XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
03-20-2021, 11:36 AM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“वों सब करते हुए हमारे साथ बुरा हो गया तो?” नहीं करोगे तो मोमो जिन्न हमें छोड़ेगा नहीं।”

मेरी मान तो मखानी-कमला रानी को बता देते हैं कि मोमो जिन्न में इंसानी इच्छाएं जाग उठी हैं।”

क्या फायदा। वो कौन से हमारे सगे हैं।”

हर तरफ हमारे लिए परेशानी है।”

वो देख हरामी आ गया। कैसी मस्ती भरी चाल चल रहा है।” दोनों की निगाह मोमो जिन्न पर जा टिकीं।

जो कि उनके पास आ पहुंचा था।

खा आया सारा माल?” लक्ष्मण दास ने तीखे स्वर में कहा।

धीरे बोलो।” मोमो जिन्न हड़बड़ाकर बोला—“क्यों मुझे मुसीबत में डाल रहे हो।”

“पेट तो भर गया होगा।”

मोमो जिन्न ने कुछ कहने के लिए मुंह खोला कि होंठों से ‘डकार’ निकल गया।

“सत्यानाश।” मोमो जिन्न ने आसपास देखा। परंतु किसी ने उसका ‘डकार नहीं सुना था।

“अब तो तेरा पेट भी आवाजें निकालने लगा।” सपन चड्ढा ने कहा।

पेट पर हाथ फेरता मोमो जिन्न बोला। “अभी थोड़ा-सा पेट खाली हैं, लेकिन काम चल गया।”

तेरा बस चले तो तू हमें ही खा ले।” ।

क्या बात करते हो। तुम दोनों तो मेरे दोस्त हो।” मोमो जिन्न मुस्करा पड़ा।

तुम दोस्त नहीं हो, हमारे दुश्मन हो ।”

ऐसा क्यों कहा?” मोमो जिन्न ने दोनों को देखा।

“तुम हमें जो करने को कह रहे हो, वो कोई दुश्मन ही कहता है। मखानी–कमला रानी हमें मार देंगे।”

वो तुम दोनों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। मैं बचाऊंगा उनसे ।”

तुम अभी मेरी ताकतों को नहीं जानते। मैं बहुत कुछ कर सकता हूं।”

। “जो हमें करने को कह रहे हो वो खुद ही क्यों नहीं कर लेते?” ।

“मुझे और भी काम करने हैं। तुम समझोगे नहीं।”

लेकिन तुम हमसे ये काम क्यों करवाना चाहते हो?”

समझा करो, मैं पूर्वजन्म में प्रवेश करके सोबरा के पास पहुंच जाना चाहता हूं। वो मुझे जथूरा से बचा सकता है।”

तो ये काम तुम अपने लिए कर रहे हो। तब हमारा क्या होगा?” ।

“मैं बच जाऊंगा तो सोबरा से कहकर तुम दोनों को वापस तुम्हारी दुनिया में पहुंचा दूंगा।”

“हमें तुझ पर भरोसा नहीं ।”

“ऐसा मत कहो। मैं अपने भले के साथ तुम्हारे भले के बारे में भी सोचता हूं। मैं तुम्हारा यार हूं।”

मुसीबत का साथ है, वरना कहां के यार?”

दिल तोड़ने वाली बातें मत करो मैं...।”

ये बताओ कि हमारे द्वारा वो करने पर तुम कैसे पूर्वजन्म में, सोबरा के पास पहुंच जाओगे।” ।

“इसका जवाब वक्त आने पर मिलेगा। ये कालचक्र की आखिरी रात है। मखानी और कमला रानी कालचक्र के आदेश पर आज रात देवा और मिन्नो में झगड़ा करवाकर, किसी एक को मरवा देना चाहते हैं। ऐसा होते ही बाकी बचे तुम सब लोग अपनी दुनिया में पहुंच जाओगे और बाकी का सब कुछ अपनी जगह पर पहुंच जाएगा। जथूरा इसी बात के लिए तो सारी कोशिशें कर रहा है, जबकि मैं चाहता हूं कि ऐसा न हो ।”

क्यों?” ।

ताकि मैं पूर्वजन्म में सोबरा के पास पहुंच सकें। अगर देवा-मिन्नो में झगड़ा हुआ। एक मर गया तो मुझे भी वापस जथूरा के पास जाना होगा। वापस जाने पर सबका पूरा चैकअप किया जाता है। मेरा चैकअप होने पर ये बात सामने आ जाएगी कि मेरे में इंसानी इच्छाएं आ चुकी हैं। तब मुझे फौरन मार दिया जाएगा। जबकि मैं मरना नहीं चाहता। इंसानी इच्छाएं आ जाने से मेरा जीवन कितना बेहतर हो गया है। अब मेरा मन जलेबी खाने का भी करता है। रबड़ी भी और...।”

बस-बस। मुंह बंद रख।” मोमो जिन्न ने गहरी सांस ली और कह उठा।

मेरे से नाराज मत रहा करो।”

“अगर देवा और मिन्नों में से एक मर गया तो हम वापस अपनी दुनिया में पहुंच जाएंगे?”

हाँ ।”

तो हम तुम्हारी बात क्यों मानें। दोनों में से एक को मरने दो। हम वापस अपनी दुनिया में तो जाना चाहते हैं।” ।

तों मुझे मरने के लिए छोड़ जाओगे।” मोमो जिन्न घबराकर बोला।

हमारा-तुम्हारा क्या नाता?”

“ऐसा मत कहो, हम यार हैं।”

चुप कर और एक तरफ हो के बैठ जा।”

मोमो जिन्न पास में ही बैठ गया।। सपन चड्ढा कड़ाहे की तरफ देखता कह उठा। बेचारी, मोना चौधरी।”

उसे बचाने के लिए वो ही करें, जो मोमो जिन्न ने कहा है।” लक्ष्मण दास बोला।

मोना चौधरी तो बच जाएगी, लेकिन हम पूर्वजन्म में पहुंच जाएंगे। अपनी दुनिया में नहीं पहुंच सकेंगे।”

“हमारे साथ बाकी सब भी तो वहां पहुंचेंगे। हम अकेले तो नहीं होंगे।”
क्या मतलब?”

“मैंने सुना है ये लोग पहले भी पूर्वजन्म में पहुंचकर, वापस लौट चुके हैं। एक बार हम भी तो इनके पूर्वजन्म में जाकर देखें कि वहां होता क्या है। अपनी दुनिया तो बहुत देख ली।”

सोच ले। वहां खतरा भी हो सकता है।

“सो तो है। तेरे को मोमो जिन्न पर भरोसा है?”

