ठीक है.लेकिन में पहले कपड़े पहेन लेती हूँ कुछ.मुझे लगा में सोने चली जाउन्गी निकाल के इसलिए अपने कपड़े उतार दिए थे.लेकिन अब बातें करनी हैं तो में पहले कपड़े पहन लेती हूँ.

मे-अभी तो बड़ा मुझसे कह रही थी कि में बोल्ड नही हूँ अब खुद को क्या हुआ?रहने दो. कुछ पहनने की ज़रूरत नही है आप आराम से बैठो.

दीदी-ठीक है लेकिन हम बात क्या करेंगे.

मे-कुछ भी जो आप कहो.

दीदी-मुझे क्या पता तू बता

मे- अर्रे में कोई मीटिंग थोड़ी ना करने आया हूँ कि मुझे पता हो क्या बात करनी है बस बैठो मेरे साथ.

दीदी-ठीक है तू अपना सुना कुछ

मे-क्या सुनाऊ?

दीदी-ह्म्म बता तुझे हीरोइन कौन सी पसंद है?

मे-आएशा तकिया.

दीदी-क्यूँ?

मे-अच्छी हीरोइन है अच्छी आक्टिंग करती है.

दीदी-चल झूठा. मुझे पता है तुझे क्यूँ अच्छी लगती है वो.

मे- अच्छा? तो बताओ.

दीदी-उसके बड़े बड़े हैं इसलिए.

मे-नही नही. ऐसा नही है.

दीदी-किसी और को चलाना मुझे नही. में जानती हूँ मर्दों को सबको बड़े बड़े वाली ही अच्छी लगती है. जिनके छोटे होते हैं वो औरत नही होती क्या? तेरा जीजा मेरा मर्द उसका भी यही हाल था उसे में भी नही पसंद आती थी.

मे-लेकिन आपके तो

दीदी-हां मेरे बड़े हैं लेकिन उसके हिसाब से नही उसे तो और बड़े बड़े चाहिए थे साला हराम का जना मुझे ऐसे ताने मारता था कि में बता नही सकती.

मे-दीदी यह सब गालियाँ कहाँ से सीख ली?

दीदी- मुझे सब पता है रे मेने भी बड़ी जिंदगी देखी है.

मे-क्या इसीलिए आप दोनो का डाइवोर्स हो गया?

दीदी- नही रे उसकी तो कुछ और ही वजह थी लेकिन तू उसके बारे में मत पूछ में अभी उंगली कर के आई हूँ मेरा मूड ठीक है इसी मूड में मुझे सोने जाने दे वरना बेकार में मूड ऑफ हो गया तो फिर सारी रात रोती रहूंगी.

दीदी उठी में कुछ कह भी नही पाया मुझे लगा मेने ग़लत टॉपिक उठा दिया तो मुझे भी थोड़ा गिल्ट फील हो रहा था मेने उन्हें रोका नही वो सोने चली गयी नेक्स्ट डे में ठीक मूड में था. अब मुझे अपनी बीवी को ना चोद पाने की जलन कुछ कम हो गयी थी. तो मेने सोचा अपने साले की कुछ खातिरदारी कर दी जाए. उसे शहर दिखाया.

उसके लिए कुछ शॉपिंग की.उसे अच्छे होटल में खाना खिलाया में यह सोच रहा था कि आज रात की गाड़ी से वापिस चला जाएगा. तो शाम तक में उसे और स्वेता को लेकर मार्केट में रहा. राजीव बहुत खुश था उसे बहुत अच्छा लगा यहाँ आ के. स्वेता भी मुझसे बहुत खुश हो गयी कि में उसके भाई का इतना ख्याल रख रहा हूँ आँखों ही आँखों में हमने इशारे कर लिए कि आज रात तो हम अपना बेड तोड़ ही देंगे लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था.

शाम को जब हम मार्केट से वापिस लौटे तो स्वेता ने राजीव की जाने की तैयारी शुरू कर दी. राजीव थोड़ा उदास सा बैठा था फिर बोला कि दीदी मैं कुछ दिन और यहाँ रुक जाउ क्या? मुझे बहुत अच्छा लग रहा है प्लीज़ मुझे अभी घर जाने का मन नही कर रहा उसकी यह बात सुन के मेरे मन में आया कि उसे उठा के पटक दूं फर्श पर साला तो चिपक ही गया मुझे क्या पता था कि मेरी खातिरदारी उसे इतनी पसंद आ जाएगी और इस बार तो स्वेता ने भी थोड़ी प्राब्लम महसूस की.

उसकी भी चूत ने खलबली मचाई हुई थी और उसे भी यह उम्मीद नही थी कि उसका भाई और दिन रुक सकता है. तो उसे भी थोड़ा फ्रस्ट्रेशन हुआ लेकिन वो कुछ बोली नही इतने में माँ ने अंदर से आवाज़ दी राजीव को जब तक यहाँ रहना है वो रहेगा.और तुम दोनो मियाँ बीवी मिलके बहुत खातिरदारी करो उसकी. तेरा साला है वो उसका अच्छे से ख्याल रख उसे घुमाने ले जा उसे घर मत भेज इतनी जल्दी. समझ गये दोनो लोग?

अब तो कोई और रास्ता ही नही था अब तो राजीव को कोई निकाल सकता था माँ ने कह दिया माँ की बात फाइनल हो गयी. मुझे अपने साले से कोई दिक्कत नही थी. हम दोनो की अच्छी बनती थी लेकिन अगेर भूखे लंड को चूत ना मिले तो फिर रिश्तेदारी निभाना ज़रा मुश्किल हो जाता है. स्वेता भी अपने भाई से बहुत प्यार करती थी लेकिन उसे भी चुदाई का चस्का था वो तो कुछ नही बोली ना ही मेने कुछ कहा.
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10-15-2019, 12:14 PM,
#12
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
राजीव फिर से खुश हो गया और मेरे साथ आ के बीत गया और मुझे अपने . की बातें बताने लगा. थोड़ी देर तक तो में खीजा हुआ था लेकिन फिर मेने सोचा कि अब यह यहाँ हैं तो इसके सामने कोई ड्रामा ना ही किया जाए तो बेहतर है.तो में भी उसकी बातों को इंटेरेस्ट ले के सुनने लगा. थोड़ी देर में दीदी घर आई.

राजीव ने उन्हें अपने दिन भर की बात बताई पूरी शॉपिंग दिखाई और फिर कहा कि वो कुछ दिन और रहेगा. दीदी ने मुझे देखा फिर स्वेता को देखा कुछ नही बोली अपने रूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद उन्होने स्वेता को अपने रूम में आने को कहा. दोनो अंदर ही करीब 30 मिनट तक बात करती रही फिर स्वेता बाहर आई तो दीदी ने मुझे अंदर बुलाया.

मे-हां दीदी बोलो?

दीदी-तू नाराज़ है राजीव से? वो खुश है बहुत.और कुछ दिन रहेगा अब तू क्या करेगा?

मे-पता नही दीदी. उससे नाराज़ भी नही हूँ छोटा सा बच्चा तो है खुश है हमारे साथ तो उसे भागने को कह भी नही सकता लेकिन बीवी से दूरी भी नही सही जाती. स्वेता भी चाहती थी कि आज रात को हम साथ रहें.

दीदी-हां पता है वो भी यही कह रही थी. लेकिन अब देख राजीव यहाँ है तो तुम दोनो एक साथ नही सो सकते. तो तुम राजीव को मेरे रूम में भेज दो वो माँ के साथ बेड पे सो जाएगा में बाहर सोफे पे सो . फिर तू स्वेता के साथ सो सकता है.

मे-अर्रे नही आप यहाँ आराम से सो जाओ राजीव को उसकी दीदी के साथ ही सोने देते हैं. उसे भी यहाँ आपके और माँ के बीच शायद अच्छा ना लगे.

दीदी- तो फिर तू क्या करेगा?

मे-वोही जो इतने दिनो से करता आया हूँ.कुछ दिन और कर लूँगा सोच लूँगा कि स्वेता अभी नही आई है.

दीदी- स्वेता तुझसे बहुत खुश है कि तू उसके भाई का इतना ख्याल रख रहा है यही मौका है जीत ले उसका दिल उसकी जवानी तो तूने जीत ही ली है. अब उसके दिल भी जीत ले जब औरत तन और मन से किसी मर्द को स्वामी स्वीकार कर लेती है तो उसे बहुत सुख देती है तू भी स्वेता के मन का स्वामी बन जा और राजीव की खूब खातिरदारी कर.

मे-हां दीदी कल आपसे बात कर के मेरा मूड ठीक हुआ था मेने भी सोचा कि ना तो स्वेता के छेद बंद हो रहा है ना ही मेरा डंडा कहीं भागा जा रहा है तो कुछ दिन सबर कर लेने में कोई बुराई नही है.

