11-20-2020, 12:57 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,307
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
श्वेता वासना से ‘आआअहह.. आआहह..’ करने लगी. फिर भी सतीश रुका नहीं.. उल्टे सतीश ने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रखा और सहलाने लगा.
श्वेता ने अपने भाई का लंड पकड़ लिया और अचानक छोड़ दिया.
सतीश- “क्या हुआ”?
श्वेता- “यह तो बहोत मोटा और बड़ा है.. मेरे अन्दर नहीं जाएगा”
सतीश ने अपना खड़ा हुआ लंड उसके सामने कर दिया और कहा- “इसे किस करो”!
श्वेता- “नहीं मुँह से नहीं होगा..!
सतीश- “कोई बात नहीं.. एक काम करो.. इसको थोड़ा पकड़े हुए ही रहो”
थोड़ा ना-नुकर के बाद श्वेता ने लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी, फिर हल्का सा चूमा भी.. सतीश के लण्ड के मुँह में पानी आने लगा.
अब वह दोनों बिस्तर पर नंगे ही 69 अवस्था में आ गए थे और एक-दूसरे से लिपटे हुए थे. सतीश ने उसकी चूत पर हाथ रखा और एक उंगली अन्दर डाल दी.. वो तड़प उठी और अपने भाई के लंड को ज़ोर से दबा कर पकड़ लिया.
“ऊऊओह गॉड.. क्या सीन था..!
सतीश ने अपना लंड उसके होंठों के पास रखा और मुँह में देने लगा.. कुछ देर मना करने के बाद वो मजे से चूसने लगी और वह उसकी चूत को चूसता रहा और चूत के अन्दर जीभ घुमाता रहा.
इस काम को करते हुए उन्हें 45 मिनट हो गए थे और वो भी झड़ भी चुकी थी. फिर सतीश ने मुँह से लंड निकाल लिया, सतीश ने उसे घोड़ी बनने को कहा.. तो वो डरते हुए घोड़ी बन गई..
सतीश अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत पर रगड़ने लगा और श्वेता तड़फ रही थी, उसके मुँह से सिसकारी निकल रही थी.
श्वेता की सिसकारी सुन कर उसे इतना मजा आ रहा था.. जैसे वो बोल रही हो “प्लीज़ जान डाल दो अन्दर.. प्लीज़ भाई चोद दो अपनी बहन को..!
सतीश ने लंड उसकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया तो लंड अन्दर नहीं गया.. क्योंकि श्वेता की चूत बहोत टाइट थी. वो दर्द से कराह कर आगे को हो गई तो सतीश ने उसके स्तनों को कस कर पकड़ा और थोड़ा ज़ोर से धक्का लगाया.. तो अबकी बार लंड का टोपा चूत में अन्दर फंस गया.
वो दर्द से चिल्ला उठी.. बोली- “प्लीज़ भाई निकाल लो.. वरना मर जाऊँगी.. प्लीज़..भाई”
उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे.. तभी सतीश ने एक और धक्का लगाया, लंड आधा अन्दर घुस गया और उसके मुँह से ज़ोरदार चीख निकली- “उउउइईई.. मामाआ.. आआह… आआअ मर गई.. आआआहह.."
श्वेता रो रही थी.. सतीश ने उसका मुँह नहीं पकड़ा हुआ था.. क्योंकि घर बंद था और फ्लैट से बाहर आवाज़ नहीं जाती थी.
सतीश ऐसे ही रुका रहा.. उसकी चूत से खून निकल रहा था.. वो आगे की तरफ़ झुकी ताकि छूट सके… लेकिन उसकी इस हरकत से लंड और टाइट हो गया क्योंकि अब उसका मुँह नीचे बिस्तर पर टिका था और घुटने उठे हुए थे.
‘उओ आआहह.. आअहह..’ चिल्ला रही थी और सतीश से लंड को बाहर निकालने के लिए कह रही थी लेकिन उसने उसे नहीं छोड़ा.. वरना वो फिर से अन्दर नहीं डलवाती..
कुछ देर सतीश ऐसे ही रुका रहा और श्वेता के स्तन दबाता रहा. वो कुछ देर बाद नॉर्मल हो गई और सतीश ने धक्के लगाने शुरु कर दिए, धीरे-धीरे पूरा लंड अन्दर डाल दिया..
वो अभी भी दर्द से कराह रही थी लेकिन कुछ ही देर में वो नॉर्मल हो गई और गांड उठा कर अपने भाई का साथ देने लगी.. उसके मुँह से ‘आआहह.. उउऊहह उउउइ.. आअहह..’ की कामुक आवाजें निकलने लगी थीं और ‘छप.. छा..’ की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था.
