Hindi Kamuk Kahani एक खून और
06-25-2020, 01:47 PM,
#21
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
उस वक्त उस ख़त को पढ़कर ऐमिलिया बेसाख्ता हंस दी थी कि उसके बूढ़े पति ने ये क्या बकवास लिख मारी थी।
क्रिसपिन....।
वो हमेशा से उसी पर निर्भर था और आगे भी उसने ऐसा ही रहना था।
पिछले बीस साल से वो उसे अपने कंट्रोल में रखे हुए थी। इस हद तक कि उसने उसे किसी स्कूल या यूनिवर्सिटी में भेजने की सोची भी नहीं कि कहीं उसका मासूम बेटा किसी अनैतिक, नृशंस और ड्रगिस्ट लड़कों के साथ न घुलने-मिलने लगे।
क्रिसपिन—जिसे शुरूआत से ही ऑयल पेन्टिंग में गहरी रुची थी—ने अब इसी फील्ड में आगे बढ़ने का फैसला किया था। एमिलिया ने उसके इस शौक के खातिर उसे अपनी उस इमारत में सबसे ऊँची फ्लोर पर बकायदा एक स्टूडियो बनवाकर दिया।
इसलिए कि उसे अपने इस शौक की खातिर कहीं बाहर न जाना पड़े।
और यूँ उसे, एमिलिया को, अपने इकलौते बेटे पर निगाह रखने में आसानी हो।
उस पर उसका कण्ट्रोल बना रहे।
क्रिसपिन ज़्यादातर वक्त अपने उसी स्टूडियो में अपनी उन अजीबोगरीब पेन्टिंग्स को बनाने में मशगूल रहता जिन्हें समझना—और ज़िन्हें समझकर उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ना—एमिलिया के बस में नहीं था। वो कभी नहीं समझ पाती थी कि क्रिसपिन की उन अजीबोगरीब पेन्टिंग्स का क्या मतलब है।
ऐसी पेंटिंग्स जिसमें क्रिसपिन आकाश को काला रंगता था, चांद को गहरा लाल और समन्दर को संतरी।
एमिलिया ने इस बाबत एक स्पैशलिस्ट से भी राय ली थी जिसने अपनी मोटी फीस के बदले उसे ये तो बताया कि उसके बेटे में असाधारण प्रतिभा थी लेकिन ये नहीं बताया कि ऐसी तस्वीरें उसके विकृत मस्तिष्क की उपज थीं। क्रिसपिन सामान्य नहीं था।
और एमिलिया को कभी इस बात का अहसास तक नहीं हुआ। अपने पति के ख़त को पढ़कर वो हँसी थी। उसे यकीन था कि उसका बेटा एक महान कलाकार था—ऐसा विरला आर्टिस्ट जिसकी कला—जो अपने वक्त से कहीं आगे की थी—को समझना हर किसी के बस में न था।
खुद उसके भी नहीं।
उसके पति के भी नहीं।
और ऐसी गैरमामूली, ऐसी असाधारण काबिलियत वाला उसका बेटा भला सामान्य हो भी कैसे सकता था!
उसको अपने पति का यह दावा करना—कि दौलत हाथ आते ही क्रिसपिन उसकी पकड़ से निकल जाएगा—एक बेवकूफाना स्टेटमैन्ट लगा था लेकिन फिर भी उसे कचोटता रहा था।
आखिरकार उसने तय किया कि वो अपनी इस संशय की स्थिति को हमेशा के लिए खत्म कर देगी।
वो क्रिसपिन के स्टूडियो पहुँची।
क्रिसपिन वहाँ नहीं था अलबत्ता उसकी बनाई बेशुमार पेंटिंग्स वहाँ स्टैण्ड पर मौजूद थीं।
एक कैनवास पर बनी पेंटिंग ने उसका ध्यान खींचा।
पेंटिंग किसी औरत की थी और अभी अधूरी थी। उसने देखा कि वो औरत बड़े अनोखे और डरावने तरीके से कहीं संतरी रंग के रेत पर बड़े टेढ़े-मेढ़े ढंग से लेटी थी और उसके चारों ओर खून फैला हुआ है।
एमिलिया स्तब्ध रह गई।
वह आतंकित हो बड़ी देर तक उस पेंटिंग को देखती रही।
क्या था वो?
क्या वो माडर्न आर्ट का नमूना था?
शायद हाँ।
ऐसी मार्डन आर्ट जिसे वो कभी समझ ही नहीं सकती थी।
लेकिन फिर भी यह एक बेहूदा चीज़ थी।
अगर यह किसी आर्ट का कोई मार्डन नमूना था भी, तो भी क्रिसपिन को फौरन इसे बंद करना चाहिए था।
उसका चेहरा सख्त हो गया।
वो वहाँ से लौटी और हॉल में आई जहाँ उसने रेनाल्ड्स को उसके इंतज़ार में मौजूद पाया।
रेनाल्ड्स।
उनका नौकर।
पिछले पच्चीस सालों से वो उनकी सेवा में था लेकिन उसके पति, मरहूम पति, को वो कतई नापसंद था। लेकिन इसके बावजूद एमिलिया ने उसे उसकी नौकरी से बर्खास्त होने से बचाए रखा क्योंकि वो हमेशा से उसका वफादार था और क्रिसपिन के लिए सहानुभूति रखता था। एमिलिया की ज़िन्दगी में उसके उस बटलर—रेनाल्ड्स—की क्या अहमियत थी इसका पता इस बात से चलता था कि वो अक्सर अपने पति और अपने बेटे की बाबत उससे सलाह मशविरा करती थी।
रेनाल्ड्स अपनी सलाहियत और कैफियत के हिसाब से उसे सलाह देता था लेकिन जल्द ही एमिलिया को अहसास हो गया कि रेनाल्ड्स एक शराबी था।
इसके बावजूद एमिलिया को उसकी ज़रूरत थी और उसे—रेनाल्ड्स को—एमिलिया की।
“क्रिसपिन कहाँ है?”—एमिलिया ने हॉल में उसका इंतजार करते रेनाल्ड्स से पूछा।
“वो मिस्टर ग्रेग की स्टडी में है।”—रेनाल्ड्स ने जवाब दिया।
“स्टडी में....वो वहाँ क्या कर रहा है?”
