RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
मैने ही पहल की और अपना नडा खोल के लूँद को बाहर निकाला और अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी भी मुस्कुरा दी और मेरी टाँगों को अपने हाथों से पूरा फैला दिया और दरमियाँ मैं लेट गई और मेरे लूँद को अपने मुह मैं ले लिया
थोड़ी देर तक अम्मी ऐसे ही मेरे लूँद को चुस्ती रही और मेरे लूँद की गोलियों को अपने हाथ से सहलाती रही जिस मैं मुझे बौहत मज़ा आ रहा था तो
मैने अचानक अम्मी का सर अपने लूँ,द से हटा दिया जिस से मेरा लूँद अम्मी के मुह से निकल आया तो अम्मी ने सर उठा के मेरी तरफ देखा तो मैने कहा अम्मी ऐसे नहीं आप भी अपने कपड़े उतरो फिर ठीक से मज़ा आए गा
मेरी बात सुन के अम्मी मुस्कुरा दी और बोली अच्छा जी जो हुकुम मेरी सरकार और खड़ी हो गई और अपनी क़मीज़ निकल दी तो
अम्मी मेरे सामने सिर्फ़ पिंक ब्रा और पिंक सलवार मैं खड़ी रह गई और फिर अम्मी मेरी तरफ देखते हो अपनी सलवार भी निकालने लगी
मैने देखा के अम्मी की पनटी भी पिंक ही थी
अम्मी ने अपनी सलवार भी निकल के साइड मैं फैंक दी और मेरी तरफ देखते हो अपनी ब्रा खोल के फैंक दी लेकिन साथ ही अपना हाथ अपने बूबस पे रख के उन्हें छुपाने की कोसिस की
अब मैने अपना लूँद हाथ मैं पकड़ लिया और सहलाने लगा और साथ ही अम्मी की तरफ भी देखने लगा और अम्मी भी मुझे ही देख रही थी और मुस्कुरा भी रही थी और फिर अम्मी थोडा झुकी और अपना एक हाथ बूबस को धंपे हो ही अपनी पनटी निकल क जल्दी से अपनी चुत पे भी हाथ रख के खड़ी हो गई
अम्मी को इस तरह खड़ा देख के मैं जल्दी से बोला अम्मी क्यों तंग कर रही हो पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
अब आ भी जाओ ना तो अम्मी मेरे पास बिस्तेर पे बैठ गई
अम्मी को इस तरह बेता देख के मेरा सबर का दामन हाथ से निकल गया और मैने अम्मी को बिस्तेर पे गिरा के उन की टाँगों को उठा लिया और अपना मुह उसकी गुलाबी चुत पे रख के चूसने लगा .. ओह अम्मी कितनी प्यारी चुत है आपकी ...कितना बढिया पानी है ..बहुत मजेदार अम्मी... कह के अम्मी की चुत चाटने लगा..
अम्मी अब पूरी तरह से गर्म हो रही थी.... उनकी चुत... मेरे अलावा किसी ने चाटी नहीं थी....
ओह बेटा ...काक्क्क हाँ ..ऐसा ही.. चाटो....जोर से ....खा जा बेटा अपनी अम्मी की चुत को.....
कितने दिनों की प्यासी है तेरे अम्मी.... ओह.. किसी ने इतना प्यार नहीं किया... मेरे बेटा..
अम्मी अपनी गांड उठा उठा के अपनी चुत मेरे मुह पे रगद रही थी ....
मुझे भी अम्मी की चुत सेनिकला नमकीन पानी पीने मै मज आ रहा था... अम्मी ने मुझे अपनी चुत का मलाई दार रस पिलाया ..और फारिग हो गई...
मुझे किस किया ..बोली बेटा सच मै तू बहुत मज़े देता है....
अब मेने अपनी अम्मी की बूबस पे अपना मुह रख दिया .. र उसकी चूची चूसने लगा ...
अम्मी ..पिलाओ ना मुझे अपना दूध ..जैसे की बचपन पे पिलाती थी...
ओह..हाँ बेटा हाँ..पी ले पी...अपनी अम्मी का दूध... अम्मी फिर से गरम होने लगी मेरा लंड अब पूरा कड़क हो चूका था.
