02-19-2020, 01:25 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
(दोस्तो, प्रिया का फिगर तो आपको पता ही है 30-26-30 ... चलो अब प्रिया को नंगी भी देख लो। जैसा कि मैंने पहले आपको बताया था प्रिया थोड़ी साँवली है लेकिन दोस्तों रंग का कोई महत्व नहीं होता.. कुदरत ने प्रिया के यौनांगों को बड़ा ही तराशा था.. उसके मम्मे एकदम गोल.. जरा भी इधर-उधर नहीं.. एकदम परफ़ेक्ट जगह पर और थोड़े ऊपर को उठे हुए चुदाई की भाषा में ‘तने हुए मम्मों बोल सकते हैं और उन गोल मम्मों पर उसके खड़े निप्पल.. एकदम गुलाबी.. जैसे किसी ने गुलाब की पत्ती तोड़ कर वहाँ चिपका दी हो और पतली कमर जिसमें एक गड्डा बना हुआ था.. जिससे उसकी गाण्ड का उठाव अलग ही नज़र आता था। भले ही वो साँवली हो मगर कोई इसको ऐसी हालत में देख ले उसका लौड़ा बिना चोदे ही पानी टपकने लगेगा। चलो अब प्रिया को नंगा तो अपने देख लिया। अब इन दोनों कमसिन कलियों की रगड़लीला भी देख लो।)
दीपाली- वाउ यार तेरे मम्मे तो बहुत अच्छे हैं गोल-गोल…।
प्रिया- रहने दे यार, इतने ही अच्छे हैं तो कोई देखता क्यों नहीं.. जिस्म तो तेरे पास है.. एकदम गोरा.. बेदाग … किसी को भी अपनी और खींचने वाला..
दीपाली- अरे यार अब बहस में क्या फायदा.. चल आ जा, मस्ती करते हैं।
दोनों कमसिन कलियां बिस्तर पर नंगी पड़ी.. एक-दूसरे को चूमने लगीं.. कभी दीपाली उसके मम्मों दबाती और चूसती.. तो कभी वो।
दोनों एकदम गर्म हो गई थीं प्रिया चुदी हुई नहीं थी मगर कहानी से उसने काफ़ी कुछ सीखा हुआ था.. वो मम्मे चूसने के साथ-साथ दीपाली की चूत भी रगड़ रही थी। काफ़ी देर तक दोनों एक-दूसरे के साथ मस्ती करती रहीं।
दीपाली- उफ़फ्फ़ आह प्रिया मेरी चूत में कुछ हो रहा है प्लीज़ आह्ह… थोड़ी देर चाट ले ना आह्ह… मैं भी तेरी चाटती हूँ आह्ह… आजा 69 का स्थिति बना ले।
प्रिया- हाँ यार उफ़फ्फ़.. चूत जलने लगी है.. बड़ा मज़ा आएगा चल आजा..
दोनों अब एक-दूसरे की चूत का रस चाट रही थीं दीपाली तो पहले चूत चाट चुकी थी.. उसको तो बड़ा मज़ा आ रहा था मगर प्रिया की चूत पर पहली बार होंठ लगे थे.. वो तो आनन्द की असीम सीमा पर पहुँच गई थी। उसको बहुत मज़ा आ रहा था और उसी जोश में वो दीपाली की चूत को बड़े मज़े से चाट रही थी।
दोनों पहले से ही गर्म थीं ज़्यादा देर तक चूत-चटाई बर्दास्त ना कर पाईं और एक-दूसरे के मुँह में झड़ गईं। झड़ने के 5 मिनट बाद तक दोनों शान्त पड़ी रहीं।
प्रिया- उफ़फ्फ़… साली ये चूत भी क्या कुतिया चीज है.. बड़ा मज़ा आया आज तो.. यार अगर तू लड़की होकर इतना मज़ा दे सकती है तो दीपक मुझे कितना मज़ा देगा।
दीपाली- हाँ यार लौड़े से जो मज़ा आता है.. वो कहीं किसी से नहीं मिलता और मैंने जो चूत चाटी.. वो कुछ नहीं है.. मर्द की ज़ुबान जब चूत पर लगती है.. अय..हय.. उसका मज़ा कुछ अलग ही होता है।
प्रिया- सच्ची..! ऐसा मज़ा मिलता है.. यार प्लीज़ इसी लिए तो कह रही हूँ.. कुछ कर दीपक को मेरा बना दे.. जब उन्होंने एक बार तेरा नाम लिया तो मुझे बड़ा गुस्सा आया.. मगर बाद में मैंने सोच लिया कि अब तू ही मेरी मदद करेगी।
दीपाली- यार यही बात करने तो तुझे यहाँ बुलाई हूँ.. अब तू ही बता.. मैं उसको राज़ी कैसे करूँ.. तुझे चोदने के लिए।
प्रिया- देख सीधी सी बात है.. वो तीनों तुझे चोदना चाहते हैं.. अब तू सच-सच बता.. उनसे चुदना चाहती है या नहीं.. उसके बाद मैं आइडिया बताती हूँ।
दीपाली- नहीं यार.. मैं उनसे नहीं चुदना चाहती.. वो स्कूल में बदनाम कर देंगे… मुझे उन पर ज़रा भी विश्वास नहीं है।
प्रिया- मैं जानती थी तू यही कहेगी.. अब सुन, तुझे चुदना नहीं है.. बस चुदने की एक्टिंग करनी है।
दीपाली- वो कैसे, यार?