लेकिन रेनाल्ड्स ने कोई जवाब न दिया।
ऐमिलिया ने उसे बोलता न पाकर अपने कदम स्टडी की ओर बढ़ा दिए।
लेकिन स्टडी का दरवाज़ा खोलते ही वह ठिठककर खड़ी हो गई। इस शानदार स्टडी में—जो उसके मरहूम पति ने अपने शौक के हिसाब से बनवाई थी—उसकी विशाल टेबल के पीछे बिछी आलीशान कुर्सी पर आज उसका बेटा बैठा हुआ था और उसके सामने उस विशाल टेबल पर उसके पति के तमाम कागज़ात, जिनमें स्टॉक कोटेशंस वगैरह भी थे, फैले पड़े थे।
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”—एमिलिया ने अधिकारपूर्वक कहा। क्रिसपिन ने कोई जवाब देने से पहले अपनी लम्बी उंगलियों में थामी हुई पेन्सिल से हवा में कुछ लिखा और क्षुब्ध भाव से अपनी माँ की ओर देखा।
उन आँखों में चेतावनी थी।
“मेरा पिता मर चुका है”—उसने गुर्राते हुए कहा—“और यह स्टडी, यह घर, और सारी जायदाद अब मेरी है।”
एमिलिया के जिस्म में एक सिरहन सी दौड़ गई।
“ठीक है”—उसने साहस बटोरकर कहा—“लेकिन तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”
“पढ़ रहा था।”—उसे अपने सामने उस विशाल टेबल पर फैले कागज़ातों की ओर इशारा करते हुए कहा—“देख रहा था कि अपने पिता की मौत के बाद मेरी माली हैसियत में कितना इज़ाफा हुआ है।”
“सुनो क्रिसपिन”—एमिलिया ने कहा—“तुम्हें इन सब की कोई समझ नहीं सो तुम ये सारे मामले मुझ पर छोड़ दो। हालांकि तुम्हारे पिता ने ये एस्टेट, ये सारी जायदाद तुम्हें, तुम्हारे नाम कर डालने की बेवकूफी कर ही दी है लेकिन फिर भी तुम इसे मेरी मदद के बगैर नहीं संभाल सकते। मेरा ख्याल है कि तुम अपनी कला को और इम्प्रूव करने की ओर ध्यान दो और ये एस्टेट और इस तरह के सारे काम तुम मुझ पर छोड़ दो।”
“नहीं,”—क्रिसपिन ने शान्त स्वर में कहा—“तुम पर मैं कुछ नहीं छोड़ने वाला। तुम्हारा वक्त अब बीत चुका है और अब मेरी बारी है। ये मेरा वक्त है जिसका मैं अर्से से इंतज़ार कर रहा था।”
“तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम मुझसे इस तेवर में बात करो।”—गुस्से से तमतमाते लाल चेहरे से एमिलिया बोली—“बहुत हुआ। अब फौरन अपने स्टूडियो जाओ और याद रखो कि मैं तुम्हारी माँ हूँ।”
क्रिसपिन ने जवाब नहीं दिया।
उसने पेन्सिल को मेज़ पर रखा और इस प्रक्रिया में आगे को झुककर अपनी आँखों में शैतानियत के भाव उभारे और एमिलिया को देखने लगा।
एमिलिया घबरा उठी।
उसे अपने पति की बात याद आई—
जब क्रिसपिन को इस बात का अहसास होगा कि वो तुम पर निर्भर नहीं है तब वो तुम्हें अपना असली रंग दिखाएगा, तब तुम्हें पता चलेगा कि हमारी औलाद कई मायनों में तुमसे भी बेहतर है। मक्कारी, जालसाज़ी और कमीनगी की जिन ऊँचाईयों पर वो बैठा है वहाँ से वो तुम्हें अपना चेहरा दिखाएगा—ऐसे कि जैसे कभी तुमने मुझे दिखाया था।
एमिलिया को उस एक पल में ही अहसास हो आया कि उसका पति बिल्कुल सही था।
उसने क्रिसपिन को बिल्कुल सही पहचाना था।
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06-25-2020, 01:47 PM,
#22
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
बीस साल तक उस पर अपनी गहरी पकड़ बनाए रखने के बावजूद, बीस साल तक उसे अपने ऊपर निर्भर बनाए रखने के बावजूद वो आज एक झटके में हार गई थी। उसी एक पल ने उसे यह दर्दनाक अहसास कराया कि उसके बेटे पर उसका अधिकार, उसका कण्ट्रोल खत्म हो चुका था।
“इसे पढ़ो।”—क्रिसपिन ने एक कागज़ एमिलिया की ओर बढ़ाते हुए कहा—“और जैसा ठीक समझो कर लेना। नाऊ लीव मी।”
एमिलिया ने सदमें की हालत में अपने कांपते हाथों से वो कागज़ थामा और बाहर लाऊन्ज में आ गई।
दरवाज़े में खड़े रेनाल्ड्स ने भी वो सारा वार्तालाप सुना था। एमिलिया आज उसे यकायक कई साल बूढ़ी लगने लगी थी।
वह वहाँ से हटा और अपने कमरे में पहुँचा जहाँ उसने स्कॉच का एक तगड़ा पैग खींचा और दुबारा लाऊँज में पहुँचा। एमिलिया ने उसे इशारा किया तो वो आगे उसके पास जा खड़ा हुआ।
“इसे पढ़ो।”—एमिलिया ने उसे कागज़ पकड़ाते हुए कहा। उस कागज़ जिस पर क्रिसपिन की लिखी तहरीर थी—के हिसाब से अब एमिलिया के पास दो ऑप्शन थे।
या तो वो अपने बेटे के साथ रहे और उसका घर चलाने की ज़िम्मेदारी के तहत पचास हज़ार डॉलर सालाना भत्ता हासिल करे, या फिर वो अपनी मर्ज़ी से जहाँ चाहे रहे—जहाँ चाहे जाए और उसे दस हज़ार डालर का सालाना खर्चा मिलेगा।
आगे के निर्देशानुसार क्रिसपिन ने लिखा था कि ये मकान अब बेचा जाने वाला था। रेनाल्ड्स के अलावा वहाँ मौजूद सभी दस नौकरों को निकाला जाने वाला था और खुद रेनाल्ड्स को भी अब एक कुक कम मेड की मदद से इससे कहीं छोटा घर चलाना था। इस कुक कम मेड का चुनाव भी क्रिसपिन ने अपनी मर्ज़ी से करना था। इन सभी शर्तों पर अगर रेनाल्ड्स अपनी रज़ामंदी देता तो बदले में उसकी सालाना तनख्वाह एक हज़ार डॉलर बढ़ा दी जाने वाली थी लेकिन अगर उसे घर के उस नए निज़ाम से इत्तेफाक न होता तो उसे भी डिसमिस कर दिया जाने वाला था।
“वो पागल हो गया है।”—एमिलिया फुसफुसाई—“मुझे क्या करना चाहिए?”
“मेरे ख्याल से इन शर्तों को मान लेने में ही भलाई है मैडम।”—रेनाल्ड्स ने कहा और खुद एक क्षण में ही फैसला कर लिया कि वो वहीं रहेगा—“वैसे मुझे भी इन नए हालातों में रहकर कोई खास खुशी नहीं है लेकिन आपको समझना चाहिए कि मिस्टर क्रिसपिन वाकई में कोई सामान्य किस्म के व्यक्ति नहीं हैं। हमें इंतज़ार करना चाहिए और अपना वक्त आने की उम्मीद रखनी चाहिए।”
कोई और चारा नहीं था।
अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी की शुरुआत के आद आज अब जाकर एमिलिया पहली बार रोई।
उसके पति ने उसे करारा सबक सिखाया था।
अगले छः महीनों में और भी बहुत कुछ बदला।
इन छः महीनों में क्रिसपिन ने वो बड़ा मकान बेच दिया और अकेशिया ड्राईव पर बनी उस कदरन छोटी कोठी में शिफ्ट हो गया।
साथ में एमिलिया और रेनाल्ड्स भी शिफ्ट हुए।
मजबूरन हुए—लेकिन हुए।
आगे क्रिसपिन ने एक अधेड़ नीग्रो महिला—क्रिस्की को कुक कम मेड की मुलाज़मत में रख छोड़ा जो वहाँ उस नए घर में रेनाल्ड्स के कामों में हाथ बँटाने लगी।
इस नई और कदरन छोटी कोठी में एमिलिया का बैडरूम और साथ में लगा एक सिटिंग रूम नीचे ग्राऊण्ड फ्लोर पर था। रेनाल्ड्स का एक कमरा भी वहीं उसी ग्राउण्ड फ्लोर के पृष्ठभाग में था और कुक कम मेड की ज़िम्मेदारी निभाती क्रिस्की का कमरा भी वहीं ग्राऊण्ड फ्लोर पर ही किचन के पास मौजूद था।
यानि एमिलिया को अपना स्पेस घर के दो नौकरों के साथ शेयर करना था।
वहीं ऊपर की सारी मंजिल क्रिसपिन के अधिकार में थी।
एक बैडरूम
एक लिविंग रूम
और एक बड़ा—खूब बड़ा—स्टूडियो।
साथ में ऊपर जाती सीढ़ियों के निचले फर्स्ट फ्लोर वाले सिरे पर लगे दरवाज़े को वो हमेशा बन्द, हमेशा लॉक्ड रखता था।
उसका अपना स्पेस पर्सनल था, उसका अपना था, और उसकी पसंद के हिसाब से था।
वहीं एमिलिया की मौजूदा हालत उसकी पिछली ज़िन्दगी में रहे उसके शाही अंदाज़ से कतई मैच नहीं करती थी।
लेकिन वो लाचार थी।
इधर क्रिसपिन के फ्लोर पर किसी को भी जाने की इज़ाजत नहीं थी। हफ्ते में एक बार केवल क्रिस्पी वहाँ जाकर साफ सफाई जैसे मामूली हाऊसहोल्ड जैसे काम निपटा आती थी।
वो क्रिस्पी जो असल में गूंगी-बहरी थी।
लेकिन इसके बावजूद भी अपने काम में माहिर थी, होशियार थी।
वो बेहतरीन कुक थी और घर के हाऊसहोल्ड की तमाम ज़रूरी चीज़ों की खरीददारी खुद कर लाती थी। रेनाल्ड्स ने उसे कई बार टी.वी. देखते हुए देखा था और अपनी समझ से वो जानता था कि क्रिस्पी टी.वी. पर बोलते अभिनेताओं के होंठों की हरकत से उनकी कही बातों को समझ लेती है।
और इसीलिए वो उसकी—क्रिस्पी की—मौजूदगी में एमिलिया से कभी बात भी नहीं करता था।
और जैसे यही काफी नहीं था।
पिछले छः महीनों में एक ही घर में ऊपर नीचे रहते हुए एमिलिया अपने बेटे से बोलना तो दूर उसकी शक्ल भी जब तब ही देख पाई थी।
क्रिसपिन के फ्लोर पर जाती सीढ़ियों पर लगे दरवाज़े के पास एक मेज़ रखी गई थी जिस पर—क्रिसपिन के हुक्म के हिसाब से—उसके खाने की ट्रे को रख दिया जाता था, और उसके दरवाज़े पर दस्तक देकर इसकी खबर उस तक पहुँचा दी जाती थी। क्रिसपिन—जिसकी खुराक बेहद कम थी—बाद में अपने हिसाब से वो ट्रे वहाँ से उठा ले जाता।
अक्सर वह अपनी रॉल्स रायस पर कहीं बाहर जाता तो एमिलिया को लगता कि वो शायद लेवीसन—जिसने उनका पुराना बड़ा बंगला खरीदा था—के पास जा रहा है।
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06-25-2020, 01:47 PM,
#23
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
उधर जब क्रिसपिन खुद को अपने फ्लोर पर बने स्टूडियो में बंद किए रहता तो एमिलिया को लगता कि वो अपने काम—पेंटिंग में मशगूल है। वो अब इस कड़वे सच को समझ गई थी कि उसका उसके बेटे पर रहा होल्ड अब खत्म हो चुका था। कभी उसने उस पर उसके फैसलों पर अपना नियंत्रण रखा था लेकिन वो दिन, वो दौर कब का फना हो चुका था।
लेकिन अपनी इकलौती औलाद पर कभी रहे उसके उस होल्ड के बदले उसे अब सालाना पचास हजार डालर की रकम बतौर जेबखर्चा उसे अब भी हासिल थी और ये एक बड़ी, खूब बड़ी रकम थी। उसके बहुत सारे दोस्त थे जिन्हें वो अब अपने घर में बुलाने के बजाए किसी और जगह—मसलन किसी होटल वगैरह में—बुलाकर एंटरटेन करती, उन्हें खिलाती-पिलाती और यूँ अपना ग़म भुलाती। जब भी उसके उन दोस्तों में से कोई उससे उसके बेटे क्रिसपिन की बाबत कोई सवाल करता तो वो हमेशा यही बहाना बनाती कि उसका बेटा अपनी कला, अपने मार्डन आर्ट को समर्पित एक महान कलाकार था और वो अपनी पार्टी वगैरह में बुलाकर उसका वक्त बर्बाद करने के हक में नहीं थी। अपनी बात कहते हुए अक्सर वो अपने बेटे की तुलना अब पिकासो तक से करने लगी थी।
लेकिन ये सच नहीं था।
वह खुद अक्सर इस बात पर अपना सिर धुनती थी कि कभी-कभी तो महीना-महीना भर खुद को, यूँ अपने फ्लोर पर, बन्द रखकर उसका बेटा आखिर करता क्या है?
