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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
अपडेट 108
पप्पू के घर की रसोई में कुछ पल पहले ही पप्पू ने अपनी माँ की चूत को अपनी ही बीवी के सामने चोदा था और अपना वीर्य अपनी बीवी और माँ के मुँह में छोड़ा था।
पप्पू तो जल्दी झड ही जाता है पर शालु और नूतन चुदक्कड़ औरते है उनकी भूख इतनी जल्दी कभी शांत नहीं होती…
दूसरी तरफ,,, वीना का घर
नीलम को इन्तजार करते हुए 15 मिनट हो चुके थे की तभी दरवाजे पे दस्तक होती है।
वीना की माँ तेजा दरवाजा खोलती है,, यह तेजा का बेटा वरुण था वो भी खेतो में काम करता है।
उमर में वीणा से २ साल छोटा है
वरून को देखके नीलम मुस्कुराती है और वरुण भी उसे देख के मुस्कराता है।
वरुण: नमस्ते दीदी आप यहाँ कैसी।
नीलम: वरुण भाई वीणा से मिलने आयी हु वो नहा रही है तो इन्तेजार कर रही हूँ।
वरुण: अच्छा ठीक है,, आप कुछ लोगी चाय?? पानी
नीलम: नही वरुण तुम मै ठीक हूँ।तुम आराम करो खेतो पे काम होगा थक गए होगे।
और वरुण अंदर चला जाता है।
नीलम वहीँ बैठे हुए फिर से इन्तेजार करने लगती है पर तभी उसके कानो में वो ही आवाज पड़ती है जो उसने कल रात अपने घर में और आज सुबह देवा के घर में सुनी थी…
नीलम के तन बदन में अचानक से बिजली दौड़ती है और वो गद्दे को जोर से दबा देती है ।खटिये को जोर से जब वो दबाती है तब उससे गद्दे के नीचे कोई चौकोर चीज के होने का आभास होता है।
और वो तुरंत अपना हाथ से गद्दे को थोड़ा ऊपर उठाती है और चौंक जाती है यह जान कर की वो चौकोर डब्बा एक कंडोम का पैकेट होता है…
नीलम का दिमाग कंडोम के पैकेट को देख कर सटक जाता है और वो सोचने लगती है हे भगवन यह कंडोम इस घर में क्या कर रहा है।
दरसल नीलम ने ऐसा इसलिए कहा क्युकी वीणा के पिता तो १० साल पहले ही छत्त से गिरकर मर गए थे और वीणा की माँ विधवा हो गयी थी और ना हीं वरुण की शादी हुई है…जिसका यह मतलब निकलता है की इस घर मै सिर्फ वीना,वरुण और तेजा रहते है यानी माँ बेटी और बेटा, तो भला इस घर में कंडोम का पैकेट क्या कर रहा है??
और तभी उसके दिमाग में वो दृश्य आता है जिसमे उसका भाई पप्पू अपनी माँ को चोद रहा है और देवा अपनी माँ को…
और वो यह सोचती है…इसका मतलब वीणा का भाई भी अपनी माँ को…
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
नीलम यह पक्की तरह तो नहीं कह सकती थी की वरुण अपनी माँ को चोदता है, पर तभी नीलम के कान में एक और सिसकारी गूँजती है और वो इस बार अन्दाजा लगा लेती है की यह आवाज रसोई से आ रही थी।
वह नाजुक कदमों से खड़ी होती है और धीरे धीरे बिना कोई आवाज करे रसोई की तरफ कदम बढ़ने लगती है।
दूसरी तरफ,,, पप्पू का घर
पप्पू के झड़ने के बाद वो अपने कपडे ठीक करके रसोई के बाहर आ गया था, पर नूतन और शालु अब भी गरम थी।
दोनो पूरी नंगी एक दूसरे के सामने खड़े हुई थी रसोई में
