03-20-2021, 11:33 AM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,322
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
मखानी।” वो मुस्कराया।
क्या तुम्हारा पूरा नाम जगमोहन मखानी है?
” नहीं।”
“तो तुमने अपना नाम मखानी क्यों बताया?”
वो मुझे इसी नाम से जानती है।”
लेकिन कमला रानी है कौन...।”
वो आ गई।”
महाजन की नजर झोंपड़े की तरफ उठी।
अभी-अभी कमला रानी बाहर निकली थी। सजी-संवरी। हरे रंग के चमकते कपड़े पहन रखे थे। बालों को पीछे करके बांध रखा था। होंठों पर लिपस्टिक, चेहरे पर मेकअप। वो हसीन लग रही थी।
उसे देखते ही मखानी का चेहरा खिल उठा।
कमला रानी।”
मखानी, मेरे प्यार ।”
मखानी उसकी तरफ दौड़ा। कमला रानी भी आगे बढ़ी। अगले ही पल दोनों एक-दूसरे की बांहों में थे।
महाजन हैरान-परेशान था जगमोहन का ये रूप देखकर।
बस कर कमला रानी।” भौरी की फुसफुसाहट कमला रानी के कान में पड़ीं—“काम की तरफ ध्यान दे।”
कमला रानी ने उसी पल मखानी को अपने से अलग किया।
चल भीतर चलते हैं।” मख़ानी व्याकुल-सा कह उठा।
“भौरी कहती है पहले काम।”
कुछ देर की बात...।”
नहीं। मुझे भौरी की बात माननी है पहले। काम के वक्त बाकी बातें नहीं ।”
उसी पल शौहरी की आवाज मखानी के कानों में पड़ी। “कमला रानी को देखकर तू सब कुछ भूल जाता है मखानी।”
क्या करूं, अपने पर काबू नहीं रख पाता।”
काबू रख। काम कर। उसके बाद तेरे को और कमला रानी को अकेले में जाने का मौका मिलेगा।” ।
ठीक है।” मखानी ने मुंह लटकाकर कहा।
कमला रानी की नजर महाजन पर गई।
तो इसे लाया हैं तू–एक ही...”
“बाकी भी टापू पर हैं। अपने आदमी भेज और उन्हें मंगवा ले।”
अभी भेजती हूं।” । तू किसके रूप में है कमला रानी?”
ये कालचक्र का भीतरी हिस्सा है। यहां मैं इस बस्ती की मालकिन के रूप में हूं। ये सब बस्ती वाले मेरा हुक्म मानते हैं। कल ही मैं यहां आई। भौरी ने मुझे यहां पहुंचाया। जो यहां की मालकिन थी, वो भीतर कमरे में सोई पड़ी है। तब तक सोई रहेगी जब तक मैं अपने काम करके चली नहीं जाती। उसी का रूप मुझे भौरी ने दिया है।”
क्या उसका नाम भी कमला रानी है?”
“नहीं। कल मैंने बस्ती में सबसे कह दिया था कि अब मेरा नया नाम कमला रानी है। यही वजह रही है कि तुम्हें मुझ तक आने में कोई परेशानी नहीं हुई।” कमला रानी ने कहा।
“तेरे को अपने करीब पाकर मैं बहुत खुश हूं।”
“ये बातें छोड़, आगे का काम कर ।” ।
तू बाकी लोगों को पकड़ने के लिए, बस्ती के आदमी भेज और...।”
“मैंने सब तैयारी कर रखी है। आज रात ही मैं देवा और मिन्नो का मुकाबला कराकर, एक की जान...।”
लेकिन वो लोग तो तय किए बैठे हैं कि उन्हें झगड़ा नहीं करना है।” मखानी ने कहा।
वों बेवकूफ हैं सब। मेरे इंतजाम के सामने वो बौने हैं।”
वो कैसे?”
तभी महाजन पास आ पहुंचा।
“तुम दोनों क्या बातें कर रहे हो।” महाजन उलझन में बोला–“ये कौन-सी जगह है?”
