RE: Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत
"एक कातिल," उसने सावधानी से कहा, "जो शायद इस शहर का एक बिल्कुल सामान्य नागरिक है, और जिसके पास हेन्ज एगर्स, अर्न्स्ट सिमेल और मॉरिस र्यूमे को मारने की कोई बहुत ठोस वजह है। सब के सब आदमी हैं, सब के सब हाल में आए हैं।"
बढ़िया, मुंस्टर ने सोचा। तो अब हमें पता है।
"ऐसे कितने बंदे हैं?" उसने पूछा।
"मैंने थोड़ा जोड़-तोड़ किया है," वान वीटरेन ने कहा। "अगर हम औरतों को निकाल दें--"
" "क्या हम ऐसा कर सकते हैं?" नहीं," वान वीटरेन ने कहा, "मगर फिर भी करेंगे। और बुजुर्गों, और बच्चों को, और ऐसा करने की भी हमें असल में इजाजत नहीं है। खैर, इससे हमारे पास करीब पंद्रह हजार लोग बचते हैं।"
"बहुत बढ़िया," मुंस्टर ने कहा। "क्या हम पंद्रह से पचहत्तर साल के सभी पुरुष नागरिकों से पुलिस स्टेशन आने और उन मौकों पर कहीं और अपनी मौजूदगी का सुबूत देने को कह सकते हैं?"
"बिल्कुल कह सकते हैं," वान वीटरेन ने कहा। "मुझे जरा भी शक नहीं है कि क्रोप्के को इस सबको अपने कंप्यूटर में डालने में बहुत खुशी होगी। मेरा अनुमान है, ये क्रिसमस के आसपास तैयार हो जाना चाहिए।"
"कोई शॉर्टकट भी बुरा नहीं रहेगा," मुंस्टर ने कहा।
"वही तो हमें पता लगाना है," वान वीटरेन ने अपनी कॉफी खत्म करते हुए कहा। "इसीलिए तो हम यहां हैं।"
"वाकई?" मुंस्टर ने कहा। "मुझे तो हैरानी होने लगी थी..."
"तुम्हारे ख़्याल से हमें किस पर फोकस करना चाहिए?” वान वीटरेन ने पूछा, जबकि मुंस्टर ने दरवाजे के हैंडल की ओर हाथ बढ़ाया ही था।
"मतलब क्या?"
"अगर ये एबीसी मामला नहीं है तो भी दो कत्ल और कर देना एक विचार रहा हो सकता है। उनमें से किसी एक पर फोकस करें, मानो बाकी दोनों कभी हुए ही न हों। इस तरह हम अपने फोकस को भटकने से बचा लेंगे। अगर हमने एक को सुलझा लिया, तो बिला शक उन सबको सुलझा लेंगे। एक झटके में तीन फाइलें।"
मुंस्टर ने सहमति दी।
"ऐसा है तो मॉरिस र्युमे," उसने कहा। "हमारे हाथ में जब एक ताजा लाश है तो पुरानियों को कुरेदने की कोई तुक नहीं है।"
"यही मेरा भी मानना है," वान वीटरेन ने कहा। "एक दिन तुम बहुत आगे जाओगे।"
“अभी तो मैं बिस्तर में घुसने जा रहा हूं," मुंस्टर ने कहा। "गुडनाइट, सर!"
20
जैसे ही आंख खुली, वो न्यूजस्टैंड पर गई और अखबार खरीद लाई।
ये इतवार के कार्यक्रम का हिस्सा था, और आमतौर पर उसे भरोसा होता है कि उसके वहां तक चलकर जाने और वापस आने तक केतली उबलने लगेगी। मगर आज उसे चार गुना ज़्यादा समय लगा। मिसेज सॉरेनसन ने उसे मेनगेट के बाहर ही रोक लिया, वो चाहती थीं कि वो उन्हें चिंतामुक्त करे, मि. मार्कोविच ने अपनी बालकनी से चिल्लाकर अपना मत जाहिर किया और न्यूजस्टैंड पर मिस डीमार तो उसे तब तक अखबार देने को तैयार ही नहीं हुई, जब तक कि उसने विस्तार से पूरी रिपोर्ट नहीं दे दी कि कातिल की खोज किस तरह आगे बढ़ रही है। एक परिवार को, जो हाल ही में शहर में आया था--पति-पत्नी और दो रोंदू बच्चे--को पुलिस की क्षमता और आम, सभ्य नागरिकों की रक्षा करने की उनकी ड्यूटी पर अपने विचार जाहिर करने थे; और जब आखिरकार किसी तरह वो वहां से निकल पाई, तो ये कहकर कि लंच के बाद उसे कुछ अहम पूछताछ करनी हैं।
"पूछताछ! वाकई?" जेनिटर मि. ग्युर्ट्ज भन्नाए, जो पता नहीं कहां से आ धमके थे। "ये तो बड़ी बात है, मैं कहूंगा। और आपको अगले शिकार के कब तक मिलने की उम्मीद है?"
