RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
क्या आप अलफांसे के बारे में किसी निर्णय पर पहुंच सके—यानी विजय के मुताबिक वह सचमुच कोहिनूर के चक्कर में है या ये सच है कि वह इर्विन से प्यार करता है, छोटा-सा घर बसाना चाहता है? अपनी राय मुझे पत्र में लिख भेजें, फिर अपनी राय को 'कफन तेरे बेटे का' से मिलाएं—जी हां, अलफांसे की शादी से जो कथानक शुरू हुआ है, उसका अंत 'कफन तेरे बेटे का' में ही होगा।
“इर्विन ने अलफांसे को चोरों की तरह जाते देखकर क्या सोचा—क्या उनके सम्बन्ध बिखर गए—अलफांसे सचमुच किस चक्कर में है—अलफांसे के होने वाले बेटे का नाम क्या रखा गया—वह कौन था, जिसे चैम्बूर ने बॉण्ड के चले जाते ही फोन किया—चैम्बूर को कौन-सा रहस्य विजय-विकास को न बताने की चेतावनी दी थी, सुरक्षा-व्यवस्था आप सुन ही चुके हैं, क्या कोहिनूर की सफल चोरी हो सकेगी, यदि हां तो चोरी कौन करेगा और सबसे बड़ा सवाल है, ये चोरी कैसे होगी—क्या आप कोई स्कीम बनाकर हमें भेज सकते हैं—यदि नहीं तो 'कफन तेरे बेटे का' पढ़ें—और यदि हां तो लिख भेजें और फिर अपनी स्कीम को 'कफन तेरे बेटे का' की स्कीम के तराजू में तोलें।
विजय के ग्रुप पर छाए संकट के बादलों का क्या हुआ, फोन करके हिस्सा मांगने वाला कौन है—उस दस वर्षीय छोटे-से बच्चे ने क्या कमाल दिखाया—चैम्बूर की लाश कहां है—आशा पर क्या गुजरी—क्या अपने बीच रह रह आशा के रूप में बॉण्ड की जासूस को विजय ग्रुप पहचान सका—जब बॉण्ड ने पीटर हाउस को घेर लिया तो ये लोग कैसे बचे—क्या बाण्ड ने अपने मुल्क का गौरव जाने दिया? उपरोक्त और ऐसे ही ढेर सारे सवालों का पिटारा है—'कफन तेरे बेटे का'—शतरंज बिछ चुकी है, चालें चली जा रही हैं—मोहरे आपके सामने हैं—आप यह भी जानते हैं कि मात देने तक अपने कितने मोहरे गंवाने होंगे—यह सब जानने के लिए 'कफन तेरे बेटे का' पढ़ें।
'कफन तेरे बेटे का' में केवल उपरोक्त सवालों के जवाब ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ है—जो है, उसे यहां छोटी-सी 'झलक' के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूं—'कफन तेरे बेटे का' की चंद झलकियां।
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“नहीं गुरु, नहीं।” लड़का भड़क उठा—“अब आपकी इन ढुल-मुल स्कीमों से कुछ होने वाला नहीं है—अब मुझे अपने ढंग से काम करना होगा।”
“होश की दवा करो प्यारे दिलजले!”
“होश की दवा आप कीजिए गुरु—विकास को हारने की आदत नहीं है—आप सभी बहुत पीछे हैं, क्राइम अंकल बहुत आगे निकल गए हैं—अगर एक बार कोहिनूर उनके हाथ आ गया तो दुनिया की कोई ताकत हमें उस तक नहीं पहुंचा सकती।”
“ये सुरंग...!”
“हुंह—सुरंग—ये सुरंग बना रहे हैं आप?” विकास बिफर पड़ा—“ये सुरंग कभी पूरी नहीं होगी—हमसे बहुत पहले क्राइमर अंकल कोहिनूर ले उड़ेंगे।”
“इसमें हम कर भी क्या सकते हैं?”
“भले ही आप न कर सकें। आपके ढंग से कुछ न हो सके—मगर मैं सब कुछ कर सकता हूं—पाँसे अब भी पलट सकते हैं, मेरे ढंग से अब भी बहुत कुछ हो सकता है।”
“क्या करोगो तुम?”
“इर्विन का मर्डर!”
विजय हलक फाड़कर चिल्ला उठा—“व...विकास!”
“हां गुरु—हां, क्राइमर अंकल का सम्बन्ध गार्डनर के घर से तोड़ देना जरूरी है और जब इर्विन ही न रहेगी तो उस घर से खुद-ब-खुद ही क्राइमर अंकल के सम्बन्ध खत्म!”
