खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
02-15-2021, 05:52 PM,
#1
खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
अब तक आपने मेरी कहानी खाला को चोदा 1-3
में पढ़ा था कि नूरी खाला को जबरदस्त चुदाई का मजा देने के बाद दूसरे दिन मेरा निकाह हलाला की बंदिश में बंधी मेरी आपा सारा से होना था और उसके साथ मुझे शौहर के मानिंद रात गुजारनी होगी. मतलब उसे चोदना होगा.

अब आगे:

इधर उस हलाला वाली आपा के बारे में बता दूँ. आपको याद होगा कि मेरी एक कजिन थी, जिसका नाम सारा था और उसकी उम्र लगभग उन्नीस साल की थी. उसकी शादी हमारे कजिन इमरान से हुई थी और उनका आपस में बहुत प्यार मोहब्बत था. फिर पता नहीं क्या हुआ कि इमरान ने ग़ुस्से में आकर मेरी कजिन सिस्टर को तलाक़ दे दिया और इसी कारण से वह शादी में भी नहीं आयी थी.

इस तलाक देने के बाद मेरे कजिन को बहुत पछतावा हुआ और इमरान ने दोबारा सारा से शादी करने की ख्वाहिश की, तो मौलवी साहेब बोले कि शरीयत के रूल से सारा को हलाला से गुजरना होगा और कम से कम एक रात के लिए किसी और की बीवी बनना पड़ेगा, तब ही तुम दोनों की शादी हो सकती है.

उसके बाद शाम के समय मेरा और सारा का निकाह हो गया. तो मेरे मामू जो सारा के ससुर भी थे, उन्होंने मुझे बाहर बुलाया और कहने लगे कि आमिर बात सिर्फ निकाह की नहीं थी, तुम्हें रात को अपनी कजिन सिस्टर के साथ मियां बीवी की तरह सोना भी पड़ेगा.

मुझे ये बात पहले ही खाला ने बता दी थी. मैं और भी खुश हो गया. लेकिन दिखावे के गुस्से से मैं बोला कि मामू ये नहीं हो सकता.

तो मामू ने मेरे अब्बा को फ़ोन किया और दिक्कत बताई, तो उन्होंने भी इजाजत दे दी.

मैंने इतने में देखा सारा की एक छोटी बहन ज़रीना भी थी. वो अठारह साल की थी और बला की खूबसूरत थी. एकदम पतली लम्बी ... गोरा रंग और कश्मीरी होने के कारण उसके लाल सुर्ख गाल थे. वो देखने में बिल्कुल ज़रीन खान हीरोइन जैसी लग रही थी. उसे देख कर यही लगता था कि यह तो सच में ज़रीन खान की जुड़वाँ बहन है. मैंने उसको देखा तो देखता रह गया. मेरा मन बेईमान हो गया.

मैंने खाला से पूछा- ज़रीना के लिए क्या सोचा है?

तो खाला बोलीं- अभी सोच रहे हैं ... सोचती थी कि तुमसे इसका निकाह करवा दूँगी.

इधर अब सारा भी मेरी बीवी थी, पर उसे तो हलाला के चलते तलाक देना होगा. मैंने कहा- खाला, आप मुझे जरीना दे दो. वह मुझे भा गयी है. ज़रीना से भी मेरा निकाह पढ़वा दो.

इस बात पर खाला बोलीं- चाहती तो मैं भी यही चाहती हूँ.

इसके बाद खाला ने मामू से बात की. ये बात फिर अब्बा हज़ूर और अम्मी के पास गयी और उन्होंने भी इजाजत दे दी. मेरा निकाह सारा के साथ साथ जरीना से भी पढ़वा दिया गया.

अब कुछ बाकी नहीं था, तो मैं एक रात का दूल्हा बन सारा के साथ रात गुजारने के लिए ऐसे मान गया जैसे मैं सारा की चुदाई बेमन से कर रहा हूँ.

हम घर आए. सर्दियों की रातें थी. रात को 8:30 बजे उन्होंने मुझे कमरे में भी भेज दिया, जहां मेरी कजिन सारा अपने एक रात के शौहर का इंतज़ार कर रही थी. सारा भी बला की खूबसूरत थी, उसके बड़े बड़े मम्मे, जिनकी साइज 38c थी. उसकी मोटी गांड की साइज 40 इंच थी. सपाट पेट और कमर 26 इंच की और जिस्म भरा हुआ था. वो लम्बी थी और मुख़्तसर ये कि वो खतरनाक हद तक खूबसूरत और सेक्सी थी.

उस वक्त वो लाल रंग के कश्मीरी दुल्हन के कपड़ों में थी. दुल्हन के लिबास के लिए लाल मेरा पसंदीदा कलर है. मैं उसके पास बैठ गया. मैंने करीब जाकर उसका घूंघट उठा दिया और सारा की ओर देखा. उसकी शक्ल सूरत बिल्कुल कटरीना कैफ की थी. मुझे तो अपने नसीब पर रश्क़ होने लगा.

एक ही दिन में दो नयी बीवियां ... एक कटरीना जैसी और दूसरी ज़रीन खान जैसी. मेरी तो जैसे लाटरी लग गयी मेरा लौड़ा सलामी देने लगा. साथ साथ मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ रखा था और उसे सहला भी रहा था.

मैंने उससे कहा- सारा, मेरे दिल की तमन्ना आज पूरी होने जा रही है. मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि तुम्हारे साथ कुछ कर सकूँगा.

उसने बोला- आमिर, मेरे भी दिल में दबी दबी ख्वाहिश थी कि काश कभी हम आपस में चुदाई कर सकते. लेकिन ऐसा न हो सका और तुम पढ़ने इंग्लैंड चले गए और मेरी तीन महीने पहले शादी हो गयी.

फिर मैंने पूछा- उसने तुम्हारी जैसी खूबसूरत बला को तलाक़ कैसे दे दिया?

सारा बोली- मेरा उससे झगड़ा होता था.

मैं- किस बात को लेकर?

वह खुल बताने में शर्मा रही थी ... मैंने कहा- शर्माओ मत ... अब मैं तुम्हारा शौहर हूँ और कजिन भाई भी हूँ. शायद तुम्हारी आगे की जिंदगी में कुछ मदद कर सकूं.

वह शर्मा कर बोली- इमरान का लंड बहुत कमजोर था और खड़ा भी नहीं होता था. वह नामर्द था और मैं अब तक कुंवारी हूँ.

मैंने पूछा- अब दुबारा निकाह के बाद कैसे होगा ... तुम कैसे मान गईं?

वह बोली- अब वह इलाज कराने को मान गया है.

मैंने कहा- अगर ठीक नहीं हुआ तो तुम्हारा क्या होगा?

वह धीरे धीरे रोने लगी- वह मुझे मारता भी था. अब मैं उससे शादी नहीं करना चाहती, पर अम्मी के दबाव में हलाला के लिए राजी हो गयी हूँ. फिर उससे दुबारा निकाह भी कर सह लूंगी.

मैंने उसके आंसू पौंछे और बोसा लेकर बोला- मेरी जान, अब तुम मेरी जिम्मेवारी हो.

फिर मैंने आहिस्ता से उसका हाथ पकड़ कर अपने होंठों से लगा लिया, उसे मेरे स्पर्श से कंपकंपी सी आ गयी. फिर मैंने उसकी एक उंगली अपने मुँह में लेकर आहिस्ता आहिस्ता चूसी और कभी कभी बाईट भी कर देता था. वो गर्म हो रही थी.

उसने मुझे गले से लगा लिया और हम दोनों ने एक बहुत डीप किस की. फिर मैंने उसकी जुबान चूसनी शुरू कर दी. उसने मेरी भी ज़ुबान चूसी. इस दौरान मेरा बायाँ हाथ उसके बालों पे था, जिससे मैंने उसकी गर्दन को पीछे को खींची हुई थी. मेरा दायाँ हाथ उसके मम्मों को दबा रहा था. वो मादक सिसकारियां भर रही थी.

फिर मैंने उसकी क़मीज़ उतार दी, उसने रेड ब्रा पहनी हुई थी. उफ्फ्फ्फ ... क्या मम्मे थे उसके ... दूधिया रंगत के पिंक निप्पल एकदम से खड़े हुए थे. मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी निकाल दिए. वो मुझे दीवानों की तरह छाती पे किस कर रही थी और मेरे निप्पल से खेल रही थी. मैं भी उसके सारे जिस्म पे हाथ फेर रहा था और वो गरम से गरमतर हो रही थी.

फिर मैंने उसे उल्टा लेटने को कहा, वो लेट गयी और मैंने उसकी गर्दन से उसे चाटना शुरू किया. उसके दोनों बाज़ू हाथ और आर्मपिट ... उफ्फ्फ्फ़ ... क्या मदहोश कर देने वाली महक थी उसके जिस्म की. जब मैं उसके आर्मपिट और गर्दन पे ज़ुबान लगाता था, तो वो ऊपर को उछल पड़ती थी, जिससे मेरा लंड उसकी गांड पे टच हो रहा था.

उसने हाथ बड़ा कर मेरा लंड पकड़ा और बोली- उफ्फ्फ्फ़ हाय अल्लाह ... इतना बड़ा इतना मोटा ... और मजबूत ... मेरी तो ये आज फाड़ ही डालेगा ... ज़रीना तो बहुत किस्मत वाली है ... जिसे इतना मजबूत लंड मिला है.

मैंने कहा- मेरी रानी, अब ये तुम्हारा भी है ... आज रात इसके पूरे मजे कर लो.

हम दोनों जल्द ही चुदाई की पोजीशन में आ गए. इस वक्त मैं उसके ऊपर दोनों तरफ टांगें फैला कर चढ़ा हुआ था. इसी तरह चूमते चाटते मैं उसकी गांड पे आ गया और ज़ोर से उसकी नंगी गांड पे एक थप्पड़ मारा.

'उफ्फ़ ...' उसकी गांड ऐसे फड़फड़ाई कि क्या बताऊं. फिर मैंने उसकी गांड पे दांत से काटना शुरू कर दिए, जिससे वह मरने की हद तक पहुंच गयी. फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड की दरार में डाला और उसकी चूत और गांड को सहलाने लगा. साथ साथ उसकी टांगों को भी चूमने लगा. फिर मैंने उसे सीधा लेटने को कहा. जब मैंने उसका मुखड़ा देखा तो टमाटर की तरह लाल हो रहा था. मुझसे रहा ही न गया और मैं उसके गालों पे बहुत देर किस करता रहा, काटता भी रहा. फिर मैंने उसकी गर्दन पे किस किया और फिर उसके मम्मों को सहलाने लगा.

मैं अब भी उसके ऊपर उसी पोजीशन में था और जब मैंने नीचे मुँह कर के उसके मम्मे को अपने मुँह में लिए, तो साथ साथ मेरा लंड उसकी बग़ैर बालों की चूत, जो बिल्कुल गीली हुई पड़ी थी, उससे टच कर रहा था. मैंने नोट किया जब मेरा लंड उसकी चूत से टच करके ऊपर को उठता था तो उसकी चूत के रस से लंड की टोपी के साथ एक तार सी बन जाती. मैं पूरे जोश में था. मैंने बारी बारी उसके दोनों चूचे चूसे और उनको दबा दबा कर काटता भी रहा. फिर मैं उसके पेट पे किस करता रहा और उसकी चूत पे आ गया.

मैंने उसकी रानों पे किस किया और वहां जुबान से चाटने चूमने लगा. जब मैंने अपनी जुबान उसकी चूत के आसपास फेरी, तो मुझे उसकी गीली चूत का कुछ अजीब सा स्वाद लगा लेकिन मैं मज़े से पागल हो रहा था. मैंने दीवानगी के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

ऐसा करते देख कर सारा ने खुद ब खुद अपनी टांगें फैला दीं और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी. मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत चाट रहा था. मैं उस वक्त तक नहीं रूका, जब तक कि उसकी चूत का पानी न निकल गया. मैं ये देख कर हैरान रह गया कि उसकी मनी (कामरस) भी बिल्कुल मेरी मनी की तरह गाढ़ी थी.

फिर जब मैंने अपना मुँह हटाया तो वो भूखी शेरनी की तरह उठी, उसने मुझे नीचे गिराया और मेरे ऊपर चढ़ गयी. मेरा लंड जो इस वक्त बिल्कुल खूंखार हो चुका था ... उसकी गीली चूत से टच हुआ.

लेकिन उसने एक नया काम किया. मैं सोच रहा था कि अभी मेरा लंड अपनी चूत में ले लेगी लेकिन उसने मेरे पेट पे लेट कर इस पोजीशन में कर लिया कि मेरा लंड बस उसकी चूत के मुँह को टच करता रहे. उसने अपनी ज़ुबान से मेरे होंठों पे और आस पास लगाई और मेरे मुँह में लगी अपनी मनी को चाटना शुरू कर दिया.

उफ्फ्फ ... क्या बताऊं ... यार उसने अपनी खुद की सारी मनी मेरे मुँह से साफ़ कर दी. इसके बाद उसने मेरे माथे से बोसे लेना शुरू किया. किस के साथ साथ वो हिल भी रही थी, जिससे लंड और चूत आपस में चुम्मी चुम्मी खेल रहे थे. मुझे और उसे इस खेल का भरपूर मज़ा आ रहा था. उसने मेरी आँखों, मेरे गाल, मेरी नाक को पहले किस किया, फिर चूसा. फिर उसने मेरे कानों को किस किया ... लिक किया ... बाईट किया और कान में ज़ुबान डाल दी.

उफ्फ़फ ... मेरा तो बुरा हाल हो गया था.

फिर उसने मुझे फ्रेंच किस की और अचानक किस खत्म करके उसने मेरे होंठों के ऊपर वाले हिस्से को, मतलब मूंछों वाली जगह को लिक किया और मेरे नाक में भी अपनी जुबान से किस करती रही. ये मेरे लिए नया तजुर्बा था.

फिर उसने मेरी गर्दन को किस किया और फिर मेरे सीने को दोनों हाथ से मसलती रही. वो मेरे सीने पे और कन्धों पर काटती रही. सारा इस वक़्त ज़ख़्मी शेरनी से कुछ कम नज़र नहीं आ रही थी. उसने मेरे निप्पलों की भी किस करना चालू कर दिया और बारी बारी से वो मेरे दोनों निप्पलों को दांतों से काटने में लग गई.

खैर ... वो किस करती हुई मेरे नीचे आ रही थी. जब वो नीचे हो रही थी, तो मेरे लंड पर उसकी चूत ऐसे फिसली कि मत पूछो ... मैं तो उस रगड़ से सातवें आसमान पे पहुंच चुका था. मुझे कुछ जल्दी नहीं थी ... मैं बस अपनी एक रात की शादी को एन्जॉय कर रहा था.

खैर उसने मेरे लंड की टिप पर ज़ुबान रख दी और लंड को हाथ में पकड़ा, जो उसकी चूत के पानी से बिल्कुल गीला हो चुका था. वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरी गोटियों को अपनी ज़ुबान की नोक से बिल्कुल नीचे से ऊपर तक मेरे लंड के सुराख तक चाटती हुई ऊपर आई. फिर उसने मेरे लंड की टोपी को किस किया और मुझे टांगें खोलने को कहा.

मैंने टांगें खोलीं तो अगले ही लम्हे में मेरा पूरा जिस्म मज़े से कंपकंपा उठा. उसने मेरी गांड के सुराख़ के पास से शुरू चाटना करके मेरी गोटियों और मेरे लंड की टोपी तक जो जुबानी चांटा लगाया. तो मेरे मुँह से बेइख़्तियार सिसकारी निकल गई- उम्म्ह... अहह... हय... याह... सीईईईई आह ...

क्या बताऊं दोस्तो आपको ... साली पूरी खिलाड़िन थी.

फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसे इशारा किया तो वो मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आ गयी. ऊपर होने की वजह से उसकी चूत और गांड खुल कर मेरे सामने आ गयी थी. मैंने भी दीवानों की तरह उसकी चूत पे ज़ुबान चलानी शुरू कर दी. अब मैं अपनी ज़ुबान उसकी चूत में भी डाल रहा था और ज़ुबान से सारा को छेड़ रहा था. जैसे ही मेरी ज़ुबान उसकी चूत में जाती, वो बहुत ज़ोर से मेरे लंड का चुप्पा लगाती.

ऐसे ही करते करते हम दोनों का पानी निकल गया, जिसे हम दोनों ने पी लिया. सर्दी के बावजूद भी हमारे जिस्म तप रहे थे. इस सारे काम में हमें तक़रीबन एक घंटा लग गया था ... और इस एक घंटे में हम दोनों एक दूसरे से बहुत कम बोले.

वो मेरे बराबर में लेट गयी और बोली- आमिर ... मुझे ज़िंदगी में इतना मज़ा कभी नहीं आया ... जितना आज आया है. आज तुम मेरी सील भी तोड़ दो.

इसके बाद अगले भाग में अपनी आपा सारा की जबरदस्त सील तोड़ चुदाई का किस्सा सुनाने वाला हूँ.

कहानी जारी है.

आपका आमिर खान हैदराबाद
Reply
02-17-2021, 04:37 AM,
#2
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 02


अब तक आपने मेरी कहानी खाला को चोदा 1-3


अब तक आपने जाना था कि इमरान के तलाक दे देने के बाद मेरी (कजिन सिस्टर) आपा हलाला के चंगुल में आ गई थी और अब उनका निकाह मेरे साथ हो गया था. आज उनकी सुहागरात मेरे साथ हो रही थी. सारा आपा ने मुझे बताया कि इमरान के कमजोर लंड के कारण उसकी सील अब तक नहीं टूटी है ... और आज मैं उसकी सील तोड़ दूँ.

अब आगे:

मैंने कहा- जल्द ही यह काम भी कर दूंगा, ये तो क़िस्मत की बात होती है, तुम्हारी शादी हो गयी ... फिर भी तुम कुंवारी रही और मेरी सुहागरात तुम्हारे साथ मन रही है. कसम से तुम्हारे साथ बहुत मजा आ रहा है. शायद किस्मत हमें मिलाना चाहती है.

फिर हम कुछ देर इधर उधर की बातें करते रहे. इस दौरान में उसके मोटे मोटे चूतड़ों पे हाथ फेरता रहा, जिससे वो आहिस्ता आहिस्ता फिर से मस्त होने लगी और उसने उठ कर फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया, जो अब तक खड़ा हो चुका था. उसने चूस चूस कर मेरा लंड सुजा दिया था. चूसने से लंड बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह कड़क हो गया था. जब वो लंड चूस रही थी, उस वक़्त वो अपनी चूत को मेरे पांव के अंगूठे से रगड़ रही थी.

फिर वो एकदम से उठी और बोली- आमिर, अब बस करो ... मुझे आज भर दो.

मैं उठा और मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाया तो हैरान रह गया कि इतना भरा हुआ जिस्म होने के बावजूद भी इतनी लचक थी कि टांगें बिल्कुल बेड के साथ लग गईं और उसकी मोटी और सूजी हुई चूत खुल कर मेरे सामने आ गयी.

मैंने देखा कि उसकी खुली छाती पर तने हुए उरोज अपने सिरे पर गुलाबी छतरी ताने मुझे ललचा रहे थे. मैंने एक तरफ के गुलाबी चुचूक को अपने मुँह में रखा और दूसरे को उंगलियों के बीच फंसाकर हल्के से दबाने लगा. थोड़ी देर बाद दूसरे निप्पल को मुँह में भरा व इधर के निप्पल को उंगलियों से दबाने लगा.

मैंने चूत के सुराख़ पर लंड की टोपी रख दी और हल्का हल्का रगड़ने लगा. फिर मैं अपने लंड को उसकी चूत पर लगा कर अन्दर बाहर करने की कोशिश करने लगा लेकिन आधी टोपी तक कभी मैं लंड अन्दर करने की बजाए उसके दाने पे रगड़ देता, तो वह तो किसी कुतिया की तरह गुर्राने लगती. फिर तुंरत ही अपने चूतड़ों और घुटनों को ऊपर नीचे करके लंड को अपनी चूत पर टक्कर दिलवाने लगी.