मखानी और कमला रानी की नजरें मिलीं।
“इसका इंतजाम कर...”
|
|
03-20-2021, 11:34 AM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,322
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
हां, परंतु वो फैसला कर चुका है कि आज रात काम नहीं हुआ तो जथूरा उन्हें पूर्वजन्म के रास्ते की तरफ धकेल देगा। जथूरा यहां पर इनमें से किसी पर भी वार नहीं कर पा रहा, जबकि पूर्वजन्म से उसकी ताकत से लोग कांपते हैं। वहां पर इसका एक वार ही इन सबको खत्म करने के लिए बहुत होगा।” शौहरी की फुसफुसाहट कानों में पड़ी। ।
“जथूरा पहले तो इन सबके पूर्वजन्म में प्रवेश करने पर परहेज कर रहा था। तूने ही मेरे को बताया था।”
“अवश्य उसे इन सबके पूर्वजन्म में आने पर परहेज था। अब भी है। देवा और मिन्नो एक साथ पूर्वजन्म में पहुंचेंगे तो दोनों के ग्रह मिलकर जथूरा का नुकसान करेंगे। लेकिन अब जथूरा का विचार बदल गया लगता है, शायद उसकी शक्तियों ने उसे संकेत दिया है कि वो देवा और मिन्नो को मात दे सकता है। या ऐसा ही कुछ है। असल बात तो जथूरा जानता होगा। परंतु तुम लोगों ने भरपूर चेष्टा करनी है कि आज रात ही देवा और मिन्नों में से एक खत्म हो जाए।”
मैं और कमला रानी इस बात की पूरी चेष्टा करेंगे।”
“अगर तुम लोग सफल रहे तो हो सकता है जथूरा खुश होकर तुम दोनों को ईनाम दे दे।”
* “कैसा ईनाम?” ।
“तेरे को और कमला रानी को हमेशा के लिए एक साथ रहने का मौका दे दे वो।”
फिर तो मैं बोर हो जाऊंगा।”
कमला रानी के साथ रहकर?
हां। हर वक्त वो मेरे पास रहेगी तो मैं बोर नहीं होऊंगा उसे देखकर। कहीं और मुंह मारने का मौका ही नहीं मिलेगा ।”
शौहरी के हंसने की आवाज मखानी के कानों में पड़ी। हंसता क्यों है?" ।
तू तो बहुत चालाक है मखानी। घर का माल भी खाना चाहता है और बाहर का भी।”
स्वाद बदलने में बुराई तो नहीं है।”
इसका जवाब तो तेरे को कमला रानी ही देगी।”
“उसे मत बताना ये बात। वरना वो नाराज हो जाएगी।”
चिंता मत कर मखानी। कमला रानी भी तेरे से कम नहीं है।”
“कम नहीं है, क्या मतलब?”
“मतलब छोड़। काम की तरफ ध्यान दे। तुम दोनों के पास काम के लिए आज की रात बची है।”
देवराज चौहान, नगीना, बांके, रुस्तम चट्टानी इलाके से पेड़ों वाले इलाके में प्रवेश कर चुके थे। परंतु अभी तक उन्हें कोई नजर नहीं आया था।
छोरें।”
बोल बाप।”
“यो टापू कां पे स्थित हौवे?”
