RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
हम लोग पहले एक बुकस्टोर पर गए और शालिनी की कुछ बुक्स लेकर आगे की शापिंग के लिए निकले ।
शालिनी बाईक की सीट पे बैठे हुए ही मैंने अपनी बाईक एक मॉल के तरफ मोड़ लिया। मैं गाडी पार्किंग में लगा के शालिनी को आगे आगे चलने को बोल कर फॉलो करने लगा। शालिनी ने अपने बदन को जींस और टी-शर्ट में ढक तो लिया था लेकिन वो अपने सेक्सी फिगर को नहीं छुपा पा रही थी और जींस में उसके बड़े- बड़े हिप्स किस्सी को भी पागल बना सकते थे।
मॉल में हर उम्र के काफी लोग एक बार मुड़ के मेरी बहन की मटकती गांड को जरूर देखते।
सबसे पहले शालिनी ने एक शाप में ब्रा और पैंटी लेने पहुचे। मेरी चारो तरफ लेडीज के अंडरर्गारमेंट लटके थे मेरे अलावा वहां सभी लड़कियां शॉपिंग कर रही थी।
शालिनी का कांफिडेंस इस बार देखने वाला था वो टहल टहल कर कलरफुल ब्रा और पेंटी सर्च करने लगी मैंने भी हेल्प करना चाहा तो शालिनी ने मुझे ३४ साइज ढूंढने के लिए बोला। मैं २-३ ब्रा उठा कर शालिनी की तरफ बढ़ाया।
शालिनी - ओह ... वाव.. ये ब्रा तो अच्छी लग रही हैं लेकिन ये ३४बी है ।
मै - ३४बी, बट तुमने ३४ ही तो बोला था।
शालिनी - हाँ लेकिन मुझे कप साइज डी चहिये।
मैं - तो क्या ३४बी छोटा साइज है ?
शालिनी - (अपने हाथो को अपने बूब्स के तरफ दिखाते हुए।) साइज सेम है लेकिन ३४डी का कप बड़ा होता है ।
मै - (शालिनी के बूब्स को घूरते हुये) ओके मैं और देखता हूं ।
मैंने एक लाल रंग का सेट पसंद किया जो पोल्का डाट्स वाला था, एक और पर्पल कलर का, दो शालिनी ने पसंद किया उनमें से एक पैड वाली ब्रा स्किन कलर की भी थी। चार सेट ब्रा पैंटी लेने के बाद मैंने और शालिनी ने जींस टी-शर्ट हम दोनों के खरीदे दो दो सेट।
शालिनी की आज की शापिंग को देखकर कोई यह नहीं कह सकता था कि हम दोनों बॉय फ्रेंड और गर्लफ्रेंड नहीं हैं ।
मेरे लाख कहने पर भी उसने किसी भी कपड़े का ट्रायल नहीं किया । हम दोनों को आज की शॉपिंग में बहुत मजा आया था पिछली बार की शॉपिंग में शालिनी शर्मा रही थी इस बार सबसे पहले अपने लिए ब्रा और पैंटी खरीदी वो भी मुझे दिखा दिखाकर अलग अलग डिजाइन डिफरेंट फैब्रिक की ।
शालिनी ने अपने लिए कुछ स्टॉल और टी शर्ट के ऊपर पहनने वाले फुल लेंथ अपरन जैसी हल्की टी-शर्ट ली, ।
शालिनी- भाई जी आपके लिए तो अंडर गारमेंट लिए ही नहीं मैंने कहा था कि अब से जो भी शापिंग होगी दोनों की होगी।
मैं- अरे रहने को मेरे पास वैसे भी बहुत है।
शालिनी- हां हां, आपको कोई जरूरत ही नहीं, आप तो वैसे भी बिना अंडरगार्मेंट ज्यादा अच्छा फील करते हैं... और वो हल्के से मुस्कुराई...
मैं - हां वो तो है क्या तुम्हें अच्छा फील नहीं होता बिना ब्रा पैंटी के ।
शालिनी- कभी-कभी ।
रात के 10: 00 बजे थे हम दोनों को अब घर वापस आना था।
हमने रास्ते में ही एक रेस्टोरेंट में खाना खा लिया, रेस्टोरेंट से निकल कर बाहर..
