03-04-2020, 10:21 AM,
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RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
मम्मी मुझे बड़ी आस भरी नज़रो से देख रही थी....शायद वो कुछ कहना चाहती थी मुझ से ....शायद कुछ ऐसा कहना चाहती थी जो में सह ना सकूँ....शायद एक और तूफान मेरे दिल के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था.....,
में मम्मी के पास जाकर बैठ गया...और मम्मी मेरे सिर पर हाथ फिराने लगी...
मम्मी--तू तेरी भाभी से नही मिला क्या अभी तक...
में--नही मम्मी ....में अब जाउन्गा उनके पास..
मम्मी--मैने तो अपनी आधी से ज़्यादा जिंदगी सुख से निकाल दी...लेकिन वो बेचारी तो अभी बच्ची है.....उसने तो अभी तक कुछ देखा ही नही है...
में--हाँ मम्मी आप सही कह रही हो भाभी...कैसे रहेगी ये सोच सोच कर मेरा दिनग फटे जा रहा है...
मम्मी--तू तेरी भाभी से बात कर अगर वो अपने मायके जाना चाहे तो जा सकती है...और वैसे भी अब वो इस घर में रह कर करेगी भी क्या ....अपने माँ बाप के साथ रहेगी तो हो सकता है उसकी दूसरी शादी भी करवा दे...
में--मम्मी ये कैसे पासिबल होगा भाभी के जीवन में इतना भारी तूफान आ गया और उनके मम्मी पापा ने यहाँ आना तो दूर एक फोन तक नही किया....वो कैसे भाभी का ख्याल रख पाएँगे...
मम्मी--बात तो तेरी सही है ...लेकिन कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा ...
में--मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा..,आप हे सलाह दो में क्या करूँ ऐसा जिस से उनकी लाइफ में फिर से खुशियाँ आ सके.
मम्मी--यही बात में भी सोच रही हूँ कब से...कैसे में उस बच्ची को दर्द की दुनिया से बाहर निकालु...क्या करूँ कुछ भी कहने की हिम्मत नही है मुझमे...
में कुछ कहना भी चाहूं तो मेरी ज़बान लड़खड़ा जाती है
में--मम्मी अब आप ज़्यादा मत सोचो में भाभी से मिलकर बाज़ार जा रहा हूँ कुछ ज़रूरी सामान लेने...
और में उठकर रूम से बाहर निकालने लगता हूँ...
में रूम के दरवाजे तक ही पहुचा होता हूँ. तभी मेरे कानो में मम्मी की आवाज़ सुनाई पड़ती है...
जो तूफान मेरे घर के दरवाजे पर दस्तक देता हुआ महसूस हो रहा था वो अब मेरे सामने एक सवाल के रूप में आकर खड़ा हो गया था...
मम्मी--तू क्यो नही कर लेता नेहा से शादी.....??????
ये बात सुनते ही में मम्मी की तरफ पलट कर देखता हूँ....मम्मी मेरी आँखो में सुलगते हुए अंगारे देख के बिल्कुल खामोश हो जाती है.....और में बिना कुछ कहे वहाँ से भाभी के रूम की तरफ चला जाता हूँ...
में--भाभी घर से किसी का फोन आया क्या...अग्र आप बुरा ना माने तो में एक बात कहना. चाहता हूँ...
भाभी--नही जय किसी का फोन नही आया....में उनलोगो के लिए उसी दिन मर गई थी जब मैने तुम्हारे भैया से शादी की थी...तुम बोलो क्या कहना चाहते हो...
में--हिचक्कता हुआ ये बात कहता हूँ....भाभी अगर आप वापस जाना चाहो तो घर जा सकती हो....वैसे भी आपके लिए यहाँ कुछ भी बचा नही है....आप चाहो तो दूसरी शादी के बारे में सोच सकती हो....
भाभी--ये बात तुझे मम्मी ने कही या....तो खुद अपने मन से ये बात कह रहा हैं....
में--भाभी जो इस हालत में सही है...,में वही बात कर रहा हूँ...,
भाभी--तो फिर मेरा एक फ़ैसला तू भी सुन ले ...,,ये मेरा घर है....ये मेरे प्यार का घर है...क्या हुआ जो आज वो मेरे साथ नही है...लेकिन में ये घर कही भी छोड़ कर नही जाउन्गि......आइ थिंक तुझे तेरा जवाब मिल गया होगा .......इसलिए मुझे अब अकेला छोड़ दे और बोल दे सभी से मेरे बारे में चिंता करने की ज़रूरत नही है....
में--पर भाभी....
भाभी--मैने कहा ना अब किसी पर की गुंजाइश नही है....बस मुझे अकेला छोड़ दो तुम सब .....में अपने घर में ही रहना चाहती हो यहाँ से अगर में जाउन्गि तो एक लाश के रूप में ही जाउन्गि....