और अपना लूँद अम्मी की चुत पे रख के हल्का सा अंदर को दबा दिया
लूँद की कॅप अम्मी की चुत मैं जाते ही अम्मी के मुह से मज़े और लज़ात की हल्की सी सिसकी निकल गई सस्स्सीईईई पूरी जान से घुसा दे बेटा आज अपनी अम्मी की चुत मैं अपना लूँद
मैने अम्मी की बात सुन के अम्मी की टाँगों को पूरा खोल दिया और अपने लूँद को हाथ से पकड़ के सेट किया और फिर झतका मार के पूरा लूँद घुसा दिया अपनी अम्मी की चिकनी चुत मैं
अब मैने अपने दोनो हाथ अम्मी की दोनो रनो पे रख के अम्मी के कंधों की तरफ दबा लिया और अपना लूँद पूरा कॅप तक अम्मी की चुत से बाहर निकल के मैं अपनी पूरी जान और वज़न से अम्मी की चुत पे गिरा तो ताआप्प्प्प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ मेरा लूँद अम्मी की चुत मैं जा घुसा तो अम्मी के मुह से
आअहह विक्की बेटा ऐसे नहीं करो पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ऊऊहह की आवाज़ करते हो मुझे मना करने लगी
तो मैं नहीं रुका और ना ही अम्मी की कोई बात सुनी और उसी तरह अपना लूँद अपनी अम्मी की चुत मैं घुसा के चोदता रहा
मेरे इन वहशियाना झतकों से अम्मी के मुह से आअहह विक्की नैईईईईईईई बेटा पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आराम से करूऊऊऊऊओ ऊऊहह मैं मार गैिईईईईईईईईईईईईईईईईईई
कामीने आराम से कार्रर्र्र्र्र्ररर मेरी चुत फाडनी है क्य्ाआआआअ उनम्म्मह साले बहुत मोटा और लंबा लंड है तेरा ...कुत्ते आराम से कर ..चोद अपनी अम्मी को ...हान्ंनननननननणणन् की आवाज़ कर रही थी
लेकिन मैं देख रहा था क अम्मी के फेस पे दर्द का निशान तक नहीं था तो मैं भी वेसे ही झटके मरता हुआ बोला साली गश्ती तुझे ही आग लगी होई थी ना जो अपने ख़सम को छोड के बेटे से छुड़वाने आईईईईईईईईई हाईईईईई . तुजे ही चुदना था ना मोटे लंड से .... तो ले बेटे का मोटा लंड.....
तो अब रो क्यों रही हाईईईईईईईईईईईईईई
मेरी बातों के जवाब मैं अम्मी भी आअहह विक्की अब अच्छा लग रहा है बेटा उनम्म्मह और झटके से घुसा अपना लूँद मेरी चुत मैं फाड़ डॉल अपनी अम्मी की चुत को मेरे राजा बेटा तेरा बाप तो आज फरी की चुत मार रहा हाईईईईईईईई .. बेचारी फरी ....कसे अपनी आग बुझायेगी..तेरे अब्बू के उस छोटे पतले लंड से...
पर क्या करे ..तेरे लंड से चुदने के लिये उसने ..अपने अब्बू की पतले लंड से चुदना पड़ा
अम्मी की बातों से ..मुझे फरी बाजी की याद आपने लगी उसकी कुर्बानी... उसका प्यार....
अम्मी चिल्ला रही थी .....