“हरामी हैं साला ।”

मोमो जिन्न का एक कान इनकी बातों पर ही था। “मैं हरामी नहीं हूं।” पास बैठा मोमो जिन्न कह उठा।

“तू हमारी बातें सुन रहा था।”

नहीं, आखिरी बात मुझे सुनाई दे गई।” ।

तू सच में हरामी है।” लक्ष्मण दास सिर हिलाकर कह उठा।

मैं ऐसा नहीं हूं। सच्चे मन से तुम दोनों को अपना दोस्त मानता हूं।” मोमो जिन्न ने कहा।
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03-20-2021, 11:36 AM,
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“तू हमें नंगा करके सड़क पर घुमाने को कहता था।”

“वो पहले की बात थी। तब मेरे में इंसानी इच्छाएं नहीं जागी थीं। अब मेरे में इंसानों वाला व्यवहार आ गया है। इंसानों की तरह खाता हूं, इंसानों की तरह सोचता हूं। इंसानी व्यवहार पर काबू पा रखा है कि किसी को मुझ पर शक न हो।” ।

“है तो तू जिन्न ही।” ।

समझा करो। अब मैं नाम का ही जथूरा का सेवक हूं। मैं तो जथूरा को छोड़कर उसके भाई सोबरा के पास जाना चाहता

दोनों चुप रहे।

पूर्वजन्म में तुम लोगों को अच्छा लगेगा। सब ठीक रहा तो तुम दोनों सबके साथ जल्दी वापस आ जाओगे।”

“वापस कहां?”

अपनी दुनिया में।” लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा ने एक-दूसरे को देखा।

जो मैंने कहा है, वो ही करो। उसी में भला है। जिन्न हूं झूठ नहीं बोलूंगा।”

“सपन ।” लक्ष्मण दास बोला—“इस झूठे जिन्न की बात मानकर देख लेते हैं। लक्ष्मण दास बोला।

ये हमें फंसवा देगा।”

“सबके साथ होगा जो होगा।”

पास बैठे मोमो जिन्न ने सहमति में सिर हिलाया। देख तो हरामी कैसे फर्र-फर्र सिर हिला रहा है।”

“मैं तुम्हारी बातें कहां सुन रहा हूं। खाना हजम कर रहा हूं।” मोमो जिन्न मुस्कराकर बोला—“मोमो जिन्न कभी झूठ नहीं बोलता। मुझ पर भरोसा करके रहोगे तो खुश रहोगे।”

* “चल, तेरी बात मानी। देखते हैं कि क्या होता है।” लक्ष्मण दास ने कहा।

सब अच्छा होगा।” ।

कमला रानी और मखानी ने उस मैदान में कदम रखे तो वहां मौजूद बस्ती वाले ‘जथूरा महान है' के नारे लगाने लगे। जोर-जोर से इस नारे पर वो चिल्ला रहे थे।

“मखानी।” कमला रानी कह उठी–“कितना अच्छा लग रहा है। हम अचानक कितने बड़े बन गए हैं।”

हमारी कितनी इज्जत हो रही है। मखानी बोला–“शौहरी के साथ पूर्वजन्म में जाऊंगा तो वहां हमारी कितनी इज्जत होगी।” ।

वहां तभी इज्जत होगी अगर हम देवा या मिन्नों में से एक को आज की रात खत्म कर सके, जथूरा पर आने वाला खतरा मिटा दें। हमें अपने काम में हर हाल में सफल होना है। आओं काम शुरू करें।” इसके साथ ही कमला रानी, उस तरफ बढ़ गई, जहां कड़ाहे पर तेल खौल रहा था और ऊपर पेड़ से बंधी, मोना चौधरी नीचे की तरफ लटक रही थी।
हंसराज उनके साथ था।

“हंसराज।” मखानी बोला–“इन सब लोगों को खामोश होने को कहो। नारे बंद करवा दो।”

हंसराज वहां से भीड़ की तरफ गया और चिल्लाकर खामोश होने को कहा। सब तरफ खामोशी आती चली गई।
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03-20-2021, 11:37 AM,
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हंसराज वापस कमला रानी और मखानी के पास आ पहुंचा। दोनों कड़ाहे से चंद कदमों के फासले पर आ ठहरे थे।

रस्से से बंधी, कड़ाहे के ऊपर लटकती मोना चौधरी ने कमला रानी और मखानी को देखा। कड़ाहे के उबलते तेल की गर्मी से मोना चौधरी का चेहरा पसीने से भरा लाल हो रहा था। उसके चेहरे से टपकती पसीने की बूंदें कड़ाहे में टपक रही थीं। सेक की वजह से उसका बुरा हाल हो रहा था।

कैसा लग रहा है मिन्नों ।” कमला रानी खिलखिलाकर हंसी ।

मोना चौधरी ने होंठ भींच लिए। मशालों के प्रकाश में वहां का जर्रा-जर्रा स्पष्ट नजर आ रहा था।

तेरी मौत आ ही गई।” कमला रानी ने कहा-“मौत देखकर कैसा लग रहा है।”

मैं ऐसे हाल में हूं कि तेरी बात का जवाब दे ही नहीं सकती।” मोना चौधरी गुस्से में गुर्रा उठी।।

“रस्सा ढीला करो।” मखानी ऊंचे स्वर में बोला। |
मोना चौधरी से बंधा रस्सा, मोटी डाल से होकर, दो आदमियों ने थाम रखा था। उन्होंने रस्सा थोड़ा सा ढीला किया तो मोना चौधरी एक हाथ भर नीचे, कड़ाहे की तरफ आ गई।

मात्र पांच फुट दूर था कड़ाहा।। खौलते तेल की गर्मी से मोना चौधरी का बुरा हाल था।

ये फैसले की रात है मिन्नों। फैसला तो हो के ही रहेगा।” कमला रानी ने कहा-“वरना तू रात भर इसी हाल में रहेगी और सुबह होने से पहले तेरे को कड़ाहे में फेंक दिया जाएगा।” ।

“तू कुतिया है।” मोना चौधरी चीखी।

“तेरी जगह मैं होती तो मैं भी तेरे को कुतिया कहती।” कमला रानी हंस पड़ी—“लेकिन मैं यहां तेरी बातों का बुरा मानने नहीं आई। अपना काम करने आई हूं, जथूरा महान है, उसकी महानता से ऊंचा दूसरा कोई नहीं है।”

वो डरपोक है।”

नहीं, वो बहादुर है।”

बहादुर होता तो खुद सामने आता।” मोना चौधरी चीखी—“परंतु वो तो डरकर छिपा पड़ा है।”

सेवकों के होते हुए उसे सामने आने की क्या जरूरत है।” मखानी ने कहा-“सेवक इसी काम के लिए होते हैं।”

तभी कमला रानी के कान में भौरी की फुसफुसाहट पड़ी। “काम की बात कर कमला रानी ।”

