Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
11-23-2020, 01:43 PM,
#71
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
जब हम वहां पहुँचे तो मैं चौंक गया। क्योंकी जो दिन में रेस्टोरेंट होता है । पर रात में से एक पब बन जाता है, जो नीचे बेसमेंट में बहुत पचिक पब है। यहां आते ही सभी का लण्ड खड़ा ही रहता है। यहां सभी औरतों के ऐसे कपड़े थे की उनको पहनने का कोई मतलब नहीं, क्योंकी उसमें उनका सब माल दिख रहा था और कोई भी किसी के साथ चिपक के डान्स कर रहा था, तो कोई उनके जिम से खेल रहा था, और कोई अपने खजाने को देख रहा था डान्स करते हुए।

वहाँ पास्स के लिए कार्ड भी रवि के पास थे, और मुझे लग रहा था की ये महँगे भी बहुत होंगे, तो फिर रबि के पास इतने पैसे कहां से आए? पर ऐसी मस्ती भरी जगह ये सब सोचने में अपने दिमाग की माँ नहीं चोदना चाहता था, तो ये सब दिमाग से दूर कर दिया।

हम दोनों ये सब देखते हुए खड़े लण्ड के साथ बाहर खड़े थे की मुझे एक मस्त माल नजर आया, जो कली भी थी और उसकी ड्रेस तो और भी कमाल की थी। उसके पीछे नीचे एक कट था, और वैसे भी उसकी गाण्ड इतनी निकली हए थी की वैसे ही कोई भी पानी छोड़ दें, और उसने कुछ नहीं पहना था। यदि थोड़ा झुककर देखें तो उसकी चूत साफ दिख जाए अब मुझसे और सका नहीं जा रहा था, तो एक तकीला धक्का लेकर उसके पास जाने लगा।

में कुछ नशे में चलते हुए उसके पास गया और फिर में उससे चिपक के डान्स करने लगा- "क्या चीज है यार सब मोटे-मोटे और मस्त हैं। इसकी ता ये बड़ी मोटी गाण्ड बजाने को मिल जाए बस, मजा आ जाए। कोई बात नहीं, पर चान्स तो मार हो सकता है। क्या पता मिल ही जाए?"

मैं उससे चिपके हए डान्स कम और जिष्म के मजे ज्यादा ले रहा था और उसे भी इस बात का बता चल गया था, और मेरे चिपकने से उसका मेरे लण्ड का भी पता चल गया। जिसके कारण उसकी हवस अब और बढ़ गई थी। अब वो भी मुझसे चुदे बिना नहीं रह सकती थी।

मैं तो कभी उसकी गाण्ड दबाता तो कभी उसकी जांघों पर हाथ फेरते हुए मसलता। जिससे वो बहुत गर्म हो रही थी और मेरी हिम्मत भी बढ़ रही थी, तो मैंने अपना हाथ उसकी गाण्ड की दरार में रखकर रगड़ने लगा। फिर हाथ नीचे लेजाकर गाण्ड के छेद में उंगली डाल दी और फिर निकालकर उंगली को सामने से उसकी चूत पर रख दिया। साली ने चूत में कोई छाला पहना हुआ था। मुझे तो और मजा आने लगा था, पर शायद अब उससे बर्दास्त नहीं हो रहा था।

औरत- चलो टायलेट में चलते हैं, बाकी का पूरा खेल उधर ही कंपलीट करेंगे।

मैं भी बिना कुछ बोले उसके पीछे-पीछे चल दिया और टायलेट में घुस गये दोनों फटाफट, और घुसने के बाद वो मुझे देखकर बोली।

औरत- अरे तुम तो अभी बच्चे ही हो और तूने मुझे गर्म भी कर दिया, क्या मुझको ठंडा कर सकोगे?

मैं- "ज्यादा नाटक मत करो। तुम मुझे देखकर नहीं मेरे औजार को अच्छे से चैक करके आई हो, और फिकर मत कर। मैं तुझे ठंडा ही नहीं बल्कि निचोड़ ही लूँगा। अब आ जा टाइम खराब ना कर, क्योंकी अब टाइम नहीं है मेरे पास...'
बोलकर मैं उसे खींचकर जंगली किस करना शुरू कर देता हूँ साथ ही उसकी मोटी चूचियों को भी खूब जोर-जोर से निचोड़ने लगता हूँ, जिससे उसकी तेज आहे भी निकल रही थी। पर अपने को कोई मतलब ही नहीं था। साला क्या माल थी जैसे चुदने के लिए ही बनी हो या चोद के ही ऐसा बनाया गया हो।

औरत- "आइ. आइआह्ह... दर्द हो रहा है.. क्या इनको मसल-मसलकर मुरब्बा ही बना दोगे क्या? ऑईई माँ.."

मैं- साली ये इसीलिए बनी है, मजा आ रहा है।

फिर हम कपड़े निकाल देते हैं। फिर क्या था क्या फाइट चल रही थी मजा तो पूछो ही मत... पर मुझे इसमें भी
मोम दिख रही थी, इसलिए तो इतना मजा आ रहा था।
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11-23-2020, 01:43 PM,
#72
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
फिर हम कपड़े निकाल देते हैं। फिर क्या था क्या फाइट चल रही थी मजा तो पूछो ही मत... पर मुझे इसमें भी
मोम दिख रही थी, इसलिए तो इतना मजा आ रहा था।

फिर जब वो नीचे बैठकर मेरे लण्ड को देखी तो साली की बिना फाड़े ही फट हो गई। पर हबस में गर्म इतनी कर दिया था की अभी वो इतना नहीं सोच पा रहा रही थी। फिर क्या था मुंह में लेकर जोर से चूसना शुरू कर दिया और 10 मिनट तक चूसने के बाद मैंने उसको उठाया और उसको उधर टायलंट पर बैठकर उसके कुछ बोलने से पहले ही उसकी चूत में लण्ड गुसेड़ दिया। उसका मुँह खुला का खुला ही रहा गया और ऐसे की पूरा एंड तक डाल दिया।

जब मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चल गया तो उसकी चूत से खून निकलने लगा, और वो चिल्लाने लगी। पर मैंने एक हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया, पर मुझे लण्ड पर अजीब सा लगा और फिर जब मैंने देखा तो क्या देखा की मेरा लण्ड उसकी चूत से निकलने वाले खून को पी रहा है।

ये मेरे लिए एक बहुत बड़ा आश्चर्य था तो, मैंने झट से उसे निकाल लिया पर पता नहीं क्यों मुझे अच्छा नहीं लग रहा था, तो मैंने फिर से डाल दिया... वो भी दो झटका में। उसकी तो हालत ही पहली हो गई। अब उससे रहा नहीं जा रहा था और में उसे चोदे जा रहा था।

फिर चुदते रहने के 5 मिनट बाद उसे भी मजा आने लगा। पर कुछ देर बाद जब उसका निकलने वाला था, तभी मैंने लण्ड निकालकर उसे उल्टा करके और उसके कुछ समझ से पहले ही उसकी गाण्ड में लण्ड पेल दिया और धक्के पर धक्का देता गया, जब तक पूरा नहीं चल गया अंदर। पर वो साली तो कब की बेहोश हो गई थी। पर में लगा रहा और मेरे इतने बड़े झटके से वो होश में भी आ गई और मुझे गाली देने लगी। जिससे मैं और मजे से चोदने लगा।

औरत. "मादरचोद... अपनी मोम को चोदो ऐसे रंडी की तरह... साले, हरामी, कमीने मेरी चूत और गाण्ड फाड़ के रख दी बहन के लौड़े, आह्ह... अब तो हफ्ते भर ठीक से चल भी नहीं पाऊँगी... कमीने, कुत्ते अब मेरा पति साला मेरी फिर गाण्ड मारेगा जब उसे पता चलेगा की मैं मरवाकर आई हैं, आअहह... अब तो आराम से चोद साले मादरचोद..."