तेरे जैसे लंड ली लिएबहुत तरस रही थी बेटा, तेरे अब्बू का लंड तो तेरे लंड से बहुत छोटा है... ओह राजा छोड अपनी अम्मी को अपनी मोटे लंड से... अह्ह्ह आआःह्ह्ह्ह
अब मैने अम्मी की चुत से अपना लूँद निकल लिया और अम्मी को कुटिया बना के खुद अम्मी के पीछे आ गया और खुद अपने दोनो हाथ अम्मी की गांड पे रख के लूँद को अम्मी की चुत पे सेट किया और अंदर घुसने लगा
जैसे ही अम्मी की चुत मैं लूँद घुसने लगा तो अम्मी ने कहा विक्की क्यों तरसा रहा है मेरी जान पूरा घुसा के चोद अपनी अम्मी की चुत को ऊओह तेज़ तेज़ झटके मार बेटा बौहत मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी तो
मैने भी अब अपना लूँद पूरी ताक़त से अम्मी की चुत मैं इन आउट करना शरू कर दिया तो
अम्मी और भी ज़्यादा चिल्लाने लगी और आआहह विक्कीईईईईईईईईईईईईईई हान्ंननणणन् मेरी जान अब मज़ा आ रहा है
ऊऊहह की तेज़ आवाज़ करने लगी और साथ ही अपनी गांड को भी मेरे लूँद की तरफ दबाने लगी
अम्मी की इस मस्ती को देख के मैं भी मज़े से पागल होने लगा और मैने अपने एक हाथ का अंगूठा अम्मी की गांड के होल पे घूमने लगा और
फिर अचानक ही मैने अपना अंगूठा अम्मी की गांद मैं घुसा दिया और नीचे से अम्मी की चुत मैं अपना लूँद भी इन आउट करता रहा
मेरी इस हरकत से अम्मी चिल्ला उठी और आऐईयईईईईईईईईईईईईईईईईईई विक्की नहीं बेटा निकालो
बाहर ऊऊहह विक्की उनम्म्मह बेटा दर्द भी हो रहा हाईईईईईईई
लेकिन मैं अब अम्मी की कोई बात नहीं सुन रहा था और लगातार अम्मी की किसी कुटिया की तरह
छोड़े जा रहा था के
अम्मी के मुह से आअहह विकी उनम्म्मह बेटा मैं गैिईईईईईईईईईईईईईई ऊओह की तेज़ आवाज़ के साथ अम्मी की चुत ने पानी छोड दिया जिस से मेरा लूँ,द अम्मी की चुत मैं और भी चिकना हो गया जिस से
मैं भी मज़े से बहाल होने लगा और २ -३ मिनट बाद ही अम्मी की चुत मैं पानी छोड दिया और अम्मी की चुत से अपना लूँद निकल के साइड मैं लेट गया तो अम्मी भी सीधी हो के मेरे बराबर मैं लेट गई
थोड़ी देर तक ऐसे ही हम दोनो मा बेटा साथ साथ लेते रहे और थोड़ी देर गुज़र जाने के बाद अम्मी ने मेरी तरफ करवट ली और अपनी एक टांग उठा के मेरे ऊपर रख दी और
मेरे सर के अपने हाथ से अपनी तरफ घुमा लिया और मेरी आँखों मैं झँकते हो बोली हन तो विक्की बेटा मज़ा आया की नहीं
मैं अम्मी की तरफ देखते हो मुस्कुरा दिया और बोला अम्मी आप सच मैं बहुत अच्छी हो और अभी जितना मज़ा आया है मुझे पहले कभी नहीं आया और इतना बोलते ही अम्मी को एक किस भी कर दी
किस करने के बाद मैने अभी अम्मी की तरफ देख ही रहा था क अम्मी ने मुझे बलों से पकड़ लिया और बोली कामीने ये तो बता ज़रा की तो मेरी गांड मैं अपनी फिंगर क्यों घुसा रहा था
मैं हंसते हो बोला अम्मी मुझे आप की गांड अच्छी लगी तो मुझ से बर्दाश्त नहीं हुआ और मैने फिंगर घुसा दी अगर आप को बुरा लगा हो तो अम्मी आप पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे मॅफ कर देना
मेरी बात सुन के अम्मी ने मेरे बॉल छोड दिए और मुझे देखते हो बोली नहीं बेटा इस मैं मफ्फी की क्या बात है अगर तुम्हें ये करना अच्छा लगता है तो मैं तुम्हें मना नहीं करू गी लेकिन एक बात ये तो बताओ क तुम ने ये शोक़् कब और कहाँ से पाल लिया है
नहीं अम्मी अभी तक तो कोई ख़ास्स शोक़् नहीं है और ना ही कभी किया है लेकिन अब सोच रहा हूँ क आप की गांड मैं अपनी फिंगर की जगा अपना लूँद घुसा ही दूँगा सच्ची बड़ा दिल कर रहा है
अम्मी हंसते हो बोली अच्छा बेटा ठीक है जुब दिल चाहे कर लेना लेकिन अभी नहीं क्यों की हो सकता है तुम्हारे अबू फरी से फारिघ् हो के रूम मैं आ चुके हूँ इस लिए मुझे भी अब जाना चाहिए क्यों की फरीदा हो सकता है की अभी ही ना आ जाए रूम मैं मुझे ढूंडती होई
मैने अम्मी की बात सुन के हाँ मैं सर हिला दिया तो अम्मी उठी और अपने कपड़े पहन के रूम से निकल गई और मैं अपने बिस्तेर पे लेटा अम्मी को जाता हुआ देखता रहा
अम्मी के जाने के कुछ ही देर के बाद बाजी मेरे रूम मैं आ गई और मुझे यौन नंगा लेटा देख के बोली भाई क्या बात है खैर तो है ना इस तरह क्यों लेते हो हो तो
मैने कहा यार अभी अम्मी गई ही हैं यहाँ से तो इसी लिए इस तरह लेटा हुआ हूँ अभी उठोंगा तो कपड़े भी पहन लूनगा
बाजी मेरे पास ही बैठ गई और बोली लो भाई आज मैने अबू के साथ भी फरीदा के सामने ही चुदवा लिया लिया है .
