Desi Porn Stories बीबी की चाहत
10-02-2020, 02:21 PM,
#81
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा ने कुछ शर्माते हुए कहा, "मैं शर्मा नहीं रही हूँ। मैंने तो तबसे तुमसे चुदवाने का प्लान बना लिया था जबसे मुझे यह यकीन हो गया था की तुम एक भरोसे मंद आदमी हो जिसको औरत की इज्जत का बहुत ही ज्यादा ख़याल होता है। तुमने मेरे साथ इतनी ज्यादा हरकतें की और मुझे इतना ज्यादा छेड़ा पर कभी मुझे नीचा नहीं समझा और नाही मेरे बारे में कोई ओछी बात बोली। शायद मेरे पति को भी तुमपर बहुत ही ज्यादा भरोसा है की हमारे बिच की बात तुम कभी बाहर जाहिर नहीं करोगे। इसी लिए वह भी मुझे तुमसे सेक्स करने के लिए उकसाते रहे।

मैं तुमसे उसी दिन चुदवाने के लिए राजी हो जाती जिस दिन तुम सुबह सुबह मेरे पति के कहने पर मेरे घर आये जब मैं आधी नंगी तौलिया पहन कर तुम्हारे सामने आयी। पर तुमने मेरे साथ मुझे चोदने के लिए कोई जबरदस्ती नहीं की वह मुझे बहोत अच्छा लगा। उस समय अगर तुम मुझ पर जबरदस्ती करते तो शायद एकाध बार तो मैं तुमसे चुदवा लेती पर बाद में तुम्हें मेरे पास फरक ने नहीं देती। पर अब तो मैं तुमसे बार बार चुदवाउंगी।"

तब दीपा तरुण के कानों में फुसफुसाई, " पर बाबा, यह तुम्हारा लण्ड इतना मोटा और लंबा एक घोड़े के लण्ड जैसा है। मेरी चूत का छेद तो छोटा सा है। उसमें कैसे डालोगे? अगर तुमने डाल भी दिया और जल्दबाजी की तो मैं तो मर ही जाऊंगी। ज़रा ध्यान रखना। मुझे मार मत डालना। और फिर दीपा ने तरुण को अपनी बाहों में इतना सख्त जकड़ा और इतने जोश से उसे चुबन करने लगी और तरुण की जीभ को चूसने लगी की मैं तो देखता ही रह गया।

तरुण ने तब दीपा को ढाढस देते हुए कहा, "आप ज़रा भी चिंता मत करो। मैं ध्यान रखूँगा।" उस बार मैंने अपनी पत्नी का पर पुरुष गामिनी वाला पहलु पहली बार देखा। तब तक मैं उसे निष्ठावान, पतिव्रता और रूढ़िवादी मानता रहा था। आज उसने मुझे अपने वह पहलु के दर्शन दिए जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। पर हाँ, उसे यहां तक लाने में मेरा पूरा योगदान था।

तरुण खड़ा हो कर अपना लण्ड लहराता हुआ एक अलमारी की और गया और उसमें से उसने एक बोतल निकाली। बोतल में कोई आयल था। तरुण ने उसे अपने लण्ड पर लगाया और दीपा की चूत में भी उसे उदारता से लगाया। फिर बोतल को बाजू में टेबल पर रख कर तरुण ने ध्यान से अपने मोटे और लम्बे लण्ड को दीपा के प्रेम छिद्र के केंद्र में रखा। फिर उसे उसकी चूत के होठों पर प्यार से रगड़ने लगा। मेरी पत्नी की नाली में से तो जैसे रस की धार बह रही थी। तरुण का बड़ा घंटा भी तो रस बहा रहा था। तरुण का डंड़ा तब सारे रस से सराबोर लथपथ था। उसने धीरे से अपने लण्ड को दीपा की चूत में थोड़ा घुसाया। दीपा ने भी तरुण के लण्ड को थोड़ा अंदर घुसते हुए महसूस किया। उसे कोई भी दर्द महसूस नहीं हुआ। तरुण की आँखे हर वक्त दीपा के चेहरे पर टिकी हुयी थीं। कहीं दीपा के चहेरे पर थोड़ी सी भी दर्द की शिकन आए तो वह थम जाएगा, यही वह सोच रहा था।

तरुण ने तरुण ने थोड़ा और धक्का दे कर अपना लण्ड दीपा की चूत में थोड़ा और घुसेड़ा। अब दीपा को तरुण के लण्ड की मोटाई महसूस होने लगी। फिर भी उसको ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था। तरुण ने जब अपना लण्ड थोड़ा और जोर से दीपा की चूत में धकेला तो दीपा के मुंह से आह निकल पड़ी।

दीपा की आह सुनकर तरुण थोड़ी देर थम गया। उसने धीरे से अपना लण्ड थोड़ा निकाला। दीपा को थोड़ी सी राहत हुयी। तब उसकी बात सुन कर मैं तो भौचका ही रह गया। उसने तरुण से कहा, "डालो अंदर। दर्द तो हो रहा है पर यह दर्द भी मीठा है।"

दीपा कि बात सुन कर मैं भौंचक्का सा हो गया। तरुण ने अपना पेंडू से थोड़ा धक्का दिया और अपने बड़े लण्ड को थोड़ा और घुसेड़ा। दीपा ने अपनी आँख सख्ती से भींच ली थी। उसको कितना दर्द हो रहा होगा यह दिख रहा था। पर वह कुछ नहीं बोली और अपने हाथ से तरुण की कमर को खिंच रही थी और यह इशारा कर रही थी की तरुण अपना लण्ड और अंदर डाले, रुके नहीं।

तरुण बड़े असमंजस में था। उसने धीरे धीरे एक बार अपना लण्ड दीपा की चूत में थोड़ा अंदर घुसेड़ा तो थोड़ा बाहर निकाला। इस तरह धीरे धीरे और अंदर घुसाता गया। मैं समझता हूँ की उस समय दीपा की चूत की दिवार अपने चरम पर खिंच चुकी होगी।

तरुण का मोटा लण्ड लगभग आधा अंदर जा चूका था। मेरी बीबी की चूत के दोनों होठ पुरे फुले हुए थे और तरुण के लौड़े को बड़ी सख्ती से अपने में जकड़ा हुआ था। तरुण के लण्ड और दीपा की चूत के मिलन सतह पर चारों और उनके रस की मलाई फैली हुई थी। ऐसे लग रहा था जैसे एक पिस्टन सिलिंडर से अंदर बाहर होता है तब चारो और आयल फैला हुआ होता है।

मुझे तरुण के मोटे लौड़े को दीपा की छोटी सी चूत में जकड़ा हुआ देख कर आश्चर्य और उत्तेजना दोनों हुए। जैसे एक गुब्बारेको उसकी क्षमता से ज्यादा खिंच कर उंगली पर लपेटने से उसकी चमड़ी कितनी पतली हो जाती है और अगर और ज्यादा खींचा जाए तो फट जाती है, ठीक वैसे ही, मेरी प्यारी बीवी की चूत की चमड़ी एकदम पतली हो गयी हो ऐसे दिखती थी और मुझे डर था की कहीं वह फट न जाय और खून न बहने लगे।

तरुण ने एक और धक्का दिया और मेरे देखते ही देखते उसका तीन चौथाई लण्ड अंदर चला गया। दीपा के ललाट से पसीने की बूंदें टपकने लगीं। पर उस बार दीपा ने एक भी आह न निकाली। उसे काफी दर्द हो रहा होगा यह मैं उसके चेहरे के भाव अभिव्यक्ति से अनुभव कर रहा था। वैसे भी, दीपा जब मुझसे भी चुदाई करवाती थी तब भी हमेशा उसे थोड़ी सी परेशानी जरूर महसूस होती थी। खास कर तब जब वह मूड मैं नहीं होती थी, उसकी चूत सुखी होती थी और वह चुदाई करवाते परेशान हो जाती थी।

तरुण का लौड़ा तो मेरे से काफी मोटा था। परेशानी तो उसे जरूर हुयी होगी। पर उसकी चूत रस से सराबोर थी। उपरसे तरुण का लौड़ा भी चिकनाई से लथपथ था। उसे दर्द तो हुआ पर शायद उतना नहीं जितना हो सकता था। पर मैंने देखा की तरुण के मोटे और लंबे लण्ड के धीरे धीरे अंदर बहार होने से अब मेरी बीबी की कामुकता बढ़ रही थी और उसी अनुपात में उसका दर्द उसे मीठा लगने लगा था। धीरे धीरे अंदर बहार करते हुए तरुण ने जब देखा की अब दीपा काम क्रीड़ा के मज़े लेने लगी है तो एक थोड़े जोर का धक्का दे कर उस ने अपना पूरा लण्ड दीपा की संकड़ी चूत में पेल दिया।

मेरी प्यारी बीवी के मुंह से एक जोरों की चीख निकल गयी। तरुण एकदम रुक गया और जैसे ही अपना लौड़ा निकाल ने लगा था, की दीपा बोल पड़ी, "तरुण मत रुको। मुझे यह दर्द बहुत अच्छा लग रहा है। अब तुम मुझे बगैर रुके चोदो। मेरे दर्द की परवाह मत करो। मैं जानती हूँ यह दर्द जल्द ही गायब हो जायगा और अगर तुम थम गए तो मेरी कामाग्नि की भूख मैं सहन कर नहीं पाऊंगी। मैं बहोत गरम हो चुकी हूँ। सच कहती हूँ, जब जब तुम मुझे छेड़ते थे तो मैं बहोत गरम हो जाती थी। उस समय अगर तुमने और थोड़ी ज्यादा जबरदस्ती की होती तो मैं तुम्हें मुझे चोदने से नहीं रोक पाती। इस लिए नहीं की तुम मुझसे ज्यादा ताकतवर थे, पर इस लिए की तुम ने मुझे इतना गरम कर दिया था मैं सारी मर्यादाओं को तोड़कर तुमसे चुदवाने के लिए मजबूर हो जाती। अब जब कोई बंधन और मर्यादा नहीं है तो मैं तुमसे बिना थमे चुदना चाहती हूँ।"

