Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:01 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
उस दिन होटल अशोका में हरीश मेहता और राधेश्याम जी से जो डील फाईनल करके मैं आई थी वह पच्चीस लाख का था। वह डील उनके ट्रांसपोर्ट बिजनेस को बढ़ाने के संबंध में था। हमने उसकी पूरी रूपरेखा, आर्थिक सहायता के लिए ऋण उपलब्ध कराने एवं कार्य में किसी प्रकार की कानूनी अड़चनों से महफूज रखने संबंधी सारा प्रवधान शामिल किया था। उस डील से उन्हें जो लाभ होना था वह अलग बात थी, इधर जो तत्कालिक ‘लाभ’ मेहता जी और राधेश्याम जी हासिल किया, उससे ही वे बेहद खुश थे। मैं भी अपनी सफलता पर बेहद खुश थी। डील हासिल करने की खुशी के साथ साथ अपनी वासना की भूख मिटाने का नया मार्ग पाने की खुशी और इस तरीक़े से अपने कार्य के नये मनोरंजक ढंग से सफलतापूर्वक अंजाम देने की अपनी क्षमता पर गर्व भी था। इससे मेरे आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई।

दूसरे दिन जब मैं ऑफिस गई तो मेरी सफलता पर बॉस बेहद खुश हुए कि मैं ने कुशलता पूर्वक क्लाईंट्स को हमारे प्लान पर सहमत किया और यह अनुबंध हासिल किया। “Congratulations baby. You deserve a treat for this success. (बधाई हो बेबी। इस सफलता के लिए तुम्हें एक पार्टी बनती है)” उन्होंने मुझे बधाई दी और अपनी ओर से होटल सनशाइन में डिनर पार्टी का आयोजन किया, जिसमें ऑफिस का मेरा एक सहयोगी कमलेश और एक मैनेजर शेखर सिन्हा जी शामिल थे। उन्हें क्या पता था कि इस सफलता के लिए मैं ने क्या कीमत अदा की। खैर यह और बात है कि जो भी कीमत मैं ने अदा की उसका मुझे तनिक भी मलाल नहीं था बल्कि इसके उलट मैं ने खुद भी इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सुखद अनुभव और आनंद प्राप्त किया। यह तो शुरुआत थी। इसके बाद फिर मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कई डील मैं ने इस तरह सम्पन्न करने में अपना योगदान दिया। मेरी मुलाकात अक्सर मेहता जी एवं राधेश्याम जैसे क्लाईंट्स से होती थी। मैं आज तक कई क्लाईंट्स के साथ हमबिस्तर हुई और डील फाईनल करने में सफल रही। मैं हमेशा इस बात का ख्याल रखती थी कि क्लाईंट्स को यह अहसास न हो कि मैं सस्ती किस्म की औरत हूं। प्रथम भेंट में मैं ने हमेशा यही जाहिर किया कि मैं एक शरीफ औरत हूं और सिर्फ क्लाईंट्स की खुशी के लिए मजबूरी में उनकी अंकशायिनी बनने को विवश हूं। अपने व्यवसायिक कार्य के सिलसिले में क्लाईंट्स की हवस पूर्ति हेतु अब अपने को समर्पित करने में मुझे अंदर से कोई झिझक नहीं होती थी। इसी तरह दिन प्रतिदिन सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गई। हां, किंतु प्राथमिकता मैं व्यसायिक लाभ को ही देती थी, क्लाईंट्स की कुत्सित कामक्षुधा शांत करते हुए अपनी देह की भूख मिटा लेना मेरे लिए अतिरिक्त लाभ था। मैं धीरे धीरे इस फन में माहिर होती जा रही थी। जो क्लाईंट्स रूप के रसिया थे, उनमें विभिन्न प्रकार के लोग थे। रूप रंग, शारीरिक बनावट और रुचि में भी भिन्न। कुछ तो विकृत सेक्स पसंद करने वाले भी थे। ऐसे लोगों से भी निपटना मैं सीख गई थी।

ऐसा ही एक वाकया मेरे साथ जब पहली बार हुआ तो मैं तनिक घबरा गई थी। उस मेहता जी वाले एपिसोड के बाद कुछ ऐसे ही क्लाईंट्स से मेरा सामना हुआ जिन्हें सामान्य रतिक्रिया पसंद था। लेकिन उस मेहता वाले एपिसोड के करीब तीन महीने पश्चात एक डील होने वाला था जो एक करोड़ का था। उस दिन किसी आवश्यक कार्य से बॉस ऑफिस देर से आने वाले थे, अतः उस डील के संबंध में मुझे अकेले ही क्लाईंट के साथ मीटिंग करना था। वह क्लाईंट था टाटानगर का एक उद्योगपति। नाम था उसका रूपचंद, नाम के विपरीत कुरूप, सांवला किंतु पूरा चेहरा चेचक के दाग धब्बों से भरा हुआ, करीब पचास साल का मोटा तोंदू, ठिंगना सा करीब साढ़े चार फुट का। वह अपने एक सहयोगी के साथ आया हुआ था। उसका सहयोगी अपेक्षाकृत स्मार्ट, लंबा कद, करीब छः फुट का छरहरे शरीर वाला और देखने में शालीन था। उम्र लगभग तीस पैंतीस के बीच रही होगी। हमारे ऑफिस में जैसे ही रूपचंद जी की नजर मुझ पर पड़ी, वे मुझे अपलक देखते ही रह गए। उस घटिया इंसान की आंखों में किसी भूखे भेड़िये की कामलोलुप चमक और उनके काले काले मोटे होंठों पर वासनापूर्ण मुस्कुराहट देख कर मेरा मन एक बार तो वितृष्णा से भर उठा, लेकिन वे ठहरे एक उद्योगपति क्लाईंट, सो प्रत्यक्षतः मैं ने अपने चेहरे पर व्यसायिक मुस्कुराहट चिपका कर पूछा, “गुड मॉर्निंग सर, कहिए मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूं?”

मेरी आवाज सुनकर जैसे उनका ध्यान भंग हुआ और उसी तरह मुस्कुराते हुए घरघराती आवाज मेंं बोले, “गुडमॉर्निंग मैडम। मेरा नाम रूपचंद है।”

यह सुनते ही मैं समझ गयी कि ये ही वे क्लाईंट हैं जिनके साथ मुझे मीटिंग करनी है। तपाक से मैं उठ खड़ी हुई और विनम्रता से बोली, “ओह आईए, यहां आपका स्वागत है।”

वे बोले, “मैं अपने इंडस्ट्री के एक्सपैंशन के सिलसिले में आपकी सेवा लेना चाहता हूं। सुना है आप का ऑर्गानाईजेशन इस मामले में काफी एक्सपर्ट है।”

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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:01 PM

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