RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मैं अपने कमरे में बेड पर लेटे हुए मोबाइल पर पॉर्न साइट्स सर्फ़ करने लगा, और लण्ड हिलाते हुए सोचने लगा कि पता नहीं जिंदगी में पहली बार किसी चूत में लण्ड घुसाने का मौका जाने कब और कहां मिल जाये, जिससे मैं अपना कौमार्य खो सकूँ।*
उसी समय डोरबैल बजी, मैंने तुरंत मोबाइल बंद किया और अन्डर्वियर और शॉर्टस को ऊपर कर लिया, और अपने खड़े लण्ड को शॉर्ट्स में एड्जस्ट करते हुए मेन डोर खोल कर अपने घर में आने वाले आगंतुक का स्वागत करने को बढ़ चला।*शालिनी अपने कमरे में थी और माम पड़ोस वाले घर में अभी अभी गई थी,,,
जैसे ही मैंने मेन डोर खोला तो सामने नीलम को मुस्कुराते हुए खड़ा पाया, उसके एक हाथ में बुक थी। मैंने उसको ऊपर से नीचे तक देखा, नीलम ने टाँगों से चिपकी हुई लैगिंग पहनी हुई थी और ऊपर टाईट कुर्ता। कुर्ते में से उसके टाईट खड़े हुए निप्पल साफ़ नजर आ रहे थे, शायद कुर्ते के नीचे नीलम ने ब्रा नहीं पहनी थी। जब मैंने उसकी आँखों की तरफ़ देखा तो पाया कि उसकी नजर भी मेरे शॉर्ट में खड़े लण्ड के उभार पर थी। जैसे ही हमारी आँखें मिलीं हम दोनों एक दूसरे को देख कर हँस पड़े ये सोच कर कि हम दोनों एक दूसरे के बदन के किस हिस्से को निहार रहे थे।*
नीलम- भाई जी,, शालिनी,,,
नीलम ने चुप्पी तोड़कर अंदर आते हुए कहा।*
मैं- हाँ ,,, है घर पर ही,,,,
मैंने जवाब दिया।
नीलम ने अपने चप्पल उतार कर शू-रैक पर रख दिये और फ़िर नंगे पैर ही अंदर आ गयी। ड्रॉईंग रूम में उसके पीछे चलते हुए मैं अपनी पड़ोसन और शालिनी की सबसे अच्छी सहेली नीलम की मोटी सुडौल गाँड़, पतली कमर और लगभग शालिनी के बराबर साइज़ की चूचियों को एवं उसके जिस्म के हर उभार को निहार रहा था।*
नीलम- शालिनी कहाँ है?
नीलम ने घूम कर मुझसे पूछा और मेरी कामुक निगाहों को भी उसने अपने बदन पर रेंगते हुए महसूस कर लिया शायद,,
मैं- हां,, वो अभी नहाकर अपने रूम में गई है,,
और नीलम अपनी चौड़ी गांड़ को ठुमकाते हुए शालिनी के कमरे की ओर बढ़ गई,,, उसने दरवाजा खोला और दोनों सहेलियां काफी समय बाद मिलने पर चिल्लाती हुई गले लग गई एक दूसरे के और फिर कमरे का दरवाजा बंद हो गया,,,
मैं पिछले कई सालों से यहां नहीं रहता था इसलिए आस पास और गांव के सेक्सी आइटम्स पर कभी नजर नहीं पड़ी थी,, असल गुदाज अल्हड़ जवानियां तो गांव में ही मिलती हैं,, शहरों में तो कोई भी पार्लर और अच्छे कपड़ों से अपने आप को सेक्सी बना लेता है और कपड़े हटाते ही गोल गोल खरबूजे जैसी दिखने वाली चूचियां लम्बी लौकी जैसे लटकती हुई मिलती हैं,,, नीलम शालिनी से उमर में कुछ बड़ी थी और उसी तरह उसका सबकुछ शालिनी से बड़ा ही था,,,,,,, मैं वैसे भी घर में अकेले बोर होता तो मैंने सोचा क्यों ना छुपकर इन दोनों सहेलियों की बातें सुनी जाए और मैं शालिनी के कमरे के बाहर खिड़की के पास खड़ा हो गया और अंदर की बातें सुनने की कोशिश करने लगा,,, यहां से दिखाई कुछ नहीं दे रहा था मगर उनकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी,,,,,,,,,
नीलम- इस कुर्ते का कपड़ा बहुत पतला है क्या ??