बोल मिन्नो।” कमला रानी ऊंचे स्वर में बोली-“अब तेरे साथ क्या सलूक करूं। अपनी जान बचाना चाहती है तो तेरे को देवा का मुकाबला करना होगा। उसे मौत देनी होगी। नहीं तो तेरी मौत पक्की

“देवराज चौहान से मेरा कोई झगड़ा नहीं है।”

“मानती हूं कि देवा से तेरा झगड़ा नहीं है। तेरा झगड़ा तेरी अपनी जिंदगी और मौत से है। अपनी जिदंगी बचानी है तो उसके लिए तेरे को देवा को खत्म करना होगा।”

“ये कभी नहीं होगा।”

तो तूने मरने का फैसला कर लिया?” कमला रानी क्रोध से कह उठी।।

मोना चौधरी खामोश रही। होंठ भींच लिए।

जवाब दे। अगर तेरा पक्का इंकार है तो तुझे अभी कड़ाहे में फेंक दूती हूं।”

“फेंक इसे।” मखानी कह उठा।

जवाब तो सुन लेने दे मखानी। तब मैं...।”

फेंक दो इसे कड़ाहे में ।” मखानी चीखा।

ठहरो।” कमला रानी और जोरों से बोली-“पहले जवाब सुनने दो।

बोल मिन्नो, पक्का इंकार है तो अभी फेंकें कड़ाहे में?”

मोना चौधरी के होंठ भिंच गए।

चुप रहने से काम नहीं चलेगा।” ।

“मुझे सोचने दे।”

“ठीक है, सोच ले, तेरे को कुछ देर का वक्त देती हूं।” कहकर कमला रानी ने मखानी को देखा।

बहुत हिम्मत वाली है मिन्नो।” मखानी धीमे स्वर में बोला।

उसकी हिम्मत तोड़ने के लिए ही तो, घंटों लगाकर कड़ाहे का तेल खौलाया गया है मख़ानी।” आवाज धीमी थी।

जानता हूं।”
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03-20-2021, 11:37 AM,
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“हम तेल के कड़ाहे में फेंककर उसकी जान नहीं ले सकते। कालचक्र का कोई हिस्सा इन लोगों की जान को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। अगर ये पूर्वजन्म में पहुंचे तो, तब जथूरा की ताकतें, इन लोगों पर काम करेंगी।”

सब कुछ जानता हूं।” मखानी बोला—“चल जरा देवा से भी बात कर लें ।”

|देवराज चौलना चौधुरी का में कहा।

देवराज चौहान, नगीना, बाँके, रुस्तम राव, महाजन और पारसनाथ उस मैदान के बीचोबीच बैठे थे। हाथ-पांव बंधे हुए थे, जिससे कि उन्हें बैठने में परेशानी आ रही थी। मशालों की रोशनी में वहां पर्याप्त दिखाई दे रहा था। उन सबकी निगाह कड़ाहे के ऊपर लटकती मोना चौधरी पर थी।

पारसनाथ और महाजन बंधनों से मुक्ति पाने की भरपूर चेष्टा कर रहे थे। वे क्रोध में कांप रहे थे, परंतु कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं थे।

देवराज चौहान के होंठ भिंचे हुए थे। नजरें मोना चौधरी पर थीं।

“मुझसे ये देखा नहीं जा रहा।” नगीना व्याकुल स्वर में कह उठी “आप कुछ करते क्यों नहीं ।”

“जब तक इन बंधनों में हूं, तब तक मैं कुछ नहीं कर सकता।” देवराज चौहान ने गम्भीर स्वर में कहा।।

“वो...वो, मोना चौधरी को मार रहे हैं।” नगीना परेशान थी। देवराज चौहान के होंठ सख्ती से बंद रहे।

ईक बारो म्हारे हाथ-पांवो खुल जावे, तब अंम सब को ‘वड दयो।” बांकेलाल राठौर गुर्रा उठा।

येई तो रगड़ेला है बाप कि हाथ-पांव नेई खुलने का।”

पारसनाथ ।” महाजन दांत किटकिटाकर कह उठा–“बहुत बुरा होने जा रहा है।”

“हाथ-पांव खोलने की कोशिश करो महाजन।” पारसनाथ ने खुरदरे कठोर स्वर में कहा।।

नहीं खुल रहे। कोशिश कर तो रहा हूं।” वों मोना चौधरी को मार देंगे।”

बेबी को कुछ हुआ तो मैं यहां लाशें बिछा दूंगा।” महाजन दांत किटकिटा उठा।

देवराज चौहान महाजन को देखकर गम्भीर स्वर में बोला।

तुम कुछ नहीं कर सकते। मोना चौधरी के बाद हमारी बारी होगी।

माजन दांत पीसकर रह गया।

“देवा। तभी देवराज चौहान के कानों में मध्यम-सी आबाज पड़ी। देवराज चौहान बुरी तरह चौंका।

पेशीराम ।” देवराज चौहान के होंठों से निकला।

“ठीक पहचाना देवा। मैं पेशीराम ही हूं।”

तुम...यहां...हैरानी हैं मुझे।” ।

“मैं तो अपनी ताकतों के दम पर कहीं भी आ-जा सकता हूं देवा ।” पेशीराम की धीमी आवाज पुनः कानों में पड़ी।

सबकी निगाह देवराज चौहान की तरफ उठ गई थी।

ये...ये सब क्या हो रहा है पेशीराम। हम सब बुरी तरह फंसे पड़े हैं। वो मोना चौधरी...।”

जथूरा का मुकाबला करना सम्भव नहीं देवा।” ।

लेकिन हमने उसे कुछ नहीं कहा। वो ही हमारे रास्ते में...।”

इन बातों का वक्त पीछे छूट चुका है।”

मोना चौधरी को बचाओ पेशीराम–वो उसे मार देंगे।” देवराज चौहान ने परेशानी से कहा।

मिन्नो ने मेरी बात नहीं मानी, तभी तो कष्ट भुगत रहीं है।”

क्या मतलब?” देवराज चौहान की आंखें सिकुड़ीं।।

मैंने मिन्नो से कहा था कि तुम्हारे साथ झगड़ा करें। परंतु वो नहीं मानी। जिद्दी जो है।”

कब कहा था?” देवराज चौहान के होंठों से निकला।

शाम को।”

ओह ।”

अब ये ही बात तेरे को कहता हूँ कि तू मिन्नो से झगड़ा कर। सब ठीक हो जाएगा।”

“कैसे ठीक होगा। तब तो बात और भी बढ़ जाएगी।”

नहीं बढ़ेगी। ये वक्त टल जाएगा। मोमो जिन्न कुछ करने की सोच के बैठा हुआ है। उससे तुम सबका भला होगा।”

मोमो जिन्न तो जथूरा का सेवक...।”

“अवश्य है।” पेशीराम की आवाज देवराज चौहान के कानों में पड़ रही थी—“परंतु पोतेबाबा ने उसमें इंसानी इच्छाएं डाल दी हैं। इस वजह से मोमो जिन्न, जथूरा की ठीक से सेवा नहीं कर पा रहा। वो जिन्न हैं, परंतु हरकतें इंसानों वाली हो गई हैं।”

“पोतेबाबा ने ऐसा क्यों किया, वो तो जथूरा का सबसे खास सेवक है।” ।

“सब सवालों का जवाब अभी पाएगा क्या। इस वक्त तेरे को मेरी बात मानकर्...।” ।

उसी पल पोतेबाबा की आवाज देवराज चौहान के कानों में पड़ी।

नहीं देवा, पेशीराम की बात हरगिज मत मानना। ये तेरे को गलत रास्ते पर डाल रहा है।”

देवराज चौहान चौंका।।

पोतेबाबा?”