उनके व्यंग्य को न देख पाना नामुमकिन था। लेकिन फिर, उसने खुद को याद दिलाया कि मि. ग्युर्ट्ज के पास कभी भी कुछ अच्छा कहने को तो होता नहीं है। तब से नहीं जब कुछ साल पहले किसी ने उनके हिस्से के खरगोश के पिंजड़ों को आग लगा दी थी। वास्तव में, वो उनका पॉइंट देख सकती थी; उनकी दुनिया में, नेकी ने बिना शर्त बुराई के सामने हार मान ली थी। उनके सामने अप्रिय घटनाओं और बदसूरत चीजों के अलावा और किसी चीज की उम्मीद करने की कोई वजह नहीं थी। ये बस निराशा से बचने का एक तरीका था |
शायद ये कोई बेवकूफी भरा नजरिया भी नहीं था--तब नहीं जब आप कमजोर मूत्राशय, मोतियाबिंद और हृदय के तंतुविकसन से जूझ रहे एक तन्हा बूढ़े आदमी हों। दूसरी ओर, अगर आप अपने चरम पर मौजूद औरत हों, तो शायद आपको जीवन के प्रति एक ज़्यादा संतुलित नजरिया अपनाने की कोशिश करनी चाहिए।
बेवकूफ बुढ्डा, अपने पीछे दरवाजा बंद करते हुए बियाटे मोएर्क का निष्कर्ष था ।
अखबारों द्वारा पकड़ी गई लाइन कमोबेश समान ही थी। पहले कत्ल को ढाई महीना, दूसरे को बारह और आखरी वाले को तीन दिन हो गए थे--यकीनन अब तो समय था ही कि पुलिस कुछ कहे? उसे क्या सुराग मिले हैं? वो किन अवधारणाओं पर काम कर रही है? क्या उसे कोई ठोस संदेह हैं? आम जनता को जानकारी पाने का हक है!
मगर फिर भी, आलोचना उतनी तीखी नहीं थी, जितने का सामना उसे न्यूजस्टैंड पर करना पड़ा था। बॉजेन और मदद के लिए बाहर से बुलाए गए दोनों विशेषज्ञों पर उनका भरोसा कमोबेश अडिग मालूम देता था। बजाहिर परसों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने वाग्जाल और चतुर पैंतरों के साथ पुलिस चीफ एक बार फिर कामयाब रहे थे।
अनुमान और अटकलें लगाने के खेल और भी ज़्यादा उत्साही हो गए थे।
ये विकराल दानव कौन था?
कोई पागल? मनोरोगी कसाई? कालब्रिंजेन का कोई एकदम सामान्य बीवी-बच्चों वाला और कानून के अनुसार जीने वाला नागरिक?
पत्रकारिता के नजरिए से बाद वाली संभावना, बेशक, सबसे लुभावनी थी--ये विचार कि वो कोई भी हो सकता है! बस में आपके सामने बैठा कोई। कोई जिससे पोस्ट ऑफिस की लाइन में आपने बात की थी। हाईस्कूल के सप्लाई टीचर्स में से कोई। विभिन्न वर्गों के अनेक मनोवैज्ञानिक अपनी राय दे रहे थे; एक अखबार ने अपने संडे सप्लीमेंट में इसी तरह के अनेक मामलों के बारे में एक लेख छापा था, जिनमें से ज़्यादातर विदेशों के और कई दशक पुराने थे। रॉलियर्स, नाइस हत्यारे; गुंथर काट्ज, वर्मस्टेन का मौत का दूत; अर्नी फिशर जिसने 1930 के दशक में शिकागो में औरतों की निर्मम हत्याएं की थीं--बॉस्टन स्ट्रैंग्लर और आपराधिक दुनिया के दूसरे सितारों की बात तो रहने ही दें।
चूंकि तफ़्तीश की बागडोर संभालने वालों से कोई स्पष्ट मार्गनिर्देशन नहीं मिला था, इसलिए अटकलों का बाजार अपने पूरे शबाब पर था। न्यू ब्लाट ने तथाकथित लाइजनर पार्क की अवधारणा को प्रमुखता दी थी, जो इस तथ्य पर आधारित था कि दो में से कम से कम एक हत्या (सिमेल और र्यूमे) में कातिल शायद उस पार्क से या उसमें से होकर आया था, और इसलिए वो उस क्षेत्र के किसी अपार्टमेंट ब्लॉक में रहता होगा। सी.जी. गॉटिएने ने डैन पोस्ट में लिखा था कि "कातिलों का बढ़ता हुआ हौसला काफी स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि अगले ह्फ़्ते के शुरू में, मंगलवार या ज़्यादा से ज़्यादा बुधवार तक एक और हमला होगा..." जबकि टेलीग्राफ ने अपने पाठकों को फरसामार से बचने के सबसे प्रभावी तरीकों की जानकारी दी थी, साथ ही अपने रेजीडेंट ज़्योतिषी खॉन्ने की भविष्यवाणी भी दी थीः अगला शिकार शायद बिल्डिंग कारोबार का कोई बयालीस वर्षीय आदमी होगा।
बियाटे मोएर्क ने गहरी सांस ली।
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