मेरी शर्मीली पत्नी का रम्भा रूप या अभद्र भाषा में कहें तो छिनाल रूप तब मैंने देखा। अब तरुण से मेरी बीबी बेझिझक चुदना चाहती थी। यह मेरी वही पत्नी थी जो तरुण के नजदीक आने से भी डरती थी और एक नागिन की तरह तरुण को अपना गुस्सा और फुंफकार दिखा कर उसे दूर रखती थी।
Reply
10-02-2020, 02:21 PM,
#82
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा के चूत में तरुण के लण्ड का घुसना और बादमें अंदर बाहर होने का दृश्य मेरे लिए कोई अद्भुत दृश्य से कम नहीं था। एक बड़ा रबर का चिकनाहट से लोथपोथ गोरे रंग का मोटा और लंबा रस्सा जैसे मेरी बीबी की चूत के अंदरबाहर हो रहा था और दीपा की चूत की त्वचा उस रस्से के आसपास सख्ती से चिपकी हुई थी और तरुण के लण्ड के अंदर बाहर होने से चूत की गहराइयों में कभी वह चूत के अंदर चली जाती थी तो कभी तरुण के लण्ड के वापस बाहर निकालने के समय बाहर निकल आती थी। मैंने पहले कभी किसी मर्द औरत को चुदाई करते हुए देखा नहीं था। मेरे लिए यह पहला मौक़ा था। और मैं अपनी पत्नी को ही मेरे ही दोस्त से चुदाई करवाते हुए देख रहा था।

जैसे जैसे तरुण ने अपनी चोदने की गति बढ़ायी वैसे ही दीपा का दर्द उसकी कामाग्नि में जल कर राख हो गया अब वह अग्नि दीपा के बदन को वासना से जला रही थी। मेरी पत्नी की चुदाई की भूख बढ़ती ही जा रही थी। वह उँह... उँह...की उंह्कार देती हुयी चुदवाने का मजा ले रही थी। जैसे ही तरुण दीपा की चूत में जोर का धक्का देता था वैसे ही दीपा के मुंह से अनायास ही उँह की आवाज निकल जाती थी। अचानक दीपा ने तरुण को थमने का इशारा किया और मुझे एक तकिया अपने कूल्हे के नीचे रखने को कहा।

मैंने फ़टाफ़ट एक तकिया मेरी बीबी की गाँड़ के नीचे रखा। दीपा ने तरुण का मुंह अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसका लण्ड अपनी चूत में रखे रहते हुए तरुण को पुरे जोश से अपनी बाँहों में लिया। उसने तरुण के होठों से अपने होंठ भिड़ा दिए और एक अगाढ़ चुम्बन मैं तरुण और दीपा जकड गए। तरुण की जीभ को दीपा ने अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगी। उसने फिर तरुण को उसकी जीभ अपने मुंह में अंदर बाहर करने का इशारा किया। मुझे ऐसे लगा जैसे दीपा अपना मुंह भी तरुण की जीभ से चुदवाना चाहती थी। तरुण को तो जैसे सातवाँ आसमान मिल गया। वह अपने लण्ड से दीपा की चूत के साथ साथ दीपा का मुंह अपनी जिह्वा से चोदने लगा।

धीरे धीरे तरुण ने दीपा की चूत में हलके से धक्के मारने के बजाय जोर से धक्के मारने शुरू किये। तरुण का लंड दीपा की चूत में कोई ज्यादा कष्ट नहीं दे रहा था। जैसे जैसे वह आसानी से दीपा की चूत में घुस रहा था वैसे तरुण के झटके और शक्ति शाली होते गए। लगभग तीन चौथाई लण्ड डालने के बाद तरुण एक ऐसा जबरदस्त धक्का मार कर अपना लण्ड दीपा की चूत में जोर से घुसाता था की दीपा का पूरा बदन हिल जाता था। पर दीपा तरुण के ऐसे धक्कों को बहुत एन्जॉय कर रही थी ऐसा उसके चेहरे से लगता था।

दीपा अपने कूल्हे को उठा उठा कर तरुण के लण्ड के एक एक धक्के को अपने अंदर पूरी तरह से घुसड़वा रही थी। उसदिन दीपा तरुण के लण्ड को अपने बदन की वह गहराईयों तक ले जाना चाहती थी जहां उसका पति भी नहीं पहुँच पाया था। अपनी वासना की धधकती आग में जलते हुए मेरी बीबी ने तब तरुण को मेरे सुनते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा, "तरुण आज पूरी रात तुम मुझे एक रंडी की तरह चोदो। यह मत सोचो की मैं तुम्हारी भाभी हूँ। तुम यह सोचो की मैं तुम्हारी चोरी छुपी से मिलने वाली प्रियतमा हूँ, जिसे तुम सालों से चोदना चाहते थे। आज अचानक मैं तुम्हारे हाथ लग गयी हूँ और तुम मुझे ऐसा चोदो की जैसा तुमने टीना को कभी नहीं चोदा।"

बस फिर क्या था। तरुण दीपा को ऐसे जोर जोर से धक्के पेलने लगा की मुझे डर लग रहा था की कहीं वह मेरी पत्नी की चूत को फाड़ न दे। पर मेरी बीबी भी कोई कम थोड़ी ही थी। वह भी तरुण के नीचे अपने चूतड़ ऐसे उछाल रही थी जैसे उसपर कोई भूत सवार हो गया हो। तरुण का मोटा लण्ड तब उसे अद्भुत मीठा आनंद दे रहा था।

जब तरुण एक जोरदार धक्का मारता था तो मेरी बीबी दीपा का पूरा बदन इतना हिल जाता था की उसके सख्त स्तन भी इधर उधर फ़ैल कर हिलते थे जैसे कोई गले में डाली हुई माला हिल रही हो। तरुण उन स्तनोँ को हिलते देख कर उनको अपने हाथों में जकड लेता था और उन्हें दबा कर ऐसे निचोड़ने की कोशिश करता था जैसे वह दूध निकालने वाला है। कई बार दीपा तरुण के मोटे लंड के बार बार घुसने के दर्द से नहीं पर तरुण के उसके स्तन इस तरह जोर से मसलने से होते हुए दर्द के कारण कराह उठती थी।

तरुण जब काफी जोर से धक्का मारता था तो दीपा को उसका लण्ड उसकी चूत की नाली में बिलकुल अंदर तक घुसा हुआ महसूस होता था जो उसके बदन में कामुकता की ऐसी आग पैदा करता था की वह आँखें बंद कर तरुण के लण्ड की मोटाई और लम्बाई अपने बदन में महसूस कर आनंद के उन्माद से काँप उठती थी।

एक मर्द को मोटा और लंबा लण्ड घुसने से एक स्त्री के जहन में और उसके बदन में कैसे भाव और उन्माद पैदा होते हैं वह हम मर्द कभी नहीं समझ सकते। उस समय वह औरत अपने सारी परेशानियां और दुःख दर्द भूल कर उस लण्ड की उसकी चूत में जो घर्षण के कारण उन्माद पैदा होता है उसका आनंद पूर्ण अनुभव करने में ही उसका पूरा ध्यान होता है।

भगवान ने औरत की चूत कैसी स्थितिस्थापक लचीली बनायी है की थोड़ा मोटा लण्ड घुसाने में भी उसे दिक्कत होती है, पर वही चूत में से लण्ड की मोटाई से कहीं मोटा बच्चा जनम के समय निकल जाता है। हाँ औरत को दोनों बार काफी दर्द झेलना पड़ता है। पर इसी दर्द का कमाल है की वह बच्चा औरत को अपनी जान से भी ज्यादा प्यारा होता है।
Reply
10-02-2020, 02:21 PM,
#83
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
जैसे तरुण दीपा की चूत में एक जोर का धक्का देता, वैसे ही तरुण के अण्डकोश मेरी बीबी की गाँड़ पर फटकार मार रहे थे। उन दोनों के चोदने से फच्च फच्च और फट्ट् फट्ट की आवाज उस बैडरूम में चारों और गूंज रही थी। साथ ही साथ मैं मेरी बीबी जोर जोर से हर एक गहरे धक्के के साथ ऊँह ऊँह कराहती हुयी मेरे दोस्त के धक्के के मुकाबले में बराबर खरी उतर रही थी। दीपा तरुण को सामने से धक्का दे रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे दोनों के बिच चोदने की प्रतिस्पर्धा लगी थी। आज की मेरी बीबी की उत्तेजना वैसी थी जैसी हमारी शादी के बाद जब उसकी शुरुआत की शर्म मिट चुकी थी तब चुदवाने के समय होती थी।

मैं मेरी बीबी की मेरे प्यारे दोस्त से चुदाई देखने में इतना मशगूल हो गया था, की जब दीपा ने मेरा हाथ पकड़ा और दबाया तब मैं अपनीं तरंगों की दुनिया से बाहर आया और मैंने दीपा को अपनी चरम पर देखा। वह उत्तेजना के शिखर पर पहुँच चुकी थी और कामातुरता की उन्नततम अवस्था में अपने रस भण्डार के दरवाजे खोल ने वाली थी। अर्थात तब वह झड़ ने की स्थिति में पहुँच गयी थी। उसने एक लम्बी कामुक आवाज में आह... ह... ह... ह... ...ह भरी और झड़ गयी। मैं उस की चूत में से निकलते रस को तरुण के लण्ड और मेरी पत्नी की चूत के बिच में से चूते हुए देख रहा था।