अब सतीश झड़ने ही वाला था और तेज-तेज धक्के लगा रहा था, हर धक्के पर उसके मुँह से ‘आअहह..’ निकलती.
करीब 30 मिनट की लंबी चुदाई के बाद सतीश उसकी चूत मे जड़ तक अपना लंड डालकर झड़ गया. इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी.. झड़ने के बाद सतीश उसके ऊपर ही लेट गया और उसे चूमने लगा.
सतीश ने उससे पूछा- “कैसा लगा”?
श्वेता- “पहले बहोत दर्द हुआ.. लेकिन बाद में बहोत मजा आया..!
फिर कुछ देर बाद उन्होंने एक-दूसरे को चूमना चाटना शुरु किया और वह फिर से तैयार हो गए.
वो मना कर रही थी लेकिन गरम होकर मान गई.
उस रात उन्होंने 4 बार चुदाई की.. सुबह वो चल भी नहीं पा रही थी और उसकी चूत सूज गई थी.. तो सतीश बर्फ का टुकड़ा ले कर उसकी चूत की सिकाई करने लगा, तब जा कर कहीं उसकी चूत की सूजन ठीक हुई.
सॉरी दोस्तो पॉपअप की वजह से पोस्ट करने में बहुत मुश्किल हो रही है बाकी कहानियो के अपडेट कल पोस्ट कर दूंगा....सतीश
|
|
11-20-2020, 12:57 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,307
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
सतीश ने दूसरी आइस क्यूब ली और घूम के पीछे श्वेता के पैरों के पास आ गया. सतीश ने उसे आइस से उसे स्मूच देना चालू किया. श्वेता बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी. सतीश उसकी जांघों से होते हुए श्वेता की गांड पर पंहुचा. श्वेता की गांड एकदम लाल हो चुकी थी.
सतीश ने गांड पर आइस क्यूब घुमाना चालू किया. कभी गांड में घुसाता तो कभी गांड पर घुमाता. उसकी गांड की गर्मी से पूरा आइस क्यूब पिघल गया.
सतीश ने श्वेता की गांड को दांतों से काटना चालू कर दिया. सतीश के हर एक वार से श्वेता चिहुँक जाती. श्वेता की मलमल सी गद्देदार गांड … हाय! सतीश उन्हें काटता-चूमता हुआ चाट रहा था. श्वेता की गांड सतीश की सबसे फेवरेट हैं. सतीश ने दूसरी आइस क्यूब ली और उसकी कमर से होते हुए ऊपर पीठ की तरफ बढ़ने लगा. श्वेता छटपटा रही थी. सतीश उसकी कोमल पीठ को फील कर सकता था. सतीश ऊपर गर्दन की तरफ बढ़ा.
उससे रहा नहीं गया, श्वेता मुँह पीछे करके सतीश को किस करने की कोशिश करने लगी. सतीश ने पीछे से श्वेता के बाल कस कर पकड़ कर श्वेता की गर्दन सीधी की और आइस को श्वेता के कंधों पर रगड़ने लगा. श्वेता तिलमिलाने लगी. श्वेता छूटने का प्रयास करने लगी लेकिन कोशिश नाकाम थी. बंधन काफी मजबूत था. सतीश आइस को श्वेता के कंधों से कान और गर्दन तक घूमाता. श्वेता आनंद से उन्मादित हो उठती.
ऐसा करने के बाद सतीश उसकी बांहों के नीचे आ गया. चूंकि श्वेता के दोनों हाथ ऊपर पुल-बार में बंधे हुए थे श्वेता के आर्मपिट्स (बगलें) सतीश की तरफ खुले हुए थे. बिल्कुल साफ … एक भी बाल नहीं, एकदम गोरी. श्वेता किसी मॉडल से कम नहीं है. हर हफ्ते पार्लर जाती है और वैक्सिंग भी टाइम से कराती है. सतीश को हर बार फ्रेश मॉल मिलता है.
सतीश ने आइस क्यूब को उसकी कांख पर रगड़ना चालू किया. श्वेता उतेजना के मारे छपटाने लगी. ऐसा सतीश ने पहले कभी नहीं किया था श्वेता के साथ. श्वेता छूटने की कोशिश करने लगी. श्वेता तेज-तेज सिसकारियाँ ले रही थी.
चूंकि उसका मुंह सतीश ने उसी की पैंटी को मुंह में ठूंस कर बंद किया हुआ था तो श्वेता बोल नहीं पा रही थी. यह कल के सेक्स वाली पैंटी थी. श्वेता अक्सर उसे बेड के नीचे डाल देती थी.