“आपुन को क्या मालूम बाप।”
म्हारे को पतो हौवे कि तेरे को नेई मालूम।”
बांकेलाल राठौर ने सिर हिलाया।
वे सब मध्यम गति से आगे बढ़ते जा रहे थे।
तो क्यों पूछेला बाप ।”
बात करने को मन करो हो।”
*आपुन को तो हर तरफ समुद्र ही लगेला बाप। ये टापू खास होईला ।”
“एक बात तुम लोगों ने महसूस की।” नगीना बोली-“कोई पक्षी या जानवर भी नजर नहीं आ रहा है। जबकि इस हरी-भरी जगह पर दोनों की मौजूदगी होनी चाहिए।”
लफड़े वाली जगह लगेला है बाप ।”
|
|
03-20-2021, 11:34 AM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,322
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
वो हालात दूसरे थे, अब हालात बदल गए हैं।” पोतेबाबा की फुसफसाहट कानों में पड़ी।
“अब हालातों को क्या हुआ है?” देवराज चौहान बोला।
“जग्गू वो नहीं है, जो तू समझ रहा है।”
क्या मतलब?” ।
जो तेरे पास था, वो जग्गू का बहरूप था। कालचक्र का हिस्सा था। असली जग्गू तो वो था, जो सोहनलाल को लेने उसके फ्लैट पर गया था परंतु उसके बाद ये तेरे पास लौटा, जो जग्गू का बहरूप, कालचक्र का हिस्सा था।
देवराज चौहान से कुछ कहते न बना, सच्चाई सुनकर।
देवा...।” ।
तो तो जो मेरे साथ जगमोहन था, वो नकली था?” देवराज चौहान के होंठों से निकला।
“हां। वो कालचक्र का पैदा किया जग्गू यानी कि मखानी था।”
“और नगीना?” देवराज चौहान की निगाह नगीना की तरफ गई।
“वेला इस वक्त असली है तेरे पास । परंतु वो नकली थी, जो बंगले पर आई थी, वो कमला रानी थी।”
देवराज चौहान के कदम ठिठक गए। बाकी सब भी रुके।
“मैं तेरी बात का विश्वास क्यों करूं पोतेबाबा?” देवराज चौहान ने कहा।
मैं कभी भी कोई बात गलत नहीं कहता।” ।
तूने ही कहा था कि तू जथुरा का सबसे खास सेवक है।”
“ये बात तो मैं अब भी कहता हूं।”
तो तू ये सब बातें मुझे क्यों बता रहा है, अगर सच कह रहा है तो?”
“मैं जानकारी दे रहा हूं तो तू ले। तुझे क्यों एतराज होता है।” पोतेबाबा की आवाज कानों में पड़ी।
। “सबसे बड़ी बात तो ये है कि जथूरा का सबसे खास सेवक, मेरे से सच बात क्यों बोलेगा?”
“तेरी बात गलत भी नहीं है।”
मुझे तेरी बात का जरा भी भरोसा नहीं है।” देवराज चौहान ने कहा।
मैंने पहले ही कहा है कि मैं झूठ नहीं बोलता।”
मैं इतना जानता हूं कि तू जथूरा का सेवक है। सबसे ख़ास सेवक। फिर तू हमारे हक में बात क्यों करेगा?”
क्योंकि इसकी भी कोई वजह पैदा हो गई है कि मैं तुम्हारे काम आऊँ।”
“कैसी वजह?”
“वो वजह कम-से-कम अभी तो नहीं बता सकता।”
क्यों?”
मेरी अपनी मजबूरी है। लेकिन सही वक्त आया तो जरूर बताऊंगा।”
क्या तू जथूरा के साथ नहीं है?"
जथूरा के साथ हूं।” ।
वो हमारा दुश्मन है।”
हो ।”
तो तू हमारा दोस्त नहीं हो सकता।”
तुम्हारा शुभचिंतक तो बन सकता हूं।”
तू हमारी चिंता क्यों करेगा पोतेबाबा?”
क्योंकि तेरे एक एहसान का उधार है मुझ पर। पूर्वजन्म का एहसान। उसी एहसान को बराबर कर रहा हूं।”
“बेकार की बातों में वक्त बर्बाद मत कर देवा। मैं बहुत खतरे उठाकर तेरे तक, इस कालचक्र के हिस्से में प्रवेश कर सका हूं। मेरा फायदा उठा सकता है तो उठा। जबकि मैं चाहता हूं कि तू मेरा फायदा उठा ले ।”
कैसा फायदा?”
