RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
सुनीता भाभी- मैं काम करके आ जाऊंगी मिलने, चलो अच्छा है अब आपके खाने पीने की सहूलियत हो जाऐगी ।
सुनीता भाभी मेरे बगल वाले मकान में रहती हैं और पूरे मोहल्ले में मेरी बात उनके ही परिवार से होती है, वो 40 साल की भरे बदन की सुंदर संस्कारी महिला हैं, उनके दो बच्चे हैं वो अपने बच्चों के ही स्कूल मे टीचर हैं,, अक्सर सुबह सुबह वो झाड़ू लगाते हुए अपनी चूंची दिखा देती थी तो मेरा दिन बन जाता था । खैर हम लोगों मे हंसी मजाक चलता रहता था ।।
सुनीता भाभी की चूंची देखने के लिए मैं अक्सर उसी समय अपनी बाइक साफ करता था घर के बाहर , आज भी बड़े गले के कुर्ते से उनकी बडी़ बडी़ चूंची लटकती हुई दिख रही थी, अंदर वो हमेशा ब्रा पहनती हैं। मुझे जाने क्यों आज उनकी चूंचियां आकर्षक नहीं लगी.। एक सीमित मजाक से ज्यादा कुछ नहीं होता था हम दोनों में, शायद उनकी चूंचियां देखने की मेरी आदत के बारे मे वो जानती थी पर कभी जाहिर नहीं किया ।
गेट खोल कर मै अंदर आया तो देखा, शालिनी अभी सो रही थी, एक बार फिर मेरी नजर शालिनी के सीने पर पड़ी, वह सीधे लेटी थी और उसके दूध के निप्पल जाहिर हो रहे थे, इतने से ही मेरा लंड फिर झटके खाने लगा,....
सुबह के सात बज चुके थे और मैंने शालिनी को कंधे से हिला कर जगाया..
शालिनी ने थोड़ा कुनमुनाते हुए हाथ ऊपर करके अंगड़ाई ली और अपने बालो की पोनीटेल बनाते हुए गुडमार्निंग बोल कर वह बेड से उतरकर सीधे फ्रेश होने गई,,,
शालिनी का ये अंगड़ाई लेता हुआ बदन देखकर मुझे फिर से झुरझुरी होने लगी ।।
मैं पिछले दो घंटों से कई बार उत्तेजित हुआ था और सैकड़ों बार अपने आप को अपनी ही बहन के बदन को ना देखने का प्रयास कर चुका था ।
मैं सही गलत मर्यादा जिम्मेदारी आदि सब चीजों के बारे में सोच रहा था कि तब तक शालिनी बाथरुम से निकल कर कमरे से होते हुये सीधा किचन मे चली गई ।
शालिनी- भाईजी आप ये दूध और ब्रेड कब ले आये।
मैं-मैं बाहर से अभी लेकर आया हूं तुम्हे सोता देखा तो सोचा वापस आकर जगाऊँ ।
(उसे क्या पता कि उसके यौवन ने उसके बड़े भाईजी की ऐसी हालत करदी थी कि उसे भागना पड़ा )
शालिनी- भाई काफी या चाय
मैं- कुछ भी चलेगा, मैं तो सुबह ऐसे निकल लेता था, बाहर ही चाय पानी होता था ।
शालिनी- पहले की बात और थी,अब तो आप नाश्ता भी करेंगे और खाना भी खाकर जायेंगे ।
(मुझे शालिनी की केयरिंग बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा और मैं अपने आप को उसके शरीर के प्रति आकर्षण के लिये और धिक्कारने लगा )
मैं- हां हां खिला खिला कर मोटा कर दो ।
मैं बेड पर ही बैठा था और शालिनी के साथ नाश्ता करने के बाद हम लोग बातें करने लगे ।
मैंने शालिनी को घर को लाक करना और आस पास के बारे में बताया, सुनीता भाभी के बारे में बताया कि वो अच्छी महिला हैं बाकी आस पास मैं किसी से मतलब नहीं रखता...
