RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही की आँखों से दर्द के मारे आँसू बहने लगे थे, और चूत से खून निकलने लगा था। विशाल मैं ही अपने लण्ड को छोड़कर आरोही की चूचियां मसलने लगता है, और होठों को बुरी तरह चूसने लगता है। काफी देर में आरोही कुछ नार्मल सी दिखती है तो विशाल अपना मह हता लेता है।
आरोही- आईईई मर गई मैं... भैय्या प्लीज... बाहर निकाल लो।
विशाल- आरोही, जो दर्द होना था वो तो हो चुका।
आरोही- भैया बहुत दर्द हो रहा है।
विशाल- "बस आरोही अभी थोड़ी देर में ये दर्द यू गायब हो जायेगा की तुम्हें पता भी नहीं चलेगा.." और अब विशाल आरोही की चूचियों के निप्पलों को मुँह में लेकर चूसने लगता है।
आरोही- “आहह... आहह... आहह... आहह... उहह... सस्स्सी ..." करती है। आरोही को भी अब मजा सा आने लगा, जिससे चूत में चिकनाहट सी आ गई।
विशाल धीरे-धीरे अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरू कर देता है। आराही का विशाल का लण्ड को इस तरह करना अच्छे लगने लगा और आरोही की दर्द भरी आहे सिसकियों में बदल गई।
आरोही- "आईई... इसम्स्स... सम्स्सीईई... उम्म्म्म
... मेरे भाई आअहह.."
विशाल- कैसा लग रहा है आरोही?
आरोही- अच्छा लग रहा है भैया।
बस फिर क्या था विशाल अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा देता है। दे दनादन लण्ड चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। दोनों भाई बहन आनंद के सागर में डुबकी लगा रहे थे और उसका संगीत दोनों की रहा था। लण्ड जैसे ही चूत में बाहर निकलकर अंदर जाता आरोही की आअहह... भैया आइ. आइ. निकल जाता,
और थोड़ी ही देर में ही आरोही विशाल की कमर को भींचकर अपनी चूत पर दबाने लगी।
आरोही- "आअहह... भईया आइ: आइ: आअह्ह.." करती है और एक्दम से आरोही का सैलाब निकल गया।
विशाल का लण्ड भी आरोही के पानी को सह नहीं सका और आरोही पर लुढ़कता हुआ- "आरोही.ई
आइआइ: सम्स्सीईई." करता है और अपने लण्ड का लावा आरोही की चूत की गहराई में उतारता चला गया।
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