हाँ देवा, तू पेशीराम की बात मत मानना। इससे तेरे को बड़ा नुकसान होगा। ये तेरे को बहका रहा है।” ।

“पेशीराम मेरे को गलत राह नहीं दिखा सकता।” देवराज
चौहान के होंठों से निकला।
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03-20-2021, 11:37 AM,
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“इस वक्त ये तेरे और मिन्नो में झगड़ा करवाकर, अपना ही कोई मतलब साधना चाहता है।”

कैसा मतलब?”

ये मैं नहीं जानता, लेकिन...।” ।

पोतेबाबा।” पेशीराम की मुस्कराहट-भरी आवाज देवराज चौहान ने सुनी–“तू क्यों देवा को भटका रहा है?”

मुझ पर इलज़ाम मत लगा पेशीराम ।”

“तू मुझ पर इलजाम लगा सकता है तो मैं क्यों नहीं लगा
सकता।”

“तू देवा को झगड़े के लिए उकसा रहा है, इसका अंजाम बुरा ही होगा।” ।

*अंजाम तो अब भी बुरा हो रहा है। मिन्नों मौत के दरवाजे पर खड़ी है।” पेशीराम बोला।।

तो झगड़ा करवाकर तू मिन्नो को बचा लेगा पेशीराम?”

मोमो जिन्न देवा और मिन्नो का भला करेगा, जिसमें तूने इंसानी इच्छाएं डाल दी हैं। तू क्या खेल खेल रहा है, मैं नहीं समझ पा रहा। तू जथूरा का मुख्य सेवक है, परंतु जथूरा के हक के खिलाफ, हरकतें कर रहा है।”

“इससे तेरे को क्या?” ।

“मुझे देवा और मिन्नो से मतलब है?”

झगड़े का अंजाम बुरा होगा। तू देवा को गलत राह पर मत डाल।”

कमला रानी मिन्नों को मौत दे देगी। तब क्या होगा।” पोतेबाबा की तरफ से आवाज नहीं आई।

एक बात तो बता पोतेबाबा।”

“क्या?"

तू चाहता क्या है। देवा और मिन्नो को पूर्वजन्म के सफर पर भेजना चाहता है या रोकना चाहता है।”

“ये सवाल तूने क्यों पूछा?”

क्योंकि तेरी हरकतों से मैं उलझन में हूं और तेरा मतलब मैं अभी तक समझ नहीं पाया।”

समझ भी नहीं पाएगा।”

**क्यों?”

जथूरा ऐसा खिलाड़ी है, जिसके खेल को कोई समझ नहीं पाता। वो महान है।”

“तो तू ये सब जथूरा के इशारे पर कर रहा है। अपनी मर्जी से नहीं?”

मैं तेरे को कुछ भी नहीं बताऊंगा।”

“तू जानता है कि तेरी कही बात सिर्फ मुझ तक ही रहेगी।”

तब भी तेरे को कुछ नहीं बताऊंगा।”

फिर तो मैं देवा से कहूंगा कि वो मिन्नो से झगड़ा करने को तैयार हो जाए।” पेशीराम बोला।
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03-20-2021, 11:38 AM,
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ये गलत होगा।”
“तूने मोमो जिन्न् में इंसानी इच्छाएं क्यों डालीं। क्या ये बात जथूरा को पता है।”

मैंने कहा न, तेरी किसी बात का जवाब नहीं दूंगा।”

“देवा ।” पेशीराम की आवाज कानों में पड़ी।

हां ।” देवराज चौहान के होंट हिले।

मिन्नो से झगड़ा करने के लिए तैयार हो जा।”

“ऐसा मत करना।” पोतेबाबा की तेज आवाज कानों में पड़ी—“ये तेरे को भटकाना चाहता है।”

पेशीराम कभी भी बुरा नहीं सोचेगा।”

“ये सोंच रहा है।”

“मैं नहीं मानता।” देवराज चौहान ने कहा।

“तू झगड़ा मत कर। मोमो जिन्न मिन्नो को बचा लेगा।” पोतेबाबा की आवाज कानों में पड़ी—“मोमो जिन्न पर भरोसा रख। वो बहुत तेज है और इस वक्त हालातों को जांच रहा है।”

“मैं वो ही करूंगा जो पेशीराम ने कहा है।” देवराज चौहान के होंठ हिले।

तेरे को मुझ पर भरोसा नहीं?”

तू मेरे लिए नया है, जबकि पेशीराम को मैं पुराना जानता हूं।”

“देवा तू...।”

“बस कर पोतेबाबा।” पेशीराम की आवाज कानों में पड़ी—“तेरी नहीं चलने वाली ।”

“तू बहुत चालाक है पेशीराम, जो देवा को अपने पक्ष में कर रखा है।” देवराज चौहान को पोतेबाबा का उखड़ा स्वर सुनाई दिया।

पेशीराम के हंसने की आवाज कानों में पड़ी।

इस वक्त हम देवा के माध्यम से बात कर रहे हैं। तू सामने पड़ेगा तो तब देबूंगा।”

“अच्छा यही होगा पोतेबाबा कि तू मुझे स्पष्ट बता दे कि आखिर तू किस फेर में है।” पेशीराम की आवाज आई।

“क्यों बताऊं?"

तेरी हरकतें संदेह-भरी हैं। कभी तू जग्गू से बात करता है तो कभी देवा से। कभी तू मोमो जिन्न में इंसानी इच्छाएं डाल देता है, जो कि एकदम गलत बात है। तू जथूरा को धोखा क्यों दे रहा है?”

