RE: Desi Porn Kahani विधवा का पति
रात के करीब दस का समय था।
हर तरफ खामोशी छाई हुई थी। युवक अधलेटी अवस्था में ही बेड पर पड़ा था और उसके पांयते स्टूल पर बैठी नर्स कोई उपन्यास पढ़ने में व्यस्त थी।
युवक का दिमाग आज दिन भर की घटनाओं में भटक रहा था—ऐसा उसे कोई नहीं मिला था , जो यह बता सके कि वह कौन है ?
यह सोच-सोचकर वह पागल हुआ जा रहा था कि आखिर मैं हूं कौन ?
इसी सवाल की तलाश में भटकते हुए युवक की दृष्टि नर्स पर ठिठक गई—वह उपन्यास पढ़ने में तल्लीन थी, खूबसूरत थी। बेदाग सफेद लिबास में वो कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी। युवक की नजर उसके जिस्म पर थिरकने लगी—दृष्टि वक्षस्थल पर स्थिर हो गई।
एकाएक ही जाने कहां से आकर युवक के दिमाग में यह विचार टकराया कि यदि इस नर्स के तन से सारे कपड़े उतार दिए जाएं तो यह कैसी लगेगी ?
एक नग्न युवती उसके सामने जा खड़ी हुई।
युवक रोमांचित-सा होने लगा।
उसके मन में उठ रहे भावों से बिल्कुल अनभिज्ञ नर्स उपन्यास में डूबी धीमे-धीमे मुस्करा रही थी—शायद वह उपन्यास के किसी कॉमेडी दृश्य पर थी—युवक ने जब उसके होंठों पर मुस्कान देखी तो जाने क्यों उसकी मुट्ठियां कस गईं।
दृष्टि उसके वक्षस्थल से हटकर ऊपर की तरफ चढ़ी।
गर्दन पर ठहर गई।
नर्स की गर्दन गोरी , लम्बी और पतली थी।
युवक के दिमाग में अचानक ही विचार उठा कि अगर मैं इस नर्स की गर्दन दबा दूं तो क्या होगा ?
‘यह मर जाएगी।’
‘पहले इसका चेहरा लाल-सुर्ख होगा , बन्धनों से निकलने के लिए छटपटाएगी—मगर मैं इसे छोडूंगा नहीं—इसके मुंह से 'गूं-गूं' की आवाज निकलने लगेगी—इसकी आंखें और जीभ बाहर निकल आएंगीं—कुतिया की तरह जीभ बाहर लटका देगी यह।’
‘तब , मैं इसकी गर्दन और जोर से दबा दूंगा।’
‘मुश्किल से दो ही मिनट में यह फर्श पर गिर पड़ेगी—इसकी जीभ उस वक्त भी मरी हुई कुतिया की तरह निकली हुई होगी, आंखें उबली पड़ी होंगी, चेहरा बिल्कुल निस्तेज होगा —सफेद कागज-सा—उस अवस्था में कितनी खूबसूरत लगेगी यह हां! इसे मार ही डालना चाहिए।’
युवक के दिमाग में रह-रहकर यही वाक्य टकराने लगा— 'इसे मार डालो—मरने के बाद फर्श पर पड़ी यह बहुत खूबसूरत लगेगी—इसकी गर्दन दबा दो। '
युवक की आंखों में बड़े ही हिंसक भाव उभर आए , चेहरा खून पीने के लिए तैयार किसी आदमखोर पशु के समान क्रूर और वीभत्स हो गया, आंखें सुर्ख हो उठीं। जाने क्या और कैसे अजीब-सा जुनून सवार हो गया था उस पर, उसका सारा जिस्म कांप रहा था। मुंह खून के प्यासे भेड़िए की तरह खुल गया, लार टपकने लगी—बेड पर बैठा वह धीरे-धीरे कांपने लगा—जिस्म में स्वयं ही अजीब-सा तनाव उत्पन्न होता
चला गया।
बहुत ही डरावना नजर आने लगा वह।
नर्स बिल्कुल बेखबर उपन्यास पढ़ रही थी।
धीरे-धीरे यह उठकर बैठ गया।
बेड के चरमराने से नर्स का ध्यान भंग हुआ।
उसने पलटकर युवक की तरफ देखा और उसे देखकर नर्स के कण्ठ से अनायास ही चीख निकल गई—उपन्यास फर्श पर गिर गया—चीखने के साथ ही वह कुछ इस तरह हड़बड़ाकर उठी थी कि स्टूल गिर पड़ा।
युवक के मुंह से पंक्चर हुए टायर की-सी आवाज निकली।
एक बार पुन: चीखकर आतंकित नर्स दरवाजे की तरफ दौड़ी , मगर अभी वह दरवाजे तक पहुंची भी नहीं थी कि युवक ने बेड ही से किसी बाज की तरह उस पर जम्प लगाई और नर्स को साथ लिए फर्श पर गिरा।
अब , नर्स फर्श पर पड़ी थी और युवक उसके ऊपर सवार उसका गला दबा रहा था—नर्स चीख रही थी—युवक के खुले हुए मुंह से लार नर्स के चेहरे पर गिर रही थी —बुरी तरह आतंकित नर्स छटपटा रही थी।
तभी गैलरी में भागते कदमों की आवाज गूंजी। दरवाजा 'भड़ाक '-से खुला।
हड़बड़ाए-से एक साथ कई नर्सें और डॉक्टर्स कमरे में दाखिल हो गए। कमरे का दृश्य देखते ही वे चौंक पड़े, और फिर इससे पहले कि युवक की गिरफ्त में फंसी नर्स की श्वांस-क्रिया रुके—उन्होंने युवक को पकड़कर अलग कर दिया।
उनके बन्धनों से मुक्त होने के लिए युवक बुरी तरह मचल रहा था और साथ ही हलक फाड़कर चीख रहा था— “ छोड़ो मुझे, मुझे छोड़ दो, मैँ इसे मार डालूंगा—मरी हुई यह बहुत खूबसूरत लगेगी—मुझे छोड़ दो।"
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