11-11-2020, 12:55 PM,
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desiaks
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
उसे ये उम्मीद नहीं थी की उसका बेटा ऐसा कुछ करेंगा. आज पहली बार उसके पति के अलावा उसे किसी ने किस किया है. उसने अपने बेटे से कुछ कहना चाहा लेकिन इस से पहले की वो कुछ कहति, सतीश कॉर्नफ़्लेक्स का डिब्बा ले के वहां से जा चुका था
सानिया अपनी गांड पे अपने बेटे के लंड को मेहसुस करके मधहोशी में फिर से बर्तन ढ़ोने लगी.
सतीश कॉर्नफ़्लेक्स खा के बाहर निकल गया.
सानिया ने आज करीब १५ साल बाद किसी कड़क और दमदार लंड को मेहसुस किया है. उसके पति ने एक्सीडेंट के बाद से उसे चोदना ही छोड दिया है. उनका लंड खड़ा ही नहीं होता... तो वो चुदाई कैसे करते...
जब की सानिया बेहद कामुक औरत है. सेक्स की कमी उसे बड़ा परेशान करती है. उसकी चुत की गर्मी सालो से शांत नहीं हुई है. उसके शादीशुदा जीवन में प्यार और सेक्स कब का ख़तम हो चुका है.
लेकिन उसे ये बात चोंका रही है की जब उसके बेटे का कड़क लंड उसकी गांड में घूसा था तब मस्ती में उसकी चुत में खुजली होने लगी. उसके दिल में उस कड़क लंड को अपनी बरसो की प्यासी चुत में लेने की इच्छा होने लगी. उसके दिल में ये ख्याल आया की काश उसका बेटा अपना लंड उसकी गांड पे यूँ ही घिसता रहे. वो कभी उस से अलग न हो.ज्यादा देर नहीं तो कम से कम एक घंटे तक ही सहि.
सतीश ने हमेशा अपनी मम्मी को सेक्स की नज़र से देखा था. उसने कई बार अपनी मम्मी की यूज्ड ब्रा और पेन्टी को सूँघ और चाट के मुठ मारि है. लेकिन इस से ज़्यादा कुछ और नही.
ब्रा पे लगे टैग से ही उसे अपनी सेक्सी मम्मी की सेक्सी स्तन का साइज "३६डी" पता चला है.
मा की यूज्डपेन्टी से उनकी चुत की खुश्बु सूँघ कर सतीश मदहोश हो जाता है और उसका नौ इंच का लंड खड़ा हो के नाच्ने लगता है. जब भी वो अपनी मम्मी की पेन्टी की चुत वाली जगह को सूँघ के चाट के चूस के मुठ मारता है उसका इतना वीर्य निकलता है की जैसे वीर्य की बाढ़ आ गयी.
सतीश ने आज से पहले तक कभी अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को गलत नज़र से नहीं देखा था. लेकिन आज उसके दिमाग में कुछ और ही है. आज उसे अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के सिवाए कुछ और नज़र ही नहीं आ रहा है.
आज दिन ख़तम होने के बाद घर वापिस आते वक़्त उसे कुछ याद ही नहीं की आज दिन भर उसने क्या किया, उसका दिमाग पूरा खाली है उसे कुछ याद ही नहीं है, उसके दिमाग में अगर कुछ है तो वो है उसकी सेक्सी मम्मी के सेक्सी नरम गोल गोल गद्देदार चुतड़. जिस की याद उसके लंड को बैठने नहीं दे रही है. आज उसने अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को याद करके ३ बार मुठ भी मारि है लेकिन फिर भी उसका लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा है.
रात को सोने से पहले एक बार फिर से उसने अपनी सेक्सी मम्मी के नाम की मुठ मारी. अगली सुबह जब वो सो के उठा तो उसने ये मेहसुस किया की उसका लंड एक लोहे की रॉड की तरहा खड़ा है.
सतीश बाथरूम में जा के फ्रेश हुआ और किचन की तरफ चल दिया. अपने रूम से बाहर आ के उसने देख की पड़ोस की सपना भाभी सोफ़े पे बैठि टीवी देख रही है. सपना की वजह से सतीश को किचन की तरफ जाने की हिम्मत नहीं हुई, वो सपना को जानता है... अगर सपना ने उसे अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ पे अपने लंड को घुसते हुए देख लिया तो वो इस बात का ढिढोरा पूरे शहर में पीट देगी...?