पोतेबाबा की आवाज नहीं आई।

बता पोतेबाबा।”

“मैं कुछ नहीं बताऊँगा।” ।

तो देवा के पास से चला जा। ये मेरा कहना मानेगा।” पेशीराम की आवाज कानों में पड़ी।

“मेरा काम तेरे को समझाना था देवा। तू बच्चा नहीं है। अच्छा बुरा सोच सकता है।” पोतेबाबा की आवाज देवराज चौहान के कानों में पड़ी—“मिन्नो से झगड़ा करेगा तो नुकसान उठाएगा। अभी सब सामने आ जाएगा।”

“इसे बोलने दे देवा। तू मिन्नो से झगड़ा कर। वक्त बर्बाद मत कर ।”

देवराज चौहान ने अपने साथियों को देखा।

क्या हुआ?” महाजन ने पूछा।

देवराज चौहान ने कम शब्दों में सारी बात बताई।

तुम्हें पेशीराम की बात माननी चाहिए।” महाजन ने कहा।

“वो ही कर रहा हूं।”

देख बाप। इधर के हीरो-हीरोइन आईला है।” रुस्तम राव कह उठा।।

सबकी नजरें सामने उठीं तो कमला रानी, मखानी और हंसराज को इस तरफ आते पाया।

मिन्नो का हाल देख रहा है देवा?” पास पहुंचते ही कमला रानी ने कड़वे स्वर में कहा।

“हां।” देवराज चौहान का स्वर शांत था।

तू चाहता है कि तेरा भी यही हाल हो।”

“नहीं।” ।

*अंम थारे को ‘वड' दयों कमीनी कुतियो।” बांकेलाल राठौर गुर्रा उठा।

“चुप रह।” मखानी गुर्राया—“तेरे को अभी खौलते तेल के कड़ाहे में डाल दूंगा।”

“थारे को भी न छोड़ें अंम।” ।
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03-20-2021, 11:38 AM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
मेरी बात मानेगा तो तेरा ये हाल नहीं होगा।” कमला रानी ने कहा।

क्या करना होगा मुझे?”

मिन्नो से झगड़ा करना है। उसे मार दे।”

“वो तो झगड़े के लिए तैयार नहीं हो रही।”

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। तू उसे मार दे।” कमला रानी ने कहा-“तू उसके हाथों मरे, या वो तेरे हाथों मरें। एक को तो मरना ही है, इसी में मेरा काम हो जाएगा। तुम दोनों को हथियार दिए जाएंगे। अगर कोई उस हथियार का इस्तेमाल नहीं करता न करें। तो तू लड़ाई को तैयार है देवा?”

“हां ।”

कमला रानी ने पास खड़े हंसराज से कहा।
सुना तूने?”
हो ।”

“तो जा मिन्नो को नीचे उतार। इसी मैदान में इनकी लड़ाई का इंतजाम कर।"

हंसराज फौरन चला गया।

देवराज चौहान् बोला।
मोना चौधरी ने मुझे या मैंने उसे मार दिया तो उसके बाद क्या होगा?"

“तुम सबकों तुम्हारी दुनिया में पहुंचा दिया जाएगा।” कमला रानी बोलीं।

कैसे पहुंचाओगे। कालचक्र तो आज रात के बाद सिमट जाएगा।” देवराज चौहान ने कहा।

तुम लोगों को रात में ही यहां से निकाल दिया जाएगा।” कमला रानी ने कहा।

क्या भरोसा?”

“भरोसा करो। इसके अलावा तुम्हारे पास कोई रास्ता भी नहीं

कमला रानी मखानी के साथ, वहां से हट गई।

मखानी।” कमला रानी दबी खुशी से बोली-“हम सफल होने जा रहे हैं। देवा या मिन्नों में से एक मर जाएगा।

देवा कोई चालाकी तो नहीं कर रहा?” मखानी बोला।

“वो कैसे?”

एकदम तैयार हो गया है मिन्नों से झगड़ा करने के लिए।”

मिन्नों की हालात देखकर डर गया है।”

“मुझे ऐसा नहीं लगता।”

क्या लगता है तेरे को?”

चालाकी की ‘बू' आ रही है। देवा इस तरह घबराने-डरने वाला नहीं।”

“तू ज्यादा शक-वम में मत पड़ा कर।”

“जब कठिन काम सीधे-सीधे होने लगे तो समझ जा कि कहीं तो गड़बड़ हो रही है।”

“वहम का मारा है तु ।” मखानी ने गहरी सांस ली फिर मुस्कराकर कह उठा।

छोड़ इन बातों को। चुम्मी दे दे।”

तेरे को कुछ और नहीं सूझता।”

तू पास होती है तो सिर्फ तेरा ही खयाल आता है। दे दे एक ।”

तभी भौरी की फुसफुसाहट कमला रानी के कानों में पड़ी।
कमला रानी! मखानी की बात में दम है। देवा इतनी आसानी से मान जाने वालों में नहीं है।”

तो?”

देवा अवश्य कोई चाल चलने की सोच रहा है।”

“मुझे ऐसा नहीं लगता।”

तू सतर्क रहना। देवा पर नजर रख।”

“ठीक है।”
मुझे कुछ बुरा महसूस होने लगा है अचानक ही।” भौरी का धीमा स्वर कमला रानी के कानों में पड़ रहा था।

कैसा बुरा?”

कुछ समझ में नहीं आता। कहीं देवा तुझे और मखानी को न मार दे।

तो क्या हम मर जाएंगे?” ।

“तुम्हें कुछ नहीं होगा। जिस शरीर में तू है, वो घायल हो जाए तो उस शरीर को छोड़कर तुझे किसी दूसरे शरीर में प्रवेश करा दूंगी। मैं तेरे साथ हूं। फिक्र क्यों करती है।” भौरी की आवाज कानों में पड़ी।

और मखानी?” ।

“उसके साथ भी ऐसा ही होगा। शौहरी मखानी का पूरा ध्यान रखेगा। तुम दोनों हमारे सेवक हो। तुम्हें कुछ न होगा।”

| मखानी कमला रानी से पूछने लगा था कि क्या बात हो रही है। तभी शौहरी की आवाज कानों में पड़ी।
मखानी।”

कह शौहरी ।”

तू मरने वाला है।”

“क्या?” मखानी हड़बड़ा उठा।

तू मरने वाला है।” शौहरी का शांत स्वर कानों में पड़ा।

ये तू क्या कह रहा है शौहरी, मैं कमला रानी के साथ जीना चाहता हूं।” मखानी तड़प उठा।

शायद मैं गलत कह गया, मौत तेरी नहीं, उस शरीर की होगी, जिसके भीतर तू रह रहा है। तू इस वक्त जगमोहन के बहरूप में है। जग्गू का शरीर बेकार हो जाएगा। मुझे कुछ ऐसा ही लग रहा है

कौन मारेगा मुझे?”

पता नहीं। शायद देवा ही।”

फिर मेरा क्या होगा?”