मैं- "साली रंडी... जो गाली दे रही है वो सब मैं कर चुका है और वो भी तेरी तरह ही गाली दे रही थी। पर अब देख कैसे मस्ती से बात करती है.."

शायद अब उससे रहा नहीं जा रहा था मेरे लण्ड के बिना।

मैं- "त् साली ऐसी है और ज्यादा बकवास मत कर... सेक्सी और दर्द वाली आहे निकाल जिसमें मेरी मस्ती बढ़े।

फिर वो औरत मस्त आहे ले-लेकर चुद रही थी और मैं चोद रहा था अलग-अलग पोज में और वा चुद रही थी।

पर उसे भी पता चल गया था जब तक मेरा लण्ड पानी छोड़ेगा तब तक उसकी अच्छे से बज चुकी होगी।
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11-23-2020, 01:43 PM,
#73
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
पर जब मैं उस औरत के पास जा रहा था तो, रवि किसी को काल करनें के लिए साइड में जा रहा था। तभी एक मजे की घटना हो जाती है, और वो ये की जब रवि साइड में जा रहा होता है तो कोई बाहर का दूसरा दरवाजा खोलकर उसे खींच लेती है और नीचे गिराकर उसके ऊपर आकर उसके कपड़े निकालना शुरू कर देती है उसे तो संभालने का भी मौका नहीं मिलता और ना ही समझने का। क्योंकी बो जो कोई भी थी, वो एक बिल्कुल नंगी मोटी औरत थी और वो उसके कुछ समझने में पहले ही उसके कपड़े बहुत तेजी से निकाल देती है।

रवि का एक तो पहली बार था, दूसरा वो कुछ समझ ही नहीं पाया कि उसके साथ ये हो गया, तीसरा वो इतनी हेल्दी थी की रबि तो अब किश्मत से ही बच सकता था।

उसने रवि बड़ी जल्दी ही नंगा कर दिया था और वो तो पहले से ही नंगी ही थी, तो वो उसके मुंह के ऊपर
आकर बैठ गई और अपनी चूत चुसवाने लगी। पर रवि कुछ समझ ही नहीं पाया था तो बो कैंसं कुछ करता... पर बो औरत तो जबरदस्ती ही कर रही थी। फिर जब रवि कुछ नहीं किया तो उसके बालों को पकड़कर खींचती हुई उसे चूत चूसने को कहने लगी।

रवि अब मरा क्या ना करता.. अब तो उसे करना ही था। वो अब समझ चुका था की अब उसकी बजने वाली है

और वो उस औरत की चूत चाटने लगा। पर जब वो सही नहीं करता तो वो औरत तेजी से उसके बाल खींचते हुए उसे थप्पड़ मारती, जिससे रवि की हालत पतली हो गई थी। अब वो भी कुत्ते की तरह उसकी चूत चाटने लगा।

वो औरत भी मजे से अपनी चूत चटवातें हए और जोर से चूसने के लिए बोल रही थी, और बीच-बीच में रवि को बजाती भी जा रही थी। फिर कुछ 15 मिनट के बाद उसने अपना पानी रवि के मुंह पर छोड़ा, पर फिर वा। उसकी छाती के ऊपर ही बैठ गई, जिससे अब रवि उठ भी नहीं सकता था।

फिर 10 मिनट बाद वो फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई और रवि के ऊपर से कुछ उठकर वापस चूत चुसवाने लगी।

जब वो कुछ उठी तो रवि ने सोचा की बच गया, पर वो फिर शुरू हो गई तो रवि अब तक मन में पता नहीं कितनी गाली दे चुका था।

वो औरत अभी कुछ देर पहले पानी छोड़ी थी, तो अब इतना जल्दी नहीं छोड़ने वाली थी। ये बात रवि को भी पता थी, जिसे सोचकर उसकी तो और फट रही थी। फिर कोई 10 मिनट बाद वो रवि के ऊपर ही घूमकर इस तरह हो गई जिससे 69 पोज कहते हैं। फिर क्या था वो अपनी चूत चुसवाते हुए रबि का लण्ड भी चूसने लगी। पर जब उसने उसका लण्ड देखा तो उसको उसके पति की याद आ गई, पर अब वो कर भी क्या सकती थी। उसे तो अभी इसी से काम चलाना था। ऐसे काई 20 मिनट के बाद उसने फिर से पानी छोड़ दिया। पर इतने टाइम में तो रवि 5 बार पानी निकाल चुका था। अब तो उसकी हालत उस औरत की तरह हो गई थी जिसे अभी अभी भी चोद रहा था।
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11-23-2020, 01:43 PM,
#74
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
इधर मैं कभी आगे तो, कभी पीछे तो, कभी लिटा के तो, कभी उठकर तो, कभी बैठकर उसकी एक घंटे तक चूत और गाण्ड मारता गया। उसकी तो अब और मुझे झेलने की ताकत नहीं थी तो मैंने उसे उसकी हेल्प की कपड़े पहनने में, और बाहर गाड़ी तक छोड़ने में। फिर अंदर आकर जब मैंने रबि को ढूँढना शुरू किया और वहां पहुंचा जहां उसे छोड़कर गया था, पर साला पता नहीं कहा गाण्ड मरवा रहा था।

ऐसे ही चोदते हुए रवि ने मृत भी दिया था और लास्ट में अपना वीर्य उसकी गाण्ड और पीठ पर छोड़ दिया था। इधर रवि भी उसके और खुद के पानी छोड़ने के बाद 15 मिनट आराम के बाद, जब वो फिर से तैयार होने के बाद जैसे ही उठी तो रवि ने उसे पूरा जोर लगाकर धकेल दिया और अपने कपड़े लेकर भागा और एक जगह आकर छिप गया और अपने कपड़े पहनने लगा और कुछ देर के बाद उसने अबी को काल किया।

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11-23-2020, 01:44 PM,
#75
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_21

इधर चंदा रोज की तरह स्कूल में आज भी लंच में जब विजय के पास जाती हैं, तो विजय उसे देखकर खूश हो जाता है फिर उसके कमीने दिमाग में एक चाल आती है और वो अपनी एक फाइल गिरा देता है और उसे चंदा को उठने के लिए बोलता है, क्योंकी उसकी स्कर्ट बहुत छोटी थी।