दीदी-ह्म्म देखा मुझसे बात करने का फ़ायदा चल अब में कुछ काम कर लेती हूँ तू राजीव के पास बैठ रात में जब नींद नही आएगी तो हम दोनो साथ में बात करेंगे में दीदी के रूम से बाहर आया और राजीव के साथ खेलने लगा. स्वेता मुझे थोड़ी सॅड दिख रही थी तो में उसके पास गया और धीरे से उससे बोला तेरा भाई घर आया है पहले उसका स्वागत कर लें ठीक से फिर अपनी चुदाई तो जिंदगी भर चलती रहेगी तू दुखी मत हो में तुझसे या राजीव से नाराज़ नही हूँ.

रात में सब लोग खाना खाने के बाद अपने अपने रूम में चले गये. में बाहर सोफे पे लेट गया और टीवी ऑन कर दी. आज मेरा लंड भी कल जैसे तूफान नही मचा रहा था. मुझे पता था कि अब चुदाई करने का कोई चान्स नही है करीब 2 घंटे बीत गये. में यह उम्मीद कर रहा था की दीदी आ जाएगी तो बैठेगी मेरे साथ उनसे बातें करूँगा लेकिन वो भी अभी तक नही आई थी. मुझे थोड़ी थोड़ी नींद आने लगी थी कि तभी स्वेता ने अपने रूम का गेट खोला और बाहर आई.

मेने उसे देखा लेकिन सोचा कि पानी पीने आई होगी या मूतने आई होगी लेकिन वो धीरे धीरे चल के मेर पास आई और बिना कुछ कहे सीधे मेरे लंड पे हाथ लगा के बोली जल्दी खड़ा करो इसे और बाथरूम में आ जाओ. मुझे तो जन्नत मिल गयी लंड भी एक सेकेंड में पूरा खड़ा होके तैयार हो गया चूत के लिए मेने बिना देर किए बाथरूम में एंट्री की तो स्वेता ने पहले ही अपनी साड़ी और पेटिकोट कमर तक उठा लिए थे गान्ड औट चूत दोनो नंगी थी.

मेने देखा कि उसकी चूत से तेल टपक रहा था वो पूरी रेडी हो के आई थी मेरी तो खुशी का ठिकाना नही था मेने बाथरूम का गेट बंद किया वो दीवार से टिक के खड़ी हो गयी मेने उसकी एक टाँग उठाई और अपने हाथ में ले ली अब उसकी चूत थोड़ी खुल गयी में उसके सामने आया थोड़ा सा झुका लंड निशाने पे लगाया और एक जोरदार धक्का मारा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ आधा अंदर घुस गया उसने अपनी चीख रोकने के लिए अपने होंठ दबा लिए थे मेने बिना परवाह किए उसी पोज़ में धक्का लगाना शुरू रखा अभी तक लंड पूरा अंदर नही था मेने सोचा कि इतने में ही काम चला लिया जाए बाथरूम छोटा सा ही था और उसमे भी बाल्टी और बाकी सब समान रखा हुआ था तो हमारे पास ज़्यादा ऑप्षन भी नही थे मेने उसी पोज़ में उसे धक्के लगाए

वो मुझसे चिपक गयी मेरी सीने में उसकी चुचि घुसी जा रही थी और में उसकी एक टाँग अपने हाथ में उठाए दना दन पेल रहा था मुझे लगा कि में कम कम 20 मिनट तो चोदुन्गा ही लेकिन ऐसा हुआ नही और 5 मिनिट्स में ही मेरा झड गया मुझे थोड़ा सॅड फील हुआ लेकिन अभी भी लंड बैठा नही था पूरा कड़क था मेने जैसे ही फिर से चुदाई शुरू की तो उसने भी साथ दिया मेरे होंठों को उसने चाटना शुरू कर दिया मेरा लंड फिर तूफ़ानी हो गया बड़ा ही मजेदार सीन था हम दोनो भूल गये थे कि और कोई हमें सुन सकता है.

में बस उसे पेल रहा था और वो आराम से अपनी चूत में मुझे ज़्यादा से ज़्यादा घुसेडवा रही थी करीब 20 मिनिट्स की अगली चुदाई के बाद मैं फिर से झड्ने को हुआ तो उसने मुझे ज़ोर से जकड लिया और मुझसे पूरी चिपक गयी हम ने एक और मजेदार ऑर्गॅज़म फील किया.

फिर मेने उसे देखा तो वो मुस्कुरा दी बोली कि मुझसे आपकी जुदाई भी बर्दास्त नही होती और आपकी चुदाई भी बर्दास्त नही होती मुझे तो मज़ा आ गया मेरी प्यास आज रात के लिए तो बुझ गयी आपको भी खुशी हुई ना? सॅटिस्फॅक्षन हुआ ना?

मेने हां कहा और फिर से उसकी टाँग को अपनी हाथ मे लेना चाहा तो उसने मना कर दिया बोली कि अब बस. आज के लिए इतना ही अब तो हम रोज रात को जब तक राजीव यहाँ हैं बाथरूम में ही अपनी जवानी का रस चखेंगे मेने मान ली उसकी बात.

उसने अपने कपड़े ठीक किए और धीरे से गेट खोला और सीधे अपने रूम में चली गयी मेने बाथरूम का डोर बंद किया और अपना लंड सॉफ करने लगा उसमे उसकी चूत का रस लगा हुआ था मेने अपना लंड धोया फिर मूता और फिर मुँह हाथ धोकर खुशी खुशी बाथरूम का डोर खोला और अपने सोफे की तरफ चल दिया. हॉल की लाइट मेने बंद कर दी थी इसलिए जब सोफे के एकदम पास आ गया तब पता चला कि सोफे पे कोई है तभी सोफे के पास वाला ज़ीरो वॉट का बल्ब जला.
और मेने देखा कि दीदी सोफे पे टाँगें फैला के बैठी हुई थी मुझे देख के हंस दी और उसी पोज़ में बैठी रही उसने वही ब्रा और लूज़ पेटिकोट वाली अपनी नाइट की स्पेशल ड्रेस पहनी हुई थी और उसका पेटिकोट भी जांघों तक उठा हुआ था.


उसका ब्रा काफ़ी डीप कट था और मुझे उसमे से उसके आधे से भी ज़्यादा दूध दिख रहे थे भरे पूरे बड़े बड़े दूध मेरा लंड सलामी देने को तैयार था लेकिन मेने कंट्रोल लिया में अभी सोफे के पास खड़ा ही था कि दीदी बोली
दीदी-तुम दोनो ने आख़िर खाट कबड्डी खेल ही ली और अब तू सोना चाहता है लेकिन मुझे नींद नही आ रही है तो तू बैठ और मुझसे बात कर या कहीं ऐसा तो नही कि आज बीवी ने तुझे दे दी तो अब दीदी नही चाहिए? ऐसा हो तो बोल दे

मे-नही दीदी में तो वेट कर रहा था आपका कि आप आओगी लेकिन आप आई नही.

दीदी-कहाँ वेट कर रहा था? बाथरूम में? में वहाँ क्यूँ आती? वहाँ तो तू और स्वेता धूम मचा रहे थे.

मे-वो मेने कुछ नही किया स्वेता खुद ही आई थी.

दीदी-पता है मेने कब तुझे कुछ कहा. वैसे भी जब औरत गरम होती है तो वो मर्द से ज़्यादा डेरिंग हो जाती है और फिर ऐसी लड़की जो नयी नयी औरत बनी हो उसके लिए तो गर्मी बर्दास्त करना बहुत मुश्किल है.

मे-जो भी आप ठीक समझो

दीदी-हां हां आज तो तेरे बोल ही बदले हुए हैं मेरे बोल तो तुझे बड़े चुभ रहे होंगे.

मे-क्या दीदी आप भी ना ऐसा कुछ नही है में क्या बोलूं.

दीदी-मेरा मन तो किया कि आके बाथरूम पे नॉक करूँ और तुमसे कहूँ कि गेट खोलो फिर मेने सोचा अभी इसके लिए बहुत टाइम है में फिर कभी देख लूँगी अभी तो इन्हें प्यास बुझाने दो. समझा मुझे थॅंक्स बोल.

मे-क्या देखना था आपको? और किस बात का थॅंक्स?

दीदी- अर्रे अगर मैं गेट पे नॉक करती तो तुझे मज़ा थोड़ी ना आता उसकी लेने में इसीलिए मेने नॉक नही किया जिससे तू उसकी आराम से ले ले लेकिन मेरा मन ज़रूर कर रहा था देखने का.

मे-क्या दीदी? आपको यह देखना था कि मैं कैसे उसकी ले रहा था?

दीदी-क्यूँ? तुझे इसमे कोई प्राब्लम है क्या? तुझे नही दिखाना तो मत दिखा में पिक्चर में देख लूँगी आजकल तो यह लेने देने वाली मूवीस की सीडी बड़े आराम से मिलती है.

मे- दीदी आप भी ना जब देखो मज़ाक मज़ाक करती रहती हो पानी पिओगी? मैं पानी ले के आता हूँ.

