RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
अब तक मैंने शालिनी की चूचियों को किसी ना किसी बहाने से मतलब मालिश करने के बहाने या फिर सोते समय ही दबाया था और वो भी घर के अंदर.....
ये पहली बार था कि मेरा हाथ शालिनी की चूचियों पर था और हम दोनों के पास कोई बहाना नहीं था,,,, वो भी इस तरह पब्लिक प्लेस पर,,,, मेरे हाथ में जैसे कंपन हो रहा था सोच सोच कर कि शालिनी का क्या रियेक्सन होगा......
गाना खत्म होते होते मैं हौले हौले से उसकी ब्रा के अन्दर ही चूचियों को पंजे से सहलाने लगा और सामने ही देखता रहा,,,, मेरी शालिनी से नजर मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,,,,, लेकिन मैंने गाना खत्म होने के बाद भी हाथ से उसकी दाहिनी चूंची को सहलाना बंद नहीं किया ,,,,,,,
करीब पांच मिनट बाद शालिनी थोड़ा सा ऊपर उठी और अपने सर को मेरे सर से सटा दिया और साथ ही मेरे चूंची वाले हाथ पर अपना हाथ रख दिया,,,,,,
मेरी तो एकदम सांस ही रुक गई एक मिनट के लिए,,, मगर शालिनी ने मेरे हाथ को हटाया नहीं बल्कि हल्का सा सहला दिया और मेरी जान में जान आई....
हम दोनों में कोई बात नहीं हो रही थी और अब मेरे हाथ ने खुलकर उसकी चूचियों सहलाना शुरू कर दिया.... मैं चाह कर भी उसकी दूसरी चूची को छू नहीं पा रहा था.... लेकिन उसकी गर्दन में हाथ डाल कर जहां तक पहुंच सकता था मैंने शालिनी की चूचियों को सहलाया ।
मेरे दूसरे हाथ ने अपना काम कब का शुरू कर दिया था, मतलब जींस के ऊपर से ही लन्ड को मसलना, मेरा लौड़ा किसी भी वक्त पानी छोड़ सकता था,, पता नहीं शालिनी ने मुझे अपना लौड़ा दबाते हुए देखा कि नहीं ...
अब तक मुझे शालिनी के कुर्ते में हाथ डाले काफी टाइम हो गया था और ना जाने मूवी में इस बीच क्या हुआ और कब मूवी ख़त्म हो गई, क्योंकि मेरी आंखें जरूर स्क्रीन पर थी मगर मैं देख और महसूस कुछ और कर रहा था,,,,, मतलब शालिनी की मस्त जवानी से भरपूर बड़ी बड़ी चूचियां
और लाइट जलते ही मैं शालिनी की चूचियों से अपना हाथ निकाल कर सीधा हो कर बैठ गया। जब सामने वाले भाई बहन की जोड़ी उठी तो मैं भी उठकर शालिनी के हाथ को पकड़ कर बाहर निकलने लगा,,, हाल में थोड़ी चहल-पहल थी,,,
अब बाहर की लाइट में पहली बार हमने उन भाई बहन को देखा.... लगभग हमारी ही एज ग्रुप के थे,, और एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर प्रेमी-प्रेमिका की तरह कार पार्किंग की ओर जा रहे थे....
लड़का- दी .. प्रामिस याद रखना बु ...
लड़की- मेरे राजा भैया मुझे प्रामिस याद है ,,, अब तुम यहीं ना प्रामिस पूरा करने लगो कहीं ,,,, ही ही ही हंसते हुए..
मैं भी उसी तरह शालिनी के हाथ को पकड़ कर उससे सटकर प्रेमी-प्रेमिका के जैसे बाईक पार्किंग की ओर चलने लगा ।
पीछे से उन दोनों को देख कर मैंने काफी देर की चुप्पी को तोड़ा.....
मैं- अच्छी जोड़ी है.... लविंग कपल
शालिनी- यस,,,, बटटटट ??
मैं- क्या,,,, बट क्या ?
शालिनी- (मुझसे सटकर चलते हुए) वो... वो .. कपल नही है मेरा मतलब... वो तो...
मैं- हां,,, वो तो क्या ?