अब विजय ये भी जानता था की अब इसके साथ कुछ भी करें ये कुछ नहीं करेंगी। क्योंकी आज वो बिना बुलाये आई थी। उसे पता था की चंदा को भी अब मस्ती चढ़ने लगी है, और चंदा भी ये जानती थी की बिजय में फाइल गिराकर उसे उठाने को क्यों कहा है? पर उसे भी तो ये सब अच्छा लगता था, मस्ती चढ़ती थी।

जब चंद्रा फाइल उठाने के लिए झुकती है तो वो चार नजरों से विजय की तरफ भी देखती है की जब वो फाइल उठा रही होती है तभी बिजय भी झक के उसकी सफेद पटी में छिपी फूली हुई चूत को ही देख रहा होता है, और चंदा भी उसे बड़े चाव से दिखा रही होती है। फिर जब वो खड़ी होकर फाइल विजय को देती है तो विजय फाइल लेकर उसे अपने पास बैठा लेता है।

पर अब विजय से कंट्रोल नहीं हो रहा था, क्याकी अब उतनी ही उसकी सेक्स शक्ति थी। वो चंदा के बैठते ही पहले की तरह ही उसके जिस्म पर हाथ फेरने और रगड़ने लगता है और कुछ देर बाद उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसकी चूचियां दबाने लगता है। जिसमें चंदा को दर्द होता है और मस्ती चढ़ने लगती है। विजय ये देखकर समझ जाता है की ये बहुत चुदासी है।

विजय उसकी स्कर्ट में हाथ डालकर उसकी पैंटी के ऊपर से ही चंदा की चूत रगड़ने लगता है। ये सब चंदा के लिए बहुत उत्तेजक था, जिससे वो तेज-तेज आहे भरने लगती है। फिर विजय का चंदा की मस्त गाण्ड याद आती है, तो उसे खड़ा करके उसे टेबल पर झका देता है। इससे चंदा की चूत तो पानी छोड़ना शुरू करने ही वाली थी, और वो इन सबसे पागल हुए जा रही थी। अब तो उसे भी चुदाई के सिवा कुछ दिख ही नहीं रहा था, जिससे उसकी ये गर्मी खतम हो।

विजय उसे उल्टी करने के बाद उसकी स्कर्ट ऊपर करके उसकी मस्त गाण्ड को मसलते हए थप्पड़ मारने लगता है। जिससे चंदा को दर्द होता है पर उसके मसलने से मजा भी आ रहा था। तभी अचानक बिजय का काल आ जाता है।

विजय इससे बहुत गुस्सा होता है की वो चूत मारने ही जा रहा था की ये काल आ गया। फिर वो काल देखता है की किसका है? जब उसे पता चलता है की किसका काल है, तो सब छोड़कर और कुछ साइड जाकर काल उठाता है

फोन पर सामने से कोई कुछ बोलता है, और विजय केबल- "जी सर अभी आता है..." और काल कट करता है।

विजय मन में. "ये सर भी क्या कुछ देर बाद काल नहीं कर सकते थे? अभी तो मैंने इसकी चूत टेस्ट भी नहीं की। चलो कोई बात नहीं, ये कहा जाएगी, सर का काम करके अगले दिन इसकी अच्छे से बजाता हैं.." और विजय चंदा को क्लास जाने का बोलकर खुद भी निकल जाता है अपने बास के पास। और बो कुछ ही देर में एक बड़े से घर के सामने आकर रुकता है जो टाइट सेक्योरिटी से घिरा था।

में इधर रबि को खोज रहा था परे पब में की मेरा फोन वाइब्रेट करने लगा, तो मैंने उसे अपने पाकेट से निकालकर देख की ये उस गान्डू का ही है, तो मैंने फट से उठ लिया।

मैं- "कहां है बे चूतिए, मैं यहां तुझे ट्रॅट रहा हैं पागलों की तरह और तेरा कुछ पता ही नहीं, अब बोल तो बहनचोद.."

रवि. "अबे त कुछ बोलने दे तभी ना... हर बार बोलता ही जाता है और यहां मेरी हालत खराब है, त फटाफट बाहर आ जा, मैं गली के मोड़ पर हैं.'

मैं- "आता हैं रुक... मैं बड़बड़ाते हुए बाहर आकर उसकी तरफ निकल जाता हैं और कुछ ही देर में उसके पास पहुँचते ही- "अ... मैं तेरे को अंदर छोड़ा था, बाहर तू यहां क्या अपनी गाण्ड मराने आया है? और तू बोल नहीं सकता था, मैं कब से टूट रहा है?"

रवि चिड़चिड़ाते हुए- "अब चुप कर और तू हमेशा मेरी गाण्ड मारते हुए क्यों सोचता है? आज तरी वजह से उस मोटी में मेरी इज्जत लूट ली... फिर मोबाइल टार्च जलाकर चेहरे पर करते हए. "और देख क्या हालत की है?"

मैं गौर से देखने के बाद- "अबे ये किसने किया? किसने मारा तुझे? और तेरी हालत देखकर लग रहा है की जैसे कोई चसा हुआ आम हो..' उसके चेरे पर थप्पड़ों के निशान थे और पूरे चेहरे पर उंगलियों के निशान थे, कपड़े फर्ट हए थे, उसके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था और पूरा पीने से भीगा हुआ था।

फिर रवि ने मुझे पूरी बात बताई की कैसे क्या हुआ? और जब वो रुका तो कुछ देर में उसे देखता रहा। पर कुछ सेकेंड बाद ही मैं हँसी से लोट-पोट हो गया हाहाहाहा।

रवि- अबै कमीने यहां मेरी हालत पर तरस खाने के बजाए तू मुझपे हँस रहा है?

मैं तो और क्या करूं? मुझे तो बहुत हँसी आ रही है। कुछ भी बोल पर तेरा अकाउंट तो खुला।

रवि- "क्या घंटा अकाउंट खुला? बल की मेरी गाण्ड मार दी उसनें। साली कृतिया, मोटी कहीं की, वैश्या थी वेष या."