दीपा को झड़ते देख तरुण कुछ देर तक रुक गया। उसका लण्ड तब भी पुरे तनाव में था। बल्कि दीपा को झड़ते देख तरुण की उत्तेजना और बढ़ गई होगी। पर फिर भी उसने धीरेसे अपना लण्ड मेरी बीबी की चूत से निकाला। मैं आश्चर्य से उसके पथ्थर जैसे कड़क लण्ड को ऊर्ध्वगामी (ऊपर की तरफ सर उठाते हुए) दिशा में खड़ा देखता ही रहा। दीपा ने तरुण के नीचे से तरुण को पूछा "डार्लिंग, तुम रुक क्योँ गए? मैं अभी बिलकुल नहीं थकी हूँ। मेरे झड़ने से मेरी चुदवाने की तड़प कम नहीं हुयी, उलटी बढ़ गयी है। प्लीज अब रुको नहीं मुझे चोदते रहो जब तक तुम में दम है।"

तरुण ने मेरी और देखा और मुझे दीपा पर चढ़ने के लिए आवाहन दिया। मेरा दोस्त मुझे मेरी पत्नी को चोदने का आमंत्रण दे रहा था। आप लोग सोचिये, ऐसे होते हुए देख कर कोई भी पति को कैसा लगता होगा। पर मुझे अच्च्छा लगा। इस हालात में शायद ही कोई चुदक्कड़ पूरी तरह झड़े और अपना माल निकाले बिना दीपा के उपरसे नीचे उतरेगा। दीपा ने मेरी और देखा। वह समझ गयी की तरुण तब खुद झड़ना नहीं चाहता था। दीपा मेरी और मुड़ी और मुझे खिंच अपने उपर चढ़ने को इशारा करते हुए बोली, "तुम इतने महीनों से तरुण के साथ मिलकर मुझे चोदने का प्लान कर रहे थे। आज मैंने भी तय कर लिया था की मैं आज तुम्हारी वह इच्छा भी पूरी कर दूंगी। तरुण को मुझे चोदते हुए तो तुमने देख ही लिया है। अब तरुण के सामने तुम मुझे चोदो। अब तरुण को भी हमारी चुदाई देखने का मजा लेने दो।"

मैं तो इंतेजार ही कर रहा था की कब मेरा नंबर लगे। मैं तरुण को मेरी बीबी की चुदाई करते देख अपने लोहेकी छड़ के सरीखे तने हुए लण्ड को सहला कर अपनी कामुकता को शांत करने की कोशिश कर रहा था।

जैसे ही तरुण दीपा के ऊपर से हट कर दीपा के बाजू में आया, मैंने मेरी बीबी की खूबसूरत टाँगों के बीचमें अपनी पोजीशन ले ली। दीपा ने फिर अपनी दोनों टांगें घुटनों को टेढ़ा कर मेरे सर के दोनों और मेरे कन्धों पर रख दी। अपने लण्ड को अपने ही हाथ से सहलाते हुए मैंने प्यार से मेरी बीबी की चूत के छिद्र के साथ रगड़ा। दीपा ने उसके कई सालों के चुदाई साथीदार को अपने हाथों में लिया और धीरेसे अपनी चूत के छिद्र पर केंन्द्रित करते हुए अपने हाथसे मेरे लण्ड को अपनी चूत में घुसेड़ा। मेरे एक धक्का देते ही मेरा लण्ड मेरी बीबी की चूत में घुस गया। तरुण के मोटे और लंबे लण्ड से इतनी देर चुदने के बाद मेरे लण्ड को अंदर घुसाने में दीपा को कोई परेशानी नहीं हुई।

तरुण को मेरी बीबी को चोदते हुए देख मेरी महीनों की या यूँ कहें की सालों की छुपी इच्छा उसदिन फलीभूत हुयी थी। इस वजह से मैं कामुकता के वह स्टेज पर पहुँच गया था की अब मेरी बीबी को चोदने में अनोखा नशा मिल रहा था।

मेरी बीबी को तरुण से चुदवाने के बाद जब मैं मेरी बीबी पर चढ़ा तो वह तो मुझपर इतनी मेहरबान हो गयी की मैं हैरान रह गया। उसने मेरा सर अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसे अपने सर के साथ लगाया। मेरे होठ अपने होठ पर चिपका कर वह मुझे जोरों से चुम्बन करने लगी। जैसे उसने तरुण से अपना मुंह चुदवाया था, वैसे ही वह मुझसे भी अपना मुंह चुदवाना चाहती थी।

मैं मेरी बीबी का मुंह चोदने को तैयार हो रहा था, तब उसने मुझे थोड़े से ऊँचे आवाज में कहा जिसे तरुण भी सुन सके। उसने कहा, "मैं वास्तव में दुनिया की सबसे भाग्यशाली बीबी हूँ के मुझे आप जैसे पति मिले। मैं जान गयी थी की आप मुझे तरुण के साथ मिलकर चोदना चाहते हो। खैर यह तो आपने ही मुझे बताया था। तब मैं आपका विरोध करती रही। एक कारण तो यह था की मुझे भरोसा न था, की आप वास्तव में अगर तरुण ने मुझे चोदा तो आप उसको देख पाओगे और उसको सह पाओगे। पर अब मैं देख रही हूँ की आप भी मेरे साथ बहुत एंजॉय कर रहे हो। आप को तरुण से कोई ईर्ष्या नहीं है। और आप मुझसे अब भी उतना ही प्यार कर रहे हो। ऐसा पति कोई कोई पत्नी को भाग्य से ही मिलता है।"

"जैसे की पहले आप ने मुझसे कहा था, चलो हम तीनों साथ मिल कर इस होली के त्यौहार का आनंद उठाएं। मैं आज आप दोनों से खूब चुदना चाहती हूँ। आज तुम दोनों मिलकर मुझे ऐसे चोदो की मैं ये कभी न भूल पाऊँ। मैं भी आप दोनों से इतना चुदवाऊँगी और इतना आनंद देना चाहती हूँ की हम सब इसे जिंदगी भर याद रखें और यह रात हमारी जिंदगी की सबसे यादगार रात बने।"

बस और क्या था। मैं उस वक्त यह भूल गया की मैं दीपा का पति था और वह मेरी पत्नी थी। मेरे जहन में तो बस यही था की मैं अपनी प्रेमिका को, किसी और की पत्नी को चोरी छुपी से चोद रहा हूँ। मैं उस समय ऐसा उत्तेजित था, जैसे शादी तय होने के बाद शादी से सात दिन पहले मैंने दीपा को बड़ी मुश्किल से पटा कर पहली बार चोदा था तब था। मैं नर्वस था पर बहोत जोश में था। मैं जोश में चोदने लगा। दीपा भी मुझे उछल उछल कर सामने से धक्के मार कर मेरा पूरा साथ दे रही थी।

तरुण का मुंह मेरी पत्नी की चूँचियों पर जैसे चिपका हुआ था। वह दीपा के मम्मों को मुंहसे निकाल ही नहीं रहा था। उसकी जीभ दीपा की निप्पलों को चूस रही थी। कभी कभी वह उन निप्पलों को अपने होठों के बिच जोरसे दबा कर चूसता हुआ खींचता था। दीपा के हाथमें तरुण का तना हुआ लण्ड था, जिसे वह बड़े प्यार से सहला और हिला रही थी। कभी कभी वह तरुण के बड़े गोटों (अंडकोषों) को इतनी नजाकत और प्यार से सहला रही थी और दुलार कर रही थी तो कभी वह तरुण के लण्ड को थोड़ी सख्ती से दबा देती थी। तरुण की बंद आँखें भी तरुण के मन की उनमत्तता को प्रदर्शित कर रही थी। बिच बिच में वह अपनी आँखे खोल कर मुझे दीपा को चोदते हुए देख लेता था और उसके मुंह पर मुस्कान छा जाती थी।

मैं उस रात दुबारा झड़ने की तैयारी में था। मैं अपनी उन्मत्तता के चरम शिखर पर पहुंचा हुआ था। अपनी उत्तेजना को नियंत्रण में न रख पाने के कारण मैंने हलके हलके गुर्राना शुरू किया। मेरी बीबी को यह इशारा थी की मैं तब मेरा फव्वारा छोड़ ने वाला था। पर दीपा थी की धीरे पड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी। तब ऐसे लग रहा था जैसे मैं उसे नहीं, वह मुझे चोद रही थी। उसकी गति तो पहले से और तेज हो गयी। उसने अपनी चूत के बिच मेरा लण्ड सख्ती से जकड़ा था और वह अपनी पीठ को उछाल उछाल कर निचे से ही मुझे चोद रही थी। मैंने बड़े जोर से हुंकार करते हुए एकदम अपना फव्वारा छोड़ा और मेरी बीवी की चूत को मेरे वीर्य से भर दिया।
Reply
10-02-2020, 02:21 PM,
#84
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
तब मेरे लण्ड पर मेरी बीवी की चूत की पकड़ कुछ ढीली पड़ी। मेरा माल पूरा निकल जाने पर मेरा लण्ड भी ढीला पड़ गया, जिसे मैंने धीरे से चूत में से निकालना चाहा। तब मैंने देखा की मेरी बीबी पर तो जैसे भूत सवार था। वह मेरा लण्ड छोड़ने को तैयार ही नहीं थी। मैंने जैसे तैसे मेरा लण्ड निकाला, और मैं दीपा पर पूरा लेट गया। मैंने अपने होंठ दीपा के होंठ से मिलाये और मैं अपनी पत्नी के होठों को चूमने लगा। तब मेरी बीबी ने मुझे मेरे कान में धीरेसे कहा , "जानूँ, मैं अब भी बहुत चुदाई करवाना चाहती हूँ। मुझे चोदो।"

