01-26-2020, 12:59 PM,
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
रत्ना: ”पूरी रात चुदाई होगी मेरी वह भी मेरे ही बेटे से, यह सोच के बहुत ही गरम हो रही हूँ मै बेटा…अपनी माँ को थोड़ा ठण्डा कर नहलाके……”
ये कहते हुए रत्ना ने पास में ही रखी हुई तरल साबुन(लिक्विड सोप) का डिब्बा अपने बेटे को दिया…
रत्ना: ,,”जानते हो ना की कहाँ ज्यादा मेंहनत करनी है अपने हाथो से मुझे नहलाने में?”
देवा: “बहुत अच्छे से,” देवा ने डिब्बा पकड़ते हुए कहा
बाथरूम का फव्वारा लगातार चल रहा था जिससे निकलता हुआ पानी दोनों को लगतार भिगो रहा था।
देवा ने डब्बे को खोला, और अपनी माँ रत्ना के नंगी सुडौल चुचियों पर थोड़ा सा साबुन उडेल दिया, जो उसकी चूचियों पर बिखर गया…
रत्ना को अपनी चुचियों पर गिरते हुए तरल साबुन और पानी का आभास होते ही एक गुदगुदी सी महसूस हुई, उसे पता था की देवा उसकी चूचियों को दबाना और मसलना चाहता था, चमकाना तो बहाना है सिर्फ, और वो भी यहि चाहती थी की देवा उसकी चुचियों पर अपने हाथो का 'जादू चलाये और उसे रगड कर नहलाये…
देवा: “माँ तुम बहुत ही कमाल की औरत हो…तुम्हारे आगे तो ममता क्या हर जवान लड़की पानी भरे…यह मस्त उभार तुम्हारे, देखके सिर्फ उनको पकडने मसलने और दबाने का मन करता है…माँ तुम्हे तो मै मरते दम तक चोदना नही छोड़ूँगा”
रत्ना को देवा के मुँह से अपनी प्रशंसा और देवा का उसके शरीर के लिए उतावलापन ही उसे बहुत ख़ुशी दे रहा था और उसे गरम करने का भी पूरा काम कर रहा था…
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
आज एक माँ बेटा सच में पूरे नंगे बेशरम से एक दूसरे के साथ नहा रहे थे…
ये पल शायद ही कोई सपने में देखता हो पर देवा जैसा मरद हर चीज को पा लेता है…
चाहे वो उसकी माँ ही क्यों न हो…
अपनी माँ की चुचियों पर अपने हाथ कुछ पलो तक देवा चलाता रहा और रत्ना उसके मसलने का मज्जा लेती रही।
रत्ना को तभी महसूस हुआ की उसकी मोटी गांड पर कुछ बहुत देर से चूभ सा रहा था…
जी हां यह देवा का वही तगड़ा लंड है जिसकी दीवानी है उसकी बहन ममता
भाभी कौशल्या, काकी शालू, रुक्मणि, रानी, पदमा, रश्मि, नूतन, और भी पता नहि कितनी लड़किया और औरते जिन जिन को देवा ने अपना लंड चखा कर चोदा है…
जैसे ही रत्ना को उसका तगड़ा लण्ड महसूस हुआ उसने पीछे से ही अपना हाथ उसके लंड पर ले गयी और पूरी ताकत से उसे अपने हाथ में जकड लिया और एक मंद सी मुसकान दी।
अचानक हुए लंड पर इस हमले से देवा कुछ ख़ास नही चौंका क्युकी उसके सामने तो पहले से ही ज़न्नत का दृश्य था।
अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियाँ।
