चुदाई के दिन चुदाई की रातें
06-14-2017, 12:59 PM,
#8
RE: चुदाई के दिन चुदाई की रातें
मैं मज़े से करण के लंड को चूसने लगी, उसस्के अंडकोष से खेलने लगी. कभी कभी मैं उसस्की गांद को छेड़ देती, उंगली उसस्की गांद में धकेल देती तो वो बेकाबू हो जाता. करण भी पूरा हरामी था. वो मेरे क्लाइटॉरिस को चूस लेता, मेरे चुटटर पर थपकी मारता और यहाँ तक के मेरी गांद के छेद को भी चाट लेता. मेरी चूत लगातार पानी छ्चोड़ रही थी. तभी करण ने मेरी चूत को छ्चोड़ दिया और मुझे बोला,” रानी, फ्रिड्ज में वोड्का की बॉटल पड़ी है, एक एक ग्लास भर लो, मैं भी पीता हूँ तुम भी पी लो. इस से लंड जल्दी नहीं छ्छूतता और मज़े का दौर लंबा हो जाता है और शरम भी ख़तम हो जाती है” मैने बात मान ली और नंगी ही बॉटल उठा लाई. वोड्का पीते ही मेरे बदन में ऐसी आग लगी कि मैं अपने आप करण के लंड को चूमने लगी और करण मेरा जोश देख कर मुस्कुरा उठा. 

” सुधा, इस्सको पी कर तो तू बिल्कुल रंडी बन गयी हो और मुझे रंडी औरत बहुत पसंद है.तुझे पता है कि मैं रंडी के साथ कैसा सलूक करता हूँ? मैं उस्स्को बेरेहमी से चोद्ता हून.” उसने मेरे बाल खींचते हुए कहा. मुझे भी लगा कि शराब पी कर मुझे एक नया रोल अदा करना है. मैने उसके अंडकोष कस के पकड़ लिए और उनको खींच लिया,” हां बेह्न्चोद, तेरी दीदी एक रंडी ही तो है जो तुझसे से चुदवा रही है….चोद मुझे हरामज़ादे करण…अपनी बेहन को नंगा तो कर चुके अब चोद भी लो, देख क्या रहे हो…..छ्होटी बेहन को चोद चुके हो अब बड़ी को भी भोग लो साले बेह्न्चोद” मुझे ना जाने क्या हुआ कि मैं इस तरह गालियाँ बकने लगी. करण पर भी नशा चढ़ चुका था. उससने मेरे गालों पर एक थप्पड़ मारा और बोला,” साली चोदुन्गा तुझे भी तेरी बेहन की तरह ही. तुम अब झुक जा और मेरे सामने घोड़ी बन जा. चोदते वक्त मैं तेरी गांद देखना चाहता हूँ. देखना कैसे मेरा लंड तेरी चूत को भोसड़ा बनाता है. दीदी, तुमको पीछे से चुदवाना अच्छा लगता है?” 

“बहनचोद, साले तेरी बेहन पहली बार चुदवा रही है और वो भी तुझ से. मुझे अच्छा ही लगे गा चाहे आगे से पेल या पीच्छे से. अपनी बेहन को चाहे घोड़ी बना या कुत्ति, मेरे भाई, पर जल्दी से चोद डाल. मिटा डाल अपनी बेहन की चूत की आग” मैं बोल उठी और करण ने जान लिया के मैं अब लंड की भूखी हूँ. मुझे घोड़ी बना कर वो मेरे पीच्छे चला गया और मेरी गांद को चाटने लगा,” भाई, अब ये क्या करने लगे हो? बहनचोद मेरी चूत में लंड पेल ये कुत्ते की तरह मेरी गांद बाद में चाट लेना. इस लंड को पेलो मेरे भाई अपनी बेहन की चूत में…प्लीज़” करण उठा और अपने लंड के सूपदे को मेरे चूतड़ की दरार से होते हुए मेरी चूत के मुहाने पर टीका दिया. उस बेह्न्चोद का लंड आग के शोले की तरह जल रहा था. फिर उसने कस कर मेरी कमर को जकड़ा और अपना लंड थेल दिया मेरी बुर के अंदर.” उईईईईए….मेरी माआआअ……आआआअ…आगगज्गग” मैं दर्द से बिलख उठी. मुझे क्या पता था कि लंड के घुसने से इतना दर्द होगा. खैर शराब के नशे के कारण पीड़ा जल्द ही ख़तम हो गयी और उतेज्ना की वजह से मुझे मज़ा आने लगा. 

करण एक चुड़क्कड़ खिलाड़ी था. उससने धीरे धीरे चुदाई की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही स्पीड पकड़ ली. मेरी चोटी को उसने एस्से पकड़ रखा था जैसे क़िस्सी घोड़ी की लगाम हो और और मुझे तेज़ी से हांकने लगा.” वाह मेरी घोड़ी, बहुत मस्त चूत है तेरी, चुदवा मज़े से मेरी बहना. तेरे भाई का लंड आज तेरे पेट के अंदर की तलाशी ले रहा है. कैसे महसूस हो रहा है मेरी रंडी बहन को चुदवाते हुए, सुधा? मैने ही तेरी बेहन नामिता की सील भी तोड़ी थी और आज तेरी भी तोड़ रहा हूँ रानी,” उतेना के कारण मुझे दर्द तो कम हो रहा था लेकिन मेरी जांघों से कुच्छ गीला सा बह रहा था जो कि मुझे बाद में पता चला कि मेरी सील टूटने पर मेरा खून बह निकला था. करण का लंड जैसे कि मेरी चूत में जा कर फैल गया हो किओं की अब वो मेरी चूत को पूरी तरह से भर रहा था. उसके हाथ मेरे चूतड़ पर ज़ोर ज़ोर से चपत मारने लगे और मैं उतेज्ना से पागल हो रही थी. 

“चोद मुझे मेरे भाई, ज़ोर ज़ोर से चोद अपनी रंडी को….तेरा लंड मेरी बच्चेदानी को टक्कर मार रहा है….करण चोद मुझे मदेर्चोद…..यू मुझे अपनी बेहन बोल या रखैल पर अपना लंड पेलते रहो मेरी चूत में……मेरी चूत आज तृप्त हो रही है….कितने बरसों से प्यासी है लंड की…..शाबाश मेरे भाई….चोद अपनी बेहन को…..मैं अब झड़ने को हूँ…करण तेज़ी से चोद मुझे मेरी चूत का पानी निकल रहा है….और तेज़…..और तेज़…चोदो भाई…मैं झडियी…चोदो भाई….मैं……”मेरी चूत से रस बहता रहा और करण अपने लंड से मेरी चूत पर प्रहार करता रहा. फ़चा फ़च चुदाई की आवाज़ आ रही थी और अचानक ही करण का जिस्म भी अकड़ गया.उसस्की साँस तेज़ हो गयी और उसस्के लंड ने गरम रस मेरी चूत में छ्चोड़ दिया. उसस्का लंड रस मेरी चूत से बाहर गिरने लगा और मेरी जांघों से हो कर बिस्तर पर ढेर लग गया. चुदाई से थक कर मैं 2 घंटे सोती रही, नंगी ही अपने करण की बाहों में. तो दोस्तो कैसी लगी ये मस्त कहानी बता ना मत भूलना आपका दोस्त राज शर्मा 

समाप्त 
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RE: चुदाई के दिन चुदाई की रातें - by sexstories - 06-14-2017, 12:59 PM

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