में- चल छोड़, अब घर चलते हैं। बहुत टाइम हो गया है।

फिर जैसे आए थे वैसे ही घर चले गये और रवि भी। मैं रूम में आकर सीधा बेड पर लेट गया और कुछ देर में गहरी नींद में पहुँच गया।
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11-23-2020, 01:44 PM,
#76
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
इधर राज2 ने रति से संबंध बनाने की बहुत कोशीश की। पर वो हर बार मना कर देती थी, क्योंकी अब तो उसपर सिर्फ बी.डी. का राज था।

ऐसे ही रात काट जाती हैं फिर सब वही रोज की तरह अपना काम करते और फिर डाइनिंग टेबल पर होते हैं। पर आज सभी बदले-बदले थे। जिसे देखकर राज2 और अवी बहुत खुश थे और दोनों के लण्ड खड़े हो चुके थे क्योंकी सबने अब जो सनडे को शापिंग की थी वही पहना था, यानी बहुत सेक्सी और हाट ड्रेस। अब तो में एक गरम हाउस बन गया था, जहां अब सब में कामुकता भरी थी।

पर एक बात थी वो ये की जो डाली और मिशा दीदी पहले इतना शर्माती थी, अब वो बिल्कुल भी नहीं शर्मा रही थी। जैसे की पहले शर्माने की कोई मजबूरी हो, या कोई आक्टिंग कर रही थी। पर उनको देखकर सब भूल गया, क्योंकी आज घर की सभी औरतें पटाका लग रही थी यानी एक नम्बर की माल। मेरा अभी सबको दबाकर चोदने का मन कर रहा था।

ये सब अपने तांत्रिक लोल की तांत्रिक और मंत्र शक्ति का ही कमाल था की आज सभी खुलकर, क्या पूरी खुलकर सामने आ गई थीं। पर ये चारों बहनें सभी से छुपाकर खतरनाक बहुत बड़ी स्माइल देती है आपस में।

आज तो राज? के मजे थे क्योंकी झुमरी भी सेक्सी और हाट कुकिंग ड्रेस में श्री, जो उसकी आधी जांघों तक ही थी, तो अब वो उसकी नंगी जांघों और चूतड़ों के पूरे मजे ले सकेगा।

झुमरी ने इधर मजबरी और गति के कहने पर में इस तो पहन ली थी, पर उसे उसमें भी बहुत शर्म आ रही थी। क्योंकी एक तो पहली बार और उसमें उसकी चूत के कुछ नीचे तक ही छुपा हुआ था, बाकी सब ता दिख रहा था। वो जब अवी और राज के सामने आती है नाश्ता लेकर तो उसकी हालत ही खराब हो जाती है। पर झुमरी को क्या पता की इन सभी को देखकर ऐसा ही कुछ हाल दोनों बाप-बेटों का था।

झुमरी ऐसे जब राज? को खाना परोसती है, तो राज वही पहले वाली हरकत शुरु कर देता है। पर आज झुमरी कुछ नहीं कर रही थी, जैसे उसे में सब पसंद आ रहा है। अब इतने साल की चुदास को कोई चिंगारी देगा तो यही होगा ना? आज राज? जब उसकी नंगे पैरो पर हाथ फिरा रहा होता है तभी उसके जिश्म में झुरझुरी दौड़ जाती है। पर सुबह सभी जल्दी में होते हैं तो सबने जल्दी नाश्ता खतम कर लिया, तो राज2 आज भी झुमरी के चूतड़ों पर पहुँच नहीं पाया और वो भी खाना जल्दी खतम करके बाकी के साथ निकल जाता है। पर आज नैना दीदी घर पर ही रुकी थी क्योंकी उनकी हेल्थ ठीक नहीं थी, शायद औरतों की परेशानी की वजह से। तो रिया दीदी को अकले ही जाना पड़ा।

एक बात बता दूं की सभी अलग-अलग जाते हैं, सिर्फ रिया और नैना दीदी को छोड़कर क्योंकी इनका एक ही कालेज है।

मैं अपनी बाइक से स्कूल जाता हैं, और वहां जाकर अपनी क्लास में चल देता हैं। पर ये क्या साला रवि रात की वजह से आज स्कूल नहीं आया कमीना। फिर मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं। लंच में घर चल देंगे और वो साली रेणु भी उधर लड़कियों में बैठी थी। मैं उसे बुलाता की उससे पहले ही आती है मिस मीनाक्षी दीक्षित अपनी बड़ी-बड़ी गाण्ड और चूचियां हिलाती हुई।

साली सबकी सब मेरा लण्ड बैठने ही नहीं देती हैं। मैं तो कैसे सबसे पीछे लास्ट बैंच पर अकेला बैठा था और वो पदना स्टार्ट करती है की अचानक उसकी नजर मेरे पर पड़ती है, और फिर बेंच के नीचे से उसका हाथ मेरे उभार पर। इतने बड़े लण्ड का अनुमान लगाकर साली की सांस रुक जाती हैं। पर उसे क्या पता की उसके अनुमान से भी बड़ा है अपना पप्पू और ऐसे ही बीच-बीच में चारी-छिपे देखती रही। जिससे उसको मस्ती भी चढ़ रही थी, जिसमें पटने में परेशानी हो रही थी।

वो बड़ी मुश्किल से अपने आपको संभाल रही थी। फिर लंच होने के बाद सीधा वा टायलेंट में घुस जाती हैं। अब अपन भी ये सब देख तो रहा था, पर कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी सबके सामने, तो बैंठा रहा और लंच होने पर कैंटीन में एक चाय पीकर घर की तरफ निकल जाता हैं।
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11-23-2020, 01:44 PM,
#77
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
साली सबकी सब मेरा लण्ड बैठने ही नहीं देती हैं। मैं तो कैसे सबसे पीछे लास्ट बैंच पर अकेला बैठा था और वो पदना स्टार्ट करती है की अचानक उसकी नजर मेरे पर पड़ती है, और फिर बेंच के नीचे से उसका हाथ मेरे उभार पर। इतने बड़े लण्ड का अनुमान लगाकर साली की सांस रुक जाती हैं। पर उसे क्या पता की उसके अनुमान से भी बड़ा है अपना पप्पू और ऐसे ही बीच-बीच में चारी-छिपे देखती रही। जिससे उसको मस्ती भी चढ़ रही थी, जिसमें पटने में परेशानी हो रही थी।

वो बड़ी मुश्किल से अपने आपको संभाल रही थी। फिर लंच होने के बाद सीधा वा टायलेंट में घुस जाती हैं। अब अपन भी ये सब देख तो रहा था, पर कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी सबके सामने, तो बैंठा रहा और लंच होने पर कैंटीन में एक चाय पीकर घर की तरफ निकल जाता हैं।
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इधर एम.एल.ए. रिया के कालेज में प्रिन्सिपल सभी का आज हाफ डे करने को कहता है। प्रिन्सिपल इसका रीजन पूछता है।

वो एम.एल.ए. बोला- "अबे जो बोल रहा हैं वो कर, अपना दिमाग मत चला समझा? वरना नौकरी और जान दोनों खो बैठेगा, चल फोन कट कर और काम हो जाना चाहिए..."