दीदी-हां ले आ थोड़ी गर्मी तो कम हो मेरी. और जा के स्वेता के रूम का गेट बंद कर दे बाहर से.

मे-क्यूँ? गेट क्यूँ बंद करना है?

दीदी- कर दे ना जो कह रही हूँ.ज़्यादा बात मत पूछ.कर दे चुपचाप.

मेने गेट बंद कर दिया और एक गिलास पानी खुद पिया और एक दीदी को दिया. में हॉल में आया तो दीदी ने कहा कि मेरे साथ इसी सोफे पे आ जा. वो थोड़ा उठी और में उसके पैर वाली साइड पे बैठ गया वो फिर से लेटी और उसने अपने
पैर मेरे गोदी में रख लिए ये बड़ा ही सेक्सी पोज़ था मेरी जांघों पे उसके पैर थे बाकी बदन सोफे पर था और उसने पेटिकोट आधा उठाया हुआ था में उसकी साइड देख रहा था और और अगर वो अपना पैर उठाती तो मुझे पेटिकोट के अंदर का सीन सॉफ दिख जाता तो मेरे लंड ने फिर से सलामी देनी शुरू कर दी
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10-15-2019, 12:14 PM,
#13
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मेने गेट बंद कर दिया और एक गिलास पानी खुद पिया और एक दीदी को दिया. में हॉल में आया तो दीदी ने कहा कि मेरे साथ इसी सोफे पे आ जा. वो थोड़ा उठी और में उसके पैर वाली साइड पे बैठ गया वो फिर से लेटी और उसने अपने पैर मेरे गोदी में रख लिए ये बड़ा ही सेक्सी पोज़ था मेरी जांघों पे उसके पैर थे बाकी बदन सोफे पर था और उसने पेटिकोट आधा उठाया हुआ था में उसकी साइड देख रहा था और और अगर वो अपना पैर उठाती तो मुझे पेटिकोट के अंदर का सीन सॉफ दिख जाता तो मेरे लंड ने फिर से सलामी देनी शुरू कर दी

दीदी के पैरों में लंड टच तो हुआ लेकिन दीदी ने कुछ कहा नही और कुछ किया भी नही हमारी बातें चलती रहीं. दीदी बड़े आराम से इसी पोज़ में लेटी रही उसके ब्रा से उसकी चुचियाँ बाहर निकलने को बेताब हो रही थी उसने छुपाया भी नही उसका पूरा पेट नंगा था.

मेरे सामने उसकी चूत के सिवा सब कुछ ऑलमोस्ट खुला हुआ ही था हम लोग काफ़ी देर तक इधर उधर की बात करते रहे फिर दीदी उठी और बोली कि में सोने जा रही हूँ वो उठी और अपने रूम में चली गयी में थोड़ी देर उसी कोने पे बैठा रहा फिर जबसोफे पे लेटा तो पीठ पे कुछ गढ़ता सा फील हुआ.

मेने उठ के देखा तो नीचे सोफे पे एक पैंटी पड़ी हुई थी दीदी की पैंटी थी दीदी रात में पैंटी नही पहनती थी लेकिन में श्योर नही था कि उसने यह पैंटी यहाँ रखी है या ग़लती से भूल गयी है मेने पैंटी हाथ में ली थोड़ी देर ऐसे ही लिए बैठा रहा फिर वो पैंटी मेने अपनी अंडरवेर के अंदर डाल ली.

दीदी की पैंटी मेरे लंड के उपर पड़ी हुई थी में भी थोड़ी देर में सो गया अगले कुछ दिन ऐसे ही बीते राजीव के साथ हमने बहुत अच्छा टाइम स्पेंड किया. और स्वेता रोज रात में टाइम निकाल के आ जाती थी में उसे बाथरूम में चोदता कभी किचन में चोदता हर रात में उसे 2 बार चोद तो लेता था लेकिन प्राब्लम इस बात की थी कि हमें हमेशा जल्दबाज़ी में काम करना पड़ता था वो आती अपनी साड़ी उठाती और में सीधे लंड घुसेड देता हम चुदाई कर तो रहे थे लेकिन इसका मज़ा अच्छे से नही आ पा रहा था.

दीदी भी लगभग रोज ही हमारी चुदाई के बाद स्वेता के अंदर जाते ही बाहर आ जाती थी मुझे इस बात का भी शक था कि शायद वो हमें छुप छुप के देखती भी है स्वेता को इसके बारे में नही मालूम था कि में और दीदी रात में बातें करते हैं.

दीदी हमेशा ही उसके रूम का गेट बंद कर देती थी करीब 7 दिन बाद राजीव के जाने का टाइम आ ही गया. उसे भेजने के बाद हम लोग घर आए तो दीदी ने मेरे सामने ही स्वेता को आयिल की एक नयी बॉटल दी. स्वेता को लेकर में रूम में आया और उस रात हमने सही ढ़ंग से चुदाई की.

स्वेता अब मज़े से चुद लेती थी बस लंड पूरा डालने के बाद उसे धक्के धीर धीरे मारने पड़ते थे. जोरदर्द धक्कों से उसे अभी भी दर्द होता था लाइफ में सबकुछ सेट्ल लग रहा था. मेने रात में उठ कर दीदी से बात करना भी बंद कर दिया था रात भर तो मैं स्वेता के उपर ही पड़ा रहता था.

करीब 10 दिनो बाद एक नयी बात हुई माँ जो कि इतने दीनो से सेहत से जूझ रही थी उस दिन मुझसे बोली की अब वो बिना देर किए कुछ तीर्थ दर्शन करना चाहती है. और मेने भी सोचा कि ठीक है इनकी इच्छा है तो मना नही किया जाए.

दीदी को यही बात बताई.वो भी खुश हुईं लेकिन प्राब्लम इस बात की थी ट्रिप कैसे की जाए. मुझे ऑफीस छुट्टी नही मिली दीदी अगर छुट्टी लेती तो इससे हमारी इनकम कम पड़ जाती और ट्रिप बहुत महँगी पड़ती ट्रिप थी भी लंबी.

करीब 21 दिन की ट्रिप थी 4 धाम का एक टूर जा रहा था लेकिन माँ को अकेले भेजना ठीक ना था

में और दीदी अपने अपने जॉब में फँसे थे इसलिए अकेली बची स्वेता. और दीदी ने कहा कि स्वेता माँ के साथ ट्रिप पे जाए.

स्वेता माँ से और माँ स्वेता से बहुत प्यार करते थे और भोली भाली स्वेता ने तुरंत हां कर दी कि वो माँ के साथ जाएगी वो तो इनफॅक्ट बहुत खुश भी थी.मेने भी सोचा कि ठीक है. लेकिन इसका दूसरा मतलब यह था कि में और दीदी घर में 21 दिनो तक अकेले रहेंगे. मुझे चूत नही मिलेगी चोदने को और दीदी तो हमेशा से ही गरम है ही.

एक बार तो मेरा मन किया कि में स्वेता को रोक के दीदी को ट्रिप पे भेज दूं लेकिन फाइनान्षियल रीज़न के कारण यह पासिबल नही था.

तो यह फ़ैसला लिया गया कि स्वेता ही माँ के साथ जाएगी. अगले दिन ही टूर जाने वाला था और स्वेता और माँ की पॅकिंग कर दी गयी. अगले दिन में दोनो को गाड़ी में बिठा आया.

रास्ते में मेरे दिमाग़ थोडी शंका हुई थी. मुझे ना जाने क्यूँ दीदी के साथ उस घर में अकेले रहने में थोड़ी प्राब्लम हो रही थी में सोच भी नही पा रहा था कि क्या क्या होने वाला है मुझे पता था कि दीदी इस आज़ादी का पूरा फ़ायदा उठाएगी.

में यह भी जानता था कि वो मेरे सामने कुछ भी कर सकती है वो मुझे भी उकसाने की पूरी कोशिश करेगी लेकिन डाइरेक्ट्ली नही कहेगी. तो अब उसकी ऑर से खुल्ला खेल होने वाला था मुझे सेक्स के लिए तड़पाने का . सवाल यह था कि में क्या करूँ?
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10-15-2019, 12:14 PM,
#14
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
यही सब सोचते हुए में घर आया और घर आया तो देखा कि दीदी हमेशा के जैसे ही अपने फॅवुरेट ड्रेस में है. एक ब्रा और लूज़ बँधा हुआ पेटिकोट इस बार ब्रा ब्लॅक नही बल्कि वाइट रंग की थी मेने हल्की सी नज़र डाली तो देखा कि वाइट ब्रा काफ़ी ट्रॅन्स्परेंट थी और मुझे उनके पूरे निपल भी आराम से दिख रहे थे.

मेने उस टाइम तो और कुछ किया नही एक नज़र भर के अपने रूम में आ गया और बेड पे लेट गया. थोड़ी थकान भी थी और स्वेता के जाने का थोड़ा दुःख भी था. लेटे लेटे अपने आप ही दिमाग़ दीदी के बारे में सोचने आगा मेने सोचा कि दीदी ज़्यादा से ज़्यादा और कर भी क्या सकती है.