जिन पर अब भी उसके हाथ चल रहे थे…
कुछ पलो तक देवा और रत्ना इसी स्थिति में रहे,
बल्कि रत्ना ने अब अपने हाथ से ही उसके लंड को सहलाना भी शुरू कर दिया था।
जीससे देवा थोड़ा और गरम हो रहा था और रत्ना की चुचियों को और जोरो से दबा रहा था।
देवा “आह्हः माँ कैसा लगा अपने बेटे का हथियार…”
रत्ना: “ममममम आह्ह्हहह…असली मर्दांनगी की निशानी है तुम्हारा यह हथियार मेरे देवा, तुम्हारा लंड किसी भी औरत की जबरदस्त चुदाई कर सकता है, सिर्फ देखने से ही औरत डर जाए ऐसा मूसल हथोड़ा है तुम्हारा यह 9 इंच का लंड…मोटी से मोटी चूत या मोटी गांड की जबरदस्त चुदाई कर सकता है यह तुम्हारा लौड़ा……इसलिए तो मै भी इसकी दीवानी हो गयी हूँ मेरी जान……”
और देवा रत्ना की चुचियों पर लगा हुआ साबुन फव्वारे से निकलते हुए पानी से धोने लगता है
और रत्ना बड़े प्यार से अपने देवा के लंड को सहलाती रहती है।
देवा रत्ना की चुचियों को फव्वारे के निचे रखकर अपने लंड को मसलवा रहा था।
रत्ना लगतार अपने बेटे के लंड पर अपना हाथ चलाती जा रही थी।।
देवा रत्ना की चुचियों को अब थोड़ा जोर से मसलता हुआ साबुन फव्वारे के पानी से साफ़ कर रहा था।
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
देवा उसकी चुचियों को बहुत जोरो से दबा रहा था और चुम रहा था गरदन पे…
रत्ना: “आहहहह……आह,,,ह्ह्ह्ह…ही ही…आह………हाय रे ज़ालिम धीरे कर दर्द होता है…………आहहहह बेटे अपनी माँ को चोदना है आज तुझे बुरी तरह…आह…………हाँ……रे ज़ालिम…ऐसे ही करना...... दर्द तो होता रहेगा……पर अपने ही बेटे से चुदवाते हुए मिलने वाला सुख भी तो नसीब होगा……हाय रे ज़ालिम……धीरे से दबा मेरी चुचियों को…आह्ह्ह्ह।
रत्ना यह आहें बहुत ज्यादा जोरो से ले रही थी अगर घर के किसी भी भाग में कोई भी इंसान हो तो वह उसकी आवाज बहुत आराम से सुन सकता है…
अब रत्ना पूरी बेशरमी से आआह्ह्हह्ह्ह्ह कर रही थी…
उसे बाहर वालों से कोई मतलब नहीं था इस वक़्त…
देवा: “तेरी चूत और गांड का भोसड़ा बना दूंगा माँ अपने तगडे लंड से आज सुबह तक चोदुँगा मै आज तुझे……चाहे कितना भी चीखती रहे तू छिनाल माँ…मेरी रत्ना।
माँ तू छिनाल है साली बेटे से चुद्वाती जो है…”
ये कहते हुए देवा रत्ना की चुचियों को और जोरो से दबाता है, और अचानक ही उन्हें छोड भी देता है…
रत्ना की आँखे अब भी बंद थी और उसके हाथ देवा के लंड को सहला रहे थे…कुछ पल बाद रत्ना को एहसास हुआ की देवा ने हाथ हटा लिया है, तभी उसके गाल पर देवा की जीभ चली और उसकी सिसकी निकल गयी…
देवा: “माँ सिर्फ हाथो से ही काम चलवाना होगा मुझे अपने लंड पर क्या……???”
