RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
तभी मैंने माँ के मुँह में अपना रस छोड़ना शुरू कर दिया- “ले लण्ड की भूखी माँ अपने बेटे का रस पी। हाँ... मैं माँ के मुँह में झड़ रहा हूँ। ले चूस इसे और गटागट मेरा पूरा जूस पी जा। हाय... मेरा माल बह रहा है। इसकी एक बूंद भी बर्बाद मत होने देना। हाय मेरी राधा रानी चूस अपने बेटे का लौड़ा। हाय मेरी राधा जानू... हाय मेरी लुगाईईऽऽ...” यह कहते-कहते मैं माँ के मुँह में झड़ रहा था और माँ भी मेरा सारा रस गटक रही थी।
उधर में माँ के मूत्र-छिद्र पर अपनी जीभ की नोक फिरा रहा था जिससे माँ दुगनी मस्ती में आ गई। मेरा लण्ड
का सारा रस पीकर माँ ने मेरा लण्ड मुँह से निकाल दिया।
राधा- “हाँ... विजय बेटे चाटो मेरे मूतने के छेद को चाटो। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैं भी झड़ रही हूँ। मेरी
भी चूत से कुछ बहने लग गया है। देख आज भी यह छोटा तेरी माँ को कैसे कस-कस के चोद रहा है। इसमें और इसके लण्ड में बहुत ताकत है। जितनी ताकत इसकी गाण्ड में बड़ा से बड़ा लण्ड झेलने की है उतनी ही ताकत इसके लण्ड में, चुदक्कड़ से चुदक्कड़ औरत को झड़... देने की है। मैं तो ऐसे दो-दो मस्त बेटों से मस्ती
करके पूरी निहाल हो गई...”
अजय- “हाँ... माँ मैं एक नंबर का गान्डू हूँ तो देख मैं एक नंबर का चोदू भी हूँ। देख मैंने कैसे तुझ जैसी चुदक्कड़ और लण्डखोर औरत को झड़ा कर रख दिया है। ले झेल मेरे धक्के। मैं तेरी चूत को भाड़ सी भोसड़ी। बनाकर चोद दूंगा। ले अब तो मैं भी झड़ रहा हूँ। मैं तो सारा माल तेरी चूत में ही गिराऊँगा। नौ महीने बाद मेरे माल से अपने जैसी एक चुदक्कड़ बेटी पैदा कर देना। जब तुम बूढ़ी हो जाओगी तब वो हम दोनों भाइयों के काम आएगी। भैया देख मैं माँ की चूत में झड़ रहा हूँ...” यह कहते-कहते अजय भी माँ की चूत में झड़ने लग गया। मैं माँ की चूत और भाई के लण्ड का मिलाजुला रस जो भी चूत से बाहर आ रहा था उसे चाट रहा था। कुछ देर बाद यह सारा तूफान बिल्कुल शांत पड़ गया और हम तीनों बिस्तर पर निढाल हो गये।
मेरी नींद सुबह के समय ही खुली। माँ अपने कमरे में जा चुकी थी और अजय नंगा पड़ा गहरी नींद में सो रहा था। हम तीनों माँ बेटों में आपस में कोई पर्दा और भेद भाव नहीं रहा। दिन में सबकी दिनचर्या सामान्य रहती और रात में नये-नये तरीके से बिल्कुल बेबाक होकर एक दूसरे से बिल्कुल बेशर्म होकर खुलकर मस्ती करते।
THE ENDES
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