Antarvasnasex Aunty ke Sath Mastiya
06-25-2017, 12:21 PM,
#6
RE: Antarvasnasex आंटी के साथ मस्तियाँ
मैंने सोचा क्यों ना आज फिर आंटी को अपने लंड के दर्शन कराए जाएँ, पिछले दर्शन तीन महीने पहले हुए थे।

मैं छत पर कुर्सी डाल कर उसी प्रकार लुंगी घुटनों तक उठा कर बैठ गया।

जैसे ही आंटी के छत पर आने की आहट सुनाई दी, मैंने अपनी टाँगें फैला दीं और अख़बार चेहरे के सामने कर लिया।

अख़बार के छेद में से मैंने देखा की छत पर आते ही आंटी की नजर मेरे मोटे, लम्बे साँप के माफिक लटकते हुए लंड पर गई।

आंटी की सांस तो गले में ही अटक गई, उनको तो जैसे साँप सूंघ गया, एक मिनट तक तो वो अपनी जगह से हिल नहीं सकीं, फिर जल्दी कपड़े सूखने डाल कर नीचे चल दीं।

‘आंटी कहाँ जा रही हो, आओ थोड़ी देर बैठो।’ मैंने कुर्सी से उठते हुए कहा।

आंटी बोली- अच्छा आती हूँ… तुम बैठो मैं तो नीचे चटाई डाल कर बैठ जाऊँगी।

अब तो मैं समझ गया कि आंटी मेरे लंड के दर्शन जी भर के करना चाहती हैं, मैं फिर कुर्सी पर उसी मुद्रा में बैठ गया।

थोड़ी देर में आंटी छत पर आईं और ऐसी जगह चटाई बिछाई जहाँ से लुंगी के अन्दर से पूरा लंड साफ दिखाई दे।

उनके हाथ में एक उपन्यास था जिसे पढ़ने का बहाना करने लगीं लेकिन नज़रें मेरे लंड पर ही टिकी हुई थीं।

मेरा 8′ लम्बा और 4′ मोटा लंड और उसके पीछे अमरूद के आकार के अंडकोष लटकते देख उनका तो पसीना ही छूट गया।

अनायास ही उनका हाथ अपनी चूत पर गया और वो उसे अपनी सलवार के ऊपर से रगड़ने लगीं। जी भर के मैंने आंटी को अपने लंड के दर्शन कराए।

जब मैं कुर्सी से उठा तो आंटी ने जल्दी से उपन्यास अपने चेहरे के आगे कर लिया, जैसे वो उपन्यास पढ़ने में बड़ी मग्न हों।

मैंने कई दिन से आंटी की गुलाबी कच्छी नहीं देखी थी। आज भी वो नहीं सूख रही थी।

मैंने आंटी से पूछा- आंटी बहुत दिनों से आपने गुलाबी कच्छी नहीं पहनी?

‘तुझे क्या?’

‘मुझे वो बहुत अच्छी लगती है। उसे पहना करिए ना।’

‘मैं कौन सा तेरे सामने पहनती हूँ?’

‘बताईए ना आंटी कहाँ गई, कभी सूखती हुई भी नहीं नजर आती।’

‘तेरे अंकल ले गए हैं.. कहते थे कि वो उन्हें मेरी याद दिलाएगी।’ आंटी ने शरमाते हुए कहा।

‘आपकी याद दिलाएगी या आपके टांगों के बीच में जो चीज़ है उसकी?’

‘हट मक्कार.. तूने भी तो मेरी एक कच्छी मार रखी है, उसे पहनता है क्या? पहनना नहीं, कहीं फट ना जाए।’ आंटी मुझे चिढ़ाते हुए बोलीं।

‘फटेगी क्यों? मेरे कूल्हे आपके जितने भारी और चौड़े तो नहीं हैं।’

‘अरे बुद्धू, कूल्हे तो बड़े नहीं हैं लेकिन सामने से तो फट सकती है। तुझे तो वो सामने से फिट भी नहीं होगी।’

‘फिट क्यों नहीं होगी आंटी?’ मैंने अंजान बनते हुए कहा।

‘अरे बाबा, मर्दों की टांगों के बीच में जो ‘वो’ होता है ना, वो उस छोटी सी कच्छी में कैसे समा सकता है और वो तगड़ा भी तो होता है, कच्छी के महीन कपड़े को फाड़ सकता है।’

‘वो’.. क्या आंटी?’ मैंने शरारत भरे अंदाज में पूछा।

आंटी जान गईं कि मैं उनके मुँह से क्या कहलवाना चाहता हूँ।

‘मेरे मुँह से कहलवाने में मज़ा आता है?’