तेरे को किसी और के शरीर में प्रवेश करा दूंगा। फिक्र मत कर।”

“और कमला रानी, वो...” ।

कमला रानी की बहुत फिक्र है तेरे को। चिंता मत कर। भौरी उसे भी दूसरे शरीर में प्रवेश करा देगी।” ।

“यहां पर हमारा राज्य है।” मखानी परेशान-सा कह उठा–“फिर कोई हमें कैसे मार सकता है?” ।

“पता नहीं, परंतु ये तो पक्का है कि यहां तुम लोगों के साथ कुछ बुरा होने वाला है।” *

“तू मुझे डरा रहा है शौहरी ।”

तेरे को डराकर मुझे क्या मिलेगा। तू तो मेरा सेवक है। तेरे से गलत क्यों कहूंगा। फिक्र मत कर। जो जैसे चल रहा है, वैसा चलने दे। तेरे को कुछ हुआ तो मैं तेरे को दूसरा शरीर दिलवा दूंगा।”

मखानी ने गहरी सांस ली।
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03-20-2021, 11:38 AM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
क्या हुआ?” कमला रानी ने व्याकुल स्वर में पूछा।

“शौहरी ने बुरी खबर दी है कि...।”

“हम मारे जाएंगे।” कमला रानी कह उठी।

“तो भौरी ने सब बता दिया तेरे को?” मखानी परेशान था।

“भौरी कहती है कि मारे जाने की स्थिति में वो मेरे को दूसरा शरीर दिला देगी।”

शौहरी भी ऐसा ही कहता है। मुझे आशंका है कि कहीं हम जुदा न हो जाएं।”
“मुझे भौरी पर भरोसा है।” चल जरा अंधेरे में चलें ।” ।

क्यों?” कमला रानी ने उसे देखा।

फिर पता नहीं मौका मिले न मिले, एक बार प्यार तो कर लें।”

तू हमेशा यही टर्र-टर्र ही करता रहेगा।” कमला रानी ने कहा और मुंह फेर लिया।

“मखानी।” शौहरी की आवाज कानों में पड़ी—“मुझे मोमो जिन्न की तरफ का कुछ संकेत मिल रहा है।”

संकेत में क्या है?”
स्पष्ट संकेत नहीं है। तुम मोमो जिन्न से इस बारे में बात करो। शायद वो कुछ बता सके।”

लक्ष्मण दास, सपन चड्ढा और मोमो जिन्न कुछ हटकर बैठे थे और सब कुछ देख रहे थे। मोमो जिन्न इस वक्त कम बात कर रहा था और हालातों पर ज्यादा निगाह रख रहा था।

“ये सब क्या हो रहा है मोमो जिन्न?” सपन चड्ढा ने पूछा। देवा-मिन्नों और बाकियों पर खतरा आने वाला है।” तू उन्हें बचाना चाहता है?”

हां। मुझे उन सबका मारा जाना पसंद नहीं ।” मोमो जिन्न ने धीमे स्वर में कहा“जबसे मेरे भीतर इंसानी इच्छाएं जागी हैं तब से मुझे खून-खराबा देखना अच्छा नहीं लगता। कालचक्र देवा या मिन्नों में से एक को ख़त्म करने की चेष्टा में है।”

“उन्हें बचाने के लिए तू हमें खतरे में डालेगा?”

“थोड़ा सा खतरा उठाना जरूरी...।”

वो।” लक्ष्मण दास जल्दी से कह उठा–“कमला रानी और मखानी इधर हीं आ रहे हैं।” |

मोमो जिन्न फुर्ती से उठा और पीठ पर हाथ बांधे अकड़कर खड़ा हो गया।

“वो देखो उधर, मिन्नो को पेड़ से नीचे उतारा जा रहा हैं।” सपन चड्ढा ने कहा।

वो झगड़े के लिए तैयार हो गई होगी।” लक्ष्मण दास बोला। तभी कमला रानी और मख़ानी पास आ पहुंचे।

क्या हो रहा है ये सब?” मोमो जिन्न अकड़-भरे स्वर में कह उठा।

देवा और मिन्नों का झगड़ा होने वाला है।” मखानी बोला।

तो मिन्नों तैयार हो गई।” मोमो जिन्न ने मखानी को देखा।

“नहीं। देवा तैयार हो गया है।” ।

“तो अब देवा और मिन्नो में से एक ही बचेगा। ये अच्छी खबर है।” मोमो जिन्न मुस्करा पड़ा।

“हमें पता चला है कि आने वाले वक्त में कुछ बुरा होने वाला है।” मखानी बोला—“शौहरी ने कहा है कि तुम्हारी तरफ से उसे कुछ संकेत मिल रहे हैं। शायद तुम बता सको कि क्या होने वाला है।

मोमो जिन्न ने सपन चड्ढा और लक्ष्मण दास से कहा। “बोलो, जथूरा महान है।”

“क्या?” दोनों अचकाए।

बोलो।” मोमो जिन्न का स्वर कठोर हो गया।

जथूरा महान है। दोनों एक साथ कह उठे।

सच में जथूरा की महानता का जवाब नहीं।” मोमो जिन्न ने सिर हिलाया फिर मख़ानी से कहा-“मैं नहीं जानता कि शौहरी ने कैसे कह दिया कि मेरी तरफ से संकेत मिल रहे हैं। जबकि आने वाले वक्त का मुझे जरा भी आभास नहीं हैं।”
शौहरी गलत नहीं कह सकता।” मखानी के होंठों से निकला।

तो क्या मैं झूठ बोल रहा हूं।” मोमो जिन्न का स्वर कठोर हो गया।

मेरा ये मतलब नहीं था।” मखानी ने परेशान स्वर में कहा।

मोमों जिन्न ने कमला रानी से कहा।
क्या तेरे को भी भौरी ने ऐसा कुछ कहा?”

“नहीं ।”

“तो मखानी ने शौहरी की बात गलत सुनी होगी। तुम लोग जाओ। मैं व्यस्त हूं।”

उसी पल भौरी की फुसफुसाहट कमला रानी के कानों में पड़ी।
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03-20-2021, 11:38 AM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
कमला रानी, इसी मोमो जिन्न की तरफ से गड़बड़ होगी। मेरी ताकतें मुझे इस बात का एहसास करा रही हैं।”

कमला रानी ने अपने पर काबू पाया और मखानी से बोली।
चल यहां से।” कमला रानी और मखानी वहां से दूर हट गए।

ये कैसे हो सकता है कि मोमो जिन्न गड़बड़ कर दे।”

मेरी ताकतें मुझे इस बात का संकेत दे रही हैं कि मोमो जिन्न ही गड़बड़ करेगा।”

“तो इस बारे में तुम्हें मोमो जिन्न से बात करनी चाहिए।” कमला रानी ने चिंतित स्वर में कहा“पता तो चले कि आखिर उसके इरादे क्या हैं। वो क्यों हमारे काम में अड़चन डालना चाहता है।”

“मोमो जिन्न का कंट्रोल, सीधा जथूरा के सेवक करते हैं। हम उससे बात नहीं कर सकते ।।

तो क्या जथूरा के सेवक उसे गड़बड़ करने को कह रहे हैं।”

“वो ऐसा नहीं कर सकते।” भौरी की आवाज कानों में पड़ी।

तो फिर माजरा क्या है?”