जब दीपा ने देखा की मैं थोड़ा थका हुआ था और मेरे लण्ड को खड़ा होने में समय लगेगा, तब दीपा ने तरुण को अपनी और खींचा। जब तरुण ने दीपा के स्तनों से अपना मुंह हटाया तब मैंने देखा की मेरी बीबी के गोरे गोरे मम्मे लाल हो चुके थे। तरुण के दाँतों के निशान भी कहीं कहीं दिखते थे। दीपा की निप्पलेँ कड़क तनी हुयी थी। जैसे ही मैंने दीपा के इर्दगिर्द से मेरी टाँगें हटायीं और उसके दोनों पॉंव मेरे कंधे से उतारे, तो मेरी बीबी ने मेरे मित्र को अपने ऊपर चढ़ने का आह्वान दिया। तरुण का लण्ड तो जैसे इस का बेसब्री से इन्तेजार कर रहा था की कब मैं उतरूँ और कब वह अपनी पोजीशन दोबारा सम्हाले।

तरुण का घोडे के लण्ड के सामान लंबा और मोटा लण्ड तब मेरी बीबी की चूत पर रगड़ने लगा। तब भी वह अपने पूर्व रस झरने से गिला और स्निग्ध था। मेरी पत्नी की चूत भी मेरी मलाई से भरी हुई थी। शायद तरुण के मनमें यह बात आयी होगी की उसे अब वह आनंद नहीं मिलेगा जो पहली बार दीपा को चोदने में मिला था, क्योंकि दीपा की चूत मेरी मलाई से भरी हुयी थी। पर उसकी यह शंका उसके दीपा की चूत में अपने लण्ड का एक धक्का देने से ही दूर हो गयी होगी, क्योंकि जैसे ही तरुण ने अपना लण्ड मेरी बीबी की चूत में धकेला की मेरा सारा वीर्य दीपा की चूत से उफान मारता हुआ बाहर निकल पड़ा। दीपा के मुंह से तब एक हलकी सी सिसकारी निकल पड़ी। वह आनंद की सिसकारी थी या दर्द की यह कहना मुश्किल था।

धीरे धीरे तरुण ने मेरी पत्नी को बड़े प्यार से दोबारा चोदना शुरू किया। दीपा को तो जैसे कोई चैन ही नहीं था। तरुण के शुरू होते ही दीपा ने अपने चूतड़ों को उछालना शुरू किया। वह तरुण की चुदाई का पूरा आनंद लेना चाहती थी। तरुण की चोदने रफ़्तार जैसे बढती गयी वैसे ही दीपा की अपने कूल्हों को उछाल ने की रफ़्तार भी बढ़ गयी। तरुण के हाथ तब भी मेरी बीबी के मम्मों को छोड़ने का नाम नहीं ले रहे थे। दीपा ने तरुण का सर अपने हाथों में लिया और चुदाई करवाते हुए दीपा ने तरुण को अपने स्तनों को चूसने को इशारा किया। मुझे ऐसा लगा की तरुण के दीपा के मम्मों को चूसना दीपा को ज्यादा ही उत्तेजित कर रहा था।

उनकी चुदाई देख कर मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था। मैं तब समझा की तरुण और दीपा कई हफ़्तों या महीनों से एक दुसरे को चोदने और चुदवाने के सपने देख रहे होंगे। ऐसा लग रहा था की दोनों में से कोई भी दूसरे को छोड़ने को राजी नहीं था। मुझे इन दोनों की चुदाई से इतनी उत्तेजना हो रही थी की मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दीपा की चूत पर हाथ रखा और मेरे अंगूठे और तर्जनी (अंगूठे के पास वाली उंगली) से तरुण के पिस्टन जैसे लण्ड को दबाया। तरुण अपने लण्ड को दीपा की चूत के अंदर घुसेड़ रहा था और निकाल रहा था। उसकी फुर्ती काफी तेज थी। जब मैंने अंगूठे और तर्जनी से उसके लण्ड को मुठ में दबाने की कोशिश की तो शायद तरुण को दो दो चूतो को चोदने जैसा अनुभव हुआ होगा। दीपा ने भी मेरा हाथ पकड़ा और वह मेरी इस चेष्टा से वह बड़ी खुश नजर आ रही थी।

अचानक तरुण थम गया। दीपा तरुण को देखने लगी की क्या बात है। तरुण ने दीपा की चूत में से अपना लण्ड निकाल दिया और मेरी बीबी की कमर को पकड़ कर उसे पलंग से नीचे उतरने का इशारा किया। दीपा पहले तो समझ न पायी की क्या बात है। पर जब तरुण ने उसे पलंग से सहारा लेकर झुक कर खड़ा होने को कहा वह समझ गयी की तरुण उसे डोगी स्टाइल में (जैसे कुत्ता कुतीया को चोदता है) उसे चोदना चाहता है। दीपा उस ख़याल से थोड़ा डर गयी होगी की कहीं तरुण उसकी गाँड़ में अपना लण्ड घुसेड़ न दे, क्योंकि उसने मेरी और भयभरी आँखों से देखा। उसके डर का कारण मैं समझ गया था। मैंने उसे शांत रहने को और धीरज रखने का इशारा किया।

शायद मेरा इशारा समझ कर वह चुपचाप पलंग पर अपने हाथ टीका कर आगे की और झुक कर फर्श पर खड़ी हो गयी। तरुण मेरी बीबी की खूबसूरत गाँड़ को अपने हाथों में मसलने लगा। आगे की और झुकी हुई और अपनी गाँड़ और चूत तरुण को समर्पण करती हुई मेरी पत्नी कमाल लग रही थी। ऐसे लग रहा था की कोई कुतिया अपने प्यारे कुत्तेसे चुदवाने के लिए उतावली हो रही थी। दीपा पूरी गर्मी में थी। उस पर तरुण से चुदवाने का जनून सवार था। उस समय यदि तरुण मेरी बीबी की गाँड़ में अपना लण्ड पेल देता तो वह दर्द से कराहती, जरूर खून भी निकलता और शोर भी जरूर मचाती पर शायद तरुण को छोड़ती नहीं और उससे अपनी गाँड़ भी मरवा लेती।

तरुण दीपा के पीछे आ गया और उसने थोड़ा झूक कर अपना लण्ड दीपा की गाँड़ पर और फिर उसकी चूत पर रगड़ा। फिर तरुण ने और झूक कर दीपा के मम्मों को दोनों हाथों में पकड़ा और उन्हें दबाने, मसलने और खींचने लगा। उसने अपने दोनों अंगूठे दीपा के स्तनों पर दबा रखे थे। फिर उसने अपना लण्ड बड़े प्यार से मेरी बीबी की गरमा गरम चूत में धीरेसे डाला। तरुण का स्निग्ध चिकनाहट भरा लण्ड मेरी बीबी की चूत में घुस तो गया, पर जैसे ही तरुण ने एक धक्का देकर उसे थोड़ा और अंदर धकेला तो दीपा दर्द से चीख उठी। उसने तरुण को पीछे हटाने की कोशिश की। तरुण ने अपना अंदर घुसा हुआ लण्ड थोडा सा वापस खिंच लिया। मेरी सुन्दर पत्नी ने एक चैन की साँस ली। पर तरुण ने फिर एक धक्का मारा और अपना लण्ड फिर अंदर घुसेड़ा। दीपा के मुंह से फिर चीख निकल गयी। फिर तरुण ने थोड़ा वापस लिया और फिर एक धक्का मार कर और अंदर घुसेड़ा।

तब मैंने देखा की मेरी पत्नी अपनी आँखे जोर से बंद करके, अपने होठ भींच कर चुप रही। उसने कोई चीख नहीं निकाली, हालांकि उसे दर्द महसूस हो रहा होगा। दीपा के कपोल पर पसीने की बूंदें झलक रही थी। आज तक मेरा लण्ड कभी भी मेरी पत्नी की चूत की उस गहरायी तक नहीं पहुँच पाया था, जहाँ तक तरुण का लण्ड उस रात पहुँच गया था।

वैसे तो इस पोज़ में दीपा और तरुण को मैंने पहले भी देखा था जब बाथरूम में कपडे पहने तरुण पीछे आकर दीपा की गांड में अपना लण्ड घुसाने की कोशिश कर रहा था और आगे दीपा के पके फल जैसे बूब्स को उसके ब्लाउज के ऊपर से अपने दोनों हाथों से मसल रहा था। उसके पहले रसोई में भी तरुण ने दीपा के निचे से दीपा की गांड में अपना लण्ड सटाया हुआ रखा था और अपने दोनों हाथों से वह दीपा के बूब्स मसल रहा था। पस उस रात का नजारा कुछ और था। इस बार दीपा खुद आगे झुक कर अपनी सुन्दर गाँड़ तरुण को अर्पण कर रही थी और तरुण बिना कपड़ों के व्यावधान के दीपा के पीछे खड़ा हो कर दीपा की चूत में अपना लण्ड बड़े ही प्यार भरे पर आक्रामक रवैये से पेले जा रहा था।

तरुण और मेरी सुन्दर पत्नी अब एक दूसरे से आनंद पाने की कोशिश कर रहे थे। धीरे धीरे दीपा का दर्द कम होने लगा होगा। क्योंकि अब वह दर्द भरे भाव उसके चेहरे पर नजर नहीं आ रहे थे। उसकी जगह वह अब तरुण के धक्कों के मजे ले रही थी। तरुण ने धीरे से अपनी चोदने की रफ़्तार बढ़ाई। साथ ही साथ वह मेरी बीबी के मम्मों को भी अपनी हथेली और अंगूठों में भींच रहा था। दीपा मेरे मित्र के इस दोहरे आक्रमण से पागल सी हो रही थी। तब मेरी बीबी को शायद थोड़ा दर्द, थोड़ा मजा महसूस हो रहा होगा। तरुण की बढ़ी हुयी रफ़्तार को मेरी बीबी एन्जॉय करने लगी थी।