सतीश को उसकी कांख की मादक भीनी सी खुशबू पागल बना रही थी. सतीश को नशा सा चढ़ने लगा था. सतीश ने क्यूब छोड कर श्वेता के आर्मपिट्स को चाटना चालू कर दिया. श्वेता छटपटाने लगी, तेज तेज सीत्कार करने लगी. उसका बदन अकड़ने लगा और श्वेता झड़ने लगी.
सतीश ने एक हाथ उसकी चूत पर लगा दिया. श्वेता के रस को अपने हाथों पर ले लिया.
झड़ने के बाद श्वेता रस्सी से लटक कर हाँफने लगी लेकिन सतीश ने उसे आराम करने का मौका नहीं दिया. सतीश श्वेता के आर्मपिट्स चाटने में लगा था. कुछ देर बाद सतीश ने श्वेता के मुंह से पैंटी निकाली और अपने हाथ जो श्वेता के चूत-रस में डूबे हुए थे, होंठों के पास ले गया, श्वेता चाटने लगी. सतीश भी श्वेता के साथ चाटने लगा.
फिर सतीश ने दो उंगली श्वेता के मुंह के अंदर डाल दीं. श्वेता उसकी उंगलियां चाट रही थी. सतीश श्वेता के होंठों पर लगे श्वेता के चूत के रस को चाट रहा था.
पट्टी बंधी आंखों में श्वेता के चेहरे का सबसे कामुक भाग श्वेता के होंठ थे जो चाटने के बाद कमरे की रोशनी में चमक रहे थे. सतीश श्वेता के दाईं तरफ के गाल पर किस करते हुए श्वेता के कान से होते हुए नीचे गर्दन पर पंहुचा. मौसम ठंडा था और कमरे में ए.सी. भी चल रहा था, फिर भी उसकी गर्दन पर पसीने की कुछ बूंदें थीं. ये बूंदें श्वेता के गोरे बदन पर मोती की तरह चमक रही थी. सतीश ने इन मोतियों को चूमा और उसकी बाँहों के नीचे आ गया.
फिर सतीश उसे स्मूच करते हुए श्वेता के सीने के भाग पर किस करते हुए स्तनों की तरफ बढ़ा. श्वेता के स्तन एकदम कड़क थे. उठे हुए सुडौल, जैसे किसी पॉर्न स्टार के होते हैं.
|
|
11-20-2020, 12:58 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,307
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
फिर सतीश उसे स्मूच करते हुए श्वेता के सीने के भाग पर किस करते हुए स्तनों की तरफ बढ़ा. श्वेता के स्तन एकदम कड़क थे. उठे हुए सुडौल, जैसे किसी पॉर्न स्टार के होते हैं.
सतीश श्वेता के दूधों को पीने लगा. श्वेता आह्ह-आह्ह करती हुई कह रही थी ‘चोद दो भाई प्लीज … चोद दो मुझे’
सतीश एक झटके में ऊपर गया और उसकी आँखों की पट्टी हटा दी. श्वेता एकदम से चिहुँक गयी. जैसे उसकी जान में जान आ गयी हो. उसकी आँखें वासना के नशे में एकदम लाल हो चुकी थीं. चेहरे पर एक हब्शी भाव था जोकि अक्सर सेक्स करते समय दिखता था.
उसको देख के ऐसा लग रहा था कि श्वेता चाहती है कि कोई आकर बस उसे चोद दे.
सतीश ने श्वेता के होंठों को चूमना चालू किया. श्वेता आँखें बंद करके सतीश का साथ दे रही थी. एक हाथ से सतीश नीचे श्वेता के स्तनों को रगड़ रहा था. आँखें बंद करके अपनी स्तनों को मसलवाने का श्वेता पूरा मजा ले रही थी.
सतीश ने अपने होंठ अलग किये, उसने आँखें खोलीं और सतीश की आँखों में देख कर बोली
“फ़क मी भाई … प्लीज फ़क मी!’
श्वेता सतीश से चुदाई की मिन्नतें कर रही थी. सतीश ने श्वेता के स्तन दबाते हुए बोला-
“इतनी जल्दी क्या है जान …”
और फिर सतीश श्वेता के स्तन चूसने में लग गया. श्वेता आँखें बंद करके सिसकारियां लेने लगी.
“आहहहहह … आहहहह … आहहह … आहह”! चोदो भाई मैं तुम्हारी दीवानी हूँ आज चोद के भुर्ता बना दो मेरी चूत का”.
