Hindi Porn Story द मैजिक मिरर
01-10-2020, 12:07 PM,
#87
RE: Hindi Porn Story द मैजिक मिरर
कोमल की कहानी सुन कर राज अब बहुत गर्म हो चुका था। वहीं कोमल खुद भी अपनी गर्मी से पिघल रही थी। दोनों की हवस और प्यास पराकाष्ठा की चोटी पर पहुंच चुकी थी। जिसके आगे कुछ नही था। सिवा हसीन नज़ारों के।



कोमल और राज एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। राज के कपड़े उतारते हुए कोमल जितना शर्मा रही थी। उस से ज्यादा जब उसका एक मात्र शर्ट राज ने उतारा तो कोमल शर्म से ग़ुलाब हो गयी।



राज कोमल के बदन को हल्की रोशनी में देखता ही रह गया। उस हल्की रोशनी में कोमल का दूध सा और चांदनी जैसा चमकीला बदन काली घनघोर घटाओं जैसी जुल्फे, गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ और उनपर शर्म की चादर से उमड़ी मुस्कान, आंखों में गहरा काजल और हया की चादर, माउंट एवरेस्ट जैसी सुडौल चुंचिया और उन चुंचियों पर जैसे एक छोटी सी चेरी रखी हो जैसे निप्पल। राज की नज़र जैसे नीचे आती है तो जैसे अजंता की गुफाओं की खूबसूरत नाभि, और पहाड़ों जैसा प्राकृतिक कमर के कटाव, और कॉक बोटल की तरह बाहर को उभरे कोमल के नितम्भ उफ्फ।




ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे स्वर्ग से साक्षात कोई अप्सरा आयी हो। राज एक टक कोमल के बदन को निहार रहा था। जो हाल इस वक़्त राज का था वही हाल कोमल का था। राज का मासूम चेहरा, कोमल की खूबसुरती में डूबा जहन, छाती और बदन पर हल्के बाल जो और हल्की मसल जो उसके पुरुषार्थ को दर्शा रही थी।




राज हल्के से आगे बढ़ कर कोमल की कमर में अपना हाथ डालता है और उसे अपनी और खींचता है। राज के हल्के से खींचने पर कोमल राज की बाहों में समा जाती है। ऐसा होते ही दोनों के शरीर मे बिजली कौंध जाती है। कोमल की वो खूबसूरत घाटियों का लिबास लिए चुंचियाँ सीधे राज के सीने में धंस जाती है। ये पहली बार था जब राज और कोमल इतने आगे बढ़े थे।



राज हल्का सा कोमल का चेहरा ऊपर को उठा कर कोमल के होंठों को चूमता है।




राज और कोमल दोनों ही इस वक़्त एक अलग ही दुनिया मे थे।



राज कोमल को किस करते करते बेड पर ले जाता है और बड़े ही शालीन तरीके से कोमल को बिस्तर पर लिटा देता है। कोमल को बिस्तर पर लिटाने के बाद भी कोमल की सुडौल चुंचियाँ एक दम ऊपर की और उठी हुई थी। राज अपने एक मात्र अंडरवियर को भी उतार कर कोमल के शरीर पर चढ़ जाता है। इस वक़्त कोमल और राज दोनो को सिवा एक दूसरे के सारी दुनिया की कोई परवाह नही थी। दोनों अपनी अपनी परेशानियां भूल कर एक दूसरे में गुम होने को तैयार थे।

आज पहली बार कोमल अपना सर्वस्व किसी पर लूटा रही थी। वो कोई और नहीं बल्कि उसकी महोब्बत राज था। राज भी एक तरफ जहां कोमल के कोमल से बदन पर हवस का शिकार होना चाहिये था वो भी एक अजीब सी कस्मोकश में था। ना तो राज के मन मे हवस की कोई जगह थी ना ही कोमल दूरी लड़कियों की तरह थी। आज का ये मिलन राज के लिए दुनिया का सबसे हसीन सुख था।




राज बड़े ही महोब्बत भरे अंदाज़ में कोमल पर झुकता चला जाता है और कोमल के नाजुक से गुलाब जैसे होंटों को अपने होंटों में भर लेता है।





राज कोमल के होंटों को इस कदर चूम रहा था जैसे वो कोई साधारण होंठ नहीं बल्कि अमृत का कोई झरना हो।





और कोमल राज की इसी चुम्बन से राज की महोब्बत की प्रगाढ़ता को महसूस कर सकती थी। कोमल भी अपनी आंखें मूंदे हुए राज के चुम्बन का जवाब देने की कोशिश कर रही थी लेकिन राज के पौरुष के सामने उसकी कोशिश महज कुछ भी नहीं के सिवा और क्या हो सकती थी।



कुछ ही क्षणों में राज और कोमल दोनो के नंगे बदन हल्के नीले चंद्रमा की चांदनी से चमक उठे। राज के हाथ उस हल्की चांदनी में कोमल के दूध से बदन पर रेंग रहे थे। राज के हाथ कभी कोमल के कंधे तो कभी गाल सहला रहे थे। कभी कोमल की गर्दन तो कभी सुडौल उरोज। कोमल के बदन का हर एक रोंया खड़ा हो रहा था।






