RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
आगे की कहानी मेरे यानी जय की ज़ुबानी
प्रेज़ेंट डे.
यही बाते सोचते सोचते मम्मी को नींद आजाती है.
अगले दिन सुबह हम लोग फ्रेश हो जाते है और नाश्ता करने लगते है....रिजोर्ट की गाड़ी सुबह नाश्ता लेकर आई थी.
भाभी--जय आज कहाँ जाने का मूड है.
में--भाभी आज हम इस तरफ़ जंगल में चलेंगे देखते है वहाँ क्या है....
वहाँ थोड़ी दूर एक कॅंप और लगा हुआ था शायद वो कल शाम को ही आए थे वो बस तीन लोग थे एक लड़की जो तकरीबन 10 साल की थी और एक लड़का जो 6 साल के लगभग था उनके साथ में उनकी मम्मी भी आई थी.
मुझे उन तीनो को देख कर काफ़ी आश्चर्य हुआ क्योकि उनके साथ कोई आदमी नही था...
जब हम उनलोगो के कॅंप के सामने से निकल रहे थे तो वहाँ एक 32 साल की खूबसूरत लड़की खड़ी थी ..उसने हम लोगो को देख कर आवाज़ लगाई...और दौड़ कर हमारे पास आने लगी उसके इस तरह से दौड़ने से उसकी चुचियाँ ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी...
वो हमारे पास आकर अपना नाम रिया बताती है.
रिया--आप लोग क्या जंगल में घूमने जा रहे है...??
मम्मी--हाँ आज जंगल में घूमने का प्लान बनाया है...आप यहाँ कब आए.
रिया--हम लोग कल रात को ही यहाँ आए है ...मेरे साथ मेरे दो बच्चे भी है....अगर आप बुरा ना माने तो क्या हम भी आप लोगो के साथ जंगल में घूमने आ सकते है.??
मम्मी--हाँ क्यो नही वैसे भी आपके साथ बच्चे है और बच्चो की चहलपहल से तो माहॉल वैसे भी खुशनुमा हो जाता है..आप चलिए हमारे साथ .
फिर रिया आवाज़ लगाती है और अपने बच्चो को बुला लेती है.
रिया--ये है मेरे दो बदमाश एक का नाम शीना है और ये निक्कू.
फिर वो हमारे साथ जंगल के अंदर चलने लग जाती है ..जंगल काफ़ी खूबसूरत था वहाँ काफ़ी बड़े बड़े पेड़ थे हम लोगो को वहाँ एक दो जगह हिरण भी दिख गये जो हम लोगो को देखते ही भाग गये....काफ़ी आगे जाने के बाद हम लोग एक झरने के पास पहुँच गये वो झरना ज़्यादा बड़ा तो नही था लेकिन उसमें से काफ़ी पानी आ रहा था झरने के आस पास काफ़ी सुंदर फूल भी खिले हुए थे झरना जहाँ गिर रहा था उसके नीचे एक चट्टान थी जो काफ़ी बड़ी और समतल थी झरने का पानी उस चट्टान से गिरकर एक कुंड में जमा हो रहा था और उस खुंद से पानी एक छोटी नदी के रूप में दूसरी तरफ़ बढ़ रहा था ये वो ही नदी थी जिसमें कल हम कल नहा रहे थे..
मम्मी--वाह मज़ा आ गया क्या जगह है...
रूही--हाँ मम्मी कितनी खूबसूरती फैली हुई है यहाँ
रिया के दोनो बच्चे भाग कर झरने के नीचे नाचने लगते है...
रिया--ये लो शुरू हो गयी इनकी बदमाशियाँ लेकिन हम साथ में कपड़े तो लाए ही नही...यहाँ से वापस पहनकर क्या जाएँगे.
में एक काम करती हूँ आप इन दोनो को संभाल लो और में इनके कपड़े लेकर आती हूँ...
इतना कह कर रिया वहाँ से जाने लगती है तभी मम्मी उनको रोकते हुए कहती है इतनी दूर अकेले कैसे जाओगी...आप साथ में जय को ले जाओ.
में वापस जाना तो नही चाहता था लेकिन मम्मी की बात तो माननी ही पड़ेगी....इसलिए में रिया को मन में कोस्ता हुआ वापस कॅंप में जाने लग जाता हूँ...
हम लोगो को कॅंप से झरने तक आने में ही 1 घंटा लग गया था मतल्ब अब दो घंटे लगातार चलने से में काफ़ी दुखी हो रहा था....
रिया--जय सॉरी मेरी वजह से तुम को इतनी दूर वापस आना पड़ रहा है.
में--कोई बात नही...आप लोग अकेले आए हो आपके साथ आपके हज़्बेंड नही आए..
रिया--उनको अपने बिज़्नेस से फ़ुर्सत नही है....पिच्छले 6 महीने से वो इंग्लेंड गये हुए है.
में--ओह्ह ये तो काफ़ी बुरी बात है आप लोग उनके साथ क्यो नही गये.
रिया--एक तो बच्चो की पढ़ाई खराब हो जाती है और दूसरा...वो इंग्लेंड में भी एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते है इसलिए उनके पीछे पीछे घूमने से बढ़िया हम अपने घर में ही रहें.
में--आप लोग कहाँ से है.
रिया--हमारा घर देल्ही में है आप लोग कहाँ से हो.
में--उदयपुर राजस्थान.
रिया--थ्ट्स नाइस काफ़ी पीस्फुल जगह है में एक बार वहाँ आई थी और वहाँ के महलो जंगलों और फ़ौर्ट्स को देखने के बाद जब सिटी में आए तो वो तो और भी खूबसूरत थी...कहीं पर भी गंदगी और पोल्यूशन नही था...काफ़ी मज़ा आया था हम सब को वहाँ .
ये बाते करते करते हम लोग कॅंप तक पहुँच गये और कपड़े लेकर वापस चलने लगे...हम झरने तक वापस पहुँचने ही वाले थे के सामने से सब लोग आते हुए दिखाई दे रहे थे..
मम्मी--इतनी देर से नहाते नहाते बोर हो गये थे और फिर बच्चो को भूख भी लगने लगी थी इसलिए हम सब ने वापस जाने का फ़ैसला किया.
रिया चलिए में भी चलती हूँ आप लोगो के साथ...
भाभी--अरे नही....नही...आप यहाँ थोड़ी देर झरने का मज़ा लेकर देखो बड़ा मज़ा आएगा हम लोग भी रुकते आप लोगो के साथ मगर बच्चो के साथ साथ हमारे भी पेट में चूहे कूदने लग गये थे...
उसके बाद रिया भाभी को बच्चो के कपड़े दे देती है फिर मम्मी और बाकी लोग कॅंप की तरफ़ चल देते है और हम लोग झरने की तरफ़ बढ़ जाते है.....
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