अपनी जवानी को नंगा कर कर के दिखाएगी मुझे और मुझसे ये उम्मीद करेगी कि में उसे चोद दूं लेकिन वो खुल के नही बोल पाएगी दीदी की शादी टूटे इतने साल हो गये इतने दिनो में उन्होने से किसी भी मर्द से कोई जान पहचान नही रखी.

उनके ऑफीस में भी सब उनसे डरते हैं कोई उन्हें छेड़ने की कोशिश भी नही करता. उनका व्यवहार घर के बाहर तो बिल्कुल ही उत्तम है. लेकिन घर के अंदर उनका होश खो जाता है. लेकिन जवानी में जलने के बाद भी उन्होने घर की इज़्ज़त पे दाग लगाने वाला कोई काम नही किया.

मुझे उन्हें ज़्यादा तड़पाना नही चाहिए अगर वो घर की बात घर ही में रखना चाहती हैं तो इसमे हर्ज क्या है में थोड़ा सा उन्हें चोद दूँगा तो उनकी भी प्यास मिट जाएगी और मुझे भी इधर उधर मुँह नही मारना पड़ेगा.

तभी मेने रीयलाइज़ किया कि मेने कितनी आसानी से खुद को मना लिया कि दीदी की चुदाई कर दी जाए. फिर सारे वाकये पे सोचा तो लगा कि में ठीक कर रहा हूँ मेने मूड बना लिया कि दीदी के सेडक्षन गेम को वन साइडेड नही रखना है.

इसे टू साइडेड करना है जितना मुझे दीदी अपनी जवानी दिखाएँगी उतना ही में भी दिखाउन्गा अगेर उन्हें यही पसंद है तो यही सही. दीदी ने घर की औरत होने के कारण बहुत बलिदान किए हैं थोड़ा सा उनके सुख के लिए कर दूँगा तो अच्छा ही होगा.

यही सब सोच सोच के में सो गया उठा काफ़ी देर बाद जब दीदी ने आवाज़ दी आ खाना खा ले. में उठा और फिर से खुद को रेडी किया कि अब दीदी की जवानी प्यासी नही रहनी चाहिए. में बाहर आया और बाथरूम गया.

वहाँ में शर्ट उतारी और सिर्फ़ बनियान पहनी उपर नीचे मेने जीन्स उतारी और अंडरवेर भी और सिर्फ़ लूँगी बाँध ली बिना अंडरवेर के लूँगी से मेरा लंड खड़ा होने के बाद आराम से देखा जा सकता था में बाहर आया और किचिन के पास डाइनिंग टेबल पर बैठ गया.

दीदी आई और खाना ले कर हम दोनो साथ में खाने लगे. दीदी ने वही अपनी ड्रेस पहनी हुई थी. काम करते करते उनकी ब्रा भीग गयी थी और उसमे से उनकी चुचिया तो और भी सॉफ हो गयी थी.

मेने देखा कि दीदी के आर्मपिट पे कुछ बाल थे.दीदी ने वहाँ हेर रिमूव नही किए थे मेने पहले कभी इतने गौर से देखा नही था मेने सोचा कि यही टॉपिक ठीक है बात शुरू करने के लिए.
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10-15-2019, 12:15 PM,
#15
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
दीदी आई और खाना ले कर हम दोनो साथ में खाने लगे. दीदी ने वही अपनी ड्रेस पहनी हुई थी. काम करते करते उनकी ब्रा भीग गयी थी और उसमे से उनकी चुचिया तो और भी सॉफ हो गयी थी.

मेने देखा कि दीदी के आर्मपिट पे कुछ बाल थे.दीदी ने वहाँ हेर रिमूव नही किए थे मेने पहले कभी इतने गौर से देखा नही था मेने सोचा कि यही टॉपिक ठीक है बात शुरू करने के लिए.

मे-क्या दीदी? यह क्या बात हुई?

दीदी-क्या हो गया?

मे-स्लीवलेशस ड्रेस पहँनी हो तो पहले हेर तो रिमूव कर लो.

दीदी- तुझे क्या? तू वहाँ मत देख वो तेरे देखने की जगह नही है.

मे- अब सामने होगा तो दिख तो जाएगा ही ना. अच्छा नही लगता कर लो ना.

दीदी-तुझे अच्छा लगाने की ज़रूरत मुझे नही है अपनी बीवी को बोलना यह सब करने को.

मे- वो तो करती ही है. उसे बिना किए में रहने थोड़ी ना दूँगा.

दीदी- अच्छा? क्या करती है वो?

मे-अपने हेर रिमूव्स करती है.

दीदी-लेकिन उसके तो बड़े घने बाल हैं कितनी लंबी चोटी बाँधती है.

मे-तो में सिर के बाल की बात थोड़ी ना कर रहा हूँ दूसरे बाल की बात कर रहा हूँ.

दीदी-दूसरे कौन से बाल रे?

मे-अरे लेग्स के आर्मपिट के और दूसरे.

दीदी-अच्छा? वो सब रिमूव करती है तुझे चिकनी पसंद है इसका मतलब.

मे-हाँ.बाल होते हैं तो मज़ा नही आता ना.

दीदी-मुझे वैसे भी किससे मज़ा लेना है जो में चिकनी बन के रहूं. मुझे कोई देखना वाला तो है नही?

मे-ऐसा मत कहो आपका फिगर इतना खूबसूरत है इसे मेनटेन तो करो ना.

दीदी-ठीक है तू कहता है तो कर लूँगी. इनफॅक्ट मेरा तो मूड अभी का बन रहा है चल जल्दी से खाना ख़त्म कर.

मे-अर्रे अभी मत करो.आराम से कर लेना.और अगर करना भी है तो खुद करो मुझे क्यूँ जल्दी करने को कह रही हो?

दीदी-मुझे अपना शेविंग क्रीम और रेजर दे में उससे करूँगी और आर्मपिट में खुद नही कर सकती तो तुझे करना पड़ेगा.

मे-में थोड़ी ना करूँगा कर लेना खुद से.

दीदी- तो ठीक है रहने दे ऐसे ही में भी नही करती.

मेने बात मान ली मुझे लगा कि सही जा रहा हूँ. हमने खाना ख़तम किया.चाय पी और फिर मेने दीदी को कहा कि चलो बाथरूम में. हम दोनो बाथरूम में आ गये.

मेने क्मोड की सीट नीचे की ओर उसपे बैठ गया. दीदी मेरे सामने आके खड़ी हो गयी इस तरह से मेरे मुँह के ठीक सामने उसका पेट का वो हिस्सा था जहाँ ब्रा बिल्कुल ख़तम होती थी ब्रा भी भीगी हुई थी तो उसका होना ना होना के ही जैसा था.
मेने भी बैठते टाइम अपनी लूँगी घुटनो तक कर ली थी मेने शेविंग ब्रश ले के गीला किया और दीदी से कहा कि अपना एक हाथ उठा के सर के उपर कर लो दीदी ने वैसा ही किया तो उनकी ब्रा थोड़ी अड्जस्ट हुई और ब्रा के नीचे से उनकी एक चुचि थोड़ी सी दिखाई देने लगी.

उन्हें भी पता था लेकिन छुपाया नही उन्होने. मेने ब्रश गीला किया उसपे शेविंग क्रीम लगाई और उनकी आर्मपिट पे रख के पहला स्ट्रोक लगाया तो वो मचल उठी. बोली की गुदगुदी होती है मेने कहा ऐसे नही काम चलेगा ठीक से सीधी खड़ी रहो.

दीदी ने फिर से कोशिश की लेकिन फिर से ब्रश लगते ही वो हिल गयी.उन्हें बड़ी गुदगुदी लग रही थी मेने कहाँ ऐसे नही चलेगा दीदी. और यह कह कर मेने उनका पेट हाथ घुमा के पकड़ लिया.अब में बैठा हुआ था मेरे मुँह के सामने उनका पेट.

एक हाथ में ब्रश और दूसरे हाथ से में उनका पेट पकड़ हुआ था.जैसे जैसे ब्रश हिलाता था वो हिलती थी और में उन्हें पकड़ने के बहाने पूरे पेट पर हाथ फेर रहा था ब्रश घुमाने के लिए में भी अपना हाथ उठाया हुआ था जो कि बड़े आराम से उनकी चुचियों को भी साइड से दबा रहा था.

हम दोनो को मज़ा आ रहा था एक आर्मपिट पर फोम बनाने के बाद में उठ के खड़ा हुआ और दीदी को बैठा दिया क्मोड के उपर. अब में झुका और रेजर ले के उनके आर्मपिट के पास आया और इस बीच एक टाँग उठा के क्मोड पे रख ली मेरी लूँगी खुल गयी थोड़ी.

