RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
हाँ जी..सबका दिमाग़ चल गया ना दुबारा..सोच रहे होंगे..कि में बोल रहा हूँ ये
सब.....क्यूँ मेरी टोकने में लगे रहते हो आप सब के सब...
ये सब में नही बबीता सोच रही है..लेटे लेटे....
उधर जेठालाल का भी कुछ ऐसा ही हाल था...
अपना एक हाथ सर के पीछे ले जाके...अपनी बड़ी सी आँखें खोल के लेटा पड़ा था....
उसकी सोच भी यही थी..कि क्या में ग़लत कर रहा हूँ...
दया को धोका देके.....क्यूँ कि मुझे तो कोई कमी नही है...दया हमेशा खुश
रखती है मुझे...
नही नहिनहि नही....मुझे नही करना चाहिए ये...में दया के साथ नही कर सकता...
हाँ मेने ये फ़ैसला कर लिया है..कि में नही करूँगा...
ओह्ह तो हमारे जेठा जी..शरीफ बन गये..क्या बात..है.....
अरे रूकिए रूकिए...आगे मत जाइए....ये कुछ और भी सोच रहे हैं.....
में अपने आप को तो संभाल लूँगा..लेकिन में अपने इस लंड को कैसे संभालू..
जहाँ बबीता जी को देखता हूँ...वहाँ तो ये टन से खड़ा हो जाता है...और फिर इसे
बिठाना मुश्किल ही नही मेरे लिए तो नामुमकिन हो जाता है..
और वैसे भी वो बबीता जी है....उनको कैसे मना कर सकता हूँ में....उनकी तरफ
तो में ऑटोमॅटिकली खिचा चला जाता हूँ....
और वैसे भी बबीता जी को मेरी ज़रूरत है...और में उन्हे निराश तो वैसे भी नही
देख सकता.....
चलो फिर उनको खुश करने के लिए उनके साथ एक बार...सिर्फ़ एक बार कर दूँगा..
कम से कम उन्हे खुशी तो मिल ही जाएगी.....सिर्फ़ एक बार.....
लो जी...आ गये जेठालाल अपनी औकात पे.....मुझे लगा .. मुझे क्या सबको लगा होगा
सुधर गये..लेकिन ये रहेंगे तो वैसे ही बबीता जी के दीवाने....
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अभी सब आराम कर रहे थे..क्यूँ कि मोहन लाल ने सबको 7 बजे रेडी होने को बोला
है.....कुछ सर्प्राइज़ दिखाउन्गा ऐसा बोल रहा था..पता नही किस सर्प्राइज़ की बात हो
रही है...वो तो 7 बजे ही पता चलेगा......
एक और बात...ये दोनो कह रहे हैं सिर्फ़ 1 बार ही करेंगे..जिससे खुश हो जाए....
लेकिन आपको क्या ऐसा लगता है..कि शरीर की प्यास 1 बार में भुजाई जाती है...
मुझे तो कुछ अजीब लगता है...1 बार....आपको क्या लगता है...कि एक बार से ये संतुष्ट
हो जाएँगे...कि इस खेल को आगे भी जारी रखेंगे.....आप भी सोचिए...
में भी सोचता हूँ.......
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
|