शालिनी- हां,,, ये,, ये तो सचमुच बहुत हल्का है,,
नीलम- मुझे कॉटन के हल्के कपड़े ही पसंद हैं, पता ही नहीं चलता कि कुछ पहन भी रखा है,
शालिनी- वैसे ये नया तो है नहीं तो अब क्यों पूछ रही है हल्का है या मोटा,,, आज ही पता चला क्या ??
नीलम- हां,, पहन तो काफी दिनों से रही हूं मगर इसके हल्के होने का पता आज चला,,, अभी अभी,,,
शालिनी- क्या यार,, तुम जलेबी मत बनाओ बातों की,,, अभी अभी कैसे पता चला ??
नीलम- कुछ नहीं यार,, तू तो देख ही रही है मैंने आज ब्रा भी नहीं पहनी और तुझसे मिलने आ गई,, मुझे क्या पता था कि,,,
शालिनी- हां,,ब्रा नहीं पहनी तो ऐसा कौन सा पहाड़ टूट गया मैडम,,,,
नीलम- पहाड़ तो कोई नहीं टूटा,,, मगर मेरी इन पहाड़ियों को तुम्हारे भैया ने आंखों ही आंखों में मसल डाला आज,,हाय,,, कैसे घूर रहे थे,,
शालिनी- क्या हुआ नीलम,,,, भाई के बारे में सोच समझ कर कुछ बोल,,, कुछ भी कहती रहती है,,,
नीलम- अरे,, तुझे क्या पता मेरी मोम की गुड़िया,,, तू कब समझेगी,, यार सब मर्द एक जैसे होते है ,,,,,,और जब मैं साइकिल चलाती हूँ तो मुझे ओवर टेक करने के बाद जब लड़के पलट पलट कर मुझे देखते हैं, तो मुझे बहुत मजा आता है,,,
शालिनी- उन बेचारे लड़कों की क्या गलती, तेरे इस कुर्ते में से साफ़ उभरते दूध के निप्पल और मस्त हिप्स देखकर कोई भी पागल हो जायेगा,,,
नीलम- आय हाय मेरी जान,,, यही तो मैं कह रही हूं कि आज तो मुझे लगा कि भैय्या कहीं मुझे दबोच ना लें,,, अपनी मजबूत बांहों में,,,, हाय कितना अच्छा होता कि,,,,
शालिनी- अब तू इतने दिन बाद मिली है और फिर से तेरी सुई इन्हीं सब बातों में अटकी है,,, और तू ना अब किसी को अपना ब्वायफ्रेन्ड बना लें,,,,, तुझसे अब सब्र नहीं हो रहा,,, हा हा हा हा
नीलम- सच में यार,सेक्स करने में बहुत मजा आता होगा ना,,,
नीलम की बातों से एक बात तो पक्की थी कि दोनों पक्की सहेलियां हैं और एक-दूसरे से सारी बातें शेयर करती हैं,,, शालिनी ने जहां अब तक अपने आप को प्यार और रोमांस के खेल से खुद को दूर ही रखा था वहीं नीलम तेज तर्रार और चालू किस्म की लड़की थी जो अब तक थी तो अनछुई और अनचुदी, मगर उसे शायद अब जब भी मौका मिले तो वो अपना कौमार्य लुटाने को तैयार बैठी है,, मुझे उनकी बातों को सुनकर बहुत मज़ा आ रहा था और मैं यह सुनकर और भी ज्यादा खुश हुआ कि शालिनी को मेरे चरित्र के बारे में कोई भी टिप्पणी पसंद नहीं चाहे वो उसकी सबसे अच्छी सहेली ने ही कही हो,,,,
नीलम ने जो पूछा था शालिनी से वो बात अपने किसी करीबी जिस के साथ वो ऐसी खुली बात कर सकती थी, उसी से पूछ सकती थी,,, आखिर इस बेचारी को भी अपने बदन की गर्मी सताती ही होगी तो इतने दिनों बाद शहर से लौटी हुई अपनी सहेली से उसको अपनी जिज्ञासा शांत करने में बहुत मजा आ रहा था ,,,
शालिनी- हाँ नीलम,,,, मुझे तो बहुत मजा आता है,,,
शालिनी ने हँसते हुए कहा,,,
नीलम- हां यह,,, तूने कब कर लिया मेरी बन्नो,, मतलब तुम्हारा भी कोई बॉयफ़्रेंड बन गया है,, हाय मेरी जान,, वैसे भी इतनी हॉट बॉडी के तो बहुत से लड़के दीवाने होंगे तेरे कालेज में,,,,
शालिनी- हुंह, पागल,, सब के सब लड़के लफंगे होते हैं किसी के साथ भी थोड़ा बहुत आगे बढ़ने से पहले अपने भविष्य के बारे में भी सोच लेना चाहिए,,
नीलम- तो क्या सचमुच तेरा कोई बॉयफ़्रेंड नहीं बना है शालिनी रानी,,,, तो फिर तूने सेक्स,,,??