तरुण के अंडकोष मेरी पत्नी की गाँड़ पर फटकार मार रहे थे। उनके चोदने की फच्च फच्च आवाज कमरे में चारो और गूंज रही थी। दीपा ने तब कामातुरता भरी धीमी कराहट मारना शुरू किया। वह तरुण के चोदने की प्रक्रिया का पूरा आनंद लेना चाहती थी। शायद कहीं न कहीं उसके मन में यह डर था की क्या पता, कहीं उसे तरुण से दुबारा चुदवा ने का मौका न मिले।

दीपा ने उंह्कार मारना शुरू किया तो तरुण को और भी जोश चढ़ा। अब वह मेरी बीबी की चूत में इतनी फुर्ती से अपना मोटा और लंबा लण्ड पेल रहा था की दीपा अपना आपा खो रही थी। उधर जैसे ही अपना लण्ड एक के बाद एक तगड़े धक्के देकर तरुण मेरी बीबी की चूत में पेलता था, तब अनायास ही के उसके मुंह से भी "ओह... हूँ... " की आवाजें निकलती जा रही थी। मेरी पत्नी और मेरा मित्र दोनों वासना के पाशमें एक दूसरे के संग में सारी दुनिया को भूल कर काम आनन्दातिरेक का अनुभव कर रहे थे। पुरे कमरे में जैसे चोदने की आवाजें और हम तीनों के रस और वीर्य की कामुकता भरी खुशबु फैली हुई थी।
Reply
10-02-2020, 02:21 PM,
#85
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा की उंह्कार तेज होने लगी। अब वह दर्द के मारे नहीं पर उत्तेजना और कामाग्नि के मारे हर एक धक्के पर कराह रही थी। जैसे जैसे वह अपने चरम शिखर पर पहुँच रही थी वैसे वैसे दीपा ने जोर से कराहना शुरू किया और फिर तरुण को और जोरसे चोदने के लिए कहने लगी। 'तरुण, मुझे और चोदो। और जोरसे। मेरी चूत का आज भोसड़ा बना डालो। रुकना मत। मैं अब झड़ने वाली हूँ। चोदो मुझे। हाय... आह... बापरे... ऑफ़... " ऐसे कराहते हुए मेरी बीबी उस रात पता नहीं शायद चौथी या पांचवी बार झड़ी।

दीपा के झड़ने से तरुण जैसे ही थम रहा था वैसे ही मेरी बीबी ने उसे लताड़ दिया। "अरे तुम रुक क्यों गए? मैं झड़ी हूँ पर अभी भी खड़ी हूँ। खैर, पीछे हटो। चलो अब मैं तुम्हें चोद्ती हूँ।" ऐसा कह कर मेरी बीबी ने तरुण का हाथ पकड़ कर उसे पलंग पर लेटाया। खुद वह तरुण के ऊपर चढ़ गयी और उसकी कमर के दोनों और अपनी दोनों टाँगों को फैला कर अपनी दोनों टांगों के बिच तरुण की कमर रख अपनी टांगों को टेढा कर अपने घुटनों पर बैठ गयी। धीरे से दीपा ने तरुण का तना और मोटा लण्ड अपनी चूत के अंदर डाला और उसे अपने शरीर को नीचे की और दबा कर अंदर घुसेड़ा।

धीरे धीरे जैसे दीपा अपने चूतड़ों को ऊपर निचे उठाने लगी, वैसे ही तरुण भी निचे से अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर दीपा की चूत में अपने लण्ड को घुसेड़ रहा था। पर दीपा को कोई दर्द नहीं बल्कि उसके चेहरे पर एक अद्भुत आनंद की लहर दौड़ रही थी। वह उस रात हमारी सेक्स की स्वामिनी बनी हुई थी। तरुण और मैं हम दोनों जैसे दीपा के सेक्स गुलाम थे, और वह हमारी मलिका।

मैं हैरान इस बात पर था की कोई भी आसन में या पोजीशन में तरुण दीपा के मम्मों को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था। उसने मेरी बीबी के स्तनों पर जैसे अपना एक मात्र अधिकार जमा रखा था। मैं तरुण का दीपा के मम्मों के प्रति पागलपन को समझ सकता था। जब एक इंसान इतने महीनों से जिस के सपने देखता हो। जो इतने महीनो से जिसको पाने के लिए जीता हो और वह उसे मिल जाए तो भला उसे आसानी से कैसे छोड़ेगा?

मेरी पत्नी पर तो जैसे चुदने का बुखार चढ़ा था। वह उछल उछल कर तरुण को चोद रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वह पूरी रात तरुण को नहीं छोड़ेगी। उनकी रफ़्तार इतनी तेज हो गयी थी की मैं डर रहा था की कहीं उसके शरीर पर उसका विपरीत असर न हो जाय। जैसे दीपा उछलती तो उसके मम्मे भी उछलते थे। और साथ में तरुण के हाथ जिसमें तरुण ने उन मम्मों को दबा के पकड़ रखा था। सारा दृश्य देखने लायक था। मैंने पहेली बार मेरी पत्नी को इतने जोश में चोदते देखा था।

जब दीपा मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोद्ती थी, तब उसे भी और मुझे भी चुदाई में अनोखा आनंद मिलता था। दीपा भी बहुत उत्तेजित हो जाती थी, और मैं भी। हम दोनों जल्दी ही झड़ जाते थे। दीपा इन दिनों थक जाने का बहाना करके मेरे ऊपर चढ़ कर चोदने से बचना चाहती थी। पर उस रात की बात कुछ और ही थी। पता नहीं शराब का असर था या शबाब का। उस रात मेरी पत्नी के चेहरे पर थकान का नामो निशान नहीं था।

वह जैसे ही एक धक्का मार कर तरुण के लण्ड को अपनी चूत की गहराईयों में घुसेड़ ती तो उसके साथ एक कामुकता भरी आवाज में "ऊम्फ..." की आवाज निकालती। जैसे महिला खिलाडी टेनिस के मैच में जब गेंद को रैकेट से मारकर कराहते हैं, बिलकुल वैसे ही। मेरी प्यारी और सेक्सी बीबी दीपा बहुत जल्द झड़ने वाली थी। उसके चेहरे का उन्माद बढ़ने लगा था। उसका पूरा ध्यान उसकी जननेन्द्रिय पर हो रहे सम्भोग के आनंदातिरेक पर था। वह तरुण को शारीरिक सम्भोग का पूरा आनंद देना चाहती थी और तरुण से पूरा शारीरिक सम्भोग का आनंद लेना चाहती थी।

हाँ मैं यह जानता था की अब वह तुरंत अपना फव्वारा खोलने वाली थी। उसके कपोल पर तनी लकीरों से और चेहरे के भाव से यह स्पष्ट था की वह अब अपनी सीमा पर पहुँचने वाली है। दीपा ने तरुण के निप्पलों को अपनी उँगलियों में जोर से भींचा और कामुकता भरी दबी आवाज में बोल पड़ी, "हाय... तरुण... दीपक... ऑफ़... ओह... मैं अब अपना रस छोड़ने वाली हूँ।" ऐसे कहते हुए दीपा ने अपनी रफ़्तार बढ़ाई।

मैंने महसूस किया की तरुण भी तब अपनी कामुकता की चोटी पर पहुँच रहा था। वह मेरी बीबी के मम्मों को कस कर अपनी हथेलियों में भींचते हुए बोल पड़ा, "दीपा, मैं भी छोड़ने वाला हूँ। क्या मैं इसे बाहर निकाल लूँ?"

दीपा ने उसकी छाती पर एक सख्त चूँटी भरते हुए कहा, "नहीं तरुण, आज मैं सुरक्षित हूँ। तुम अपना सारा वीर्य मेरी चूत में भर दो। मैं आज तुम दोनों के वीर्य को अपनी चूत में सारी रात भर के रखना चाहती हूँ। तुम खुल कर मेरी चूत भर दो।"

अचानक मैंने देखा की तरुण और मेरी बीबी एक दूसरे से चिपक गए। दोनों ने एक दूसरे को अपनी आहोश में इतना कस कर भींच लिया जैसे वह एक ही हो जाना चाहते हों। उनके मुंह एक दूसरे ऐसे चिपके थे की उन दोनों के मुंह में क्या हो रहा था वह सोचा ही जा सकता था। तरुण शायद उस समय मेरी पत्नी को न मात्र अपने लण्ड से बल्कि वह दीपा को अपनी जीभ से भी चोद रहा था। जैसे ही दोनों ने एक साथ अपना रस छोड़ा तो दोनों की कामुक कराहट से सारा कमरा गूंज उठा। मैंने इस से पहले ऐसा दृश्य ब्लू फिल्मों में भी नहीं देखा था।
Reply
10-02-2020, 02:22 PM,
#86
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
मैंने तरुण के स्निग्ध लण्ड, जो तब भी मेरी बीबी की चूत में था और अपना घना और घाड़ा वीर्य दीपा की चूत में उँडेल रहा था; अपनी मुठी मैं लेकर दबाया और मेरी एक उंगली मेरी बीबी की चूत में डाली। मेरी उंगली तरुण के वीर्य से लथपथ थी। दीपा ने मुझे भी तरुण के साथ साथ अपनी बाँहों में जकड लिया।

