ब्रा वाली दुकान
06-09-2017, 02:06 PM,
#64
RE: ब्रा वाली दुकान
लैला मैम कुछ नही बोली बस अपने बूब्स को और मुझे देखती रहीं। मैं खुश था कि आज लैला मैम मूड में हैं और आज तो मेरा लंड लैला मैम की चूत में जाकर उनकी प्यासी चूत को पानी पानी कर देगा। तभी मैंने अपनी उंगली और अंगूठे से लैला मैम के एक निप्पल पकड़ कर उसे मसल डाला जिससे लैला मैम की एक सुंदर सेक्सी सिसकी निकली और फिर मैंने अपनी ज़ुबान लैला मैम के निप्पल के ऊपर रख कर उसको थोड़ा छेड़ने के बाद उनके निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मेरी इस हरकत से लैला मैम की सिसकियों में वृद्धि हो गई थी, लेकिन फिर अचानक ही उन्होंने मुझे रोक दिया और अपनी बनियान नीचे करके बोलीं, बस ऊपर ऊपर से ही कर लो। इससे ज्यादा नहीं। मैंने मन में सोचा कि लैला मैम अब सेक्स के लिए तैयार तो हैं, इसलिए कुछ देर ऊपर करके उनकी चूत को छेड़ते हैं तो यह फिर से प्रसन्न हो जाएंगी। अब मैंने लैला मैम की बनियान के ऊपर से ही उनके निप्पल को मुंह में ले लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया। इसमें वह मजा तो नहीं था जो लैला मैम के नंगे निपल्स चूसने में था मगर फिर भी मुझे इतनी तसल्ली थी कि लैला मैम का सुंदर बदन इस समय मेरी बाहों में है। कुछ देर लैला मैम के मम्मों को बनियान के ऊपर से ही चूसता रहा, फिर लैला मैम ने मेरा चेहरा पकड़ कर अपने बूब्स से हटा दिया और फिर उन्होंने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर मेरे होंठ चूसने के बाद लैला मैम ने मुझे तालाब की दीवार लगा दिया और अब फिर से वो मेरे नपल्स को मुंह में लेकर चूसने लग गई थीं। जबकि मैं अपने दोनों हाथ लैला मैम के मम्मों पर रख कर उन्हें दबा रहा था। मेरा लंड लगातार पानी छोड़ रहा था जबकि मुझे यकीन था कि लैला मैम की चूत भी समय गीली होगी और उनका चिकना पानी लैला मैम की पैन्टी को भी गीला कर चुका होगा। फिर मेरे नपल्स को चुसते चुसते मैम एकदम मेरे पीछे हट कर खड़ी हो गईं और गहरी गहरी साँस लेने लग गईं। कुछ देर लैला मैम को देखता रहा फिर मुझे एक झटका लगा जब लैला मैम ने तालाब की दीवार पर हाथ रखकर एक कूद लगाई और दीवार पर चढ़कर तुरंत ही दूसरी ओर उतर गईं।

मैंने चौंक कर लैला मैम को देखा और कहा यह क्या ??? लैला मैम बोलीं बस अब घर चलते हैं बहुत देर हो गई हमें यहाँ ... मैंने कहा लेकिन मैम ..... लैला मैम बोलीं बस यार, मुझे भूख भी लग रही है, तुम्हें भी लग रही होगी अब घर चलें घर जाकर नाश्ता करते हैं। मैं भी गड्ढे से बाहर निकल आया और कहा लेकिन मैम अभी तो नहाने का मजा आने लगा था। मेरी ओर देखकर लैला मैम मुस्कुराई और बोली, ज़्यादा मज़ा भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता। बस जितना मज़ा ले लिया है वह काफी है। चलो अब जल्दी चलें। ये कह कर लैला मैम ने ट्यूबवेल के पाइप से अपना ब्रा उतारा और साथ पड़ी कुर्सी से अपनी कमीज और सलवार उठा कर अंदर हवेली में चली गईं जबकि मैं बाहर अपना सा मुंह लेकर खड़ा रहा। मुझे एक बार फिर से लैला मैम पर गुस्सा आ रहा था कि अगर सेक्स करना नहीं था तो मूड क्यों बनाती हैं सेक्स का। अच्छा खासा मूड बनाकर आज फिर बीच में ही काम अधूरा छोड़ दिया था। 

कुछ देर अपनी किस्मत को कोसने के बाद मैंने भी अपना कच्छा और शर्ट उठाई और ट्यूबवेल बंद करके अंदर हवेली में चला गया जहां लैला मैम अपना शरीर सुखाने के बाद सलवार और ब्रा पहन चुकी थीं। उनकी नजर मुझ पर पड़ी तो वह एक बार मुस्कुराई और फिर अपनी कमीज पहनने लगीं। कमीज पहनने के बाद बोलीं, तुम्हारा चेहरा देखकर तो लगता है जैसे तुम अभी रो पड़ोगे 