ईसी डर से सतीश चुप चाप चेयर पे बैठ गया, उसकी पोजीशन इस वक़्त ऐसी थी की उसकी सेक्सी मम्मी ठीक उसके सामने अपने बेहद सेक्सी चुत्तड़ को हिलाते हुए बर्तन धो रही है.
जैसे जैसे सानिया बर्तन धोती उसके सेक्सी चुत्तड़ हिलने लगते.सानिया के हिलते चुत्तड़ को देख के मेरालंड मस्ती में उछलने लगा और वो अपनी मम्मी के सेक्सी मटकते चुत्तड़ की तरफ खीचता चला गया.
ओ उठा और अपनी मम्मी के बिलकुल पीछे जा के उस से चिपक के खड़ा हो गया और कॉर्नफ़्लेक्स का डिब्बा उतारनेलगा.
आज फिर वो अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में अपना लंड दाल के घीसने लगा.
सानिया अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी गांड पे मेहसुस करके सिहर उठि.
सानिया : लगता है आज मेरे बेटे को कुछ ज़्यादा ही भूक लगी है.
सतीश : हाँ मम्मी आज मुझे भूक बहुत लगी है. लेकिन तुम्हे कैसे पता चला?
सानिया : वो तेरा चुहा उछाल कुद जो मचा रहा है. उसी से मुझे पता चला.
सतीश : मम्मी जिसे तुम चुहा कह रही हो वो चुहा नहीं शेर है.
सानिया : अरे जा जा, तीनइंच के चुहे से भी कोई डरता है क्या?
ये कह के सानिया हॅसने लगी.
ह है है है ह......
'तुम्हे किसने कहा की ये ३ इंच का है?
सानिया : इस में कहने की क्या बात है. जब तेरे डैड के पास जो चुहा है वो ३ इंच का है तो तेरा भी उतना ही होगा. क्यूँ मैंने ठीक कहा ना?
सतीश : क्या डैड के पास सिर्फ ३ इंच का चुहा है? (हालांकिसतीशपहलेसेजानताथा)
सानिया : हाँ और नहीं तो क्या?
सतीश : मगर मम्मीमेरातो......
सानिया : तेरा तो क्या?
सतीश : पर म, मेरा तो नौ इंच का है.
सतीश की बात सुन के सानिया चोंक गई और ज़ोर से चिल्लाइ क्या.......! और फ़ौरन घूम के अपने बेटे के पैंट में उभरे हुए लंड को देखने लगी. उसके मुह से चिल्लानेकी आवाज़ को सुन के सपना ने फ़ौरन आवाज़ लगयी.
सपणा : क्या हुआ?
सपणा की आवाज़ सुन के सतीशडर के मारे फ़ौरन बाहर आ गया.
सतीश : भाभी वो मम्मी कॉकरोच देख के डर गयी.
सतीश की बात सुन के सपना हंसने लगा.
सपणा : ये तेरी मम्मी भी न जाने क्यों कॉकरोच से डरती है.
सतीश फ़टाफ़ट नाश्ता करके बाहर चला गया.
सतीश : आज तो बेटा तू बाल बाल बच गया. अगर भाभी ने तुझे देख लिया होता तो क्या होता.
ईधर सानिया भी जल्दी से अपने ऑफिस निकल गयी. उस वक़्त वो थोड़ा डर गई थी. लेकिन उसके दिमाग में डर से ज़्यादा अपने बेटे का कड़क लंड घूसा हुआ था. आज दिन भर ऑफिस में वो अपने बेटे के नौ इंच के लंड के बारे में सोचने लगी.सानिया की चुत बेतहाशा वीर्यचुदने लगी..
दूसरे दिन सुबह सानिया ने ये महसुस किया की सतीश आज बहुत ही संभल के उसके ऊपर झुका और कॉर्नफ़्लेक्स का डिब्बा कपबोर्ड से निकाल के ले गया. अपने बेटे के कड़क लंड को अपनी गांड पे महसुस न करके सानिया को आज बहुत मायूसी हुई.
"ओ गोड़, सनिआ" तू ये क्या सोच रही है....! वो तेरा सगा बेटा है, तू उसके बारे में ऐसा कैसे सोच सकती है? ये कैसी सोच है तेरी? तुझे इस बात से बुरा लग रहा है की आज तेरे बेटे ने तेरे चुत्तड़ के बीच में अपना लंड दाल के घीसा नहीं? छि.....सानिया शर्म कर अपने सगेबेटे के बारे में कोई मम्मी ऐसा नहीं सोचती जैसा तू सोच रही है.सानिया को अपनी आँखों के सामने अपना नंगे चुत्तड़ पे अपने बेटे का नौ इंच का खड़ा लंड नज़र आने लगा.सानिया ने फ़ौरन उस सोच को अपने दिमाग से निकाला और घर से बाहर आकर के अपनी कार में बैठि और ऑफिस के लिये निकल गयी.