शालिनी- भाई जी, एक मोस्ट इम्पार्टटेेन्ट चीज़ तो लेना मैं भूल ही गई।
मैं- क्या, अभी तो मार्केट क्लोज़ हो रही हैं ।
शालिनी- वो ... भाई मेरे पीरियड शायद कल से शुरू हो जायेंगे, तो वो पैड लेना है और कोई पेन किलर भी, मुझे पेट में दर्द कुछ ज्यादा होता है ।
मैंने आसपास नजर दौड़ाई तो देखा कि एक मेडिकल स्टोर खुला था, वहां से जाकर मैंने पैड लिए तब तक शालिनी रेस्टोरेंट के बाहर वेट करती रही।, हमारे पास काफी सारे बैग हो गये थे ।
हम 11: 00 बजे घर आ गए । घर आकर मैं तुरंत अपने बिना अंडरवियर के बरमूडे मे आ गया और लेटकर टीवी आन कर ली, शालिनी सारे बैग लेकर पीछे कमरे में चली गई।
शालिनी - भाई जी।। भाईजी
मैं
मै - क्या हुआ ?
शालिनी पीछे अपने कमरे मेंअपने नए कपडे ट्राई करना चाहती थी।।
कालेज में आ कर हम लोगों ने एडमिशन की फार्मेलिटीज पूरी की, और क्लासेज़ शुरू होने के लिए पता करके हम लोग कालेज घूमते रहे.. काफी पैरेंट्स और कुछ लड़कियों के ब्वायफ्रेन्ड भी साथ में थे वहां पर, सभी लोग अपने अपने काम में बिजी थे, इस कालेज की खासियत यह थी कि यहां अपर मिडिल क्लास फैमिली की लड़कियां ज्यादा पढ़ती थी, शहर की सबसे माडर्न लड़कियों में से कुछ एक यहां भी घूम रहीं थीं, सीनियर लड़कियों में कुछ ने बहुत ही सेक्सी कपड़े पहन रखे थे, किसी के दूध दिख रहे थे तो किसी की लो वेस्ट जींस के ऊपर पैंटी... और किसी की ब्रा नुमाइश कर रही थी कपड़ों के ऊपर से ...
लड़कियों का कालेज होने से खुलापन या कहें नंगापन कुछ ज्यादा ही था।
कुछ लड़कियां नये एडमिशन वाली भी गजब अंग प्रदर्शन कर रहीं थीं... मुझे लगा साला यहां तो एक से एक खूबसूरत आईटम हैं और चंचल भी,,,, कहीं शालिनी इन सब के चक्कर में ना आ जाए।। आज कल मैं सिटी का माहौल देख ही रहा था, पहले लड़कियां सिर्फ प्यार करतीं थीं और आज कल चुदाई और शापिंग ....
मैंने तो पहले से ही सोच लिया था कि मुझे शालिनी को ब्वायफ्रेन्ड के चक्कर में पड़ने से पहले ही अपना हमबिस्तर बना लेना है, और अब मैं ये जल्दी करना चाह रहा था ।
खैर,,, मैं और शालिनी लाईब्रेरी का कार्ड बनवाने के बाद बाहर बड़े ग्राउंड में आकर घास पर एक पेड़ की छांव में बैठ गये ।
सागर- तो तुम्हारे तो सारे काम हो गए, अब दस मिनट आराम कर लें फिर घर चलें । और कालेज कैंपस कैसा लगा।
शालिनी- बहुत जबरदस्त... बस पढ़ाई भी ऐसी ही जबरदस्त हो...
वह बहुत ही एक्साइटेड थी
सागर- हां, यहां पढ़ाई भी टापक्लास है और बाकी सब भी
शालिनी थोड़ा हंसने के बाद बोली हां वो तो दिख रहा है।
सागर- हां, दिख तो रहा ही है, यहां की लड़कियों का कान्फीडेन्स देखा... बोल्ड ब्यूटीज...
शालिनी- बोल्ड भी और बेशर्म भी...
सागर- अरे, यहां मुझे तो कोई बेशर्म नही दिखाई देता है...
शालिनी- वो सामने ही देखिए, वो लड़की की शर्म।
सागर- नहीं, वो क्या बेशर्मी कर रही है, वो तो अपने साथ आए लड़के से बात कर रही है।
शालिनी- नहीं,मेरा वो मतलब नहीं है, आप वो.... वो उसके कपड़े देखिए कितना एक्सपोज हो रहा है।
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