और एक दिन उसकी यही उत्सुकता जब हद से ज़्यादा बढ़ गई तो उसने इसके बारे में कुछ करने का निश्चय कर लिया।
उसने तय किया कि मौका लगते ही वो ऊपरले फ्लोर पर एक चक्कर लगाएगी।
और एक दिन उसके हत्थे वो मौका लगा।
क्रिप्सी घर की ग्रोसरीज़ वगैरह के सिलसिले में खरीददारी करने बाज़ार गई हुई थी तो क्रिसपिन उसी वक्त अपनी रॉल्स रॉयस लेकर निकल गया।
यही मौका था।
एमिलिया ने रेनाल्ड्स को बुलाकर अपनी बात समझाते हुए पूछा—“क्या तुम दरवाज़े पर लगे ताले को खोल सकते हो?”
“यस मैडम—मैंने देखा है। वो एक मामूली ताला है।”
“तो खोलो उसे....।”
रेनाल्ड्स कहीं से एक तार ले आया और कुछेक पलों की मेहनत के बाद ही उसने ताला खोल डाला।
दोनों ऊपर जाती सीढ़ियों पर बढ़े जो क्रिसपिन के स्टूडियो तक जाती थीं। वहाँ स्टूडियो के दरवाज़े पर उन्हें कोई ताला नहीं मिला। एमिलिया ने हाथ बढ़ाकर दरवाज़ा खोला और दोनों ने भीतर कदम रखा।
और उन्हें यूँ लगा कि वो दोनों अपने सबसे भयंकर दुःस्वप्न में आ खड़े हुए थे।
दीवार पर लटके बड़े-बड़े कैनवासों पर इतनी भयानक पेंटिंग्स चित्रित की गई थीं कि एमिलिया तो वहाँ उन्हें देखकर बेहोश हो गई। सारी पेंटिंग्स का सब्जेक्ट कमोबेश किसी महिला का शरीर था जो किसी काले आकाश तले, सुर्ख चांद वाले संतरी बीच पर लेटी थी। लेकिन बात सिर्फ यही नहीं थी।
उन पेंटिंग्स में कई में महिला का सिर उसके धड़ से अलग था, कई में उसका पेट फटा पड़ा था जिसके भीतर की आँतें यहाँ वहाँ बिखरी हुई थीं तो किसी में उसके पूरे बदन के टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें इधर उधर छितरा हुआ पेंट किया गया था।
और जैसे इतना ही काफी न हो।
वहीं स्टूडियो के एक कोने में स्टैण्ड पर रखे एक कैनवास पर खुद एमिलिया की पेंटिंग थी जिसमें उसके खून से सने दांत बाहर को निकले पेन्ट किए गए थे। उसकी टाँगों के बीच में किसी आदमी को बेबस कैदी की तरह दिखाया गया था जिसने सफेद और लाल धारी वाला एक पजामा पहना हुआ था। यह ठीक उसी डिज़ाईन का पजामा था जैसा कि उसका पति—मिस्टर ग्रेग—अक्सर वीकएण्ड पर पहना करता था। एमिलिया की उसी पेंटिंग में उसके सिर पर निकले दो सींग भी दिखाए गए थे।
बेहोश होने से पहले एमिलिया ने बड़ी देर तक खुद पर बनी उस पेंटिंग में अपने उस शैतानी अक्स को देखा था और फिर यकायक अपने होश खो बैठी थी।
बाद में रेनाल्ड्स ने उसे संभाला और नीचे लाऊॅन्ज में ले आया। रेनाल्ड्स मर्द था और हालांकि एमिलिया की तरह बेहोश नहीं हुआ था लेकिन फिर भी उसके खुद के होश भी उड़े हुए थे। उसने जो देखा था वो किसी हैवान का ही काम, किसी हैवान की ही सोच हो सकती थी। उसने एमिलिया को वहीं लाऊन्ज में छोड़ा और अपने कमरे में पहुँचा। उसने वहाँ अपने लिए स्कॉच का एक तगड़ा पैग बनाया और उसे एक ही सांस में खींच लिया। इसके बाद उसे कुछ राहत मिली तो वो वापिस लाऊन्ज में पहुँचा। जहाँ एमिलिया भी अब अपने होश संभाल चुकी थी।
दोनों की निगाहें मिलीं लेकिन बोला कोई नहीं।
फिर रेनाल्ड्स ने आगे बढ़कर क्रिसपिन के फ्लोर पर जाती सीढ़ियों पर लगे दरवाज़े के लॉक को दुबारा लगा दिया।
एमिलिया अब वहीं लाऊन्ज में बैठी थी और हाथ में ब्रान्डी का एक तगड़ा, खूब बड़ा पैग संभाले हुए थी।
“अब क्या करें?”—एमिलिया ने ड्रिंक सिप करते हुए पूछा—“वह पूरा पागल हो चुका है और अपने इसी पागलपन में कभी भी कोई खतरनाक कदम उठा सकता है।”
उधर रेनाल्ड्स को अपनी नौकरी छूटने का ज़्यादा डर था।
वो जानता था कि अब इस उम्र में उसे ऐसी आरामदायक नौकरी तो मिलने से रही सो वो अभी भी क्रिसपिन के उस पागलपन को दबाए रखने का ही पक्षधर था।
“हमें अभी इंतज़ार करना है....हमें अपनी उम्मीद बनाए रखनी है”—वह बोला।
एमिलिया उसकी मौजूदा हालत को खूब समझती थी तो उधर उसे खुद की भी ऐसी ही हालत से डर लगता था। वो जानती थी कि ताउम्र ऐश में बिताई अपनी अब तक की ज़िन्दगी में अब आगे केवल दस हज़ार के सालाना भत्ते पर गुज़र-बसर करना उसके लिए बेहद मुश्किल था।
लगभग नामुमकिन था।
तो और कोई रास्ता नहीं था।
वो दोनों ऐसा कोई कदम नहीं उठा सकते थे कि जिससे क्रिसपिन किसी मुसीबत में जा फंसता। उसकी आज़ादी उन दोनों की आगे की आरामदायक ज़िन्दगी की गारन्टी थी और उसका किसी मुसीबत में जा फंसना उन दोनों की ही मौजूदा आरामदायक ज़िन्दगी को, उसमें हासिल अभी सहूलियतों को मटियामेट कर सकता था।
सो दोनों ने फैसला किया कि वो अभी इंतज़ार करेंगे।
अभी अपनी उम्मीद बनाए रखेंगे।
लेकिन ये सब इतना आसान न था।
फिर जैनी बैंडलर के उस बेरहम कत्ल के बाद दूसरी शाम रेनाल्ड्स को कुछ ऐसा पता चला कि वो फौरन एमिलिया के पास पहुँचा। उसने उसे टी.वी. देखता हुआ पाया।
“मैडम”—उसने हाँफते हुए कहा—“प्लीज़ ज़रा मेरे साथ नीचे बॉयलर रूम में चलिए।”
“क्यों, वहाँ क्यों?”—एमिलिया का चेहरा सफेद पड़ गया था। आजकल वो हर वक्त किसी न किसी बुरी खबर के इंतज़ार में ही बैठी रहती थी। उसे हर वक्त यही लगता था कि कोई मनहूस खबर उसे अब आई तब आई।
“प्लीज़ चलिए मैडम।”—रेनाल्ड्स ने लगभग गिड़गिड़ाते हुए कहा और बाहर निकल गया।
कुछ पल हिचकिचाने के बाद एमिलिया रेनाल्ड्स के पीछे-पीछे चलती नीचे बॉयलर रूम में पहुँची।
वहाँ पहुँचकर रेनाल्ड्स ने उसे एक ओर संकेत किया।
वहाँ भट्टी के पास उसके पति की गोल्फ बॉल वाली जैकेट पड़ी थी जिसे आमतौर पर आजकल क्रिसपिन पहना करता था। वहीं पास ही कुछ और भी कपड़े पड़े थे जिसमें एक ग्रे कलर की पैन्ट और गुक्की के जूते थे।
सत्यानाश।
