RE: Rishton mai Chudai - परिवार
फिर सुवर्णा बोलती है कि रण्डी रुक जा तुझे मौका मिला कि नही तुरन्त सुरु हो जाती है । तेरी इन्ही हरकतों की वजह से हम कितनी बार पकड़ाने से बच गए है ।बस इतना ही सुनी या ओर भी कुछ ।क्यूंकि जब कोई बात मनवानी हो तभी वो लोग चाचा के ऊपर खुस होती है ।
इसपर चंचल बोलती है कि
चंचल "हा दीदी आप बिलकुल ठीक समझी हो ।वह लोग काल चाची के मायके जाने की तैयारी कर रही है।"
सुवर्णा "लेकिन किस लिए वो भी अचानक तेरी नानी की तबियत तो ठीक है ना"
चंचल "दीदी नानी की तबियत बिल्कुल ठीक है माँ और बड़ी माँ राहुल को लेकर एक वैध के पास जा रही है ।जिसके बारे में नानी ने मा को बताया और माँ ने बड़ी माँ को तो इसलिए कल माँ और बड़ी माँ के साथ राहुल भी जा रहा है।"
सुवर्णा " भगवान करे कि इस बार उस वैध की दवा काम कर जाए ।उस हादशे के बाद एक बहन ने अपनी आंखें खो दी और हमारे एकलौते भाई के साथ ऐसा हादसा हुआ कि उसका पूरा जीवन ही बेकार हो गया। तुझे तो पता ही है कि गांव के सारी लडकिया हमारे भाई को हिजड़ा कहती है तो मुझे कितना बुरा लगता है ।"
चंचल "हा दीदी आप बिलकुल ठीक बोल रही हो गांव की लड़कियां ही नही बल्कि पूरा गांव उसे हिजड़ा बोलता है जब भी मैं यह सुनती हो मेरे मन मे बस एक ही ख्याल आता है कि मैं इन सबकी मुह तोड़ दु।"
सुवर्णा "सोच जब हमें यह सब बातें सुनकर इतना बुरा लगता है तो उस बेचारे के ऊपर क्या बीतता होगा ।"
चंचल "आप बोल तो बिल्कुल ठीक रही हो । जानती हो दीदी मेरा हमेशा से एक ख्वाब था कि मेरी सील मेरा भाई ही तोड़े मैंने बहुत दिनों तक इंतजार की लेकिन जब उम्मीद नही रही तो एक लड़के से दोस्ती की लेकिन उस लड़के में इतना दम नही था कि वह किसी लड़की की चोद सके ।लेकिन अगर इस बार भाई का इलाज कामयाब रहा तो मैं अपना सपना जरूर पूरा कर पाऊंगी।"
सुवर्णा " तुमने तो अपनी उम्मीद खो कर एक दूसरे लड़के के साथ वह सब कुछ करने को तैयार हो गई जो सपना तूने अपने भाई के साथ करने का देख रखा था। लेकिन मुझे देख ले मैंने आज तक उस नजर से तेरे सिवा किसी और को देखा तक नहीं। मैं तुझसे इतना खुलकर बात करती हूं तो इसका मतलब यह मत समझ लेना कि मेरा चक्कर बाहर भी चलता है।"
चंचल " दीदी आपको सफाई देने की कोई भी जरूरत नहीं है मैं तो आपकी परछाई भला परछाई से भी कोई बात छुप सकती है। इसीलिए तो मैंने भी उस लड़के के बाद किसी और की तरफ कभी भी नहीं देखा क्योंकि जिस उम्मीद पर आप जी रहे हैं उसी उम्मीद पर अब मैं भी हूं।
सुवर्णा " वैसे तुझे क्या लगता है इस बार भाई का इलाज सही से हो पाएगा।
इधर चाची चाचा से चुदाई करा लेने के बाद उनके लण्ड को अपने हाथों में पकड़ कर फिर से हिला रही थी।लेकिन चाचा में अब हिम्मत नही बची थी कि अब वह एक औऱ बार कर सके इसलिए वो चाची से बोलते है कि
चाचा " अब तुम मुझे छोड़ दो मुझ में इतनी ताकत नहीं है कि मैं तेरी एक बार और चुदाई कर सकूं। तेरी शरीर की गर्मी तो दिन पर दिन बढ़ती जा रही है लगता है तेरी यह चुदाई की भूख अब एक लण्ड से शांत नही होने वाली है । वैसे इस मेहरबानी की वजह मैं पूछ सकता हूं क्योंकि जहां तक मैं तुझे जानता हूं तू बिना मतलब के शूज मुझे हाथ भी नहीं लगाने देती है अब बता तुझे क्या चाहिए जल्दी बोल मुझे सोना भी है क्योंकि कल खेतों में काम कुछ ज्यादा ही है।"
चाची " मुझे आपसे रुपए पैसे नहीं चाहिए मुझे तो आपसे बस एक परमिशन लेनी थी।"
चाचा " कैसी परमिशन लेनी है तुझे कहीं कोई दूसरा तो पसंद नहीं आ गया जिसके साथ तू चुदाई करने के लिए परमिशन लेने आ गई।"
चाची " आप क्या अपनी तरह समझ लिए हो कि औरत देखी नही और कुत्ते की तरह लार टपकाना चालू ।मैं और दीदी कल मेरे मायके माँ से मिलने जाना चाहती है ।"
चाचा "कही तरी माँ ऊपर तो नही जाने वाली है जो उनसे मिलने के लिए तुम दोनों जाना चाहती हो।"
चाची "नही ऐसी कोई बात नही है ।माँ ने एक वैध के बारे में बताया था बस उंसके पास राहुल को दिखाने के लिए ले जाना चाहती हूँ। मा बताती है कि वंहा पर जड़ी बूटियों से इलाज होता है । तो माँ ने कहा था कि एक बार तू भी राहुल को ले जाकर दिखा ले।"
चाचा "जब सहर के बड़े बड़े डॉक्टर कुछ नही कर पाए तो इसकी क्या गैरन्टी है कि वंहा पर ठीक हो जाएगा।"
चाची "माँ बताती है कि वंहा पर ऐसे ऐसे लोग जाकर ठीक हो गए जिनको डॉक्टर ने बचने की उम्मीद छोड़ दी थी ।"
चाचा "अगर ऐसी बात है मैं तो यही कहूंगा कि सिर्फ राहुल को ही नही बल्कि उसके साथ कोमल को भी दिखा दो।वैसे भी जब तक सुबह उठ कर राहुल कोमल का चेहरा नही देखता तब तक किसी की तरफ नही देखता और कोमल भी उंसके बिना एक पल भी नही रह पाती है ।'"
चाची "आपकी बात तो बिल्कुल ठीक बोल रहे है ।क्या पता वहां के इलाज से कोमल को भी फायदा हो जाये ।ठीक है तब कल मैं और दीदी उन दोनों को लेकर चली जाती हूं।"
चाचा "दोनों की जाने की क्या जरूरत है ।तुम लेकर चली जाओ ।"
चाची "मैं लेकर तो चली जाउंगी लेकिन आप जिस उम्मीद में बोल रहे है ।वह पूरा नही होगा क्यूंकि दीदी इस समय छूटी पर है ।
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