पर पता नही कि मेरा लंड दीदी को दिखा या नही वो देख तो नीचे ही रही थी मेने उनके आर्म को थोड़ा और उपर खीचा और पहला शॉट लगाया रेजर का वो बिल्कुल स्थिर बैठी रही इस डर से कि कट ना जाए में इसी पोज़ में उपर से चुचियों के नज़ारे करता रहा जल्दी ही उनका वो आर्मपिट शेव हो गया..................

फिर में वही प्रोसेस पूरी की दूसरे आर्म पे भी इस दौरान हम बड़े मज़े से एक दूसरे की बॉडी टच कर रहे थे मेरा लंड तो पूरा खड़ा था लेकिन दीदी ने देखा या नही मुझे पता नही क्यूंकी उन्होने देखा होगा तो भी कोई रियेक्शन नही दिया.
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10-15-2019, 12:15 PM,
#16
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
में उम्मीद कर रहा था कि काश दिख गया हो. दूसरे आर्म की शेविंग के बाद में उन्हें बाहर ले के आया और उनसे कहा कि आर्मपिट पे क्रीम लगा लो नही तो स्किन पे रश पड़ जाएगा जैसा में सोच रहा था दीदी ने कहा कि तू ही लगा दे.

मेने कहा ठीक है, पास आओ और दोनो हाथ उठा के खड़ी हो जाओ. उन्होने वही किया. लेकिन सामने से इस पोज़ में लगाने में मुश्किल हो रही थी मेने कहा कि में आपके पीछे से लगा देता हूँ.

में उनके पीछे आ गया उन्होने अपने हाथ उपर ही रखे इससे उनकी ब्रा भी थोड़ी और अड्जस्ट हुई और काफ़ी सारा हिस्सा उनकी चुचियों का बाहर आ गया मेने उसपे ध्यान नही दिया बॉडी लोशन लिया हाथ में और जान बूझकर खूब सारा ले लिया.
फिर उनके पीछे आया और हाथ घुमा के दोनो आर्मपिट को पकड़ा और लोशन लगाया. दीदी ने बोला यह तो खूब सारा है इतना तो सूखेगा ही नही मेने कहा रुक जाओ थोड़ा मालिश कर देता हूँ ताकि स्किन भी ठीक से अब्ज़ॉर्ब कर ले में पीछे से खड़ा खड़ा उनके आर्मपिट में मालिश करता रहा और वो हाथ उठाए खड़ी रही मेने बड़ी ही सहूलियत से उनकी चुचियाँ भी साइड से खूब दबाइं और पीछे अपने लंड को भी टच करता रहा उनकी कमर से.

करीब 10 मिनिट की मालिश के बाद में रुका तो दीदी ने बंद आँखे खोलते हुए कहा मज़ा आ गया रे. यह मालिश तो बड़े काम की चीज़ है.किसी दिन मेरे बदन की भी मालिश कर देना .मेने कहा हां बिल्कुल जब भी कहो कर दूँगा. फिर हम दोनो आके टीवी के सामने बैठ गये. दीदी आज ज़्यादा शांत थी शायद वो यह चाहती थी कि अब बातों की शुरुआत
में ही करूँ और अब तक की मेरी हरकतों से उसे भी ज़रूर यकीन हो गया होगा कि में भी उन्हें चोदने को रेडी हूँ. मेने अपनी लूँगी घुटनो तक कर ली थी.पता नही क्यों दीदी ने अब तक मेरे लंड के बारे में कोई कॉमेंट नही किया था थोड़ी देर बाद में ही बोला.
मे- और कहाँ कहाँ के बाल रिमूव करने बाकी हैं?

दीदी-लेग्स ही हैं बस.

मे-वो कल जब नहा लेना उसके बाद कर दूँगा बाल भीग भी जाएँगे ठीक से तो रिमूव करने में आसानी होगी. रेजर से अच्छे से हो जाएँगे.

दीदी-हां ठीक है लेकिन कल तुझे काम पे नही जाना?

मे-कल सनडे है दीदी.

दीदी-ओह्ह हां में तो भूल ही गई थी. तो आज रात को पार्टी करते हैं चल.

मे-कैसी पार्टी?

दीदी-अर्रे कल हम दोनो की छुट्टी है तो आज आराम से कुछ मूवी देखते हैं . जा जाके कुछ सीडीज़ ले आ.

मे-ठीक है ले आता हूँ.बड़े दिन हो गये मूवी देखे. कौन सी देखोगी?

दीदी-मूड के हिसाब से ले आ कोई अच्छी सी 3-4 ले आ .फॉर्वर्ड कर कर के देख लेंगे.

मे-हिन्दी या इंग्लीश?

दीदी- इंग्लीश ले के आ.

में घर से बाहर आया भाग के अपने दोस्त के घर गया.उसके पास बड़ा मस्त कलेक्षन था मूवीस का.मेने उसे कुछ डबल एक्स रेटेड सॉफ्ट पॉर्न मूवी देने को कहा. उसने मुझे 4-5 सीडी दे दी और एक सीडी दी जिसमे होलीवुड के सबसे हॉटेस्ट सेक्स सीन्स थे मूवीस के.उसमे सिर्फ़ क्लिप ही क्लिप्स थे बस.सिर्फ़ सेक्स के क्लिप्स.

मेने सीडीज़ ली और घर आ गया रास्ते में मेने रुक कर कॉंडम का एक बड़ा पॅकेट भी ले लिया. लेकिन मेने यह सोच लिया था कि जल्दिबाजी नही करनी है.मज़े से करेंगे आज नही तो कल यह चूत तो मुझे ही मिलनी है. सब समान ले के में घर आ गया.

दीदी ने सेट अप कर लिया था सोफे को खिसका दिया था और दो गद्दे डाल दिए थे. दोनो गद्दे एक साथ थे और साथ में रखने के लिए करीब 5-6 तकिया भी थे. मेने सोचा बढ़िया है. आग दोनो तरफ बराबर लगी हुई है.हम लोग बैठे. दीदी ने पूछा-
दीदी-कौन कौन सी लाया है?

मे-यह सब इंग्लीश हैं. सबमे अपने मूड के हिसाब की ही चीज़ें हैं.

दीदी-गुड. यह रेड वाली सीडी में क्या है?

मे-इसमे छोटी छोटी क्लिप्स हैं हॉलीवुड मूवीस के प्यार करने वाले सीन्स हैं बस.

डिड-तो यही लगा दे सबसे पहले. देखें अंग्रेज लोग प्यार कैसे करते हैं.

मे-ठीक है.लेकिन सीडी देख के मुझे पीटना मत कि मेने यह सब क्या दिखा दिया.

दीदी-पीटना होता तो बहुत पहले ही पीट चुकी होती.तू आराम से लगा और बेकार में नर्वस हो के मूड मत खराब कर. लगा बिंदास होके.

मेने क्लिप्स वाली सीडी लगा दी. पहला ही सीन आया ओरिजिनल सीन मूवी का. आंजेलीना जॉली का सुपर चुदाई वाला सीन ख़तम होते ही दीदी ने सीडी प्लेयर पॉज़ कर दिया. थोड़ी देर हम चुप बैठे रहे.
फिर दीदी बोली-

दीदी-यह कौन सी मूवी है?

मे-ओरिजिनल सीन.

दीदी-यह हेरोयिन कौन सी है?

मे-आंजेलीना जॉली.क्यूँ?

दीदी-नही ऐसे ही पूछा. बढ़िया सीन दिया.

मे-ह्म यह तो कुछ भी नही. अभी और देखो तो.

मुझे बड़ी खुशी हुई की चुदाई का सीन देख कर दीदी को कोई प्राब्लम नही हुई बल्कि वो बड़े आराम से देख रही थी और मज़े ले रही थी.मेने 2-3 सीन देखने के बाद एक तकिया लिया और अपनी टाँगों के बीच दबा लिया. दीदी ने भी एक तकिया उठाया और अपनी टाँगों के बीच दबा लिया.

फिर आया बेसिक इन्स्टिंक्ट का सीन जिसमे डग्लस अपनी गर्लफ्रेंड को ज़बरदस्ती पीछे से चोदता है यह सीन देखने के बाद तो और भी मज़ा आ गया थोड़ा फोर्स्ड सेक्स देख के हम दोनो को बड़ा मज़ा आया. इसके बाद दीदी ने फिर से सीडी प्लेयर पॉज़ कर दिया.

मे-इस मूवी के बारे में भी बताऊ?

दीदी-नही रे में बाथरूम जा रही हूँ.तू थोड़ी देर वेट कर ले फिर देखेंगे.

मे-मुझे भी जाना है प्लीज़ मुझे जाने दो पहले.

दीदी-नही पहले मुझे जाने दे मैं जल्दी कर लूँगी.तुझे बहुत टाइम लगता है.

मे-नही आज नही आ गया .में भी जल्दी कर लूँगा प्रॉमिस.

दीदी-नही तू टाइम लेगा मुझे जाने दे.

मे-अच्छा चलो दोनो एक साथ ही चलते हैं.