कपड़ों पर लगे उस बेशुमार खून को देखकर ही एमिलिया समझ गई कि उसका बेटा क्या गुल खिला आया था।
वो सिहर उठी।
उसने रेनाल्ड्स से निगाहें मिलाईं।
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06-25-2020, 01:47 PM,
#24
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
ये साफ सबूत था कि हाल ही में हुए और अब मीडिया में खूब उछाले जा रहे उस बेरहम कत्ल की ज़िम्मेदार उसकी खुद की औलाद थी।
वो औलाद जो बकौल उसके अपनी कला को समर्पित एक महान कलाकार था....पिकासो की टक्कर का महान कलाकार, अगर पुलिस की पहुँच वहाँ उस जगह तक बन जाती तो क्रिसपिन गहरी मुसीबत में फंस जाता।
अपनी बाकी की उम्र उसे जेल में बितानी पड़ती।
और उन्हें।
उन्हें अपनी बाकी की उम्र गरीबी में, गुरबत में धक्के खाते बितानी पड़ती।
सो ये सिर्फ क्रिसपिन के भविष्य का सवाल नहीं था बल्कि खुद उन दोनों की आगे की ज़िन्दगी का भी सवाल था।
“इन कपड़ों को फौरन नष्ट कर दो।”—आखिरकार एमिलिया ने रेनाल्ड्स को हुक्म दिया और पलटकर गिरती पड़ती सीढ़ियाँ तय करके लाऊन्ज में आ पहुँची। उसने वहाँ अपने लिए ब्रान्डी का एक तगड़ा पैग बनाया और उसे एक ही सांस में गटक लिया।
रेनाल्ड्स ने कपड़ों को हाथ लगाने के बजाए वापिस अपने कमरे में जाकर पहले खुद को संभाला।
अब हालात गंभीर थे।
उस घर में उनके साथ एक वहशी कातिल रह रहा था।
ऐसा बेरहम कातिल जिसकी तलाश में शहर का पूरा पुलिस महकमा पागल कुत्तों की तरह यहाँ वहाँ सूंघता फिर रहा था।
वो लाऊन्ज में पहुँचा जहाँ उसने एमिलिया को टी.वी. पर खबरें देखते पाया।
खबरें पढ़ता ऐंकर इस वक्त बड़ी बारीकी से जेन बैन्डलर की लाश बरामदगी की खबर सुना रहा था।
“अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद शहर की पुलिस उस वहशी बेरहम कातिल को पकड़ने में नाकाम रही है।”—एंकर ने कहा—“और इसीलिए पुलिस को शक है कि उसे किसी-न-किसी ने शरण दे रखी है। मैं यहाँ इन खबरों को देख रहे तमाम लोगों से अपील करता हूँ—और इसमें उस कातिल के माँ-बाप, दोस्त वगैरह भी शामिल हैं—कि वे कोई भी कारआमद जानकारी होने पर फौरन पुलिस को खबर करें। यह एक खतरनाक हत्यारा है जो अपने पाश्विक पागलपन में फिर किसी को अपना शिकार बना सकता है। जब तक यह पकड़ा नहीं जाता यहाँ हमारे शहर में कोई भी औरत सेफ नहीं है....।”
रेनाल्ड्स ने आगे बढ़कर कांपते हाथों से टी.वी. ऑफ कर दिया।
“मैं नहीं मानती।”—एमिलिया ने कराहते हुए कहा—“वो ऐसा नहीं कर सकता, कभी नहीं कर सकता।”
लेकिन तत्काल उसे क्रिसपिन की बनाई उन भयानक और डरावनी पेंटिंग्स का ध्यान हो आया।
“रेनाल्ड्स”—उसने कांपते स्वर में कहा—“हमें अपनी ज़ुबान बंद रखनी होगी। अगर यह वहशियाना कत्ल उसी ने किया है तो मैं उसकी गिरफ्तारी से होने वाली बदनामी को बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी। मेरी आधी ज़िन्दगी तो मेरे पति ने बर्बाद कर ही दी है और आगे क्रिसपिन की गिरफ्तारी के बाद मेरी बची खुची सोशल लाईफ भी बर्बाद हो जाएगी....और मैं यह बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी।”
रेनाल्ड्स ने सहमति में सिर हिलाया।
“जाओ फौरन उन कपड़ों को नष्ट कर दो।”—एमिलिया ने कहा—“जाओ फौरन उन्हें जला दो।”
ठीक इसी वक्त डोरबैल बजी
बाहर लेपस्कि और जैकोबी—दो पुलिसिए—खड़े थे।
¶¶
Reply
06-25-2020, 01:48 PM,
#25
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
अगली सुबह।
निर्देशानुसार जैकोबी ने लेवाइन से वो खास गोल्फ बॉल बटनों की जैकेट हासिल की और साल्वेशन आर्मी के डिपो जा पहुँचा। शहर के रईसों से हासिल होने वाले सभी प्रकार के उपहारों को हैण्डल करने वाले इंचार्ज—जिम क्रेडाक—से हुई मुलाकात में उसने बड़े ज़ोरदार तरीके से इस बात को सिरे से ही नकार दिया कि वहाँ उसे साईरस ग्रेग के यहाँ से वैसी कोई जैकेट कभी हासिल हुई भी थी। उसने साफ कहा ऐसी खास बटनों वाली जैकेट वहाँ कभी उस तक पहुँची ही नहीं। जैकोबी ने बार-बार घुमा फिराकर अपने सवाल को कई बाद दोहराया लेकिन नतीजा सिफर रहा।
क्रेडाक अपने दिए बयान पर टिका रहा।
उसके हिसाब से वैसी कोई जैकेट वहाँ सॉल्वेशन आर्मी के डिपो में कभी आई ही नहीं थी।
इसी वक्त जब जैकोबी क्रेडाक से अपने इस वार्तालाप में बिज़ी था, ठीक उसी वक्त लेपस्कि ब्रैन्डन के घर पर उसके सामने मौजूद था।
इस वक्त सुबह के सवा आठ बजे थे।
ब्रैन्डन ऑफिस निकलने की तैयारी कर रहा था कि तभी लेपस्कि वहाँ आ पहुँचा था।
“गुड मार्निंग मिस्टर ब्रैंडन!”—लेपस्कि अपने पुलिसिया अंदाज़ में बोला—“मैं दरअसल उन बटनों को चैक कर रहा हूँ और उसी सिलसिले में मुझे पता चला है कि मिस्टर लेवाइन ने आपको उस खास जैकेट के साथ उन पर लगे उन गैरमामूली बटनों का एक स्पेयर सैट भी डिलिवर किया था....मैं ज़रा वो डुप्लीकेट सेट देखना चाहता हूँ।”
केन घबरा गया।
“स्पेयर सैट!” उसने हकलाते हुए कहा—“म....मुझे तो याद नहीं पड़ता कि लेवाइन ने ऐसे उन बटनों का कोई डुप्लीकेट सैट भी दिया हो।”
“वो कहता है कि उसने दिए थे। उसका दावा है कि उसने जिन चार ग्राहकों को ऐसी जैकेटें बेची हैं उन चारों को ही ऐसे बटनों का डुप्लिकेट सैट भी दिया है।”—लेपस्कि ने गुर्राकर कहा।
“ऐसी सभी बातों की देखभाल दरअसल मेरी बीवी करती है और वो फिलहाल एटलान्टा में अपने बीमार पिता के पास गई हुई है। मुझे भी फिलहाल ऑफिस निकलना है लेकिन मैं वापिस लौटकर उस स्पेयर सैट को ढूँढने की कोशिश करूँगा।”