मेरी बातें सुनने में ही तुम्हारा फायदा है।”
सुना।” देवराज चौहान के माथे पर बल पड़े हुए थे।
यो थारे को फंसावो हो। इसो की बतियों में मत फंसनो देवराज चौहान।” बांकेलाल राठौर गुस्से से बोला।
“ये भरोसे के काबिल नेई होईला बाप ।” रुस्तम राव की आंखें सिकुड़ चुकी थीं।
नगीना असमंजस में खड़ी थी।
|
|
03-20-2021, 11:34 AM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,322
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“मेरी बातें सुनने में तो कोई एतराज नहीं। मानो या न मानो, ये तुम लोगों पर है।” इस बार पोतेबाबा की आवाज सबने स्पष्ट सुनी–“मैं अपना फर्ज पूरा करना चाहता हूं।”
कैसा फर्ज?”
“देवा के काम आना चाहता हूं।”
यो तो अजीबो बातो हौवे । जथूरा का सेवक उसके दुश्मन के काम आयो हो।”
“मैं अपनी समझ के हिसाब से, जो कर रहा हूं, वो ठीक है।” पोतेबाबा की आवाज में गम्भीरता आ गई।
पैले इसकी बात सुनेला बाप ।”
तभी देवराज चौहान बोला।
तुम कहते हो कि मेरे साथ यहां पर जगमोहन नहीं, उसका बहुरूप था।”
“हाँ।” पोतेबाबा की आवाज सबने सुनी।
तो जगमोहन कहां है?” गुलचंद को भूल रहे हो तुम।”
“हां, वो भी, दोनों कहां हैं?”
कमला रानी ने उन्हें कालचक्र के भीतर की परतों में फंसा दिया है। इस वक्त वो दोनों कालचक्र में फंसे पड़े हैं।” ।
कहां?”
क्या करोगे जानकर, क्योंकि तुम अभी कालचक्र को जानते ही कहाँ हो। कालचक्र को तो ठीक से जथूरा भी नहीं जानता क्योंकि इसका निर्माता उसका भाई सोबरा है। सोबरा ने जथूरा को हानि पहुंचाने के लिए कालचक्र जथूरा पर फेंका था परंतु वक्त रहते जथूरा को सोबरा की हरकत का आभास हो गया और जथूरा ने बड़ी ताकत का इस्तेमाल करके, कालचक्र को बंदी बना लिया और उसके कंट्रोल करने वाली स्थिति पर काबू पाकर, कालचक्र का मालिक बन बैठा। कालचक्र के भीतर क्या है, कौन-सी चीज कैसे काम करती है, इस बात को तो जथूरा भी नहीं समझ पाया ठीक से ।”
| देवराज चौहान सोंचों में डूबा खामोश रहा।
पोतेबाबा की आवाज फिर आई।
लेकिन इतना बता देता हूं कि जग्गू और गुलचंद बिल्कुल ठीक हैं अभी तक तो।” ।
तंम तो म्हारे वास्ते वो हड्डी हो कि ना तो खाई जावे न उगली जावे।” ।
मुझ पर भरोसा रखो।” पोतेबाबा का स्वर गम्भीर था।
“तुम कहो, क्या कहना चाहते हो?” देवराज चौहान ने कहा।
मैं तुम्हें आने वाले खतरे से सतर्क करने आया हूं, जिसमें तुम लोग अब फंसते जा रहे हो।”
खतरे के बारे में बताओ।”
जथूरा ने इस बात का फैसला ले लिया है कि तुम लोग बेशक पूर्वजन्म में आ सकते हो।”
पहले तो वो हमें पूर्वजन्म में आने से रोक रहा था।”
हां। क्योंकि तुम लोगों का पूर्वजन्म की यात्रा पर जाना, उसके लिए नुकसानदेह था।”
“तो अब उसे नुकसान नहीं रहा?”
मेरे ख्याल में उसने कोई इंतजाम कर लिया है इस बारे में।”
कैसा इंतजाम?”
“उस बारे में मुझे खबर नहीं ।” पोतेबाबा की धीमी आवाज सब सुन रहे थे—“परंतु उसका निश्चिंत हो जाना, इसी तरफ संकेत करता है कि उसे भरोसा है कि तुम लोग उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकोगे।”
फिर?”