शालिनी- हाल फ़िलहाल तो कोई नहीं है,,,ना होने वाला है,, और जब तुझे पता है पहले से कि मुझे इन सब बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं है तो फिर तू मुझसे क्यों पूछ रही थी कि सेक्स में मजा कितना आता है,,,,,, तूने पूछा तो मैंने कहा हां,, आता है मजा,,,, तुझे क्या लगा ??
नीलम- यार तेरी यही सब बातें करने से मैं भी अब तक कुंवारी ही घूम रही हूं,,, एक आध बार जब किसी लड़के ने ट्राई भी मारी स्कूल टाइम में तो तू हमेशा मुझे इज्जत, मान मर्यादा का डर दिखा देती थी,,,, यार लेकिन अब कई बार तो चुदाई करवाने का इतना ज्यादा मन करता है ना कि मैं बता नहीं सकती शालिनी,,, मन करता है कि क्या ना घुसा लूँ अपनी चूत में ,,,,,
नीलम ने हँसते हुए कहा,,,
शालिनी- अब अगर तुझे सच में बर्दाश्त नहीं हो रहा है तो तू शादी तक का इंतजार कर या फिर कोई लड़का पटा ले,,,,,
नीलम- अभी तो पहले पूनम दीदी की शादी होगी, फिर विकास भाईजी की और मेरी शादी होने में तो अभी चार-पांच साल लग जायेंगे,,,, मुझे लगता है तब तक चुदाई का कोई तो जुगाड़ जल्दी ही ढूँढना पड़ेगा,,
शालिनी- चल चुप कर बेशरम,,,चुदाई का जुगाड़? कितना गन्दा बोलने लगी है तू आज कल,,,
नीलम- हाँ, कोई ऐसा दोस्त, जिसके साथ चुदाई कर के अपने जिस्म की आग तो बुझा लो, लेकिन वो बेवजह गले ना पड़े,,, बदनाम भी ना होने दें,,,
शालिनी- तू थोड़ा सा अपनी पढ़ाई पूरी करने पर भी ध्यान दे ,,,, और प्लीज यार,, मुझसे ये सब बातें मत किया कर,,,,, और तू ना कोई सेफ लड़का ढूंढ ले,,, जो तेरी इच्छा पूरी कर दे,,, और किसी को पता भी ना चले,,,
नीलम- हां हां,,,, तो अपने भैय्या से मेरा जुगाड़ करवा दे,,,,सेफ भी रहेगा और,,,,,,,गांव का सबसे स्मार्ट लड़का मेरा ब्वायफ्रेन्ड भी बन जाएगा,,,
नीलम शालिनी से रिक्वेस्ट करते हुए बोली,,, और शायद शालिनी ने गुस्से में उसे जवाब दिया,,,
शालिनी- नीलम,,,,, तू ना मेरे भैय्या के बारे में कुछ भी उल्टा सीधा मत सोच,,, और,,, और वो जैसे मेरे भाई हैं वैसे ही तू भी उन्हें बचपन से ही भैय्या बोलती आ रही है,,,,, तू कैसे उनके बारे में,,, छींछी,,,,
नीलम- अरे यार तुम नाराज़ ना हो,,,, वो तो आज जब भैय्या ने दरवाजे पर मेरी चूचियों को घूरा तो मुझे लगा कि उनके मन में भी,,,,,
शालिनी- जब तू बिना अंडरगार्मेंट ऐसे ही घूमेगी बडी बड़ी लेकर,,,तो लड़के देखेंगे ही,,,, और भाई की नजर कहीं पड़ गई होगी तेरे सीने पर ऐसे ही,,,,,,, बस तू सपने देखने लगी,,,
