RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मैं शाम को घर आया और शालिनी से उसकी तबियत के बारे में पूछा तो उसने कहा,
शालिनी- जी, पेन किलर से आराम मिल गया है ।
वो इस समय बेड पर लेट कर टीवी देख रही थी, उसने आज अभी तक समीज और निक्कर ही पहन रखा था, समीज में भी ब्रा की तरह कंधों पर सिर्फ पट्टियां होने से उसके खुले कंधों के नीचे दो नारियल साइज की चूचियों के दर्शन करना एक अलग ही मजा है। मुझे लगा कि इस तरह उसके सेक्सीे शरीर का दीदार आसानी से मिलता रहेगा । वो उठने को हुई तो मैंने मना कर दिया और कहा कि तुम आराम करो, मैं चेंज करके काफी बनाता हूं । मैंने चेंज करके काफी बनायी और शालिनी के पास बेड पर बैठ कर ,हम दोनों काफी पीने लगे,
मैं- मैं बाहर से जाकर खाना ले आता हूं, तुम आराम करो ।
शालिनी- नहीं,,, नहीं मैं बना लूंगी,ऐसी कोई प्राब्लम नही है, अभी हल्का सा दर्द हो रहा है बस,,,
मैं- अच्छा ठीक है कुछ हल्का फुल्का बना लो, बस...
आप नहा लो तब तक मैं कुछ खाना बना लेती हूं,,,,
मैंने कुछ देर बाद नहाने के बाद फिर से बिना अंडरवियर के बरमूडा पहना, उपर बनयान भी नहीं पहनी और शालिनी के पीछे किचन में जाकर खड़ा हो गया और उसने मुझे देख कर बोला कि आप दो मिनट बाद गैस बंद कर देना, अब मैं भी जरा नहा लूं....
और वो अंदर कमरे में जाकर हाथ में एक पैड लिए हुए निकली और बाथरूम में घुस गई । मतलब शालिनी अब अपना पैड बदलेगी, शायद पहले वाला ब्लड में भीग गया हो, लड़कियां माहवारी के दौरान अपनी बुर में पैड कैसे लगाती हैं मुझे कोई आईडिया नहीं था, ये सब सोच कर ही मेरे लौड़े में गज़ब की सनसनी हुई ।
मैं पीछे से उसकी लहराती कमर को देखकर फिर से उसके पीरियड के दर्द को भूलकर अपने लिए मौके की तलाश करने लगा, कि शालिनी के साथ शारीरिक छेड़छाड़ या प्यार का कोई मौका मैं कैसे निकालूं ।
मैं गैस बंद करके टीवी देखने लगा और रोज की अपेक्षा शालिनी ने नहाने में काफी समय लगाया,
और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया और सोने की कोशिश करने लगे,,,, इस बीच काफी बातें होती रहीं इधर उधर की और मैं शालिनी की हिलती चूचियों को देख कर मजा लेता रहा ।
मैं टीवी पर चैनल बदल रहा था फिर एक म्यूजिक चैनल पर एक हाट सांग आ रहा था जिसमें हीरो पूरे सांग में हीरोइन को सिर्फ चूमता और चाटता ही रहता है,,, मैं कनखियों से शालिनी को देख रहा था और वो भी बड़े आराम से सांग देख रही थी ।। उस चैनल पर एक से एक हाट गाने आते जा रहे थे और हम दोनों देखते रहे करीब आधा घंटे तक और फिर हम टीवी आफ करके सो गए।
करीब दो बजे रात को शालिनी ने मुझे जगाया और
फिर शालिनी ने कहा भाई जी थोड़ा सा पेन बढ़ रहा है क्या मैं दूसरी पेन किलर खा लूं, तो मैंने मना कर दिया कि अब सुबह से पहले दूसरी टैबलेट नहीं खा सकते ।
और मैं शालिनी की ओर करवट बदल कर देखने लगा....
मैंने शालिनी के चेहरे को गौर से देखा तो उसके चेहरे से दर्द की रेखाएं नजर आ रही थी, शालिनी ने मुझे ऐसे देखते हुए देखा और
उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और मेरी आंखों में देखते हुए बोली - भाई आप परेशान ना हों, थोड़ा दर्द तो होगा ही , घर पर कभी कभी रात में ज्यादा होता था तो मम्मी बाटल में गर्मपानी भरकर उससे पेट की सिंकाई कर देती थीं और फिर आराम हो जाता था ।
मैं वैसा ही करती हूं और वो उठने लगी तो मैंने उसे कहा तुम लेटो मैं लाता हुं पानी गर्म करके,,,,
पानी गर्म करके एक कांच की बोतल में भरकर शालिनी को बोला...
मैं- कैसे करना है बताओ तो मैं कर दूं ।
शालिनी- जी, जी, वो भाई मम्मी बोतल को पेट पर रख कर उसे गोल गोल घुमाया करती थी बस आराम हो जाता था,,,
मैं- ठीक है,,,,
और मैंने बेड पर शालिनी के साइड में बैठ कर पानी भरी बोतल उसके हाथ में छूआते हुए बोला कि देख लो ज्यादा गर्म तो नहीं है, उसने छूकर कहा - ठीक है ।
मैंने धीरे से बोतल शालिनी के पेट पर रख दी और समीज के उपर से ही बोतल को उसके पेट पर घुमाने लगा ।
मैं इस समय ऐसे बैठा था कि शालिनी की दाहिनी जांघ से मेरी जांघ छू रही थी और मैं धीरे धीरे उसके पेट पर हाथ से बोतल घुमाता रहा, इस बीच मेरा लन्ड खड़ा हो गया ।
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