फिर वो हाथ जोड़ कर बोली- आमिर प्लीज़ पेल दो ना ... क्या मुझे मारने का इरादा?

सारा मेरे लिंग को अपनी चूत के प्रवेश पर बार बार रगड़ रही थी और शायद जैसे ही वो सही सीध में आया, मैंने धीरे धीरे नीचे होना शुरू किया ... पर या तो चिकनाई ज्यादा थी ... या सारा का छेद सही नहीं बैठ पा रहा था ... जिस वजह से मेरा लंड फ़िसल गया.

सारा ने अपना हाथ बढ़ाया और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर फिर से रख कर फिर से नीचे दबाने को कहा. पर इस बार फिर से लंड नाभि की तरफ़ चला गया. तब मैंने ख़ुद ही अपने लिंग को पकड़ा और सारा की चूत में डालने की कोशिश की. जैसे ही मैंने एक हल्का सा धक्का लगाया, तो शायद वो थोड़ा अन्दर गया. क्योंकि सारा के हाथ और पाँव एकदम हवा में उठ गए और मुँह से सिसकारी निकल गई.

सारा के मुँह से हल्की सी चीख निकल गई- उम्म्ह... अहह... हय... याह... आहह अब लंड डाल दो ... अब और इंतज़ार नहीं होता ... प्लीज जल्दी करो ना ... प्लीज आहहह ...
अब मैं टोपी से लगातार उसकी चूत को छेड़ रहा था और वो ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी- आमिर ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है.

वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और 'आहह ... एम्म ... ओह ... आआअ ... डालो ना अन्दर ...' जैसी आवाजें निकाल रही थी.

अभी मैंने दो तीन ही धक्के मारे थे कि सारा ने दर्द से तड़फ कर मुझे रोक दिया, वो बोली- दर्द हो रहा है ... आपका तो बहुत बड़ा है ... मेरी चूत बहुत छोटी है फट जाएगी.

मैंने कहा- घबराओ मत आराम से करेंगे.

हम दोनों एक दूसरे को 'आई लव यू...' बोले जा रहे थे. मैंने टोपी एडजस्ट करके एक इतने ज़ोर का धक्का लगाया कि मेरा लंड चूत में सैट हो गया. मैंने अपने लंड के बाहर निकले हिस्से पर थूक लगाया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया.

अब मैंने दबाव बनाते हुए अपने लंड को उसकी चूत में और अन्दर डाल दिया. वो मछली की तरह तड़फ उठी. तभी मैंने सारा की कमर पकड़ कर एक और जोरदार धक्का दे मारा. वो उछल पड़ी. मगर तब तक मेरे लंड का काफी हिस्सा उसकी चूत में फंस चुका था. मैंने फिर एक जोरदार धक्का मारा. पूरा कमरा सारा की चीख से भर गया. उसकी सील टूट गई थी. मैंने सारा की चुची को दबाना चालू कर दिया. मैंने सारा के दर्द की परवाह किए बगैर अगला झटका लगा दिया और अपना मूसल लंड चूत में घुसेड़ दिया.

इस बार सारा पहले से ज्यादा तेज़ चिल्लाई, सारा के आंसू निकल आये थे, पर मैं कहां मानने वाला था. मैंने फिर एक और जोर से धक्का मारा. इस बार करीब आधा लंड अन्दर घुस गया था. जैसे ही लंड घुसा ... वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी- आह ... फट गई ... आहह आआअह ... प्लीज़ इसे बाहर निकालो ... मैं मर जाऊंगी ... उफ़फ्फ़ आहह आआहह ...

उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे लेकिन मैं नहीं रुका. मुझे लगा मेरा लंड उसकी झिल्ली से जा टकराया था क्योंकि इस बार मैंने कोई अवरोध महसूस किया था. मैंने हल्का ज़ोर लगाया लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था.

एक बार फिर मैं थोड़ा सा पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. उसको दर्द हुआ तो मैंने थोड़ा सा लंड फिर से पीछे किया और कमर उठा कर फिर से धक्का मार दिया. मेरा लंड ज्यादा गहरायी तक अन्दर चला गया था. मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को सारा ने अपनी योनि रस ने भिगो दिया था, जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था.

अगली बार के धक्के में मैंने थोड़ा दवाब बढ़ा दिया. मेरी साँसें जल्दी जल्दी आ रही थीं. सारा आपा ने अपनी टांगें मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बों को ऊपर की ओर उठा दिया था. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था. मेरा लंड सारा आपा की हायमन से टकरा रहा था और जब लंड ने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो सारा चिल्लाने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया. सारा की टांगों ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की ओर से कस लिया. 'ओह अम्मी ...' सारा के मुँह से निकला.

जैसे ही मेरा मोटा मजबूत गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया, तो सारा आपा के बड़े बड़े स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया. लंड अन्दर और अन्दर चलता चला गया, चूत के होंठों को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ लंड पूरा का पूरा अन्दर तक चला गया था. सारा आपा की योनि मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी.

उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दबाव दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चुका था. पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और उसकी चीख निकल गयी. सारा की चीख इतनी बुलंद थी कि एक बार को तो मैं भी डर गया कि कोई पूछने ही न आ जाए ... लेकिन तब भी मुझे सारा आपा की सील तोड़ने में बहुत मज़ा आया.

आपा भी दर्द के मारे चिल्लाने लगी ... जो इर्द गिर्द गूँज उठी थी- आहहह आय मर गई ... उउउइइ ओहह ... बहुत दर्द हो रहा है ... प्लीज इसे बाहर निकाल लो ... मुझे नहीं चुदवाना तुमसे ... तुम बहुत जालिम हो ... यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझमें ... निकालो इसे ... नो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है ... मैं दर्द से मर जाऊंगी प्लीज निकालो इसे!
सारा आपा की आँखों से आंसू की धारा बह निकली. मैं उन आंसुओं को पी गया. मैं बोला- मेरी रानी ... बस इस बार बर्दाश्त कर लो ... आगे मजा ही मजा है.

सारा आपा चुप हो गई.

कुछ ही देर की कोशिशों के बाद लंड सैट हो गया और दर्द भी काफूर सा होने लगा था. अब सारा चीखने चिल्लाने लगी- हाआअ ... राआआजा ... आईसीईई और जोर से और जोर से चोदो. आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना ... आआह और ज़ोर से ... उउउईईई अम्मी ... आहह..

फिर तो झटकों का सिलसिला शुरू हो गया. अब मैं उसके ऊपर लेट कर उसे किस भी कर रहा था और एक हाथ से उसके मम्मों को सहला भी रहा था.

कभी कभी 2 उंगलियों में उसकी निप्पल को भी ले कर मसलता और कभी बहुत ज़ोर से खींचता, उसके निप्पल तने हुए थे. मैं भी मज़े से लंड को चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. दस मिनट में वो 2 बार छूटी, कमरे में मेरे झटकों की आवाज़ बहुत बुलंद थी.

अब मैं उसकी चिल्लपों से कतई नहीं डर रहा था और न ही उसके बोलने की आवाज़ आ रही थी. खैर झटकों के एक लम्बे सिलसिले के बाद मैंने उससे बोला कि मैं झड़ने वाला हूँ.

तो उसने बोला- अन्दर ही डालो ... मुझे तुमसे एक बच्चा चाहिए.

मैंने कहा- जो हुकम सारा बेगम!

मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. अब सारा भी भरपूर साथ दे रही थी. फिर एक दर्दनाक झटके के साथ मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से जा टकराया और वहीं रुक कर पानी छोड़ने लगा. मैंने महसूस किया कि वो भी फारिग हो गयी थी. मैं सारा के ऊपर गिर गया.

मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा ... कुछ देर के बाद वो भी शांत हो गई. मैं ऐसे ही उसके ऊपर ही लेटा हांफता रहा और वो मेरी कमर और मेरे बालों को सहलाती रही. इतना खुमार था कि मेरी आंखें मजे के कारण बन्द हो रही थीं, मगर दिल करता था कि मैं यूं ही इसी हालत में ही सो जाऊं.

लेकिन ... अभी तो बहुत मज़े लेने थे.

कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर से लुढ़क कर साइड पे बेड पे सीधा गिर गया और मेरा लंड भी बाहर आ गया. मेरे लंड पे खून लगा हुआ था. सारा की चूत से खून मेरा स्पर्म और उसका पानी बह रहा था. चादर लाल हो गयी थी. मैं साइड टेबल से सिगरेट का पैकेट उठा कर सिगरेट पीने ही लगा था कि उसने मुझे फ्लास्क से दूध निकाल कर गिलास को भर कर दिया ... जो नीम गरम था. उसने खुद भी एक गिलास दूध पिया.

दूध पीने के बाद हम दोनों वाशरूम में पहुंचे. गर्म पानी का शावर लिया और फिर से बेड पर आ गए.

उसके बाद अगला राउंड शुरू हो गया. मैंने कहा- सारा इस बार तुम ऊपर आओ.

मैं सीधा लेट गया और सारा मेरे ऊपर आ गयी और मुझे लिप किस करने लगी. कुछ ही देर में सारा ने मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और हम लिप किस करते हुए चुदाई करने लगे.
कुछ देर बाद सारा सीधी हो गयी और उसने अपने हाथ मेरी छाती पर रख दिए. मैं उसके गोल सुडौल मम्मे चूसने दबाने लगा, तो वो खुद ब खुद मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगी. मेरे भी चूतड़ चलने लगे थे. हर धक्के के साथ सारा के मुँह से आह निकल जाती थी. सचमुच वो काफी मादक लग रही थी.

लगभग आधे घंटे बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.

अगले राउंड में हमने पोज़ बदल दिया और मैंने सारा को घोड़ी बना दिया और लंड उसकी चूत में डाल दिया. मुझे लगा जैसे मेरा लंड इस बार कुछ ज्यादा अन्दर गया. फिर हम रिदम में चुदाई करने लगे. मैं उसके गोल मम्मे दबाने लगा और खुद आगे पीछे होने लगी. हर धक्के के साथ सारा के आह निकल जाती थी. सचमुच वो काफी प्यासी थी. फिर पन्द्रह बीस धक्कों के बाद पीछे से अन्दर डाले हुए ही मैंने उसे खड़ा कर किया और कस कस कर धक्के लगाने शुरू कर दिए.

लगभग बीस मिनट बाद हम दोनों एक साथ फिर से झड़ गए.

उस रात मैंने सारा आपा या सारा बेगम, जो भी कह लो, लगातार 4 बार चोदा, जब मैं आखरी बार उसकी गांड में लंड डाल कर चोद रहा था तो फजर का टाइम हो गया और मामू ने डोर नॉक कर के हमें आवाज़ दी. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा ताकि मामू भी चुदाई की आवाज़ सुन लें और समझ जाएं कि हम जाग रहे हैं.

खैर फिर मैं फारिग हुआ. हमने एक बहुत लम्बी जफी लगाई और किस भी की.

फिर हम फ्रेश होने चले गए.

कहानी आगे जारी रहेगी.

आपका आमिर
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02-18-2021, 02:26 PM, (This post was last modified: 02-18-2021, 02:28 PM by aamirhydkhan. Edit Reason: link corrected )
#3
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला-3
 Update 3



[/url] आपने मेरी कहानी  [url=https://sexbaba.co/Thread-muslim-sex-story-%E0%A4%96%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%9A%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A4%BE-01]खाला को चोदा 1-3 में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने पहले नूरी ख़ाला को चोदा।


खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 1-2 में अब तक आपने जाना था कि इमरान के तलाक दे देने के बाद मेरी (कजिन सिस्टर) आपा हलाला के चंगुल में आ गई थी और अब उनका निकाह मेरे साथ हो गया था. आज उनकी सुहागरात मेरे साथ हो रही थी. सारा आपा ने मुझे बताया कि इमरान के कमजोर लंड के कारण उसकी सील अब तक नहीं टूटी है ... और आज मैं उसकी सील तोड़ दूँ और कैसे मैंने कश्मीर में सुहागरात के दौरान उसे चोदा।



उस रात मैंने सारा आपा या सारा बेगम, जो भी कह लो, को लगातार 4 बार चोदा। आख़री बार में जब मैं उसकी गांड में अपने लंड को डाल कर उसे अपना बना रहा था, तब मामू ने दरवाज़ा खटखटा कर हमें आवाज़ दी। फजर का टाइम हो गया था लेकिन नई बेग़म की गांड खोलने में मैं इतना मशगूल हो गया था कि ध्यान नहीं गया। मामू की आवाज़ सुनकर मैं और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा ताकि वह समझ जाएँ कि हम जाग रहे हैं।


ख़ैर फिर मैं फ़ारिग हुआ। हमने एक और लम्बी जफी लगाई और फिर चुम्बन किया, जिसके बाद हम सफ़ाई कने के लिए चल दिए। दर्पण में मेरे सीने पर उसके नाखूनों के और उसके पूरे जिस्म पर मेरे दांतों के निशान साफ़ दिख रहे थे।

मैंने सारा से पूछा,

"क्या तुम अब भी इमरान (उसका पहला शौहर) के पास जाना चाहती हो?"

"क्या आप चाहते हो कि मैं इमरान के पास चली जाऊँ?"

"नहीं!"

सुबह मौलवी साहब को बुलाया गया और उन्होंने रवायत बताई, जिसके मुताबिक़ मैं सारा को तीन तलाक देकर उसकी इमरान से शादी का रास्ता साफ़ कर सकता था।

मैंने कहा, "इमरान को बुलवाइए, मैं उससे बात करूँगा, फिर कोई फ़ैसला करूंगा।"

इमरान आया और उसके साथ उसकी छोटी बहन, दिलिया, भी आयी। लगभग अठारह साल की होगी वो। बहुत ही हसीन और कमसिन लग रही थी: बड़े-बड़े चूचे और भरी हुई गांड।

इमरान गिड़गिड़ाने लगा और उसने अपनी गलती मान ली। मैंने उसको अलग ले जा कर पूछा तो उसने बताया कि वह इलाज़ कराने को तैयार है।

मैंने कहा, "अगर तुम ठीक हो जाओगे तब ही मैं सारा को तलाक़ देकर उसकी तुमसे शादी करवाऊंगा।"

वो राज़ी हो गया।

"शरीयत के हिसाब से सारा को तलाक़ देने के लिए तुम्हें सजा भी मिलेगी।"

"आप जो सजा दोगे, मैं मानूंगा!"

"पर अगर तब तक सारा को मेरा बच्चा हो गया तो फिर तलाक़ नहीं दूंगा।"

वह फिर गिड़गिड़ाने लगा। मैं सारा कि जवानी को याद करते हुए इमरान के मजे ले रहा था।

दिलिया को देख मेरा मन फिर बेईमान हो रहा था।

मैंने कहा, "ठीक है, दिलिया कि शादी मुझसे कर दो।"

इमरान झट से मान गया और मैंने उसी दिन दिलिया से निकाह कर लिया।

मैंने वापिस हैदराबाद जाने की बात की तो ख़ाला बोली, "कुछ दिन रुक जाओ, लोग तो हनीमून मनाने कश्मीर आते हैं। तीनों बीवियों से मिल कर सुहागरात मना लो, फिर चले जाना।"

पर फिर मेरे ज़िद करने पर उन्होंने हामी भर दी और मैं उसी दिन अपनी तीनों कमसिन दुल्हनों के साथ हैदराबाद की फ्लाइट से चला गया।

बाकी दोनों बीवियों के साथ होने के बावजूद सारा फ्लाइट तक में भी मुझे छोड़ने को तैयार नहीं थी। वह ज़िद करके मेरे साथ हो चिपक कर बैठी और पूरी फ्लाइट में मेरे लंड को दबाती-सहलाती रही। मैं भी पीछे नहीं रहने वाला था। मुझे जब मौका मिलता, मैं उसकी गांड और मम्मों से खेल लेता।

हैदराबाद पहुँचने पर हमारा जोरदार स्वागत हुआ। नयी बहुओं को ढेरों तोहफे और मुझे बधाई मिली। सभी बहुत खुश थे। उस रात मेरा ज़रीना के साथ सुहागरात मनाने का तय हुआ। मेरे मन में आने वाली रात के ख़्याल आने लगे। मेरी ज़रीना, हाय! उसका चेहरा मोहरा एक्ट्रेस ज़रीन खान जैसा है। हाइट भी पांच फिट सात इंच है, गहरी काली आंखें और काले बाल। ग़ज़ब की मादक सुंदर है वो। जब भी मुस्कुराती है, गालों के डिंपल बस दीवाना-सा कर देते हैं। लाल रंग के साड़ी में फूलों-गहनों से लदी ज़रीना, महकती हुई सुहाग की सेज़ पर, मेरे इंतज़ार में सो गयी। दिन भर की भागदौड़ के बाद रात में जब सब लोग अपने कमरों में चले गए, तो सभी सालियाँ और बहनें मिल कर मुझे मेरे कमरे में ले गयी।

वहाँ मेरे ख़्याल से कुछ अलग ही नज़ारा था। ज़रीना और सारा एक ही बिस्तर पर सो रही थीं। मैंने सारा को जगा कर उसे दूसरे कमरे में जाने के लिए कहा लेकिन उसका ऐसा कोई इरादा नहीं था, ज़रीना भी तब तक जग चुकी थी। मेरा मन खराब-सा रहा था। मैंने सारा से कहा, "यार, आज मेरी और ज़रीना कि सुहागरात है। क्यों बेकार में कवाब में हड्डी बन रही हो?"

"क्यों? क्या मैं एक दिन में ही बेकार हो गयी हूँ? कल तो रात भर छोड़ नहीं रहे थे, अब मैं यहाँ रुक भी नहीं सकती?"

"मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, लेकिन तुम्हारे रहते, तुम्हारी बहन के साथ मैं कैसे कुछ कर पाऊंगा?"

इस पर सारा ने कहा, "क्यों? मेरे रहते तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होगा क्या? दो-दो को देख़ कर गांड फ़ट गई, या दोनों को एक साथ झेलने की हिम्मत नहीं है?"

उसने मुझे ललकारा, तो मैं भी चुप नहीं रहा। पलट कर बोला, "लंड तो मेरा कमरे में घुसने से पहले ही खड़ा हो गया था, लेकिन क्या तुम्हारे सामने तुम्हारी बहन का मन कुछ करने को करेगा? और रही बात दोनों को झेलने की, तो रात भर दोनों को इतना चोदूँगा कि दोनों की दोनों सुबह उठने लायक नहीं रहोगी।"

इस पर ज़रीना बोली, "क्यों? इसमें क्या बुराई है? हम दोनों को एक दूसरे की सब बात मालूम हैं, हम आपस में कुछ भी नहीं छुपाती। मुझे तो तुम्हारी और सारा कि भी सब बातें मालूम हैं।"

अब चौंकने की बारी मेरी थी। थोड़ी देर शान्ति से सोचा और फिर मैं वहीं बिस्तर पर बैठ कर बोला, "ठीक है। । । जैसी तुम दोनों की मर्जी, मुझे तो फ़ायदा ही फ़ायदा है।"

सारा बोली, "तुम अब जिसको मर्जी चोदो, मुझे कोई फ़र्क़ नहीं, लेकिन हर बार तुम्हें अपना पानी मुझमें ही छोड़ना पड़ेगा। मुझे जल्दी से जल्दी तुम से एक बच्चा चाहिए।"

ज़रीना ने भी इसके लिए हामी भर दी।

अब तक मेरा लंड भड़क कर पूरा तैयार था। मैंने ज़रीना को तोहफा दिया और उसका घूँघट हटाया और उसके होंठ चूमने लगा। शुरू में तो वह हिचक रही थी, लेकिन धीरे-धीरे अपने आपको ढीला छोड़ दिया। जैसे-जैसे मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे मज़ा आने लगा।

उसकी चूचियाँ चकित कर देने वाली थी। छोटे-छोटे सन्तरे के आकार की चूचियाँ और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे। मैंने हल्के हाथों से उनको ख़ूब दबाया।

मेरा लंड एकदम से खड़ा और कड़क हो गया था और पजामे का तम्बू बना रहा था। मैं फिर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा और फिर उसके ऊपर चढ़ कर उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी पैन्टी में हाथ डाल कर थोड़ी देर उसे देखने लगा। वाह क्या कुंवारी और चिकनी बुर थी, एक भी बाल का नामोनिशान नहीं, बिल्कुल छोटा-सा गुलाबी छेद।

मैंने उसकी बुर में अपनी उंगली डाल दी तो वह ज़ोर से चीख पड़ी 'आआआह हहहह। ।' वह उठ कर बिस्तर से नीचे उतर गई और बोली-दर्द होता है, मार डालोगे क्या?