“वैल—यह बेहद ज़रूरी है मिस्टर ब्रैन्डन”—लेपस्कि ने कड़क आवाज़ में कहा—“और मुझे लगता है कि खुद आपके अपने लिए ये बेहद ज़रूरी है कि आप खुद को इस सारे मामले से अलग-थलग करने में हमारा सहयोग करें।”
“जी मैं समझता हूँ और आपको यकीन दिलाता हूँ कि दफ्तर से लौटते ही मैं इन्हें ढूँढने की कोशिश करूँगा।”
“हमारा महकमा बाकी तीनों की वैसी जांच पहले ही कर चुका है और अब केवल आप ही बचे हैं जिनके बटनों की जांच होनी है इसलिए बता ज़रूर दीजिएगा।”
“जी—ज़रूर।”
“बढ़िया।”—कहकर लेपस्कि वहाँ से लौट गया।
और उसके वहाँ से लौटते ही केन लपकता हुआ अपने लिविंग रूम में पहुँचा जहाँ उसने धड़कते दिल से उस डिब्बे को खोला जिसमें बैट्टी बटन वगैरह रखा करती थी।
उसमें मौजूद बटनों की भीड़ में उसने वाँछित बटनों को ढूँढा।
जल्दी ही उसकी निगाह उन पर पड़ गई।
सत्यानाश।
इसका मतलब कि लेवाइन ने जैकेट के साथ उन बटनों का एक स्पेयर सैट भी दिया था।
और पुलिस को इस बाबत खबर थी।
केन ने बटनों का वो डिब्बा वहीं रखा और अपने बैडरूम में पहुँचा जहाँ उसने अपनी अब तक खूब मशहूर हो चुकी जैकेट में लगे बटनों को चैक किया।
उसमें कुल नौ बटन थे।
वह पुनः लिविंग रूम में लौटा और डिब्बे में मौजूद गोल्फ बटनों को गिना।
लाख कोशिशों के बावजूद उसे नौवां बटन नहीं मिला।
एक बटन गायब था।
उसने अपना सिर पकड़ लिया।
उसकी जैकेट के बटनों के सैट में से एक बटन का गायब होना उसके लिए बड़ी मुसीबत ला सकता था।
अगर लेपस्कि को पता लग जाता कि उसके पास मौजूद उन खास बटनों के उस सैट में से एक बटन गायब था तो वो बकायदा संदिग्धों की फेहरिस्त में टॉप पर होगा। हो सकता था कि पुलिस उसे गिरफ्तार ही कर ले और अगर ऐसा हुआ तो पुलिस आगे-पीछे कॉरेन के साथ उसके संबंधों के बारे में यकीनन जान जाएगी।
केन ने आँखें बन्द कर लीं और बैट्टी के बारे में सोचने लगा।
वो बहुत बड़ी मुसीबत में था।
कॉरेन से उस एक मुलाकात ने उसकी ज़िन्दगी का रुख ही बदल दिया था। कहाँ तो वो अपनी पत्नी के साथ एक आरामदायक ज़िन्दगी बड़े मजे से बिता रहा था और कहाँ अब यकायक वो इस झंझट में फंस गया था।
केन ने उठकर कांपते हाथों से बटनों के उस डिब्बे को यथास्थान वापिस रखा और बाहर निकाले उन आठ बटनों को देखने लगा।
क्या किया जाए?
क्या उसे उन बटनों को भी नष्ट कर देना चाहिए।
बाद में वो कसम खाकर कह देता कि उसे ऐसे स्पेयर बटनों का कोई डुप्लिकेट सैट मिला ही नहीं था।
वो बैट्टी को भी ऐसा ही बयान देने को कह सकता था हालांकि बैट्टी को इस तरह किसी झूठे बयान देने के लिए कहना इतना आसान भी नहीं था।
तभी घड़ी ने नौ बजाए।
उसे दफ्तर के लिए देर हो रही थी।
उसने उन बटनों को उठाकर जेब में डाला, बंगला लॉक किया और अपनी कार में दफ्तर की ओर चल पड़ा।
जब वो दफ्तर जा रहा था उस वक्त लेपस्कि हैडक्वार्टर में बैठा एटलान्टा पुलिस से संबंध स्थापित कर रहा था।
बैट्टी के पिता सिटी कोर्ट के केस लेते रहते थे सो वहाँ का पुलिस महकमा उन्हें बखूबी जानता था।
एटलांटा में पुलिस हैडक्वार्टर से उसे मिस्टर लेसी, बैट्टी के पिता, का नंबर तो हासिल हो गया लेकिन साथ में यह ताकीद भी जारी हुई कि जब तक बेहद ज़रूरी न हो उन्हें कॉल न की जाए क्योंकि अभी हाल ही में उन्हें हार्ट अटैक हुआ था।
लेकिन लेपस्कि ने उस ताकीद को एक किनारे रख दिया और फौरन मिस्टर लेसी के यहाँ फोन मिलाकर बैट्टी से संपर्क स्थापित किया। बेहद सहज ढंग से उसने बैट्टी से कुबुलवा लिया कि गोल्फ बॉल वाले बटनों का वो डुप्लिकेट सैट जैकेट के साथ आया था जो अब भी उसके घर में बटनों वाले डिब्बे में मौजूद था।
“बढ़िया।”—लेपस्कि ने राहत की एक सांस ली और संबंध विच्छेद कर दिया।
उसने मुड़कर जैकोबी की ओर देखा जो अब साल्वेशन आर्मी के दफ्तर से लौट आया था और वहाँ बैठा उस वार्तालाप को एक अन्य एक्सटेंशन लाईन पर बड़े गौर से सुन रहा था।
“अब देखना है कि ब्रैन्डन इस बारे में सच बोलता है या झूठ।”—लेपस्कि ने जैकोबी से कहा।
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06-25-2020, 01:48 PM,
#26
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
केन अपने दफ्तर पहुँचा।
उसने तीन नीग्रो जोड़ों को वहाँ अपना इंतज़ार करते पाया।
उधर कॉरेन टाईपिंग में व्यस्त थी।
अगले एक घंटे तक वो उन तीन नीग्रो जोड़ों में उलझा उनके सवालों का जवाब देता रहा। उनसे निपटकर उसने दफ्तर में आई डाक को चैक करने का मन बनाया ही था कि टेलिफोन की घण्टी बजने लगी।
“केन ब्रैन्डन”—उसने रिसीवर उठाकर कहा—“कैन आई हैल्प यू?”
“सिटी पुलिस हैडक्वार्टर से डिटेक्टिव लेपस्कि बोल रहा हूँ।”—दूसरी ओर से आती गुर्राहट भरी आवाज़ सुनकर उसके हाथ से रिसीवर छूटते-छूटते बचा।
“यस मिस्टर लेपस्कि।”—उसने फंसी सी आवाज़ में कहा।
“बटन मिले?”
“मेरा ख्याल है कि मिस्टर लेवाइन को कोई गलतफहमी हुई है।”—उसने बड़ी मेहनत से अपने स्वर को सामान्य बनाए रखा और आगे कहा—“मुझे यकीन है कि अपनी उस जैकेट के साथ उन बटनों का कोई अतिरिक्त सैट मुझे मिस्टर लेवाइन से मिला ही नहीं।”
“ओह—क्या यकीन के साथ ऐसा कह रहे हो?”
“हाँ।”
“ठीक है—थैंक्स मिस्टर ब्रैन्डन।”
लेपस्कि ने संबंध विच्छेद कर दिया। तब भी केन रिसीवर थामे कई पलों तक ऐसे ही बैठा रहा। वो समझ रहा था कि उसने पुलिस से एक बड़ा झूठ बोला है जिसकी बाबत उसकी पोल पट्टी देर सबेर खुल भी सकती थी।
उसे लगा कि उसे फौरन बैट्टी से कॉन्टैक्ट कर उसे भी इस मामले में आगाह कर देना चाहिए था।
उसने बैट्टी को उसके पिता के यहाँ कॉल लगाई।
“बेट्टी डार्लिंग”—उसने संपर्क स्थापित होते ही पूछा—“अब कैसी तबियत है तुम्हारे पिता की?”