पर शालु ने खुद पर क़ाबू करते हुए कहा।
शालु: कपडे पहन ले पप्पू के बापू बाहर ही बैठे है अंदर आ सकते है कभी भी।
शालु यह कहते हुए अपने कपडे पहनने लगी और नूतन अपने कपडे उठा कर पप्पू के पीछे पीछे अपने कमरे में चलि गयी।
दूसरी तरफ वीना का घर
नीलम अब रसोई के काफी क़रीब पहुच चुकी थी और अब तक सिसकियो की आवाज भी तेज हो चुकी थी। नीलम का दिल अचानक तेजी से धडक रहा था।
वह चलते हुए जैसे ही रसोई के पास पहुची पीछे से दरवाजे पे दस्तक हुई और नीलम भागते हुए दोबारा खटिये पर आकर बैठ गयी।
सिसकियो की आवाज अब बंद हो गयी थी और कुछ ही पल में नीलम ने देखा की रसोई से तेजा बाहर आ रही है और दरवाजे की तरफ बढ़ रही है।
नीलम की साँसे काफी तेज चल रही थी वो सोच रही थी की घर में तो सिर्फ तेजा और वरुण है क्युकी वीणा तो नहा रही है तो यह सिसकी की आवाज सिर्फ तेजा की हो सकती थी और यह कंडोम तो एक मरद के काम की चीज है यानी वरुण।
तेजा ने अब दरवाजा खोला और सामने पड़ोस वाली काकी थी । वह भी अंदर आ कर नीलम के बराबर में बैठ गयी और साथ में तेजा भी और वो दोनों गप्पपे लडाने लगी।
नीलम को अब समझ आ चुका था की इस घर में भी कोई गड़बड़ है,,
कुछ सोचने के बाद नीलम उठकर जाने लगी।
नीलम: अच्छा काकी मै जा रही हूँ। वीना से कहना मै बादमे आके मिल लुंगी उससे।
तेजा: अरे बेटी इंतजार कर ले थोड़ा और आती ही होगी वो।
नीलम: नहीं काकी मुझे घर जाना है अब मै बाद में मिल लुंगी।
और नीलम अपने घर की ओर चल दी,, रास्ते में अपने आपसे कई सवाल करते हुए की आखिर यह सब हो क्या रहा है .....क्या यह आज कल बहुत आम हो गया है क्या??
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
दूसरी तरफ....देवा का घर।
रत्ना अपने नये पति की बाहों में चैन से नंगी सो रही थी उससे चिपके हुए....की तभी देवा की आँख खुली उसने अपनी नजर घडी पर दौड़ायी जो इस वक़्त दोपहर के 1 बजा रही थी।
फिर उसकी नजर अपने बराबर में पड़ी नंगी रत्ना पर गयी और वो उसके नंगे जिस्म को देखते हुए ख़ुशी से (मन में) “आज तो मजा ही आ गया क्या मस्त औरत है मेरी अपनी माँ... सच्ची अब तक कितनी औरतो को छोड चुका हूँ…पदमा,रुक्मनि,देवकी,किरण,प्रिया,काशी,बिंदिया,रश्मि ममता,शालु,कोमल,रानी,रुक्मणी…पर अपनी ही माँ को चोदने का अलग ही एहसास हुआ था।
जो मजा अपनी ही माँ की चुत में लण्ड डाल कर मिला था वो किसी की चुदाई कर के नहीं मिला आज तक…
याहाँ तक की ममता को भी चोद कर इतना मजा कभी नहीं आया।।
और यह सोचते हुए देवा की नजर अपनी माँ की चूत पर गयी।
रत्ना अपने पैर खोले हुए सो रही थी इस वजह से उसकी चूत का दाना देवा को साफ़ नजर आ रहा था…
रत्ना पीठ के बल लेटी थी इसलिए उसके चुचे भी देवा को दिख रहे थे।
देवा मुस्कुराते हुए अपने बराबर में लेटी नंगी रत्ना के जिस्म को देख रहा था और अपनी कामयाबी पे खुश हो रहा था।
देवा अब जान चुका था की उसकी पूरी जिंदगी में चुदाई भरी पड़ी है…
