RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
ज्योति दीदी ज्योति के इस काम से मैं बहुत अचंभित था, फिर मैं लॉज के अंदर घुसा तो रिसेप्शन पर एक लड़का बैठा हुआ था। और वो मुस्कुराते हुए एक चाभी देते हुए बोला।
लड़का – ऊपर की मंजिल पर २०९ नंबर का कमरा है।
फिर ज्योति दीदी ने उसे ५०० रू का नोट दे दिया। फिर हम दोनों ऊपर की मंजिल पर जाने लगे , और ज्योति दीदी ज्योति अब कमरे का ताला खोला और हम दोनों अंदर चले गए। मेरी ओर देखते हुए ज्योति बोली।
ज्योति – नी की बोतल मंगवा लेते है और खाने का ऑर्डर दे देते है, ठीक है ना ?
मैं – ठीक है ज्योति दीदी।
और फिर होटल के सर्भिस स्टाफ को फोन करके सब कुछ का ऑर्डर ज्योति ने कर दिया, वो मेरे बगल में बैठी पर अंदर से दरवाजा खुला हुआ था।
मै बोला – कमरा तो बढ़िया है ज्योति दीदी।
ज्योति – अबे साले चोदु अभी तो बीबी बोल ले मुझे।
मैं – अभी तो तुम मेरी ज्योति दीदी ही हो, बीबी बनोगी तब तो कहूँगा बीवी।
इतने में एक लड़का आकर पानी का बोतल दे कर वापिस चला गया। ज्योति ने उठकर दरवाजा को बंद किया और मेरी बगल में बैठकर मुझे घूरने लग गयी।
ज्योति अब बेड के किनारे पर बैठकर अपने टॉप्स को निकाल देती है, उसके बूब्स ब्रा में काफी खूबसूरत दिख रहे थे। फिर ज्योति अपने लेगिंग्स को कमर से नीचे करने लगी और उसने मुझे भी कपडे उतारने को बोला। मै अपने शर्ट और जींस को उतारकर एक खूंटी में टांग दी, और सिर्फ कच्छा और बनियान में बैठे गया।
ज्योति दीदी सिर्फ पेंटी और ब्रा पहन कर बैठी थी, उसकी मदमस्त जवानी को देख मैं तड़प उठा। तभी २३ साल की मस्त माल बेड पर लेट गई और मै भी उसके बगल में बैठ गया, उसके बदन को निहारता हुआ। मैं अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया। ज्योति के गोल गोल बूब्स उसके सीने कि खूबसूरती बढ़ा रहे थे।
तो मै अब ज्योति के जिस्म पर झुक कर उसके चेहरे को चूमने लग गया। उसके बूब्स को दबाता हुआ मैं उसके होंठो को मुंह में लेकर चूसने लग गया। और ज्योति अब मेरे बदन पर हाथ फेरने लग गयी। अब ज्योति अपना आपा खो चुकी थी और वो अपने लंबी जीभ को मेरे मुंह में भरकर चुसवा रही थी।
उसके बूब्स को ब्रा पर से मसलते हुए, मैं उसकी जीभ को चूस रहा था। और पल भर बाद ज्योति मेरे चेहरे को पीछे की ओर कर दिया। मेरे मुंह से जीभ बाहर निकाल कर ज्योति ने अपना हाथ अपने पीछे की ओर ले जाकर अपनी ब्रा को भी खोल दी। तो मै उसके एक चूची को पकड़कर उसके घूंडी को जीभ से चाटने लगा और मैं बोला।
मैं – अरे जानेमन मेरे रहते हुए, तू कपडे खुद क्यों उतार रही है ?