अब दीपा शर्म का पर्दा पूरी तरह से फाड् चुकी थी। उसने तरुण का और मेरा हाथ अपने हाथों में लिया और बोली, "तुम दोनों बहुत चालु हो। तुम दोनों ने मिलकर यह मुझे चोदने का प्लान बनाया। हाय माँ मैं भी कितनी गधी निकली की मुझे यह समझ में नहीं आया। डार्लिंग, आज मैं प्रेम मय सेक्स (लविंग सेक्स) का सच्चा मतलब समझ रही हूँ। तुम दोनों ने आज मुझे वह दिया जो शायद मैं कभी पा ने की उम्मीद भी कर नहीं सकती थी। दीपक आप न सिर्फ मेरे प्राणनाथ पति हो। आप एक सच्चे मित्र और जीवन साथी हो। मैं आज यह मानती हूँ की मेरे जहन में कहीं न कहींतरुण से चुदने की कामना थी। पर शर्म और मर्यादा के आगे मैंने अपनी यह कामना दबा रखी थी। शायद दीपक यह भांप गया था। तरुण तो मेरे पीछे पहले से ही पड़ा था। यह तो बिलकुल साफ़ था की वह मुझे चोदना चाहता था।

मैं मेरी बीबी की बात सुन कर हैरान था। मेरी शर्मीली बीबी आज खुल कर बोल रही थी। मैं दीपा को बड़े ध्यान से सुन रहा था। वह बोली, "पर डार्लिंग, यह मत समझना की मैं आज आखरी बार तरुण से चुदवा रही हूँ। तरुण गजब का चुदक्कड़ है। मैं उससे बार बार चुदना चाहती हूँ। तुम्हें मुझे इसकी इजाजत देनीं होगी। जब तुम मुझे तरुण से चुदवानेका प्लान बना रहे थे तब मैंने तुम्हें इसके बारे में आगाह किया था। और हाँ, मैं यह भी जानती हूँ की तुम टीना को चोदना चाहते हो। शायद इसिलए तुम दोनों ने मिलकर यह धूर्त प्लान बनाया। तुम ने सोचा होगा की दीपा को पहले फांसेंगे तो टीना बेचारी को तो हम तीनों मिलकर फांस ही लेंगे। यदि तुमने यह सोचा था तो सही सोचा था। अब मैं तुम्हारे साथ हूँ। जब मैं तुम दोनों से चुद गयी तो टीना कैसे बचेगी? आज मैं भी तुम्हारी धूर्त मंडली में शामिल हो गयी।"

दीपा ने मुझे और तरुण को अपने बाहु पाश में ले लिया। उस रात और उस के बाद कई रातों में हम दोनों ने मिलकर दीपा को खूब चोदा और चोदते रहे। जब तक टीना नहीं आयी तब तक दीपा हम दोनों से जोश से चुदवाती रहीं। कई बार ऐसा भी हुआ की जब तरुण का दीपा को चोदने का बड़ा मन होता था तो वह मेरी गैर हाजरी में तरुण घर पहुँच जाता था और दीपा और तरुण दोनों जमकर चुदाई करते थे। पर यह सब मेरी सहमति से और मुझे बता कर होता था। ज्यादातर तो तरुण और मैं मिलकर ही दीपा को चोदते थे।

टीना कुछ हफ़्तों में वापस आ गयी। हम तीनों ने मिलकर टीना को भी अपने जाल में आखिर फांस ही लिया। पर उसमें हमें काफी मशक्कत भी करनी पड़ी। पर वह फंसने वाली तो थी ही। और फँसी भी। और जब टीना फँसी तो उसने हमें दो मर्दों से एक साथ चुदवाने की एक नयी रीत सिखाई। उसको डी.पी. कहते हैं। डी.पी. मतलब डबल पेनिट्रेशन मतलब औरत के दोनों छिद्र गाँड़ और चूत दोनों में एक साथ एक एक लण्ड लेना। मतलब एक ही साथ दो मर्द एक औरत को चॉद सकते हैं। एक गाँड़ चोदेगा और दुसरा चूत।

वह कैसे फँसी, हमें उसको फाँसने के लिए क्या क्या करना पड़ा, वह एक अलग ही कहानी है। उसके बाद दोनों मर्दों ने मिलकर एक दूसरे की बीबी को खूब चोदा। खूब मजे किये। समय को कोई रोक नहीं सकता। समय बीतता गया। तरुण और टीना कहीं दूर चले गए। हम भी वहाँ से शिफ्ट हो गए। अब तो सिर्फ उनदिनों की याद ही बाकी है। पर हम उन्हें अभी भी भूले नहीं।

मैं मेरे इस अनुभव को छोटी सी सीमा में बाँधना नहीं चाहता। था पर शायद यह कहानी कुछ ज्यादा ही लंबी हो गयी है। मैं उम्मीद रखता हूँ की आप भी इसे पढ़कर उतना ही आनंद पाएंगे जितना मुझे लिखने में मिला।


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
end
................................
Reply
09-29-2021, 08:36 PM,
#87
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
bahut hot maal hai
Reply
11-20-2021, 03:28 AM,
#88
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
(10-02-2020, 12:44 PM)desiaks Wrote: मैंने मेरी बीबी की अपनी खुली तारीफ़ से शर्माते हुई हँसी देखि और मैं समझ गया की यह तो गयी। कहते हैं ना, की हँसी तो फँसी।

वहाँ से थोड़ा हट कर बाद में दीपा मुझसे बोली, "आपका मित्र वास्तव में बड़ा सभ्य और शालीन लगता है। क्या वह शादी शुदा है?" दीपा की बात से मुझे अचरज हुआ की इतनी जल्दी दीपा ने कैसे तय कर लिया की तरुण सभ्य और शालीन था?

तरुण हमें छोड़ कर कुछ और लोगों से मिलने चला गया। पर मैंने यह नोटिस किया की मेरी बीबी, तरुण से कुछ हद तक इम्प्रेस जरूर हुई थी। क्यूंकि हालांकि तरुण कुछ दुरी पर दूसरे छोर पर गया था, पर दीपा उसको कभी कभी अपनी तिरछी नज़रों से देखती अथवा ढूंढती रहती थी। तरुण भी तो बारी बारी मेरी बीबी को ताकता रहता था। जब उनकी नजरें मिल जातीं तो दीपा शर्मा कर थोड़ा सा मुस्करा कर अपनीं नज़रें घुमा लेती थी जैसे वह कहीं और देख रही हो।

मैंने मेरी बीबी से धीरे से कहा, "देखो डार्लिंग, तरुण ना सिर्फ शादीशुदा है, बल्कि वह एक बड़ा फ़्लर्ट भी है। मैंने सूना है की वह जिस औरत को पाने की ठान लेता है तो वह उसे अपने साथ बिस्तर में सुलाकर उसे चोद कर ही छोड़ता है। और इसमें खूबसूरती तो यह है की वह औरत को ऐसा इम्प्रेस कर देता है की वह भी उससे चुदवाने के लिए तड़पने लगती है। तुम तो उससे दूर ही रहना।"

मेरी बात सुनकर दीपा चौंक गयी और बोली, "क्या कहते हो? पर खैर मुझे क्या? मैंने जिंदगी में बड़े बड़े फ़्लर्ट देखें हैं और उनको चित्त किया है। मुझे उससे मिल ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह तो तुम्हारा दोस्त है इस लिए मैं उससे बातें कर रही थी, वरना मुझे क्या? वैसे मुझे भी वह फ़्लर्ट ही लगा।"

मैं मन ही मन मुस्कराया। अभी अभी तो दीपा तरुण को शालीन कह रही थी। अचानक वह फ़्लर्ट हो गया? तब अचानक मेरे मन में एक ख्याल आया। मुझे तरुण का मेरी बीबी पर लाइन मारना बड़ा ही उत्तेजक लगा। मुझे लगा की शायद तरुण ही मेरी बीबी को अपने जाल में फाँस कर उसे वश कर सकता है। उसमें कैसे स्त्रियों से पेश आना और उन्हें ललचाना वह एक कला थी। एक अच्छी बात यह भी थी की तरुण कभी भी किसी भी महिला के बारे में असभ्यता भरी बात नहीं करता था। कभी उसने उसके पुराने अफेयर्स के बारे में मुझसे या किसी और से कोई बात नहीं की। मतलब वह सारी बातें कैसे सीक्रेट रखना वह भाली भाँती जानता था। उसका और उसके परिवार का अपना भी समाज में सम्मान था। मतलब उससे निजी सम्बन्ध रखने में जोखिम नहीं था। पता नहीं क्यों, मैं मेरी बीबी को तरुण के करीब लाना चाहने लगा। मैंने सोचा तरुण मेरी बीबी को फाँस कर चोदने की स्थिति तक लाने में कामयाब हो सकता है। यह सोच कर ही मेरा लण्ड मेरी पतलून में खड़ा हो गया।

पर तब मेरे तरुण के बारे में ऐसी नकारात्मक बात करने से दीपा के ऊपर उलटा असर होगा उसकी चिंता सताने लगी। अगर दीपा मेरी बात से भड़क गयी और तरुण से दूर रह कर उससे किनारा करने लगी तो फिर तो तरुण का दीपा को फाँसने में कामयाब होना नामुमकिन था।

तब मैंने अपनी ही बात को पलटते हुए दीपा से कहा, "अरे यार! परेशान मत हो। मैं तो तुम्हें फ़ालतू में चिढ़ा रहा था। तरुण ऐसा बिलकुल नहीं है। बेचारा तरुण शादीशुदा और सीधा है। उसकी एक बेटी भी है। हाँ यह सच है की वह तुम से शायद थोड़ा आकर्षित जरूर हुआ लगता है। पर मेरे ख़याल से इस महफ़िल मैं शायद ही कोई मर्द ऐसा हो जो तुम पर लाइन नहीं मार रहा।"

दीपा ने मेरी और टेढ़ी नज़रों से देखा और मुझे डाँटते हुए बोली, "तुम हमेशा ऊलजलूल बातें करते रहते हो। ऐसे किसी के बारे में गलत नहीं बोलना चाहिए। क्यों उस बेचारे सीधे सादे तरुण को फ़ालतू में बदनाम करते हो? ऐसी बातें करने से उसकी बदनामी हो सकती है। कहीं तुम्हें उससे जलन तो नहीं?" उसके चेहरे से लगा की वह मेरी बात से संतुष्ट और खुश लग रही थी।
Vaah ekdum zordar shuruat
Reply
11-20-2021, 03:34 AM,
#89
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
(10-02-2020, 12:52 PM)desiaks Wrote: रात को जब मेरे लेटने के बाद दीपा कपडे बदल कर बैडरूम में पलंग पर आयी तो मैंने देखा की उसका चेहरा ग्लानि से फीका पड़ा हुआ था। मैं उसे सालों से जानता हूँ। मैं समझ गया की वह कुछ जरुरी बात मुझसे करना चाहती थी।

मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और प्यार जताते हुए पूछा, "मुझे लगता है की तुम कुछ कहना चाहती हो। कहो क्या बात है?"