प्रिन्सिपल समझ जाता है की उसी के कालेज के किसी ना किसी का गमें बजने वाला है पर वो कर भी क्या सकता है? उसे भी तो अपनी जाब और लाइफ प्यारी थी।

जब रिया का कालेज हाफ टाइम में ही खतम हो जाता है, तो वो अपने घर की तरफ निकल जाती है, और जब वा उसी सूनसान रास्ते पर आती है तो पता नहीं कहां से 8-10 गुन्डे आते हैं और उसका मुंह और हाथ-पैर पकड़कर उसको सूनसान रास्ते पर ले जाते हैं, ये सब इतना अचानक हुआ की रिया को कुछ समझ में ही नहीं आया। पर जब ये सब उसे ले जा रहे थे तो उसे कुछ अंदाज हो जाता की वो उसका किडनैप करके ले जा रहे हैं। तो वो डर और छटने के लिए झटपटाने लगती है। कुछ बोल तो सकती नहीं थी, क्योंकी उसका मुँह पहले से ही बंद था।

जब उसे ये सब ले जा रहे थे तभी अवी भी दूर से आ रहा था, और उसे ये सब दिख जाता है। जिससे वो बाइक की स्पीड तेज करके वहां पहुँच जाता है।

पर वो रिया को ले गये थे तो वो भी पीछे-पीछे चल देता है जो 5 मिनट के बाद एक बड़े से खंडहर के अंदर गये थे। अवी भी छुपते हुए चल देता है तो अंदर जाकर देखता है की 10 गुन्डे रिया को पकड़े हुए हैं, और उसके स्कू ल के 5 लड़के भी हैं, जो ये सब देखकर मजे ले रहे थे और हंस रहे थे।

अब बता देता है की कौन-कौन है? अमित और उसके दोस्त जो उस दिन थे, और 10 गुन्डे जो काफी हटें-कटें थे और उनमें से ही उनका एक लीडर था। उसकी बाडी भी मस्त थी, अमित का बड़ा भाई नहीं था यानी अजीत।

अवी देखता है की वो रिया को परेशान कर रहे हैं। पर वा सभी अमित की बात मान रहे थे, यानी ये उसके गुंडे थे

अमित- "क्यों साली... तने और तेरी बहन ने सबके सामने मुझे थप्पड़ मारा था ना... पर अब देख तेरा क्या हाल करता हैं मैं। मेरे दोस्त और ये मेरे आदमी सब तेरी थप्पड़ मार-मार के बजायेंगे अब, साली तेरी बहन आज नहीं है, इसलिए बच गई। पर कल कैसे बचेंगी?" और अब रिया के मुँह से हाथ हटा लिया गया था।
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रिया इरते हुए- "देखो, उस दिन गलती तुम्हारी थी तो हमने थप्पड़ मारा। अगर तुमने कुछ किया तो अच्छा नहीं होगा समझ लेना..."

अमित- "अब देखो तो साली को इतने लोगों के बीच फंसी हुई है, फिर भी हमें धमकी दे रही है। अब तो इसकी लेने में और मजा आएगा..."

इधर मैं इसे हए ये सब देख रहा था। फिर बी.डी. की आवाज आती है की- "अबें ये हमारे माल की लेने पर, और त कुछ कर क्यों नहीं रहा है?"

मैं- अन्चे देंख नहीं रहा वो कितने हैं, और मुस्टंडे भी? मैं क्या कर पाऊँगा?

बी.डी.. तू भी एक शैतान है, उनसे कहीं ज्यादा ताकतवर है। वो तेरा कुछ नहीं कर पाएंगे।

मैं- "ठीक है, जाता हैं." और मैं बी.डी. की बात मानकर सामने जाता हैं। क्योंकी उससे पहले ही मुझे बहुत कुछ मिला था तो मुझे उससे हिम्मत मिल रही थी- "ये कमीनों मेरी दीदी को छोड़ दो नहीं तो अच्छा नहीं होगा.."

सभी अचानक मेरे आने में एक बार तो इर जाते हैं। फिर मुझे देखकर सब तेज-तेज हँसने लगते हैं- "हाहाहाहा."

गुन्डे का लीडर- "देखो छोटे सर, कौन आया है? यानी ये माल तरी बहन हैं और मस्त है। इसके सामने इसकी बहन की बजाने में और मजा आएगा..."

अमित- "ओहह... तो ये तेरी बहन है, अब तो और मजा आएगा साले... हौं तू मेरे सामने बहुत अकड़ रहा था ना?"

अब मैं क्या देख रहा है ये तो चंदा का इंग्लिश टीचर विजय है यानी इन गुन्डों का लीडर।

बी.डी.- तो आ जाओं और मारो सालों को मादर चोद।

विजय गुन्डा का लीडर. "माले गाली देता है जा रहा है? पकिया बता कौन क्या है?"

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11-23-2020, 01:44 PM,
#78
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
तभी अमित बोलता है- "रुको विजय.. इसे तो हम लोग ही संभाल सकते हैं.." फिर अपने दोस्तों को- चलो रे इसको बजातं है.."

फिर सभी मेरी तरफ आते हैं मुझे मारने, और में पहले से तैयार था, ये अमित को मिलाकर 5 लोग थे। सबसे पहले अमित स्टाइल मारते हए आता है और एक पंच मेरे मुंह पर मारता है पर उससे पहले ही मैं उसे एक थप्पड़ मारता है, जिससे एक साथ 10-12 थप्पड़ पड़े ऐसा शक्त लगता है जिससे बेचारा नीचे पड़ा हुआ मिलता हैं। मैं कोई टाइम न देते हुए दूसरे को भी एक थप्पड़ टिका देता है, और तीसरा मुझे मारने के लिए जैसे ही उठता है में उसके दूसरे पैर पर एक हल्की सी किक मारता है जिसमें तीनों धूल चाह रहे थे, और मुँह पर खून भी निकल रहा था।

चौथा और पांचवां एक साथ आते हैं, दोनों पंच मारने के जैसे, पर मैं उससे पहले ही अपने दोनों हाथों से एक एक जड़ देता हैं। अब उनकी भी हालत उन तीनों के जैसी थी। ये सब मैंने सिर्फ एक मिनट में किया था, जिससे दीदी, वो सभी और मैं खुद भी आश्चर्य में था। पर ये सब शक्ति मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। और तो और उन सबका खून देखकर डर ना लगने की जगह अच्छा लग रहा था।

पर मैं (बी.डी.) यहीं नहीं रुका बल्की एक शैतानी हँसी के साथ विजय और उन गुन्डों को देखते हए वो सभी खड़े हुए थे। मैं उनके मुँह पर किक मारने लगा और वो दर्द से चिल्ला रहे थे और खून बह रहा था। पता नहीं क्यों पर ये सब, दर्द की चीखें और बहता खन देखकर अच्छा लग रहा था, ये ताकत मझे एक नशे की तरह लग और चढ़ रही थी।

उन सभी की ऐसी हालत देखकर सभी को सदमा लगा था। एक मेरी शक्ति का और दूसरा अमित को कुछ हो गया तो उसका बाप उनको मार देगा और उसकी हालत मरजें जैसी ही हो गई थी।

विजय- "देख क्या रहे हो जाओ साले को मारो..."