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11-11-2020, 12:57 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीश : "आई'एम सोर्री, मम्मी, लेकिन में चाह के भी खुद को रोक नहीं पाया, मुझे तुम मम्मी की तरहा नहीं लगती, तुम तो बेहद खूबसूरत और सेक्सी हो. बिलकुल एक परी की तरहा. तुम्हारे जिस्म का हर एक हिस्सा बेहद हसीन है.
अपने बेटे की बात सुन के सानिया चोंक गयी. जो अभी उसके बेटे ने कहा उसे सुन के उसे गुस्सा आने के बजाये बेहद ख़ुशी हुई. सतीश ने जो भी कहा वो दिल से कहा. जो अभी उसने मेहसुस किया.उसने खुद ही अपने बेटे को सिखाया है की चाहे जो भी हो उसे हमेशा सच ही कहना चाहिए भले उस सच के लिए उसे सजा ही क्यों न मिले.सानिया : लेकिन हनी, शायद तुम ये भूल रहे हो की में तुम्हारी लवर नहीं मम्मी हु. और मम्मी बेटे के बीच में ये सब ठीक नही.
सतीश : लेकिन मा, आप ही ने तो कहा था तुम पहले शुअर हो जाओ की तुम्हे क्या चहिये. तो मम्मी में अब शुअर हूँ की मुझे क्या चहिये
सानिया: सतीश मेरे कहने का मतलब वो नहीं था.
जो तुम सोच रहे हो वो नहीं हो सकता, कभी नही.
सानिया को अचानक ये एहसास होता है की उसकी वीर्य से भीगी हुए सफ़ेद पेन्टी में से उसकी चुत उसके बेटे को साफ़ नज़र आ रही है. वो शरमाते हुए उठि और तेज़ी से घर के अंदर जाने लगी. सतीश भी पीछे पीछे आ गया.
घर में घुसते ही सानिया ने सेक्सी अदा के साथ मुड के अपने बेटे को देखा फिर न जाने क्या सोच कर अपनी स्कर्ट में हाथ दाल के अपनी चुत वीर्य से भीगी पेन्टी उतरि और उसे अपने प्यारे बेटे की तरफ उछाल दि.
सानिया : "लो मज़े करो."
सानिया की पेन्टी उसके बेटे के मुह पे जा गिरि. जिसे सतीश सूँघ के मदहोश होने लगा, वो पेन्टी के चुत वाले हिस्से को अपनी जुबान से चाट्ने लगा.
ये देख के सानिया को बेहद शर्म आने लगी और वो अपने रूम में चलि गयी.
उस रात सतीश ने अपनी मम्मी की चुत वीर्य से भीगी पेन्टी को चाट चाट के चूस चूस के ३ बार मुठ मारी.
इधर सानिया ने भी अपने बेटे के लंड के बारे में सोच सोच के अपनी चुत में ऊँगली कर के जी भरके अपनी गर्मी शांत की. फिर दोनों थक के मस्ती में अपने अपने रूम में सो गये.
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11-11-2020, 12:58 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
फोन सिंक के ऊपर कप्बोर्ड के पास दीवार पे लगा हुआ है.
सानिया सिंक के पास जा के खड़ी हो जाती है और फ़ोन का रिसीवर उठा के बात करने लगती है.
फोन उसकी दोस्त सपना का है जो बड़े जोश में उसे कल हुई पार्टी के बारे में बता रही है.
सतीश अपनी मम्मी को देख के चोंक गया क्यों की उसकी मम्मी ने एक पतली सी नाइटी पहनी हुई है. उस नाइटी में उसने ब्रा नहीं पहनी सिर्फ सतीश की गिफ्ट की हुई पेन्टी पहनी थी. जिस में से उसके गोरे गोरे चुत्तड़ साफ़ नज़र आ रहे है.
ये देख के मेरा लंड फ़ौरन खड़ा हो गया. वो बड़े गौर से अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को देखते हुए उसकी तरफ बढ्ने लगा.
धीरे धीरे वो उनके करीब पहुँच गया. उसने अपने लंड को अपनी ट्रैक में से बाहर निकाला और धीरे से मम्मी की नाइटी को जो की उसके चुत्तड़ के सिर्फ १ इंच निचे तक थी उठा के मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ के अपना नौ इंच का लोहे की तरह कड़क लंड मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बेच में घूसा दिया.