दीदी-नही फिर कभी एक साथ चलेंगे आज तो मुझे अकेले ही जाने दे बस 10 मिनिट में आई.

दीदी उठ के चली गयी मुझे सबसे ज़्यादा खुशी यह सुन के हुई कि दीदी को एक साथ मूठ मारने के कॉन्सेप्ट में कोई प्राब्लम नही थी उन्होने आराम से कहा कि फिर कभी मतलब अब मेरे लिए रास्ता सॉफ है में चाहूं तो अभी ही जा के उन्हें चोद भी सकता हूँ लेकिन में बैठा रहा.
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10-15-2019, 12:15 PM,
#17
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मेने सोचा कि कल ही इनका गेम बजाउन्गा आज मूवी का मज़ा लेते हैं और देखते हैं कि आगे क्या क्या होता है. दीदी बाथरूम का गेट खुला ही रख के अंदर गयी मुझे अंदर की सब आवाज़ सुनाई दे रही थी दीदी धीरे धीरे मोन कर रही थी और फिर उनकी आवाज़ें तेज होने लगी.


में समझ गया कि अब वो झड्ने वाली है थोड़ी देर के बाद दीदी बाथरूम से वापिस आई तो उसने अपनी ब्रा के हुक खोले हुए थे ब्रा बस चुचियों से चिपकी हुई थी और उसने पेटिकोट भी जांघों तक उठा लिया था उसके दूसरे हाथ में उसकी पैंटी थी जो उसने मेरे सामने ही फेर्श पर फेंक दी.

दीदी पेटिकोट के नीचे नंगी थी और उसकी ब्रा का होना ना होना एक जैसा ही था. फिर में उठ के बाथरूम गया.मेने भी गेट नही बंद किया और में नंगा हुआ पूरा नंगा होने के बाद मेने लंड को बस धीरे धीरे सहलाना शुरू किया ताकि वो अपने फुल फोर्स में आ जाए लगभग 10 मिन्स के बाद दीदी की आवाज़ आई कितनी देर करेगा.जल्दी आना.

अभी और भी मूवी देखनी है जल्दी कर में अंदर बैठा रहा लंड को धीरे धीरे सहलाता रहा बस कुछ नही बोला थोड़ी देर बाद मुझे सुनाई दिया की दीदी बाथरूम की तरफ आ रही है मेने लंड पे अपनी पकड़ टाइट कर दी और तेज तेज हाथ चलाने लगा.

दीदी गेट पे आके खड़ी हो गयी उसके सामने में फर्श पर बैठा हुआ था दोनो टाँगें चौड़ी थी और मेरा लंड फुल टाइट था जिसपे मेरा हाथ सटा सट उपर नीचे हो रहा था दीदी ने मेरा लंड देखा मज़े से फिर बोल जल्दी से गिरा दे पानी.तेरा तो झड्ने का नाम ही नही लेता.

और तेज तेज कर ज़्यादा ज़ोर से पकड़ ना उसे ज़ोर से पकड़ लंड को.और तेज से घिस. दीदी यह सब बोल रही थी और में लंड को घिस रहा था और तभी मेने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड ने पहली पिचकारी छोड़ी मेरे लंड का रस हवा में उड़ता हुआ सीधे दीदी के पैरों के पास फेर्श पर गिरा.

दीदी थोड़ा पीछे हाथ गयी थी नही तो उसके उपर गिरता दीदी हंस के बोली मुझे प्रसाद चढ़ा रहा है क्या मेने कुछ नही कहा बस हंस दिया दीदी बोली चल अब जल्दी से आजा आगे की सीडी देखें. दीदी पहले ही मूड के चल दी थी मेने हाथ धोया और लंड धोया और बिना कुछ पहने नंगा ही बाहर आ गया.

दीदी- अर्रे कुछ तो शर्म कर ले कुछ तो पहन ले.

मे-रहने दो ना जो भी पहनूंगा बेकार में गीला हो जाएगा. ऐसे ही ठीक है आप भी आराम से हो लो उतार दो.

दीदी- में तो वैसे भी नंगी ही बैठी हूँ लेकिन तू तो बड़ा ही बिंदास हो रहा है आज का बात है?

मे-बीवी बड़ी याद आ रही है काश वो यहाँ होती.

दीदी- अच्छा हुआ कि वो यहाँ नही है नही तो तू उसे इतनी बुरी तरीके से पेलता की बेचारी मर ही जाती.

हमने फिर से मूवी चालू कर दी दीदी और में साइड में ही बैठे थे जैसे जैसे चुदाई के सीन्स आ रहे थे हम दोनो को फिर से जोश बढ़ता जा रहा था करीब 30 मिनिट्स तक देखने के बाद दीदी ने धीरे से कहा में बाथरूम से होके आती हूँ.

मेने दीदी का हाथ पकड़ लिया दीदी ने मुझे देखा मेने कहा कि जो करना है यहीं कर लो ना अब हमारे बीच क्या परदा. आपको चूत में उंगली करनी है और मुझे लंड घिसना है. हम दोनो वैसे भी नंगे ही हैं. चलो ना एक दूसरे के सामने करते हैं बड़ा मज़ा आएगा.

दीदी ने मुझे कुछ नही कहा उसकी आँखों से दो आँसू बह निकले. में थोड़ा शॉक्ड हो गया कि यह क्या हुआ दीदी ने अपना हाथ वापिस खीचा चुपचाप उठ के अपने बेडरूम में चली गयी और रूम बंद कर लिया.

मेरी समझ में नही आया कि यह सब हुआ क्या क्या बात हो गयी अभी तक तो चुदने को रेडी बैठी थी फिर यह एकदम से क्या हो गया मेरा खड़ा लंड कह रहा था कि यह सब बेकार के नखरे हैं और मुझे अभी जा के उसे पकड़ के चोद देना चाहिए.

मेरा दिमाग़ बुरी तरह से कन्फ्यूज़्ड था मेने भी टीवी बंद की और बेडरूम में जा के सो गया. मेरे साथ आज बुरी तरह से खड़े लंड पे चोट हुई थी मेने भी सोचा कि आज नही तो कल दीदी मेरे लंड के नीचे तो आएगी ही तभी इसका ही बदला लूँगा. सोते सोचते में सो गया.

अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था. दीदी घर का काम कर रही थी मुझे चाइ दी और वापिस अपने काम में लग गयी मेने भी पिछली रात के बारे में कोई बात नही की. फिर में थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया मेने सोचा इसी बहाने कुछ मूड भी फ्रेश हो जाएगा.

फिर सोचेंगे कि क्या करना है आगे. मैं काफ़ी देर तक बाहर इधर उधर घूमता रहा. फिर वापिस लौटा घर तो देखा कि दीदी टीवी के सामने बैठी थी , मुझे देख के उठी और बाथरूम में चली गयी नहाने के लिए.

मुझे याद आया कि मुझे उसकी लेग्स शेव करनी थी लेकिन मेने कुछ कहा नही. जब उसी ने नही कहा तो में क्यूँ कहूँ में आराम से वही बैठ के न्यूज़पेपर पढ़ रहा था. करीब 20 मिनट बाद दीदी बाथरूम से बाहर निकली उसने अपना गीला पेटिकोट लपेटा हुआ था.

वो बाथरूम से थोड़ा सा बाहर आई और मुझे देख के बोली अपना रेजर ले के आ मेरे बाल गीले हैं अभी शेव कर दे और वो वापिस अंदर चली गयी. में तुरंत भूल गया कि कल रात दीदी ने मेरे खड़े लंड पे क्या चोट की थी.
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10-15-2019, 12:15 PM,
#18
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
में खुश हो गया और रेडी हो गया अंदर जाने के लिए. जब अंदर गया तो मुझे उम्मीद से भी बेहतर सीन मिला देखने को. दीदी ने अपना गीला पेटिकोट अपने बदन पे लपेट लिया था उसका पेट और चुचि छुपे हुए थे और उसकी जांघे तो लगभग पूरी नंगी थी बस चूत के सामने का हिस्सा पेटिकोट से छुपा हुआ था और दीदी बाथरूम के फेर्श पर लेटी हुई थी पीठ के बल दीदी बाथरूम के फर्श पर पैर मोड़ के लेटी हुई थी में अंदर गया तो देखता ही रह गया अभी तक का जो गुस्सा था सब भूल गया कि दीदी ने क्या किया था कल रत में अब तो में भी मज़े लेने के मूड में था.

मे-इसी पोज़ में लेटी रहो.इसमे शेव करने में आसानी होगी.

दीदी-पता है इसीलिए तो पहले से लेटी हूँ तू अच्छे से मेरी टाँगें शेव कर दे अब तो जब भी ज़रूरत पड़ेगी तो तुझ को बोलूँगी.

मे-हां बोल देना ना में कर दूँगा अच्छा कल रात में क्यूँ चली गयी थी?

दीदी- वो बाद में पूछ लेना अभी पहले शेविंग कर दे में गीली बैठी हुई हूँ मुझे ठंड लग रही है.