“ओह केन, वे अभी भी ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रहे हैं और डाक्टरों ने फिफ्टी-फिफ्टी चांसेज की बात कही है। मुझे अभी यहाँ कुछ और दिन लगेंगे क्योंकि माँ बहुत परेशान है। मैं सारी रात उनके बगल में बैठी जागती सोती सी बिताती हूँ।”
“कोई बात नहीं डार्लिंग”—केन ने कहा—“मुझे उम्मीद है तुम्हारे पिता जल्द ही ठीक हो जायेंगे।”
“ओह थैंक यू सो मच केन।”—कुछ और घरेलू बातचीत करने के बाद यकायक वो बोली—“अच्छा हाँ, मैं तो बताना ही भूल गई कि कोई दो घण्टे पहले मुझे यहाँ पैराडाईज़ सिटी पुलिस से तुम्हारी उस जैकेट में लगे गोल्फ बॉल डिज़ाइन वाले बटनों की बाबत कॉल आई थी।”
केन मानो आसमान से नीचे गिरा।
तो पुलिस पहले ही बैट्टी से संपर्क साध चुकी थी।
केन का दिल इतनी जोर से धड़कने लगा कि उसके मुँह से बोल न फूटे।
“त....तुमने उन्हें क्या कहा?”—उसने बड़ी मुश्किल से पूछा।
“मैंने उन्हें बता दिया है कि हमारे वो बटन वहीं हमारे घर में बटनों वाले डिब्बे में रखे हैं।”
“ओह!”
“यह सब चक्कर क्या है केन?”
“कुछ खास नहीं....बाद में बताऊँगा। तुम फिलहाल वहाँ अपने पिता की देखभाल पर ध्यान दो।”
“ठीक है केन।”—वो बोली—“अपना ध्यान रखना।”
“हाँ, मैं फिर फोन करूँगा।”
“ठीक है, बाय केन।”
“बाय।”—केन ने कहा और संबंध विच्छेद कर दिया।
अपनी इस कॉल के बाद उसका चेहरा फक्क पड़ गया था और अपनी उसी आतंकित अवस्था में अपनी जेब में हाथ डालकर उन बटनों को टटोलने लगा।
तभी उसके केबिन में कॉरेन दाखिल हुई।
“क्या हुआ”—उसने उसका उतरा हुआ चेहरा देखते ही पूछा—“अब क्या मुसीबत हो गई?”
केन ने उन नामुराद बटनों की सारी दास्तान उसे सुनाई।
“इस सैट में एक भी बटन कम होने का सीधा सा मतलब है”—आखिर में उसने कहा—“कि मुझे उस कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है। समझ नहीं आ रहा कि इस मुसीबत से कैसे निकलूँ। इधर वो पुलिसिया—लेपस्कि का बच्चा—अब मेरे डुप्लिकेट बटनों को देखना चाहेगा और उधर वो हरामज़ादा ब्लैकमेलर कल छाती पर आ चढ़ेगा।”
“यूँ रोते मत रहा करो”—कॉरेन ने उसे विनोदपूर्ण स्वर में कहा—“और हौसला रखो। कल की कल सोचना।”
कहकर वह पलटी और अपनी आकर्षक चाल से चलती वापिस अपनी मेज़ की ओर चली गई।
पीछे केन अपना सिर पकड़े बैठा रहा।
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06-25-2020, 01:48 PM,
#27
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
ब्रेन्डन के खिलाफ पहले से कुछ कर गुजरने को फड़फड़ा रहे लेपस्कि ने उसके झूठ बोलने की रिपोर्ट टेरेल को दी और उस पर दबाव डालने की इच्छा जताई।
“उसके इस झूठ का यह मतलब नहीं कि वो ही कातिल भी है।”—टेरेल ने कहा—“स्टर्नवुड की लड़की के साथ अपने अफेयर की हामी भरने का मतलब वो खूब जानता समझता है और उसके झूठ बोलने के पीछे ये भी एक वजह हो सकती है। उधर जैकोबी की रिपोर्ट बताती है कि ग्रेग के कपड़ों में रही वो जैकेट साल्वेशन आर्मी तक कभी पहुँची ही नहीं—सो ऐसे में हमारी जांच का वो एक पहलू अभी भी ओपन है जिसे और खंगाला जाना चाहिए। मैं चाहता हूँ कि ब्रेन्डन पर हाथ डालने से पहले तुम मिसेज ग्रेग को पूरी तरह टटोल लो और इस बार उसके बटलर के बजाए सीधे उसी से बात करना।”
“ठीक है सर।”—लेपस्कि ने कहा और उठ खड़ा हुआ।
वो एकेशिया ड्राईव पहुँचा जहाँ इस बार उसने मिसेज ग्रेग से मिलना था। उसने बंगले की घण्टी बजाई।
जवाब में रेनाल्ड्स ने दरवाजा खोला और उसे घूरा।
“पुलिस”—लेपस्कि ने कठोर स्वर में कहा—“मुझे मिसेज ग्रेग से मिलना है।”
एमिलिया उस वक्त दरवाजे की आड़ में ही खड़ी और सब कुछ सुन रही थी। उसने हिम्मत जुटाई और आड़ से बाहर आकर रेनाल्ड्स से संबोधित हुई।
“क्या बात है रेनाल्ड्स?”—उसने अभिमान से पूछा।
“पुलिस महकमे से आए किसी आदमी ने आपसे मिलने की ख्वाहिश जताई है मैडम।”—उसने सिर झुकाकर जवाब दिया।
“पुलिस”—एमिलिया का चेहरा पत्थर की तरह कठोर हो उठा—“उसे अंदर ले आओ।”
रेनाल्ड्स ने लेपस्कि को भीतर आने का इशारा किया और खुद दरवाजे से एक ओर को हट गया।
“आइए”—एमिलिया ने भीतर आते लेपस्कि से कहा—“कहिए क्या बात है?”
“मिसेज ग्रेग”—लेपस्कि ने कहना शुरू किया—“हाल ही में हुए एक बेरहम कत्ल की वारदात के सिलसिले में हमें एक ऐसे शख्स की तलाश है जिसकी मिल्कियत में गैरमामूली गोल्फ बॉल बटनों वाली एक खास किस्म की जैकेट के होने की भारी संभावना है। कल यहाँ मौजूद आपके बटलर ने हमें बताया था कि ऐसी एक जैकेट जो कभी आपके और अब मरहूम हो चुके—पति के पास थी, की मौत के बाद उनके बाकी कपड़ों के साथ उसे भी साल्वेशन आर्मी को डोनेट कर दिया गया था। कल जब हमने इस दिशा में अपनी जांच की तो हमें पता चला कि आपके पति की वो खास जैकेट उन कपड़ों में शामिल नहीं थी जो वहाँ भेजे गए थे।”
“जैकेट मेरे पति के बाकी कपड़ों के साथ ही थी।”— एमिलिया ने सख्त स्वर में कहा और रेनाल्ड्स से बोली—“क्यों रेनाल्ड्स?”