सानिया अपने बेटे के इस अचानक हमले से अन्जान थी. वो अपने चुत्तड़ में अपने बेटे के लंड को मेहसुस कर के चौंकते हुये मस्ती में उछल पडी.
सानिया : "ओहह सतीश," "ओहः, नो." ये क्या किया
सतीश आगे झुका अपनी मम्मी की तरफ और अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
सानिया की आवाज़ सुन के सपना घबरा गयी.
सपणा : क्या हुआ सानिया? तुम ऐसे क्यों चिल्लाई?
सानिया : "आह्ह्...अहः, वो सतीश ने गरम गरम ल.... चीज़ दाल दी है अन्दर.....
सपणा : गरम चीज़... कौनसी गरम चीज़? कहाँ दाल दी है?
सानिया : वो उसने बिना सोचे समझे बिना मुझसे पूछे गरम ल... चीज़ सीधे चु.... अंदर घूसा दि. अगर मैंने उसे फ़ौरन अंदर से न निकाला तो सब गीला गीला हो जायेगा. मैं उसे निकाल के तुम्हे बाद में कॉल करती हु. बाय.....
ये कह के सानिया ने फ़ोन रख दिया.
सतीश ने मौके का फायेदा उठाते हुए अपने हाथों को अपनी मम्मी के कमर पे लपेट लिया और उन्हें ऊपर की तरफ ले जाने लगा जब तक उसे अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी स्तन उसके हाथों को न छु गयी. मम्मी के सेक्सी स्तन अब सतीश के हाथों के ऊपर थे. वो उनका वज़न अपने हाथों पे महसुस कर के मस्ती और जोश में आ के अपना लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच में अंदर बाहर कर रहा है.
सानिया अपने बेटे की पकड़ से निकलने के लिए मचलने लगि, लेकिन वो सिर्फ आगे हो के अपनी गांड चुदाई में अपने बेटे का साथ देणे के अलावा कुछ और नहीं कर पा रही है.
ओ आगे पीछे हो के न चाहते हुए भी अपने बेटे का लंड अपनी चुत्तड़ के बीच में ले रही है.
सानिया : "सतीश, ना, ना, नही, तुम ऐसा मत करो. तुम्हे अपना ल..... मेरी गं.... बम में नहीं ड़ालना चहिये. मैं तुम्हारी वाइफ या लवर नहीं हु. मैं तुम्हारी मम्मी हु. "मा"
सानिया को भी अब न चाहते हुए मस्ती चढ़ने लगी उसकी चुत से वीर्य बह कर बाहर आने लगा और सतीश के लंड के सुपाडे को भिगोने लगा.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश को और जोश आ गया और उसने थोड़ा नीचे हो के ऊपर की तरफ धक्का मारा अपनी मम्मी के चुत्तड़ की तरफ.
सतीश : “मम.....मा, आपने ही तो कहा था की जो चीज़ मुझे चाहिए वो में ले सकता हु. तो में वो ही ले रहा हु,मुझे आप चहिये,मुझे मेरी मम्मी चहिये... मा” मम्मी.. कह के सतीश एक ज़ोर का धक्का मारा. उस धक्के का ये नतीजा हुआ की उसके लंड का सुपडा अपनी मम्मी की चुत वीर्य से गीला हो के उसकी मम्मी की वर्जिन गांड की गुलाबी छेद में घुस गया.
सानिया मस्ती और दर्द में कराह उठि.
"ओह आह...अम्म...आह्..."
सानिया को बेतहाशा मस्ती चढ़ने लगि, उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसके निप्पल कड़क हो गये.
सानिया अपने दिल में ये सोचने लगी.
"हाय कितना लम्बा मोटा और कड़क लंड है मेरे लाल का"
सानिया : "हनी, तुम्...हे अपनी मम्मी के बा....रे में ऐसा नही... सोचना चहिये.तू मम...... तुम जो... कह रह..... हो और आह.... जो कर...... रहे हो ओ..... गलत है. आह......
ओह ओ, सतीश मुझे जाने दो."
ये कह के सानिया फिर से अपने बेटे की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी. लेकिन उसकी इस कोशिश की दोनों मम्मी बेटे के बीच में सेक्स की गर्मी को और हवा दे रही थी. मेरा लंड मस्ती में और तेज़ी से अपनी मम्मी के दोनों चुत्तड़ के बीच में आगे पीछे हो रहा था.
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