RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
अनीता भी गरम हो चुकी थी, उसकी शादी होते ही उसका पति शहर गया तो आया ही नही ......वो भी लंड के लिए हमेशा तडपती रहती थी ।
और आज जब कस्तूरी ने उसकी जवानी को छेड़ा तो उसका बदन हवस के आग में जलने लगा ।
कस्तूरी अपने दोनो हाथो से अनीता की चुचिया मसल रही थी, और अनीता भी अपना पुरा मुह कस्तूरी के मुह में घुसा उसके होठो को चुस रही थी ......।
अरे बेशर्मो क्या रही हो तुम लोग ..........लेकीन अनीता और कस्तूरी तो जैसे उस आवज को सुन ही नही रही थी, बस हवस की आग में एक दुसरे को मसल रही थी ।
सुनीता ने पास जाकर ऊन दोनो को अलग कीया .......।
सुनीता---- घर पर तिन तिन जवान बेटियाँ है और तुम लोग बेफिकर हो कर मसली मसला कर रही हो ।
कस्तूरी---- अब क्या करू दीदी, जब से तेरे बेटे ने अपना सांड जैसा लंड घुसेड़ा है । कुछ समझ में ही नही आ रहा हैं ।
सुनीता--- तो क्यूँ घुसवा ली मेरे बेटे का लंड ।
कस्तूरी---- अब क्या करू दीदी, आसमां के तारे जो दिखा देता है तेरे बेरहम बेटे का लंड ।
ये सुन सुनीता के बदन में तुफान सी उठने लगती हैं .......और सोचने लगती है, अखिर कितना मज़ा देता है मेरे बेटे का लंड जो भी ले रही है, उसके लंड की तारिफ करते नही थक रही है ।
कस्तूरी----- क्या हुआ दीदी कीस सोच में पड़ गयी? कही तुम भी तो ......
सुनीता----- चुप छीनाल, और अपने चेहरे पर हल्की सी शर्म लिए वहां से चली जाती है ..........।
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