इस पर सारा बोली-मियाँ जी, ज़रीना अभी कुंवारी है, इसकी चूत बहुत टाइट है। थोड़ा प्यार से और आराम से काम लो।

मैंने कहा-यार, अभी तो दोनों बड़ी-बड़ी हांक रही थीं कि तुम्हें दोनों मिलकर निचोड़ देंगी, अब क्या हुआ?

सारा ने कहा-निचोड़ेंगी तो ज़रूर, पर अपने हिसाब से। ज़रीना और मैं आज रात तुमको छोड़ने वाली नहीं हैं, पर उसका पहली बार है, इसलिए थोड़ा घबरा रही है। एक काम करो पहले मुझे चोद लो ताकि वह चुदाई देख कर अच्छे से गर्म हो जाए और फिर वह अपने आप करने को कहेगी।

बात मेरे को भी जमी। सारा ने मेरा और ज़रीना का हाथ पकड़ कर हमें सोफे पर बिठा दिया और बोली-शुरू करे - शैल वी स्टार्ट?

सारा ने सिर्फ़ आसमानी नीले रंग की साड़ी पहन रखी थी, न ब्रा न पैंटी सिर्फ़ साड़ी को छातियों पर साड़ी को बाँधा हुआ था। सारा के कंधे नंगे थे, वह बड़ी ग़ज़ब लग रही थी। वह बेड पर खड़ी हो गयी और अपने मम्मों पर हाथ फेरने लगी और कंधे हिलाने लगी। कभी आगे, तो कभी पीछे करने लगी। अपने होंठों पर जीभ फेरने लगी। उसने साड़ी को नीचे से उठा कर अपनी एक नंगी टांग बाहर निकाली और अपने बदन को लहराया, गांड को मटकाया और साड़ी को जांघों से भी ऊपर उठा दी।

वाह क्या नज़ारा था, मेरा लंड बेकाबू होने लगा।

मैंने ज़रीना का हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया। वह धीरे-धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी। ज़रीना भी ये सीन देख कर स्तब्ध थी। फिर सारा ने साड़ी गिरा कर दूसरी टांग नंगी करके अपनी गांड लहराई और जीभ अपने होंठों पर फेर कर मुझे ललचाने लगी। अब उसने धीरे-धीरे नीचे झुक कर साड़ी को कमर तक ऊंची करके अपनी चूत की दर्शन करवाए। फिर पलट कर अपने चूतड़ दिखाए और उनको मटकाया। चूतड़ों को आगे पीछे किया।

उफ्फफ्फ्फ़ क्या नज़ारा था, क्या लचीली गांड थी, एकदम चिकनी नरम मुलायम और गद्देदार, फिर वह कभी साड़ी गिरा देती, कभी उठा देती। फिर घोड़ी बन अपनी गांड दिखाने लगी और अपने हाथ गांड पर फेरने लगी। कभी इस साइड से घूम कर, कभी उस साइड से घूम कर गांड दिखाने लगी। साड़ी उसकी चिकने बदन से बार-बार नीचे गिर जाती। वह कभी आधी कभी पूरी उठा कर अपनी गांड पर हाथ फेरती और जीभ निकाल कर होंठों पर फेरने लगती।

मैं लगातार ललचा रहा था और ज़रीना के हाथ के ऊपर से अपने लंड को दबाने लगता था। सामने सारा कभी लेट जाती, कभी घोड़ी बन कर अपने बदन की लचक का नज़ारा दे रही थी। कभी अपने दाएँ चूतड़ को दिखाती, कभी बांए चूतड़ को दिखाने लगी। फिर उसने साड़ी पेट तक उठा कर अपनी नाभि और सपाट पेट को दिखाया और कमर को लचकाते हुए मटकाया।

फिर थोड़ा और ऊपर उठा कर अपनी चूची की गोलियों का नज़ारा करवाया। फिर लेट कर अपनी पूरी गांड का नज़ारा करवाया। इसके बाद वह घुटनों पर बैठ कर अपने सर और बालों पर अपने हाथ-हाथ ले जाती।

वो अपनी साड़ी को एक साइड से उठा कर उस तरफ़ के मम्मे को सहलाते हुए दूसरे मम्मे को सहलाने लगी। उसने कानों में झुमका, मांग में टीका और नथ पहन रखी थी और गले में एक बड़ा-सा हार पहन रखा था। सच में बड़ी मादक लग रही थी। फिर उसने साड़ी की गांठ को खोला और पल्लू से चेहरा और बदन छुपा लिया। फिर धीरे-धीरे नीचे करते हुए, उसने थोड़ा-सा पल्लू गिरा कर मुझे अपने एक मम्मे का नजारा कराया। एकदम गोल-गोल बड़े बड़े मम्मे, मैं उसकी तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया। वह बोली-राजा थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।

कहानी जारी है।
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यह कहानी मुसलमानों पर या उनकी परम्पराओं पर हमला करने के लिए नहीं है। यह सिर्फ़ मस्ती और आनंद के लिए है।
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कहानी जारी है.

आपका आमिर खान हैदराबाद
Reply
02-20-2021, 09:06 AM,
#4
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 4
खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 04

अभी तक मेरी कहानियो में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा। फिर मैं अपनी तीनो नयी दूल्हों के साथ वापिस हैदराबाद आ गया और फिर वह तय हुआ के मेरी अगली सुहागरात अपनी दूसरी बीबी ज़रीना के साथ होगी तो वहां मेरी पहली बीबी सारा भी आ गयी थी और एक गरमा गरमा सेक्सी डांस पेश करने लगी ।

अब आगे।

सारा ने कानों में झुमका, मांग में टीका और नथ पहन रखी थी और गले में एक बड़ा सा हार पहन रखा था। सच में वो उस समय बड़ी मादक लग रही थी।
फिर उसने अपनी साडी की गांठ को और कसा और दुपट्टे के पल्लू से चेहरा और बदन छुपा लिया। फिर धीरे धीरे नीचे करते हुए, उसने थोड़ा सा पल्लू गिरा कर मुझे अपने एक मम्मे का नजारा कराया। एकदम गोल गोल बड़े बड़े मम्मे, मैं उसकी तरफ लपका, उसने मुझे रोक दिया ।

वो मुझसे बोली "राजा थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।"

मैं रूक कर अपना लंड सहलाने लगा। वो फिर लहराई और उसने साडी को पूरा उतार फेंका ।

मैं आंखें फाड़ फाड़ उसे घूरने लगा। फिर वह एक पल में ही पूरी नंगी हो गयी। सिर्फ पेट पर साड़ी लिपटी हुई थी। वो लेट गयी, जैसे अब मेरा इंतज़ार कर रही हो।

फिर अपना एक तरफ से आधा शरीर नंगा करके एक तरफ के चूतड़ और मम्मे दिखाने लगी, फिर जल्दी जल्दी पूरे बेड पर उलटने पलटने लगी ।

ऐसा लग रहा था कि वह कामाग्नि में जल रही है। मेरा भी यही हाल था। मैंने जरीना की तरफ देखा, वह भी अपने मम्मों और चूत को हाथ से सहला रही थी। उसकी भी कामाग्नि भड़कने लगी थी। अब सारा बैठ गयी, सिर्फ एक जांघ और चूत को हाथ में छुपा कर मुझे फ्लाइंग किस दी और आंख मारी। फिर उसने एक साड़ी वैसे ही लपेट कर बांध ली, जैसे उसके डांस के शुरू होने से पहले नजारा था। फिर जीभ निकल कर होंठों पर फेरी और एक उंगली से मुझे नजदीक आने का इशारा किया। मैं एकदम शेर की तरह सारा पर लपका और उसकी टांगों पर हाथ फेरकर होंठों पर चुम्बन लेने आगे हुआ। वो पीछे होने लगी और उसकी साड़ी पैरों से खिसकने लगी। जैसे कह रही हो कि नीचे से ऊपर आओ।

मैंने वापिस टांगों पर आ कर उसके पैरों की उंगलियों को चूमा। उसकी सिसकारी निकल गयी। फिर उसकी पिंडलियों पर प्यार से हाथ फेरा और किस की। वह साड़ी ऊपर करती रही और मैं घुटनों पर फिर जांघों के अन्दर, फिर चूत पर, नाभि पर किस करता हुआ साड़ी के ऊपर से ही चूचियों को किस करने लगा।
उसने साड़ी की गांठ खोल दी और मैंने चुचों को किस किया। वह अधलेटी सी हो गयी। उसने अपने शरीर का भार अपनी बांहों पर कर दिया। मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक मीठी चुम्मी कर दी।

फिर मैं थोड़ा दूर हुआ और उसके खुले बालों को पीछे किया। वह अपना चेहरा आगे ले आयी और मैं उसे धीरे धीरे किस करने लगा। मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए पेट, कमर, गांड पर चलने लगे।

मैंने फ़ौरन उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियां दबाने लगा, ज़रीना वहीं पर सोफ़े पर लेट गई और हमारा खेल देखने लगी। यूँ तो मैंने उसकी चूचियों को कल कई बार देखा था, और उनसे खेला था पर आज उनमें जो कड़कपन था, वो उस रात के मुकाबले अलग ही था।

मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था। मैंने अपना कुरता उतार दिया।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी बुर पर हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया। अपनी कुंवारी बीवी ज़रीना को इसी तरफ़ देखता देख, मैंने अपनी पहली बीबी सारा की बुर में उंगली करना शुरू कर दिया और सारा जो अब काफ़ी हद तक गरम हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी।

सारा ने मुझसे कहा "जो भी करना है, जल्दी करो।"

मैंने उसे कहा "जल्दी क्या है सारी रात अपनी है मेरी जान" और मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी उसने मेरा पायजामा उतारा, अंडरवियर नीचे किया और लंड पकड़ कर अपनी चूत पर फिराने लगी।

ज़रीना चीखी "सारा आपा इतना बड़ा तगड़ा मेरे अन्दर कैसे जाएगा मेरी तो छोटी सी है?"

सारा बोली "ज़रीना चिंता मत कर बहुत मजे करेगी, तू बस देखती रह और मजे लेने के लिए तैयार हो जा।"

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है। मैं भी खड़ा हो गया और उसे पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया। मैं धीरे-धीरे अपना लंड डालने लगा। मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है।

मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड डाल दिया। उसका मुँह खुल गया और आंख से पानी आ गया।

सारा तड़फ कर बोली "आज क्या हो गया है तुम्हें? मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या?"

मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए।

हम दोनों कल रात भी बार बार चुदाई कर चुके थे, परन्तु आज जैसी चुदाई का आनन्द पहले कभी नहीं आया था।

काफ़ी देर तक करने के बाद मैंने उससे कहा "सब कुछ मैं ही करूँगा, तो तुम क्या करोगी?"

ये कहते हुए मैं उसके ऊपर से हट गया।

अब वह मेरे ऊपर बैठ कर अपनी बुर में मेरा लंड लेने लगी। पूरे लंड को सुपारे से टट्टों तक को दबा दबा कर चुदवा रही थी, मेरी दूसरी कुंवारी बीवी ज़रीना की हालत इस तरह की हो रही थी, जैसे किसी मछली को गरम रेत पर छोड दिया गया हो। वह अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा मुँह से अजीब अजीब आवाजें निकाले जा रही थी।

उसे देख कर मेरी और सारा की रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई, चुदाई के मारे सारा का बुरा हाल था। अब उससे रुका नहीं जा रहा था, वो बोली "मेरा तो बस होने वाला है, मैं गई, मैं गई... फ़ाड़ दो... पूरा डाल डाल कर पेलो, आज तो बहुत खुजली हो रही है इस बुर में सारी खुजली मिटा दो इस बुर की।"

मैं बोला "अब घोड़ी बन जाओ, तो मजा आए।"

सारा "ठीक है, आज सारी हसरत मिटा लो, बाद में मत कहना कि तुम्हारी तबियत से नहीं मार पाया।"

सारा को घोड़ी बनाने के बाद मैंने घुटने के बल हो कर उसकी बुर में एक बार फ़िर से अपना लंड घुसेड़ दिया। घोड़ी बन कर उसकी बुर थोड़ी कस गई थी। मेरा

मोटा लंड अटक अटक कर जा रहा था। मुझे अब ज्यादा ताकत लगा कर उसकी बुर में डालना पड़ रहा था।

हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थी "चोद डालो मेरे राजा, आज पूरी तरह से फाड़ दो मेरी बुर को, कल अगर कोई कसर रह गई हो, तो
आज पूरी कर दो, ऐसी फाड़ो कि कम से कम हफ़्ते तक इसे चुदवाने की जरूरत ना पड़े।"

करीब दस-पन्द्रह मिनट के बाद मेरा भी लंड झड़ने को हो गया, मैंने सारा से कहा "बस अब मेरा भी काम होने वाला है।"

"ऐ जी, बाहर मत निकालना । अन्दर ही छोड़ दो सारा माल!" वो बोली।

आठ-दस धक्कों के बाद लंड की पिचकारी छूट पड़ी और सारा का सारा माल सारा की बुर में भरता चला गया।

थोड़ी देर हम उसी पोजिशन में रहे, लंड अपने आप सिकुड़ कर बाहर आ गया। सारा उठी और बाथरूम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी। पांच मिनट बाद वो बाहर निकली, तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे।

सारा- "आमिर, आज तो ऐसी मारी है कि सूज गई है। बाप रे, अगर ज़रीना की भी ऐसे ही मारोगे, तो यह बेचारी तो शायद सुबह उठने लायक नहीं बचेगी।"
ज़रीना मेरे बराबर में लेटकर लंड हाथ में लेते हुए बोली "हुँह, अब यह क्या मारेंगे, इनके लंड की हालत तो देखो, सूख कर मूंगफ़ली की तरह हो गया है।"
सुहागरात को पहले सारा को चोदने के बाद अब मेरी बीवी ज़रीना की नथ उतरने जा रही थी।

मैं बोला "लंड को मुँह में ले लो, थोड़ी देर में मूंगफ़ली से तोप बन जाएगा, मेरी जान।"

ज़रीना बोली "छी: यह कोई मुँह में लेने की चीज है? घिन नहीं आएगी क्या?"

इससे पहले मैं कुछ कहता, सारा बोली "इसको मुँह में लेने का तो अपना अलग ही मजा है मेरी बहन अगर तुझे नहीं लेना तो मत ले, पर मैं यह मौका नहीं छोड़ने वाली, तू तो अपनी बुर में ही ले लेना, चुसाई मैं कर लेती हूँ।"

ज़रीना बोली "तेरी मर्जी, मैं तो यह नहीं करूँगी, मुझे तो इसमें घिन आ रही है।"

फ़िर मैंने ज़रीना को पकड़ लिया और उसके होंठों का चुम्बन लेने लगा। वो पहले ही इतनी गर्म हो चुकी थी कि ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी और वह भी मुझे जोर जोर से चूमने लगी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। काफ़ी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में पूरा मजा आने लगा था।

मैंने फ़िर से उसकी ब्रा उतार दी, वाऊउउउ, उसकी चूचियां देख कर मैं तो चकित ही रह गया। छोटे छोटे सन्तरे के आकार की चूचियां और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे। मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया।

उधर सारा मेरा लंड मुँह में ले कर धड़ाधड़ चूसे जा रही थी। मेरा लंड एक बार फ़िर से एकदम खड़ा और कड़क हो कर बुर को दहाड़ मार मार कर बुलाने लगा था। मैं फिर भी उसकी चूचियां दबाने लगा था, जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसकी साड़ी खोलनी शुरू कर दी। साड़ी खोल कर मैंने उसकी पैन्टी खींच ली और थोड़ी देर उसे देखने लगा।

वाह चिकनी बुर थी, मैं उसकी बुर पर हाथ फ़ेरने लगा, परन्तु इस बार मैंने अपनी उंगली उसकी बुर में नहीं डाली क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह फ़िर से ना बिदक जाए, इसलिए मैं सिर्फ़ उसकी बुर को ऊपर से ही मसलता रहा।

उधर सारा ने मेरे लंड को चूस-चूस कर बेदम कर रखा था, ज़रीना की बुर का भी बुरा हाल हो गया था, उसकी बुर का मक्खन बह कर उसके चूतड़ों तक पहुंच चुका था ।

अब मुझे लग रहा था कि इसकी बुर पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार है। परन्तु बुर एकदम नई थी, इसलिए मैंने सोचा कि इसे थोड़ा और तड़फ़ाया जाए ताकि पहली बार लंड लेने में इसकी गर्मी इसके दर्द के एहसास को कम कर दे।

मैं उसकी चूचियां को पीने लगा। चूचियों को पीने मेरी की हालत और खराब हो गई, सारा भी अब मेरा लंड पीना छोड़ वहीं पर बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी। मैं अब उसकी चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया। उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया।

ज़रीना अब काफ़ी हद तक गर्म हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी, उसने मुझसे कहा- अब करते क्यों नहीं, जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा। मेरी बुर में दर्द होने लगा है, डाल दो अब इसमें।

पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी।

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है। मैंने पलट कर अपनी छोटी बीवी जरीना की दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया।

कहानी जारी रहेगी

आपका आमिर
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सारा के बाद जरीना की सील तोड़ने का मदमस्त चुदाई का खेल आपकी खिदमत में अगले भाग में पेश करूँगा।
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यह कहानी मुसलमानों पर या उनकी परम्पराओ पर हमला करने के लिए नहीं है। यह सिर्फ मस्ती और आनंद के लिए है।
Reply
02-21-2021, 11:18 AM,
#5
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 5
update 5

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 05

अब तक आपने पढ़ा कि खाला कि चुदाई के बाद आपा का हलाला कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।


मैंने इमरान से कहा "मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज़ हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगी।" उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात मानने का हुकुम सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी। तो अपनी दूसरी बीवी सारा के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा ही चुदाई की।

सारा कि चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी जरीना गरमा गई थी और मैं उसको चोदने की तैयारी में था।

अब आगे।

मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि मेरा 8 इंच का लंड बार-बार फ़िसल कर नीचे चला जा रहा था। अत: मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे से ले जाकर उसके दोनों पांव ऊपर उठा लिए, जिससे उसकी बुर ऊपर की ओर उठ गई तथा लंड उसकी बुर के बिल्कुल सामने आ गया।

फ़िर मैंने ताकत लगा कर एक ज़ोर का धक्का लगाया और लंड उसकी बुर फाड़ता हुआ लगभग दो इंच लंड उसकी बुर में घुस गया।

तकलीफ के मारे जरीना का मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया, वह ज़ोर से चिल्लाई "घुस्स्स गया... मेरी बुर फ़फ़ट्ट्ट्ट्ट गई मरर गई।"

वह इतनी ज़ोर से चिल्लाई थी कि मुझे लगा शायद उसकी आवाज़ को पूरे घर ने सुना होगा, वह इतने ज़ोर से चिल्लाएगी, इसका मुझे ज़रा भी अंदाजा नहीं था, वरना मैं पहले ही उसके मुँह पर हाथ रख लेता।

मैंने कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने में अपनी भलाई समझी।

जरीना रोती हुई बोली "तुमने तो मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या? आराम-आराम से नहीं कर सकते क्या? या यह कोई रबड़ का खिलौना है कि जैसे मर्जी वैसे तोड़ मरोड़ दिया?"