इस पर भी आज की रात उसने कालचक्र को छूट दे रखी है। कि वो चाहे तो देवा और मिन्नों में झगड़ा कराकर किसी एक या दोनों को खत्म करा सकता है और कालचक्र ऐसा करने की भरपूर चेष्टा करेगा।” ।
“आज रात ।”
हो। कुछ ही देर में अंधेरा होने वाला है।”
तुम हमारे लिए क्या कर सकते हो?”
मैं सिर्फ तुम्हें सूचना दे सकता हूं। वो ही दे रहा हूं।” पोतेबाबा की आवाज सुनाई दी।
“मैं मोना चौधरी से झगड़ा नहीं करूंगा।” देवराज चौहान ने कहा।
कमला रानी ऐसे हालात पैदा कर देगी कि तुम झगड़ा करो।”
कमला रानी यहां है?”
“इस टापू पर कालचक्र का पूरा घेरा है। बहुत बड़ी बस्ती है। जंगली जैसे लोगों की। कमला रानी उनके सरदार के रूप में यहां मौजूद है। जग्गू यानी कि मखानी उसके पास पहुंच चुका है। कमला रानी अपनी तैयारियों में लग चुकी है। नील सिंह को कैद कर लिया गया है और बाकी सब लोगों को पकड़ने के लिए आदमी भेजे जा चुके हैं।”
तुम्हारा मतलब कि हमें आदमी पकड़ ले जाएंगे।”
हां, एक टोली इसी तरफ आ रही है।”
हम उनका मुकाबला करेंगे और ...।”
कोई फायदा नहीं होगा। तुम लोग उनसे मुकाबला नहीं कर सकते।”
तो हम क्या करें?”
वो तुम्हें—सबको कैद कर लेंगे।”
तुमने कहा कि कालचक्र के पास आज की रात है।” एकाएक देवराज चौहान बोला।
“आज रात के बाद क्या होगा?”
कालचक्र यूं तो तुम लोगों को खत्म कर देगा आज रात। या नहीं भी कर सका तो सुबह तक कालचक्र सिमट जाएगा। कालचक्र की सब चीजें अपने में सिमटती चली जाएंगी। सुबह तुम लोग खुद को गहरे समुद्र के बीचोबीच पाओगे, जहां से किनारा सैकड़ों मीलों दूर होगा।” पोतेबाबा की आवाज में गम्भीरता थी।
देवराज चौहान के होंठ सिकुड़ गए।
फिर हमारा क्या होगा?”
|
|
03-20-2021, 11:34 AM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,322
Threads: 1,141
Joined: Aug 2015
|
|
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
मैं नहीं जानता, परंतु ये मुझे पता है कि उस स्थिति में तुम्हारे पूर्वजन्म में प्रवेश करने के दरवाजे खुल जाएंगे। तुम लोग पूर्वजन्म के उस हिस्से में पहुंचोगे, जहां जथूरा का साम्राज्य है।”
“अगर हम जिंदा रहे तो।”
“हां। अगर ये रात तुम सबने सुरक्षित निकाल ली तो।”
रात ठीक से बीत जाए। इसके लिए हमारे हक में कोई बेहतर बात बताओ।”
मैं कुछ नहीं कर सकता। परंतु मोमो जिन्न शायद कुछ करे।”
मोमो जिन्न। वो तो जथूरा के लिए काम करता...।”
हां। परंतु मैंने उसके भीतर इंसानी इच्छाएं जगा दी हैं। अब उसके भीतर ममता के भाव आ गए हैं। वो किसी का बुरा नहीं कर सकता। अच्छा ही करेगा। क्योंकि इंसानी इच्छाएं उसे चैन से नहीं बैठने देतीं ।”
वो अब कहां है?”