नीलम- ऐसे ही पड़ी नजर और घूर घूर कर इनका रस पीने वाली नजर,,, दोनों में बहुत फर्क होता है,,,, वैसे तू परेशान ना हो,,, तेरे भैया को ब्वायफ्रेन्ड बना कर भी क्या फायदा,,, महीने दो महीने में ही मुलाकात हो पायेगी,,,
शालिनी- बड़ी नजरें पहचानने लगी है तू आज कल,,,,, तुझे अब भाई की नजर में भी,,,
नीलम- तू ना शालिनी,, पढ़ाई लिखाई चाहे जितनी कर लें,,, अब तो शहर में रहने भी लगी है और कपड़े वगैरह पहनने का तरीका भी बदल लिया है,,, मगर तू रहेगी बुद्धू की बुद्धू ही,,, अरे मर्द आखिर मर्द होता है,,,,, उसके सामने अगर सुंदर शरीर के दर्शन हो रहे हैं तो वो करेगा ही ,,,
शालिनी- हां,, मरद वरद छोड़,,, तो मैडम नीलम के लाजिक से तो तुम्हें इस हालत में तुम्हारे विकास भैय्या भी देखकर आंखें सेंकते होंगे ,,, है ना सेक्स गुरु,,,,,
नीलम- तू ना बहनजी ही बने रहना,,, हां मैंने कई बार गौर किया है कि विकास भैय्या भी मौका मिलने पर मेरे शरीर को देखते हैं,,,अब है तो वो भी आखिर मरद ही ना ,,,,, मैं भी दिखा देती हूं जानबूझकर कभी कभी अपनी चूचियों की झलक,, बेचारे झेंप जाते हैं पकड़े जाने पर,,,
शालिनी- हुंह तो बात यहां तक बढ़ चुकी है,,, पहले तो तूने कभी नहीं बताया विकास भैय्या के बारे में कि वो तुझे इस तरह देखते हैं और तू दिखाती भी है,,,ये सब कबसे शुरू हुआ,,, मुझे यहां से गये हुए तो अभी ज्यादा टाइम भी नहीं हुआ,,, तू साफ साफ बोल ना,,, बात क्या है यार,,,
नीलम- यार शालिनी,,, मैं ना ,,,,, वो कुछ दिनों से भैय्या के मोबाइल पर सेक्सी कहानियां और वीडियो देखने लगी हूं,,,बस वो सब देख कर अब रहा नहीं जाता,,,, और किसी के साथ कुछ करने में डर भी बहुत लगता है,,, और कहानियां पढ़कर तो उत्तेजना चरम पर पहुंच जाती है,,, तू भी देख लेगी तो अपने आप को रोक नहीं पायेगी,,,
शालिनी- तो तुम अपने विकास भैय्या के मोबाइल फोन पर ही सेक्स वीडियो देखती हो,,, उनके सामने,,,, और ये कहानियों का क्या चक्कर है ??
शालिनी वीडियो क्लिप और लाइव चुदाई शो तो देख ही चुकी थी मेरे सौजन्य से,,,,,, नीलम को नहीं पता था कि इन दिनों शालिनी भी सेक्स के बारे में काफी कुछ जान और सीख चुकी थी,,,,, मगर ये कहानियों वाली बात उसके लिए भी नई थी और वो नीलम से इसके बारे में जानना चाहती थी,,,
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