‘एक तरफ तो आप कहती हैं कि आप मुझे सब कुछ बताएँगी और फिर साफ-साफ बात भी नहीं करती। आप मुझसे और मैं आपसे शरमाता रहूँगा तो मुझे कभी कुछ नहीं पता लगेगा और मैं भी अंकल की तरह अनाड़ी रह जाऊँगा। बताइए ना..!’

‘तू और तेरे अंकल दोनों एक से हैं। मेरे मुँह से सब कुछ सुन कर तुझे ख़ुशी मिलेगी?’

‘हाँ.. आंटी बहुत ख़ुशी मिलेगी और फिर मैं कोई पराया हूँ।’

‘ऐसा मत बोल राज… तेरी ख़ुशी के लिए मैं वही करूँगी जो तू कहेगा।’

‘तो फिर साफ-साफ बताईए आपका क्या मतलब था।’

‘मेरे बुद्धू भतीजे जी, मेरा मतलब यह था कि मर्द का वो बहुत तगड़ा होता है औरत की नाज़ुक कच्छी उसे कैसे झेल पाएगी? और अगर वो खड़ा हो गया तब तो फट ही जाएगी ना।’

‘आंटी आपने ‘वो… वो’ क्या लगा रखी है, मुझे तो कुछ नहीं समझ आ रहा।’

‘अच्छा अगर तू बता दे उसे क्या कहते है तो मैं भी बोल दूँगी।’ आंटी ने लजाते हुए कहा।

‘आंटी मर्द के उसको लंड कहते हैं।’

‘हाँ… मेरा भी मतलब यही था।’

‘क्या मतलब था आपका?’

‘कि तेरा लंड मेरी कच्छी को फाड़ देगा। अब तो तू खुश है ना?’



‘हाँ आंटी बहुत खुश हूँ। अब ये भी बता दीजिए कि आपकी टांगों के बीच में जो है, उसे क्या कहते हैं।’

‘उसे..! मुझे तो नहीं पता.. ऐसी चीज़ें तो तुझे ही पता होती हैं, तू ही बता दे।’

‘आंटी उसे चूत कहते हैं।’

‘हाय.. तुझे तो शर्म भी नहीं आती… वही कहते होंगे।’

‘वही क्या आंटी?’

‘ओह हो.. बाबा, चूत और क्या।’ आंटी के मुँह से लंड और चूत जैसे शब्द सुन कर मेरा लंड फनफनाने लगा। अब तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई।

मैंने आंटी से कहा- आंटी, इसी चूत की तो दुनिया इतनी दीवानी है।

‘अच्छा जी तो भतीजे जी भी इसके दीवाने हैं।’

‘हाँ मेरी प्यारी आंटी किसी की भी चूत का नहीं सिर्फ़ आपकी चूत का दीवाना हूँ।’

‘तुझे तो बिल्कुल भी शर्म नहीं है। मैं तेरी आंटी हूँ।’ आंटी झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोलीं।

‘अगर मैं आपको एक बात बताऊँ तो आप बुरा तो नहीं मानेंगी?’

‘नहीं राज… भतीजे-आंटी के बीच तो कोई झिझक नहीं होनी चाहिए और अब तो तूने मेरे मुँह से सब कुछ कहलवा दिया है, लेकिन मेरी कच्छी तो वापस कर दे।’

‘सच कहूँ आंटी, रोज रात को उसे सूंघता हूँ तो आपकी चूत की महक मुझे मदहोश कर डालती है। जब मैं अपना लंड आपकी कच्छी से रगड़ता हूँ तो ऐसा लगता है जैसे लंड आपकी चूत से रगड़ रहा हो।’
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasnasex आंटी के साथ मस्तियाँ - by sexstories - 06-25-2017, 12:21 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,705,153 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 569,389 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,320,468 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,003,928 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,771,430 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,179,464 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,121,558 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,631,104 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,214,765 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 304,762 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)