बस अब तुम जल्दी से एक बार चोद के मेरी चुत की आग बुझा दो... जो अब्बू ने लगायी है...
मैं हंस के बोला ..अब्बू ने नहीं बुझाई क्या ....
बाजी मुह बनाते हहुए बोली...... कमीने तेरे लिये सब कर रही हूँ और तू.....मेने बाजी को किस किया और बोला.. लव यु ...... ,बाजी... और अपना लंड बाजी की चुत पे घुसा दिया...
बाजी अम्मी कह रही थी की अब्बू ..... ज्यादा चोद नहीं पाते ..तो फिर आपने अब्बू से क्यूं ...
बाजी हंसी ,,... , भोले भाई..बिना अब्बू की रजामंदी से ..ये सब कुछ नहीं होता ...तुम चिंता छोड़ा और छोड़ा जल्दी से ... चोदो मुझे.. और हाँ यहे बात कभी अब्बू को मत बताना की वो ...किसी को अच्छी तरह से चोद नहीं पाते है... यह राज ही रहना चाहिए...
और एक बात ब्ताओं बाजी
मैने फरी की तरफ देखते हो हन मैं सर हिला दिया तो वो बोली भाई आज फरीदा हुमारी चुदाई देख के काफ़ी गरम हो गई थी और अपना हाथ अपनी सलवार मैं घुसा के चुत को भी सहलाती रही
फरी बाजी की बात सुन के मेरी उमीद बाँधने लगी के अब वो वक़्त दौर नहीं है जुब फरीदा भी अपनी चुत का मुह मेरे और अबू के लूँद के लिए खोल देगी इस बात को सोचते ही मेरा लूँद जोर जोर से बाजी की चुत के अन्दर बाहर होगे जकते कहने लगा ... एक आह के साथ बाजी और मैं दोनों फ़ारिग होगये
मेने बाजी की चुत से लंड बाहर निकल लिया जो की फरीदा की चुत का सोच के फिर से फिर से खड़ा होने लगा जिसे बाजी ने भी देख लिया और बोली क्यों भाई फरीदा की कुँवारी चुत का सोच के ही तुम्हारे इस का ये हॉल है तो जुब उस की चुत मिले गी तो क्या हो गा
मैने कहा नहीं बाजी ये तो पक्का है की फरीदा की सील अबू के लूँद से खुलेगी
लेकिन इस वक़्त मैं फरजाना का सोच रहा था की क्यों ना अभी मैं उस के रूम मैं जाओं और हल्की फुल्की मस्ती ही कर लून उस के सोते हुए मैं
बाजी ने कहा हन भाई अब टाइम आ गया है की फरजाना के साथ भी हल्की फुल्की मस्ती शरू हो जाए क्यों के इस से फ्रज़ना को सेट करने मैं आसानी हो जाएगी तुम्हारे लिए
बाजी की इजाज़त मिलते ही मैं उठा और कपड़े पहन के बाजी के साथ फरजाना के रूम की तरफ चल दिया जिस का दरवाजे गर्मी की वजाह से खुला हुआ था क रूम मैं हवा हो जाए
हम दोनो रूम के दरवाजे पे पहुच और जुब अंदर झाँका तो फरजाना उस वक़्त करवट ले के सो रही थी और हेरनी की बात ये थी के उस ने एक पुरानी फ्रोक जो की उसे अब छोटी हो चुकी थी पहनी होई थी
बाजी ने मेरी तरफ देखा और इशारा किया क जाओ अंदर मैं यहाँ ही रुकती हूँ तो मैने डरते और धड़कते हो दिल के साथ रूम मैं इन हो गया और
फरजाना के पास जाके के खड़ा हो गया और उसे आवाज देने लगा आहिस्ता आवाज़ मैं लेकिन उस की जानिब से कोई रिप्लाइ नहीं आया तो मैं अब आगे बढ़ा और हाथ से हल्का सा हिला दिया और साथ आवाज़ भी दी लेकिन फ्रज़ना गहरी नींद मैं सो रही थी
अब मैने सर घुमा के बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने हन मैं सर हिला दिया तो
मैने धड़कते हो दिल के साथ फरजाना की फ्रोक को आहिस्ता से ऊपर को खिसकना शरू कर दिया और आहिस्ता आहिस्ता फ्रज़ना की फ्रोक को उस की गांड से भी थोडा ऊपर तक उठा दिया