में--भाभी अगर आप यहाँ रहना चाहती हो तो में कौन होता हूँ आपको रोकने वाला.... लेकिन ऐसा ना हो कि एक दिन आप अपने फ़ैसले पर पछताओ....
भाभी--जिस दिन मुझे इस फ़ैसले पर पछ्ताना पड़ा ये मान लेना वो मेरे जीवन का आख़िरी दिन होगा.
में--लेकिन भाभी आप मेरी बात समझ ने की कोशिश करो....
भाभी--में तेरी बात अच्छे से समझ रही हूँ...लेकिन तेरी नियत को नही समझ पा रही...अगर तू चाहता है...तेरा मेरा रिश्ता ऐसे ही बना रहे तो यहाँ से चुप चाप उठकर बाहर चला जा......
में वहाँ से बिना कुछ कहे निकल गया...बाहर निकलते ही मुझे चाचा जी ने वो लिस्ट वाला काम पूरा करने के लिए कह दिया.
इस बीच चाचा जी श्मशान से अस्थिया भी लेकर आ गये थे...
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03-04-2020, 10:22 AM,
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RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
उधर नीरा के रूम में...
दीक्षा--सॉरी नीरा मुझे पता है तुम किस बात पर नाराज़ हो गयी...
नीरा--दी में आपसे नाराज़ हो ही नही सकती हूँ लेकिन आपका इस तरह अपने अंडर आर्म्स को शो करना मुझे अच्छा नही लगा...
दीक्षा--हाँ यार नीरा मुझ से ग़लती हो गयी है पता नही भैया मेरे बारे में क्या सोचेंगे...
नीरा--वो कुछ नही सोचेंगे अगर उन्होने तुम्हारी अंडर आर्म्स की तरफ देख भी लिया होगा तो वो अपनी नज़रे हटा चुके होंगे वहाँ से...आप इस बात से परेशान मत रहो और सुबह में आपको रिमूवर दूँगी जिस से आप अपने हेर रिमूव कर लेना...
दीक्षा--हाँ यार मुझे देना मैने आज तक रिमूवर यूज़ नही किया...में भी स्लीवलेस पहनना चाहती हूँ लेकिन इन बालो की वजह से शर्म आती थी...
नीरा--कोई बात नही...में कल आपको रिमूवर दे दूँगी और रूही दीदी की कुछ स्लीवलेशस ड्रेसस भी...अब आप आराम कर लो थोड़ी देर....क्योकि मुझे अभी वापस जाना है भैया के पास कुछ ज़रूरी बात करने...
दीक्षा--ऐसी क्या बात आ गयी...जो तुम्हे इस समय ही करनी है...
नीरा--कुछ बाते समय नही देखा करती...उन्हे जितना जल्दी हो सके कर लेना चाहिए..वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी...काल करे सो आज कर... आज करे सो अब...पल में प्रलय होवेगी..... जदे करेगा कद.....
और इसी के साथ हम लोग मुस्कुरा कर एक दूसरे से गले मिलते है और गुड नाइट बोलकर सोने लगते है...लेकिन नीरा को आज नही सोना था....वो बस सही समय का इंतजार कर रही थी .......
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रात के 1.30 बज रहे थे...तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक होती है....
में अपनी ड्रिंक ले चुका था और बस खाना खाकर उठने ही वाला था...मैने उठ कर दरवाजा खोला तो सामने नीरा खड़ी थी अपने चिरपरिचित अंदाज में...
वो अपनो आँखे बड़ी बड़ी करके बस मुझे देखे ही जा रही थी....
में--तू सोई नही अभी तक...
नीरा--जब तक ये बात में आपसे कर ना लूँ, तब तक ना में सो सकती हूँ ना में कुछ खा सकती हूँ...
मैने आज शाम से कुछ भी नही खाया है...सिर्फ़ आपको वो बात कहनी थी इसलिए
में--तू पागल तो नही हो गयी है....खाना क्यो नही खाया तूने...
नीरा...खाने को गोली मारो और सबसे पहले आप मेरी कसम खाओ और जो भी में बात बोलूँगी वो आप मानोगे...
में--ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है, तू अपनी बात ख़तम होने के बाद मेरे हाथो से खाना खाएगी उसके बाद में तुझे जवाब दूँगा....और तुझ से सवाल भी पूछूँगा
नीरा--ठीक है अब कसम खाओ मेरी...
में--तेरी कसम नीरा जो तू कहेगी में वो मानूँगा...तेरी कसम.....बस अब बोल क्या बात है.
नीरा ने अपनी आँखे अब बंद कर ली थी और अपनी दिल की बढ़ती हुई धड़कानों पर काबू करने की कोशिश करते हुए कहती है....