पर मैं बोला "मेरी इसमें क्या गलती है, तुम्हारी बुर है ही इतनी छोटी सी, मैंने तो अभी अपना सुपारा ही तुम्हारी बुर के अन्दर डाला है, इसमें ही तुम्हारा यह हाल है, तो पूरा लंड तुम्हारी बुर में जाएगा तो तुम्हारा क्या हाल होगा? और पहली-पहली बार है, तो थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी कि ज़ोर जोर से मारो, धीरे-धीरे में मज़ा नहीं आ रहा।"

वो कलप कर बोली "थोड़ा दर्द होता तो मैं सह लेती, पर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो, बुर भी तुम्हारी है और मैं भी तुम्हारी ही हूँ, एक रात में ही सारी जान निकाल दोगे, तो बाक़ी दो चार रातों तक चुदवाने के लायक भी नहीं रहूँगी, फिर अपना लंड पकड़ कर बैठे रहना।"

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है, ऐसा तो होना ही था। अभी थोड़ी देर बाद यह ख़ुद ही ज़ोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदवाएगी।

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। लंड उसकी सील को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अन्दर चला गया।

उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगीं।

लगभग पांच मिनट बाद जब मेरा पूरा लंड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगा, तो वह भी चूतड़ उछाल-उछाल कर अपनी बुर में मेरा लंड लेने लगी। अब वह मेरे लंड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी।

उधर हम दोनों की चुदाई देख कर सारा कि हालत दोबारा खराब हो गई थी वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी। वह अपने मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब-अजीब आवाजें निकाले जा रही थी।

उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी ज़रीना को हटा कर ख़ुद चुदवाने की इच्छा रखती हो।

इधर मैं ज़रीना कि बुर का बैन्ड बजाने में लगा हुआ था। बुर बड़ी टाईट थी, लंड भी अटक-अटक के जा रहा था। मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा था। हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी।

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लंड लील रही थी और वह मजे में चिल्लाने लगी थी बोल रही थी "चोद डालो, फाड़ डालो, आज पूरी तरह से फाड़ दो मेरी बुर को और ज़ोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा।"

अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरू कर दिया मैं समझ गया कि अब इसकी बुर को पानी छोड़ना है। मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार पूरी बढ़ा दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था।

करीब पांच मिनट के बाद मेरा भी लंड झड़ने को हो गया। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और तेजी कर दी, आठ-दस धक्कों के बाद लंड की पिचकारी छूट पड़ी और सारा का सारा माल ज़रीना कि बुर में भरता चला गया। मैंने अपने हाथ उसकी टांगों के नीचे से निकाले और उसके ऊपर ही लेट गया। मेरी और उसकी सांसें बड़ी तेजी से चल रही थीं।

मैं उसके मम्मे सहला रहा था और देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने उसकी जांघें ऊपर उठाईं, तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें से वीर्य और खून दोनों टपक रहे थे।

फ़िर वह उठी और बाथरूम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी। पांच मिनट बाद वह बाहर निकली, तो उसके चाल में थोड़ा लचकपन था, पर चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे।

उधर सारा मेरे लंड को पकड़ कर मुझे बाथरूम में लेकर गयी और लंड को धोकर साफ़ किया। सारा ने लंड चूसा और मुझसे चिपक गयी। हम वापिस कमरे में आ गए। हम दोनों खड़े-खड़े एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे। हम दोनों बाहर आ गए।

मैंने ज़रीना को किस किया। ज़रीना बोली "बाप रे, मेरी बुर तो सूज कर गोलगप्पा बन गई है।"

मैं खड़ा ज़रीना का चेहरा देखता रहा, दर्द के मारे वह तड़प रही थी, पर संतुष्टि के भाव थे। वह अपने होंठों को भींच रही थी और रो रही और कराह रही थी।

सुबकती हुई ज़रीना बहुत प्यारी लग रही थी। मैंने उसके गालों को चूमा और गले लग कर सहलाया। वह कह रही थी "आपने मुझे मार डाला, बेदर्दी ने मार डाला, कोई ऐसे भी करता है क्या?"

ज़रीना बोली "मुझे इतनी बेदर्दी से चोद दिया, इतनी सजा क्यों दी, मुझे जबकि आपा के साथ तो इतने मजे ले रहे थे, मुझे लग रहा था कि मैं मर जाऊंगी।"
मैंने ज़रीना को चूमते हुए कहा "तुम्हारा हाथ तो मैंने खाला से ख़ुद मांगा है, मैं अपनी रानी को कुछ नहीं होने दूंगा, मेरी जान मेरी रानी पहली बार थोड़ी तकलीफ होती है, अब तो मजे ही मजे हैं।"

करीब बीस मिनट तक यूं ही प्यार मुहब्बत चलती रही।

तभी सारा बोली "आमिर किसका इंतज़ार कर रहे हो, ज़रीना को फिर से चोदो।"

ज़रीना ने धीरे से कहा "हाँ आमिर... मुझे चोदो ना... अब रहा नहीं जाता।"

मैंने ज़रीना को अपनी बांहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया। मैं ज़रीना को पागलों की तरह चूमने लगा और बोला "मेरी ज़रीना, मैं पहली झलक में ही तुम्हारा तो दीवाना हो गया था।"

मैं उसके ऊपर लेट कर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। ज़रीना कि सिसकारियाँ तेज हो रही थीं। मैं उसके निप्पलों को अपने दांतों से दबाने लगा। कभी ज़ोर से भींच लेता, तो वह उछल पड़ती।

उसकी बांहें मेरी पीठ को सहला रही थीं और वह मुझे भींच रही थी। मैं थोड़ा नीचे खिसका और उसकी जांघों के बीच आकर उसकी चूत को चाटने लगा। अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल देता और जोर-जोर से चूसता।

जैसे ही मैं और ज़ोर से उसकी चूत को चाटने लगा, ज़रीना पागल हो गई "ओह आमिर! ... ये क्या कर रहे हो, आज तक ऐसा मज़ा नहीं आया, हाय अल्ला मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हाँ जोर-जोर से चाटो।"

वो उत्तेजना में चिल्ला रही थी।

मैंने ज़रीना के घुटनों को मोड़ कर उसकी छाती पर कर दिया, जिससे उसकी चूत का मुँह ऊपर को उठ गया और अच्छी तरह दिखायी देने लगा। उसकी चूत का
मुँह छोटा-सा था। मैं अपनी जीभ जोर-जोर से उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा।

"ओह आमिर" इतना कहते हुए ज़रीना दूसरी बार झड़ गई। मैं रस पीने लगा।

कुछ ही पलों में जरीना फिर से गरम हो गई, ज़रीना गिड़गिड़ाने लगी "ओह आमिर, अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़।"

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो वह डरते हुए बोली "आमिर... धीरे-धीरे डालना, मुझे तुम्हारे लंबे लंड से डर लगता है।"

सारा कि तरफ़ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। मैंने जानवर बनते हुए कहा "तुम्हारा मतलब ऐसे?"

"ओह मर गई, तुम बड़े बदमाश हो। जब मैंने धीरे से डालने को कहा, तो तुमने इतनी ज़ोर से क्यों डाला, दर्द हो रहा है" उसने तड़पते हुए कह दिया एक ही सांस में।

"सॉरी डार्लिंग, तुम चुदाई में नयी-नयी हो, तो मैं समझा तुम मज़ाक कर रही हो, क्या ज़्यादा दर्द हो रहा है?" यह कहकर मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा।

"ओह आमिर... बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आह आमिर आज मुझे पता चला कि असली चुदाई क्या होती है, हाँ राजा ज़ोर से चोदते जाओ, ओह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।" ज़रीना उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कूल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।

सारा ने सच कहा था, ज़रीना कि चूत वाकयी में कसी-कसी थी। ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी गांड ही मार रहा हूँ। मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरा भी पानी छूटने वाला था।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया। "आमिर मेरी चूत गई..."।

ये कहकर वह निढाल हो गई। मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत निकलना चाहा, पर तभी सारा बोली "पहली बार तुम्हारा पहला मिलन था, इसलिए मैंने नहीं रोका, अब इस माल पर मेरा और सिर्फ़ मेरा हक़ है।"

उसने मेरे लंड को लगभग खींचते हुए अपनी चूत में घुसेड़ लिया और लगी धक्के लगाने। मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगते रहे और फिर सारा के अन्दर अपना माल छोड़ दिया।

हम दोनों की सांसें तेज चल रही थीं। हम तीनों थक कर लेटे हुए थे।
सारा बोली "तुम ज़रीना से मज़े लेते रहो।"

मैं एक हाथ से ज़रीना और दूसरे से सारा के चूचे सहलाने लगा और सारा को किस करने लगा।
कुछ देर में ज़रीना बोली "ये अच्छी बात है, आमिर मुझे फिर से चोदो।"

ज़रीना ने ये कहकर एक बार फिर मुझे अपने ऊपर घसीट लिया।

उसने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए अपना चेहरा मेरी तरफ़ बढ़ाया। मैं भी उसकी ओर बढ़ा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये। उसने मेरे चेहरे को कस कर पकड़ते हुए अपने होंठों का दबाव मेरे होंठों पर कर दिया और चूसने लगी। हम दोनों के मुँह खुले और दोनों की जीभ आपस में खेलने लगी। हम दोनों की सांसें उखड़ रही थी।

वो सिसकी "ओह आमिर!"

मैं भी सिसका "ओह ज़रीना!"

वो नशीली आवाज़ में बोली "आमिर मुझे एक बार और किस करो ना!"

मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और उसके होंठों को चूसने लगा। अब हम लोग धीरे से खिसकते हुए सोफ़े पर, फिर ज़मीन पर लेट गए थे। मैं उसके ऊपर अधलेटा हुआ था। अपने हाथ से उसके मम्मे सहला रहा था और ज़ोर से भींच रहा था।

वो मादकता में बोली "ओह आमिर, कितना अच्छा लग रहा है।"

"ओह ज़रीना... तुम कितनी सुंदर हो, तुम्हारा बदन कितना प्यारा है!" यह कहकर मैं उसके मम्मे चूसने लगा और बीच-बीच में उसके निप्पल को दांतों से काट रहा था।

उसके मुँह से सिसकरी निकल रही थी, "आमिर ये क्या कर डाला तुमने, बहुत अच्छा लग रहा है, हाँ किये जाओ।"

मैं उसे चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ रहा था। उसकी प्यारी चूत बहुत ही अच्छी लग रही थी। उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी। मैं उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने ज़ोर लगाया, तो वह और ज़ोर से सिसकने लगी।

जैसे ही मैं अपनी जीभ उसकी चूत के छेद पर रगड़ने लगा, उसने मेरे सर को ज़ोर से अपनी चूत पर दबा दिया। मैं अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई करने लगा। ज़रीना ने ज़ोर से सिसकारी भरी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

ज़रीना ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे उसके ऊपर कर लिया और बोली "आमिर मुझे चोदो, आज मेरी चूत को फाड़ दो, मुझे अपना बना लो।"

मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रख कर पूछा "ज़रीना, तुम वाकयी और चुदवाना चाहती हो?"

वो उत्तेजना में चिल्लायी "हाँ ... अब देर मत करो और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, फाड़ दो मेरी चूत को!"

मैं अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी चूत में डालने लगा। उसकी चूत बहुत ही टाइट थी। फिर थोड़ा-सा खींच कर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी-उसकी चूत में जड़ तक समा गया।

"ओह ... बहुत दर्द हो रहा है आमिर।" वह दर्द से चिल्ला उठी और उसकी आंखों में आंसू आ गए।

उसकी आंखों के आंसू पौंछते हुए मैंने कहा "डार्लिंग, अब चिंता मत करो, जो दर्द होना था, वह हो गया, अब सिर्फ़ मज़ा आएगा।"

इतना कहकर मैं उसे चोदने लगा। मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर बाहर हो रहा था।

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसे भी मज़ा आने लगा। वह भी अपनी कमर उछाल कर मेरे धक्के का साथ देने लगी। उसकी सिसकरियाँ बढ़ रही थीं "हाँ आमिर... ज़ोर जोर से करो, ऐसे ही करते जाओ, बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज़ रुकना नहीं, आह और ज़ोर से, लगता है मेरा छूटने वाला है।"
और वह झड़ गयी।

मुझे अभी अपने लंड में तनाव लग रहा था। मुझे सारा याद आ गयी इसलिये मैं अपने लंड को ज़रीना कि चूत से निकालने जा रहा था कि वह बोली "क्या कर रहे हो? निकालो मत, बस मुझे चोदते जाओ।"

उधर से सारा कि आवाज़ आयी "हिम्मत ना करना उसके अन्दर निकालने की, अपना लंड निकालो और मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोदो और बस चोदते जाओ और अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दो। अपनी सारा कि प्यासी चूत की साऱी प्यास बुझा दो।"

यह कहकर उसने लंड फिर निकाला और मैं नीचे लेट गया और वह मेरे ऊपर चढ़ गयी। वह उछल-उछल कर चुदवाने लगी। मैंने भी अपनी गांड उठा कर उसका साथ दिया और सारा ने अपनी स्पीड बढ़ा दी।

उसका शरीर कंपकंपाया "ओह आमिर! चोदो, लगता है मेरा छूटने वाला है।"

वो ज़ोर से चिल्लायी और वैसे ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया।

हम दोनों काफ़ी थक चुके थे। जब मेरा मुरझाया लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया, तो मैंने उसकी बगल में लेट कर सिगरेट जला ली।

ज़रीना ने कहा "आमिर बहुत मज़ा आया, आज मैं लड़की से औरत बन गयी।"

मैंने जवाब दिया "हाँ ज़रीना! काफ़ी मज़ा आया।"

मैं उसके मम्मे और चूत दोनों सहला रहा था, जिससे मेरे लंड में फिर गरमी आ गयी थी।

जैसे ही उसका हाथ मेरे खड़े लंड पर पड़ा वह चिहुँक उठी "आमिर ये तो फिर तन कर खड़ा हो गया है, इसे फिर से मेरी चूत में डाल दो।"

"हाँ रानी! मैं भी मरा ज़रा जा रहा हूँ, तुम्हारी चूत है ही इतनी प्यारी" यह कह कर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसे कस कर चोदने लगा। थोड़ी देर में सारा भी आ कर मुझे चूमने लगी और मेरे निप्पल पर दांत मारने लगी।

मैं कराहने लगा, वह बोली "हमें एक साथ चोदो।"

मैं एक हाथ से ज़रीना और एक हाथ से सारा के निप्पल दबाने लगा। वह दोनों मेरे नीचे थीं। फिर मैं नीचे पीठ के बल लेट गया और सारा कि चूत को अपने मुँह पर खींच लिया। वह मेरे मुँह पर बैठ गयी। मैंने उसकी चूत चूसनी शुरू कर दी। मेरे हाथ उसके चूचे खींच रहे थे। फिर ज़रीना भी उठी और मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी, धीरे-धीरे मेरा लम्बा लंड उसकी चूत में समां गया। वह कराहने लगी और फिर धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी।

जैसे सारा थोड़ी देर पहले उछल-उछल कर मेरे लंड को चोद रही थी, वैसे ही जरीना भी चुदने लगी।

दस मिनट तक यह दौर चला। तब तक ज़रीना एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा लंड तो जैसे मानने को तैयार ही ना था। सच में मैं जन्नत में था और मेरी दोनों दुल्हनें मस्त मजे ले रही थीं।

थोड़ी देर बाद सारा उलटी घूम गयी और ज़रीना को किस करने लगी और उसकी चुचि सहलाने लगी। ज़रीना भी उसकी चूचियों को चूसने लगी।
कुछ देर तक यह दौर चला, फिर दोनों झड़ गईं और मेरा लंड और मुँह उनके पानी से भीग गया। दोनों निढाल हो गयी थीं। मेरा लंड अभी भी ज़रीना के अन्दर ही था।

फिर सारा मुझसे बोली "अब इसे घोड़ी बना कर चोदो। तुम पीछे से अपना लंड डालना।"

मैंने वैसा ही किया, सच में मुझे यह आसन बहुत पसंद आया। मैंने उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखा था और दे दनादन... अपना लंड उसकी चूत में दिए जा रहा था। इस दौरान मैंने महसूस किया कि ज़रीना भी अपनी कमर आगे पीछे कर मेरा सहयोग कर रही थी और पूरे मजे ले रही थी।

दस मिनट तक ऐसे ही चला। तब तक ज़रीना फिर एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा लंड तो जैसे मानने को तैयार ही ना था।

मैंने ज़रीना से लंड निकाल कर सारा को घोड़ी बना कर उसकी चूत में लंड घुसा डाला। पांच मिनट दे दनदना दन करने के बाद जैसे मेरी आंखों में नींद-सी भर आई और मेरे लंड ने वीर्य की एक जोरदार पिचकारी सारा कि चूत में छोड़ दी और मैं निढाल होकर बिस्तर पर लेट गया।

सुबह होने लगी थी। मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में था। मेरे बगल में दो-दो हूरें थीं।

मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला:

गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त/ हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त
(धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं)

वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईं. मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा. फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे।

कहानी जारी रहेगी

आपका आमिर
———————————
यह कहानी मुसलमानों पर या उनकी परम्पराओ पर हमला करने के लिए नहीं है। यह सिर्फ़ मस्ती और आनंद के लिए है।
———————————


Reply
02-22-2021, 11:50 AM, (This post was last modified: 02-22-2021, 11:57 AM by aamirhydkhan. Edit Reason: errrors in lst post now corrected )
#6
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 06
Update 6

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला - 06


अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला किया।

कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी।

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात मानने का हुक्म सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी। तो अपनी दूसरी बीवी सारा के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की ।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई,और उसके बाद सारा और जरीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।
अब आगे:-

रात भर की मेहनत के बाद सुबह होने लगी थी। मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में थाl मेरे बगल में दो-दो हूरें थीं। वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईl मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा।

फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे। सुबह उठने पर सारा ने मुझसे पूछा- रात केसी गुजरी?

मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला:
गर फ़िरदौस बर रूये ज़मी अस्त।
हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्तll
(धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं! )।

मैं बोला- मेरी बीवियाँ जन्नत की हूरें हैं, और मैंने उन्हें, और उन्होंने मुझे जन्नत की सैर करवाई। कुछ देर में दरवाजे पर आहट हुई, नूरी खाला और सारा की बहनें नरगिस, आयशा और इमरान की बहनें दिलिया, उसकी बहन अबीर दुलहनों से मिलने आयी।

मैंने तौलिया लपेट कर सारा और जरीना को कपड़े उठा कर बाथरूम भेजा और दरवाजा खोला। तभी सारा और जरीना लंगड़ाती हुई बाहर निकल आयी। सबने सारा और जरीना को गले लगाया और बधाई दी।

इतने में अम्मी भी आ गयी और बोली- तुम्हारी दुलहनें तो जन्नत की हूरें हैं, आमिर! इन्हें प्यार से सम्भाल कर रखना।
मालूम चला कि इमरान भी अपनी बाकी बहनो के साथ हैदराबाद आ गया है, और बाकी भी बहुत सारे रिश्तेदार, आज रात को वलीमा (रिसेप्शन) की दावत में आ रहे हैं।

मैं इमरान से मिलने गया और उसके हाल पूछे। उसने बताया- आमिर! लगता है अब तुम्हारी लाटरी लगने वाली है।

इमरान: मैं अब्बा हुजूर के पास से आ रहा हूँ। कश्मीर वाली नूरी फूफी (मेरी खाला) और तुम्हारे अब्बा भी उनके पास बैठे हैं, और सारा वाले मामले के बाद नूरी फूफी (मेरी खाला) कह रही हैं कि सुबह सारा और ज़रीना से मिल कर आयी थी। दोनों बहुत खुश और संतुष्ट हैं।

अब वे जल्द ही अपनी बाकी बेटियों नरगिस और आयशा की शादी कर देना चाहती हैं।

अब्बू और मामू बोले "चूँकि हमारे खानदान में शादियाँ परिवार में ही होती हैं लेकिन लड़के दो ही हैं, आमिर और इमरान और लड़कियाँ ज्यादा हैं तो देखते हैं कैसे होता है।"

अब्बू और मामू बोले "इमरान का जब तक इलाज नहीं हो जाता तब तक रोकते हैं, फिर देखते हैं।"

लेकिन खाला चाहती है, उनकी सभी बेटियों का निकाह जल्द से जल्द हो जाए, और फिर मेरी (इमरान की) सभी बहनो का निकाह तो आमिर, तुम से ही होना है, इसलिए इमरान बोला " आमिर! अब तुम और निकाह जल्द करने के लिए तैयार हो जाओ।"

रात को वलीमा दावत के बाद अब्बा जान ने बुलाया और कहा- "कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी, वह हमारी तहजीब के मुताबिक ठीक नहीं है, जो भी करो नजाकत को देख कर करो। सारे मेहमान नौकर नौकरानी सुनते हैं और बातें बाहर जा सकती हैं।"

मैंने सर झुका कर आदाब किया और वहां से अपने कमरे की ओर निकल गया। रास्ते में इमरान मिल गया। इमरान ने मुझसे पूछा तुमने श्रीनगर और कल रात ऐसा क्या किया कि झंडे गड़ गए? मैंने पूरा हाल बता दिया।

तभी लंगड़ाती हुई सारा, मुझे ढूँढ़ती हुई आ गयी और कहने लगी- आमिर! मुझे छोड़ कर आप कहाँ चले गए? कहने लगी- मैं आप से दूर नहीं रह सकती। उसके कपड़े बिल्कुल बेतरतीब थे। वह बिल्कुल दीवानों की तरह, किसी के होने, न होने की परवाह करे बगैर मुझसे लिपट गयी।

इमरान हँसते हुए बोला- "सारा बेगम, हम भी है यहाँ! हमारा भी आदाब कबूल कीजिये।" वह एकदम सम्भली और शर्मा कर मेरे पीछे छिपने लगीl "तो आमिर! ये झंडे गाड़े हैं तुमने?" इमरान बोला।

कटरीना सी सारा शर्म से पानी- पानी हो गयी और वापिस भाग गयी।

इमरान की बहन दिलिया जिसका निकाह मुझसे हुआ था, वह भी आ गयी और बोली- आमिर आप जाओ, सारा आपा तड़प रही है, उन्हें सम्भालो ।

मैं उसके पीछे-पीछे अपने कमरे में वापिस आया। सारा मुझ से लिपट गयी और बोली- आप मुझे अकेली छोड़ कर न जाया करें, मुझे साथ ले कर चला करें। अगर मैं सो रही हूँ तो मुझे जगा लिया करें और रोने लगी। फिर मुझे चूमने लगी ।

मैंने उसके आंसू पौंछे, उसे प्यार किया। उसके कंधों पर हाथ रख कर कहा- मेरी जान! मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा।

फिर उसे बहुत प्यार से चूमने लगा, उसके मोमे दबाये और चूत पर हाथ रख कर पूछा- कैसी हैं? तो सारा बोली- बिल्कुल सूज गयी है दुःख रही है, पर तुम्हारे लिए बिछी जा रही है।

मैंने उसे लिप किस किया। हमारे होंठ खुल गए और जीभ मिल गयी। उसकी सांसें भी तेज हो रही थी और पेट भी तेज-तेज से ऊपर नीचे हो रहा था। ये मेरे लिए अच्छे संकेत थे, तो मैंने भी मौक़े का फायदा उठाया और धीरे से उसकी सलवार को पैरों से ऊपर की तरफ सरका दिया।

धीरे-धीरे सलवार जाँघों तक आ गई। मैंने उसकी मस्त नर्म जाँघों को सहलाया तो वों अब मेरे पास होने लगी। मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और फटाफट सलवार और पैंटी को नीचे कर दिया।

उसने मेरे हाथों को पकड़ कर ऐसे करने से जैसे मुझे रोका। फिर वों शर्माती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। सारा वाकयी में बहुत सुंदर है। लेकिन मैं अब कहाँ रुकने को थाl मेरे लिए इसकी चूत यानी कि मेरी जन्नत का दरवाजा खुल गया था। मैंने जल्दी से हाथ को नंगी चूत के ऊपर रख दिया।

मेरे हाथ रखते ही वों सिहर उठी और मुझसे लिपट गई। मैं उसके नंगे बदन को देखना चाहता था। मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर मैंने उसकी नंगी टाइट चूत धीरे-धीरे से सहलाई।

मैंने चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया! तो वों मेरे हाथ को नाखून मारने लगी। इधर मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था।

हम आपस में बात नहीं कर रहे थे, लेकिन बात तो बस हमारे हाथों से और क्रियाओं से हो रही थी। मैंने सारा की चूत को सहलाना चालू रखा।

थोड़ी देर के बाद सारा का हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर आ गया और वों मुझसे लिपट भी गई। मैंने जल्दी से उसके गालों के ऊपर किस की और फिर उसके नर्म मीठे होंठों को चूसने लगा। वों भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने नीचे अपना काम जारी रखा था। अब मैंने धीरे से उंगली को चूत में डालनी शुरू कर दी और मेरी उंगली अंदर चूत में आराम से घुस गई।

मैं समझ गया कि वों तैयार हो चुकी है। फिर मैंने देर ना करते हुए उसको दूसरी तरफ घुमाया और उसकी गांड को अपने पास में खींचा। ऐसा करने से उसकी चूत बाहर को आ गई, तो मैंने भी वक्त बर्बाद न करते हुए लंड को चूत पर घुमाना चालू कर दिया। और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना सारा को थोड़ा तड़पाया जाए! मैं बस लंड को चूत पर रगड़ रहा था।

थोड़ी देर बाद जब उस से बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने अपने हाथ में लंड को पकड़ के चूत के छेद पर रखा, और पीछे की तरफ जोर लगाया ।

बस फिर क्या था मेरा लंड जन्नत में प्रवेश कर गया और यह जन्नत उस वक्त जहन्नुम के जैसी आग उगल रही ही। मुझे जो आनंद मिला तो मैं आप को किसी भी तरह के शब्दों में नहीं बता सकता हूँ। अब मैंने भी देर ना करते हुए मोर्चा सम्भाला चुदाई का, और दोनों हाथों से उसकी गोल गांड को पकड़ा और लंड को दे दनादन उसकी चूत में पेलने लगा।

क्या बताऊँ, कितना सुकून मिल रहा था मुझे! उसे भी खूब मजा आ रहा था, क्योंकि वों भी हर धक्के के साथ गांड को आगे-पीछे धकेल कर साथ दे रही थी मेरा।
वों मादकता में चिल्ला भी रही थी- और जोर से चोदो मुझे, हाँ, इसी तरह हाँ, बहुत अच्छा लग रहा है! और तेजी से डालों अपना लंड, आह! मेरा भी छूटने वाला है।

"वाह! क्या टाइट चूत है? हाँ! ले मेरे लंड को अपनी चूत में!" मैंने करीब 15 मिनट तक अपनी बड़ी बेगम सारा की चूत चुदाई की, और इस बीच में वों दो बार मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई।

मैंने इस हसीन सेक्स के लिए, उसके कान के ऊपर होंठों को लगा के उसे थेंक्स कहा। वों भी मुझसे लिपट गई और उसने होंठों के ऊपर किस कर के अपनी स्टाइल में थेंक्स कहा मुझे!

तभी मेरी छोटी दुल्हन जरीना जो वहीं सो रही थी, जाग गयी, और आकर मुझ से लिपट गयी। उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे। मैं उसको चूमने लगा और
फिर मैंने जरीना से कहा- अब तुम घोड़ी बन जाओ। मैं अब तुम्हारी गाँड मारूँगा।

"नहीं! मैं तुम्हें अपनी गाँड नहीं, सुना है बहुत दर्द होता है!" जरीना ने जवाब दिया।

"गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी! हाँ, तुम्हें दर्द होगा तो मैं रुक जाऊँगा." मैंने उत्तर दिया- चलो बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ।

"नहीं, मैं आप को अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं डालने दूंगी, बचाओ-बचाओ!! अम्मी मुझे बचाओ! " जरीना जोर से चिल्लायी।

"जितना चिल्लाना है, जोर से चिल्ला लो, आज प्यारी अम्मी भी आप को बचाने के लिये नहीं आ सकती, मैं आज तुम्हारी गाँड मार के रहूँगा। अगर खुशी से मरवाओगी तो आप को मजा भी आयेगा और दर्द भी कम होगा." मैंने कहा।

"प्रॉमिस?" जरीना ने कहा ।

"प्रॉमिस! कसम ले लो!" मैंने जरीना को कहा- "आप चीखती बहुत हैं, इसलिए अगर आप इजाजत दें तो आपकी कलाई में रस्सी बांध कर आपको उलटा कर,
आपके दोनों हाथ बेडपोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपड़े से बांध कर आपकी गांड मर लेता हूँ।"

"मेरे राजा आमिर! पहले मेरी चूत चोदोl फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से, ताकि दर्द न हो।"

फिर मैंने जम कर जरीना की चूत चुदाई की और जरीना को जन्नत की सैर कराई, जरीना भी मजे ले-ले कर चुद रही थी। फिर जरीना के हाथ बांध कर उसके मुंह में दुपट्टा ठूंस कर मैंने जरीना की चूत में उंगलियाँ घुसा कर गीली की और दुल्हन की गाँड में अपनी उंगलियों को घुसा दिया।

फिर चूत में अपना लंड घुसा कर लण्ड को चिकना किया, और गांड के ऊपर रख कर हल्का सा धक्का लगा कर, सुपारे को जरीना की गांड में फंसा दिया। गू-गू, गों-गों करती जरीना दर्द से कराही।

"थोड़ी देर की बात है जानू! मेरा लंड तुम्हारी गाँड में घुस रहा है." कह कर मैंने पूरा लंड उसकी गाँड में घुसा दिया। "

गु-गु!, ऊऊ!, ऊई!, ईई! जरीना जोर से चिल्लायी। उसकी गांड बहुत टाइट थी ।

"डरो मत मेरी जान! अब मेरा लंड पूरा का पूरा तुम्हारी गाँड में है, सब ठीक हो जायेगा।" मैंने कहा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा।

क्योंकि जरीना मुंह बंधा था, बेचारी केवल पाँव पटक सकती थी जिन्हें मैंने अपने हाथों से जकड़ रखा थाl कुछ देर में उसका दर्द कम हो गया और वों मजे लेने लगी। काफी देर तक उस नाजुक गांड की चुदाई कर मैं धन्य हो गया।

क्या गद्देदार चूतड़ थे, मुलायम गोरी चमड़ी, सख्त टाइट मांस, और टाइट कुंवारी गांड का छेद, बस मजा आ गया!

मैंने जरीना को खोल दिया. हम दोनों लेट गए. पास में ही मेरी बड़ी बेगम सारा नंगी बैठी ये सारा खेल देख रही थी. ।

"अब तुम्हारी बारी है गाँड में लंड लेने की " मैंने कुछ ही देर बाद छोटी दुल्हन जरीना को अपनी बड़ी बहन सारा से कहते सुना ।

मेरी बड़ी बेगम सारा ने मुझसे कहा-बेशक मेरी गांड मारो, लेकिन अपना माल मेरी चूत में ही निकालना! वादा करो? मैंने भी वादा कर दिया। "ठीक है, ज़रा धीरे-धीरे करना और जब मैं कहुँ तो रुक जाना।" सारा ने मुझ से विनती करते हुए कहा।

"ठीक है, तुम जैसा कहोगी वैसा ही करूंगा।" कह कर मैं अपना लंड सारा कि गाँड पर रगड़ने लगा। "देख जरीना अब सारा कि गाँड भी फटने वाली है, ये फटी, ये फटी" जरीना मंजे ले-ले कर बोल रही थी।

"ओह! मर गयी! आमिर प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है।" सारा चिल्लायी। पर उसकी आवाज़ ना सुन कर, मैंने एक करारा धक्का मार कर अपना पूरा लंड सारा कि गाँड में घुसा दिया।

जरीना आकर मुझे पीठ पर चूमने लगी। सच में मुझे बहुत मज़ा आया। मैंने जरीना को अपनी तरफ़ खींचा और उसको दबोच कर जरीना के मम्मे अपने एक हाथ से दबाने लगा और उसके ओंठ चूसने लगा।

मैं उसको ओंठों में खो गया। जरीना कि मादक सिसकियाँ और सारा कि दर्द भरी चीख़ों ने मेरा दिमाग़ सुन्न कर दिया था। पता नहीं सारा ने कब मेरा लण्ड अपनी गांड से निकाला और घोड़ी बने-बने ही अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होकर चुदने लगी।

मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं कब तक उनको यों ही चोदता रहा। मेरी बड़ी दुल्हन झड़ती गयी और फिर मैंने अपना सारा माल सारा कि चूत में छोड़ा और उनकी बाँहों में आँखें बंद कर लेट गया।

सुबह नूरी खाला ने सारा और जरीना कि हालत देखी तो पूरा माजरा समझ गयी। खाला मेरी दोनों दुलहनों को लेडी (महिंला) डॉक्टर के पास ले गयी और लेडी (महिंला ) डॉक्टर ने सारा और जरीना के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुक्म दे दिया।

कहानी आगे जारी रहेगी।

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यह कहानी मुसलमानों पर या उनकी परम्पराओ पर हमला करने के लिए नहीं है। यह सिर्फ़ मस्ती और आनंद के लिए है।

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आपका आमिर
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02-23-2021, 11:39 AM,
#7
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला -6
खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 06 ( ज़न्नत के पिछले दरवाजे से प्रवेश)



अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला किया।



कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी।

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात मानने का हुक्म सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी। तो अपनी दूसरी बीवी सारा के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की ।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई,और उसके बाद सारा और जरीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।

अब आगे:-

रात भर की मेहनत के बाद सुबह होने लगी थी। मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में थाl मेरे बगल में दो-दो हूरें थीं। वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईl मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा।

फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे। सुबह उठने पर सारा ने मुझसे पूछा- रात केसी गुजरी?

मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला:

गर फ़िरदौस बर रूये ज़मी अस्त।

हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्तll

(धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं! )।

मैं बोला- मेरी बीवियाँ जन्नत की हूरें हैं, और मैंने उन्हें, और उन्होंने मुझे जन्नत की सैर करवाई। कुछ देर में दरवाजे पर आहट हुई, नूरी खाला और सारा की बहनें नरगिस, आयशा और इमरान की बहनें दिलिया, उसकी बहन अबीर दुलहनों से मिलने आयी।

मैंने तौलिया लपेट कर सारा और जरीना को कपड़े उठा कर बाथरूम भेजा और दरवाजा खोला। तभी सारा और जरीना लंगड़ाती हुई बाहर निकल आयी। सबने सारा और जरीना को गले लगाया और बधाई दी।

इतने में अम्मी भी आ गयी और बोली- तुम्हारी दुलहनें तो जन्नत की हूरें हैं, आमिर! इन्हें प्यार से सम्भाल कर रखना।

मालूम चला कि इमरान भी अपनी बाकी बहनो के साथ हैदराबाद आ गया है, और बाकी भी बहुत सारे रिश्तेदार, आज रात को वलीमा (रिसेप्शन) की दावत में आ रहे हैं।

मैं इमरान से मिलने गया और उसके हाल पूछे। उसने बताया- आमिर! लगता है अब तुम्हारी लाटरी लगने वाली है।

इमरान: मैं अब्बा हुजूर के पास से आ रहा हूँ। कश्मीर वाली नूरी फूफी (मेरी खाला) और तुम्हारे अब्बा भी उनके पास बैठे हैं, और सारा वाले मामले के बाद नूरी फूफी (मेरी खाला) कह रही हैं कि सुबह सारा और ज़रीना से मिल कर आयी थी। दोनों बहुत खुश और संतुष्ट हैं।

अब वे जल्द ही अपनी बाकी बेटियों नरगिस और आयशा की शादी कर देना चाहती हैं।

अब्बू और मामू बोले "चूँकि हमारे खानदान में शादियाँ परिवार में ही होती हैं लेकिन लड़के दो ही हैं, आमिर और इमरान और लड़कियाँ ज्यादा हैं तो देखते हैं कैसे होता है।"

अब्बू और मामू बोले "इमरान का जब तक इलाज नहीं हो जाता तब तक रोकते हैं, फिर देखते हैं।"

लेकिन खाला चाहती है, उनकी सभी बेटियों का निकाह जल्द से जल्द हो जाए, और फिर मेरी (इमरान की) सभी बहनो का निकाह तो आमिर, तुम से ही होना है, इसलिए इमरान बोला " आमिर! अब तुम और निकाह जल्द करने के लिए तैयार हो जाओ।"

रात को वलीमा दावत के बाद अब्बा जान ने बुलाया और कहा- "कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी, वह हमारी तहजीब के मुताबिक ठीक नहीं है, जो भी करो नजाकत को देख कर करो। सारे मेहमान नौकर नौकरानी सुनते हैं और बातें बाहर जा सकती हैं।"

मैंने सर झुका कर आदाब किया और वहां से अपने कमरे की ओर निकल गया। रास्ते में इमरान मिल गया। इमरान ने मुझसे पूछा तुमने श्रीनगर और कल रात ऐसा क्या किया कि झंडे गड़ गए? मैंने पूरा हाल बता दिया।

तभी लंगड़ाती हुई सारा, मुझे ढूँढ़ती हुई आ गयी और कहने लगी- आमिर! मुझे छोड़ कर आप कहाँ चले गए? कहने लगी- मैं आप से दूर नहीं रह सकती। उसके कपड़े बिल्कुल बेतरतीब थे। वह बिल्कुल दीवानों की तरह, किसी के होने, न होने की परवाह करे बगैर मुझसे लिपट गयी।

इमरान हँसते हुए बोला- "सारा बेगम, हम भी है यहाँ! हमारा भी आदाब कबूल कीजिये।" वह एकदम सम्भली और शर्मा कर मेरे पीछे छिपने लगीl "तो आमिर! ये झंडे गाड़े हैं तुमने?" इमरान बोला।

कटरीना सी सारा शर्म से पानी- पानी हो गयी और वापिस भाग गयी।

इमरान की बहन दिलिया जिसका निकाह मुझसे हुआ था, वह भी आ गयी और बोली- आमिर आप जाओ, सारा आपा तड़प रही है, उन्हें सम्भालो ।

मैं उसके पीछे-पीछे अपने कमरे में वापिस आया। सारा मुझ से लिपट गयी और बोली- आप मुझे अकेली छोड़ कर न जाया करें, मुझे साथ ले कर चला करें। अगर मैं सो रही हूँ तो मुझे जगा लिया करें और रोने लगी। फिर मुझे चूमने लगी ।

मैंने उसके आंसू पौंछे, उसे प्यार किया। उसके कंधों पर हाथ रख कर कहा- मेरी जान! मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा।

फिर उसे बहुत प्यार से चूमने लगा, उसके मोमे दबाये और चूत पर हाथ रख कर पूछा- कैसी हैं? तो सारा बोली- बिल्कुल सूज गयी है दुःख रही है, पर तुम्हारे लिए बिछी जा रही है।

