RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
शालिनी ने मेरे पेट में पीछे से हल्की सी गुदगुदी लगाई और मैंने उसे मना किया कि ये हाईवे है बेबी,, ज्यादा मजाक नहीं,, गाड़ी डिसबैलेंस हो जायेगी,,
खैर,,, ऐसे ही हंसी मजाक करते हुए हम दोनों शहर से काफी दूर निकल आए थे और अब कंक्रीट के जंगलों के बजाय चारों ओर हरियाली नजर आ रही थी मगर धूप धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी,,, हम लोगों को बाइक से चलते हुए करीब दो घंटे हो गए थे और मुझे जोरों की पेशाब लगी थी और मैंने एक जगह जहां पर काफी हरियाली थी,, वहीं पर बाइक साइड में खड़ी कर दी,,, और शालिनी से उतरने को कहा....
शालिनी- क्या हुआ भाई,, बाइक क्यों रोक दी,,,
मैं- अरे बेबो,, नहीं रोकता तो जो कोल्ड ड्रिंक पिला पिला कर तुमने मेरा गाल ब्लैडर भर दिया है ना वो फट ही जायेगा,,,
और मैंने बाइक को फुल स्टैंड पर लगाया तो शालिनी भी बोली....
शालिनी- लगी तो मुझे भी है,,
मैं- तो कर लो यार,, किसी ने रोका है क्या??
शालिनी- यहां पर कैसे,, सब गाडियां निकल रही हैं,,, तुम्हारा क्या कहीं भी कर सकते हो...
मैं- तो ठीक है मत करो,,, जब फट जायेगा गाल ब्लैडर तो करना..... अच्छा सा मुहुर्त देखकर,,,
और मैं थोड़ा सा आगे बढ़ा तभी शालिनी पीछे से बोली,,,
शालिनी- प्लीज़ भैया मजाक नहीं,, सच्ची बड़ी तेज लगी है सु सू ,,,
मैं- अच्छा ठीक है इधर आगे आओ और उधर थोड़ा सा नीचे जाकर उन पेड़ों की आंड़ में कर लो,,
और शालिनी मुझसे करीब दस कदम आगे बढ़कर अपने दायें बायें देखकर थोड़ा संकोच के साथ अपनी जींस का बटन खोल कर बड़ी तेजी से एक साथ जीन्स और पैंटी को नीचे करके बैठ गई और मैं ऐसे एंगल पर खड़ा था जहां से मुझे उसके लालिमा लिए हुए गोल चूतड़ों के दर्शन हो गए और शालिनी पेशाब करने के बाद बड़ी तेजी से फिर खड़ी हुई और साथ ही साथ उसने अपनी जींस और पैंटी भी उपर खींच ली,,, जिससे मुझे ज्यादा कुछ नहीं दिखा,,, मेरे सामने शालिनी पेशाब कर रही है ये सोच कर ही लंड महाराज टाईट होने लगे,,,, हो भी क्यों ना,,,
शालिनी अपनी जींस ठीक करते हुए थोड़ा सा आगे मेरी ओर बढ़ी और मेरे पास आ कर बोली
शालिनी- ओह यार,,, इट फील्स गुड नाऊ,,,, चलो भाई,,
मैं- अरे मैं भी तो कर लूं,,
शालिनी- तो करो ना,,,
और इतना कहकर वो मेरे पास ही खड़ी रही,,,,,, मैंने भी कुछ सेकंड रुककर अपनी ज़िप खोल कर लन्ड को बाहर निकाल लिया और मूतने लगा,,,,, शालिनी मेरे बराबर में खड़ी थी और बड़े गौर से मेरे अधखड़े लन्ड को देख रही थी,,,, मैंने मजा लेते हुए अपने लौड़े को हल्के से हिलाया तो मेरे मूत की धार और दूर गिरने लगी,,,
क्या हसीन मौका था,,,, हाईवे के किनारे मैं खड़ा मूत रहा था और मेरी बहन शालिनी मुझे मूतते हुए देख रही थी,,,काश वो मेरे लौड़े को अपने हाथों में पकड़ ले तो मजा आ जाये,,,, मेरा मूत अब निकलना बंद हुआ तो मैंने लंड को हिला हिला कर आखिरी बूंदें टपकाई,,, मगर अब तक मेरा सात इंची लम्बा लौड़ा अपने पूरे शबाब पर आ गया था और मैं भी आराम से अपने लौड़े को जींस में घुसेड़ने की कोशिश करने लगा,,,
मगर लंड और टाइट होता जा रहा था,, खड़े लन्ड को जींस की छोटी सी ज़िप के रास्ते अंदर करना नामुमकिन लगा तो मैंने अपनी बेल्ट और जींस का बटन खोल कर उसे नीचे करके अपने लंड को एडजस्ट करके फ्रेन्ची में दबाकर बंद किया और मैंने अपनी नजर शालिनी से मिलाई तो वह मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली
शालिनी- क्या उसे तोड़ने का इरादा है,,
मैं- नहीं भई,,, तोड़ दिया तो सु सू कहां से करूंगा, हा हा हा,,
शालिनी- हा हा हा,,, वैसे भाई तुमने अपने छुन्नू को जैसे दबाया है अंदर दर्द नहीं होता है क्या ?
मैं- क्यों,,, तुम अपने खरबूजों को ब्रा में दबाकर रखती हो तो क्या दर्द होता है,,
शालिनी- हूं,,, पागल क्या उसमें हड्डी होती है जो टूट जायेंगे और दर्द होगा,,,
मैं- तो क्या मेरे लंड में हड्डी है जो टूट जायेगी,,,
शालिनी (आश्चर्य से)- व्हाट,,, इसमें हड्डी नहीं होती तो ये ऐसे इतना कड़क कैसे हो जाता है?
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