सतीश अपने काम में लगा हुआ था. सतीश जोर-जोर से बॉब्स चूस रहा था जैसे कुँवारे स्तनों में से आज दूध निकाल देगा. श्वेता सिसकारियां लिए जा रही थी, सतीश को गालियां बक रही थी, सतीश से अब चुदाई की विनती कर रही थी.
उसकी बातों पर ध्यान न देते हुए सतीश अपने काम में लगा हुआ था. सतीश श्वेता के पेट पर किस करता हुआ नीचे आया. श्वेता के दोनों पैर सतीश ने चौड़े करके बांधे हुए थे. उसकी उभरी हुई चूत पाव रोटी की तरह फूली हुई बिल्कुल चिकनी, साफ … जैसे चूत न हो संगमरमर हो. बिल्कुल मखमल. उसकी चूत से बहता हुआ रस उसकी जांघों पर आ रहा था.
सतीश उस रस को चूसता हुआ चूत तक पहुंचा. हालाँकि ये चूत सतीश ने कई बार चाटी है लेकिन आज की बात ही कुछ और थी. मन कर रहा था इसमें समा जाये. सतीश पूरी की पूरी चूत एक ही बार में मुँह में लेने की कोशिश करने लगा.
श्वेता तिलमिला गयी, सतीश के होंठों और जीभ का स्पर्श अपनी चूत पर पाकर बोली- श्वेता- “चोदो भाई! भाई अब चोद दो ना … क्यों तड़पा रहा है?
लेकिन सतीश जानता था कि यही तो मजा है इस सेक्स का. इसीलिए सतीश अपने काम में लगा हुआ था. श्वेता की गांड को पकड़ कर अपना पूरा मुँह उसकी चूत में घुसा रहा था. सतीश जीभ को अंदर तक घुसा कर उसकी चूत की दीवारों को चाट रहा था.
श्वेता जोर-जोर से सिसकारियां ले रही थी- भाई मेरी जान … तूम भाई नहीं, मेरी जान हो. मैं तेरी रंडी हूँ. अपनी रंडी की चूत पूरी खा जा. भाई मैं तेरे मुंह में झड़ना चाहती हूँ. भाई जिन्दगी भर रंडी बन के रहूंगी तेरी. आहह … आहह चोद, चाट, खा जा पूरी खा जा … पूरा रस पी ले. आज के बाद यह तेरी अपनी चूत है. जब मन करे चोद लेना. खा जा मेरी जान. खा जा अपनी बहन की चूत को … मेरा बहनचोद भाई, खा अपनी बहन की चूत!
श्वेता के इस बर्ताव से सतीश भी काफी उत्तेजित हो गया और जीभ से उसकी चूत की चुदाई करने लगा. श्वेता गांड उठा कर चूत सतीश के मुँह में देने की कोशिश करने लगी. सतीश के मुंह में ही झड़ गई. सतीश ने उसकी चूत से निकले हुए रस का कतरा-कतरा पी लिया जैसे प्रोटीन शेक हो वह. जो मजा उसका रस पीने का था, मानो जैसे सतीश को कुछ बहुमूल्य चीज मिल गयी हो. बहुत ही अनमोल. सतीश ने चाट-चाट कर उसकी बुर भी साफ की.
|
|
11-20-2020, 12:58 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,307
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
सतीश और भी उत्तेजित हो रहा था.
हालाँकि सतीश का वार इतना तेज नहीं था फिर भी जब रस्सी उसकी मखमली कोमल पीठ पर पड़ती तो अपने पीछे हल्का सा लाल निशान छोड़ जाती. जोकि कुछ देर में गायब हो जाता. हर वार पर श्वेता के मुँह से एक कामुक आहह निकलती जो सतीश के जिस्म को रोमाँचित कर रही थी. बीच-बीच में सतीश उसकी पीठ को चूम लेता. कभी जीभ फेर देता. उसे इससे काफी आनंद मिलता.
हर चोट के साथ चुम्बन की क्रिया चल रही थी. सतीश ने कोड़े बरसाना बंद करके धक्के लगाना चालू किया. उसकी कामुक सिसकारियाँ कमरे में गूँजने लगी ‘आहह … आह … उहह … ओहहह … ओ माय गॉड यस! यस यस यस फ़क मी! चोदो मुझे भाई! मेरे राजा … चोद के भुर्ता बना दो मेरी चूत का! यस! आहहह … ओह … उम्म ओ यस”!
श्वेता टेबल पर कुहनी रख कर उचक के चूत चुदवा रही थी. सतीश उसकी नंगी पीठ को अपने बदन से सटा कर धक्के लगा रहा था.