उसकी बात सुनकर 6 लोग मेरी तरफ दौड़ते हैं, और मैं फिर सिर्फ एक शैतानी स्माइल जिसमें कुछ खौफनक हँसी भी थी, उनकी तरफ देखते हुए नीचे मार रहा था।

जब गुन्डा। पूरे जोर से मुझे एक पंच मारता है और में उसे आसानी से पकड़ लेता हैं और उसे घुमाकर तोड़ देता हैं। इतने में दूसरे के मेन पाइंट पर एक मस्त किक मार देता हैं, जिससे उसके मुँह में खून भी निकल जाता है

और दोनों की चीखें सुनाई देने लगती हैं। तीसरा और चौथा भी दौड़ते हए आ रहा था तो मैं (बी.डी.) नीचे बैठकर दोनों के पैर पकड़कर ऊपर उठ देता हैं जिससे दानों तेजी से जमीन पर उनके मुंह गिरते हैं और उनकर सिर और मैंह फट जाते हैं। जिसमें बेचारे सही से चिल्ला भी नहीं पाते।
.
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पाँचवां चिल्लाता हुआ आ रहा था की मैं उसके गले के बीच में एक पंच मारता हैं, जिससे उसकी आवाज और वो दोनों ही बंद हो जाते हैं और छठा भी उसकी ठीक पीछे ही था तो मैं उसकी नाक पर एक मस्त पंच मारता है, जिससे उसके मुंह से भी खून बहने लगता है, जो नीचे गिरते ही सुन्न पड़ जाता है। ये सब भी सिर्फ एक मिनट में ही हुआ था और वो भी ऐसी दुर्दशा की उन चारों की हालत खाब हो जाती है।

विजय इरते हुए- "तुमने इन्हें पहले कैसे मारा वो भी इतना जल्दी और इतनी बुरी तरह?"

बी.डी.- "अचे चूतिये, मैं कोई हीरा नहीं जो पहले तुमसे मार खाता और फिर मारता। मैं तो विलेन हैं, वा विलेन जो शुरू में भी मारता है और लास्ट में भी... अब तुम सब मरोगे हाहाहाहा."
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विजय और उसके बचे हये 3 गुन्डे बहुत डर जाते हैं, और अपने लड़ने के लिए इधर-उधर कुछ देखने लगते हैं। पर एक बात थी वो ये की इतना सब हाने, यानी चीखें और खून देख पर भी दीदी सिर्फ उतना ही इरी जितना किडनैप के वक्त लगा था। अजीब बात थी ये। पर मुझे में थोड़े ही देखना था। पर मेरे दोस्तों का तो गेस करना है ना?

अब विजय के पास हमेशा एक बड़ा चाक होता था तो उसने वो निकाल लिया और उन तीनों के पास कुछ नहीं था तो दोनों हाथों में पत्थर उठ लिया मझे मारने के लिए। मझसे और मेरी हँसी के डर से उनके हाथ कांप रहें थे। फिर उन तीनों में से एक ने एक पत्थर मेरी तरफ मारा। मैं नीचे झक कर और गोल-गोल घूमते हुए कुछ आगे भी आया। ऐसे ही वो मुझ पर पत्थर बरसा रहे थे और मैं बचते हए आगे बढ़ रहा था, फिर एक पेड़ के नीचे से एक पुरानी सी ईंट उठकर एक के सिर में फोड़ दी, और वो जोर से एक बार चिल्लाया फिर बाद में जमीन पर गिरने से उसका चेहरा खून से लाल हो गया था।

फिर दूसरे के पास जाकर दो इंटों को उसके नीचें दोनों पैरों पर दे माराम जिससे जोर-जोर से चिल्लाते हए नीचे गिरकर रोने लगा। फिर एक और पत्थर से सिर फाग दिया। तीसरा और विजय तो इर में बुत बने हुए थे। मैं फट से उनके पास जाकर उनके समझने से पहले ही उनकी गईन तोड़ दी। वो नीचे गिर गया चुपचाप।

अब सिर्फ बिजय बचा हवा था। में कब उसके सामने खड़ा हो गया, उसे पता ही नहीं चला। पर कुछ पल में समझकर वा इर से चिल्लाते हुए पीछे जा गिरा और छोड़ने के लिए कहते हुए पीछे खिसकने लगा।

विजय मौत वाली दुर से- "मुझे.. मुझे छोड़ दो... मैं पागल्ल था जो तुम्हारी बहन को किडनैप किया."

में उसके पास जाकर- "वो मेरी माल हैं, और उसे सिर्फ में ही चख सकता हैं..."

मेरी बात सुनकर उसके चेहरे पर डर और कन्फ्यू जन के भाव थे, पर ज्यादा देर नहीं। क्योंकी मैंने एक मस्त पंच उसके मैन अंग में मार दिया था। जिसमें एक आवाज के साथ वो भी चोप हो गया और मेरे चेहरे पर वहीं कमीनी स्माइल थी।
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11-23-2020, 01:44 PM,
#79
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
update_22

इधर तांत्रिक लोलू की तरफ

जिस दिन राज2 ने रति के सामने और रति के बारे में बात करके उसकी हेल्प ली थी उसके बाद। तांत्रिक लाल मन में- "हाहाहाहा... मालिक को लगता है की मैं ये सब उनके लिए कर रहा है और राज2 को लगता है की में उसकी मदद कर रहा है हाहाहाहा... ये सब मेरी माया और तान्त्रिक जाल हैं। सब में कर रहा है वो भी अपने लिए इस नियां पर राज करने के लिए। मैंने मालिक की मौत और इस दुनियां पर राज करने के लिए एक बड़ा भयानक और खतरनाक हथियार को अपने शैतानी दिमाग से बनाया है। मैंने सालों पहले अपनी ऐसी चाल चली की सब अब मोहरे बनकर रह गये हैं मेरे लिए और उनमें मालिक भी है पर अब वो कहां रहे। अब सभी मेरे गुलाम होंगे हाहाहाहा.."

तभी मारला आती है और बोलती है- "क्या हुआ बाबा, किस सोच में डूबे हो?"

तांत्रिक लोलू मारली की आवाज से अपनी सोच से बाहर आता है और उसे देखकक- "कुछ नही... मारला सोच रहा था की न पहले लण्ड में जार था ना इस बाडी वाले के लण्ड में जोर है, साली तुझ जैसी माल को बस अपने हाथों से ही रगड़ना पड़ता है। पर चूत नहीं मार सकता। पर एक बार उसकी सभी शक्ति खुल जाए और फिर तो में राज और मजे ही करता रहंगा लाखों साल तक..."
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बी.डी. की तरफ। मेरी बात सुनकर उसके चेहरे पर डर और कन्फ्यूज़न के भाव थे पर ज्यादा देर नहीं। क्योंकी मैंने एक मस्त पंच उसके में अंग पे मार दिया था। जिसमें एक आवाज के साथ वो भी साइलेंट हो गया और मेरे चेहरे पर वही कमीनी स्माइल थी।

कुछ देर उसे देखने के बाद मैं खुद को नार्मल किया और रिया दीदी की तरफ गया। वो तो अभी शायद आश्चर्य में थी... और हो भी क्यों नहीं? अब मैं भी एक शैतान जो बन गया था। तो मैंने उन्हें हिलाकर होश में लाया तो वो सदमे से बाहर आते ही।

रिया दीदी- "अब क्या होगा भाई?"

बी.डी.- नो टेन्शन यार, कुछ नहीं होगा। तुम किसी को कुछ बोलना मत। बस सिंपल।

रिया दीदी. पर ये सब मर चुके हैं, ये सब छुप नहीं पाएगा।

बी.डी.-"तभी तो बोल रहा है कुछ नहीं होगा, चिंता मत करो। अब चलो यहां से किसी के आने से पहले..."

