RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
उधर सुनील ने बड़ी मेहनत कर एक ही महीने में पिछला सारा बॅक लॉग पूरा कर लिया अब वो सकुन से क्लास के साथ चल सकता था. इस कड़ी मेहनत ने उसे बहुत थका दिया था. सनडे का दिन था और सुनील 10 बज चुके थे तब भी सोया हुआ था.
सोनल उसके कमरे में घुसी उसे उठाने के लिए तो देखा वो सिर्फ़ एक शॉर्ट पहन कर सोया हुआ था. उसकी चौड़ी छाती पे घुँगराले बाल सोनल को अपनी तरफ खींचने लगे.
सोनल सुनील के पास जा के बैठ गयी और प्यार से उसकी छाती पे हाथ फेरते हुए उसे उठाने लगी.
‘उठ जा भाई 10 बज चुके हैं’
सुनील कुन्मूनाता हुआ बोला.
‘सोने दे ना यार बहुत दिनो बाद चैन की नींद आ रही है’
सोनल प्यार भरी नज़रों से अपने भाई को देखने लगी – वो मंज़र उसकी आँखों के सामने फिर आ गया – कैसे सुनील तीन के साथ अकेला लड़ रहा था. उसे अपने भाई पे बहुत प्यार आया उसके माथे को चूम वो उठ गयी और उसे सोने दिया.
सोनल जब कमरे से बाहर निकली तो देखा उसके मोम डॅड रेडी थे कहीं जाने के लिए.
सोनल : आप लोग कहीं जा रहे हो.
सुमन : हां बेटी तेरे पापा के दोस्त ने बुलाया है किसी ज़रुरू काम से दोपहर तक आ जाएँगे. सुनील उठा के नही.
सोनल : नही मोम उसे सोने दो बहुत थका हुआ लग रहा था – इसलिए मैने ज़ोर नही दिया और उसे सोने दिया.
सुमन : ठीक है, जब उठे उसे नाश्ता करवा देना. लंच तक हम आजाएँगे.
ये कह सागर और सुमन चले गये.
सोनल वहीं हाल में बैठी टीवी चला के चॅनेल इधर से उधर करने लगी.
तभी उसके मोबाइल पे माधवी का फोन आ गया.
‘हाई माधवी – आज कैसे फोन किया’
‘यार मैं कल से नही आउन्गि – मेरा रेसिग्नेशन तुझे भिजवा दूँगी प्लीज़ सब्मिट कर देना’
‘रेसिग्नेशन !!!! क्या हुआ’
‘मेरी शादी फिक्स हो गयी है – कल ही हम सब लोग मुंबई के लिए निकल रहे हैं’
‘ओह – दट’स गुड- कोंग्रथस. कब वापस आएगी’
‘वापसी का कोई चान्स नही लड़का वहीं का है तो वहीं रहना पड़ेगा.’
‘करता क्या है मेरा जीजा’
‘सर्जन है’
‘ह्म्म गुड – अच्छा मेरी मासी वहीं मुंबई रहती है तुझे उनका डीटेल भेज दूँगी एसएमएस पे – कोई भी ज़रूरत पड़े बेझिझक उनसे बात कर लेना.’
‘थॅंक्स यार – तो सुना तेरी कब शादी हो रही है – कोई लड़का फिक्स किया हुआ है या नही’
‘ना यार मैं तो लड़कों से दूर ही रहती हूँ – पहले एमडी फिर सोचेंगे’
‘कोई तो होगा जिसे तू चाहती है – बता ना’
‘नही यार कोई नही है’
‘हो ही नही सकता इस उम्र में कोई भी लड़का तेरे दिमाग़ में ना हो जिसने तेरे दिल पे क़ब्ज़ा ना कर रखा हो – ये बात अलग है तेरी उससे इस बारे में कोई बात ना हुई हो’
‘अरे सच कह रही हूँ ऐसा कोई नही है’
‘मैं नही मानती – रात को कॉन तेरे सपनो में आता है – किसके बारे में तू हर दम सोचती है. आज जब सोना तो ध्यान रखना किसके बारे में सोचती है तू – सब क्लियर हो जाएगा’
‘चल हट ऐसा कुछ नही है – ये बता डेट क्या फिक्स हुई है’
’20 दिन बाद की तुझे कार्ड भेज दूँगी – आना ज़रूर’
‘हां ज़रूर इस बहाने मासी से भी मिल लूँगी’
‘चल रखती हूँ – मेरी बात पे गौर ज़रूर करना’
‘ओके चल बाइ’
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