नीरा--भैया आप मुझ से शादी कर लो....में आपसे अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ...में आपके बिना एक पल भी नही रह सकती....मुझे बचा लो भैया मुझ से शादी कर लो...मेने अपनी हर साँस आपके नाम कर दी है....मुझ से शादी कर लो भैया मुझ से शादी कर लो.....
नीरा अपनी पूरी बात एक ही साँस में कह जाती है और में लगातार उसकी इन बातो को अपने सीने मे चुभता हुआ महसूस कर रहा था...
ऐसा लग रहा था जैसे मेरे कानो में किसी ने पिघला हुआ सीसा उडेल दिया हो. ....
वो अब लगातार मेरी तरफ़ देखे जा रही थी अपने जवाब के इंतजार में....
में--अब किचन में से खाना ले आ उसके बाद तेरी हर बात का जवाब भी दूँगा और सवाल भी करूँगा...
नीरा उठ कर अपने लिए खाना ले आई ....और में उसकी आँखो में देखता हुआ उसे खाना खिला रहा था....उसकी आँखे आँसुओ से भर गयी थी ना जाने कौनसा बाँध बना रखा था नीरा ने अपनी आँखो में जो उसके आँसुओ को बहने से रोक रहा था...
में नीरा की बात में ही उलझा हुआ था कि आख़िर उसने ऐसा क्यों कहा...वो मेरी बहन है कैसे उसके मन में मेरे लिए ये ग़लत ख्याल आ गये...कुछ समझ नही आ रहा था में फस चुका था आख़िर कसम जो खाई थी मैने...
जिसे में अपनी जान से भी ज़्यादा चाहता था उसने मुझे एक दौराहे पर ला कर पटक दिया....अगर में कसम तोड़ता हूँ तो कसम के साथ उसका दिल भी टूट जाएगा...और अगर में ये कसम मान लेता हूँ तो मेरी आत्मा मर जाएगी...दोनो ही सुरतों में मेरा ही हाल बुरा होना तैय है....
खाना ख़तम हो चुका था और मेरा हाथ बिना नीवाले के ही नीरा के मुँह के सामने था और नीरा की आँखो का वो बाँध कब का टूट चुका था वो लगातार रोए जा रही थी....और में अपनी सोच के समंदर में डूबे जा रहा था...डूबे जा रहा था...गहरा और गहरा...
नीरा--भैया.....भैया....प्ल्ज़ कुछ बोलो भैया...भैय्ाआअ
उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में लेकर जोरदार झटका दिया जिस से में समुंदर की गहराई से वापस लौट आया...
में--क.क क्या हुआअ...
नीरा-- कहाँ खो गये थे...
मैने उसे कोई जवाब नही दिया और उठ कर हाथ धोने चला गया...
में हाथ धोकर आते ही उस से पूछ बैठा..
में--तो तुझे मुझ से शादी करनी है... और अब मैने कसम खा ली है तो इसका मतलब दुनिया की कोई ताक़त तेरी और मेरी शादी को नही रोक सकती....लेकिन तू मुझे एक बात बता तेरे मन में ये शादी का ख्याल आया कहाँ से ...मैने हमेशा तुझ से और रूही से एक डिस्टेन्स मेन्न्टेन रखा है...तू सोच आज पापा की आत्मा कितनी दुखी हुई होगी...उनके अपने ही बच्चे आपस में शादी कर रहे है...उनको मरे हुए दिन ही कितने हुए है....और तेरा ये सवाल...
नीरा--आप भी तो भाभी से शादी कर के उन्हे खुश रखना चाहते हो ना....लेकिन वो भी तो आपको भाई मानती है...फिर कैसे आप उन से शादी के लिए रेडी होगये...और कौन्से पापा की बात कर रहे हो आप...वो बाप जिसकी वजह से आप पैदा हुए या वो बाप जिसने आपकी हर सुख सुविधा का ध्यान रखा है.....
में--ये क्या बकवास कर रही है नीरा...होश में रह कर मुझ से बात कर....पापा के बारे में एक शब्द भी में सुनना पसंद नही करूँगा....
नीरा--मेरी आपसे शादी करने की सबसे बड़ी. वजह. मेरे प्यार के बाद आप का बाप ही है......में बस इन भेड़ियो से आपको बचा कर रखना चाहती हूँ...
में--नीराअ .....इस से पहले मेरा हाथ तुझ पर उठ जाए...में ये भूल जाउ तू मेरी बहन है...तू यहाँ से चली जा
वरना आज तक तूने मेरा प्यार देखा है...मेरा गुस्सा तुझे जला देगा नीरा मान जा....मैने बोला ना तुझ से शादी करूँगा में...फिर क्यो पापा. का नाम ले ले कर उनको इन सब बातो का दोषी बना रही है...
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