मैंने उसे लिप किस किया। हमारे होंठ खुल गए और जीभ मिल गयी। उसकी सांसें भी तेज हो रही थी और पेट भी तेज-तेज से ऊपर नीचे हो रहा था। ये मेरे लिए अच्छे संकेत थे, तो मैंने भी मौक़े का फायदा उठाया और धीरे से उसकी सलवार को पैरों से ऊपर की तरफ सरका दिया।

धीरे-धीरे सलवार जाँघों तक आ गई। मैंने उसकी मस्त नर्म जाँघों को सहलाया तो वों अब मेरे पास होने लगी। मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और फटाफट सलवार और पैंटी को नीचे कर दिया।

उसने मेरे हाथों को पकड़ कर ऐसे करने से जैसे मुझे रोका। फिर वों शर्माती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। सारा वाकयी में बहुत सुंदर है। लेकिन मैं अब कहाँ रुकने को थाl मेरे लिए इसकी चूत यानी कि मेरी जन्नत का दरवाजा खुल गया था। मैंने जल्दी से हाथ को नंगी चूत के ऊपर रख दिया।

मेरे हाथ रखते ही वों सिहर उठी और मुझसे लिपट गई। मैं उसके नंगे बदन को देखना चाहता था। मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर मैंने उसकी नंगी टाइट चूत धीरे-धीरे से सहलाई।

मैंने चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया! तो वों मेरे हाथ को नाखून मारने लगी। इधर मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था।

हम आपस में बात नहीं कर रहे थे, लेकिन बात तो बस हमारे हाथों से और क्रियाओं से हो रही थी। मैंने सारा की चूत को सहलाना चालू रखा।

थोड़ी देर के बाद सारा का हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर आ गया और वों मुझसे लिपट भी गई। मैंने जल्दी से उसके गालों के ऊपर किस की और फिर उसके नर्म मीठे होंठों को चूसने लगा। वों भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने नीचे अपना काम जारी रखा था। अब मैंने धीरे से उंगली को चूत में डालनी शुरू कर दी और मेरी उंगली अंदर चूत में आराम से घुस गई।

मैं समझ गया कि वों तैयार हो चुकी है। फिर मैंने देर ना करते हुए उसको दूसरी तरफ घुमाया और उसकी गांड को अपने पास में खींचा। ऐसा करने से उसकी चूत बाहर को आ गई, तो मैंने भी वक्त बर्बाद न करते हुए लंड को चूत पर घुमाना चालू कर दिया। और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना सारा को थोड़ा तड़पाया जाए! मैं बस लंड को चूत पर रगड़ रहा था।

थोड़ी देर बाद जब उस से बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने अपने हाथ में लंड को पकड़ के चूत के छेद पर रखा, और पीछे की तरफ जोर लगाया ।

बस फिर क्या था मेरा लंड जन्नत में प्रवेश कर गया और यह जन्नत उस वक्त जहन्नुम के जैसी आग उगल रही ही। मुझे जो आनंद मिला तो मैं आप को किसी भी तरह के शब्दों में नहीं बता सकता हूँ। अब मैंने भी देर ना करते हुए मोर्चा सम्भाला चुदाई का, और दोनों हाथों से उसकी गोल गांड को पकड़ा और लंड को दे दनादन उसकी चूत में पेलने लगा।

क्या बताऊँ, कितना सुकून मिल रहा था मुझे! उसे भी खूब मजा आ रहा था, क्योंकि वों भी हर धक्के के साथ गांड को आगे-पीछे धकेल कर साथ दे रही थी मेरा।

वों मादकता में चिल्ला भी रही थी- और जोर से चोदो मुझे, हाँ, इसी तरह हाँ, बहुत अच्छा लग रहा है! और तेजी से डालों अपना लंड, आह! मेरा भी छूटने वाला है।

"वाह! क्या टाइट चूत है? हाँ! ले मेरे लंड को अपनी चूत में!" मैंने करीब 15 मिनट तक अपनी बड़ी बेगम सारा की चूत चुदाई की, और इस बीच में वों दो बार मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई।

मैंने इस हसीन सेक्स के लिए, उसके कान के ऊपर होंठों को लगा के उसे थेंक्स कहा। वों भी मुझसे लिपट गई और उसने होंठों के ऊपर किस कर के अपनी स्टाइल में थेंक्स कहा मुझे!

तभी मेरी छोटी दुल्हन जरीना जो वहीं सो रही थी, जाग गयी, और आकर मुझ से लिपट गयी। उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे। मैं उसको चूमने लगा और फिर मैंने जरीना से कहा- अब तुम घोड़ी बन जाओ। मैं अब तुम्हारी गाँड मारूँगा।

"नहीं! मैं तुम्हें अपनी गाँड नहीं, सुना है बहुत दर्द होता है!" जरीना ने जवाब दिया।

"गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी! हाँ, तुम्हें दर्द होगा तो मैं रुक जाऊँगा." मैंने उत्तर दिया- चलो बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ।

"नहीं, मैं आप को अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं डालने दूंगी, बचाओ-बचाओ!! अम्मी मुझे बचाओ! " जरीना जोर से चिल्लायी।

"जितना चिल्लाना है, जोर से चिल्ला लो, आज प्यारी अम्मी भी आप को बचाने के लिये नहीं आ सकती, मैं आज तुम्हारी गाँड मार के रहूँगा। अगर खुशी से मरवाओगी तो आप को मजा भी आयेगा और दर्द भी कम होगा." मैंने कहा।

"प्रॉमिस?" जरीना ने कहा ।

"प्रॉमिस! कसम ले लो!" मैंने जरीना को कहा- "आप चीखती बहुत हैं, इसलिए अगर आप इजाजत दें तो आपकी कलाई में रस्सी बांध कर आपको उलटा कर, आपके दोनों हाथ बेडपोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपड़े से बांध कर आपकी गांड मर लेता हूँ।"

"मेरे राजा आमिर! पहले मेरी चूत चोदोl फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से, ताकि दर्द न हो।"

फिर मैंने जम कर जरीना की चूत चुदाई की और जरीना को जन्नत की सैर कराई, जरीना भी मजे ले-ले कर चुद रही थी। फिर जरीना के हाथ बांध कर उसके मुंह में दुपट्टा ठूंस कर मैंने जरीना की चूत में उंगलियाँ घुसा कर गीली की और दुल्हन की गाँड में अपनी उंगलियों को घुसा दिया।

फिर चूत में अपना लंड घुसा कर लण्ड को चिकना किया, और गांड के ऊपर रख कर हल्का सा धक्का लगा कर, सुपारे को जरीना की गांड में फंसा दिया। गू-गू, गों-गों करती जरीना दर्द से कराही।

"थोड़ी देर की बात है जानू! मेरा लंड तुम्हारी गाँड में घुस रहा है." कह कर मैंने पूरा लंड उसकी गाँड में घुसा दिया। "

गु-गु!, ऊऊ!, ऊई!, ईई! जरीना जोर से चिल्लायी। उसकी गांड बहुत टाइट थी ।

"डरो मत मेरी जान! अब मेरा लंड पूरा का पूरा तुम्हारी गाँड में है, सब ठीक हो जायेगा।" मैंने कहा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा।

क्योंकि जरीना मुंह बंधा था, बेचारी केवल पाँव पटक सकती थी जिन्हें मैंने अपने हाथों से जकड़ रखा थाl कुछ देर में उसका दर्द कम हो गया और वों मजे लेने लगी। काफी देर तक उस नाजुक गांड की चुदाई कर मैं धन्य हो गया।

क्या गद्देदार चूतड़ थे, मुलायम गोरी चमड़ी, सख्त टाइट मांस, और टाइट कुंवारी गांड का छेद, बस मजा आ गया!

मैंने जरीना को खोल दिया. हम दोनों लेट गए. पास में ही मेरी बड़ी बेगम सारा नंगी बैठी ये सारा खेल देख रही थी. ।

"अब तुम्हारी बारी है गाँड में लंड लेने की " मैंने कुछ ही देर बाद छोटी दुल्हन जरीना को अपनी बड़ी बहन सारा से कहते सुना ।

मेरी बड़ी बेगम सारा ने मुझसे कहा-बेशक मेरी गांड मारो, लेकिन अपना माल मेरी चूत में ही निकालना! वादा करो? मैंने भी वादा कर दिया। "ठीक है, ज़रा धीरे-धीरे करना और जब मैं कहुँ तो रुक जाना।" सारा ने मुझ से विनती करते हुए कहा।

"ठीक है, तुम जैसा कहोगी वैसा ही करूंगा।" कह कर मैं अपना लंड सारा कि गाँड पर रगड़ने लगा। "देख जरीना अब सारा कि गाँड भी फटने वाली है, ये फटी, ये फटी" जरीना मंजे ले-ले कर बोल रही थी।

"ओह! मर गयी! आमिर प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है।" सारा चिल्लायी। पर उसकी आवाज़ ना सुन कर, मैंने एक करारा धक्का मार कर अपना पूरा लंड सारा कि गाँड में घुसा दिया।

जरीना आकर मुझे पीठ पर चूमने लगी। सच में मुझे बहुत मज़ा आया। मैंने जरीना को अपनी तरफ़ खींचा और उसको दबोच कर जरीना के मम्मे अपने एक हाथ से दबाने लगा और उसके ओंठ चूसने लगा।

मैं उसको ओंठों में खो गया। जरीना कि मादक सिसकियाँ और सारा कि दर्द भरी चीख़ों ने मेरा दिमाग़ सुन्न कर दिया था। पता नहीं सारा ने कब मेरा लण्ड अपनी गांड से निकाला और घोड़ी बने-बने ही अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होकर चुदने लगी।

मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं कब तक उनको यों ही चोदता रहा। मेरी बड़ी दुल्हन झड़ती गयी और फिर मैंने अपना सारा माल सारा कि चूत में छोड़ा और उनकी बाँहों में आँखें बंद कर लेट गया।

सुबह नूरी खाला ने सारा और जरीना कि हालत देखी तो पूरा माजरा समझ गयी। खाला मेरी दोनों दुलहनों को लेडी (महिंला) डॉक्टर के पास ले गयी और लेडी (महिंला ) डॉक्टर ने सारा और जरीना के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुक्म दे दिया।

कहानी आगे जारी रहेगी।

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यह कहानी मुसलमानों पर या उनकी परम्पराओ पर हमला करने के लिए नहीं है। यह सिर्फ़ मस्ती और आनंद के लिए है।

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आपका आमिर

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02-24-2021, 03:06 PM,
#8
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला-07
Update 07

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला-07


अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदाl उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

मैंने इमरान से कहाः मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगा।
अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थीl

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात का हुकुम सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी, तो अपनी दूसरी बीवी जरीना की के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई और उसके बाद सारा और ज़रीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।
वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।
आगे आनेवाला कथानक "खाला को चोदा" और "खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला" कहानी का ही विस्तार है, लेकिन वह कहानी चूंकि नूरी खाला और सारा के बारे में थी तो मुझे लगता है अन्य पात्रों के साथ हुए घटनाक्रम को अलग कथानक के रूप में लिखा जाए तो उचित होगा।
लीजिये पेश है आगे की कहानी

वलीमा (Reception) की रात मैंने सारा और ज़रीना को 4 बार चोदा और उनकी गांड भी मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।

कुछ देर बाद मैं सारा से उसकी तबियत पूछने गया तो वह मुझसे लिपट गयी फिर मुझे चूमने लगी। और कहने लगी मेरा दूल्हा पूरा कसाई हैl फिर मैंने कहा कि कसाई कैसा है? तो आपा ने कहा कि अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है।

सारा कहने लगी ओह आमिर ये तुमने कल क्या कर दिया। मेरी चुत का भुर्ता बना दिया देखो कैसे सूज गयी हैl बहुत दर्द हो रहा है , में मर जाउंगी, आआई रे! मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो।

मैंने चूत पर हाथ रखा तो वह बिलकुल सूजी हुई थी। उनके लिप्स पर किस किया और कहा आय लव यू! सारा, आपको चोद कर मैं धन्य हो गयाl रोते और सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थी लेकिन मुझसे गुस्सा थी और बोली जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवातीl कोई ऐसे भी अपनी खाला की लड़की को चोदता है। उसकी आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

तभी वहां पर सारा की बहने ज़रीना, नरगिस और आयशा तथा इमरान की बहने दिलिया, अबीर और ज़ारा भी आ गयी और सारा की तबियत पूछने लगी। दिलिया ने मेरे पास आकर मेरे कान में कहा कि पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला सारा और ज़रीना आपा के साथ? तो मैंने कहा कि मेरी जान जल्द ही तेरी भी यही हालत करूँगा, तो दिलिया ने कहा कि तो कर लेना, आओ तो सही, में चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे, ज़रीना और सारा आपा तो सीधी थी, मीठी थी, नमकीन और कमसिन का मज़ा तो में ही दूँगी।

पिछली तीन रात जो मैंने सारा और ज़रीना के साथ गुजारी थी और जो जलवा देखा था उसके बाद सोचने लगा अगर सारा ज़रीना मीठी और सीधी थी तो नमकीन कैसी होगी। मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा।

फिर सारी बहने हमसे अपनी सुहाग रात का किस्सा पूछने लगीl तो सारा बोली इनसे क्या शर्मl ये सभी मेरी बहने हैं, और तफ्सील से सुहाग रात का पूरा किस्सा सुनाने लगी। दोस्तों आप पूरा किस्सा "खाला कि चुदाई के बाद आपा का हलाला" भाग १-६ में पढ़ सकते हैं।

उसके बाद मैंने अपनी बीवियों और सालियों को लूसी के साथ अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई l ये कहानी उसी कहानी का अभिन्न अंग है l

मुझे पूरा यकीन है ये कहानी आपके सेक्स के बारे में भी ज्ञान में कुछ वृद्धि ही करेगी l

लीजिये पेश है लूसी मेरी प्यारी पहली कुंवारी के साथ मेरी पहली चुदाई का वाकया!


परिचय:

यह मेरी पहले सेक्स की कहानी है जो मैंने अपनी पत्नी और सालियो को मेरे पूर्व यौन जीवन के बारे में जानने की इच्छा करने पर सुनाई थी।

अठारह वर्ष की आयु तक, मैं उन सभी छोटी-छोटी बातों से बिल्कुल अनभिज्ञ रह गया था, जो माता-पिता अपने बच्चों से छिपाने के लिए बहुत उत्सुक होते हैं।

हाँ कभी कभी सुन्दर लड़कियों और महिलाओ को देखकर स्वाभिक तौर  पर मेरा लंड खड़ा हो जाता थाl  इससे ज्यादा कभी मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया पर लड़कियों की सुंदरता मुझे हमेशा आकर्षित करती थी और खास तौर पर जिनके बड़े स्तन होते थे उन लड़कियों को देख कर स्वाभिक तौर  पर मेरा लंड खड़ा हो जाता थाl
 
मेरा बड़ा लंड हमेशा मेरे स्कूल के दोस्तों के बीच कौतुहल और मजाक का विषय रहा थाl

एक बार ऐसे ही एक मौके पर एक हसीना को देख कर जब  मेरा लंड खड़ा हो गया और पायजामे से साफ़ नजर आने लगा, तो मैंने अपनी  मेरे अब्बा से फुसफुसाते हुए  सुना ये लगता है आमिर आप पर ही जा रहा हैl

 तो अब्बा ने बोलै खानदानी नियामत है नजर मत लगाओ .. इससे लड़किया बहुत खुश रहेंगी तुम्हारी तरह .. और अम्मी शर्मा कर एक तरफ हो गयी

मुझे कुछ ज्यादा समझ नहीं आया क्योंकि मेरा सेक्स का ज्ञान उस समय ना के बराबर था
यह लगभग 6 साल पहले मार्च के महीने के अंत में, जब मैं हमारे घर के पास दिल्ली की सड़कों में से एक में चल रहा था कि मैंने दो खूबसूरत महिलाओं को अपनी दिशा में आते देखा। एक सत्ताईस साल की उम्र की एक लंबी महिला थी, जो अन्य तथ्यों के तहत निश्चित रूप से एक सुन्दर रूप की मलिका थी, जिससे पास से गुजरने वालो की नज़रे बरबस उस पर टिक जाती थी। लेकिन उसकी साथी थी जिसने प्रशंसा, आनंद, इच्छा और आश्चर्य की मजबूत भावना के साथ मुझे अपने रूप से अपनी और आकर्षित किया।

वह अठारह साल की एक सुंदर युवा लड़की थीl जिसमें चेहरे और फिगर का ऐसा अद्भुत सौंदर्य था जैसा मैंने कभी देखा या सपने में भी नहीं देखा था। चमकीले, लहराते, भूरे बाल उसकी कमर से लिपट गए थेl गहरी बैंगनी आँखें लंबे कर्लिंग भोहों के नीचे से दिखती थीं, और पूरे लाल होंठों के साथ मिलकर हंसने लगती थीं। ये और एक हजार अन्य आकर्षण जिन्हें मैंने बाद में जाना था, लेकिन इस दृश्य में जो मुझे सबसे ज्यादा आकर्षक लगा, वो उस लड़की की छातिया अद्भुत और बहुत ही असामान्य बड़े आकार की थी और उन स्तनों का सौंदर्य था, जो उसकी पोशाक से हर संभव उभार को नुमाया कर रहा था। जो कि सच्ची ब्रिटिश शैली कला में था। वह धीरे-धीरे और चुपचाप चलती थी और एक प्यारी सी मुस्कान के साथ अपने पूर्ण और परिपूर्ण रूप को रेखांकित करती हुई. बीच-बीच में वह बार-बार मेरी तरफ देखती थी।

वह लम्बी और लचीली युवा देवी थी, उसकी छोटी स्कर्ट सुंदर रूप से निर्मित लम्बी चिकनी और सुन्दर टांगो की जोड़ी की दिखा रही थीl उसने त्वचा के रंग का, स्पष्ट रूप से डिजाइन किए गए रेशम मोज़ा पहने हुए थे जो ध्यान आकर्षित कर रहे थे। मैं इस युवा और सुंदर लड़की से अपनी नज़रें नहीं हटा पा रहा था।

जब मैं जोड़ी के पास पहुँचा, तो मेरे आश्चर्य को देखकर उनमे से बड़ी महिला ने अचानक मेरा नाम पुकारा। "आमिर! आमिर! क्या आप को मैं याद हूँ?"

मैं इतना अचंभित था के एक पल के लिए मैं बिलकुल कुछ नहीं समझ पाया ये क्या था, लेकिन आवाज ने मुझे सुराग दिया।

'हां, मिस आप मुझे अच्छी तरह से याद हैं ', मैंने जवाब दिया, 'आप मिस जेन हैं, जो मेरी बहनों को पढ़ाती थीं। ओह! कितना सुखद आश्चर्य है! आप हैदराबाद से दिल्ली कैसे आयी? "मैंने कहा जबकि मेरी नज़र, उसकी साथी युवा संदरी पर ही टिकी हुई थी। उसने भी मेरी तरफ देखा और मुझे उसकी तरफ देखते हुए पाया, वह शरमा गई।

सुश्री जेन ने हम दोनों के नज़रो का आदान-प्रदान देखा।

''बिलकुल सही। मैंने शिक्षण छोड़ दिया है, जिसके लिए भाग्यशाली तरीके से मेरे लिए किसी भी समय की आवश्यकता अब नहीं है। मैं यहाँ अपने प्यारी सहेली के साथ एक फ्लैट में रह रही हूँ। मैं आपका उस से परिचय करवाती हूँ, आमिर ये है सुश्री लूसी - प्यारी लूसी, ये हैं आमिर। ' लूसी की बैंगनी आँखें मुझ पर मुस्करायी; और लाल होंठ एक मीठी मुस्कान आयी और उसके गालों के केंद्र में डिम्पल दिखाई दिए। मुझे केवल अठारह वर्ष की आयु में, प्यार के चरण में कोई अनुभव नहीं होने के कारण, मैं इस प्यारी लड़की के सामने गया, मैंने उसे अपना दिल हार दिया। मैंने उसे और उसने मुझे अभिवादन कियाl

मैंने मिस जेन को चाय के कप के लिए, मेरे पास ही घर आने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया, क्योंकि उस दिन उनका कुछ पूर्व नियोजित काय्रक्रम थाl बाद में उस शाम खरीदारी के लिए उन्होंने सुपर मार्केट जाने की योजना बनाई हुई थी। एक या दो क्षण बाद, मेरे पास सुश्री जेन का मोबाइल नंबर और उसके फ्लैट का पता मेरी जेब में था, और मैंने अगले दिन चाय पर उनसे मिलने का वादा किया.

