MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 02:33 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
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मैं घुटनो के बल, अपना पेट पकड़ कर ज़मीन पर बैठा कराह रहा था. कीर्ति घबराई हुई मेरे पास आई और मेरे पास बैठ कर मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए मुझसे कहा.

कीर्ति बोली “ये अचानक क्या हुआ तुझे. क्या तेरे पेट मे दर्द हो रहा है.”

लेकिन उस समय दर्द की वजह से मेरी जान निकली जा रही थी और मैं कीर्ति के किसी भी सवाल का जबाब देने की हालत मे नही था. मैने दर्द से कराहते हुए कहा.

मैं बोला “जा जल्दी से छोटी माँ को बुला वरना मैं दर्द से मर जाउन्गा.”

मेरी ऐसी हालत को देख कर कीर्ति और भी ज़्यादा घबरा गयी और फिर बिना देर किए, भागती हुई छोटी माँ को बुलाने चली गयी.थोड़ी ही देर मे छोटी माँ निमी को गोद मे लेकर, कीर्ति और अमि के साथ मेरे पास आ गयी.

उन्हो ने फ़ौरन निमी को अपनी गोद से नीचे उतारा और मेरे पास आ गयी. उन को अपने पास देख कर, मुझे बहुत राहत महसूस हुई. उनकी समझदारी और हिम्मत का लोहा तो सभी मानते थे.

मुझे भी यही लगा था कि, छोटी माँ आएगी और मुझे जल्दी से हॉस्पिटल ले जाएगी. लेकिन छोटी माँ ने आकर जो किया, उसकी तो मुझे उन से उम्मीद ही नही थी. वो आकर मेरे पास बैठ गयी और मेरा सर पकड़ कर अपनी गोद मे रख लिया.

लेकिन शायद छोटी माँ को मेरी ऐसी हालत होने का अंदाज़ा नही था. इसलिए जब उन्हो ने मुझे ज़मीन पर पड़ा दर्द से तड़प्ते देखा तो, वो अपनी सुध बुध खो बैठी और उनकी आँखों से आँसुओं की नदियाँ बहने लगी और मेरे चेहरे पर तप टॅप आँसू गिरने लगे.

छोटी माँ की आँखों से आँसू बहे जा रहे थे और वो बार बार मेरे माथे को चूम कर मुझसे पूछती जा रही थी. “क्या हुआ मेरे बच्चे, तुझे क्या हुआ. तू ऐसा क्यो पड़ा है.”

वो बस रोए जा रही थी और बार बार मेरे चेहरे को चूम कर बस यही पुच्छे जा रही थी. उनकी सारी समझदारी इस वक्त ना जाने कहाँ खो गयी थी और उन्हे ये भी होश नही रहा कि, ऐसी हालत मे मुझे हॉस्पिटल ले जाना चाहिए.

मैं ये तो अच्छी तरह से जानता था कि, छोटी माँ मुझे बहुत प्यार करती है. मगर कितना ज़्यादा प्यार करती है, ये मुझे आज महसूस हो रहा था. मेरी ज़रा सी तकलीफ़ से उनकी सारी सुध बुध और समझदारी कहीं खो सी गयी थी.

उनके इस प्यार को महसूस करके, एक पल के लिए मैं अपना सारा दर्द भूल गया और मेरी आँखें भी आँसुओं से भर गयी. वही दूसरी तरफ छोटी माँ को रोता हुआ देख कर, अमि निमी और कीर्ति भी रोने लगी.

जिसे सुनकर पार्टी मे आए लोग वहाँ जमा होने लगे और कुछ ही देर मे मौसा जी, मौसी, आंटी और अंकल भी हमारे पास आ गये. मौसा जी को देखते ही कीर्ति ने उन्हे रो रो कर सारी बात बता दी.

जिसे सुनते ही मौसा जी गाड़ी निकालने जाने लगे और अंकल से कहा कि वो मुझे लेकर आए. मौसा जी की बात सुनते ही अंकल ने मुझे गोद मे उठा लिया और आंटी से कहा.

अंकल बोले “रिचा, तुम और अनु बच्चों का ख़याल रखो. हम लोग पुन्नू को लेकर हॉस्पिटल जाते है.”

इसके बाद मौसा जी, अंकल और छोटी मा मुझे हॉस्पिटल लेकर आ गये. जहा डॉक्टर ने मेरी जाँच की और मुझे एक इंजेक्षन दे दिया. जिस से मेरे पेर का दर्द कम हो गया और मुझे नींद आ गयी.

रात भर मैं बेहोशी की नींद सोता रहा और सुबह जब मेरी नींद खुली तो छोटी माँ मेरे पास ही बैठी थी. उनकी आँखों से पता चल रहा था कि, वो सारी रात सोई नही है.

मुझे जागते देख कर उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. लेकिन अपने आपको हॉस्पिटल मे ही देख कर मुझे हैरानी हुई और मैने छोटी माँ से कहा.

मैं बोला “छोटी माँ, मैं अभी तक हॉस्पिटल मे क्यू हूँ. मुझे तो बस पेट मे दर्द था और जब डॉक्टर ने दवा दे दी थी तो हम घर वापस क्यू नही गये.”

मेरी बात सुनकर छोटी माँ ने प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरा और मुस्कुराते हुए कहा.

छोटी माँ बोली “तू अभी पूरी तरह ठीक नही हुआ है. अभी तुझे कुछ दिन और हॉस्पिटल मे रहना होगा.”

मैं बोला “नही छोटी माँ, अब मुझे पेट मे ज़रा भी दर्द नही है. अब मैं पूरी तरह से ठीक हूँ.”

मेरी बात सुनकर छोटी माँ ने मुझे समझाते हुए कहा.

छोटी माँ बोली “नही, अभी तू पूरी तरह ठीक नही हुआ है. तेरे पेट मे दर्द अपेंडिक्स मे सूजन की वजह से उठा था. उसका एक छोटा सा ऑपरेशन होना है. उसके बाद तू पूरी तरह ठीक हो जाएगा.”

ऑपरेशन का नाम सुनते ही मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और डर के मारे मेरी हालत खराब हो गयी. मेरे चेहरे का उड़ा हुआ रंग देख कर छोटी माँ को मेरी हालत का अंदाज़ा हो गया.

छोटी माँ मुझे समझाने की कोसिस करती रही. लेकिन मैं ऑपरेशन के लिए मना करता रहा. कुछ ही देर मे मौसा जी और अंकल आंटी भी आ गये. वो भी मुझे समझाने की कोसिस करते रहे.

मगर मैं किसी की भी बात मानने को तैयार नही था. बाद मे छोटी माँ ने अमि निमी का वास्ता देकर किसी तरह मुझे ऑपरेशन के लिए तैयार कर ही लिया और कुछ घंटो के बाद मेरा अपेंडिक्स का ऑपरेशन हो गया.

ऑपरेशन के समय मौसी और कीर्ति के अलावा सभी लोग हॉस्पिटल मे थे. फिर ऑपरेशन के बाद जब मुझे होश आया तब भी एक एक कर सभी लोग मुझसे मिले. लेकिन मौसी और कीर्ति अभी भी मुझसे मिलने नही आई थी.

उस समय मुझ पर दवाइयों का नशा था. इसलिए मैं इस बात पर ज़्यादा गौर नही कर पाया था. लेकिन जब दूसरे दिन भी मौसी और कीर्ति मुझे देखने नही आए. तब खुद ब खुद मेरा ध्यान इस बात पर चला गया.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 02:33 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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