RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
मालती---- आह .......मां, अब बस डाल कर फाड़ दे अपनी मां की बुर बेटा । बहुत तडपया हैं ना इस बुर ने तुझे आज ले ले बदला ...आ ..aaaaaaaaaa...aaaaa....aaa....फ़ाड ..........दी ..........या रे ।
अब तक कल्लू ने अपनी मा की बुर मे अपना लंड आखरी छोर तक पेल दीया था .......मालती की चिल्लहट इस बात का सबूत था की उसकी बहुत दिनो से अनछुदी बुर आज अपने बुर के आखरी छोर तक अपने बेटे का लंड लिए दर्द से चीख रही थी ।
कल्लू अपनी मस्ती में खोया अपना लंड खपा खप पेले जा रहा था ,
करीब 5 मिनट मालती को चोदने के बाद ।
कल्लू--- मां मेरा गिरने वाला है .......।
मालती---- आह ........नही बेटा aaaaaaaaa.... मज़ा आ रहा है । इतना जल्दी मत गिरा .......आह...मु झे......अधूरा मत छोड़ बेटा .....मैं तेरे पैर .......पड़ती हूं । बस थोड़ी देर और ।
कल्लू----- म....मैं .......गया मां ................और फीर कल्लू अपनी मां को अधूरा छोड़ अपना पुरा पानी मालती के बुर में छोड़ने लगता है ।
कल्लू अपनी मां के उपर ही गीर जाता है ........।
कल्लू----- मां माफ़ कर दे, वो थोड़ा अपनी मां को चोदने के जोश में जल्दी झड़ गया ।
मालती---- कोई बात नही बेटा ......पहली बार होता हैं । लेकीन कसम से बता रही हूं इतना मज़ा आ रहा था और तू जो बीच में ही हार मान गया .....दुसरी औरत होती तो तुझे कब का लात मार कर चली गई होती ।
कल्लू--- आगे से तेरा ध्यान रखुगा मां ।
मालती--- आगे से नही बेटा, अभी फीर से तैयार हो जा और मुझे संतुष्ट कर।
और फीर मालती कल्लू का लंड मुह में ले कर चूसने लगती है .....बहुत जल्द ही कल्लू का लंड एकबार फीर से खड़ा हो जाता है .....।
मालती खाट पर लेट कर अपनी टाँगे हवा में फैला कर अपने हाथो से पकड़ लेती है ...... .।
मालती---- चल बेटा आजा, और अगर इस बार बीच में झरा तू । तो कभी ये बुर नही मिलेगी तुझे ।
कल्लू को अब डर सताने लगा था की कही मै जल्दी ना झर जाऊँ।
कल्लू अपना बड़ा लंड मालती के बुर पर रख गुस्से में इतनी जोर का धक्का मरता हैं की ......मालती का मुह खुला का खुला रह जाता हैं ....वो चिल्लाने लगती है ।
कल्लू--- चुप साली, लंड लेने का बहुत शौक है ना तुझे ले फिर, और फीर एक जोर दार धक्का जड़ देता है ।
कुछ समय तक मालती दर्द से जूझने के बाद मस्ती की गहराइयों में पहुंच जाती हैं ।
मालती अब अपनी गांड उठा उठा कर मजे ले रही थी ।
मालती ----- आ.............ह, बेटा झड़ना मत। बहुत मज़ा आ रहा है.....चोद मुझे अगर ......आह तूने मेरा ......आह पानी निकाल दीया तो .....उईईईई...मां । तेरी रखैल बन कर आह रहूंगी।
ये सुनते ही कल्लू के अन्दर जोश के गुब्बारे फटने लगते हैं ।
वो मालती को किसी रंडी की तरह जोर जोर से चोदने लगता है .....।
कल्लू----- ले साली, मदर्चोद तू मेरी रखैल नही .....रंड़ी बनकर रहेगी । बोल मैं तेरी रंड़ी हूं ।
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