लुसी को फिर देखने और मिलने के अपने इच्छा को नियंत्रित करने में असमर्थ, मैं फिर से उनके उसी रास्ते से लौटने की प्रतीक्षा करता हुआ, लंबे समय तक एक कोने की झाड़ी में छिपा रहा, लेकिन शायद उन्होंने अपनी वापसी के लिए कुछ अलग मार्ग या मोड लिया।

शाम को मैं भी सुपर मार्केट गया और वहां फिर से लूसी और सुश्री जेन से मुलाकात की। मैंने सुश्री जेन और लूसी दोनों का अभिवादन किया, और लूसी भी मुझे देखकर मुस्कुराई। लुसी कुछ भारतीय पोशाक खरीदना चाहती थी और मैंने उसकी कपड़ो के चयन में मदद की। मैंने चुपके से उसके और सुश्री जेन के लिए एक लाल चोली और लहंगा (भारतीय स्कर्ट और टॉप) खरीदा।

सुश्री लुसी मेरे साथ खरीदारी करते समय खुश थी और मुझे यह आभास हुआ कि उसे मेरा साथ पसंद है।

मैंने सुश्री जेन को उपहार दिया और उनसे अनुरोध किया कि वो मेरे द्वारा लुसी के लिए खरीदे गए उपहार को लूसी को दे। सुश्री जेन ने उस उपहार को स्वीकार किया, मुस्कुरायी, और मुझे लूसी को खुद को उपहार देने के लिए प्रोत्साहित किया, जो मैंने किया और सुश्री लुसी ने सुश्री जेन से सहमति लेकर मेरा उपहार स्वीकार किया।

लुसी वह ड्रेस ट्राई करना चाहती थी लेकिन वे लेट हो रही थींl सुश्री जेन ने लूसी को घर पर इसे आजमाने की सलाह दी, क्योंकि जरूरत पड़ने पर दुकानदार ने ड्रेस बदलने का वादा किया था। लेकिन, मुझे यकीन था कि यह उसे पूरी तरह से फिट करेगा, क्योंकि मैंने खरीदारी में उसकी मदद करते हुए उसके फिगर और छतियो का एक अच्छा अंदाजा लगा लिया था,जब वह कुछ कपड़े परखने के लिए पहन रही थी।

मैं लूसी को चाहने लग गया था, इसलिए शाम को, मैंने लुसी की एक झलक पाने के लिए सुश्री जेन द्वारा मुझे दिए गए पते का एक चक्कर लगाने का फैसला किया। फ्लैट मेरे घर के पास और पहली मंजिल पर था। उनके फ्लैट के ठीक सामने एक निर्माणाधीन इमारत थी जहाँ से मैं उसके फ्लैट की सभी खिड़कियाँ देख सकता था। मैं निर्माणाधीन इमारत की दूसरी मंजिल पर गया।

उसके फ्लैट की रोशनी चालू थी और पर्दे नहीं खींचे गए थे। सबसे पहले, मैंने लुसी को मेरे द्वारा दी गई ड्रेस को आज़माते हुए देखा। लुसी को अलग-थलग, अर्ध-नग्न, और उस लाल पोशाक को देखकर मुझे बहुत बड़ा इरेक्शन हुआ। पायजामे के अंदर मेरा लंड खड़ा हो गया था जैसे कि एक पुराने जमाने के तम्बू पोल नीचे होते थे।

दूसरी तरफ लुसी उस लाल चोली और लहंगा ड्रेस में अपनी सुंदरता को निहार रही थी। वह एक हूर की तरह लग रही थी जब वह उसी क्षण आईने में उसे देख रही थी।

मैंने दूसरे कमरे की खिड़की से देखा, कि एक साया सुश्री जेन के ऊपर लेटा हुआ था, उसे तंग आलिंगन में जकड़ते हुए, सुश्री जेन के सुंदर बड़े सफेद पैर उसकी पीठ पर पार हो गए, मैंने देखा कि वे सेक्स का आनंद ले रहे थे।

मेरा लंड उस तरीके से प्रेमपूर्ण दृश्य को बिस्तर पर दोनों को देखकर और भी सख्त हो रहा था। मैं बहुत चकित था और उस प्रेमपूर्ण दृश्य को देखने में तल्लीन था, कि मैं सुश्री लुसी को भूल गया और उन्हें देखता रहा जब तक उस साये (व्यक्ति) ने सुश्री जेन से खुद को नहीं उठाया।

वह उठा, मेरी और पीठ करके नंगा खड़ा हो गया और कपड़े पहनने लगा, जबकि सुश्री जेन अभी भी वहीं पड़ी हुई थी, अपनी आँखें बंद करके, पूरी तरह से नग्न, उसकी जांघों चौड़ी, मेरी टकटकी के लिए प्रकट करते हुए, गोल सफेद पेट और नीचे का हिस्सा जो काले घुंघराले बालों के साथ ढका हुआ था।

सुश्री जेन ने आँखों को खोला, अचानक कुछ देख, उठकर, उस साये को चूमा, और जल्दी से मेरे द्वारा उपहार दिए गए, लहंगे चोली पहनी। इस बीच, उस साये ने भी उस समय तक कपड़े पहने और कमरे से बाहर निकल गया। सुश्री जेन ने अपने कमरे के पर्दे खींचे और अपने कमरे की रोशनी बंद कर दी।

मैंने फिर से उस खिड़की को देखना शुरू कर दिया, जहाँ लुसी आईने को देखकर मेरे द्वारा उपहार में दी गई टॉप की गांठों को बाँधने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी बड़ी छाती पर बड़े बड़े स्तन उसे बांधने नहीं दे रही थी।

सुश्री जेन ने सुश्री लुसी के कमरे में प्रवेश किया और खिड़की के पास आकर मुझे अपनी उंगलियों से आने का संकेत दिया क्योंकि उसने मुझे खिड़की पर देखा था। उसने अपना मोबाइल फोन लिया, मुझे फोन किया। मेरा मोबाइल बजने लगा और मुझे तुरंत वहां आने के लिए कहा।

मैं घबरा गया कि आगे क्या होने वाला है, क्या वह मेरे माता-पिता से शिकायत करने जा रही है। मेरी बहनों ने हमेशा यही बताया कि वह बहुत सख्त शिक्षक थीं। मैंने कांपती आवाज में फोन पर क्षमा मांगी, लेकिन उसने मुझे माफ़ नहीं किया।

सुश्री जेन ने आज्ञा दी- आमिर, यहां तुरंत आओ, वरना बहुत भयानक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उसने कहा कि आपमें साहस है कि आप युवा लड़की को अपने कपड़े बदल कर देख सकते हैं, लेकिन उसका सामना करने की हिम्मत नहीं है।

तो डर के मारे कांपता हुआ, जब मैं पहली मंजिल पर उस फ्लैट पर पहुंच गया। दरवाजा खुला था और सुश्री जेन हाथ में अपने मोबाइल के साथ मेरा इंतजार कर रही थीं और मुझे सुश्री जेन से मेरे मोबाइल फोन पर एक संदेश मिला।

आगे क्या हुआ ..कहानी जारी रहेगी

आपका आमिर
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02-25-2021, 06:36 PM,
#9
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला
Update 08

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला-08


अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदाl उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

मैंने इमरान से कहाः मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थीl

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात का हुकुम सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी, तो अपनी दूसरी बीवी जरीना की के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई और उसके बाद सारा और ज़रीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।

वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।

आगे आनेवाला कथानक "खाला को चोदा" और "खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला" कहानी का ही विस्तार है, फिर सारी बहने हमसे अपनी सुहाग रात का किस्सा पूछने लगीl तो सारा बोली इनसे क्या शर्मl ये सभी मेरी बहने हैं, और तफ्सील से सुहाग रात का पूरा किस्सा सुनाने लगी। दोस्तों आप पूरा किस्सा "खाला कि चुदाई के बाद आपा का हलाला" भाग १-६ में पढ़ सकते हैं।


उसके बाद मैंने अपनी बीवियों और सालियों को लूसी के साथ अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई l कैसे और कहाँ मैं मिस जेन और लूसी से मिला और दोनों एक दुसरे पर पहली नज़र में ही फ़िदा हो गए l ये कहानी उसी कहानी का अभिन्न अंग हैl

अब आगे 


लूसी मेरी प्यारी पहली कुंवारी Ch. 02

भयभीत और कांपते हुए, जब मैं सुश्री जेन के फ्लैट के दरवाजे पर पहुँचा, तो वह वहाँ खड़ी थी और अपने हाथ में मोबाइल लेकर मेरा इंतजार कर रही थी। उस छोटी सी दूरी तय करने में मुझे लगभग एक घंटा लग गया।



मैंने एक और बहाने से निवेदन किया कि मेरे माता-पिता यहाँ हैं और मैंने उनसे कहा है कि मैं आपसे मिला हूँ और उन्होंने मुझे कल सुबह उनसे मिलने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलने के लिए आमंत्रित करने के लिए भेजा है। सुश्री जेन ने मुझे ताका झांकी (Voyeur) के लिए डांटा। मैंने फिर से निवेदन किया कि मैं जब यहाँ आया तो मुझे लगा मुझे ये जानना चाहिए कि क्या आप अभी जाग रहे थे या सेवानिवृत्त हो गए ( सोने चली गयी) हैं। यदि आप दिन के लिए सेवानिवृत्त हुए हैं तो मैं आप को परेशान नहीं करना चाहता था। इसीलिए मुझसे ये खता हो गयी जिसके लिए आप मुझे माफ़ कर देl



लेकिन सब बहाने बेअसर लगे तो मैं अपने घुटनों पर गिर गया और कहा 'सुश्री जेन, मैं सुश्री लुसी से बहुत प्यार करता हूं और उसके लिए कुछ भी करूंगा। मैं अपनी शरारत के लिए उसकी क्षमा माँगने वाला था, जैसे कि वह मुझसे यह सुनने के लिए प्रतीक्षा कर रही थी कि मैं लूसी से प्यार करता हूँ, मुझे ठीक उसी समय सुश्री जेन से मेरे मोबाइल फोन पर निम्न संदेश मिला।



प्रिय आमिर,



शुरू में, मुझे उस टेलीकॉन में आपके साथ कठोर होने के लिए खेद है और अभी पूरी तरह से खेद नहीं है, क्योंकि मैं चाहती हूं कि आप लुसी को अच्छी तरह से जान लें। मित्र सुश्री लुसी एक अनाथ है जिसका कोई रिश्तेदार इस दुनिया में जीवित नहीं है। वह अपने स्वर्गीय एंग्लो इंडियन माता पिता की इकलौती संतान हैं, जिनकी हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। उस के पिता एक भारतीय आयुर्वेदिक डॉक्टर थे और माँ एक खूबसूरत ब्रिटिशर थीं।

वह अभी लंदन के एक ब्रिटिश स्कूल से वापस आयी है। वह बहुत ही समझदार और बुद्धिमान लड़की है, और फिगर में भी सुन्दर ,चुलबुली और स्वभाव से प्यारी , जैसा कि आपने खुद देखा होगा! उसे सुंदरता अपनी दिवंगत मां की विरासत में मिली है। वह दूध जैसे गोरे रंग की,बहुत ही जवान और उसका गदराया हुआ शरीर, बड़े बड़े उभरे हुए मम्मे, सुडौल पट, बहुत ही सुंदर नयननक्स, गोरे मोटे सेब जैसे गाल, पूरा मांसल शरीर, हाथ पाँव की उँगलियाँ सुंदर और गुदाज़ है l



वह एक बेहद गर्म और भावुक स्वभाव की है, और आज जैसे आप उसे देख रहे थे, वह बेकार नहीं गया है l उसे आपसे प्यार हो गया है! आप उसे एक रमणीय साथी पाएंगे। मुझे लगता है कि आप भी उसे पसंद करते हैं और प्यार करते हैं। मुझे पता है कि आप बहुत ही कोमलता से उसकी देखभाल करेंगे,और वह आपके लिए दुनिया में कुछ भी करेगी ।



आप ब्रिटिश स्कूल में जीवन के बारे में उससे बात कर सकते हैं; वह इसके बारे में बात करना पसंद करती है। मैं चाहती हूं कि वह खुश रहे, और मुझे लगता है कि आप इसमें मदद कर सकते हैं। याद रखें कि वह पिछले सप्ताह में अठारह वर्ष की हो गई है।



सादर,



सुश्री जेन जॉन



"आमिर आप ठीक हो?" सुश्री जेन से पूछा।


मैं इस उल्लेखनीय सन्देश को प्राप्त करने के बाद अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता। मेरा मन खुश से नाच उठा थाl बेशक, संदेश पढ़ने के बाद मुझे राहत मिली। मैं उन्हें इस सन्देश और मुझे माफ़ करने के लिए धन्यवाद कहा, उन के को हाथ चूमा और वह मुस्कुरायी और उन्हों ने आशीर्वाद दे कर कहा आमिर भगवान् आप दोनों को सब खुशिया दे!


संदेश पढ़ने पर मैं बहुत खुश हुआ और सुश्री जेन को धन्यवाद देना चाहता था। लुसी के ताजे फूल जैसा चेहरा, उसके कोमल लाल होंठ, उसकी खूबसूरत आँखें, और उसकी रसीली गालो में पड़ने वाले डिम्पल मेरेआँखों के सामने से गुज़र रहे थे, उसके तुरंत बाद उसके अद्भुत स्तन और उसके नाजुक सुडौल पैर, मुझे नज़र आ रहे थे . मेरे दिल और दिमाग पर लूसी की सुन्दर छवि छा गयी थी और मुझे पता लग गया था कि वह किस्मत की देवी मुझ पर मेहरबान हो गयी है, जो मुझे अब लुसी से मिलने के लिए मौका दे दिया है ।


सुश्री जेन के संदेश के अर्थ को गलत तरीके से समझना संभव नहीं था और वास्तव में जब मैं फ्लैट पर पहुंचा , तो वह मेरा स्वागत करने के लिए वहां थी।


उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और मुझे अंदर बुलाया और हम सोफ़े पर बैठ गए। वह ठीक मेरे सामने बैठी और मुझे एक गिलास पानी दिया।



पानी पीने के दौरान मैं ब्रिटिश मूल की महिला सुश्री जेन को देख रहा था, जो लम्बी, सुनहरे गोरे बालो वाली (blonde) और बड़ी नीली आँखें और उनकी चिकनी मुलायम ठुड्डी थी। वह लाल मिनीस्कर्ट और गुलाबी रंग के टॉप पहने हुई थी । कमरे में मेरी आँखों ने मंद प्रकाश थाl

मैं कुछ नहीं कह सकता था। मैं सुहृ जेन के स्तन देख रहा था। उसका टॉप बहुत छोटा, और स्लीवलेस था और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसके टॉप का बटन खुला था। उसके स्तन ऊंचे और सख्त थे और निप्पल मजबूती से तने हुए थे। मैं ऊपर से निपल्स को ठीक से देख सकता था, और उसके खुशबू और शरीर की निकटता ने मुझे अवाक कर दिया था ।


भगवान, मैंने कभी किसी महिला को उससे ज्यादा कामुक नहीं देखा था और मैंने उस खिड़की से जो कुछ देखा था, उसे याद करने के बाद, उसे और करीब से देखना चाहता था। मैं उसे प्यार करने की कल्पना कर रहा था।


उसकी मिनीस्कर्ट उसकी जाँघों तक ऊँची हो गई थी, जिससे उसकी नायलॉन पैंटी का पता चल रहा था । मेरी नजरे फिर उसकी कोमल मलाईदार जांघों पर एक लंबे पल के लिए टिक गयी तो उन्हों ने उन्हें हल्का सा खोल दिया और मैं अपने दिमाग में उस प्यारी छोटी चूत और उस सभी कोमल पतले बालों को देख कर कल्पना करने लगा । लगभग तुरंत मैंने महसूस किया कि मेरा लंड नियंत्रण से बाहर हो गया है,।


वो लंबी, खूबसूरत मलाईदार जांघें बहुत आकर्षक लग रही थीं। यहां तक कि अगर मैं अंधेरे में उसकी बिल्ली को नहीं देख सकता था, तो मुझे लगा कि मेरा लंड जाग रहा था और मैं उसकी प्यारी, छोटी योनी के बारे में सोचना बंद नहीं कर प् रहा था । मैंने अपने अपने पैरों को एक साथ निचोड़कर अपने लंड के कड़ेपन को छिपाने का एक असफल प्रयास किया और वह मेरी बगल में आ कर बैठ गयीl


मैंने अपने लंड के कड़ेपण को दबाने की कोशिश की; मेरा ध्यान शरीर के उतार चढ़ावो और वक्रता पर लगा हुआ था। मैंने अपने लंड को समायोजित करने की कोशिश की। लेकिन यह नीचे बिल्कुल नहीं जाना चाहता था। ।


मैं स्कूल में अक्सर अपने लिंग के आकार के बारे में लड़कों के लिए मनोरंजन की वस्तु बन गया था, जो मेरी उम्र के लड़के के लिए अस्वाभाविक रूप से बड़ा था, लेकिन मैंने पाया है कि यह हमारे परिवार में एक वंशानुगत उपहार था, मेरे पिता भी विशाल उपकरण के मालिक थे ।

मेरा लंड उन सुंदर नरम, मलाईदार जांघों के बीच विचरण करना चाहता था, और उस प्यारी चूत में सही से विचरण करना था। यह ऐसा था जैसे मुझे बस इतना करना है कि मैं अपनी आंखें बंद कर लूं और मैं इस खूबसूरत महिला के रसदार जवान छूट में अपने लंड के दाल कर महसूस करना चाहता था ।


अल्लाह , मैंने कभी उसकी जैसी औरत को क्यों नहीं भोगा?


जब मैंने उसे छिपाने के लिए व्यर्थ कोशिश की, उसने मेरे बहुत बड़े इरेक्शन को भी नोटिस किया और उसने उसे चकित किया और वह शरारत से मुस्कुराई और मेरे इरेक्शन को देखते हुए कहा कि खिड़की से वह दृश्य आपको अभी तक असहज कर रहा है। क्या आप उस चीज़ को नियंत्रित नहीं कर सकते?