उसे अब भी बहुत औरतो को चोदना है और अपने लंड का दास बनाना है।
पर अभी वो सिर्फ अपनी माँ को अच्छे से निचोड़ना चाहता था…
नंगी रत्ना को देखकर देवा का लंड खड़ा होने लगता है देवा अपनी माँ के चूत के छेद पर अपना लंड सेट करता है और सोते हुई रत्ना की चूत में अपना मोटा लंड एक ही झटके में आधा पेल देता है रत्ना नींद में ही कसमसाने लगती है और देवा अपनी माँ के रसीले होंठो को चूसता हुए अपनी माँ को पेलने लगता है।जब देवा का लंड पूरा रत्ना की बच्चेदानी से टकराता है तो रत्ना पूरी तरह जग जाती है और अपनी गांड उछाल उछाल कर देवा से चुदवाने लगती है।
रत्ना:आह्ह्ह बेटा क्या कर रहा था मुझे उठा दिया होता ऐसे सोते हुए कोई अपनी माँ की बुर में लंड पेलता है क्या।
देवा:माँ तेरी चूत ही इतनी मस्त है की मुझसे सबर नहीं होता । जी चाहता है दिन रात मेरा लंड तेरी चूत में ही रहे हर समय हर पल।
रत्ना:मुझे भी अपनी चूत में हर पल तेरा लंड चाहिए बेटा।चोद अपनी माँ को हर समय जैसे तेरा मन करे वैसे चोद मुझे।मेरी जन्मों जन्मों की प्यास बुझा दे।
देवा: ले साली रंडी ले अपने चूत में मेरा लंड।
ये कहकर देवा अपनी माँ को कुतिया बना देता है और अपना लंड अपनी माँ की गीली चूत में एक झटके में ही पूरा पेल देता है और अपनी कुतिया बनी माँ को किसी रंडी की तरह चोदने लगता है।
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
नीलम ने सामने से आते देवा को देख अपने कदम धीमे कर दिए, देवा ने ध्यान दिया की आज नीलम के चेहरे पर पहली वाली मुस्कान नहीं थी जो अक्सर उसके चेहरे पर आती थी जब वो देवा को देखती थी।
देवा को थोड़ी हैरानी हुई, क्युकी ऐसा पहली बार हुआ था की नीलम उसे खुश नही लगी।
वह समझ गया कुछ तो बात है।
दोस्तो इसे कहते है सच्चा प्यार…
जो बिना बोले ही सब समझ जाता है,, सिर्फ देखने भर से ही आशिक़ को पता चल गया की उसकी लैला दुखी है या फिर वो परेशान है किसी बात से।
नीलम को परेशान देख देवा भी हँसना बंद कर देता है और उसकी तरफ बढ़ता हुआ उसके सामने आ जाता है।
वो हँसी जिसके है हम दीवाने।
वो हुस्न का जादु जिसके है हम मस्ताने,
वो खिला हुआ चेहरा जिसकी है हमे आदत,
उस चेहरे पे ये कैसी शिकन?
नीलम देवा के मुँह से बात सुनकर थोड़ी चिंता में आ गई। वो नहीं चाहती थी की देवा यह बात अभी जाने की उसने सुबह उसके घर पर सब देखा था।
वह अब भी देवा से उतना ही प्यार करती थी, जितना कल तक करती आयी है।
इसलिये उसने सोचा की देवा को कुछ नहीं पता लगना चाहिए और उसके लिए मुझे उसके सामने ऐसा ही दीखना होगा की मै किसी बात को लेकर सोच में हूँ।
ये बात मन में ठानते हुए नीलम देवा की तरफ देखते हुए मुस्कराती है, नीलम को मुस्कराता देख देवा भी फिर से खिल उठता है और उससे कहता है।
क्या बात है आपका चेहरा बोल रहा है की आपके मन में कोई बात है जिसे लेकर आप परेशान हो?
