RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
रोशनी और अनिल साहनी में से किसी ने हिलने की कोशिश नहीं की।
"जल्दी करो ।" - जान फ्रेडरिक उन्हें जबरदस्ती पिछवाड़े की ओर धकेलता हुआ बोला ।
अनिल साहनी और रोशनी भारी कदमों से पिछवाड़े की ओर बढ़ चले ।
जान फ्रेडरिक द्वार से आगे नहीं बढा ।
"अलविदा !" - वह होंठों में बुदबुदाया - "अलविदा मेरे दोस्तो ।"
अनिल साहनी और रोशनी भारी कदमों से चलते हुये वहां से विदा हो गये। जान फ्रेडरिक अकेला रह गया । उसने कमरे की बत्ती बुझा दी। वह खिड़की के समीप पहुंचा। उसने रिवाल्वर की नाल से खिड़की पर पड़ा परदा एक ओर सरका दिया ।
पुलिस बड़ी तत्परता से काटेज पर घेरा डाल रही थी।
जान फ्रेडरिक ने खिड़की के एक पल्ले को धक्का दिया । खिड़की खुल गई। फिर जन फ्रेडरिक ने बिना अन्जाम की परवाह किये पुलिस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
सारा मिशन कम्पाउण्ड फायरिंग की आवाज से गूंज उठा।
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राज और मारिट प्रिन्स एल्बर्ट रोड के इलाके से सुरक्षित निकल आये ।
वे लोग टैक्सी पर बैठे और सोहो के एक गन्दे से रेस्टोरेंट में पहुंच गये।
नौ बजे के न्यूज ब्राडकास्ट में मिशन कम्पाउण्ड में घटित घटनाओं का बड़ा गर्मागर्म वर्णन था । उस न्यूज ब्राडकास्ट को सुनकर ही राज को मालूम हुआ कि पीछे रह गये जान फ्रेडरिक, अनिल साहनी और रोशनी पर क्या गुजरी।
न्यूज ब्राडकास्ट के अनुसार हावर्ड नाम के एक व्यक्ति ने स्काटलैंड यार्ड में फोन किया था कि प्रिंस एल्बर्ट रोड पर स्थित मिशन कम्पाउन्ड के तीन नम्बर काटेज में कुछ ऐसे व्यक्ति छुपे हुये हैं जिनकी पुलिस को पहले से ही तलाश थी और हावर्ड स्वयं उन व्यक्तियों द्वारा उसके अपने ही काटेज में गिरफ्तार करके रखा गया था और वह किसी प्रकार चुपचाप अपने बन्धन खोलकर वहां से भाग निकलने में सफल हो गया था ।
यह पुलिस का दुर्भाग्य था कि उनकी भरपूर तत्परता के बावजूद किसी प्रकार अपराधियों को उनकी खबर लग गई थी और अपने एक साथी को छोड़कर वे सब वहां से भाग निकलने में सफल हो गये थे । अपराधियों
का एक साथी, जो कि एक अंग्रेज था और जिसकी एक आंख और एक बांह गायब थी, हावर्ड के काटेज में से पुलिस पर गोलियां चलाता रहा था । स्वयं पुलिस की गोलियां का शिकार होने से पहले वह एक पुलिसमैन की हत्या और दो पुलिसमैनों को सख्त घायल करने में सफल हो गया था । मृत के दो साथी हावर्ड के काटेज के पिछवाड़े से भागे थे । पिछवाड़े में मौजूद एक पुलिसमैन ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी लेकिन वे दोनों पुलिसमैन को सख्त घायल करके वहां से भाग निकलने में सफल हो गये थे।
घायल पुलिसमैन के बयान के अनुसार वे दोनों काले थे और उनमें से एक युवती थी और दूसरा एक देव जैसा लम्बा चौड़ा व्यक्ति था। उससे केवल तीन मिनट पहले उसी पुलिसमैन ने दो अन्य व्यक्तियों को भी रोकने की कोशिश की थी। उन दोनों में भी एक युवक था और दूसरी युवती थी । गली में
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प्रकाश की कमी के बावजूद पुलिसमैन उस युवक की सूरत देखने में सफल हो गया था। वह युवक भी काला था और वह उसके जबड़े पर चूंसा जमा कर उसे धराशायी करके भागने में सफल हो गया था । उस युवक की साथी युवती की सूरत वह नहीं देख पाया था। अन्त में एनाउन्सर ने अनिल साहनी, रोशनी
और राज का हुलिया बयान किया और लन्दन की जनता के सामने पुलिस की यह अपील दोहराई कि जो कोई भी उन तीन अपराधियों में से किसी को देखे, वह फौरन पुलिस को सूचित करे। न्यूज ब्राडकास्ट समाप्त हो गया। राज ने मार्गरेट को उठने का संकेत किया । दोनों रेस्टोरेंट से बाहर निकल आये ।
राज को चिन्ता थी कि रेडियो पर ब्राडकास्ट किये गये उसके हुलिये के दम पर कोई उसे पहचान न ले। न्यूज ब्राडकास्ट से जाहिर था कि जान फ्रेडरिक पुलिस के हाथों मारा गया था लेकिन रोशनी और अनिल साहनी भाग निकलने में सफल हो गये थे और यह कि मारिट के बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं थी | अगर हावर्ड ने पुलिस को यह बताया भी हो कि मार्गरेट अपराधियों के बन्धन में थी तो भी पुलिस को मार्गरेट की वर्तमान स्थिति का ज्ञान नहीं था ।
"अब?" - बाहर आकर मारिट ने पूछा।
"अब तुम मेरे साथ डेनवर चलोगी ।" - राज बोला - "मैं अनिल साहनी और रोशनी को डेनवर के समीप स्थित तुम्हारे भाई के टापू के बारे में पहले ही बता चुका हूं । मुझे पूरा विश्वास है कि वे लोग वहां जरूर पहुंचेंगे । वे तुम्हारे भाई की हत्या करने के लिये पूर्णतया दृढप्रतिज्ञ हैं।"
मार्गरेट ने कुछ कहने के लिये मुंह खोला लेकिन फिर उसने अपना इरादा बदल दिया ।
"और हमें फौरन लन्दन से निकल जाना है । मेरा हुलिया रेडियो पर ब्राडकास्ट किया जा चुका है। लन्दन में मेरी मौजूदगी मेरी लिए बहुत खतरनाक सिद्ध हो सकती है । तुम्हें डेनवर की ओर जाने
वाली गाड़ियों के समय की कोई जानकारी है?"
"ग्यारह बजे किंग्स क्रास स्टेशन से एक घड़ी डेनवर की ओर जाती है।"
"डेनवर कितने बजे पहुंचती है वह ?"
"अगले दिन दस बजे ।"
"ठीक है ।" - राज सन्तुष्टपूर्ण ढंग से सिर हिलाता हुआ बोला - "और टिकट वगैरह तुम खरीदना । हो सकता है स्टेशन पर भी पुलिस मेरी तलाश कर रही हो । तुम्हारी ओर किसी को ध्यान नहीं जायेगा । मैं ट्रेन चलने से एक-दो। मिनट पहले किसी प्रकार चुपचाप ट्रेन में सवार हो जाऊंगा।"
मार्गरेट चुप रही।
वे एक टैक्सी पर सवार हुये और किंग्स क्रास स्टेशन की ओर रवाना हो गये।
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