प्रिया- सुन.. मैडी तेरे ज़्यादा करीब आ रहा है.. तू उसको सीधे बोल दे कि तुझे उनकी बात पता चल गई है और तू खुद भी यही चाहती है.. मगर तेरी एक शर्त है कि जगह तुम बताओगी और अंधेरे में सब काम करना होगा। तू उनके सामने नंगी नहीं होना चाहती।
दीपाली- इससे क्या होगा और मैं ऐसा क्यों कहूँ..? मुझे नहीं चुदना यार उनसे…
प्रिया- अरे यार सुन तो, जब वो मान जाए.. तो हम दोनों किसी जगह का इंतजाम कर लेंगे। मैं छुप कर रहूंगी.. तू उनसे ये कहना कि मैं कुँवारी हूँ और अपनी चूत पहली बार दीपक को दूंगी.. उसके बाद बाकी दोनों एक-एक कर के ले सकते हैं ... कमरे में जब तुम और दीपक ही हों तब तुम लाइट बन्द कर देना। मैं तुम्हारी जगह ले लूंगी.. बस आवाज़ तुम्हारी और चूत मेरी .. वो मुझे चोदेगा और तू साइड में चुपचाप बैठी रहना।
प्रिया की बात सुनकर दीपाली बस उसको देखती रही।
प्रिया- अरे ऐसे मुँह क्या फाड़ रही है कुछ बोल ना आइडिया कैसा लगा?
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02-19-2020, 01:26 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अनुजा- देख वैसे तो वो लड़के सही नहीं है और तू भी उनसे चुदना नहीं चाहती.. मगर प्रिया को उनसे चुदने में कोई एतराज नहीं है.. तू ऐसा कर मैं जो बताऊँ वो कर.. तुम्हारी चिंता भी खत्म हो जाएगी और प्रिया का अरमान भी पूरा हो जाएगा।
अनुजा ने कुछ टिप्स दीपाली को दिए और अच्छे से उसको समझा दिया कि बड़े ध्यान से सब करना।
दीपाली- ओह्ह.. दीदी यू आर ग्रेट.. क्या आइडिया दिया है.. अब तो बस सारी परेशानी ख़त्म हो गई.. अच्छा अब मुझे जाने दो, सुधीर को भी थोड़ा खुश कर दूँ ताकि काम में कोई रूकावट ना आए।
अनुजा- अच्छा जा मेरी बहना, कभी मौका मिला तो मैं भी उस बूढ़े को अपनी चूत का स्वाद दे दूँगी मगर उसको मेरे बारे में अभी कुछ मत बताना।
दीपाली- नहीं नहीं दीदी मैं कुछ नहीं कहूँगी.. आप बेफिकर रहो…
(दोस्तो, अनुजा की कही बात अगर मैं यहाँ लिखती तो आगे आपको कहानी को पढ़ने में मज़ा नहीं आता.. इसलिए अब आगे जो भी होगा या दीपाली करेगी आप समझ जाना कि अनुजा ने ये सब दीपाली को समझाया था.. इसमें दो फायदे हैं एक तो मुझे एक ही बात को दो बार नहीं लिखना पड़ेगा और दूसरा आपको मज़ा ज़्यादा आएगा कि अब क्या होगा? तो चलिए वापस कहानी पर आती हूँ।)
दीपाली वहाँ से निकल कर सुधीर के घर की ओर चल पड़ी और कुछ ही देर में वो सुधीर के घर पहुँच गई। दरवाजा खुला था तो वो सीधे अन्दर चली गई। ... सुधीर बैठा हुआ शराब पी रहा था उसको पता नहीं चला कि दीपाली कब उसके पीछे आकर खड़ी हो गई।
सुधीर- ओह्ह.. मेरी छोटी सी गुड़िया, जल्दी आ जाना.. उफ़फ्फ़ तेरे इन्तजार मैं तेरा ये आशिक मरा जा रहा है.. उफ्फ आज तू कितनी सेक्सी लग रही थी.. बस एक बार आ जा मेरी जान.. जब तू जा रही थी तेरी गाण्ड बड़ी मटक रही थी.. आज तो तेरी गाण्ड ही मारूँगा..