टापू पर ही है। लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा के पास ही कहीं होगा। उसकी ड्यूटी उन दोनों से काम लेने की है।”
देवराज चौहान के चेहरे पर सोचें दौड़ रही थीं।
“तुम जथूरा के बारे में बताओ कुछ।” ।
वों माना हुआ वैज्ञानिक है और तपस्या करके उसने शक्तियां भी हासिल कर रखी हैं। ये सच है कि उसका मुकाबला कर पाना आसान नहीं है। वो करामातीं इंसान है। हर कोई उसे इज्जत देता है। सच कहूं तो वो शानदार है।”
और तुम उससे गद्दारी कर रहे हो।”
जाहिर है कि गद्दारी की भी कोई वजह होगी ।”
“वो वजह हमें नहीं बता रहे तुम?”
जब वक्त आएगा, जरूर बताऊंगा।” पोतेबाबा ने कहा-“इस वक्त तुम्हें अपने बारे में सोचना चाहिए।”
“तुमने कहा कि आज रात कालचक्र सिमट जाएगा।”
हां।” ।
“तो कालचक्र के उस हिस्से का क्या होगा, जहां जगमोहन और सोहनलाल हैं।”
वो हिस्सा वैसे का वैसा ही रहेगा, जब तक जग्गू और सोहनलाल का जथूरा कोई फैसला नहीं लेता।”
“कैसा फैसला?”
चंद पलों की खामोशी के बाद पोतेबाबा की आवाज सुनाई दी।
। “सब कुछ तुम पर और मिन्नों पर निर्भर है। आज रात फैसला हो जाएगा कि कालचक्र तुम दोनों में से एक को खत्म करा पाने में सफल होता है या नहीं। अगर कालचक्र सफल हो गया तो जथूरा की सारी परेशानी खत्म हो जाएगी। क्योंकि देवा और मिन्नो की जोड़ी टूट चुकी होगी। जो बचेगा, उसके ग्रह जथूरा का मुकाबला करने के काबिल नहीं रहेंगे। ऐसी स्थिति में जथूरा किसी की भी परवाह नहीं करेगा। परंतु तुम्हारे और मिन्नो के बच जाने की स्थिति में जथूरा चाहेगा कि तुम सब पूर्वजन्म में प्रवेश कर जाओ, ताकि जो उसने सोच रखा है, वैसा सलूक वो तुम लोगों के साथ करा सके। अब वो यूं ही नहीं तुम सबको पूर्वजन्म में आने देगा। उसके पास यकीनन तगड़ा इंतजाम होगा।”
तुम उस इंतजाम के बारे में नहीं जानते?” ।
“नहीं जानता। क्योंकि मैं अभी वापस पूर्वजन्म में लौटा नहीं। जथूरा से बात की नहीं।”
तो तुम्हें कैसे पता चला कि जथूरा क्या प्रोग्राम बना रहा है।”
“सेवकों से बात करके।”
“सेवक तुम्हें कहां मिल गए?”
मेरी तारें पूर्वजन्म की दुनिया से जुड़ी हुई हैं। वो वहां हैं, मैं यहां हूं, परंतु हमारे पास एक दूसरे से बात करने का साधन है। मैं उन सेवक से बात करके ताजा हाल जान सकता हूं।”
वो तुम्हें सुन सकते हैं?” देवराज चौहान ने पूछा।
“अवश्य सुन सकते हैं।”
इस वक्त तुम हमसे, जथूरा से गद्दारी से भरी बातें कर रहे हो, इन्हें भी तो वों सुन...” ।
इस वक्त हमारी बातों को वो नहीं सुन सकेंगे।”
क्यों?”