नीलम देवा के मुँह से यह सुनकर सम्भलती हुई बोलती है
“नननहहीं कोई बात नहीं है, भला मै क्यों परेशान होने लगी”
देवा को कुछ गड़बड़ लगती है नीलम के सँभालते हुए बोलने से, पर वो ज्यादा नहीं सोचता और नीलम की हँसी को याद करके सोचता है शायद कुछ ज्यादा बड़ी बात नहीं होगी। मेरी जान तो अब खुश ही लग रही है…
और ऐसा कहते हुए वो नीलम की तरफ और क़रीब में आते हुए उसके माथे पर आ रही उसकी बालों की इक लट को ऊपर करता हुआ उसके माथे को चुम्म लेता है।
जैसे नीलम के शरीर में एक बिजली सी दौड़ती है और उसे भी देवा पर प्यार आने लगता है।।पर तभी उसे वो रात और सुबह वाली घटना याद आती है और वो वैसे ही स्थिर खड़ी रहती है।
देवा प्यार से उसके हाथो को पकडता है और दोनों चलने लगते है।
नीलम मैंने माँ से कह दिया है हमारे रिश्ते के बारे में काकी से बात करने को…देवा ने कहा।
नीलम को यह सुनकर मन ही मन बहुत ख़ुशी हुई की देवा अपनी माँ के साथ उसका हाथ माँगेंगा और उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी।
दोनो एक दूसरे के हाथ प्रेमियो की तरह पकडे हुए पप्पू के घर की तरफ बढ़ रहे थे…
और बीच बीच में कुछ बाते भी कर रहे थे।
थोड़ी देर बाद देवा ने नीलम को उसके घर के बाहर छोड दिया और अपने खेतो की तरफ बढ़ने लगा।
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
अपने खेतो के पास जाते हुए उसे एक झोपडी दिखाई दी, वो पदमा की थी, और देवा को याद आया की पदमा से मिले हुए कितने दिन हो चुके है और पदमा तो उसके बच्चे की माँ भी बनने वाली है।
यह सोचते हुए देवा ने पदमा के घर का दरवाजा खटखटाया।
कुछ पल बाद पदमा ने ही दरवाजा खोला।
अरे देवा बेटा…
देवा पदमा के मुँह से बेटा सुनकर थोड़ा आश्चर्य में आया पर जब उसकी नजर थोड़े पास बैठे पदमा के पति पर पड़ी तो वह समझ गया।
नमस्ते पदमा काकी, वो मै अपने खेतो की तरफ जा रहा था तो सोचा आपका हाल चल पता करते चलुँ।
और बिशन काका(पदमा का पति) सब बढ़िया??
बिशन: हाँ बिटवा सब ठीक है…तू बता आज कल कहाँ रहता है…दिखता नही।
अरे काका हम तो यहीं रहते है पर आप नहीं दीखते…
बिशन: बिटुआ तुम तो जानत हो हम गाड़ी चलावत है तो बहुत दिंनो तक नही आवत घर पर…अब कुछ दिनों छुट्टी लेवत…हमरी लुगाई पेट से जो होवत…
देवा: अच्छा काका। मुझे पता है की काकी माँ बनने वाली है। वैसे कौन सा महीना चल रहा है।
देवा ने मुस्कुराते हुए पदमा को आँख मारी और पदमा शर्म में अपना चेहरा दूसरी तरफ करके बोलती है।
पाँचवा चल रहा है देवा बेटा।
देव: अच्छा काकी…ख्याल रख्ना अपना।
और काका तुम बताओ तबियत ठीक है?
बिशन: कहाँ बिटवा आज काल,,उमर खत्म होवत कहाँ ठीक रहत,,,अब अपने नए बिटवा की शकल देखत हम तीर्थ हो आवत।
अरे काका ऐसा न बोलो अभी तो आप काफी जवान हो…
ये बात बोलते हुए उसने पदमा की तरफ देखा जो देवा को एक थप्पड़ दिखा रही थी…
कुछ देर देवा पदमा और बिशन से बाते करता रहा, पदमा को अच्छा लगा की देवा उसका हाल चाल जानने तो आया।
फिर देवा पदमा के घर से निकल कर अपने खेतो की तरफ बिना रुके चल दिया और वहां पहुच कर उसने कुछ नए मजदुर बुलवाये और खेतो में हल चलवाना शुरू करवाया…अब देवा को इस साल की फसल के लिए बीज बोने थे तो हल चलवाना ही था…
1 हफ्ता तो हल चलने में ही लगने वाला था यह सोचते हुए देवा अपने खेतो का मुआयाना कर रहा था।
दोपहर से शाम होने लगी थी देवा आज खेतो में बहुत काम कर रहा था।
कुछ पल बाद शाम के 6 बज चुके थे, देवा दोपहर से मजदूरो से अपने खेतो में काम करवा रहा था, पर अब समय आ चुका था घर जाने का।
तो देवा ने मजदूरो को उसकी देहाड़ी दी और उन्हें रवाना करके सारा सामान खेतो के अस्तबल में रखवाया।
अस्तबल को ताला लगा कर देवा अपने घर की तरफ जा ही रहा था की उसे रुक्मणी और रानी की याद आई, और वो अपना रास्ता बदलकर हवेली की तरफ बढ़ने लगा।
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