तुम दोनों अपने काम में व्यस्त रहो। परंतु मोमो जिन्न की तरफ से अवश्य सतर्क रहना।”

“लगता है शौहरी को मुझ पर कुछ शक हो गया है।” मोमो जिन्न बड़बड़ा उठा।।

उसकी बड़बड़ाहट सुनकर सपन चड्ढा बोला।
शौहरी कौन है?”

तुम नहीं समझोगे—तुम...।”

कहते-कहते मोमो जिन्न एकाएक खामोश हो गया और इस तरह गर्दन टेढ़ी कर ली, जैसे पास में कोई खड़ा हो और उसे कुछ कह रहा हो। आंखें बंद हो गई थीं उसकी। मोमो जिन्न बीच-बीच में कभी सिर भी हिला देता था। | लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा समझ गए कि जथूरा के सेवक उसे कुछ कह रहे हैं।

उसी पल मोमो जिन्न चौंका और उसके होंठों से निकला।

ये क्या कह रहे हो। मैं जथूरा के खिलाफ काम करूं। तुम जथूरा के सेवक होकर मुझे गलत आदेश दे रहे हो। मैं तुम्हारी बात मानकर कमला रानी और मखानी को कैसे मार सकता हूं। ये तो बहुत गलत होगा।”

लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा की नजरें मिलीं। मोमो जिन्न उधर से कहीं जाने वाली बात सुनने लगा था।

“ओह, जथूरा ऐसा चाहता है। फिर तो अवश्य कोई बात रहस्य वाली होगी।” मोमो जिन्न कह उठा–“ठीक है, मुझे जिस कार्य का आदेश दिया है, वों पूरा हो जाएगा।” | मोमो जिन्न ने फिर उधर से कहीं जाने वाले बात सुनी।।

समझ गया। देवा और मिन्नो की मौत से पहले, ये मुझे करना है। उनमें से कोई मरना नहीं चाहिए। ठीक है, नहीं मरेगा। ये काम पहले कर दूंगा।” मोमो जिन्न ने कहा।

फिर मोमो जिन्न ने आंखें खोलीं। गर्दन सीधी कर ली।

“क्या हुआ?” लक्ष्मण दास ने पूछा।

मजा आ गया ।” मोमो जिन्न मुस्करा पड़ा।

“हुआ क्या?”

जो हम सोच बैठे थे। जथूरा की तरफ से संदेश में वो ही करने को कहा है।”

“क्या?” सपन चड्ढा बोला—“तुम्हारा मतलब कि जथूरा ने आदेश दिया है कि कमला रानी और मखानी को मार देना है।”

हाँ।” ।

“परंतु वो तो कालचक्र का ही हिस्सा है। जथूरा अपने कालचक्र को तुम्हारे हाथों नुकसान क्यों पहुंचाना चाहता है।”

अवश्य इसमें कोई रहस्य छिपा है। जथूरा ही उस रहस्य को जानता होगा।” मोमों जिन्न ने कहा।

कितनी अजीब बात है।” लक्ष्मण दास ने सपन चड्ढा को देखा।

“जथूरा के खेल को समझना आसान नहीं।” मोमो जिन्न कह उठा–“वो सच में महान है। जो मैंने तुम लोगों को करने को कह रखा है, तुम लोग वो ही करोगे। अब तो जथूरा भी ये ही हुआ देखना चाहता हैं।”

“मुझे समझ में नहीं आता कि गीत तुम जथूरा के गाते हो और वैसे भागकर उसके दुश्मन सोबरा के पास चले जाना चाहते हो।”

ये मजबूरी है मेरी ।”

*क्यों?

“मुझ में इंसानी इच्छाएं जो आ गई हैं। जिस जिन्न में इंसानी इच्छाएं आ जाएं, वो मालिक की सेवा क्या करेगा। वो तो अपनी इच्छाओं को पूरा करने लग जाएगा। अब ये बात जथूरा के सेवकों को पता लग गई तो वो मुझे मार देंगे। देर-सबेर में पता चल ही जाएगा। इसलिए अपने को बचाने के लिए मुझे सोबरा की शरण में जाना ही होगा।”

“तुम में इंसानी इच्छाएं कैसे आ गईं?”

बता तो चुका हूं कि ये किसी की शरारत है। किसी ने जान-बूझकर मुझमें इंसानी इच्छाएं डाल दी हैं कि मैं ठीक से जथूरा की सेवा न कर सकें। कोई शक्ति जथूरा का काम बिगाड़ना चाहती होगी।”

“वो देखो। देवा और मिन्नो मुकाबले के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।” सपन चड्ढा ने कहा।

“तुम दोनों कुमला रानी और मखानी को नजर में रखो।” मोमो जिन्न ने गम्भीर स्वर में कहा।

तुम मुझसे झगड़ा करने को क्यों तैयार हुए?” मोना चौधरी ऊंचे स्वर में बोली ।।

| देवराज चौहान और मोना चौधरी मैदान के बीचोबीच खड़े थे। उनके हाथों में कुल्हाड़ी जैसा हथियार था और दोनों के बीच बीस फुट का फासला था। मशालों की रोशनी में सब कुछ स्पष्ट नजर आ रहा था। आस-पास घेरा लगाए भीड़ के हाथों में मशालें थीं। उसी भीड़ में आगे-आगे कमला रानी और मखानी भी ख़ड़े थे।

नगीना, बांके, रुस्तम्, पारसनाथ, महाजन, इन सबके हाथ-पाँव बंधे हुए थे और वो मैदान में ही एक तरफ पड़े थे। वो सब व्याकुल थे कि अब क्या होगा।

“तुम्हें बचाने के लिए, मेरा तैयार हो जाना जरूरी था।” देवराज चौहान गम्भीर था।

“हमने पहले ही तय कर लिया था कि हमें नहीं झगड़ना है।” मोना चौधरी गुस्से से कह उठी।।

“मैं तुमसे कह चुका हूँ कि तुम्हें बचाने के लिए ये सब कर रहा हूं। हकीकत में तुमसे झगड़ा करने का मेरा कोई इरादा....” ।

“तो अब क्या करोगे।” मोना चौधरी पहले जैसे स्वर में कह उठी–“हमें हथियार देकर मैदान में उतार दिया गया है। हम कब तक उन्हें बेवकूफ बना सकते हैं। वो जल्दी ही समझ जाएंगे कि हमारा झगड़ने का कोई इरादा नहीं है। तब वो वापस मुझे तेल के खौलते कड़ाहे पर लटका देंगे। तुम्हें भी नहीं छोड़ेंगे, तुम्हें भी...।”

“मैंने पेशीराम के कहने पर ये सब किया है।” देवराज चौहान
बोला।

“पेशीराम...तो वो तुमसे भी मिला ।” मोना चौधरी के दांत भिंच गए–“उसका दिमाग खराब है जो हमें...।”

पेशीराम का कहना है कि मोमो जिन्न हमारी सहायता करेगा।”

कैसी सहायता?”

