RE: Indian Porn Kahani एक और घरेलू चुदाई
उसने अपनी लूँगी को उतार दिया और अपने लंड को सहलाने लगा बारिश अब कुछ तेज सी हो गयी थी इधर विनीता ने देखा कि सौरभ के कुछ कपड़े जो सूखने के लिए डाले थे वो उतारना भूल गयी थी तो वो उन्हे उतारने के लिए गयी तो एक शर्ट प्रेम की छत पर गिर गयी वो दीवार से इस तरफ आई और शर्ट उठा रही थी कि तभी उसकी निगाह चॉबारे की तरफ पड़ी तो उसने देखा कि प्रेम मूठ मार रहा था उसका चमकता लंड देख कर विनीता अब काबू से बाहर हो गयी
हवस का जो तूफान उसके दिलो दिमाग़ मे छाया था विनीता ने कपड़ो को जल्दी से रखा और नीचे देखा तो सौरभ सो चुका था वो फिर उपर आई और दीवार कूद के प्रेम के चॉबारे की तरफ हो गयी इधर प्रेम अपनी आँखे बंद किए उषा के बारे मे सोचते हुए अपना लंड हिलाने मे मस्त था एक दम से विनीता को देख कर उसकी गान्ड फट गयी उसने अपने लंड को छुपाना चाहा पर ऐसा कर नही पाया उसकी बोलती बंद हो गयी कुछ समझ ना पाया वो चाची चाची करने लगा
तो विनीता आगे को बढ़ी और अपनी उंगली उसके होटो पर रखते हुए बोली, चुप रहो कुछ मत बोलो,और अंदर को आ गयी प्रेम कुछ पलों के लिए सकते मे आ गया था वो काँपती हुई आवाज़ मे बोला चाची माफ़ करदो ग़लती हो गयी आप किसी से ना कहना आपके पाँव पड़ता हूँ, तो विनीता उस से सट ते हुए बोली मैने कहा ना चुप होज़ा जवानी मे ये काम तो सब करते ही रहते है
विनीता उसके लंड को अपने हाथ मे पकड़ते हुए बोली- वैसे भी तू अब बच्चा नही रहा तू तो पूरा 12इंच का जवान हो गया है, और उसके लंड को कस कर मसल दिया प्रेम की आह निकल गयी वो बोला चाची ये आप क्या कर रही है तो विनीता बोली- क्या कर रही हूँ मैं जैसे कि तुझे कुछ पता ही नही है देख तेरी चाची का बदन कितना तप रहा है और प्रेम का हाथ अपने उभारों पर रख दिया
प्रेम भी समझ गया था कि आज उसे चूत मारने का सुख प्राप्त होने वाला है, विनीता उसके लंड को बड़े प्यार से सहलाते हुवे बोली बेटे जब से तेरे लंड को देखा है मेरी टाँगे गीली ही रहती है मेरी प्यास भड़क गयी है हर दम तेरा ही ख़याल मेरे उपर छाया रहता है आज इस निगोडे मोसम ने भी कहर ढाया हुआ है आज अपनी चाची को सुख दे दे बेटा और विनीता ये कह ने के साथ ही घुटनो के बल पर नीचे को बैठ गयी
उसने प्रेम के लंड की खाल को पीछे को सरकाया और उसके गुलाबी सुपाडे पर अपनी लंबी जीभ रख दी, किसी औरत की जीभ को अपने लंड पर पहली बार महसूस करके प्रेम का जिस्म मस्त हो गया मस्ती के मारे उसकी आँखे बंद हो गयी और गले से एक आह निकल गयी जिसे सुनकर विनीता की आँखे चमक गयी और वो मुस्कुरा पड़ी उसने अपना मूह खोला और लंड के सुपाडे को अंदर लेने लगी
विनीता ने अपना पूरा मूह खोल दिया था पर फिर भी उसे प्रेम के लंड को लेने मे मुश्किल हो रही थी वो उसे चूस्ते हुए बोली प्रेम तेरा लंड बहुत मस्त है एक हाथ से उसकी गोलियो को दबाते हुए वो उसका लंड चूस रही थी तो प्रेम जैसे सातवे आसमान पर पहुच गया था विनीता पूरी खिलाड़ी औरत थी उसे पता था कि प्रेम अभी कच्चा ही है तो बस उसे अपने साँचे मे ढालना था
धीरे-धीरे करके उसने काफ़ी लंड को अपने मूह मे ले लिया था उसके थूक से लंड गीला होकर मूह मे फिसल रहा था प्रेम को एक अलग ही प्रकार का मज़ा आ रहा था विनीता के होटो की गर्मी से वो जल्दी ही झड़ने के कगार पर पहुच गया और फिर उसने अचानक से उसके चेहरे को अपने लंड पर कस कर दबा दिया और उसके मूह मे ही झड़ने लगा गरमा गरम वीर्य विनीता के मूह मे गिरने लगा जिसे वो मीठे शहद की तरह पी गयी
झड़ने के बाद प्रेम का लंड सिकुड गया पर विनीता ने गौर किया कि अब भी उसका लंड उसके पति के तने हुए लंड से थोड़ा ही छोटा था, अब विनीता उटी और अपनी मॅक्सी को तुरंत ही उतार दिया नीली ब्रा-पैंटी मे उसके गोरे बदन को देख कर प्रेम की सांस ठहर सी गयी, आज से पहले उसने ऐसा नज़ारा कभी नही देखा था विनीता ने प्रेम को धक्का दिया तो वो बेड पर लेट गया और विनीता उसकी छाती पर सवार हो गयी
उसकी सुदार छातिया प्रेम के सीने मे धँसने को बेताब हो रही थी वो प्रेम के चेहरे पर झुकी और अपने गुलाबी होटो को प्रेम के होटो पर रख दिया और उसको किस करने लगी 440 वॉल्ट का करेंट प्रेम के तन बदन मे दौड़ गया वो भी विनीता का पूरा साथ देने लगा और विनीता की पीठ को सहलाने लगा और उसकी ब्रा की डोर को खोल दिया तो पीठ पूरी नंगी हो गयी करीब दस मिनिट तक किस चलने के बाद
अब प्रेम ने पलटी खाई और विनीता उसके नीचे आ गयी उसने ब्रा को साइड मे फेक दिया और उसकी 36 इंच की गदराई हुई गोल मटोल छातियो को देखन लगा तो उसका गला सूखने लगा उसने अपने काँपते हुए हाथो को चूचियो पर रखा और दबा दिया तो विनीता ने मस्ती से अपनी आँखे बंद कर ली अब प्रेम दोनो हाथो से उसके बोबो से खेलने लगा इधर उसका लंड फिर से तैयार हो गया था और विनीता की चूत वाले हिस्से पर दवाब डाल रहा था उसकी चूत बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी
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