जिस से उस की पनटी नज़र आने लगी फरजाना की गांड पनटी मैं देखते ही मेरी और मेरे लूँद की हालत खराब होने लगी
तो मैने एक बार फिर मोड़ के बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने मुझे सख्ती से इशारा किया की आगे बढ़ो
मैने थोड़ी हिम्मत की और अपना लूँद नंगा कर के फरजाना के करीब हो गया और उस के मुह पे अपना लूँद घूमने लगा
थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही अपना लूँद फरजाना के लीपस पे घूमता रहा और फिर पीछे हट गया और फिर हिम्मत करते हुए फरजाना के पीछे आ के लेट गया और फरजाना की पनटी को भी आहिस्ता से नीचे खिसका दिया और उस की गांड को पूरा नंगा कर दिया और खुद उस के पीछे अपना लूँद फरजाना की गांड के साथ लगा के लेट गया
अब मैं अपने लूँद को आहिस्ता आहिस्ता फरजाना की गांड पे रगड़ने लगा और थोड़ी देर के बाद मैने अपने लूँद पे हल्का सा थूक लगा के फरजाना की गांड के क्रॅक मैं घिसने लगा तो
मुझे इतना मज़ा आया की मेरा पानी इतनी जल्दी और स्पीड से निकला की मैं खुद को रोक ही नहीं पाया और सारा पानी फरजाना की गांड के ऊपर ही फैला दिया और उठ के बिस्तेर से नीचे उतार गया और बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने हाथ के इशारे से मुझे बाहर बुला लिया
मैं बाहर गया तो बाजी ने कहा अब तुम जाओ अपने रूम मैं और इसे इसी तरह ही रहने दो सुबह उठ के खुद को ऐसे देखे गी तो कुछ ना कुछ तो दिमाग की घंटी बजे गी ही ना
मैं बाजी की बात मान के अपने रूम मैं चला गया और क्यों की ३ बार पानी निकल चुका था इस लिए थकवट भी हो गई थी इस लिए जल्दी ही सो गया क पता ही नहीं चला क कब आँख लगी
अगली सुबह मैं उठा तो 8 बाज चुके थे और बाहर बारिश हो रही थी जिस से मौसम सुहाना हो रहा था मैं उठा और सीधा बात रूम मैं जा घुसा और नहा के जुब बाहर निकला और रूम मैं जाने लगा तो मेरी नज़र फरजाना पे पड़ी जो क बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देख रही थी
मैने एक नज़र फरजाना की तरफ देखा लेकिन नज़र चुरा के अपने रूम मैं चला गया
तो कुछ ही देर के बाद फरीदा मेरे लिए नाश्ता ले आरी और मेरे सामने झुक के नाश्ता रख के वेसे ही खड़ी हो गई झुकी होई और मेरी आँखों मैं झँकते हो बोली भाई कुछ और भी चाहिए है क्या
मैने सर उठा के फरीदा की तरफ देखना चाहा तो मेरी नज़र उस के खुले गले की क़मीज़ मैं चली गई तो मैने देखा के उस के कोमल और सॉफ्ट दूध की तरह सफ़ेद बूबस वो भी बिना ब्रा के मेरी आँखों के सामने लहराते हो नज़र आए तो मेरी नज़र वहीं टिकी रह गई
मेरी तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे बाजी ने एक बार फिर से पूछा भाई कुछ और चाहिए है क्या तो मैं हडबडा सा गया और फरीदा बाजी के फेस की तरफ देख के बोला
नहीं कुछ नहीं बस बहुत है
फरीदा बाजी अब भी ऐसे ही मेरे सामने झुकी रही और उन की आखेँ उस वक़्त हल्की हल्की लाल भी नज़र आ रही थी मुझे और ऐसे ही झुके हो बोली भाई दूध ला दूँ आप को