सुधीर ना जाने क्या-क्या बोले जा रहा था.. दीपाली पीछे खड़ी मुस्कुरा रही थी।
दीपाली- अच्छा तो ये बात है.. मेरी पीठ पीछे आप मेरे बारे में इतना गंदा सोचते हो।
सुधीर एकदम से चौंक गया और उसने पीछे मुड़ कर देखा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा।
सुधीर- ओह्ह.. मेरी दीपाली! तू आ गई.. कसम से कब से तेरा इन्तजार कर रहा था.. तू इतनी जल्दी आ जाएगी, ये तो मैंने सोचा ही नहीं था.. आओ मेरे पास आओ।
दीपाली- नहीं आती.. अपने शराब क्यों पी.. मुझे चिढ़ है शराब और शराबी से.. अब मैं जा रही हूँ।
सुधीर- अरे नहीं.. नहीं.. बस थोड़ी सी पी है मैंने.. मुझे अगर पता होता पहले तो कभी ना पीता.. प्लीज़ तुम मत जाओ.. इस बूढ़े पर थोड़ा तो रहम खाओ.. बरसों बाद तो मेरे सोए हुए लौड़े को तूने जगाया है.. अब इसको ऐसे ही छोड़ कर मत जाओ।
दीपाली- अरे अरे.. इतने भावुक मत हो आप… अच्छा नहीं जाती बस… सुधीर खुश हो गया और उसने दीपाली के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. मगर दीपाली ने फ़ौरन मुँह हटा लिया।
दीपाली- छी: छी: कितनी गंदी बू आ रही है.. आपके मुँह से उह..हो.. मेरा तो जी बैचेन हो गया..
सुधीर- सॉरी सॉरी.. आज के बाद कभी नहीं पिऊँगा.. अच्छा चल चुम्बन नहीं करता.. आज तूने बहुत अच्छे कपड़े पहने हैं. मैं अपने हाथों से आज एक-एक करके सारे कपड़े निकालूँगा और तुझे नंगी करूँगा।
दीपाली- जो करना है.. जल्दी करो आज मैंने पढ़ाई भी नहीं की.. वहाँ से फ्रेंड से मिलने का बहाना करके आपके पास आई हूँ।
सुधीर- ओह.. माय डार्लिंग.. यू आर सो स्वीट.. मेरे लिए तूने इतना सोचा चल आ जा कमरे में.. जल्दी से सब करूँगा… आज तेरी मटकती गाण्ड मारूँगा.. बड़ा मन हो रहा है मेरा..
दीपाली- वो तो ठीक है.. मार लेना मगर आपका लौड़ा बस एक ही बार खड़ा होता है.. अगर गाण्ड मारोगे तो मेरी चूत की आग कैसे शान्त करोगे?
सुधीर- उसकी फिकर तू मत कर.. मैं सब कर दूँगा.. चल अब आ भी जा मेरी जान.. कब से तड़पा रही है।
सुधीर कमरे में जाते ही दीपाली को नंगा करने लगा। दीपाली भी अदाएं दिखाती हुई कपड़े निकलवा रही थी। जब दीपाली पूरी तरह से नंगी हो गई तो सुधीर ने अपने कपड़े भी निकाल फेंके और दीपाली के मम्मे दबाने और चूसने लगा। दीपाली भी सुधीर के लौड़े को हाथ से पकड़ कर हिलाने लगी.. जो अभी आधा-अधूरा ही कड़क हुआ था।
दीपाली- ऊ आह्ह.. आराम से दबाओ ना.. आह्ह.. क्या करते हो उफ्फ…
सुधीर- जानेमन, भगवान ने तुझ जैसा नायाब तोहफा मुझे दिया है तो जरा खुल कर मज़ा लेने दो ना.. आह्ह.. क्या मस्त चूचे हैं तेरे…
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