RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मैं- लेकिन तुमने तो मुझसे नाराज ना होने का प्रॉमिस किया था ना ,,,
शालिनी- 'वो...वो तो मैंने ऐसे ही आपको उल्लू बनाने के लिए कर दिया था,,
शालिनी के चेहरे पर भी शरारती मुस्कान लौट आई थी...
मैं- अच्छा ये बात है...
मैंने मुस्करा कर कहा और अपने दोनों हाथ शालिनी के पेट पर ले जा कर कुर्ते के ऊपर से ही उसे गुदगुदा दिया....
'आह क्या कच्चा बदन है... हर वक़्त महकती भी रहती है...आह...' मैं शालिनी के जवान जिस्म पर इस तरह हाथ सेंकते हुए सोच रहा था,,,,
शालिनी- ईईईईईई...हाहाहा...भा ई ई या..नहीं नाराज होती...ईई...' शालिनी उछलती हुई हँस रही थी.
फिर अचानक से जैसे उसे होश आया और दीवार पर लगी हुई घड़ी को देखकर हंसते हुए बोली
शालिनी- अब मस्ती बंद,,, यार मुझे तो भूख लग रही है,, कुछ खाने के लिए बनाऊं या ऐसे ही सोना है ,,,
और इतना कहकर वो किचन की ओर चली गई और मैं अपने लौड़े को सहलाते हुए सांत्वना देने लगा कि परेशान ना हो,,, तेरा नम्बर भी आयेगा मेरे लंड राजा......
शालिनी खाना बनाती रही और मैं अपनी कामवासना को थामे हुए टीवी देखते हुए बीच-बीच में कुछ कुछ बात चीत करते हुए हम लोग खाना खाने के बाद एक बार फिर से रोज़ की तरह मैं नहाने चला गया और नहाने के बाद मैं बरमूडा पहनकर अपने लैपटॉप पर अपने कुछ काम निपटाने लगा और शालिनी नहाने के बाद आज फिर से मेरे सामने से ही सिर्फ तौलिया लपेट कर अपने मखमली बदन को अधनंगा पानी से भीगा हुआ,, मुझे दिखाते हुए अपने बदन को मेरी नज़रों से छुपाने के लिए पीछे कमरे में अपने कपड़े पहनने के लिए चली गई,,, बलखाती कमर,,, लहराते हुए कदम,,, जैसे कह रहे हों..... कब खींचोगे ये तौलिया.... आखिरी दीवार...
खैर,, शालिनी ने मुझसे कहा कि वो कल सुबह सवेरे जल्दी निकलना ठीक रहेगा,,, आज कल गर्मी कुछ ज्यादा ही हो रही है,, मैंने भी कहा कि बहुत सुबह ही निकलते हैं,,,
और वो अपना ट्रैवल बैग पैक करने लगी,,,
गर्मी के मौसम के आखिरी के दिनों की गरमी वैसे भी बहुत भयानक होती है,,,,बारिश के दिन नजदीक आ रहे थे,,, मुझे बारिशों का मौसम बहुत सुहाना लगता है,,, उसका एक बड़ा-सा कारण है कि बारिश के दिनों में एक से बढ़कर एक सुंदर हसीनाओं के भीगे हुए बदन देखने को मिलते हैं,,,
मगर आज कल तो मेरे पास सोते जागते हुए शायद मेरी कल्पनाओं से भी ज्यादा खूबसूरत बदन का दीदार मुझे मिल रहा था,,,, और दिल में उसे प्यार से भोगने की लालसा,,,
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