मैने इनकार मैं सर हिला दिया और नाश्ता करने लगा तो बाजी खड़ी हो गई और बोली क्या बात है भाई आप बाजी का लाया हुआ दूध तो बड़े शोक़् से पीते हो लेकिन मुझे मना कर रहे हो
अब मैं समझ गया के फरीदा असल मैं क्या बोल रही है और किस तूने मैं बोल रही है
तो मैं भी ज़रा रिलॅक्स हो के बोला अरे नहीं बाजी ऐसी कोई बात नहीं है मैं तो आप का दूध भी पीने को तैयार हूँ...ऊओ... मेरा मतलब है के आप का लाया हुआ दूध लेकिन अभी नहीं
क्यों भाई अभी क्यों नहीं क्या मेरे हाथ खराब हैं जो आप मेरा लाया हुआ दूध अभी नहीं पीना चाहते तो मैं हंस दिया और बोला नहीं बाजी ऐसा कुछ नहीं है बस अभी दिल नहीं चाह रहा
फरीदा बाजी मायूस सी हो गई और वापसी के लिए मूड गई और फिर गर्दन घुमा के मेरी तरफ देख के बोली भाई रात को तो ले आऊँ ना आप के लिए दूध तो मैने कहा नहीं बाजी लाती हैं मेरे लिए तुम नहीं लाना
फरीदा बाजी खामोशी से चली गई तो मैने नाश्ता ख़तम किया और बर्तन साइड पे रख दिए और एक नॉवेल निकल के बैठ गया क्यों की आज बारिश हो रही थी इस लिए मैं खेतों की तरफ नहीं गया
बर्तन उठाने के लिए अम्मी आई और बर्टन उठाते हो बोली विक्की क्या बात है तुम ने फरीदा को कुछ बोला है जो उस का फेस उतरा हुआ है तो
मैने अम्मी को सब कुछ बता दिया तो अम्मी मेरी बात सुन क बोली हूउऊन्न्ं तो लगता है के फरीदा ने अब खुद से ही फ़ैसला कर लिया है इस खेल मैं शामिल होने का तो फिर क्या इरादा है तुम्हारा क्या करना है
मैने अम्मी की बात सुन के कहा नहीं अम्मी मैं ये इरादा कर चुका हूँ की मैं फरीदा बाजी की सील अबू से ही तुद्वाऊंगा और अगर बाजी शामिल होना ही चाहती है तो उसे अबू से करवाना हो गा
अम्मी कुछ सोच के बोली नहीं बेटा ऐसा मुश्किल है तुम उस के भाई, तुम्हारे साथ वो फिर भी आपने आप को तैयार कर चुकी है लेकिन अबू के साथ वो शैयद हिम्मत ही ना कर सके
चलो अम्मी देखते हैं कुछ सोचते हैं लेकिन पहले वो आप के या बाजी के साथ ज़रा खुल के बात तो करे उस के बाद इस मसाला का हाल भी निकल ही आएगा आप परेशान नहीं लो किसी किस्म की
अम्मी मेरी बात सुन के खामोशी से वापिस चली गई तो मैं फिर से नॉवेल पढ़ने मैं लग गया और टाइम कब गुज़रा पता ही नहीं चला और 11 बजे के करीब बिल्लो के आने पे सीधा हो के बैठ गया
बिल्लो मेरे पास आ के बैठ गई और मेरी आँखों मैं झँकते हो आहिस्ता आवाज़ मैं बोली विक्की तुम ने रात क्या किया है फरजाना के साथ
मैं... हेरनी से बिल्लो की तरफ देखते हो बोला क्या मतलब मैं समझा नहीं क्या कर दिया मैने
बिल्लो.... विक्की ज़्यादा हरामी पन नहीं करो और सीधी बात बताओ क्यों की अभी कुछ देर पहले फरजाना ने मुझे सब बता दिया है
मैं.. बिल्लो की बात सुन के मैं खामोश हो गया और थोड़ी देर तक बिल्लो की तरफ देखता रहा और बोला जुब मैने तुम से मदद के लिए बोला था तब तुम ही मेरी मदद कर देती तो मुझे ये नहीं करना पड़ता
बिल्लो...... मेरी गालों पे किस करते हो बोली विक्की किया तो तुम ने हरामी पन ही था
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