RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
नेहा नहाने चली गई और प्रवींद्र बैठकर सोचने लगा कि अगली मीटिंग बुजुर्गों के साथ कब और कैसे करेगा? रूपचंद की बेटी का दीवाना सा हो गया था प्रवींद्र, और उसकी माँ भी कमाल की थी। उसको चोदने के लिए उतावला सा हो गया था इसलिए नेहा को उन दोनों के हवाले फिर से करना चाहता था क्योंकी रूपचंद की बेटी को पाने के लिए यही शर्त रखी थे उन दोनों ने कि नेहा को दोबारा लाया जाए। प्रवींद्र सोच रहा था कि नेहा क्या सोचेगी या कहेगी जब उसको दोबारा वहाँ जाने के लिए वो कहेगा तो? खैर रात ठीक से गुजरी और वो बेहाल सोता रहा। उसे यह जानने की उत्सुकता नहीं थी कि इस रात को नेहा ससुर के साथ सोने जा रही है कि नहीं? तका हुआ था और सो गया बेहाल।
दूसरे दिन प्रवींद्र ने नेहा से बात करने की कोशिश की। शुरुवात किया यह पूछते हुए कि कल खूब एंजाय किया उन लोगों के साथ या नहीं?
नेहा थोड़ी सी शर्माते हुए हाँ में सर को हिलाया।
प्रवींद्र ने कहा- “भाभी, आपके साथ शर्माना सही नहीं बैठता। आपको शर्माना नहीं चाहिए बिल्कुल.."
नेहा ने पूछा- “क्यों भला... तुम चाहते हो कि मैं उन गरम, सेक्सी रंडियों की तरह व्वहार करूँ?"
प्रवींद्र ने जवाब दिया- “नहीं, यह बात नहीं है, मगर जिस तरह से तुम शर्मा रही हो कल वाली बात को कहने में तो ऐसा लगता है कि चाहती तो हो, मजा तो आया, शायद और भी वैसे मजा लेना चाहती हो मगर अपने अंदर छुपाना चाहती हो..”
नेहा ने हँसते हुए कहा- “आफकोर्स मुझे बेहद पसंद आई थी सब कुछ कल, मगर क्या मुझे चिल्लाकर कहना चाहिए वो सब भला। सुनना चाहते हो तो हाँ मैंने खूब एंजाय किया और बहुत पसंद किया सब कुछ कल, अब खुश..."
यह सुनकर प्रवींद्र बहुत खुश हुआ और नेहा के नजदीक जाकर कहा- “भाभी, मुझे आपकी यही अदा और उत्तेजित करती है, मैं जानना चाहता हूँ कि आप कैसा महसूस करती हैं उस बारे में, बताओ ना मुझे, मुझे सुनने में बहुत मजा आता है और उत्तेजित हो जाता हूँ, मेरी रगों में एक मस्ती दौड़ती है और जिश्म के हर कोने में एक कशमकश होती है आपकी फीलिंग्स को जानकर। जहाँ आप और सेक्स जुड़ते हैं तो आप दोनों एक हो जाते होभाभी, आप और सेक्स जुड़े हुए हैं। सेक्स आपके बिना अधूरा है और आप सेक्स के बिना। मेरे लिए सेक्स नाम आपसे शुरू होती है और खतम भी। मेरे लिए आप लोव गाडेस हो। आप मेरी जिंदगी की पहली औरत हो यह तो आपको पता है। मेरे लिए आपका क्या महत्वा है मैं आपको समझा नहीं सकता, पर शायद आप समझ गई होंगी। तो प्लीज आप मुझे अपने अंदर की फीलिंग्स बताइए ना... मुझे बहुत खुशी होगी भाभी.."
नेहा ने कहा- “अरे बाप रे... तुमने तो भाषण दे दिया मुझको लेकर उफ्फ..” असल में नेहा उसकी फीलिंग्स को समझती थी। और वो अच्छी तरह समझ रही थी कि वो क्या कहना चाहता था। तो नेहा ने आहे भरते हुए कहा "अच्छा, तुम मुझे बताओ कि तुमको कैसा महसूस हआ मुझको उन दो गैर मदों के साथ वो सब करते हए देखकर? तुमको कैसा लगा जब मैं उन दोनों के कपड़े उतार रही थी, और उनके लण्ड को हाथ में थामकर चाट और चूस रही, उस वक्त तुमको कैसा महसूस हो रहा था? मैं भी तुम्हारी फीलिंग्स को जानना चाहती हूँ, पहले तुम बताओ मुझे तब मैं अपने बारे में बोलूंगी."
प्रवींद्र ने बिल्कुल नहीं सोचा था कि नेहा उससे वैसा सवाल करेगी इसलिए उसको ताज्जुब हुआ। फिर भी उसने जवाब दिया- "भाभी, आपको तो पहले से ही पता था कि मैं आपको दो आदमियों के साथ देखना चाहता था, जैसे पापा और चाचा रात को आपके साथ होते हैं, तो मैंने कई बार आपसे कह दिया था कि वैसे ही मैं तीसरा आदमी होना चाहता था आपके साथ है ना? तो वो मेरे लिए एक सपना पूरा होने जैसा था। वो बहत ही उत्तेजक, थ्रिलिंग
और एलेक्ट्रिफाइयिंग मोमेंट था मेरे लिए। ऐसा लगता था कि मैं नशे की हालत में था उस वक़्त, अब भी सब कुछ एक सपना जैसा लग रहा है... एक हसीन, खुशी से भरे सपने जैसा."
फिर नेहा बोली- “तो मेरे प्यारे देवर जी, वैसा ही मेरे लिए भी था सब कुछ कल। मुझे भी बहुत ही उत्तेजना महसूस हो रही थी उन दो मर्दो के बीच होकर, और खासकर तुम्हारा भी वहाँ सबके सामने होना। मैं बार-बार तुमको देख रही थी, तुम्हारे चेहरे के एक्सप्रेशन्स को देख रही थी, मुझको तुम बहुत उत्तेजित कर रहे थे, मैं सोच रही थी कि मैं किसी और मर्द के साथ नंगी हूँ बिस्तर पर और तुम वहीं बैठकर सब देख रहे हो। यह मुझे बहुत ही गरम कर रही थी। सबसे ज्यादा मजा मुझको तब आता था जब तुम्हारे चेहरे में मुझको खुशी और प्यार नजर आता था, और हाँ... उस आदमी का लण्ड कितना बड़ा था उफ्फ... ज़िंदगी में मैंने पहली बार उतना बड़ा लण्ड देखा रे बाबा। वो सब कुछ जिश्म की संतुष्टि के लिए बहुत अच्छा था। मतलब कुल मिलकर मैं बहुत खुश थी और खूब एंजाय किया था। मेरे झड़ने लिए सब बहुत जबरदस्त था और खूब झढ़ि मैं। इसके लिए मैं बेहद खुश थी। आई लव्ड इट माइ डियर..."
नेहा की बातों को सुनकर प्रवींद्र बहुत खुश हुआ और फिर उसने असल बात कहना शुरू किया, कहा- "तो अब यह बताओ भाभी, वैसे ही एक और मुलाकात के लिए क्या कहती हो?"
नेहा ने उसको एक आँख से देखते हुए मुश्कुराकर कहा- “मुझे पूरा यकीन था कि तुम यही सवाल करोगे?"
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