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विकास दहाड़ उठा—“तुम बहुत बड़े भ्रम में हो इर्विन—अलफांसे गुरु तुमसे बिल्कुल प्यार नहीं करते—केवल कोहिनूर को हासिल करने के लिए उन्होंने तुमसे शादी की है।”
“ये झूठ है—मैं उनके बच्चे की मां बनने वाली हूं।”
“इसका मतलब तुम नहीं मानोगी, अलफांसे गुरु से सम्बन्ध-विच्छेद करके कभी इस कोठी में न आने के लिए नहीं कहोगी?” विकास ने भभकते स्वर में पूछा।
“मैं ऐसा कैसे कर सकती हूं, वो मेरे पति हैं।”
“तो फिर ये लो—इस सारे किस्से को मैं खत्म किए देता हूं।” गुर्राने के साथ ही विकास ने एक लम्बा चाकू खोल लिया।
“न...नहीं...मुझे मत मारो!” चीखती हुई इर्विन पीछ हटी। विकास बाज की तरह झपटा, चाकू 'खच्च्' से इर्विन के गर्भ में धंस गया—इर्विन के कंठ से निकलने वाली चीख ने गार्डनर की समूची कोठी को झनझनाकर रख दिया और इर्विन के खून से विकास का चेहरा रंगता ही चला गया—जरा भी तो रहम नहीं किया था जालिम ने।
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दहकता चेहरा लिए अलफांसे ने खून में सना नाइट गाउन रैना की तरफ बढ़ा दिया, बोला—“ये ली।”
“ये क्या है अलफांसे भइया?” रैना ने कम्पित स्वर में पूछा।
“कफन तेरे बेटे का!”
“भ...भइया!” रैना चीखकर पीछ हटी, नाइट गाउन फर्श पर गिर गया।
दांत पीसते हुए अलफांसे ने गाउन पर अपना जूता रखा, उसे कुचलता हुआ गुर्राया—“ये मेरी इर्विन का नाइट गाउन है, देख—इस पर मेरी इर्विन के खून के धब्बे हैं—जिस वक्त तेरे लाडले ने उसे मारा था, तब इर्विन यही पहने थी—मैं बख्शूंगा नहीं रैना—खून का बदला खून है—तेरे लाल के परखच्चे न उड़ा दिए तो मेरा नाम भी अलफांसे नहीं।”
“ये तुम क्या कह रहे हो भइया, तुम विकास को मारोगे?”
“उस कुत्ते को मारकर कलेजा ठण्डा नहीं होगा मेरा, बोटी-बोटी काटकर फेंक दूंगा।”
“ऐसा मत कहो भइया—ऐसा मत कहो—देखो, मैं अपना आंचल फैला रही हूं—भीख मांग रही हूं तुमसे—मेरे बेटे को बख्श दो—तुम्हें मेरी राखी की कसम!”
“थू!” अलफांसे ने रैना के फैले हुए आंचल में थूक दिया।
“भ...भइया!” रैना दहाड़े मार-मारकर रो पड़ी।
“उस वक्त कहां था तेरा ये आंचल, जब वह दरिन्दा मेरी इर्विन पर वार कर रहा था—तब कहां थी तेरी राखी की सौगन्ध जब उसने मेरा घर उजाड़ दिया—अलफांसे को प्यार करना नहीं आता था रैना—उस अभागी इर्विन ने मुझे प्यार करना सिखा दिया—अलफांसे ने जिसे जान से बढ़कर चाहा उसी को तेरे बेटे ने खत्म कर दिया—यूं, जैसे वह गाजर-मूली हो—धिक्कार है उस अलफांसे पर जो इर्विन की मौत का बदला न ले।”
“क्या विकास को मारकर तुम बच सकोगे भइया?”
“क्यों, मुझे कौन मारेगा?”
“विजय भइया, ठाकुर साहब, ब्लैक ब्वॉय भइया और दुनिया के वे सारे जासूस जो उसकी मदद कर रहे हैं, क्या वे तुम्हें छोड़ देंगे—तुम अकेले हो, उधर वे सब हैं—सिंगही और जैक्सन भी।”
“तू भूल गई रैना, अलफांसे एक शेर का नाम है, शेर जंगल का राजा होता है, जंगल का हर जानवर शेर के इशारे पर नाचता है, किसी के इशारे पर शेर नहीं।”
“शेर भी नाचता है लूमड़ मियां, शेर भी नाचता है।” विजय की आवाज ने उन दोनों को चौंका दिया, अलफांसे फिरकनी की तरह घूमा—चीखती हुई रैना दौड़कर विजय से लिपट गई।
“तुम?” अलफांसे का चेहरा कनपटियों तक सुर्ख हो गया।
“हमें रिंग मास्टर कहते हैं प्यारे!” विजय ने अपने हाथ में दबे हंटर को फटकारा—“जरा सोचकर बताओ, रिंग मास्टर के कोड़े पर आदमखोर शेर को भी नाचना पड़ता है कि नहीं?”
—समाप्त—
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