मैंने कुछ देर के लिए वो चीज अपने से अलग कर दी है, जिसकी वजह से वो बातें सुनते थे।”
ओह।”
“आज की रात तुम लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण है। मैं चाहता हूं कि तुम लोग पूर्वजन्म में प्रवेश कर जाओ। परंतु ये तभी हो सकता है, जबकि तुम और मिन्नो ये रात ठीक से बिता लो।”
। “थारी बातों ने तो म्हारे को और परेशान कर दयो हो।” बांकेलाल
राठौर बोला।
“आने वाले वक्त की थोड़ी-सी तस्वीर मैंने पहले दिखा दी है। हालातों से मुकाबले के लिए खुद को तैयार कर लो।”
म्हारे को हथियार दयो ना और बोल्लो हो मुकाबलो के लिये तैयार हो जावो ।”
“मैं अब जाऊँगा।” पोतेबाबा की आवाज आई–“वो लोग करीब आते जा रहे हैं।”
म्हारे का फंसा के, खुदो भागो हो।”
उसके बाद पोतेबाबा की आवाज नहीं आई। चारों एक-दूसरे को देखने लगे। नगीना कह उठी।
सबसे बड़ा सवाल है कि हम पोतेबाबा की बात का विश्वास करे या न करें?
“आपुन को तो पोतेबाबा फ्राड दिखेला। तुम क्या कहेला
बाप?”
“म्हारा तो दिमागों ही ठप हो गयी हो।”
“मुझे पोतेबाबा की बात का भरोसा नहीं।” नगीना ने कहा।
हो तो म्हारे को भी नहीं। पर दिल कहो हो कि पोतेबाबा की बात, इस बारो मानो ही लो।”
“जो भी पोतेबाबा ने कहा है वो सच-झूठ के रूप में जल्दी ही हमारे सामने आ जाएगा।” देवराज चौहान ने सोच-भरे स्वर में कहा“वो कहता है कि आज की रात फैसले की है और रात आने में ज्यादा वक्त नहीं ।”
“अब क्या करें?” ।
यहां रुके रहने से कोई फायदा नहीं। किस दिशा में जाना है, ये भी पता नहीं। मेरे खयाल में इसी तरह आगे चलते हैं।”
“चल्लो।”
वो सब पुनः पहले की तरह आगे बढ़ने लगे। पेड़ घने थे। दिन का प्रकाश कम हो रहा था। कहीं-कहीं तो जमीन अंधेरे में डूबी दिखने लगती।
“पोतेबाबा की बातों ने म्हारी तो खोपड़ी हिल्ला दयो।” बांकेलाल राठौर जैसे अपने से कह उठा–“आयो, म्हारे पैरों में बम फोड़ो और चल दयो। छोरे ।”
“बाप ।” ।
पोतेबाबा बोल्लो हो कि अंम रात को बचो गयो तो कल को पूर्वजन्म में प्रवेश करो हो।”
हां बाप। खतरे वाला मामला बनेला ।”
पूर्वजन्मो में खतरों बोत बड़ो-बड़ों हौवो।”
तुम तो हर खतरे को ‘वडेला बाप ।”
मजाको नेई छोरे । पूर्वोजन्मो में जानो के सोच के, म्हारा दिल बजो हो।”
रुस्तम राव ने नगीना को देखकर कहा।
दीदी, पूर्वजन्म में जाने का सोचकर तुम्हें कैसा लगईला?”
अभी रात बीच में बाकी है रुस्तम्।”
क्या मतलब?”
पोतेबाबा की बात सच मानें तो ये रात हम पर भारी पड़ सकती है।” नगीना ने गम्भीर स्वर में कहा।
कैसे दीदी?”
कालचक्र कोई मामूली चीज नहीं है। इसका एहसास हमें हो चुका है। वो ही कालचक्र हम सबको घेरने वाला है कि रात के अंधेरे मैं देवराज चौहान और मोना चौधरी का झगड़ा करवा सके। ख़ासतौर से कालचक्र की ये कोशिश होगी तो खुद ही सोचो कि वो कितनी खतरनाक कोशिश होगी।”
परफैक्ट बोलेला दीदी ।”
जैसे भी हो, हमें ये रात आराम से गुजारनी होगी, बिना झगड़े के। जो कि मुझे सम्भव नहीं लगता।” ।
म्हारी तो खोपड़ी हिल गयो। बहूना की बातों में दमो हौवे ।
|
|
|