मैं- शालिनी, मैं अब साढ़े नौ बजे वर्किंग के लिए निकलूंगा और चार बजे आ गया तो ठीक नहीं तो रात के आठ बजने हैं, यही मेरा रूटीन है ।
शालिनी- ठीक है भाई मैं कुछ खाने के लिए बनाती हूं आप तैयार हो जाइए, मैं बाद मे नहाऊंगी ।
मैं नहा धोकर तैयार हुआ, इतनी देर मे मेरा दिमाग थोड़ा संतुलित हुआ था और मैं फिर से शालिनी को अपनी भोली बहन के जैसे देख रहा था,
शालिनी ने मुझे पराठे खिलाए और मैं फ्रेश मूड से अपना बैग लेकर शालिनी को किसी के लिए भी गेट ना खोलने की हिदायत देते हुए मैं निकल आया।।
सोमवार होने से मुझे वर्किंग के बाद डिपो जाना पड़ा और इसकी वजह से शाम के छह बजे मुझे फुरसत मिली, दिन भर मे मेरे दिमाग में बार बार शालिनी की ही बातें और यादें आ रही थीं । दिन में कई बार मन किया कि शालिनी से बात करूँ वो क्या कर रही है, कैसी है, अकेले बोर तो नहीं हो रही है,,, बट कैसे... शालिनी के पास मोबाइल नहीं था,,
मैं घर के लिए निकला और सोचा नाश्ते के लिए कुछ ले लूं ।
नाश्ता लेकर मेरी नजर सामने की मोबाइल शाप पर पड़ी और मेरे कदम उधर बढ़ चले,,
मैं घर आया और गेट खोलकर जैसे ही मेरी नजर बरामदे में चारों तरफ पड़ी, मैं हैरान हो गया, हर चीज करीने से रखी है और साफ-सुथरी, मैंने आगे कमरे में कदम रखते ही शालिनी को आवाज लगाई.. शालिनी....
कमरा भी बहुत ढंग से सजाया था ।
शालिनी पीछे कमरे में साफ़ सफाई में लगी थी और वह तेज चलती हुई मेरे पास आई और मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे गले लगने वाली है पर वो ठिठक कर खड़ी हो गई ।
शालिनी- जी भाई आप आ गए ।
मैं- हां, क्या हो रहा है सुबह से, तुमने तो एक दिन में ही घर को बदल दिया है।
शालिनी (फ्रिज से पानी निकाल कर मुझे देते हुए)- वो भाई , मैं आपके जाने के बाद बोर हो रही थी तो मैंने थोड़ी सफाई कर डाली।
मैं- इधर आओ बैठो देखो कितना पसीने से नहाई हुई हो , और सारी सफाई क्या एक ही दिन में करनी है।
वो कूलर के सामने बेड पर बैठ गई । इस समय शालिनी ने लाइट यलो कलर का सलवार सूट पहन रखा था और अपना दुपट्टा सर में बांध रखा था ,कुर्ते के अंदर से उसकी सफ़ेद समीज पूरी तरह दिख रही थी, निप्पल भी जाहिर हो रहे थे.... ब्रा तो वह पहनती ही नहीं है, इससे शालिनी के बड़े स्तनों में उभरे उसके निप्पल नुमायां हो रहे थे । मैं फिर से शालिनी के मादक उन्नत उरोजों को देखने से अपने आप को रोक नहीं पाया ।
शालिनी- भाई आपके लिए काफी बनाऊं ।
मैं- हां, हां ऐसा करो तुम भी नहा लो फिर साथ में काफी पीते हैं, मैं कुछ स्नैक्स लाया हूं और तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है,,
शालिनी ने घर को बहुत अच्छा सेट किया था, अब हमारा ये कमरा बेडरूम और पीछे वाला स्टडी/स्टोर रूम जैसे था, शालिनी ने सारे कपड़े और फालतू चीजों को पीछे कमरे में रख दिया था और वहीं से वो अपने लिए स्लीवलेस टी-शर्ट और निक्कर निकाल कर मेरे सामने से निकल कर बाथरूम में चली गई ।।
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