“जी मैडम—मैंने तो इन्हें पहले ही कहा था।”—रेनाल्ड्स, जो पिछली रात बॉयलर रूम में वहाँ खून आलूदा कपड़ों को जलाता रहा था, बोला।
“लेकिन साल्वेशन आर्मी के डिपो इंचार्ज मि. क्रेडाक ने बड़े ठोस शब्दों में आपके बटलर के इस दावे को नकारा है।”—लेपस्कि ने कहा।
“अच्छा, क्रेडाक!”—एमिलिया ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा—“मैं उस कमीने को अच्छी तरह जानती हूँ। मुझे लगता है कि उस कमीने ने मेरे पति की वो जैकेट खुद अपने लिए या अपने परिवार के किसी और सदस्य के निजी इस्तेमाल के लिए वहाँ से चुरा ली होगी।”
“लेकिन मिसेज ग्रेग....”—लेपस्कि बोला।
“हमें जो पता था हम बता चुके हैं मिस्टर डिटेक्टिव।”— एमिलिया ने उसे बीच में ही टोकते हुए कहा—“एण्ड नाओ प्लीज़ लीव।”
“यहाँ का मेरा फेरा कोई टहलने के मकसद से की जाने वाली मार्निंग वॉक नहीं है मिसेज ग्रेग।”—लेपस्कि ने सख्ती से कहा—“यह इस शहर में हुए एक बेहद गंभीर और सनसनीखेज कत्ल की तहकीकात है। आपका बयान मिस्टर क्रेडाक पर उनकी ईमानदारी पर एक प्रश्नचिन्ह है और ऐसे में आप यूँ इससे बचकर नहीं निकल पाएंगी।”
तभी रेनाल्ड्स ने हल्के से खांसकर एमिलिया को सतर्क कर दिया। एमिलिया ने फौरन उस इशारे को पकड़ा।
“मैं सिर्फ ये कह रही हूँ कि....”—वह पूर्ववत लेपस्कि को घूरते हुए बोली—“....मेरे पति की वो जैकेट हमने उनके बाकी कपड़ों के साथ ही सॉल्वेशन आर्मी को भिजवा दी थी। उसके बाद उस जैकेट का क्या हुआ इसका पता न तो हमें है और न हमारे पास ऐसा कोई साधन और वजह है कि उसे आगे ट्रेस करते।”
“मिसेज ग्रेग—आप हमारी कोई खास मदद नहीं कर रहीं।”
“मुझे आपकी राय से इत्तेफाक नहीं और अब अगर मुझे इस मामले में आपने आगे परेशान किया तो मुझे मजबूरन आपकी शिकायत अपने दोस्त जो इस शहर के मेयर हैं—से करनी होगी।”
“ओके मिसेज ग्रेग।”—लेपस्कि ने हथियार डालते हुए कहा—“आपके सहयोग का बहुत बहुत शुक्रिया।”
लेपस्कि पलटा, बाहर निकला और अपनी कार के पास पहुँचा। उसने टेरेल को रिपोर्ट दी।
“फिलहाल इस बुढ़िया को छोड़ो”—टेरेल बोला—“और उस क्रेडाक को एक बार और चैक करो।”
“जी सर।”—लेपस्कि ने कहा और संबंध विच्छेद करके अपने काम पर लग गया।
अगला एक घण्टा उसने क्रेडाक के पास जाकर उसे टटोलने में लगाया लेकिन उसने वही दोहराया कि वहाँ आए मिस्टर ग्रेग के कपड़ों में वो खास जैकेट थी ही नहीं।
लेपस्कि ने टेरेल को रिपोर्ट दी।
“ठीक है।”—वह बोला—“तो घूम फिरकर हम बार-बार उसी दायरे में गोल गोल घूम रहे हैं....बढ़िया। अब तुम इस किस्से को छोड़ो और उस हिप्पी कॉलोनी के उन बाशिन्दों को चैक करने में ध्यान लगाओ। इस जैकेट के किस्से को बाद में छेड़ेंगे।”
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06-25-2020, 01:48 PM,
#28
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
लू अपने बिस्तर पड़ा काफी चुसक रहा था।
उसने पिछली रात समुन्दर किनारे बीच पर एक नीग्रो लड़की के साथ बिताई थी और इस वजह से बड़ी देर से सो सका था।
आज का दिन और था और कल उसने केन और कॉरेन से मिलने जाना था।
दस हजार डॉलर की बड़ी रकम की डिलीवरी लेने।
उसे पूरा यकीन था कि वो दोनों अब वो रकम, वो दस हजार डॉलर की रकम देने वाले थे और अब वो वहाँ अपने बिस्तर पर कॉफी चुसकता, अपने नंगे सीने को सहलाता, ये प्लान करने में मशगूल था कि वो इस रकम का आगे क्या-क्या करने वाला है।
तभी उसके केबिन के दरवाजे पर दस्तक हुई।
उसने अपने ख्यालों को अपने दिमाग से झटका और उठकर दरवाजा खोला। बाहर एक ऊँचे कद का आदमी माइक्रोफोन लिए खड़ा था।
“हैलो मिस्टर लू।”—वह बोला—“मेरा नाम पैट हैमिल्टन है और मैं यहाँ के पैरेडाईज टी.वी. चैनल से हूँ। मुझे पता चला है कि अभी हाल ही में हुए उस बेरहम वहशियाना कत्ल के वक्त तुम वहीं मौकाए वारदात के आस-पास ही थे तो शायद तुमने कातिल को भी देखा होगा।”
“देखो मिस्टर....”—लू ने कहना चाहा।
“क्या ये सही है कि तुम उस रात वहाँ मौकाए वारदात के आस-पास ही थे?”—पैट ने उसे बीच में टोकते हुए पूछा।
दरवाजे पर खड़े लू के चेहरे पर सूरज की तेज रोशनी सीधे पड़ रही थी और वो इस बात से चिड़चिड़ा रहा था।
“दफा हो जाओ।”—उसने कहा और भड़ाक से दरवाजा बन्द कर लिया। हैमिल्टन—जो वहाँ हिप्पियों की उस कॉलोनी तक अपने एक छोटे से ट्रक में आया था—मुस्कुराता हुआ वापिस घूमा और अपने उस ट्रक की ड्राईविंग सीट पर जा बैठा।
“उस कमबख्त की फोटो खींची या नहीं?”—उसने मिनी ट्रक में पीछे छुपे बैठे अपने कैमरामैन से कहा।
“खींची—बढ़िया करके खींची।”—कैमरामैन ने जवाब दिया।
और दो घण्टे बाद क्रिसपिन ग्रेग ने अपना टी.वी. ऑन किया और हैमिल्टन वाले चैनल पर खबरें सुनने लगा।
“पुलिस अभी तक उस विक्षिप्त हत्यारे, उस होमिसीडियल मैनियाक का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है”—चैनल पर हैमिल्टन बोल रहा था—“इसी सिलसिले में जब हमने अपनी ओर से जो जांच पड़ताल की, उसके आधार पर हमें पता चला कि एक युवक—जिसका नाम लू है—उस रात मौकायेवारदात के पास मौजूद था। ये युवक लू फिलहाल शहर के बाहर की ओर जाने वाले रास्ते पर बनी हिप्पियों की कॉलोनी में ठहरा हुआ है और जब हमने उससे बात करने की कोशिश की”—टी.वी. स्क्रीन पर लू बून की फोटो चमकी—“तो उसने हमसे इस मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया।”—हैमिल्टन ने अपनी बात पर और जोर डालते हुए कहा—“और मेरा मानना है कि वो नौजवान यकीनन इस केस की एक बेहद खास घुण्डी है जो उससे कहीं ज्यादा जानता है जितना कि वो फिलहाल यहाँ की पुलिस को बता रहा है।” क्रिसपिन ने टी.वी. स्क्रीन पर दिखाई जा रही लू बून की तस्वीर को गौर से देखा। उसके दिमाग में हैमिल्टन के शब्द गूंजे—
“वो नौजवान....उससे कहीं ज्यादा जानता है जितना कि वो यहाँ की पुलिस को बता रहा है।”
क्रिसपिन की आँखें संकुचित हो गईं।
तत्काल उसके होठों पर एक खूनी मुस्कुराहट तैरने लगी।
ये नौजवान—लू बून—अगर वाकई में उस रात मौकाए वारदात पर मौजूद था तो हो सकता था कि उसने उसे देखा हो।
ये उसके लिए बेहद खतरनाक और असहज कर देने वाली खबर थी।
“कोई बात नहीं।”—क्रिसपिन ने मन-ही-मन फैसला किया—“अच्छा है कि वक्त रहते इसके बारे में पता चल गया। उसका इंतजाम किया जाना जरूरी है।”
क्रिसपिन की अगली—उसकी खुद की निगाह में—बेमिसाल और बेजोड़ ऑयल पेन्टिंग बनाने का वक्त आ गया था।
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06-25-2020, 01:49 PM,
#29
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
लेपस्कि घर पहुँचा।
भूख से उसकी आंतें कुलबुला रही थीं और इसी एक बात ने उसे घर में घुसते ही सीधे धड़धड़ाते किचन में जा घुसने को मजबूर कर दिया था। जहाँ उसकी बीवी कारोल खाना पकाने में मशगूल थी।
“खाने में क्या है?”—लेपस्कि ने पूछा—“दो घण्टे बाद मुझे फिर वापिस जाना है।”
“आज तुम्हारे लिए खास तुम्हारी पसंद”—कारोल ने शान्त स्वर में कहा—“मशरूम और क्रीम सॉस के साथ चिकन ब्रेस्ट बनाया है।”
“अरे वाह—मजा आ गया। कितना टाईम लगेगा?”
“दस मिनट।”—कारोल ने बताया और पूछा—“तुम्हें तुम्हारा वो सनकी हत्यारा मिला या नहीं?”
“अभी नहीं।”—लेपस्कि ने फ्राईंग पैन पर पकते चिकन पर निगाह डालते हुए कहा—“हूं....वाकई लजीज होगा।”
“क्यों क्या हुआ? तुम्हारे महकमे के पास कोई सुराग-वुराग है भी या नहीं?”