मे-हां ठीक है कर रहा हूँ.

मेने दीदी की राइट टाँग उठा ली और अपने कंधे पर रख ली में उनकी दोनो टाँगों के बीच बैठा हुआ था इसलिए जैसे ही उनको राइट टाँग उठाई मेने उनका पेटिकोट जो कि चूत के ठीक उपर तक ही था वो और उपर हो गया और दीदी की चूत मेरे सामने आ गयी नंगी चूत बालों से घिरी हुई.

दीदी को भी पता था लेकिन उसने छुपाया नही बल्कि वो वैसे ही लेटी रही में चूत को देखता हुआ दीदी की टाँग पर शेविंग ब्रश घुमा रहा था जब गाढ़ा फोम बन गया तब मेने रेजर लिया और उनकी टाँग शेव कर दी दीदी की टाँग पूरी प्रोसेस के दौरान ऐसे ही उठी हुई थी.

और उसकी चूत मुझे अपने दिव्य दर्शन दे रही थी फिर यही मेने दूसरी टाँग के साथ भी किया अब तक हम दोनो बिल्कुल चुप थे. ना दीदी कुछ बोल रही थी ना ही में उनकी दोनो टाँगें शेव हो जाने के बाद.
मे-टाँगें तो शेव हो गयी और कुछ करना है शेव.

दीदी-नही बस हो गया.

मे-यह भी करवा लो ना शेव.इतने बड़े बाल हो गये हैं.

दीदी-कहाँ के बाल?

मे-यह आपकी झान्टे इतनी बड़ी हो गयी हैं इन्हें भी शेव कर दूं.

दीदी-हट रे तू अपनी दीदी की झान्टे बनाएगा?

मे-में दीदी की टाँग शेव कर सकता हूँ तो झान्टे क्यूँ नही. चलो ऐसे ही लेटी रहो में झान्टे भी बना देता हूँ

दीदी-नही नही तू इन्हें शेव मत कर बस ट्रिम कर दे.

मे-अर्रे नही शेव करवा लो पूरा चिकना हो जाएगा तो ठीक रहेगा

दीदी-अर्रे कौन सा मेरा हज़्बेंड बैठा हुआ है जिसके लिए अपनी चूत चिकनी करूँ में? तू रहने दे.

मे-फिर से वही बात हज़्बेंड नही है तो तुम्हारी जिंदगी में कुछ नही है क्या. अब मुझसे बहस मत करो और चुपचाप लेटी रहो में झान्टे बना देता हूँ अभी. मेने शेविंग ब्रश उठाया और दीदी की दोनो टाँगों को फैला दिया और उनकी चूत के ठीक पास में आ गया.
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10-15-2019, 12:16 PM,
#19
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
अब दीदी फर्श पर पीठ के बल लेटी थी दोनो टाँगें पूरी फैली हुई और चूत के ठीक पास में में था शेविंग ब्रश लिए हुए मेने झान्टो पे हाथ फेरा और फिर ब्रश लगाया दीदी का पूरा बदन काँप सा गया दीदी की कमर अपने आप उपर नीचे होने लगी.
मुझे पता चल गया कि अब मज़ा लेने की बारी है मेने बदस्तूर शेविंग ब्रश दीदी की झांतों पर फिराया और फिर धीरे से मेने ब्रश को दीदी की चूत पर रखा ब्रश जैसे ही दीदी की झान्टो से होता हुआ चूत की क्लिट पे आया तो दीदी के मुँह से एक ज़ोर की सिसकारी निकल गयी उसने अपनी उंगलियाँ दाँतों में दबा ली और चुप गयी मेने क्लिट पर शेविंग ब्रश ज़ोर ज़ोर से रगड़ा और फिर अपने दूसरे हाथ से दीदी की चूत की लिप्स को खोला और शेविंग ब्रश अंदर डाल दिया अब में लिटेरली दीदी की चूत को शेविंग ब्रश से चोद रहा था और दीदी तो जैसे पागल हुई जा रही थी उसकी कमर बहुत तेज स्पीड से हिल रही थी


और वो भी शेविंग ब्रश की फीलिंग ले रही थी मेने अब ज़रा भी देर नही की जो अंडरवेर मेने पहनी हुई थी वो उतार दी और अपना लंड हाथ में लिया शेविंग ब्रश एक बार लंड पे मारा जिससे थोड़ा फोम उसपे भी लग जाए और फिर दीदी की टाँगों के बीच में आ गया और लंड को ठीक चूत के सामने रखा दीदी यह सब होता देख रही थी.

उसके फेस पर कोई एक्सप्रेशन नही था बस वो मुझे देखे जा रही थी में भी अब रुकने वाला नही था दीदी ने अपने होंठ को दाँतों के नीचे दबाया और मुझे घुसने का इशारा मिल गया मेने उसकी शेविंग फोम से भीगी चूत में लंड की पहली ठोकर मारी लंड का अभी सिर्फ़ सुपाडा ही घुसा था की दीदी ने टाँगें उठा के मेरे इर्द गिर्द लपेट ली मेने दूसरी ठोकर मारी और लंड करीब आधा घुस गया दीदी की चूत में दीदी ने अपने होंठ इस कदर चबाए जैसे उन्हें खा ही जाएगी फिर बड़ी ही धीमी आवाज़ में सिसकती हुई बोली मार गयी मेरी माँ .

यह शब्द उसने इतने मादक अंदाज में कहे कि मेरा जोश और बढ़ गया मेने अभी तक आधा ही लंड डाला था और फिर अगले झटके में बाकी का लंड घुसेड दिया इस झटके के बाद तो दीदी की जैसे साँसे ही रुकी जा रही थी उसकी पूरी बॉडी काँप रही थी उसकी छाती फूल रही थी उसकी टाँगें मेरी कमर पर इतनी ज़ोर से लिपटी हुई थी कि अगर कोई कमजोर
मर्द होता तो उसकी कमर टूट जानी थी में टिका रहा लंड को थोड़ी देर चूत में ही रहने दिया दीदी ने जब अपनी टाँगें थोड़ी ढीली की और जब उसकी साँस थोड़ी नॉर्मल हुई तो मेने अपना काम शुरू किया इस बार ताबड़तोड़ दीदी की चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया दीदी की बॉडी कांपती रही.

कभी वो अपने हाथ से अपने सिर के बाल नोचती कभी टाँगों को मेरी कमर पे लपेटती कभी उन्ही टाँगों से मुझे ठोकर मारती उसकी समझ में नही आ रहा था कि इतनी एग्ज़ाइट्मेंट को कंट्रोल कैसे करे उसकी साँसे इतनी तेज थी कि लगा उसकी छाती फट जाएगी उसकी चीखें निकलना शुरू हो गयी.

मेरे लंड के झटके वो करीब 15 मिनट से खा रही थी और अभी तक उसकी बॉडी नॉर्मल नही हुई थी में हर झटके में लंड लगभग आधा निकाल लेता था और फिर पूरे फोर्स से घुसड़ देता था दीदी की सिहरन ऐसे ही बनी रही.

और फिर मेरा लंड झड्ने को रेडी हो गया मेने सोचा कि चूत में नही झडुन्गा मेने जैसे ही लंड निकालना चाहा दीदी ने अपनी टाँगों की ग्रिप टाइट कर दी और मुझे अपने ऑर खींच लिया मेने इशारा समझा और दीदी की चूत में अपने लंड का रस निकाला.

जब मेरे लंड ने पानी निकाला तो मुझे लगा जैसे मेरे शरीर से पूरा खून निकल के बाहर जा रहा है मेरे रोंगटे खड़े हो गये मुझे ऐसी फीलिंग हुई जैसे मेने 10 दिन से पेशाब रोका हुआ है और आज मूतने का मौका मिला है में भी चिल्लाता हुआ दीदी की चूत में झड गया.

में झड्ने के बाद लंड चूत में डाले रहा और दीदी के उपर लेट गया दीदी ने मुझे अपने सीन से से चिपका लिया वो भी अब कुछ नॉर्मल हो रही थी हम लोग ना जाने कितनी ही देर इसी तरह से पड़े रहे मेरा सिर दीदी की चुचियों पर था लंड दीदी की चूत में.

काफ़ी देर बाद मेने अपना सिर दीदी की चुचियों से उठाया उनकी आँखों में देखा तो वो ऐसे शरमाई जैसे अभी अभी सुहागरात की सेज पर मेने उनकी चूत की सील तोड़ी हो यह अदा तो मेरे दिल पर असर कर गयी मेने लंड चूत से निकाला तो उसमे हम दोनो के प्यार का रस चिपका हुआ था.

दीदी ने मुझे देखा मेने इशारा किया कि इसे चाट लो उन्होने ने अपना शरीर थोड़ा उठाया और मेरे पास आ गयी अब में अपने घुटनो के बल बैठ गया और दीदी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया.