मैंने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा यार यह अच्छी बात नहीं है, जब मज़ा आता है तो पीछे हो जाती हो मैंने पहली बार लैला मैम को मैम की बजाय यार कह कर बुलाया था। मैम मुस्कुराई और फिर बोलीं बस पता नहीं मुझे क्या हो जाता है, लेकिन तुम भी जानते हो कि हम जो कर रहे थे वह गलत था मैं एक शादीशुदा औरत हूँ और तुम्हारी भी सगाई हो चुकी है। अगर हमारी इस हरकत के बारे में मेरे पति या तुम्हारी मंगेतर को मालूम हो गया तो हम दोनों के लिए समस्या हो जाएगी . इसलिए भलाई इसी में है कि जितना मज़ा ले लिया है इतना काफी है। अब घर चलते हैं। इस दौरान लैला मैम ने दो बार अपनी नज़रें मेरे अंडर वेअर पर डाली थी जहां लंड अब तक लैला मैम की चूत के इंतजार में खड़ा था। लैला मैम अपने कपड़े पहन चुकी थीं और उन्होंने मेरी बनियान एक कुर्सी पर फैलाई हुई थी जबकि साथ ही उनकी पैन्टी भी पड़ी थी जिसका मतलब था कि अब उन्होंने पैन्टी नहीं पहनी हुई। मैंने भी गुस्से में लैला मैम के सामने ही अपना अंडर वेअर उतार दिया। अंडर वेअर उतारा तो मेरा लंड फनकारता हुआ लैला मैम के सामने खड़ा हो गया और लैला मैम फटी फटी आँखों से मेरे लंड को देखने लगीं, मगर मैंने उनकी नज़रों की परवाह किए बिना अपने हाथ में पकड़ी हुई हाफ़पैंट पहन ली और उसके बाद अपनी टी शर्ट भी पहन ली। और फिर अपना अंडर वेअर और बनियान उठाकर साथ लाए एक शापर में डाल दीं लैला मैम ने अपनी पैन्टी उठाई और बोलीं ये भी उसी में डाल दो, मगर उनकी नजरें अभी तक मेरे तने हुए लंड पर थीं जिसका तनाव हाफ़पेंट में भी स्पष्ट नजर आ रहा था।


लीला मैम की हालत समझ सकता था, वह एक शरीफ और अपने पति की वफादार पत्नी थीं, मगर काफी समय से लंड न मिलने के कारण उनकी चूत लंड की प्यासी थी जो उन्हें मजबूर करती थी मेरे साथ सेक्स करने को मगर फिर सेक्स करते करते उनकी शर्म और पति का प्यार जाग उठता है और वह बीच में ही काम अधूरा छोड़ देती थीं। और अब जिस तरह लैला मैम बार बार मेरे लंड को देख रही थीं उसका मतलब था कि उन्हें मेरे लंड की लंबाई पसंद आई है और वह इससे चुदना चाहती हैं, लेकिन वो मजबूर थीं कि वह एक शरीफ गृहिणी थीं। बहरहाल फौरन हम हवेली का गेट बंद करके बाइक पर फिर लैला मेम के घर की ओर जा रहे थे। रास्ते में हमारे बीच कोई खास बात नहीं हुई, शहर में प्रवेश होकर केंट से हमने नाश्ता खरीदा और लैला मेम के घर जाकर मैम ने मुझे एक कमरे में बिठा दिया और खुद खाना लेकर किचन में चली गईं। कुछ देर बाद लैला मैम हाथ में बर्तन लिए आईं और मेरे सामने भोजन रखा। तभी कमरे में एक जवान लड़की आई ये नर्स थी जो लैला मैम की अनुपस्थिति में उनके पति का ध्यान रखती थी। लैला मैम ने उससे पूछा कि उन्हें नाश्ता करवा दिया था तो नर्स ने कहा जी लैला जी अभी कुछ देर पहले ही उन्होंने नाश्ता किया है। यह सुनकर लैला मैम ने उसे कहा ठीक है अब तुम जाओ शाम को आ जाना। यह सुनकर वह नर्स चली गई जबकि लैला मैम मेरे साथ बैठकर नाश्ता करने लगीं। 


नाश्ता करते करते मैंने कहा मैम आप एक बात पूछूँ ??? उन्होंने कहा हां पूछो, मैंने कहा मैम इतना तो मुझे पता है कि आपको सेक्स की ज़रूरत है, लेकिन आप अपने पति के प्यार में किसी से भी सेक्स करने के लिए तैयार नहीं। मैं समझता हूँ कि आप किस मुश्किल से अपने ऊपर नियंत्रण रखती होगी, मगर ये बताएँ कि आपके जो पति हैं, वो वास्तव में उठ नहीं सकते, मगर दिल तो उनका भी करता होगा सैक्स को। वे कैसे गुजारा करते हैं। लैला मैम मेरी बात सुनकर थोड़ा उदास हो गई और काफी देर चुप रही, फिर बोलीं उनकी जरूरत मैं पूरी कर देती हूँ। 

मैंने कहा क्या मतलब ??? आप तो कह रही थी कि वह इस योग्य नहीं कि सेक्स कर सकें। फिर कैसे आप उनकी जरूरत पूरी करती हैं ??? 

मेरी बात सुनकर लैला मैम ने कहा मैं उनकी जरूरत पूरी करती हूँ मगर वह मेरी जरूरत पूरी नहीं कर सकते। उनका खड़ा तो होता है, मैं उनको झडवा देती हूँ, लेकिन मैं खुद उससे अपनी जरूरत पूरी नहीं कर सकती। 

मैंने कहा मतलब आप हाथ से .... या मुँह में लेकर ...... ????? 

लैला मैम ने एक नजर मेरी ओर देखा और बोली हाथ से भी और मुंह से भी। लेकिन एक बार मैं उनके ऊपर बैठी तो उनको बहुत तकलीफ हुई थी क्योंकि मेरा वजन अब वह सहन नही कर सकते हैं। 
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RE: ब्रा वाली दुकान - by sexstories - 06-09-2017, 02:06 PM

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