जैसे कोमल को ठंड लग रही हो। लेकिन ये दशा ठंड के कारण नहीं बल्कि राज और कोमल की महोब्बत से बने एक नए मौसम से थी। एक ऐसा मौसम जिसमे सारी ऋतुएं एक ही पल में आ जाती है। सारे सुख उसी पल में समा जाते है। सारी दुनिया और ज़िन्दगी छोटी लगने लगती है। और आनंद और सुख एक नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।





करीब 10 - 15 मिनट तक राज कोमल के शरीर को सहलाता रहा। उसके बाद होले होले राज अपने होंटों की मुहर कोमल के ललाट से लेकर उसके पूरे चेहरे पर छाप दी। और उसी मुहर को राह कोमल के पूरे शरीर पर लगाने के लिए कोमल की ठुड्डी से नीचे की और बढ़ने लगा। राज के मुँह से निकलने वाली गर्म हवा और इश्क़ के इस नए अंदाज ने कोमल के पूरे शरीर मे झुरझुरी दौड़ा दी।




अचानक से राज के खुरदरे मर्दाना होंठ कोमल के नरम नाजुक और सुडौल उरोजों पर जा ठहरे। राज के होंटों का कोमल की चुंचियों पर स्पर्श ही कोमल की सिसकियों की वजह बन गया था। राज ने कोमल के शरीर की इस गर्मी को भांप कर हल्की मुस्कुराहट से कोमल की बायीं चुंची को अपने मुंह मे भर लिया और दायीं चुंची को अपनी दाएं हाथ की हथेली के पकड़ में कैद कर लिया।




कोमल राज की इस हरकत से बहुत बैचैन हो चुकी थी। राज के मुँह में कोमल की चुंची जाते ही कोमल की पीठ हवा में उठ गई। एक और जहां कोमल का शरीर थर थर कांप रहा था वहीं दूसरी और भट्टी की तरह गर्म हो कर तप रहा था।


धीरे धीरे राज कोमल की चुंचियों को अपने आतंक से मुक्त करते हुए आगे बढ़ता है और अपने होंटों को कोमल की गहरी नाभी की और ले जाता है। हल्की नीली चांदनी में कोमल की गहरी नाभी किसी झील-ए-इश्क़ से कम ना थी। कोमल की नाभि से जब राज ने नज़र उठा कर कोमल के चेहरे की तरफ देखा तो कोमल के शरीर के कटावों से होकर राज की नज़र कोमल के कांपते होंटों पर पड़ी। जब राज की नज़र कोमल के हुस्न पर से उसकी नज़रों तक गयी तो उसके मन मे यहीं ख्याल आया होगा।


ऐसा देखा नहीं खूबसुरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पह जादू कोई
जिस्म नगमा कोई
जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे महकती हुई चाँदनी
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे किः खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे की सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकश ओ दिलनशीं
संदाली संदाली
मरमरी मरमरी
हुस्न ई जानां की तारीफ़ मुमकिन नहीं



क्या हुस्न है , क्या हया है, क्या महोब्बत है, क्या आशिक़ी है, क्या दीवानगी है। महोब्बत गर इतनी खूबसूरत है तो खुदा सबको बक्शे। बशर्ते महोब्बत जिस्मानी हो ना हो रूहानी ज़रूर हो।


राज कोमल की नाभी को चूमता है मन ही मन खुद से एक वादा करता है। भले ज़िन्दगी भर मैं कुछ भी ना करूँ लेकिन ज़िन्दगी भर महोब्बत में सिर्फ तुमसे ही करूँगा कोमल। वहीं दूसरी और कोमल आंखें बंद किये ये निश्चय कर रही थी कि "राज जब से मैंने तुम्हें दिल दिया है तब से तुम्हारी खुशियां और हम सब मेरे है। तगर तुम खुश नहीं तो में खुश कैसे हो सकती हूं। बस उम्मीद करती हूँ सारी उम्र मैं तुम्हारी हर खुशी का कारण बनूँ।




राज कोमल को जिस्मानी तौर पर बहुत गर्म कर चुका था। अब राज ने सोचा कि शायद अब उसे आगे बढ़ना चाहिए। राज ने बड़े ही नाजुक से अंदाज में कोमल की दोनों जांघों को चूमते हुए खोलने की कोशिश की। लेकिन कोमल शायद इसके लिए अभी तक तैयार नहीं थी इस लिए हल्का सा चिंहूँकि लेकिन तुरंत ही कोमल ने अपने आपको राज के हवाले कर दिया। राज ने बड़े ही नाजुक तरीके से कोमल की जांघों को चूमते हुए खोला।





राज के सामने कोमल की जवानी की सबसे बड़ी दौलत थी। कोमल का कौमार्य। राज एक तक उस खूबसूरत और हसीन कोमल की चूत को देखे जा रहा था। एक तरफ जहां राज के लन्ड में बिजली की लहर दौड़ गयी थी। वही राज आज कोमल के साथ पहली बार एक होने जा रहा था यही सोच कर राज और गर्म हो रहा था।
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