Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
11-30-2020, 12:48 PM,
#47
RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
राज अपनी फीएट में सैनी की जिप्सी का पीछा कर रहा था। शहरी सीमा में वह जानबूझकर उससे खासा फासला बनाए रहा था। लेकिन हाईवे पर इस वक्त भी काफी ट्रैफिक था इसलिए अन्य वाहनों में मिलकर फीएट को अपेक्षाकृत जिप्सी के नजदीक ले आया।
वे डीलक्स मोटल से मुश्किल दो मील-दूर थे। राज के विचारानुसार सैनी वहीं जा रहा था।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सैनी ने अपनी जिप्सी वाहनों की कतार से अलग की और उस सड़क पर घुमा दी जो एक रेस्टोरेंट तक जाती थी।
पार्किंग स्पेस में खड़ी दो कारों में दो जोड़े रोमांस करने में व्यस्त थे। तीसरी कार एक लाल मारुति थी जिसके मडगार्ड पिचके हुए थे।
वहां से आगे गुजरते राज ने सैनी को मारुति की बगल में रुकते देखा।
रेस्टोरेंट के पास ही एक पैट्रोल पम्प था। पम्प बंद हो चुका था वहां कोई नहीं था। राज ने वही ले जाकर फीएट रोकी।
ड्राइविंग सीट पर बैठे राज को अपनी उस स्थिति में रेस्टोरेंट का प्रवेश मार्ग और इमारत की एक शीशे की दीवार दिखाई दे रही थी। दीवार के पीछे तीन कस्टमर एक वेटर से बातें कर रहे थे। दूर दूसरी दीवार के शीशे से सैनी की जिप्सी और मारुति भी धुंधली सी नजर आई।
दोनों कारों के बीच खड़ा सैनी मारुति में मौजूद किसी से बातें कर रहा था। मारुती में बैठे शख्स का चेहरा तो राज को नजर नहीं आया लेकिन मैले से किसी पेपर या अखबार में लिपटा बड़ा सा मोटा पैकेट सैनी की ओर बढ़ाया जाता दिखाई दिया। सैनी पैकेट लेकर जिप्सी में बैठ गया।
मारुति की हैडलाइट्स जलीं। वह बैक होकर प्रवेश मार्ग की ओर मुड़ गई।
राज को लंबे बालों, कठोर चेहरे और विंडचीटर की एक झलक दिखाई दी।
वह जौनी था।
राज का रोम-रोम गुस्से से कांप उठा। फीएट का इंजिन स्टार्ट करके वह भी उसके पीछे लग गया।
मारुति शहर से बाहर दक्षिण की ओर जा रही थी।
फीएट की स्पीड के साथ-साथ राज की उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी।
सैनी के डीलक्स मोटल के सामने से गुजरती फीएट की स्पीड साठ-पैंसठ के बीच थी।
मारुति सामने जा रही थी।
चंदेक मील जाने के बाद स्पीड कम हो गई फिर वो हाईवे से दायीं ओर मुड़ गई। उसकी हैडलाइट्स की रोशनी दोनों ओर तारों की बाड़ से घिरी एक साइड रोड पर पड़ रही थी।
अचानक हैडलाइट्स बुझ गई।
चौराहे से गुजरकर रफ्तार कम करते राज को मारुति रेंगती सी नजर आई।
राज ने जोर से ब्रेक लगाए। लाइटें ऑफ करके यू टर्न लिया। सुस्त रफ्तार से वापस चौराहे की ओर जाते राज को न तो मारुति दिखाई दी और न ही उसके इंजिन की आवाज सुनाई दी। उसने फीएट वापस घुमा दी।
करीब आधा मील तक वह बगैर लाइटों के ही कार ड्राइव करता रहा।
आसमान में तैरते बादलों में चांद तारे छुपकर रह गए थे। लेकिन अंधेरा ज्यादा नहीं था। दोनों तरफ तारों की ऊंची बाड़ से घिरी सड़क एकदम सीधी थी। इसलिए ड्राइविंग में खास असुविधा राज को नहीं हो रही थी। उसके बायीं और खुला ढलुवां मैदान था। दायीं और सुनसान पड़ी एयरबेस के ऊंचे ऊंचे हैंगर्स का आभास मिल रहा था। उनके चारों ओर घास में छिपे रनवेज भी धुंधले से नजर आ रहे थे।
तारों की बाड़ में एक स्थान पर चौड़ा रास्ता बना था। राज ने उससे आगे ले जाकर साए में फीएट रोक दी। जेब से रिवाल्वर निकालकर चैक की। वो लोडेड ही थी।
वह कार से निकला। हवा में झाड़ियों की पत्तियों की सरसराहट के अलावा सर्वत्र शांति थी। फलस्वरूप घास में उसके कदमों की आहट साफ सुनाई दे रही थी।
बाड़ में तारों का करीब बीस फुट चौड़ा दोहरा गेट खुला पड़ा था। उसमें झूलते मोटे ताले को राज ने हाथ से टटोला। उसे चाबी से खोलने की बजाय तोड़ा गया था।
गेट से गुजरती सड़क एक रनवे से जा मिली थी। निकटतम हैंगर का विशाल दरवाजा भी खुला पड़ा था। उसकी बगल में मारुति खड़ी थी।
खुली सड़क पर वो करीब दो सौ गज दूर था।
राज उधर ही बढ़ा।
कहीं कोई हरकत नहीं थी। स्वयं को अरक्षित महसूस करते राज को हाथ में थमें रिवाल्वर से ही राहत का थोड़ा अहसास हुआ।
सहसा एक डीजल इंजिन के स्टार्ट होने का शोर वातावरण में उभरा साथ ही गुफा की भांति नजर आते हैंगर में हैडलाइट्स जल उठीं।
राज तेजी से दौड़ पड़ा। इंजिन गर्म होने से पहले ही वहां पहुंचना चाहता था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
हैंगर से सैमी ट्रेलर टाइप ट्रक बाहर निकला- ठीक वैसा ही जैसे राज ने बवेजा ट्रांसपोर्ट कम्पनी में खड़े देखे थे।
ट्रक की हैडलाइट्स उसकी ओर घूमी। ड्राइविंग सीट पर एक सफेद चेहरा चमका।
सीधे अपनी ओर आते ट्रक की विंडशील्ड के नीचले दायें सिरे का निशाना लेकर राज ने लगातार दो फायर झोंक दिए। कांच पर मकड़ी के जाले की तरह क्रेक तो बन गए लेकिन चूर-चूर वो नहीं हुआ।
बगैर स्पीड कम किए ट्रक सीधा उसकी ओर झपटता रहा।
राज को तीसरे फायर का मौका नहीं मिल सका। जान बचाने के लिए एक तरफ कूदा और उससे दूर दौड़ता चला गया। अचानक कोई चीज उसकी पैंट के पाउचे में अड़ी और उसे घुमा दिया। उसने हवा में हाथ मारते हुए संभलने की कोशिश की मगर संभल नहीं सका। नीचे गिरा और तेजी से लूढ़कता चला गया।
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