शालिनी- मींस... ब्रदर सिस्टर ... लड़का बोल रहा था दी... उस लड़की को ।
मैं- ओह तेरी... तो क्या हुआ वो भाई बहन भी है और कपल भी... सिम्पल ।
शालिनी- हुंह ... सिम्पल .. हंसते हुए...बड़े लोग बड़ी बातें.... ।
(अब तक हम अपनी बाईक के पास आ चुके थे और मैंने मौका देख कर शालिनी के कंधे को हल्के से अपने कंधे से उचकाते हुए , हंस कर बोला)
मैं- सोनोरिटा,,, बड़े बड़े शहरों में ऐसी बड़ी बड़ी बाते होती रहती हैं,,,,
और हंसते हुए बाइक स्टार्ट की, शालिनी ने पीछे बैठते ही मेरी पीठ पर एक पंच मारा प्यार वाला और... चलती बाइक पर
शालिनी- हूं,,, तो आपको बड़े बड़े शहरों की बड़ी बड़ी बातें अच्छी लगती हैं.... हा ... हा ...है ना भाईजी...
मैं - और क्या,,, एक मूवी के टिकट में दो दो मूवी देखने को मिल गई,,, हा .... हा ...
शालिनी ने फिर से मेरी पीठ पर पंच लगाया और हंसते हुए हम एक रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए आ गये, खाना खाने के बाद हम लोग घर के लिए निकल पड़े,,,,, मेरी तो पांचों उंगलियां घी में थी, ये सोच कर ही शालिनी को भी उन भाई बहन की चुम्मा चाटी में मजा आया
और उसने एक बार भी ये नहीं कहा कि मेरे प्यारे भैया आप भी तो अपनी बहन की चूचियां दबा रहे थे, मसलने की कोशिश कर रहे थे,,,, खैर मैं बहुत उत्सुकता से घर में अंदर आया और चेंज करने के बाद हम दोनों साथ में सोने की तैयारी में जुटे थे ।।
मैं रोज की तरह अंडरवियर निकाल कर बरमूडा पहनकर बिस्तर पर लेट गया, शालिनी आते ही बाथरूम में घुस गई शायद उसे बहुत तेज सू-सू आयी थी, कुछ मिनट बाद शालिनी आकर मेरे बगल में लेट गई मगर आज उसने कपड़े चेंज नहीं किए और सलवार सूट में ही लेटी थी, अंदर की ब्रा भी नहीं निकाली थी ,,,
मैं कहां सोच रहा था कि आज तो शायद खुलकर कुछ मज़ा लेने को मिले, मगर यहां तो मेरे अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा था, क्योंकि पिछले काफी दिनों से शालिनी बिना कहे, सिर्फ समीज और निक्कर पहन कर मेरे साथ सोती थी और मैं रात में जी भरकर उसकी रसीली चूचियों से खेलता था,,,, उनकी गरमी को महसूस करता था ,, ये तो खड़े लन्ड पर धोखा था । मुझे अब तो नींद आनी नहीं थी तो मैं फिर से शालिनी से बात करने लगा ।
मैं- आज तुम्हें ठंडी लग रही है क्या ?
शालिनी- नहीं तो, ऐसा क्यों लगा आपको ?
मैं- वो आज तुमने चेंज नहीं किया और सलवार सूट पहन कर ही लेट गई हो,,,,
शालिनी- नहीं.. नहीं.. बस ऐसे ही मन नहीं किया तो ...
मैं- अच्छा,जब गर्मी लगे तो चेंज कर लेना... वैसे तुमने बताया नहीं कि मूवी कैसी लगी ?
शालिनी- भाई जी, मूवी अच्छी थी, मेरे लिए तो वैसे भी यादगार रहने वाली है क्योंकि ये मेरे स्वीट और केयरिंग भैय्या के साथ मल्टीप्लेक्स में मेरी पहली मूवी थी... नाम भी अच्छा है... नशा.... हमेशा याद रहेगी ।
मैं- हां,,, अच्छी थी,,, और थोड़ा सा बोल्ड भी... पूनम वाज लुकिंग सो सेक्सी एंड हॉट....
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