“मैं नहीं जानता।”

वों जथूरा का सेवक है, हमारी सहायता क्यों करेगा। वो तो...”

इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।” देवराज चौहान ने कहा। तो बेवकूफों की तरह आंखें मूंदकर पेशीराम की बात मान ली।”

मेरे पास कोई और रास्ता भी नहीं है। हम सब फंसे पड़े हैं।” देवराज चौहान के होंठ भिंच गए।

तभी घेरा बांधे एक बस्ती वालों की तरफ से शोर उठने लगा।

मोना चौधरी और देवराज चौहान की निगाह भीड़ की तरफ घूमने लगी। " “वो हमें झगड़ने को कह रहे हैं।” मोना चौधरी ऊंचे स्वर में बोली।
देवराज चौहान के होंठ भिंच गए।

उसी पल हंसराज पास आता दिखा और कुछ पहले ही ठिठककर चिल्लाया।

देवा। कमला रानी कहती है, मार दे मिन्नो को।” कहकर वो वापस पलट गया।
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03-20-2021, 11:38 AM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
देवा। कमला रानी कहती है, मार दे मिन्नो को।” कहकर वो वापस पलट गया।

देवराज चौहान ने कुल्हाड़ी संभाल ली।

भीड़ में से शोर उठ रहा था।

हमें कुछ देर झगड़ने का ड्रामा करना होगा।” देवराज चौहान ऊंचे स्वर में बोला।

। “उसके बाद क्या होगा? हमारा ड्रामा हमें ज्यादा देर नहीं बचा सकता।”

“जो होगा देख लेंगे।” देवराज चौहान ने इधर-उधर नजरें घुमाते हुए कहा-“तुम मुझ पर वार करो।”

“पहला वार तुम करो।” इसके साथ ही देवराज चौहान कुल्हाड़ी के साथ मोना चौधरी पर झपट पड़ा।

“जल्दी जाओ।” मोमो जिन्न बोला–“इससे पहले कि देवा या मिन्नो एक-दूसरे पर घातक वार कर दें। तुम दोनों जाकर कमला रानी और मखानी को मार दो।” इसके साथ ही मोमो जिन्न ने अपना हाथ हवा में लहराया तो हाथों में दो खंजर आ गए।

उसने एक-एक खंजर दोनों को थमाया।

लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा के चेहरों पर घबराहट के भाव आए।

सोच क्या रहे हो, जल्दी जाओ और दोनों को मार दो।” मोमो जिन्न के स्वर में आदेश था।

“हमने उन्हें मारा तो बस्ती वाले हमें मार देंगे।” लक्ष्मण दास बोला।

चिंता मत करो। मैं हूं। मेरे होते हुए तुम्हारा बाल भी बांका न होगा। जथूरा के आदेश पर ही ये हो रहा है।”

“मुझे तो डर लग रहा है।”

मोमो जिन्न बुरा-सा मुंह बनाकर बोला।

“मौके पर आकर तुम लोगों की हिम्मत कम हो गई। ठीक है, मैं अभी तुम दोनों में हिम्मत डाल देता हूं।”

हिम्मत डालोगे।” लक्ष्मण दास हड़बड़ाया—“क...कैसे?”

मोमो जिन्न ने अपना चेहरा आकाश की तरफ किया और उनके नाम लेकर कुछ बड़बड़ाया। | अगले ही पल लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा की हिम्मत बढ़ गई।

अभी उन दोनों को खत्म कर देते हैं।” “आ सपन।” दोनों खंजर को थामे आगे बढ़ गए।

कमला रानी ने मखानी का हाथ थाम रखा था। चेहरे पर खुशी चमक रही थी।

परंतु मखानी के चेहरे पर उलझन् थी। दोन देवराज चौहान और मोना चौधरी को देख रहे थे। दो-दो वार दोनों एक-दूसरे पर कर चुके थे।

मखानी। कभी भी दोनों में से कोई भी खत्म हो सकता है।” कमला रानी कह उठी–“बता, कौन मरेगा। मुझे तो लगता है मिन्नो मरेगी।”

मखानी चुप-सा देवराज चौहान और मोना चौधरी को देखे जा रहा था।

बोल मखानी, कुछ तो कह ।” कमला रानी ने बेसब्री से कहा।

तभी मोना चौधरी ने देवराज चौहान् पर वार किया। देवराज चौहान वार बचा गया।

कोई भी नहीं मरेगा।” मख़ानी होंठ भींचकर बोला।

क्या मतलब?”

मुझे लगता है ये झगड़ा नहीं कर रहें हैं, वक्त बिता रहें हैं।”

तेरे को वहम की बीमारी हो गई है।” कमला रानी मुंह बनाकर कह उठी।।

मखानी कुछ कहने लगा कि उसका मुंह खुला-का-खुला रह गया। होंठों से आह निकली। चेहरे पर पीड़ा के भाव नाच उठे।

कमला रानी।” मखानी दर्द-भरे स्वर में बोला–“मैं...मैं तो गया।”

क्या कह रहा...।” कमला रानी ने मखानी उर्फ जगमोहन का चेहरा देखा तो हड़बड़ा उठी। क्या हुआ तेरे को?”

इसी पल कमला रानी की गर्दन में चाकू आ धंसा।

दोनों के पीछे लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा अपने खूखार रूप में खड़े थे।

उन्होंने तीव्र झटके से चाकुओं को बाहर खींचा और फिर वार किया। दूसरे वार् में दोनों ही नीचे जा गिरे।
कइयों की निगाह इस तरफ गई।

लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा ने उनके शरीरों से चाकू निकाला और ऊंचे स्वर में कह उठे
“खबरदार! जो कोई आगे आया।”

कमला रानी को मार दिया। कमला रानी को मार दिया।” शोर मच गया। देवराज चौहान और मोना चौधरी का ध्यान भी इस तरफ हुआ।

सपन।” लक्ष्मण दास चीखा–“तू जाकर उन सबके बंधन खोल। इन सबको मैं देखता हूं।”

सपन चड्ढा खून सना खंजर थामे, नगीना और बाकियों की तरफ दौड़ पड़ा।

तभी बस्ती के लोग इधर-उधर भागने लगे। शोर तेज होने लगा। चीख-पुकार मच गई।

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