01-10-2020, 11:58 AM,
(This post was last modified: 12-10-2023, 01:20 AM by desiaks.)
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RE: Hindi Porn Story द मैजिक मिरर
नानी: जो हुआ सो हुआ अब क्या इसकी जान लोगे तुम! बच्चा है गांव मन लग गया नहीं याद आया शहर इसे?
गिरधारी: जी कोई बात नहीं मैं तो सिर्फ इतना बोल रहा हूँ कि तैयार हो जा हम लोग अभी शहर निकल।रहें है।
राज: अभी? अभी तो रात हो जाएगी?
गिरधारी: राज बहस मत करो मुझसे! तुम्हे मालूम है ना कल सुबह मुझे ड्यूटी भी जाना है। जाओ तैयार हो जाओ। वैसे भी ड्राइव मैं करूँगा तुम नही! जाओ अब!
राज: जी पापा!
राज इतना बोल कर अपना सामान तैयार करने लगता है।सारा सामान पैक करने के बाद राज बाहर अपनी नानी के पास आता है तो...
राज की नानी राज और गिरधारी के तिलक निकाल कर मीठा मुह करवा के उन्हें थोडे बहुत पैसे देकर विदा कर देती है।
गिरधारी गाड़ी चला रहा था और राज बड़े उदास मन से अपने घर की तरफ निकल रहा था। अभी घड़ी में कुछ 7 बज कर 15 मिनट हो रहे थे। करीब 11 बजे तक राज और गिरधारी शहर अपने घर पहुंच जाते है।
अध्याय 1
प्रथम अध्याय मे अब तक आपने देखा की कैसे राज शहर से गांव मे अपनी नानी के घर जाता है। घर जाते वक़्त रास्ते मे असाधारण बरसात का सामना करते हुए राज और राज के पिता गिरधारी राज की नानी के घर पहुंचते है। नानि के घर पहुंच कर राज रात्रि समय मे अपनी नानी से कहानी सुनने की इच्छा जाहिर करता है। राज की इस इच्छा से नानी राज को एक रहस्यमयी कहानी सुनाती है "दि मैजिक मिरर"। उस कहानी को सुनने के बाद जब नानी राज को कहानी की नायिका नेत्रा के बारे मे बताती है तो रोज उत्सुकता से कहानी सुनता है। कहानी के अंत मैं जाते जाते नानी राज को नेत्रा के ऊपर हुए तिलिस्मी आईने का असर नहीं बताती। राज बहुत बार पूछता है लेकिन नानी राज को कहानी के अंत का विवरण नहीं देती।
दुरे दिन की सुबह राज की मुलाकात गांव के एक लड़के से होती है। "छोटू" छोटू भागता हुआ नानि के घर आता है तो नानी छोटू की मदद करके छोटू से राज को गांव घुमाने की बात करती है। छोटू जब गांव मैं राज को लेकर जाता है तो राज की मुलाकात वहाँ कालू, मंगल, और श्याम से होती है।छोटू और सभी दोस्त राज को नदी मैं नहाने के लिए ले जाते है। जहां पर कालू की नज़र राज के लिंग पर पड़ती है। जिसका आकार बहुत छोटा था। कालू राज को उसके नाना के बारे मैं बताते हुए राज को उसके नाना की झोपड़ी मैं ले जाता है। जहां पर कालू राज को कुछ दवाएं देता। वही पर राज एक निले रंग का पानी था उसे पि जाता है। और राज को उसी झोपड़े के आंगन से एक बक्शे की प्राप्ति होती है।
उस बक्शे मैं कहीं भी चाबी का खांचा नहीं था। तभी अचानक जि एक ऐसी घटना होती है जिसके तहत राज को पता चलता है की वो बक्शा उसके खून और सूर्य के परक्ष से खुलता है। फिर राज की वापस शहर वापसी होती है। शहर वापसी के समय राज के सभी दोस्त दुखी थे। राज फिर वापस लौट कर आने के वादे के साथ शहर चला जाता है। शहर मैं राज के लिंग पर दावा का असर ज्यादा होने लगता है। जिसके फलस्वरूप राज के लिंग मैं दर्द होता है। राज की माँ सरिता और राज के पिता गिरधारी राज को पास ही के एक हॉस्पिटल मैं ले जाते है जहां पर डॉक्टर प्रिया राज का इलाज करती है। डॉक्टर प्रिया राज के लिंग के बारे मैं सरिता से बोलती है। और खुद राज का ब्लड़ सेम्पल ले लेती है।
फिर 2 साल बाद राज लौट कर वापस गांव आता है। जहां पर बख्शे से प्राप्त हुए नक्शे और कंपास की मदद से छिपे हुए खजाने की तलाश मैं राज लग जाता है। तभी नदी पर नहाते हुए राज के लिंग मैं एक बार फिर से दर्द होता है। कालू जब ये देखता है तो कालू अपनी बहन लता को राज के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार करता है।
लता राज की नथ बारिश के बड़े ही कामुक अवसर पर उतारती है। अगले दिन राज नक्शे के मुताबिक नदी मैं जाता है जहां एक भंवर मैं फंस कर राज नदी के गर्भ मैं स्थित मिरर दुनियां मैं पहुंच जाता है। वहां राज की मुलाकात एक लड़की और वहां की महारानी से होती है। महारानी से ही राज को आईने की प्राप्ति होति है। आईना लेकर राज नाना की झोपड़ी मैं एक अद्भुत तिलिस्म से पहुंचता है । वहां अपने नाना की किताब पढ़कर राज को मालूम होता है की नानी ने जो कहानी सुनाई थी वो सच थी।
फिर राज आईने को अपनी पसंदीदा ड्रेस भेंट चढ़ा कर एक और तिलिस्म से झोपड़े से बाहर निकलता है। राज झोपड़े से बाहर आकार जब नानी के घर पहुंचता है तो वहां पहले से मौजूद अपने पिता को देख कर चोंक जाता है। राज के पिता गिरधारी राज को देखते ही बरस पड़ते है। और राज को उसके कॉलेज शुरु होने की बात बताते है। फिर राज को उसका समान तैयार करने का वक़्त देकर राज को लेकर शहर पहुंच जाते है।।
पिछले अध्याय मैं आपने देखा की राज के पास आईने किस प्रकार से आया लेकिन अभी तब राज उस आईने की शक्तियों से अनभिज्ञ है। ना ही राज को उस आईने का इस्तेमाल करना आता है। अब आगे क्या होता है ये तो अगले अध्याय- 2 मैं पता लगेगा। प्रथम अध्याय मैं मेरे साथ बने रहने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आगे भी इसी प्रकार से साथ बने रहे
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