“नहीं....कुछ खास नहीं है”—लेपस्कि ने कहा—“और देवी जी जरा जल्दी करो। भूख से मेरा दम निकला जा रहा है।”
“मेरे पास तुम्हारे लिए तीन क्लू हैं।”—कारोल ने कहा और पैन में मशरूम डालने लगी।
“क्लू....तुम्हारे पास क्लू हैं?”—लेपस्कि ने चौंकते हुए कहा—“इसका मतलब तुम फिर उस पियक्कड़ बुढ़िया के पास पहुँच गईं।”
“मोहिताबेल पीती जरूर है लेकिन केवल इसी वजह से उसे पियक्कड़ कह देना गलत है।”
“वो बुढ़िया पीकर हमेशा उल्टा सीधा बकती है।”
“नहीं—वो हमेशा सच्ची भविष्यवाणियाँ करती है और ये मत भूलो कि पिछले साल भी उसने हत्या के एक मामले में तुम्हें दो मेजर क्लू दिए थे जिन्हें तुमने अपनी बेवकूफी भरी जिद में इस्तेमाल तक नहीं किया था।”
लेकिन लेपस्कि ने उसका कहा आखिरी फिकरा सुना ही नहीं था।
वो लपककर लिविंग रूम में पहुँचा और वहाँ लिकर कैबिनेट को खोलकर चैक किया।
वहाँ से उसकी खास पसंदीदा विस्की की बोतल गायब थी। लेपस्कि ने अपनी टाई नोचकर फर्श पर फेंक दी।
तभी कारोल उसके पीछे-पीछे वहाँ आ पहुँची।
“अब ये क्या बेहूदगी है?”
“मेरी पसंदीदा विस्की की बोतल कहाँ गई?”—लेपस्कि चिनचिनाया।
“ओह—शराब की बोतल का रोना छोड़ो और मेरी बात सुनो।”—वह बोली—“मोहिताबेल ने तुम्हारा वो केस सुलझा दिया है और तुम भी तो यही चाहते थे।”
लेपस्कि सिर थामे वहीं बिछी कुर्सी पर बैठ गया।
“बढ़िया।”—वो बोला—“तो उस शराबखोर बुढ़िया ने एक बोतल विस्की गटकने के बाद वहीं अपने घर बैठे-बैठे ये केस सुलझा भी दिया....बढ़िया—बढ़िया।”
“तुम उसे बार-बार शराबी साबित करने की कोशिश मत करो। उसने खास मेरी रिक्वेस्ट पर तुम्हारे लिए इस केस में आगे बढ़ने के लिए तीन क्लू दिये हैं।”
लेपस्कि ने जवाब देने के बजाए अपने बालों में हाथ फेरा।
“तुम गौर से सुनो”—कारोल ने अपनी हाँकते हुए कहा—“मोहिताबेल के अनुसार तुम्हें तीन बातों पर खास ध्यान देना चाहिए। पहला—लाल सुर्ख चाँद, दूसरा—काला आसमां और तीसरा—संतरी रंगत लिए समन्दर का किनारा।”
लेपस्कि ने अपनी पलकें झपकाईं और चिढ़कर कहा— “लाल सुर्ख चांद, काला आसमां और संतरी बीच....बढ़िया।”
“हाँ।”
“तो अब ये और बताओ कि उस महान भविष्यवक्ता ने ये तीन क्लूज मेरी वो बोतल गटकने से पहले बताए थे या बाद में?”
“लेपस्कि—इन क्लूज का होशियारी से इस्तेमाल करो।”
“सही है न—ऐसी बेहतरीन विस्की की पूरी बोतल—मुफ्त में हासिल बोतल—को गटकने के बाद मैं भी ऐसी भविष्यवाणी कर सकता हूँ।”—लेपस्कि ने गहरी साँस खींची और हवा में सूँघते हुए कहा—“अब ये क्या जल रहा है?”
कारोल को अचानक कुछ याद आया।
वो चीखती हुई किचन की ओर दौड़ गई और कुछ पलों के बाद उसकी आवाज आई।
“तुम्हारा डिनर जल गया है।”—वो चीखी—“और ये तुम्हारी ही गलती है।”
लेपस्कि धुँए भरी किचन में पहुँचा और पैन में पड़े जले हुए गोश्त को घूरने लगा।
“अब मैं क्या खाऊँगा?”
“मैं कुछ और बनाती हूँ....लेकिन तुम उन तीनों क्लू का ध्यान रखना।”
“ठीक है—ठीक है।”—वो बोला—“अब ये छोड़ो और जल्दी कुछ बनाओ।”
उसकी खास और पसंदीदा विस्की की बोतल जा चुकी थी।
उसका खाना जल गया था।
और इस सबकी जिम्मेदार कारोल—उसकी बीवी—को इस बाबत और कुछ कहने की उसकी हिम्मत नहीं थी।
वो यकीनन अच्छा, वैल ट्रेन्ड पति था।
कारोल खुशकिस्मत बीवी थी।
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06-25-2020, 01:50 PM,
#30
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
रात के ग्यारह बजे थे।
केन अभी भी अपने बिस्तर पर जा सोने के बजाए लॉऊन्ज में बिछी कुर्सी पर बैठा था।
आज दफ्तर से घर लौटते वक्त वो इतना घबराया हुआ था कि वापिसी में डिनर के लिए कुछ खरीद लाना भी भुला बैठा था। उसे हर वक्त यही चिन्ता खाये जा रही थी न जाने कब लेपस्कि उस गुमशुदा बटन की पूछताछ करने उसके घर पर आ धमकता। घर आते ही उसने लिकर कैबिनेट से स्कॉच की एक बोतल निकालकर अपने लिए एक तगड़ा ड्रिंक बनाया और लाऊन्ज में बैठा उस ड्रिंक को चुसकता इंतजार करने लगा।
उसे यकीन था कि कॉरेन अपने बाप स्टर्नवुड को संभाल सकती थी लेकिन उसे खुद बेट्टी को संभालने का भरोसा नहीं था। उसे अभी तक समझ नहीं आ रहा था कि इस झंझट में वो बेट्टी को किस मुँह से अपनी बेगुनाही की बात कह सकेगा।
उसने दूसरा ड्रिंक लिया और आगे की सोचने लगा।
जिन्दगी तबाह होती नजर आ रही थी।
तभी डोरबैल बजी।
वो उठा और लड़खड़ाता हुआ, कॉरीडोर से गुजरा और जाकर मुख्यद्वार खोला।
“सामने से हटो!”—कॉरेन ने उसे एक ओर धकेलते हुए कहा—“मैंने खास ध्यान रखा है किसी को मेरी यहाँ इस विजिट का पता न चले।”
केन हड़बड़ाते हुए एक ओर हटा तो कॉरेन भीतर आ गई।
“लेकिन तुम यहाँ करने क्या आई हो?”—उसने पूछा।
“अरे—तुम तो ड्रिंक कर रहे थे।”—कॉरेन ने उसके सवाल को अनदेखा करते हुए कहा और भटकती हुए लिविंग रूम में पहुँच गई। अपने भड़कीले टाइट फिट फ्रॉक में उसका रात के इस पहर यहाँ आना उसके इरादों का खुद में सबूत था।
“क्या बात है?”—केन ने पूछा—“तुम यहाँ क्या करने आ गईं?”
“यह देखो।”—जवाब देने के बजाए उसने अपनी मुट्ठी केन के सामने खोली।
उसकी हथेली पर एक गोल्फ बटन था।
वो बटन, जिसे देखते ही केन के व्यवहार में हैरतअंगेज परिवर्तन आया।
“अरे, ये तुम्हें कहाँ से मिला?”—उसने पूछा।
“मैं लेवाईन की दुकान में गई और वहाँ उसके पास मौजूद वैसी ही एक दूसरी जैकेट में से—बगैर किसी की नजरों में आए—इसे काट लाई।”—उसने हँसते हुए कहा—“मैंने कहा था न कि इसे मेरे ऊपर छोड़ दो।”
केन ने शान्ति की सांस ली।
अब जाकर उसकी जान में जान आई।
उसने बटन लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाया लेकिन कॉरेन न फौरन ही अपनी मुट्ठी भींच ली।
“तुम्हारा बैडरूम कहाँ है?”—वह मुस्कुराई—“आओ इस शानदार मौके को तरीके से सेलीब्रेट करते हैं।”—उसने कहा और सैलिब्रेशन—तरीके के सेलिब्रेशन—के लिए फौरन अपने पैदाईशी कपड़ों में आ गई।
“ये तुम्हारा बटन।”—उसने केन की ओर एक आँख दबाते हुए कहा—“और ये मेरे तुम।”
केन अवाक् रह गया।
एक पल के लिए उसके दिमाग में आया ये घर अकेले उसी का नहीं बल्कि बेट्टी—उसकी बीवी—का भी था।
उस घर का बैडरूम, बैडरूम में बिछा बैड—सब पर उसका हक था। लेकिन—
स्कॉच के दो तगड़े ड्रिंक का असर और खुद कॉरेन का उस वक्त उस पोजीशन में ऐसा आमंत्रण उसके लिए इन सब बातों को भुला देने के लिए काफी था।
काफी से ज्यादा था।
उसने कॉरेन का हाथ थाम लिया और बैडरूम की ओर बढ़ गया। कॉरेन हँसी और उससे लिपट गई।
कॉरेन स्टर्नवुड!
क्या लड़की थी!
क्या कमाल की लड़की थी!!
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