Raj Sharma Stories जलती चट्टान
08-13-2020, 12:57 PM,
#22
RE: Raj Sharma Stories जलती चट्टान
‘तो क्या तुमने भी पूजा आरंभ कर दी।’

‘जी, आपके संग का तो प्रभाव होना ही था।’

‘तो हम समझें कि हमारे संग से पत्थर भी द्रवित हो उठे। जाओ भगवान तुम्हारा कल्याण करे।’

राजन ने एक बार और प्रणाम किया और हाथों में फूल लिए ड्यौढ़ी से बाहर हो लिया। बाहर आते ही वह एक ओर छिप गया। उसकी दृष्टि द्वार पर टिकी थी। थोड़ी ही प्रतीक्षा के बाद ड्यौढ़ी के किवाड़ खुले और पार्वती हाथ में धोती लिए बाहर आई। उसने चारों ओर घूमकर देखा, जब उसे विश्वास हो गया कि वहाँ कोई नहीं, तो नदी की ओर चल दी। राजन वहीं खड़ा रहा। जाते-जाते पार्वती ने दो-तीन बार मुड़कर देखा और फिर शीघ्रता से आगे बढ़ने लगी। जब वह ओट में हुई तो राजन उसका पीछा करने लगा।

पीछा करते-करते वह मंदिर तक जा पहुँचा। पार्वती सीढ़ियों के पास पल-भर रुकी, उन्हें खाली देख मुस्कराई और नीचे मंदिर की ओर उतर गई। घाट पर अभी तक लोग स्नान कर रहे थे। राजन वहीं खड़ा पार्वती को देखता रहा। ज्यों ही वह नदी के किनारे-किनारे चलने लगी तो वह भी शिलाओं के पीछे छिपा-छिपा उसी ओर बढ़ने लगा। पार्वती स्त्रियों वाले घाट पर भी न रुकी और एकांत की खोज में बढ़ती गई। राजन बराबर उसका पीछा कर रहा था। थोड़ी ही देर में वह घाट से काफी दूर निकल गई और नदी में पड़े पत्थरों पर पग रखती हुई दूसरी ओर चली गई। राजन शीघ्रता से एक बड़े पत्थर के पीछे छिप गया और पार्वती को देखने लगा।

पार्वती नदी की ओर मुख किए उछलती लहरों को देख रही थी। समीप ही एक छोटी-सी नाव पड़ी थी। नाविक का कहीं दूर तक कोई चिह्न नहीं था, यों जान पड़ता था, जैसे उसे यह एकांत स्थान मन भा गया हो।

पार्वती ने एक बार चारों ओर देखा-एक लंबी साँस ली और नदी किनारे बैठ अपने पाँव जल में डाल दिए, परंतु तुरंत ही निकाल लिए, शायद जल अत्यंत शीतल था। वह उठ खड़ी हुई और अपने बालों को खोल डाला। जब उसने जोर से अपने सिर को झटका दिया तो लंबे-लंबे बाल हवा में लहराने लगे। उसने अच्छी तरह से धोती को अपनी गर्दन पर लपेट लिया तथा नीचे के वस्त्र उतार उस शिला पर फेंक दिए, जिसके पीछे खड़ा राजन सब देख रहा था। राजन ने झट से सिर नीचे कर लिया। जब धीरे-धीरे उसकी दृष्टि ऊपर उठी तो पार्वती की लंबी-लंबी उंगलियाँ उसकी चोली के बंधन खोल रही थीं।

तभी राजन के पैर का दबाव एक पत्थर पर पड़ा। पत्थर धड़धड़ाता हुआ नीचे की ओर जा गिरा। पार्वती चौंक पड़ी, उसका मुँह पीला पड़ गया। राजन को देखते ही उसका पीला मुँह लाज के मारे आसक्त हो उठा। सिर झुकाए काँपती-सी बोली, ‘राजन तुम... तुम... तुम यहाँ।’

‘हाँ पार्वती! मैंने बहुत चाहा कि मैं न आऊँ, पर रुक नहीं सका पार्वती! मैं समझ नहीं पाया कि यह मुझे क्या हो गया?’ कहते-कहते वह चुप हो गया। राजन पत्थर के पीछे से निकला और पार्वती की ओर बढ़ने लगा। अभी उसने पहला ही पग उठाया था कि पार्वती चिल्लाई-‘राजन!’

‘राजन’ शब्द सुनते ही वह रुक गया। पार्वती ने उसी समय एक पत्थर उठाया और बोली-‘यदि एक पग भी मेरी ओर बढ़ाया तो इसी पत्थर से तुम्हारा सिर फोड़ दूँगी।’

राजन सुनकर मुस्कराया, फिर बोला-‘बस इतनी सी सजा, तो लो मैं उपस्थित हूँ।’

यह कहकर वह फिर बढ़ने लगा। पार्वती ने पत्थर मारना चाहा, परंतु उसके हाथ काँप उठे और पत्थर वहीं धरती पर गिर पड़ा। जब राजन को करीब आते देखा तो वह घबराने लगी। शीघ्रता से पाँव पानी में रख वह नदी में उतर गई। राजन वस्त्रों सहित नदी में कूद पड़ा। पार्वती मछली की भांति जल में इधर-उधर भागने लगी। अंत में राजन ने पार्वती को पकड़ लिया और बाहुपाश में बाँध जल से बाहर ले आया। पार्वती की पुतलियों में तरुणाई छा गई थी। उसने एक बार राजन की ओर देखा, फिर लाज के मारे आँखें झुका लीं। वह अभी तक राजन के बाहुपाश में बँधी थी।

राजन ने पूछा-‘पार्वती! तुम्हें यह क्या सूझी?’

‘सोचा कि तुम्हें तो लाज नहीं-मैं ही डूब मरूँ।’

‘तुम नहीं जानती पार्वती... मैं तो तुमसे भी पहले डूब चुका हूँ।’

‘क्या हवा में?’

‘नहीं तुम्हारी इन मद भरी आँखों के अथाह सागर में, जिनसे अभी तक प्रेम रस झर रहा है।’

‘राजन!’ कहते-कहते उसके नेत्र झुक गए। राजन ने काँपते हुए उसे सीने से लगा लिया।

नदी के शीतल जल में दोनों बेसुध खड़े एक-दूसरे के दिल की धड़कनें सुन रहे थे। पार्वती का शरीर आग के समान तप रहा था। ज्यों-ज्यों नदी की लहरें उसके शरीर से टकरातीं, भीगी साड़ी उसके शरीर से लिपटती जाती। राजन ने धीरे से पार्वती के कान में कहा-‘शर्माती हो।’

‘अब तो डूब चुकी राजन!’

‘देखो तुम्हारा आँचल शरीर को छोड़कर लहरों का साथ दे रहा है।’

‘चिंता नहीं।’

‘तुम्हें नहीं, मुझे तो है।’
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj Sharma Stories जलती चट्टान - by desiaks - 08-13-2020, 12:57 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,585,165 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 553,894 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,269,160 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 959,468 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,701,191 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,120,781 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,020,814 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,294,750 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,113,779 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 293,065 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)