अचानक सतीश ने धक्के लगाते हुए उसकी गर्दन पकड़ कर टेबल पर दबा दिया. श्वेता टेबल पर पसर गयी, उसकी पीठ सामने आ गयी. सतीश ने धक्के लगाते हुए श्वेता के पीठ पर रस्सी के कोड़े बरसाना चालू कर दिया.
लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि सतीश के कोड़ों का वार बस इतना था कि श्वेता उत्तेजित हो. सतीश को उसे चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था.
इस दौरान पहली बार श्वेता के चेहरे पर सतीश को शिकन दिखी. शायद श्वेता इस दोहरे आघात के लिए तैयार नहीं थी. लेकिन श्वेता दर्द में भी कामुक सिसकारियाँ ले रही थी- “आहह आहह … ओहह अहहह आऊच ओहह आह आहह आहहह” की आवाजें कमरे में गूंज रही थी.
जब उसने इस क्रिया को अपना लिया तो श्वेता गांड हिला-हिला के चुदने लग गई.
अचानक लंड उसकी चूत में से फिसलकर एक झटके में निकाला और उसकी गांड में घुस गया. श्वेता की कुंवारी गांड़ मे सतीश का 9 इंच लम्बा और 4 इंच चौड़ा लंड जड़ तक घुस गया श्वेता के मुंह से जोरदार चीख निकल गयी, अचानक हुए इस आघात से श्वेता बिलबिला गयी. उसकी आँखों में आंसू आ गये.
उसने हाथ मेज़ पर पटक-पटक कर रुकने का इशारा किया. मगर सतीश अपनी मस्ती में खोया हुआ था. कुछ देर के बाद जब सतीश ने उसकी हालत पर ध्यान दिया तो सतीश रुका, श्वेता के पास गया. उसकी आँखों में आंसू थे, श्वेता रो रही थी.पर उसने सतीश को लंड बाहर निकालने को नही कहा,सतीश को श्वेता की कुंवारी गांड़ में लंड जाने से बहुत मजा आया
सतीश उसकी गांड में लंड डाले वैसे ही उससे सट कर श्वेता के ऊपर लेटा रहा. उसकी पीठ को सतीश अपने सीने तथा पेट के भागों में महसूस कर सकता था. उसकी पीठ एकदम गर्म हो गयी थी.
उत्तेजित होने के कारण उसकी सांसें बहुत तेज गति के साथ चल रही थीं. सतीश ने उनको सामान्य करने की कोशिश की. श्वेता भी सामान्य होने की कोशिश में लगी हुई थी. सतीश के बदन के स्पर्श से उसे काफी आराम मिला. श्वेता धीरे-धीरे सामान्य होने लगी.
सतीश ने श्वेता के गाल, कानों पर तथा कानों के पीछे गर्दन पर किस करना चालू किया. उसे अच्छा लगने लगा. सतीश के होठो का स्पर्श पाते ही श्वेता फिर गर्म होने लगी. उसने एक हाथ पीछे लाकर सतीश के चेहरे को महसूस करने की कोशिश की. सतीश ने श्वेता के हाथों को चूम लिया.
स्थिति सामान्य पाकर सतीश हल्के-हल्के धक्के लगाने के बारे में सोचने लगा और सतीश स्थिति को भांप कर धीरे से हल्के धक्के लगाने चालू किये.
श्वेता ने सिसकारियाँ लेना शुरू कर दिया- “आहह … उम्म … ओहह … हूम्मम …धीरे भाई धीरे याहहह”
सतीश धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा अब श्वेता को भी मजा आने लगा वह अपनी गांड़ आगे पीछे करने लगी तब सतीश समझ गया अब श्वेता को भी मजा आने लगा है,
सतीश ने धक़्क़े तेज किये तो उसकी सिसकारियाँ तेज होने लगीं.
श्वेता फिर से मजा लेकर चुदने लगी.
सतीश उसे कंधे पर किस करते हुए उठा और हाथ में रखी रस्सी को श्वेता के गले में फंसा कर अपनी तरफ खींचा. श्वेता टेबल के किनारे को प्रतिरोध में पकड़े हुई थी फिर भी कुहनी के बल हल्की सी ऊपर उठी. उसकी नंगी पीठ जो लाल पड़ गयी थी थोड़ी ऊपर उठ गई. उसकी नंगी पीठ कामुक लग रही थी. सतीश ने उसकी पीठ पर किस किया और उसी अवस्था में उसकी गांड चुदाई स्टार्ट कर दी.
|
|
|