ज्योति – चल अब दूध पी और अपनी बकवास बंद कर।
और मै ज्योति के एक चूची को मुंह में लेकर उसे चूसता हुआ दूसरे स्तन को दबाने लग गया। वो मुझे अपने छाती से लगाकर दूध पीला रही थी, और मेरा लंड कच्छा में टाईट हो रहा था। ज्योति की सिस्कान निकलते हुए बोली।
ज्योति – आह ओह ऊं और तेज चूसो ना मेरी चूची को।
मेरा लंड तो अब पूरी तरह से टाईट हो गया था, लेकिन मुझे अभी ज्योति को पहले गरम करना था। उसकी दूसरी चूची चूसता हुआ मैं मस्त हो रहा था, फिर मै ज्योति दीदी के सपाट पेट से लेकर कमर तक को चूमने लग गया।
ज्योति अपने दोनो पैर को बिस्तर पर रगड़ रही थी ,तभी मै ज्योति दीदी की चुतर के नीचे एक तकिया डाला। और उसके जांघों को दो दिशा मे करके, मैं उसकी पेंटी पर नाक लगाकर बुर को सूंघने लगा। ज्योति के पेंटी की डोरी को खोला और उसकी चूत को नग्न कर दिया।
ज्योति की चूत चिकनी और बिन बार की थी और दोनों फांक ब्रेड पकोड़े की तरह फूली हुई थी। अब मै बुर के मुहाने पर नाक लगाकर बुर सूंघने लग गया, और फिर बुर पर होंठ सटाकर चूमने लग गया।
मैं ज्योति की बदन के हरेक अंग के साथ वक़्त बिताना चाहता था, अब बुर को चूमता हुआ ज्योति दीदी कि बुर के फांक को अलग किया। और जीभ से बुर चाटने लग गया, ज्योति दीदी मेरे बाल को कस रही थी।
वो मेरे सर को अपने चूत की ओर धंसा रही थी, और मै उसकी चूत को जीभ से चाटने मे लगा हुआ था। ज्योति दीदी सिसकते हुए बोली।
ज्योति – अबे साले कुत्ते सिर्फ बुर चाटता रहेगा या चोदेगा भी।
तो मैंने ज्योति की बुर को छोड़कर सर ऊपर किया। ज्योति बेड पर नंगे लेटि हुई थी, तो मै अब ज्योति के चेहरे के पास बैठा और अपना कच्छा खोल दिया। मेरा लंड पूरी तरह से टाईट हो गया था।
तो मै ज्योति दीदी के होंठो पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा और टाईट लंड धीरे धीरे उसके मुंह में जाने लग गया था। ज्योति अपने मुंह को खोलकर मेरा लंड ले कर चूसने लग गयी, तो मै उसके दोनों बूब्स को मसलने लग गया।
अब ज्योति की आंखें बंद थी और मै उसके सर के पीछे हाथ लगाकर थोड़ा ऊपर किया और लंड से उसका मुंह को चोदने लग गया। मेरे लंड का सुपाड़ा उसके गले मे अटक रहा था और मै ज्योति के मुंह को अपने लंड से चोदता जा रहा था। कुछ देर के बाद ज्योति मेरा लंड मुंह से निकालकर उस पर जीभ फेरने लग गयी और अब हम दोनों गरम हो चुके थे।
अब ज्योति वाशरूम जाकर फ्रेश हुई और मै भी फ्रेश हो गया। फिर हम दोनों बेड पर नंगे ही थे, ज्योति बोली।
ज्योति – तुम बियर पीते हो ना ?
मैं – हाँ क्यों तुम्हारा भी पीने का मन है ?
ज्योति – जरूर।
तो मैंने होटल स्टाफ को फोन किया और कुछ देर बाद वो बियर की बोतल लेकर वो हाज़िर हो गया। मैं कमर से एक तौलिया लपेट रखा था, तो ज्योति दीदी वाशरूम घुस गई थी, अब वो स्टाफ वाला चला गया। तो मैंने दरवाजा बंद किया और वाशरूम का दरवाजा खटखटाने लग गया।
तो ज्योति दरवाजा खोला और अब दोनों बेड पर बैठकर बियर को गलास में डाले पीने लग गये। ज्योति बेशर्म लड़की की तरह मेरे मुंह से सिगरेट लेकर पीने लग गयी, बिल्कुल किसी रण्डी की भांति हरकत कर रही थी। और दोनों बियर पीकर थोड़े ठंडे पड़ गए। अब ज्योति मेरे लंड को पकड़ कर बोली।
ज्योति – चल अब अपनी बीबी की चुदाई कर।
और वो बेड पर लेट गई तो मै उसकी जांघों के बीच घुटने के बल बैठकर, लंड को उसकी बुर में पेलने लग गया। आधा लंड आराम से ज्योति दीदी की चूत में चला गया था, और मैने कमर थामे एक जोर का झटका बुर पर दे दिया। जिससे मेरा लंड अब बुर के अंदर चला गया था और मै अब जोर जोर से चुदाई करने लग गया।
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