जब ये लोग बाहर की तरफ जा रहे तो वो लड़के यानी अमित और उसके दोस्त अभी भी वही पड़े थे और तड़प रहे थे।

उन्हें देखकर दीदी बोली- "ये तो अभी जिंदा है, इन्हें हास्पिटल ले जाते हैं.."

बी.डी.- "मय में दो, अगर लेकर गये तो फैंस भी सकते हैं..." और ये कहकर मैंने उनकी तरफ एक शैतानी स्माइल दी, जो तड़पते हुए हमारी ही तरफ देख रहे थे और हम चुपचाप से निकल जाते है घर की तरफ।

घर पहुँच कर हम अपने रूम में जाते हैं, मैं तो गम जाते ही बाथरूम में जाकर फ़ैश होता है पर जब में बाल बनने और खुद को देखने के लिए मिरर के सामने जाता है तो पूरे आश्चर्य में आ गया। क्यों उसमें मेरा जप कुछ और ही था, जो शायद आज के बेरहम और खूनी खेल की वजह से आया था और मेरा दिल भी मिरर में दिख रहा था जो एक तरह से ब्लैक हो गया था कुछ-कुछ। जिसे देखकर लग रहा था की जैसे ये ब्लैक लिक्विड है, वो मेरे दिल को पूरा इलैक करना चाह रहा है पर अभी हवा नहीं था।

फिर मोम को पता चलता है की में और रिया जल्दी आ गये हैं तो वो पूछती तो, रिया अपना और में अपना एक रीजन दे देते हैं। पर आज मोम सेक्सी ड्रेस में थी और मुझसे अलग ही तरह से बात कर रही थी। जिससे नीचे लौड़ा खड़ा हो रहा था।

ऐसे ही सभी का परा दिन निकल जाता है और मैं उस कमीजे रवि के घर भी नहीं जा पाता आज की वजह से।
और वैसे भी कई दिन हो गये थे उसके घर गयें हए। फिर रात हो गई और सब डिनर करते है, और राज2 डिनर के साथ अपनी मस्ती भी। पर उसे क्या पता था की ये सब अब और नहीं कर पाएगा। फिर सभी अपने रूम में जाकर सो जाते हैं।

साला मुझे मंग लण्ड सोने ही नहीं दे रहा था ऐसे ही गत के एक बज जाते हैं और मैं आँखें बंद करके सो रहा था की मुझे मेरे रूम की खिड़की की तरफ कुछ आहट सुजाए देती है, तो मैं वैसे सोते हुए सतर्क हो जाता हूँ। कुछ देर में खिड़की से एक मस्त सेक्सी बलैक ड्रेस में एक मस्त माल अंदर आती है, शायद चोरी करनें। अब लण्ड को क्या चाहिये? सिर्फ मारने के लिए एक मस्त चूत जो आ गई थी, अब इसे क्या पता थी की में चोरी इसकी चूत की धज्जियां उड़ावा देगी।

रूम साउंडप्रफ ही है, ये खिड़किया यदि बंद हो तभी।
उसके अंदर आते ही मैंने झट से उसके मैंह को बंद करके उसे पकड़ लिया और उसे उठकर बैंड के पास ले आया,
और कहा- "मैं जानता हैं की त एक चोर है। अब मैं तेरी चूत चोदूंगा। अगर त ज्यादा नाटक की ना तो तुझे मार के फैंक दंगा, किसी को पता भी नहीं चलेगा समझी? और हाँ अब एक नम्बर की रंडी की तरह चुदना मुझसे, वरना याद है ना?"

उसने भी डरकर अपना सिर हाँ में हिल दिया। मैंने उसे छोड़कर सीध करके उसके समझने से पहले ही पकड़कर उसके जिम को अपने दोनों हाथों से रगड़ने लगा। साली की गाण्ड बड़ी मस्त थी। आज इसकी चूत और गाण्ड फाड़कर रख दूंगा। मैं साली के चूतड़ों को जोर-जोर से मसल रहा था, जिसमें वो दर्द और मस्ती की आवाजें निकाल रही थी जिससे मुझे और नशा चढ़ रहा था। अब मैंने फटाफट उसके कपड़े निकाल दिए पर मास्क नहीं। क्योंकी जरुरत ही नहीं थी, जिसकी थी उसके लिए जगह थी। कपड़े निकालने के बाद उसकी मोटी चूचियों का बेदर्दी से चूसने लगा और साथ ही मसल भी रहा था।

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11-23-2020, 01:44 PM,
#80
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
बो- "आहह... आहह... धीरे करो... मुझे दर्द हो रहा है..."

पर उसकी सुन कौन रहा था। फिर उसे उल्टी करके उसकी नंगी गाण्ड पर थप्पड़ मारने लगा, जिससे बा चिल्लाती और मुझे मजा आता और मैं और जोर से मारता।

बो- "आह्ह... कमीने माधरचोद हरामी साले... क्या मार-मारकर रंडी की जान्न ही ले लेगा.. आह्ह.."

फिर मैंने अपने कपड़े निकालते हमे उससे कहा- "मैं जब तक कपड़े निकाल रहा है, तू फैलाकर अपनी चूत दिखा,
पर एकदम रंडी की तरह समझी?"

वो वैसा ही करती है।

बी,डी, उसे ऐसे एक रंडी की तरह अपनी चत को दिखाने में मस्त हो जाता है, और उसे उल्टा करके उसे झुकाकर उसकी चुदी हुई चूत में अपना मोटा, लंबा लण्ड सेट करके एक धक्का मारता है। जिससे मेरा लण्ड उसकी चूत में 3" इंच तक चला जाता है। पर वो तो इससे ही चिल्ला उठती है। शायद उसने एमा लण्ड नहीं लिया होगा। मैं उसके चिल्लाने पे कोई ध्यान नहीं देते हए एक और धक्का मारता हैं और फिर एक और धक्के में पूरा लण्ड अंदर। बा तो दर्द से रोए और चिल्लाए जा रही थी और उसकी हालत भी ठीक नहीं थी।

वो- "मादरचोद, बहनचोद साले लौड़े, कमीने, हरामी सच में रंडी समझ लिया क्या, कुछ तो रहम कर मुझपे?" मैं कोई ध्यान ना देते हए चादे जा रहा था। फिर कुछ घुमाकर चोदने लगा। अब उसका भी दर्द और मजा दोनों आ रहा था।

ऐसे 10 मिनट के बाद वो झड़ गई तो उसने कहा- "अब कुछ देर रुक कर चोद लेना..."