मैंने हिचकिचाते हुए कहा कि इसका अपना दिमाग है और यह मेरे दिमाग के नियंत्रण में नहीं है और मैंने उस खिड़की से जो देखा उसके बाद इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।

मैंने अपने लंड की कठोरया को नियंत्रित करने के लिए व्यर्थ प्रयास किया और मैंने अपना ध्यान सुश्री जेन से हटाने का फैसला किया l मैंने सुश्री लुसी की एक झलक पाने के लिए चारों ओर देखा, लेकिन फिर से लुसी के बारे में बहुत सोचा और इस तथ्य के साथ कि वह मेरे साथ प्यार कर रही थी तो मुझे चारो तरफ वही नजर आने लगी तो यह और कठिन हो गया। मैंने अपने लंड की कठोरता को समायोजित करने के लिए अपने पैरों को एक साथ निचोड़ा।

सुश्री जेन ने मेरी अधीरता पर ध्यान दिया और कहा कि आमिर आपको धैर्य रखना होगा। लुसी रात के लिए अपने कमरे में सेवानिवृत्त हो गई (सोने चली गयी) है।

कहानी जारी रहेगी।

आमिर खान  हैदराबाद 
Reply
02-26-2021, 02:30 PM,
#10
RE: खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 09
Update 09

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला-09

परिचय:

अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदाl उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

मैंने इमरान से कहाः मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थीl

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात का हुकुम सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी, तो अपनी दूसरी बीवी जरीना की के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई और उसके बाद सारा और ज़रीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।

वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।

आगे आनेवाला कथानक "खाला को चोदा" और "खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला" कहानी का ही विस्तार है, फिर सारी बहने हमसे अपनी सुहाग रात का किस्सा पूछने लगीl तो सारा बोली इनसे क्या शर्मl ये सभी मेरी बहने हैं, और तफ्सील से सुहाग रात का पूरा किस्सा सुनाने लगी। दोस्तों आप पूरा किस्सा "खाला कि चुदाई के बाद आपा का हलाला" भाग १-६ में पढ़ सकते हैं।

उसके बाद मैंने अपनी बीवियों और सालियों को लूसी के साथ अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई l कैसे और कहाँ मैं मिस जेन और लूसी से मिला और दोनों एक दुसरे पर पहली नज़र में ही फ़िदा हो गए l ये कहानी उसी कहानी का अभिन्न अंग हैl

यह मेरी पहले सेक्स की कहानी है जो मैंने अपनी पत्नी और सालियो को मेरे पूर्व यौन जीवन के बारे में जानने की इच्छा करने पर सुनाई थी।

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 07-08  में लूसी मेरी प्यारी पहली कुंवारी Ch. 01-02 में आपने पढ़ा मैं कैसे और कहाँ लूसी से मिला;

लुसी एक खूबसूरत लड़की है, जिसे अपनी माँ के पिता के साथ ख़ूबसूरती विरासत में मिली थी। वास्तव में वह असामान्य रूप से लम्बी थी। उसकी शरीर की बनावट बहुत कामुक थी और लूसी को उसे प्रदर्शित करना पसंद था। लूसी की माँ के बाल सुनहरे थे और उसके विपरीत लुसी के बाल लम्बे काले और माँ की ही तरह नीली आँखें है, जो मुझे काफ़ी लुभाती है।

यह हम दोनों के लिए पहली नज़र में प्यार था। मैं प्रशंसा, इच्छा और प्यार के साथ उसके लिए लगभग पागल हो गया था। वह मेरे देखने के कारण उसके प्रति मेरी दीवानगी से पूरी तरह परिचित हो गयी थी।

लूसी दूध जैसे गोरे रंग की,बहुत ही जवान और उसका गदराया हुआ शरीर, बड़े बड़े उभरे हुए मम्मे, सुडौल पट, बहुत ही सुंदर नयननक्स, गोरे मोटे सेब जैसे गाल, पूरा मांसल शरीर, हाथ पाँव की उँगलियाँ सुंदर और गुदाज़ है. मैं उसे देखता ही रह गया  मैं  उनसे  मिलने के लिए अधीर था और फिर  मेरे मोबाइल फोन पर सुश्री जेन का सन्देश मिला  की आज जैसे आप उसे देख रहे थे, वह बेकार नहीं गया है l उसे आपसे प्यार हो गया है! आप उसे एक रमणीय साथी पाएंगे। मुझे लगता है कि आप भी उसे पसंद करते हैं और प्यार करते हैं।

मैं सुश्री जेन  ब्रिटिश मूल की महिला सुश्री जेन को देख रहा था, जो लम्बी, सुनहरे गोरे बालो वाली (blonde) और बड़ी नीली आँखें और उनकी चिकनी मुलायम ठुड्डी थी। वह लाल मिनीस्कर्ट और गुलाबी रंग के टॉप पहने हुई थी । मैं सुश्री जेन के स्तन देख रहा था। उसका टॉप बहुत छोटा, और स्लीवलेस था और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसके टॉप का बटन खुला था। उसके स्तन ऊंचे और सख्त थे और निप्पल मजबूती से तने  ठीक से देख सकता था और इसे देख मेरा लंड नियंत्रण से बाहर हो गया.

सुश्री जेन ने मेरी अधीरता पर ध्यान दिया और कहा कि आमिर आपको धैर्य रखना होगा। लुसी रात के लिए अपने कमरे में सेवानिवृत्त हो गई (सोने चली गयी) है।

अब आगे:-

लुसी सुश्री जेन की साथी थी। उसकी माँ सुश्री जेन की माँ की प्रिय सहेली और सहपाठी थी। जब एक दुर्घटना में लुसी के माता-पिता की मृत्यु हो गई, तो सुश्री जेन ने लुसी की देखभाल और पढाई का पूरा भार एक बड़ी बहन की तरह संभाला और उसे ठीक से शिक्षित किया। लुसी ने अपना स्कूल ख़त्म करने के बाद सुश्री जेन को लुसी को अपने घर ले आयी। वह एक आकर्षक प्यारी और प्यारी लड़की थी, जिसकी पीछे उसके मोहल्ले के सभी लड़के लगभग दीवाने थे और जब से वह केवल अठारह साल की हो गई थी, उसे शादी का एक से अधिक अच्छा प्रस्ताव मिले थे जिन सब को लूसी ने मना कर दिया था।

सुश्री जेन ने मुझे बताया कि उस दिन जब वे मुझसे मिले थे, तब उन्होंने सुश्री जेन के कुछ पुराने परिचितों से मुलाकात की थी, जिनके बेटे लुसी से शादी करना चाहते थे। जिसे भी लूसी ने मना कर दिया और सुश्री जेन को बताया था कि वह मुझसे मुझ से प्यार करती थी और कोई भी उसे मुझ से बेहतर कभी नहीं मिलेगा।

लूसी सुश्री जेन को बहुत मानती थी और लगभग उनकी पूजा करती थी औरसुश्री जेन की किसी भी मामूली इच्छा को पूरा करने के लिए तैयार थी ।जो सुश्री जेन की हो सकती है।चाहे वह व्यक्त हो या व्यक्त न की गयी हो। वैसे सुश्री जेन भी काफ़ी आकर्षक व्यक्तित्व की मालकिन थी और मैं उन्हें भी काफ़ी पसंद करता था।

ये सब सुनने के बाद मैं सुश्री जेन के पास बैठ गया और मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा: 'अब, सुश्री जेन, मैं आपसे गंभीरता से बात करना चाहता हूँ।'

'क्या मैंने कुछ ग़लत किया!' उसने कहा। मैं मुस्कुराया 'सुश्री जेन, आप अच्छी तरह जानती हैं कि आपने क्या किया है, लेकिन मैं इस बारे में बात करना चाहता हूँ कि आपको क्या करना है,' मैंने जवाब दिया। 'अब सुश्री जेन, आप मुझ से वादा करो कि तुम जैसा मैं चाहू वैसा ही करोगी!'

'बेशक, अगर मैं कर सकती हूँ तो ज़रूर करूंगी हूँ!' उसने कहा 'यह क्या है? क्या बहुत गंभीर या बहुत मुश्किल है?'

मेरी प्रिय जेन, सच तो ये है मैं तुम्हें तब से बुरी तरह से प्यार करता हूँ जब से आप मेरी बहनों को पढ़ा रही थी और आज मैंने जो आपका जलवा और प्यार देखा है। , उस खिड़की से जो देखा उसके बाद इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हैl उसने तुम्हें पाने के लिए मेरा आग्रह बढ़ा दिया है। " मैंने उसके हाथ पकड़ कर चूमते हुए कहाl

'मैं हैरान हूँ!' सुश्री जेन हकलाई और उसने कहा, 'आमिर! ये तुम क्या कह रहे हो? तुम मुझ पर एक चाल नहीं खेल रहे हो?'

'मैं तुम्हें सच बता रहा हूं" मैंने जवाब दियाl मैं अब काफ़ी गंभीरता से बोल रहा हूँ और उसकी आंखों में सीधे देख कर बोला' क्या तुम मुझे पसंद नहीं करती हो? '

यह पहली बार था कि मैंने एक महिला को उसके प्रति अपनी भावना व्यक्त की। मैं ख़ुद हैरान था मुझमे इतनी हिम्मत कहाँ से आ गयी थीl कहाँ तो मैं सुश्री जेन से बात करन तो बहुत दूर की बात है उन्हें देखता भी छुप-छुप कर थाl उनके प्यार भरे शब्दों ने मुझे अपने दिल की बात कहने की हिम्मत दे दी थी और उनके व्यवहार भाव और भंगिमा से मुझे पूरा विश्वास हो गया था ये मुझे कभी मना नहीं करेंगीl

"बेशक, प्रिय आमिर, आई लव यू! मैं भी आपको तब से ही पसंद करती हूँ! ," उसने जवाब दिया l उसने मेरा हाथ अपने हाथ में रखा है-"मैं अपने आप को और लुसी को आपके सम्मान और निष्ठा में समर्पित करती हूँ और आपकी सेवा में कभी भी कुछ भी कमी नहीं छोड़ूंगी!"

मैं हँसा उसके हाथ उठा कर उन्हें दुबारा चूमा 'शुक्रिया। सुश्री जेन मेरा प्रेम निवेदन स्वीकार करने के लिए लेकिन लूसी के बारे में क्या!' मैंने पूछा।

'ओह! उसकी आप बिलकुल चिंता मत करें मैंने उसे बिना किसी कठिनाई के प्रबंधित कर लेना है!' सुश्री जेन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, फिर कुछ स्मरण करते हुई बोली। ' आप जानते नहीं हैं आमिर कि लूसी मेरे लिए कुछ भी करेगीl जो आप चाहेंगे वह वही करेगी। आज जब से आप से वह मिली है तो उसने मुझसे आपके लिए अपना प्यार कबूल किया, तो मैंने उसे बताया कि मैं उसके बारे में बहुत चिंतित हो रही हूँ क्योंकि मैं देख रही थी वह आपका ज़िक्र होते ही कितनी व्याकुल हो गयी थी जिसने उसकी स्वाभाविक इच्छाएँ उसके स्वास्थ्य और दिखावे को प्रभावित करना शुरू कर देंगी। वह बुरी तरह डगमगा गयी थी तब मैंने उसे मेरे पास बुलाया और मेरी बाहों में ले कर उसे नम्रता से चूमा और प्यार से कहा: "मेरा प्रिय, आप मेरी-मेरी छोटी बहन है, दुनिया में एक आदमी है और मुझे पूरा विश्वास है कि वह तुमसे प्यार करता और तुम चिंता मत करो! आमिर, तुम को यहाँ कल मिलने आ रहा है!"

तब लूसी ने शरमाते हुए मुझसे कहा। "अगर आप मुझे उससे मिलने और प्यार करने देने के लिए सहमति देंगे, तो मैं चाहती हूँ कि आप भी मेरे साथ रहे। मैं चाहती हूँ कि जब आमिर मेरे साथ मेरे कमरे में रहें तो आप भी वह रहे, जहाँ आप मेरी देखरेख कर सकें? क्या आप इसके लिए अपनी सहमति देते हैं, सुश्री जेन?"

सुहृ जेन बोली उसकी ये बात सुन कर मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या कहना है, मैं हैरान रह गयी और घबरा गयी "मैं आपसे सहमत होने के लिए विनती करती हूँ, कृपया, मेरे प्रिय सुश्री जेन," लुसी ने सुश्री जेन को प्यार से फुसफुसायी।

'उसका ऐसा आग्रह सुन कर मेरा धीरे-धीरे जवाब आया: "तथास्तु यदि आप ऐसा ही चाहें, तो लुसी, हाँ!" मैंने उसे गले लगाया और चूमा और है कि उसे शांत किया और अब वह इसके बारे में सब ठीक पर वह बहुत ही प्यारी और सीधी है मुझसे बहुत प्यार करती है! आमिर, तुम बहुत भाग्यशाली आदमी बनने जा रहे हो!'

'मैं बहुत भाग्यशाली आदमी बनने जा रहे हूँ!' मैंने कहा और नम्रता से सुहृ जेन के हाथ को चूमा और मेरा दूसरा हाथ उसकी गोद में सरका और मैंने आशिक मिजाजी से उनके प्यार के क्षेत्र को धीरे से दबाया। क्या मैं पहले से ही ऐसा नहीं हूँ? यह देखकर कि मेरे हाथ उसके गुप्त खजाने के पास था और फिर से मेरा हाथ उसके योनि क्षेत्र पर टिक गया वह थोड़ा शर्मायी और मुस्कुरायी " अगर आप का पास होना किसी भी पुरुष के लिए पर्याप्त भाग्य नहीं है, तो आप मुझे एक बेहतरीन महिला और सबसे सुंदर लड़की को प्रदान कर रही हैं! मेरे प्रिय, मैं कभी भी आपको पर्याप्त रूप से धन्यवाद कैसे दे पाऊंगा! '

सुश्री जेन ने मुझे प्यार से देखा और मैंने देखा कि उसकी आँखें सुंदर थीं। वह एक सुडौल, कामुक, बड़े स्तन वाली, सुडौल महिला थी। हे देवताओं! क्या स्वर्गीय अप्सरा-सा रूप है! अब मैंने देखा वह अपनी हर पूर्णता पर मुग्ध ही रही थी। वह आकृति में बिल्कुल सही थी और हर सुंदरता पूरी तरह से विकसित थी जो कभी ख़ुद भगवान द्वारा बनाई गई बेहतरीन मूर्तियों में से एक सुंदरता का सबसे शानदार अवतार है। फिर उसके प्यारे सुनहरे बाल और गोरी त्वचा मानो सोने पर सुहागा।

उनके चौड़े कंधे, चट्टानों के रूप में सुडोल अलग-अलग खड़े उसके गौरवशाली स्तनऔर फिर उन पर चुंबन आमंत्रित करते हुए निपल्स, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, पतली कमर और उसके सुन्दर गोल कूल्हों और नितंबों जो एक उभरी हुई स्थिति में दिख रहे थे और वह शर्माती और लज्ज़ती हुई बहुत अधिक सुंदर लग रही थी।

उसने धीरे से कहा, 'आप सच में मेरे अपने हैं और मेरे सच्चे प्रेमी हैं, आपने जो कहा, उसके लिए धन्यवाद। मैंने इसे हमेशा तुम्हारी आँखों में अपने लिए चाहत और सम्मान देखा है। मुझे यह जानकर बहुत गर्व और ख़ुशी हो रही है कि आप मेरे अनुरोध पर मेरी मित्र से वह सब करेंगे, जो आपने अक्सर मेरे साथ करने का सपना देखा है!' फिर एक ठहराव के बाद, उसने कहा, 'और तुम पाओगे कि तुम्हारा ऐसा करना अपना प्रतिफल लेकर ज़रूर आएगा, आमिर!-प्रिय लुसी एक प्यारी वर्जिन है, लव!'

मुझे लगा कि लूसी वह कुंवारी है, जिसको प्राप्त करना मेरे लिए एक असली सौभाग्य की बात होगी।

मुझे अब पता था कि उसने यह सब प्लान किया है। मैंने कहा यदि आप सहमत हैं तो मैं पूरी योजना में एक छोटा-सा बदलाव चाहता हूँ।

मैंने उससे उस बारे में कहा जो मैंने उस खिड़की से देखी थी, जबकि आप उस आदमी से प्यार कर रही थी तो मैं चाहता हूँ कि आपके मेरे पास होना चाहिए।

इससे पहले कि वह कुछ कह पाती और मेरे आग्रह को नियंत्रित कर पाती, मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे बहुत प्यार से अपने गले लगा लिया, जिसे उसने गर्मजोशी से लौटा कर मेरा साथ दिया। मैंने अपने होंठ उसके स्वादिष्ट गीले होंठों से चिपका दिए। मैंने अपनी जीभ उसके प्यारे मुँह में घुसेड़ दी और कहा-अरे जान, मुझे भी अपनी जीभ दो। उसने तुरंत अपनी प्यारी छोटी जीभ मेरे मुँह के अंदर डाली और मैंने उसे बहुत प्यार से चूसा, उसके प्यार भरे स्तन को अपने सीने में दबा लिया, जबकि मेरा दूसरा उसकी चिकनी पीठ के व्यापक विस्तार पर भटक गया, मैंने अपने शरीर को उसके खिलाफ दबाया, ताकि वह उस कठोर प्रक्षेपण महसूस कर सके जो मेरी पतलून में धड़क रहा था।

एक तरह से पूजा करते हुए मैंने जेन के पूरे शरीर पर चुम्बनों के बरसात कर दी। बेशक, इसके कारण मेरे लंड की कठोरता बढ़ती जा रही थी और जेन का शरीर भी तेजी से उत्तेजित हो रहा था। उसने मुझे रोक दिया कि वह मेरे लिंग में हो रहे बदलाव को और करीब से महसूस करना चाहती थी। मेरे लिए ये सब एकदम नया था। जल्द ही मेरा लिंग अपनी सम्पूर्ण कठोरता को प्राप्त हो गया और हम दोनों जो भी एक साथ कर रहे थे, उसने हम दोनों के लिए समान रूप से उत्साहित और उत्तेजित कर दिया था और इससे पहले कि मैं उसे वांछित नई स्थिति में डाल पाता, उसने मेरी कमर के चारों ओर अपनी बाजुओं डालकर मुझे पकड़ लिया और आहें भरते हुए, अपना सिर मेरी छाती पर रख दिया और मेरे खड़े हुए लंड पर कड़ी मेहनत करते हुए उसने अपने शरीर को मेरे शरीर के और करीब कर दिया।

वह मुस्कुराई और मैं मैंने देखा कि उसकी आँखें मेरे अनियंत्रित सदस्य की ओर झुक गई थीं, वह कपडे फाड़ कर बाहर निकलने का असफल प्रयास करने लगा।

कामाग्नि में जलते हुए हमारे होठ लंबा चुंबन में लिप्त हो गए। जब उसने वह चुंबन तोड़ दिया तो मैंने कहा-सुश्री जेन, मैं चाहता हूँ आप और लुसी मेरी हवेली में आ कर मेरे पास रहें। वहाँ मेरे पास पर्याप्त स्थान हैं और हमारे पास देखभाल करने के लिए नौकर चाकर और सुविधाएँ हैं। क्या आप मर्रे इस प्रस्ताव से सहमत हैं?

पुनर्निर्मित होने से पहले दिल्ली में मेरा निवास आरामदायक पुराने ज़माने का फार्महाउस था जो भारतीय राजधानी शहर के बाहरी इलाके में था। वास्तव में इसमें तीन इमारतें थीं, पहली इमारत में कार्यालय थे और उसी में मेरे पिताजी का भी बैडरूम था, फिर मेरे निवास स्थान और तीसरे भाग में नौकरों के कमरे थे। मेरे निवास स्थान के भूतल पर एक बड़ा हॉल और पहली मंज़िल पर रहने के कमरे जिसमे नौकरों को पहुँच प्रदान की गयी थी, ताकि रात में परिवार और आगंतुक नौकरो से रह सके, एक ऐसी सुविधा जो मेरी भविष्य की कहानियों में मेरी कथा को प्रभावित करने के लिए भी मिलेगी। मेरे बेडरूम हवेली के पूरे प्रथम तल के एक बड़े हिस्से पर फैला हुआ था और उससे बाहर के बाग़ का एक सुन्दर नज़ारा मिलता था और अन्य बेडरूम और कमरे के साथ जुड़ा हुआ था जो आमतौर पर पर्दे और दरवाजों से अलग किया जा सकता था और आगंतुकों को आवंटित किया जाता था।

लूसी की कहानी जारी रहेगी ...

आपका आमिर
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