RE: Chudai Kahani मैं और मौसा मौसी
मैं और मौसा मौसी--5
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राधा मेरे सामने खड़ी हो गयी और टांगें पसार कर कमर आगे कर दी. "लो भैयाजी, मैं तो कब से तैयार बैठी हूं. सबकी पसंद का माल है मेरा, आप मालकिन और भैयाजी से पूछ लो."
मौसी भी मेरा लंड पकड़कर अपनी जांघ पर रगड़ते हुए बोलीं. "चल जल्दी कर अनिल, राधा तो खास मेरी प्यारी है, बड़ी चटपटी लड़की है."
मैंने मुंह डाल दिया. मौसी मुझपर चढ़ बैठीं और मेरी गोद में बैठकर लंड घुसेड़ लिया. फ़िर ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगीं. हम फ़िर से दूसरे कमरे में देखने लगे.
वहां अब रज्जू लीना की बुर चूस रहा था. रघू मम्मों को दबाते हुए लीना की एक चूंची आधी मुंह में भरके चूस रहा था. मौसाजी लीना की गांड सहला रहे थे. बोले "चलो रे जल्दी जल्दी चूसो बहू का शहद, मन भर के पी लो, फ़िर चुदाई शुरू हो जायेगी तो असली स्वाद नहीं आयेगा."
रज्जू मुंह उठा कर बोला "आप नहीं चूसेंगे भैयाजी, बड़ा खालिस माल है"
"कल रात काफ़ी चूसा है मैंने, और बाद में भी चूसूंगा, अब तो यहीं है गांव के घर में, बच के कहां जायेगी, चीखेगी चिल्लायेगी तो कौन सुनने वाला है यहां मीलों तक!" और लीना की गांड में उंगली डाल दी.
लीना बिथर गयी और फ़िर हाथ पैर झटकने लगी "अरे मैंने कहा था ना गांड को हाथ मत लगाना. चलो, छोड़ो सालो, नामुरादो, अकेली लड़की पर जबरदस्ती करते हो"
"तू तो लड़की कहां है बहू, अच्छी खासी छिनाल चुदैल है अनिल की मौसी जैसी, अब देखना तुझे इतना चोदेंगे कि तेरी ये गरमागरम चूत पूरी ठंडी हो जायेगी."
लीना फ़िर चिल्लाने लगी. मौसाजी बोले "रज्जू, तेरा हो गया तो इसकी मुंह बंद कर दे अपने लंड से, साली बहुत पटर पटर कर रही है. और तू रघू, चल चढ़ जा और चोद डाल फ़टाफ़ट"
रज्जू उठ कर खड़ा हो गया और लीना के गालों पर लंड रगड़ता हुआ बोलो "अब मुंह खोलो बहू रानी, देखो क्या मस्त गन्ना है"
"मैं नहीं खोलूंगी, जो करना है कर ले हरामजादे" लीना बोली और मुंह बंद कर लिया. फ़िर उठने की कोशिश करने लगी. नाटक अच्छा कर रही थी, असल में अब वो बहुत गरम हो गयी थी. बुर से इतना पानी टपक रहा था कि जांघें भी गीली हो गयी थीं.
मौसाजी बोले "मत खोलो, हमें तो आता है मुंह खुलवाना" और लीना के गालों को पिचका दिया. उसका मुंह खुल गया. रज्जू ने तुरंत सुपाड़ा अंदर ठूंस दिया और लीना के सिर को पकड़कर आधा लंड पेल दिया. "आह, क्या मस्त मुंह है बहू रानी का, बड़ा मुलायम है भैयाजी." लीना अब गों गों कर रही थी.
"पूरा पेल ना, आधे में क्यों रुक गया" लीना के मम्मे दबाकर मौसाजी बोले.
"दम घुट न जाये, गले के नीचे चला चायेगा" रज्जू ने सफ़ाई दी.
"अरे तू नहीं जानता इसकी चुदासी को, आराम से गटक लेगी, तू पेल" मौसाजी ने हूल दी. रज्जू ने लीना का सिर पकड़कर कस के अपने पेट पर दबाया और पूरा लौड़ा हलक के नीचे उतार दिया. फ़िर खड़े खड़े लीना का मुंह चोदने लगा.
"शाबास, रघू चल अब तू चोद डाल" मौसाजी बोले.
"भैयाजी, पैर हिलाती है बहू रानी, डालने नहीं देती" रघू ने कहा.
"ठहर मैं देखता हूं" कहकर मौसाजी ने रज्जू से कहा "जरा हाथ पकड़के रख इसके" रज्जू ने लीना के हाथ पकड़ लिये. मौसाजी ने कस के लीना की टांगें पकड़कर फ़ैलायीं और बोले "पेल दे जल्दी"
रघू ने फ़च्च से लंड पूरा जड़ तक गाड़ दिया. फ़िर चोदने लगा "आह ... मस्त गरमागरम गीली चूत है भैयाजी, मजा आ गया"
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