मेरी बात सुनते ही दीपा की आँखोने में से आंसुओं की धार बहने लगी। वह मेरी छाती पर अपना सर रख कर फफक फफक कर रोने लगी। मैंने कुछ समय उसे रोने दिया। मैं उसके सर को सहलाता रहा। जब वह कुछ शांत हुई तब मैंने कहा, "अब बताओ, क्या बात है। "

दीपा ने कहा, "मैंने सुबह जब आपको यह कहा की सुबह कुछ नहीं हुआ, तो मैंने आपसे झूठ बोला था। असल में सुबह बाथरूम में बहुत कुछ हुआ था।"

मैंने कहा, "क्या हुआ? क्या तरुण ने कुछ किया क्या?"

दीपा ने अपनी नजरें नीच कर अपनी मुण्डी हिला कर कहा, "हाँ। "

मैंने दीपा की और नजरें उठाकर देखा और हँसते हुए पूछा, "क्या उसने तुम्हारे साथ सब कुछ कर लिया क्या? कहीं उसने तुम्हारे कपडे उतार कर वह तुम पर चढ़ तो नहीं गया? तुम तो ऐसा कर रही हो जैसे तरुण ने तुम्हें चोद ही दिया हो। उस छोटे से बाथरूम में तरुण तुम्हें चोद तो नहीं सकता था। क्या उसने तुम्हें चोदा है?"

दीपा मेरी बात सुनकर एकदम गुस्सा हो गयी और बोली, "अपनी बीबी के साथ ऐसी बातें करते हुए तुम्हें शर्म नहीं आती? तुम मर्द लोग समझ ते क्या हो अपने आप को? क्या इस दुनिया में चोदने चुदवाने के अलावा और कुछ नहीं है क्या? सुबह चोदने की बात, शामको चोदने की बात?"

मैंने पूछा, "तो बोलो ना फिर क्या हुआ? बोलो भी? अगर उसने तुम्हें चोदा नहीं तो फिर क्या किया? क्या तरुण ने तुम्हारे बूब्स को मसला?

दीपा के गाल शर्म के मारे लाल हो गए। उसने नजरें नीची कर कहा, "हाँ, उसने मेरे ब्लाउज में हाथ डाला। उसने मुझे होठोँ पर किस भी की। उसने मेरे साथ बड़ी बदतमीजी की।"

उस समय मुझे मेरी बीबी पर वाकई बड़ा गर्व हुआ। उसने मुझसे सच छुपाया नहीं। मैंने पूछा, "क्या? उसकी ये हिम्मत? वह तो चला गया। तुमने मुझे पहले बताया क्यों नहीं? मैं उसकी खबर ले लेता। अगर उसने तुम पर जबरदस्ती की है, तो मैं उससे अभी ही सारे सम्बन्ध तोड़ दूंगा। यह गलत है और तुम्हें मुझे उसी समय बता देना चाहिए था।"

दीपा मेरी बात सुनकर एकदम सकते में आगयी और बोली, "नहीं ऐसा कुछ नहीं है। नहीं तुम उसे कुछ मत कहना। कहीं आप दोनों में बड़ा झगड़ा ना हो जाए। मैंने ही उसको इतना झाड़ दिया है की वह शायद अब हमारे घर नहीं आएगा। मैंने उसे कह दिया की मैं उसकी शकल तक देखना नहीं चाहती। मैंने उसको गेट आउट भी कह दिया। पर अब मुझे अफ़सोस हो रहा है। वैसे तो हम उसे इतने सालों से जानते हैं। वह ऐसी ओछी हरकत कभी नहीं करता। शायद उसे दिखाई नहीं दे रहा था तो वह लड़खड़ा गया और अपने आपको गिरने से बचाने के लिए उसने मुझे पकड़ना चाहा और इसी चक्कर में उसका हाथ मरे ब्लाउज के अंदर चला गया। पता नहीं आज उसे क्या हो गया था।"

दीपा ने फिर रोते हुए मुझे सब कुछ बता दिया जो बाथरूम में हुआ था। बस तरुण का लण्ड मुंह में लेने वाली और दिए हुए वचन की बात नहीं बतायी। मैं जानता था की ऐसी बात दीपा कैसे बताये? उसे शायद अपने आप पर ही घिन आ रही थी।

मैंने दीपा की बातें ध्यान से सुनी और उस पुरे वाकये को सुनते हुए मैं दीपा को अपनी गोद में बिठा कर कभी उसके कंधे को तो कभी बालों को प्यार से सहलाता रहा। मैं चाहता था की उसके अंदर का उफान बाहर निकल जाए।

जब वह कुछ शांत हुई तब मैंने दीपा के ब्लाउज में हाथ डालकर कहा, "जानूं, एक बात कहूं? तुम बुरा तो नहीं मानोगी?"

दीपा ने मेरी और प्रश्नात्मक दृष्टि से देखा। उसके चेहरे पर शांत सौम्य भाव था। मैंने कहा, "देखो, तुम एक स्त्री हो। जाहिर है तुम स्त्री की तरह ही सोचोगी। पर मैं एक पुरुष हूँ। अब जब मैं सोचता हूँ तो मुझे यह समझ में आ रहा है की यह सब तरुण की या तुम्हारी गलती नहीं थी। यह सब मेरी गलती के कारण हुआ है।"

मेरी बात मेरी पत्नी की समझ में नहीं आयी। उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे। मैंने कहा, "मैं तुम्हें बताता हूँ की कैसे। जब मैंने तुम्हें कहा की तुम तरुण को लेकर बाथरूम में जाओ, वह मेरी गलती थी। देखो और समझो। तरुण के जैसा शशक्त और वीर्यवान पुरुष जब तुम जैसी ना सिर्फ खूबसूरत परन्तु निहायत ही सेक्सी औरत के साथ एकदम एकांत में बाथरूम में जाए और उस पर भी अगर तुम उसके बदन पर हाथ फिराकर उसे साफ़ करो तो मैं तरुण का दोष नहीं मानूंगा की उसने तुम्हारे साथ ऐसी बदतमीजी की। उसकी जगह कोई भी मर्द होता तो यही करता। हाँ अगर कोई नपुंशक होता तो वह ऐसा ना करता।

तुम मर्दों को कोसती हो। तुम अपनी जगह सही हो। पर भगवान ने हम मर्दों को बनाया ही ऐसा है। हम मर्द कुत्ते की तरह हैं। जैसे ही कोई खूबसूरत या सेक्सी औरत देखि की हमारी जीभ लटपटाने लगती है। यह सही है हम मर्दों के दिमाग में सेक्स काफी छाया हुआ रहता है। गलती तरुण की नहीं है। गलती मेरी है। मुझे यह सब पहले से ही सोचना चाहिए था। यह सब मेरे कारण हुआ है। तुम मुझे माफ़ कर दो प्लीज?" मैं मेरी बीबी को कैसे बताता की वह तो मेरा ही प्लान था?

मेरी बात सुनकर दीपा बरबस हँस पड़ी। उसने कहा, "क्यों अपने दोस्त का इल्जाम अपने सर पर लेते हो? यह क्यों नहीं कहते की तुम तुम्हारे दोस्त को बहुत प्यार करते हो और उसकी गलतियों को नजर अंदाज कर रहे हो? वैसे मुझे तुम्हारी और तरुण की दोस्ती से कोई शिकायत नहीं है। ना ही मैं चाहती हूँ की यह दोस्ती कोई छोटीमोटी गलतियों के कारण आहत हो। एक गहरा अंतरंग करीबी दोस्त होना अच्छी बात है।"

मेरा मन मेरी प्यारी बीबी की हँसी को देख खिल उठा। उसने तरुण की गलती को छोटीमोटी गलती कह कर उसे ज्यादा तूल नहीं दिया यह मुझे अच्छा लगा। मैंने कहा, "बेचारे तरुण को माफ़ कर दो यार।"

दीपा ने मुझे नकली घूंसा मार कर कहा, "भाई, जब मेरा खुदका पति मुझे कहता है की किसी गैर मर्द, जिस ने मेरे साथ छेड़खानी की है, उसे माफ़ कर दूँ, तो मैं बेचारी बीबी क्या कर सकती हूँ?" दीपा ने फिर मुस्कराते हुए अपने गाल फुलाकर जैसे कोई राजा महाराजा बोलता है ऐसी एक्टिंग करते हुए कहा, "जाओ, माफ़ किया तुम्हारे दोस्त को। तुम भी क्या याद करोगे की किसी जानदार बीबी के साथ पाला पड़ा था। पर उसे यह जरूर कह देना की अब ज़रा वह समझदारी से मेरे साथ सलूक करे। जो उसने किया वह गलत था।"

