RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
दोपहर के तीन बजे मेरी नींद खुली तो मुझे बहुत भूख लगी थी, मैं उठकर बाहर बरामदे में बेसिन में हाथ मुंह धोकर मैगी नूडल्स बनाने लगा ।फिर मैंने शालिनी को आवाज लगाकर जगाया, पर वह नहीं उठी।
मैगी बनाने के बाद मैं कमरे में आकर शालिनी को हाथ लगाकर उठाने ही जा रहा था कि मैं एकदम से रुक गया। शालिनी इस वक्त करवट लेटी थी और उसके दोनों दूध के बीच की घाटी का काफी हिस्सा मेरी वी गले की टीशर्ट से दिख रहा था। हर बार सांस लेने के बाद उसके दूध भी फूल-पिचक रहे थे। मैं उसे जगाने के बजाय उसके पूरे बदन को उपर से नीचे की ओर देखने लगा । निक्कर में उसकी गोरी सुडौल भरी भरी जांघें और नीचे हल्के भूरे रंग के रोंयें से पैरों में ।
अब मुझे एहसास हुआ कि मेरी बहन शालिनी बहुत ही खूबसूरत है और मां की ही तरह उसका शरीर भी हर हिस्से से खूबसूरत कटाव लिए है,,
मैं शालिनी से बस कुछ इंच की दूरी पर खड़ा हुआ वहीं पर जैसे फ्रीज हो गया था । अचानक मुझे सुबह बस की बात याद आ गई कि कैसे वो आदमी शालिनी का दुपट्टा खिसकने के बाद उसके दूधों को घूर रहा था और यहां अब मैं खुद अपनी बहन के दूधों को हर सांस के साथ उठते बैठते देख रहा था।।
मुझे बहुत अजीब सा लगा कि मैं ये क्या कर रहा हूं अपनी ही सगी बहन को मैं एक लड़की/औरत की तरह कैसे देखने लगा ।। मैंने बाहर बरामदे में आकर फिर से मुंह धोया और अंदर आकर शालिनी के दाहिने पैर को हिलाकर उसे जगाया ...
शालिनी को मैंने जगाया, उठते ही उसने एक अंगड़ाई ली और दोनों हाथ सिर के पीछे लेजाकर उसने अपने बालों को ठीक किया । एक बार फिर मेरी नजर बहन के बड़े बड़े स्तनों पर टिक गई जो उसके बाल संवारने से और भी बड़े दिख रहे थे। शालिनी उठकर टायलेट करके फ्रेश होकर आई और हमलोग ने नाश्ता किया,
मैं- शालिनी तुम ऐसा करो कि अभी किचन में जरूरत की चीजों की लिस्ट बना लो, मैं तो ऐसे ही कुछ भी कहीं भी खा लेता था।हम लोग इधर से जाते समय किरानास्टोर पर दे देंगे और शापिंग से वापस आते में लेते आयेंगे।
शालिनी- जी भाईजी,
मैंं अभी भी चड्ढी बनयान मे ही था, असल मे अकेले रहने के कारण गर्मी के दिनों में मैं कम से कम कपड़ों में या नंगे रहना ही पसंद करता था, अकेले रहने के अपने मजे हैं,
खैर शालिनी की मौजूदगी में नंगे रहने का सवाल ही नहीं था। मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया, हमारा बाथरूम और लैट्रीन ज्वाइंट है और उपर छत पर जाने वाले जीने के नीचे बना है, बाहर बरामदे में ही दूसरी साइड अपनी अपाचे बाईक रखता था और कपड़े भी वहीं सुखा लेता था मैं नहाकर वैसे ही चड्ढी बनयान पहनकर कमरे के अंदर आया तो शालिनी ने लिस्ट मेरे हाथ में दे दी, उसने इन 15 मिनट में ही किचन से लेकर डेलीयूज की लगभग सभी चीजों की लिस्ट बना दी थीं, हम दोनों ने आपस में बात करके लिस्ट फाईनल कर ली, ।
मैंने शालिनी से कहाकि तुम भी जल्दी से नहाकर तैयार हो जाओ, शालिनी ने अपना बैग उठाकर बेड पर रखा और अपने लिए कपड़े निकालने लगी, मैं इस बीच कमरे की अलमारी में लगे बड़े आईने में अपने बाल खींच रहा था, शालिनी ने एक ग्रीन कलर का सूट निकाला और साथ में एक काली चड्ढी और सफेद समीज( स्लिप) निकाली, और मुझसे बोली - भाई मैं टावेल नहीं लाई हूं पुरानी थी काफी, अभी आपकी ही ले लूं !
मैं - मैंने कहा हां ले लो बाहर ही है । उसे समझाते हुए कहा कि अब यहां कोई भी चीज के लिए पूछना नहीं न ही किसी चीज में शर्म हिचक रखना, जैसे चाहो, मस्त होकर रहो और पढ़ाई करो ।
वह कपड़े लेकर नहाने बाथरूम में चली गई और मैं कपड़े पहनने लगा । कपड़े पहनने के बाद मैंने एक चीज ध्यान की, कि शालिनी ने ब्रा नहीं निकाली, ब्रा का खयाल मन में आते ही एक अजीब सी फीलिंग हुई। मुझे लगा वो शायद भूल गई है और पता नहीं क्या सोचकर मैं उसके बैग में ब्रा ढूंढने लगा, वो ज्यादा कपड़े नहीं लायी थी क्योंकि उसे नये स्टाइलिश लुक वाले कपड़े यहीं लेने थे। उसके बैग मे ब्रा नही मिली, मैंने बैग बंद कर बेड के नीचे रख दिया ।
बाथरुम से शावर चलनेकी आवाज आ रही थी, मुझे अजीब सी उत्तेजना हो रही थी ।
मैंने टीवी चला ली और न्यूज देखने लगा।
शालिनी नहाकर कमरे में आयी तो एक अजीब सी सुगंध जैसी फैल गई, उसने सलवार सूट पहन रखा था और उसका सूट काफी टाईट फिटिंग का था जो उसपर बहुत अच्छा लग रहा था, वो आईने के सामने आ कर बाल ठीक करने लगी, बाल बनाते बनाते वह पूछने लगी कि आपको भी शापिंग करनी है अपने लिए ना ।
मैं- नहीं अभी आज सिर्फ तुम्हारे लिए जरूरी कपडे ले लेते हैं फिर एडमिशन के बाद ले लेंगे। तुम बताओ क्या क्या लेना है।
शालिनी- घर के डेलीवियर और कालेज जाने के लिए दो सेट ।
मैंने बाइक निकाली और गेट लाक कर हम लोग मार्केट के लिए निकल लिए, धूप बहुत तेज थी तो शालिनी ने अपना दुपट्टा पूरे चेहरे पर बांध लिया था और दोनों साइड पैर करके बैठ गई ।।
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