Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:42 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
हट रे, चढ़ा मत मुझे।” झेंप गयी थी पगली।

“सच कह रही हूं।” मैं बोली।

“हां, यह सच है।” अबतक रामलाल भी आ गया था। दमक रहा था वह भी। तभी हरिया भी आ गया, और संयोग तो देखो, करीम भी न जाने कहाँ से जिन्न की तरह प्रकट हो गया।

“वाह रेखा जी, आज तो बिजली गिरेगी।” करीम बोला।

“कामिनी, इसी लिए बुलाया था? सब मिल कर मेरी खिंचाई किए जा रहे हैं।” तनिक झुंझलाहट के साथ रेखा बोली।

“बस बस, हो गया। हरिया चाचा, जाकर चाय की व्यवस्था कीजिए, लेकिन पहले पानी तो पिलाईए।” मैं बात बदलते हुए बोली। अबतक पंकज की नजर सिर्फ मुझी पर गड़ी थी।

“पानी मैं लाता हूं।”कहते हुए करीम चला। हरिया चाय की व्यवस्था करने किचन में जा घुसा। रामलाल वहीं सोफे पर बैठ गया। उसकी प्रशंसात्मक व कामुक दृष्टि रेखा पर ही टिकी हुई थीं। मेरे मन मेंं अपने तरीके से पंकज को हासिल करने की योजना बन चुकी थी, सबकुछ बड़ा आसान था। कुछ सी पलों में करीम पानी लेकर आ गया। कुछ मिनट पश्चात गरमागरम पकौड़े ले कर हरिया हाजिर हुआ। हम पकौड़े खाते हुए इधर उधर की बातें करने लगे।

“हां तो पंकज, कॉलेज में क्या सब्जेक्ट है?” मैं पंकज से मुखातिब हुई। पंकज अकस्मात हुए इस सवाल से हड़बड़ा गया। वह मेरी कमनीय देह पर ही खोया हुआ था।

” क क क क्या?”

“सब्जेक्ट्स।” उसकी हालत पर मैं मुस्कुरा उठी।

“ओह, साईंस।”

“ओहो, साईंक्टिस्ट साहब, आगे क्या करना है?”

“इंजीनियरिंग।”

“बहुत बढ़िया। किस फील्ड में?”

“आई टी।”

“बहुत बढ़िया। अच्छी तरह पढ़ रहे हो ना?”

“हां, तैयारी तो पूरी है।”

“गुड ब्वॉय।” इसी बीच चाय भी आ गयी। हम सभी चाय की चुस्कियां लेने लगे।

“आंटी, आपका कैंपस और घर तो काफी बड़ा है।” चाय पीते पीते पंकज बोला।

“हां वो तो है। दिखा दूंगी, पहले चाय खतम कर लो।”

“ओह श्योर।” गटागट चाय पी गया वह। मैं मन ही मन मुसक उठी, पागल, बेकरार लड़का। मुझे इस उम्र के लड़कों से इसी तरह की बेसब्री के कारण तनिक घबराहट होती है। इतने कम उम्र का यह पहला लड़का था जिस पर मेरा दिल आया था। देखती हूं, आगे क्या होता है।

“चलें।” खड़ा हो गया वह।

“अरे चाय तो खतम कर लूं।” मैं जानबूझकर कर धीरे धीरे चाय पी रही थी। मुझे उसकी बेकली देख कर मजा आ रहा था। “चल रेखा तू भी।” मैंने यूं ही बोल दिया। मैं जानती थी कि रेखा का मन नहीं था उठने का। तीन तीन मनपसंद मरदों के बीच बैठी जो थी। तीनों के मुंह से लार टपक रहे थे। अवसर का फायदा उठाने की फिराक में थे सभी। मैं जानती थी, लेकिन पंकज को समझ नहीं आया। वैसे भी उसके दिमाग में तो मेरी खूबसूरती का परदा पड़ा हुआ था।

“नहीं तुम ही लोग घूम आओ। मैं यहीं ठीक हूं।”

“पूरा कैंपस और घर देखने में समय लगेगा।”

“लगने दे।”

“देर होगा।”

“होने दे।”

“बोर हो जाओगी यहां बैठे बैठे।”

“नहीं होऊंगी बोर, यहीं ठीक हूं मैं। बातें करूंगी, ये लोग हैं न।” साली इनसे करेगी बात, जो लगाए बैठे हैं घात। दिखा दी अपनी जात, खेलेंगे तीनों हाथो हाथ। तीन तीन औरतखोर बूढ़े और एक अकेली औरत जात। समझ रही थी सब, इनसे मस्ती के मूड में थी। जब तीनों मिलके नोचेंगे तब समझ आएगा। समझ क्या आएगा, शायद इसकी अभ्यस्त भी हो चुकी हो। खैर मुझे क्या, मैं तो खुद अनजान हिरणी बनी इस उभरते, नवसिखुए, भूखे शेर का शिकार बनने की कल्पना में डूबी हुई थी। पता नहीं क्या करेगा? कैसे करेगा? रोमांच था, तनिक भय भी था इसकी बेसब्री से, किशोरावस्था की अपरिपक्वता से, खिलंदड़ मानसिकता से। खैर जो होगा देखा जाएगा। मुझे भी अनजाने, जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में संसर्ग का लुत्फ उठाने में अलग ही आनंद की अनुभूति होती थी। जोखिम था, किंतु परिस्थिति की बागडोर मुझे अपने हाथों में रखना बखूबी आता था, अत: सारी शंकाओं, दुश्चिंताओं को झटक कर खुद को पंकज के आगोश में झोंकने को तत्पर हो गयी। यही सोचते हुए मैं उठ खड़ी हुई।

“चलो बेटे, मैं तुम्हें घुमा लाती हूं।”

“चलिए आंटी।” उछल कर खड़ा हो गया और मेरे पीछे पीछे चल पड़ा। हम उस बैठक हॉल से निकले और बरामदे से होते हुए बाहर लॉन की ओर बढ़े।

“यह बांई ओर कौन सा बिल्डिंग बन रहा है आंटी?” पंकज अब मुझ से सट कर चल रहा था। मैं सनसना उठी थी।

“यह हमारा वृद्धाश्रम बन रहा है। देखना है?”

“हां हां चलिए।” अबतक सारे कामगर जा चुके थे। भवन करीब करीब तैयार था। फिनिशिंग का काम चल रहा था। ग्राऊंड फ्लोर तैयार हो चुका था। प्रथम तल्ले का काम भी खत्म होने को था। ग्राऊंड फ्लोर में एक बड़ा सा हॉल, छ: बड़े बड़े कमरे, एक बड़ा सा बावर्चीखाना और तीन टॉयलेट व बाथरूम थे। एक कमरे में संयुक्त टॉयलेट बाथरूम था। हम अभी उस कमरे में घुसने ही वाले थे कि पंकज बोला, “बहुत अच्छा और बड़ा बंगला है ये तो।”

“हां।”

“क्यों?”

“बन गया बस। पता नहीं कितने लोगों का आना होगा यहां। हो सकता है और बढ़ाना पड़े इसे।”

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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:42 PM

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