मैं ख़ुशी से और बेतहाशा प्यार से मेरी बीबी को देखता ही रहा। तब मुझे झकझोरते हुए दीपा ने मुझे कहा, "पर जानूं, एक बात ध्यान रहे। मुझे लगता है, तुम तुम्हारे दोस्त को और अपनी बीबी को कुछ ज्यादा ही लिफ्ट दे रहे हो। देखो कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए और फिर बाद में तुम्हें इर्षा से जलन हो और मेरे और तुम्हारे हम दोनों के वैवाहिक जीवन में दरार ना पड़ जाए। जिस रास्ते पर तुम जा रहे हो वह निहायत ही खतरनाक रास्ता है।"

मेरी बीबी मेरी बाँहों में लिपट कर मेरे होँठों पर चूमती हुई बोली, "मैं अपने पति को कोई भी हालत में दुखी नहीं देख सकती। मेरे लिए मेरे पति के अलावा इस दुनिया में कुछ और मायने नहीं रखता।"
वाह सर आप हर एक बारीक बात को बढ़िया से समझ कर दर्शकों के सामने पेश करते हो यही दर्शाता है की आप कितने काबिल राइटर हो
Reply
11-22-2021, 03:55 AM,
#90
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
(10-02-2020, 02:17 PM)desiaks Wrote: मैंने उसकी बात को काटते हुए कहा, "कविताओं में कहना एक और बात है पर हकीकत यह है की महिलाऐं कभी भी पुरुषों का मुकाबला नहीं कर सकती। महिलाऐं नाजुक़ और कमजोर होती हैं और उनमें साहस की कमी होती है। वह छोटी छोटी बातों में पीछे हट जाती हैं। जैसे की अभी तुम्हीने व्हिस्की पीने से मना कर दिया था। भला वह पुरुषों का मुकाबला कैसे कर सकती हैं?" मैंने एक तीर मारा और दीपा के जवाब का इन्तेजार करने लगा।

दीपा ने तुरंत पलट कर कहा, "तो क्या हुआ? मैं भी व्हिस्की पी सकती हूँ। पर मैं आप लोगों की तरह बहक कर भन्कस और हंगामा करना नहीं चाहती। तुम पुरुष लोग क्या समझते हो अपने आपको? क्या हम कमजोर हैं और तुम सुपरमैन हो?" दीपा ने तब तरुण की और देखा।

तरुण ने तुरंत कहा, "दीपक, दीपा भाभी बिलकुल ठीक कह रही है। आज की नारी सब तरह से पुरुषों के समान है। वह ज़माना चला गया जब औरतें घर में बैठ कर मर्दों की गुलामी करती थी। अब वह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल सकती है। अब वह कोई भी तरह पुरुषों से पिछड़ी नहीं है। जो हम पुरुष करते हैं उसमे वह जरूर सहभागिनी बनती है।"

मैंने कहा, "चलो एक पल के लिए मान भी लिया जाए की दीपा या कोई भी महिला व्हिस्की भी पी सकती है। पर क्या दीपा या कोई भी भारतीय नारी पुरुषों की तरह खुल्लम खुल्ला सेक्स के बारे में बातचीत कर सकती है? अरे खुद बात भले ही ना करे पर, सुन तो सकती है की नहीं?"

दीपा ने मेरी बात का एकटुक जवाब देते हुए कहा, "क्यों नहीं सुन सकती? जब महिला पुरुष के साथ सेक्स कर सकती है तो फिर सेक्स के बारेमें सुन क्यों नहीं सकती? क्या मैंने अभी अभी सेक्स वाली बातें नहीं सुनीं? दीपा ने तरुण का हाथ थाम कर थोड़ी उखड़ी हुई आवाज में तरुण से कहा, "यार तरुण, यह तुम्हारे भाई या दोस्त व्हाटएवर, मेरे जो हस्बैंड है ना, बड़े ही इर्रिटेटिंग है। बड़े बोर करते हैं। बेकार दाना पानी लेकर मेरे पीछे ही पड़ जाते हैं। तुम एक हो जो मुझे कुछ समझते हो।"

मैंने देखा की तरुण के सपोर्ट करने से दीपा खिल सी गयी थी। वह मुझ से थोड़ी उखड़ी हुई थी और तरुण की सहानुभूति से काफी प्रभावित भी हुई लग रही थी। दीपा की हिम्मत या यूँ कहिये की उच्छृंखलता शराब के नशे के कारण और मेरी स्त्री जाती को चुनौती देने के कारण बढ़ती ही जा रही थी। शायद अपनी हिम्मत मुझे दिखाने के लिए दीपाने मेरे देखते ही तरुण का हाथ पकड़ा और धड़ल्ले से उसे अपनी जांघ पर साड़ी के ऊपर रखा। मेरी प्यारी बीबी पूरा गिलास भरी शराब (जिन) की असर के कारण महिला की पुरुष के साथ बराबरी दिखाने के लिए उत्सुक ही नहीं बल्कि उतावली थी। तरुण को और क्या चाहिए था?

वैसे ही दीपा की साड़ी इतनी हलके वजन की और महिम थी की हल्का सा खींचने पर भी वह फिसल जाती थी। तरुण भी दीपा की बढ़ी हुई हिम्मत का फायदा उठाते हुए दीपा की साड़ी के ऊपर अपने हाथ फैला कर मेरे देखते हुए ही वह दीपा की जांघ को ऊपर से धीरे धीरे सहलाने लगा और मेरी और देख कर बोला, "भाई, भाभी की एहमियत आप को नहीं पता, क्यूंकि वह आपकी पत्नी हैं। मैं उनकी एहमियत समझता हूँ, क्यूंकि उनकी कंपनी मुझे भी कभी कभी मिलती है।"

मैंने अपना बचाव करते हुए कहा, "नहीं तरुण ऐसी कोई बात नहीं है। मैं भी जानता हूँ मेरी पत्नी किसी से कम नहीं।"

ऐसा कह कर जैसे ही मैंने मेरी बीबी का हाथ थामने की कोशिश की तो दीपा ने मेरा हाथ दूसरी और खिसका दिया और बोली, "अरे छोडो जी। झूठ मत बोलो। अब तक तो आप मुझे कमजोर, अबला, नाजुक कह रहे थे। अब जब तुम्हारे ही दोस्त ने मेरी कदर की तब समझ आयी अपनी बीबी की एहमियत की? देखो, मैं जैसा तुम समझ रहे हो ना, वैसी कमजोर और नाजुक नहीं हूँ। मैं भी तुम दोनों मर्दों से किसी भी मामले में मुकाबला कर सकती हूँ।"

तरुण दीपा की बात सुनते ही फ़ौरन मेरी बीबी की जाँघों को साडी के ऊपर से फुर्ती से सेहलाने और दबाने लगा। दीपा उसे महसूस कर रही थी, पर कुछ ना बोली; क्यूंकि अब उसे अपनी हिम्मत जो दिखानी थी। बल्कि खुद जैसे उसे प्रोत्साहन देती हो ऐसे तरुण के हाथ के ऊपर अपना हाथ फिराने लगी।

वैसे भी अब दीपा को तरुण का शुशीलता और सभ्यता भरा रवैया अच्छा लग रहा था। और मैं चूँकि मेरी बीबी को चुनौती दे रहा था इस लिए वह मुझे दिखाना चाहती थी की वह एक हिम्मत वाली औरत है और किसी गैर मर्द (तरुण) की छेड़खानी से डरने वाली नहीं है।

मेरे रवैये से कुछ उखड़ी हुई मुझे चुनौती देते हुए वह बोली, "दीपक, तुम मुझे कम इस लिए समझ रहे हो क्यूंकि मैं तुम्हारी बीबी हूँ। पर दुनिया बहुत बड़ी है। तुम्हारा ये दोस्त तरुण को ही देखो। अपने मित्र से कुछ सीखो। वह कितना सभ्य, संस्कारी, शालीन और शुशील है? वह हम महिलाओं का सम्मान करना जानता है और हमारी महत्ता और महत्वकांक्षाओं को समझता है। उसे पूरी तरह ज्ञात है की स्त्रियों का पुरुष के जीवन में कितना महत्त्व पूर्ण और उच्चतम योगदान है।" बातें करते हुए दीपा की जीभ थरथरा रही थी और वह एकदम संस्कृत शब्दों का इस्तमाल करने लगी थी। दीपा गुस्से में अंग्रेजी और जब प्रशंषा अथवा तारीफ़ करनी हो तो संस्कृत शब्दों का इस्तमाल करने लगती थी।

मैं चुप हो गया। तरुण कितना सभ्य था वह तो मैं अच्छी तरह जानता भी था और देख भी रहा था की धीरे धीरे तरुण ने दीपा को अपने पास खीच लिया था। फिसलन वाली साड़ी पहने होने के कारण दीपा को खिसकाने में तरुण को कोई दिक्कत नहीं हुई। दीपा भी बिना विरोध किये तरुण के पास खिसक गयी थी। मैंने देखा की तरुण ने भी दीपा का हाथ पकड़ कर अपनी जाँघ पर ना सिर्फ रखा बल्कि उसे थोड़ा और खिसका कर दोनों जाँघों के बिच उसके लण्ड के करीब वाले हिस्से में रखा और उसे दीपा वहाँ से ना हटा सके इसके लिए वह थोड़ा दीपा की और घूम गया और अपना दुसरा हाथ दीपा के हाथ के ऊपर दबा कर रखा।
Vaah kya points use kiye hain jaise "gusse me English bolti hai aur pyar aur ijjat dene ke liye sanskrit shabd use karti hai maan gaye aapko
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,299,649 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,277 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,037 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,880 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,148 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,841 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,796,696 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,515,155 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,825,486 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,173 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)