पर में नहीं रुका और उसे घोड़ी बनाकर चोदने लगा। उसे भी फिर मस्ती चढ़ने लगी। कुछ देर बाद मैंने फिर आसन बदला और मैं नीचे लेटकर उसे अपने ऊपर लेकर अपना लण्ड उसकी चूत में डालकर उसे उछलने के लिए बोला, और वो ऐसा ही करने लगी। ऐसे ही चोदने से वो एक बार और पानी छोड़ दी।

फिर मैंने उसको बिना आराम कराए ही अपना लण्ड उसकी चूत से निकालकर उसे घुटनों के बल बिठाकर उसके मुँह में लण्ड डाल दिया और वो कुछ देर चुसवाने के बाद मैंने उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया। फिर उसे उठाकर नीचे करजे उसकी चूत चोदने लगा और कुछ देर में ही वो फिर अपनी चूत गीली कर दी।

तीन घंटे में वो 3 बार झड़ चुकी थी और अब मैं सोफे पे बैठकर उसके दोनों पैर खोलकर उसे अपने लण्ड पर बिठाकर उसके दोनों चतड़ों को पकड़कर चूत चोदने लगा और ऐसे ही 15 मिनट बाद मेरा भी लण्ड अपना जहर उसकी चूत और पेंट पर छोड़ दिया। और फिर मैं एक घंटे के बाद ऐसे ही उसकी गाण्ड भी मारा जिससे चूत की तरह उसमें भी खून निकला और मेरा लण्ड चूत की तरह ही उसकी गाण्ड से निकलते हुए खन को पीने लगा। पर मैं तो चूत और गाण्ड में ही खोया हुआ था, इस बात पर तो ध्यान ही नहीं दिया।

अगले दिन सुबह मेरे उठने से पहले ही वो वापस चली गई की कहीं मैं उठकर फिर ना मारने लगूँ उसकी चत और गाण्ड। ऐसे ही मेरी रात गुजरी और मैं चैन से सो रहा था पर अगले दिन क्या होगा ये किसे पता था? फिर रोज की तरह सब तैयार होकर आ गये और अब रिया दीदी नार्मल थी कुछ।

में जब फ्रेश होकर मिरर के सामने आया तो आज मेरा दिल कल से ज्यादा ब्लैंक था। मैं इसके बारे में सोच ही रहा था की अचानक मेरे रूम में मेरे से कुछ दूर ही एक बहुत काला धुंआ होने लगा और उसमें से एक बड़ा सा शैतान निकला जिसके साथ एक काला पाक्सी भी था।

बड़ा शैतान- "अवी में तुम क्या बन रहे हो? अभी भी बक्त है रुक जाओ। माना की ये तुम्हारी पहचान है पर ये मत भूलो की तुममें एक इंसान के भी अंश हैं.."

मैं इर और आश्चर्य से- "कौन हैं आप? और मेरे गम में कैसे आ गये?" क्योंकी मैंने सोचा था की ये सब शक्ति सिर्फ मेरे ही पास है, पर ये तो और भी शक्तशाली हैं।

बड़ा शैतान- "मैं शैतान लोक का राज गुरु "गुरुकाल" हैं और तुम भी एक शैतान हो। इसलिए मैं तुम्हें संभालने
और समझाने आया हूँ। अभी तो तुम अपनी असलियत में भी अंजान हो.."

मैं- "मैंने ऐसा क्या किया जो आपको शैतान लोक से मुझे समझाने के लिए यह आना पड़ा? और क्या है मेरी असलियत जो अभी तक नहीं पता? बी.डी. की पहचान के बाद भी..."

गुरुकाल- "तुमने क्या किया ये तुम्हें नहीं पता? कल तुमने उन सभी का मार दिया और उन लड़कों को भी जान से मार दिया। उनको तो एक मौका देना चाहिये था ना? वो भी तुम्हारी उम्र के थे। फिर उनके बाप का भी तो असर था, पर तुमने उन्हें बेहरमी से मार दिया। और तुम्हें ये तुम्हारा असली नाम है इसके पीछे का मकसद, कारण और क्यों और कैसे किया गया, में सब तुम्हारे जन्म से संबंधित है। तू तो इस नाम और शक्ति को ही सब मान बैठे हो। पर ये सब अधूरा सच है। सच क...

मैं बीच में ही बोल पड़ा- "पर उन्होंने मेरी बहन का किडनैप किया और उसके साथ जबरदस्ती भी कर रहे थे, तो उन्हें सजा तो देनी ही थी.."

गुरुकाल- "तुमने भी ता अपनी मोम के साथ सोते वक्त और फिर सुबह सेक्स किया, वो क्या था? यही नहीं कल गत भी तुमने उस लड़की के साथ कितना बुरा किया। माना ये तुम्हारी उम और साथ ही ये ब्लैंक शक्ति मिलने से तुम अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हो, पर ये भी सच है की तुम उन्हें अपने भाई होने के फर्ज की बजह से नहीं, बलकी उनके खून और दर्द को देखकर खुश थे, और इसमें भी हवस की ही भावना थी। क्योंकी पहले तुम अपनी सभी बहनों को भोगना चाहते थे। पर अभी तो तुम उनकी असली पहचान भी नहीं जानते हो। ये सब एक जाल है। अभी भी वक्त है, मेरे साथ चलो, मैं तुम्हें अपनी शक्ति पर कंट्रोल सिखा दंगा.."

मेरे अंदर से बी.डी.- "नहीं अबी, ये सब झठ बोल रहा है। अगर एक शैतान ये नहीं करेंगा तो कौन करेंगा? और फिर उसकी पहचान क्या होगी? और वैसे भी शैतान में रिश्तों का कोई मोल नहीं होता और ये तुम्हारी बहन के बारे में झूठ बोल रहा है। तुम तो सालों से देखते आ रहे हो उन सभी को फिर वो कोई और कैसे हो सकती है?"

गुरु काल- "जो तुम्हारी शक्ति बोल रही है, वो सच पर वो सिर्फ बरं शैतान करते हैं। मैं ये नहीं बोल सब शैतान नहीं करता, पर वो सिर्फ बहुत गलत करने वाले के साथ ही करते हैं और सभी शक्ति उनकी कंट्रोल में होती है। और रही रिश्ता की बात तो ये सब उनकी सोच और भावना पर डिपेंड करता है। जो अभी शैतान लोक का शैतान किंग है वो भी तो एक बहुत शक्तिशाली शैतान है। पर वो एक अच्छा शैतान है और ये जरूरी नहीं की किसी के पास ब्लैक शक्ति हो तो वो गलत ही करे?"

में ता बी.डी. की बातों में ही था की ये सब क्या झाल है? और गुरुकाल उसकी बातें सुनकर बोलते हैं जिससे मैं चकित होता हैं। क्योंकी बो बी. डी. की बात भी सुन पा रहे थे।

बी.डी. फिर मन में. "ये हमरी बातें इसलिए सुन पा रहा है क्योंकी अभी अपनी पूरी शक्ति आक्टिव नहीं हुई है, ये तुम्हें अपनी बातों में फंसा रहा है, और इसे पता है की तुम्हारी शक्ति बहुत ज्यादा है और वो भी की सैकड़ों शैतान के एक साथ होने पर भी तुम उनसे ज्यादा शक्तिशाली होगे, और हम हर जगह राज कर सकते हैं."

मैं क्या ये सच है की मेरी शक्ति बहुत ज्यादा है।

गुरुकाल- हाँ ये सच है।

.

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