मुझे यह तो मालूम था कि दीदी मुझसे चुद जाएगी लेकिन वो मेरा लंड भी चुसेगी यह मेने सपने में भी नही सोचा था..खुद मेरी बीवी ने कभी मेरा लंड नही चूसा था…बीवी को मेने कयि बार कहा लेकिन उसने कभी लंड को अपने मुँह के पास भी नही जाने दिया..और यहाँ दीदी मेरे लंड को जो कि प्रेम के रस से भीगा हुआ था….अभी अभी चूत से निकला था उसे ऐसे चाट रही थी ऐसे चूस रही थी जैसे वो दुनिया की सबसे साफ सुथरी और मीठी चीज़ है..में मारे खुशी के पागल हो गया…में उनके मुँह में ही लंड के धक्के मार रहा था वो अपने मुँह को ज़्यादा से ज़्यादा खोल के लंड को भीतर तक ले रही थी..और फिर मेरे लंड ने दूसरी पिचकारी छोड़ी दीदी के मुँह में…
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10-15-2019, 12:16 PM,
#20
RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मेरा मन किया कि काश दीदी मेरा लंड का पानी पी ले…और वही हुआ…दीदी ने मेरे लंड का पूरा पानी अपने मुँह में ले लिया..लेकिन उसमे से कुछ बाहर गिरा तो उसने अपने हाथ लगा लिए नीचे और फिर हाथ से बाकी का रस भी चाट लिया…दीदी ने मुझे तो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दे दिया था…मेरा लंड पहली बार किसी ने चूसा और चाटा और उसका पानी भी पिया…में तो दीदी का गुलाम बन गया….

फिर हम दोनो ने अपने अपने शरीर धोए और बाहर आ गये.

आज दीदी ने मेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख दिया था मैं अपने लंड को चुसवाना चाहता था लेकिन मेरी बीबी स्वेता ने आज तक मेरे लंड को छुआ भी नही लेकिन आज दीदी ने लंड चूसने के साथ लंड का पूरा पानी भी पी गयी आज मैं दीदी का गुलाम हो गया बाथरूम से निकलते ही मैं अपने रूम मे घुस गया थोड़ी देर मे ऑफीस जाने के लिए रेडी हो गया ओर रूम से बाहर निकला ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ गया थोड़ी देर मे दीदी अपने रूम मे से बाहर निकली वो गजब की संदर लग रही थी उनके हाथ मे एक थाली था उन्होने ब्लॅक साड़ी पहनी हुई थी ब्लॅक ब्लाउज सिर पर पल्लू नही था इसीलिए आगे का नज़रा सॉफ दिखाई दे रहा था ब्लाउज पारदर्शी था दीदी ने अंदर ब्रा नही पहनी थी उनकी चुचिया डीप कट ब्लाउज मे आधी से ज़यादा दिखाई दे रही थी होंठो पे लाल रंग की लिपस्टिक बाल खुले हुए थे.
दीदी ने थाली नीचे रख दी मेने थाली मे देखा

थोड़ी मिठाई, सिंदूर, एक मंगलसूत्र, मेने फिर से दीदी के चेहरे की तरफ देखा दीदी का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था
वो बहुत मुस्कुरा रही थी मैने दीदी की ओर देखा

तभी दीदी बोली' मैं कैसी लग रही हूँ.

राज- बहुत ही हसीन लग रही हो दीदी

दीदी मेरे होंठो पर अपने हाथ रखते हुए' दीदी नही सिर्फ़ अनिता'

राज- लेकिन मैं आपको नाम से कैसे पुकार सकता हूँ. आप मेरी वाइफ थोड़ी हो

दीदी धीरे से बोलते हुए' तो बना लो ना'

मैं दीदी की ओर देखते हुए' क्या बोली होश मे तो हो दीदी'

दीदी कुच्छ नही बोली थाली से मंगलसूत्र उठाई ओर मेरे सामने करते हुए ' ये लो भाई आज मेरे गले मे मंगलसूत्र पहनाकर मुझे अपनी दीदी से बीवी बना लो'

राज- नही दीदी ये नही हो सकता मैं स्वेता के साथ धोखा नही कर सकता

दीदी मेरी बात सुनकर एकदम गुस्सा हो गयी' क्यो नही बना सकते मुझे चोद सकते हो तो क्या मुझे अपनी बीवी नही बना सकते. क्या मुझे जिंदगी भर अपनी रखेल बनाकर रखना चाहते हो. अपनी रंडी बनाकर मुझे चोदना चाहते हो. क्या तुम अपनी दीदी की एक इच्छा पूरी नही कर सकते ठीक है अब तो मर्ज़ी है मुझे कोठे पर लेजा कर बेच दो. मुझे रंडी बना दो.
दीदी की आँखो से आँसू बहने लगे

वो मेरे पैरो मे गिर पड़ी उनके आँसुओ से मेरे दिल फटने लगा. मेने तुरंत दीदी को कंधो से पकड़ कर उठाया. मेने दीदी की आँखो मे देखा उनकी आँखो से आँसू बहे जा रहे थे मेने तुरंत थाली से एक चुटकी सिंदूर उठाया दीदी की माँग मे भर दिया


दीदी के आँसू अपने आप रुक गये मेने फिर मंगलसूत्र लिया दीदी के गले मे बाँध दिया.

फिर मैं वहाँ नही रुका तुरंत ऑफीस के लिए निकल गया. बिना नाश्ता किए दीदी के रोना बंद हो गया था. मैने दिनभर बैचेनी से ऑफीस मे बिताया नाश्ता भी नही किया किसी काम मे मन नही लग रहा था. पेट मे चूहे कूद रहे थे लेकिन खाने को मन नही कर रहा था. तभी मुझे दीदी का ख्याल आया दीदी की माँग मे सिंदूर तो भर दिया लेकिन अब स्वेता से कैसे सुलटुन्गा . मेरा दिमाग़ फटने लगा. शाम को जब घर लौटा तो ड्रॉयिंग रूम मे जाकर सोफे पर बैठ गया. तभी दीदी आई उनकी चाल ही बदल गयी थी बिल्कुल धीरे-धीरे किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह आई सर पर पल्लू रखी हुई थी डीप कट ब्लाउज पहनी हुई थी मंगलसूत्र उनकी दोनो चुचियो के बीच मे लटक रहा था. बहुत ही हसीन लग रही थी.


लेकिन मेरे इधर भूख के मारे पेट मे चूहे कूद रहे थे. मेरा मुँह सूखा हुआ था क्योकि जब खाना नही मिलता है तो कुच्छ भी करने को दिल नही कर रहा था

दीदी मेरे सामने आकर रुक गयी मेरे चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगी मैं भी उनकी आँखो मे देख रहा था दीदी थोड़ी देर मेरी आँखो मे देखने लगी फिर उठ कर किचन की तरफ चली गयी आज दीदी बदली-बदली सी लग रही थी.

मैं सोफे पर से खामोशी से उठा ओर अपने रूम मे आकर कपड़े बदले लगा कपड़े बदल रूम से बाहर निकाला ऑर बाथरूम घुस गया

बाथरूम से फ्रेश होने के बाद जब बाहर आया दीदी प्लेट मे नाश्ता लिए हुए सोफे पर बैठी हुई थी. मैं खामोशी से सोफे पर जाकर बैठ गया. मैने प्लेट मे देखा नाश्ता रखा हुआ था

दीदी भी पूरी तरह खामोश थी उसने चुपचाप नाश्ता मे से एक कौर बनाया ऑर मेरे मुँह के सामने कर दिया मैने ना चाहते हुए भी मुँह खोल दिया. दीदी ने नाश्ता मुँह मे डाल दिया मैं चुपचाप खाना खाने लगा था. दीदी का प्यार देख कर मैं एमोशनल हो गया ऑर मेरी आँखो से दो बूँद आँसू टपक पड़े. दीदी ने मेरे आँसू पोछे ओर इशारे से बोली कि मैं चुपचाप खाना खाउ.

खाना खाने के बाद दीदी ने प्लेट उठाई ऑर किचन मे लेकर चली गयी. लेकिन खाना खाने के बाद ना जाने क्यो मुझे नशा छाने लगा. ऑर मैं सोफे पर लेट गया. तभी दीदी किचन की तरफ से आ गई . दीदी को देखकर मैं बैठ गया दीदी जब सामने आई. तो दीदी- आपको परेशान होने की कोई ज़रूरत नही जबतक आप नही कहेंगे तबतक मैं आपको स्पर्श भी नही करूँगी.

इतना बोलते ही दीदी वहाँ से जाने लगी मैं खड़ा हुआ ऑर दीदी को खिचकर अपने सीने से चिपका लिया. दीदी ने अपना मुँह मेरे सीने मे छुपा लिया मेरी पीठ पर अपनी दोनो बाहों को कसते हुए चिपक गयी. मैं दीदी की पीठ को सहलाने लगा.बहुत देर तक हम गले से लगे रहे कोई नही बोल रहा था.............................
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