देवा ने रत्ना के कानो में कहा… और रत्ना हँसती हुई शर्मा गयी…
रत्ना: “मेरे होते हुए ऐसा कभी नहीं होगा देवा, मेरे पति…
और ऐसा बोलते हुए रत्ना पलट जाती है और देवा को देखते हुए मुस्कुराने लगती है।
देवा रत्ना की आँखों में साफ़ साफ़ देख पा रहा था की वो अब पक्की रांड बन गयी है…उसकी माँ अब उसकी रांड थी…।
देवा:“ मुँह में ले के चूस अपने बेटे का लंड रत्ना…”
रत्ना देवा की आज्ञा का पालन करते हुए उसके जिस्म पर रखे अपने हाथो को नीचे ले जाती हुई खुद भी नीचे झुकती जाती है और देवा के लंड के सामने झुक कर पैरो पर बैठ जाती है।
रत्ना की आँखों के सामने अब अपने बेटे का लटकता हुआ मोटा लंड था।
उसे देखके रत्ना ने अपने होठो पर जीभ फेरी और एक हाथ से अपने बालो की लट्ट को सही करते हुए दूसरे हाथ से उसके लंड को अपने हाथो में जकड लिया…
और एक गहरी मुस्कराहट के साथ बोली…
रत्ना: मैं तो इसकी दीवानी होती जा रही हूँ…बस आज पूरी रात खाउंगी इसे अपने तीनो छेदों से……जम कर चोदना मेरे शेर आज अपने इस हथियार जैसे लंड से…”
देवा अपनी नज़रे नीचे झुकाये अपनी माँ को अपने तगडे लंड के सामने नंगी देखते हुए बड़ा खुश हो रहा था…
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
देवा रत्ना की बातो को सुनता हुआ उसे जोर से घुमा देता है और नीचे झुकते हुए खड़े ही खड़े अपने लंड को सीधी खड़ी रत्ना की चूत के छेद पर सेट करने लगता है…
रत्ना देवा के इस हरकत से चौंक जाती है…वह समझ गयी थी की देवा उसे चोदने वाला है,
पर खड़े खड़े चोदेगा यह नहीं सोचा था इस रंडी माँ ने…
रत्ना:“देवा यह क्या कर रहा है…ऐसे खड़े खड़े कैसे चोदेगा मेरी चूत को…?”
देवा:“तू फिकर मत कर मेरी जान…तूझे खड़े खड़े अपनी गोदी में ले के चोदुँगा तेरी चूत को…बहुत मजा आयेगा माँ…”
ये कहते हुए देवा रत्ना की जांघो पर हाथ रखते हुए उसके पैरो को फ़ैलाने की कोशिश करता है…वो रत्ना को पैरो के सहारे लेकर अपनी गोदी में लेने वाला था…
रत्ना ने भी देवा का साथ देते हुए अपने हाथ देवा के गले में डाल दिए…
देवा का लंड का टोपा रत्ना की चूत में घुस चुका था और धीरे धीरे देवा अब रत्ना को उठाने की कोशिश करने लगा,
रत्ना बहुत ख़ुशी से देवा की गोदी में चढ़ने को तैयार थी,
शायद वो इस नए तरह की चुदाई के बारे में सोच कर खुश हो रही थी।
आज दोबारा एक माँ अपनी दहलीज़ को पार करते हुए अपनी शारीरिक जरुरतो के सामने झुक गयी थी और अब बेशर्म जैसी अपने बेटे से चुदवाने वाली थी…
और इस बात में कोई शक नहीं था की इस माँ को अपनी करनी पर कोई पछतावा है…
कयुँकि उसने कुछ गलत करा ही नहीं है, शारीरिक जरूरतें सबकी होती है,
पर जब वह पूरी नही होती तो खुला जख्म बन जाती है,
जीस्म में थोड़े थोड़े समय में खुजली मचती है,
पर मरहम लगाने वाला कोई नहीं होता…
ऐसे में अगर कोई अपना साथ नहीं देगा तो कौन देगा,
और अपने ही बेटे से यह साथ मिल जाए तो अलग ही एहसास प्राप्त होता है।
वह ऐसा एहसास है जो सिर्फ एक औरत ही महसूस कर सकती है,
ये वो एहसास होता है जिसे भगवान ने औरतो को ही दिया है।
हम मरद तो अपने लंड खड़े कर लेते है चूत देखते ही
पर एक औरत को अपनी शारीरिक जरुरतो के साथ साथ अपने जज्बातो का भी ध्यान रखना पड़ता है…
पर जज्बातो पर कभी कभार शारीरिक जरूरतें हावी भी हो जाती है।
जैसा रत्ना के साथ हुआ जो कुछ महीनो पहले एक अदार्श माँ थी।
पर अब अपने ही बेटे की बीवी बन गयी थी।
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